बीजेपी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा और दिल्ली इकाई के मीडिया प्रभारी नवीन कुमार जिंदल को निलंबित कर दिया है।
बीजेपी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा और दिल्ली इकाई के मीडिया प्रभारी नवीन कुमार जिंदल को निलंबित कर दिया है। दरअसल पैगंबर मोहम्मद पर की गईं टिप्पणियों ने मुस्लिम देशों को भारत के खिलाफ बोलने पर विवश कर दिया है। बीजेपी ने अपने आदेश में लिखा कि वह 'सभी धर्मों का सम्मान करती है। इसके बाद भारत ने आधिकारिक रूप से मुस्लिम देशों को जवाब भेजा। नूपुर शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी वही नवीन जिंदल पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक विशेष धर्म के लिए गलत चीजें लिखी। विदेश मंत्रालय की तरफ कहा गया कि यह टिप्पणियां 'फ्रिंज एलिमेंट्स' की तरफ से हुईं और सरकार की राय प्रदर्शित नहीं करतीं। दरअसल अरब देशों में भारत के सामान का बहिष्कार करने जैसी बातें होनी लगी थी जिसके बाद सरकार को यह एक्शन लेना पड़ा।
इस पूरे मसले पर एबीपी न्यूज की सीनियर एंकर रूबिका लियाकत का एक ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने लिखा, हैरानी होती है उन पर जो अरब देशों में हिन्दुस्तान के सामानों पर बैन को अपनी जीत मान रहे हैं.. नुकसान दोनों का है किसी एक का नहीं। हुज़ूर की शान में ग़ुस्ताख़ी न-बर्दाश्त-ए-काबिल है लेकिन यही भावना हिंदुओं के भगवानों पर लागू क्यों नहीं.. इज़्ज़त देंगे तब पाएंगे भी। बात कड़वी लगेगी।
हैरानी होती है उनपर जो अरब देशों में हिंदुस्तान के सामानों पर बैन को अपनी जीत मान रहे हैं.. नुक़सान दोनों का है किसी एक का नहीं। हुज़ूर की शान में ग़ुस्ताख़ी न-बर्दाश्त-ए-काबिल है लेकिन यही भावना हिंदुओं के भगवानों पर लागू क्यों नहीं..इज़्ज़त देंगे तब पाएँगे भी।बात कड़वी लगेगी
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) June 7, 2022
आपको बता दे कि नूपुर शर्मा का भी यही कहना है कि लगातार मेरे आराध्य शिव का अपमान किया जा रहा था जो मैं चुप नहीं रह सकती थी।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।जी न्यूज के एडिटर-इन-चीफ और सीईओ सुधीर चौधरी वैसे तो अपने लोकप्रिय प्राइम टाइम शो ‘डीएनए’ को लेकर चर्चा में बने रहते है
जी न्यूज के एडिटर-इन-चीफ और सीईओ सुधीर चौधरी वैसे तो अपने लोकप्रिय प्राइम टाइम शो ‘डीएनए’ को लेकर चर्चा में बने रहते है, लेकिन आज वो किसी और कारण से चर्चा में थे। दरअसल, जब आप सुधीर चौधरी के बारे में गूगल करते हैं, तो आपको जानकारी मिलती है कि 7 जून को उनका जन्मदिन है, लेकिन ये गलत है और इसी गलतफहमी का शिकार होकर उनके चाहने वालों ने सुबह से ही उन्हें जन्मदिन की बधाई देना शुरू कर दिया।
दोपहर आते-2 तो बधाइयों का तांता लग गया, जिसके बाद सुधीर चौधरी ने खुद ट्वीट कर अपने चाहने वालो को सच्चाई बताई। उन्होंने लिखा, मेरे बारे में इंटरनेट और गूगल पर कई जानकारियां सही नहीं हैं। मेरे जन्म की तिथि और वर्ष भी गलत है। इससे सीख ये है कि इंटरनेट और गूगल पर लिखी हर बात सही नहीं होती। आप सब मुझे 18 जून को जन्मदिन की शुभकामनाएं भेज सकते हैं। उनके इस ट्वीट के बाद अब उनके चाहने वाले 18 जून का इंतजार कर रहे है।
मेरे बारे में internet और Google पर कई जानकारियाँ सही नहीं हैं।मेरे जन्म की तिथि और वर्ष भी ग़लत है।इससे सीख ये है कि internet और google पर लिखी हर बात सही नहीं होती।
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) June 7, 2022
आप सब मुझे 18 जून को जन्मदिन की शुभकामनाएँ भेज सकते हैं। ? https://t.co/vgK5hnkF0v
वैसे इस पूरे मामले से हम एक चीज सीख सकते हैं कि आज के समय में गूगल और इंटरनेट पर लिखी हर बात को आंख मूंद कर सच मान लेना ठीक नहीं है। हमें थोड़ा तथ्यों की जांच कर लेनी चाहिए।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।दूरदर्शन से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने कुछ इसी तरह का आईना अलजजीरा के एक पत्रकार को दिखाया है।
देश में कहीं भी कोई धमाका हो, मुस्लिम समुदाय में घबराहट फैल जाती है। उन्हें एक अलग नजर से देखा जाने लगता है। ऐसा इसलिए है कि हर धमाके के बाद ज्यादातर मीडिया में मुसलमानों का नाम आता है। लेकिन मुसलमानों का नाम आतंकवाद से जोड़ा जाना गलत है। आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता और उसे किसी धर्म से जोड़ना सही नहीं है। दूरदर्शन से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने कुछ इसी तरह का आईना अलजजीरा के एक पत्रकार को दिखाया है।
दरअसल हुआ यूं कि लंदन में अंग्रेजी न्यूज चैनल अलजजीरा के पत्रकार इराक्लिस टैक्सियारिच (Iraklis Taxiarchis) ने इस साल 24 फरवरी को एक ई-मेल के जरिए वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव से उनके इंटरव्यू के लिए संपर्क साधा। मेल के जरिए उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में चल रहे चुनाव की रिपोर्टिंग कर रहे हैं, साथ ही साथ गुजरात के उस विवादास्पद मुद्दे की भी रिपोर्टिंग कर रहे हैं, जिसमें गुजरात बीजेपी के एक ट्वीट में मुस्लिम लोगों को फांसी के फंदे पर लटके हुए फोटो साझा की गई है। इराक्लिस ने इन्हीं मुद्दों की रिपोर्टिंग के लिए उनके साथ 15 मिनट का एक इंटरव्यू करने की गुजारिश की थी।
लेकिन उनकी ये गुजारिश वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव को रास नहीं आयी और उन्होंने उन्हें मेल पर जवाब देते हुए लिखा कि मैंनें आपके मेल में नोटिस किया कि आपने लिखा है कि ‘मुस्लिम लोगों को फांसी के फंदे पर लटके हुए’, इसे लेकर मुझे कड़ी आपत्ति है। आप क्यों किसी धर्म को आतंकवाद से जोड़ रहे हैं। बीजेपी के सोशल मीडिया पोस्ट में दोषी आतंकवादियों को दिखाया गया है। वे आतंकवादी हैं और भारतीय अदालत ने उन्हें फांसी की सजा दी है। इसलिए उन्हें सिर्फ ‘आतंकवादी’ कहिए न कि ‘मुस्लिम मेन’।
This is Al Jazeera...
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) June 6, 2022
Look at their agenda...
They see terrorists as a "Muslim" not as a terrorist. pic.twitter.com/vNqVKokMjO
यह मामला इस साल 24 फरवरी का है, लेकिन इसे वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने ट्विटर पर अब यह कहते हुए शेयर किया है कि यह है अलजजीरा, देखिए इनका एजेंडा। ये आतंकवादियों को ‘मुसलमान’ के रूप में देखते हैं, न कि आतंकवादी के रूप में। हालांकि उनके इस जवाब की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है।
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केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों पर अब और ज्यादा शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों पर अब और ज्यादा शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। इस कवायद के तहत इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय 2021 के सूचना तकनीक नियमों में संशोधन करेगा। इसके बाद ड्राफ्ट अधिसूचना जारी कर संशोधन को मध्य जून तक लोगों की आपत्तियों के लिए जारी किया जाएगा। ड्राफ्ट अधिसूचना पर आम लोग अगले 30 दिन तक सुझाव दे सकेंगे।
वहीं, इसके साथ ही केंद्र सरकार सोशल मीडिया व इंटरनेट कंपनियों से जुड़ी शिकायतों के निपटारे के लिए अपीली पैनल बनाने जा रही है। बताया जा रहा है कि पैनल के पास सोशल मीडिया और अन्य इंटरनेट कंपनियों के फैसले बदलने की ताकत होगी।
ड्राफ्ट अधिसूचना में मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र सरकार एक से अधिक अपीली समितियों का भी गठन कर सकती है, जिनमें एक अध्यक्ष और कुछ सदस्य होंगे। सोशल मीडिया कंपनियों के शिकायत अधिकारी नियुक्त करने का नियम 26 मई, 2021 को लागू किया गया था।
दरअसल, देश में डिजिटल इको सिस्टम और इंटरनेट यूजर्स के बढ़ने के साथ उनकी समस्याएं और शिकायतें भी बढ़ रही हैं, लिहाजा किसी व्यक्ति की शिकायत पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के शिकायत अधिकारी के फैसलों के खिलाफ 30 दिन के अंदर अपीली समिति के सामने अपील की जा सकेगी। यह समिति 30 दिन में शिकायत निपटएगी। इसके फैसले इंटरमीडियरी या सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बाध्यकारी होंगे।
केंद्रीय आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि नया संशोधित कानून डिजिटल भारतीयों के हितों को सबसे पहले ध्यान में रखकर बनाया गया है। संशोधन से भारतीय नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जायंट उल्लंघन नहीं कर सकेंगे।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नए संशोधित नियमों के बारे में बताया कि न्यायालयों के अलावा शिकायत निवारण के लिए अतिरिक्त अवसर प्रदान करने के लिए प्रस्तावित संशोधित आईटी नियम बनाए गए हैं। यह SSMIs (significant social media intermediaries) के लिए नए जवाबदेही मानकों को सुनिश्चित करके किसी भी बिग-टेक प्लेटफॉर्म द्वारा भारतीय नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया गया है।
मंत्रालय के मुताबिक, इंटरनेट उपभोक्ताओं के लिए मुक्त, सुरक्षित और जिम्मेदार इंटरनेट सुनिश्चित करने के लिए 25 फरवरी, 2021 को आईटी नियम अधिसूचित किए थे। इनके तहत 50 लाख से अधिक उपभोक्ता वाली सोशल मीडिया कंपनी को भारत निवासी शिकायत अधिकारी, नोडल अधिकारी व मुख्य कंप्लायंस अधिकारी नियुक्त करना अनिवार्य है।
पिछले दिनों एलन मस्क ने लगभग 44 अरब डॉलर में ‘ट्विटर’ (Twitter) का अधिग्रहण करने की घोषणा की थी। हालांकि, उन्होंने इस डील को फिलहाल अस्थायी रूप से होल्ड पर रख दिया है।
खरबपति बिजनेसमैन और अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार कंपनी ‘टेस्ला’ (Tesla) के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) एलन मस्क (Elon Musk) ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘ट्विटर’ (Twitter) के अधिग्रहण की डील को रद करने की चेतावनी दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एलन मस्क ने छह जून को एक पत्र लिखकर चेताया है कि यदि ट्विटर ने फर्जी अथवा स्पैम अकाउंट्स के बारे में सटीक जानकारी नहीं दी तो वह ट्विटर इंक खरीदने की 44 अरब डॉलर की डील को रद कर सकते हैं।
इसके साथ ही मस्क ने इस पत्र में ट्विटर को पारदर्शिता बरतने की वकालत भी की है। मस्क पहले भी इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी यूजर्स अकाउंट्स के बारे में डेटा छिपाने का आरोप लगा चुके हैं। बता दें कि इससे पहले मस्क ने ट्विटर डील को फिलहाल के लिए होल्ड पर रखने की बात कही थी।
एलन मस्क इस सोशल मीडिया कंपनी से फर्जी या स्पैम अकाउंट्स की पूरी डिटेल्स मिलने का इंतजार कर रहे हैं। दरअसल, मस्क और ट्विटर की इस डील पर संकट के बादल पिछले कई हफ्तों से दिख रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी भी तरफ से इसे रद करने की बात नहीं की गई थी। यह पहला मौका है, जब इस तरह की बात सामने आई है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में बीती 31 मई को आतंकवादियों ने रजनी बाला नाम की एक हिंदू टीचर की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में बीती 31 मई को आतंकवादियों ने रजनी बाला नाम की एक हिंदू टीचर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जम्मू-कश्मीर में टारगेट कीलिंग पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है और मीडिया से भी अपील की है कि वह सही चीज को दिखाए।
केजरीवाल ने कहा कि मीडिया कश्मीरी पंडितों के हालात को देश के सामने क्यों नहीं रख रहा? क्या प्रेशर है? उन्होंने आगे कहा कि रजनी बाला की ये दास्तां बेहद दर्दनाक है कि किस तरह उन्हें बलि का बकरा बनाया गया। देश जबरदस्त गुस्से में है। मीडिया के साथियों से प्रार्थना है कि किसी दबाव में ना आयें और कश्मीर की सच्चाई सबको बतायें।
मीडिया कश्मीरी पंडितों के हालात को देश के सामने क्यों नहीं रख रहा? क्या प्रेशर है? रजनी बाला की ये दास्ताँ बेहद दर्दनाक है - किस तरह उन्हें बलि का बकरा बनाया गया। देश ज़बरदस्त ग़ुस्से में है। मीडिया के साथियों से प्रार्थना है -किसी दबाव में ना आयें और कश्मीर की सच्चाई सबको बतायें https://t.co/a09trvxzPG
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 6, 2022
केजरीवाल ने एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए यह बात कही, जिसमें कहा गया है कि स्कूल की शिक्षिका रजनी बाला ने सुरक्षा कारणों से छुट्टी का अनुरोध किया था, उसे मना कर दिया गया और कहा गया कि उन्हें कोई खतरा नहीं है। लेकिन इसके बाद घटना हुई, ये बेहद चौंकाने वाला और दुखदायी है। एक तरह से जानबूझ कर इन लोगों को मौत के मुंह में झोंका गया।
बता दें कि कश्मीर में टारगेट कीलिंग के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान जन आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि पिछले 30 साल में दो बार ऐसे मौके आए, जब कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा और इन दोनों ही बार कश्मीर में बीजेपी का शासन था।
उन्होंने कश्मीर को लेकर केंद्र के सामने चार मांगे रखी। केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितों और फौज के लोगों के नरसंहार को रोकने की योजना देश के सामने रखे। कश्मीरी पंडितों के साथ साइन किया हुआ बॉन्ड रद्द किया जाए। कश्मीरी पंडितों की सारी डिमांड मानी जाएं। इसके साथ ही उनको सुरक्षा प्रदान की जाए।
गौरतलब है कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में 31 मई को आतंकवादियों ने रजनी बाला नाम की एक हिंदू टीचर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब उनका एक कथित पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें रजनी बाला ने खतरे की आशंका जताते हुए ट्रांसफर किए जाने की मांग की थी।
रजनी बाला कुलगाम के गोपालपोरा में एक सरकारी हाईस्कूल में पिछले पांच सालों से पढ़ा रही थीं, लेकिन घाटी में हिंदुओं और पंडितों को निशाना बनाए जाने की हालिया घटनाओं को लेकर वे चिंतित थीं और कथित तौर पर खुद को सुरक्षित स्थान पर ट्रांसफर करने की मांग की थी।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया है। बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। पैगंबर मोहम्मद पर एक टीवी डिबेट के दौरान विवादित बयान देने के मामले में उन पर यह कार्रवाई की गई है। नूपुर शर्मा के विवादित बयान पर खासा बवाल मचा था, जिसके बाद बीजेपी ने ये एक्शन लिया है। हालांकि इस कार्रवाई के बाद नूपुर ने माफी मांगी और अपना बयान वापस लिया, लेकिन इन सबके दौरान कई मीडिया घरानों ने असावधानीवश भाजपा द्वारा उन्हें भेजा निलंबन पत्र जस का तस प्रकाशित कर दिया, जिसमें उनके घर का पता भी था। हालांकि विवादित टिप्पणी के बाद से ही उन्हें जान से मारने की धमकियों सहित कई तरह की धमकियों का सामना करना पड़ रहा है।
इसके बाद, नूपुर शर्मा को ट्विटर पर एक बयान जारी कर मीडिया से आग्रह करना पड़ा कि वे उनका पता सार्वजनिक न करें। उन्होंने कहा,‘मैं सभी मीडिया घरानों और बाकी सभी से अनुरोध करती हूं कि मेरा पता सार्वजनिक न करें। मेरे परिवार की सुरक्षा को खतरा है।’
I request all media houses and everybody else not to make my address public. There is a security threat to my family.
— Nupur Sharma (@NupurSharmaBJP) June 5, 2022
हालांकि इसके बाद एक न्यूज एजेंसी ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
बता दें कि बीजेपी ने नूपुर के साथ ही दिल्ली बीजेपी मीडिया प्रभारी नवीन कुमार को भी पार्टी से भी निलंबित किया है। उन पर इस मसले को लेकर कुछ विवादित ट्वीट करने का आरोप है।
नूपुर शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। ज्ञानवापी विवाद को लेकर एक टीवी डिबेट के दौरान उन्होंने कहा था कि इस्लामिक धार्मिक किताबों की कुछ चीजों का लोग मजाक उड़ा सकते हैं। नूपुर ने कहा था कि मुसलमान हिंदू आस्था का मजाक उड़ा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि मस्जिद परिसर में मिली शिवलिंग एक फव्वारा है। नूपुर शर्मा के खिलाफ हैदराबाद, पुणे और मुंबई में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में केस भी दर्ज किया गया है।
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पत्रकारों के लिए ‘एचटी डिजिटल’ (HT Digital) से एक अच्छी खबर निकल कर सामने आयी है।
पत्रकारों के लिए ‘एचटी डिजिटल’ (HT Digital) से एक अच्छी खबर निकल कर सामने आयी है। दरअसल ‘हिन्दुस्तान’ डिजिटल वेंचर को 3 सोशल मीडिया एग्जिक्यूटिव की जरूरत है।
इन पदों पर नौकरी के इच्छुक आवेदकों के पास दो से पांच साल का अनुभव होना चाहिए। साथ ही क्रिएटिव कंटेंट, कैप्शन वगैरह लिखना आना चाहिए। इस पद के लिए रेज्यूमे भेजने की समय-सीमा भी निर्धारित की गई है, जोकि 6 जून 2022 है। लिहाजा इच्छुक व योग्य उम्मीदवारों इसके लिए जल्द से जल्द आवेदन करें।
इच्छुक आवेदक swati.thakur@htdigital.in पर अपना रिज्युमे भेज सकते हैं। रिज्युमे भेजते समय सब्जेक्ट में For Hindustan Social लिखना होगा।
‘इंडिया टीवी’ (India TV) के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर हैं। वह इस प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले भारतीय पत्रकार हैं।
माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘ट्विटर’ (Twitter) पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले पत्रकारों की लिस्ट में भारत के भी चार पत्रकार शामिल हैं। सोशल मीडिया कंसल्टेंट और इंडस्ट्री विश्लेषक मैट नवरा (Matt Navarra) ने इस लिस्ट को सोशल मीडिया पर डाला है।
इस लिस्ट में ‘इंडिया टीवी’ (India TV) के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक व टीवी न्यूज प्रेजेंटर राजदीप सरदेसाई, वरिष्ठ पत्रकार व ‘एनडीटीवी’ (NDTV) की पूर्व रिपोर्टर बरखा दत्त और ‘जी न्यूज’ (Zee News) के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी के नाम शामिल हैं।
इस लिस्ट में सबसे टॉप पर अमेरिकी टीवी पत्रकार और MSNBC की होस्ट राचेल मैडो (Rachel Maddow) हैं, इसके बाद टीवी पत्रकार, राजनीतिक टिप्पणीकार और CNN के होस्ट एंडरसन कूपर (Anderson Cooper) हैं। लिस्ट के अनुसार, इस लिस्ट में रजत शर्मा तीसरे नंबर पर हैं। वह इस साइट पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले भारतीय पत्रकार हैं।
इसके अलावा इस लिस्ट में कार्लोस लोरेट डी मोलास (Carlos Loret de Mola), जोकिन लोपेज डोरिगा (Joaquin Lopez Doriga), फैब्रीज़ियो रोमानो (Fabrizio Romano) और कारमेन अरिस्टेगुई (Carmen Aristegui) का नाम भी शामिल किया गया है।
बता दें कि ट्विटर पर रजत शर्मा के 9.8 मिलियन, राजदीप सरदेसाई के नौ मिलियन, बरखा दत्त के 7.2 मिलियन और सुधीर चौधरी के 7.1 मिलियन फॉलोअर्स हैं।
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— Matt Navarra (@MattNavarra) May 18, 2022
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माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘ट्विटर’ (Twitter) तमाम वजहों से पिछले काफी समय से मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है।
माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘ट्विटर’ (Twitter) तमाम वजहों से पिछले काफी समय से मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है। अब खबर है कि ‘ट्विटर’ के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी (Jack Dorsey) कंपनी के बोर्ड से हट गए हैं। ट्विटर की स्थापना के बाद से यह पहला मौका है, जब डॉर्सी के पास ट्विटर में कोई पद नहीं है।
बता दें कि डॉर्सी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर वर्ष 2006 में ट्विटर की स्थापना की थी। पहली बार उन्हें वर्ष 2007 में ट्विटर बोर्ड का सदस्य बनाया गया था। उसी समय से वह लगातार ट्विटर में बोर्ड के सदस्य थे। उन्होंने पिछले साल ट्विटर के सीईओ का पद छोड़ दिया था। इसके बाद इसकी जिम्मेदारी उस समय ट्विटर के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) पराग अग्रवाल को सौंपी गई थी।
ट्विटर के सीईओ के पद से हटने के बाद जैक को लेकर कंपनी ने कहा था कि वह अपना कार्यकाल (टर्म) खत्म होने तक बोर्ड मेंबर बने रहेंगे। उनका टर्म अब खत्म हो गया है। इसके बाद बोर्ड की वार्षिक शेयरहोल्डर मीटिंग के दौरान जैक डॉर्सी ने फिर से इलेक्शन में भाग नहीं लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जैक ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब वह दोबारा ट्विटर के सीईओ नहीं बनेंगे।
हाल ही में खरबपति बिजनेसमैन और अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार कंपनी ‘टेस्ला’ (Tesla) के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) एलन मस्क (Elon Musk) ने ट्विटर को 44 बिलियन डॉलर में खरीदने को लेकर डील की है। यह डील वर्ष 2022 तक पूरी होने की संभावना है। यानी इस तरह से वर्ष 2022 के अंत तक यह माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एलन मस्क का हो जाएगा। हालांकि, 13 मई को एलन मस्क ने ट्वीट कर बताया कि ट्विटर डील फिलहाल ‘होल्ड’ पर है। मस्क ने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि उनके पास ट्विवटर के स्पैम और फेक अकाउंट्स को लेकर पूरी जानकारी नहीं है।
ट्विटर बोर्ड से जैक डॉर्सी के हटने के बारे में मस्क ने एक ट्वीट भी किया है, जिसे आप यहां देख सकते हैं।
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— Elon Musk (@elonmusk) May 26, 2022
टेक कंपनी गूगल से खबर है कि यहां दुर्गा रघुनाथ ने भारत में न्यूज पार्टनरशिप की हेड के तौर पर जॉइन किया है।
टेक कंपनी गूगल से खबर है कि यहां दुर्गा रघुनाथ ने भारत में न्यूज पार्टनरशिप की हेड के तौर पर जॉइन किया है। इसकी जानकारी उन्होंने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल के जरिए दी है।
वे टाइम्स इंटरनेट से इस टेक कंपनी में आयी हैं। टाइम्स इंटरनेट में वे ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’, ‘मिरर ब्रैंड्स’ (‘मुंबई मिरर’, ‘पुणे मिरर’, ‘बेंगलुरु मिरर’ और ‘अहमदाबाद मिरर’), ‘न्यूज पॉइंट’, ‘गैटेज नाउ’ और ‘ईटाइम्स’ की डिजिटल हेड थीं।
टाइम्स इंटरनेट में जुड़ने से पहले, वे ‘जोमैटो’ (Zomato) में ग्रोथ की सीनियर वाइस प्रेजिडेंट के तौर पर कार्यरत थीं। उन्होंने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ (The Indian Express) में डिजिटल हेड के तौर पर भी अपना योगदान दिया है। दुर्गा इसके अतिरिक्त ‘जगरनॉट बुक्स’ (Juggernaut Books) की को-फाउंडर व सीईओ भी रह चुकी हैं।
लगभग एक दशक के करियर में, दुर्गा ‘नेटवर्क18’ में चार सालों तक रहीं, जहां पहले वे नेटवर्क18 डिजिटल/वेब18 की सीईओ के तौर पर और फिर ‘फर्स्टपोस्ट’ (Firstpost) की फाउंडर व सीईओ के रूप में अपना योगदान दिया।
वह एक साल के लिए ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ (The Wall Street Journal) में भारत में मोबाइल व न्यू डिजिटल प्रॉडक्ट्स की एडिटर रही थीं। इससे पहले, वे ‘लाइवमिंट’ (Livemint) की जनरल मैनेजर/मैनेजिंग एडिटर थीं। उन्होंने न्यूयॉर्क में ‘हार्पर कॉलिन्स’ के साथ पुस्तक प्रकाशन में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने ‘इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस’ से एमबीए और कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पब्लिशिंग डिग्री हासिल की है।
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