हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' के सलाहकार संपादक व प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी ने भी एक ट्वीट किया है, जो चर्चा में है।
श्रीलंका ने पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप 2022 का खिताबी मुकाबला 23 रनों से जीतकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली है। श्रीलंका ने छठी बार एशिया कप ट्रॉफी अपने नाम की है। पाकिस्तान ने टॉस जीतकर श्रीलंका को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। एशिया कप फाइनल में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए छह विकेट पर 170 रन बनाए। इसके जवाब में पाकिस्तान की टीम 20 ओवर में सभी विकेट खोकर 147 रन ही बना सकी।
श्रीलंका ने पूरे मैच में अपनी पकड़ बनाए रखी और अंत में उन्होंने एशिया कप का ख़िताब अपने नाम किया। इस प्रतियोगिता में भारत की टीम पहले ही बाहर हो चुकी थी। एशिया कप में श्रीलंका की जीत और भारत जैसी मजबूत टीम के बाहर होने पर तमाम चर्चाएं है। इसी बीच हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' के सलाहकार संपादक व प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी ने भी एक ट्वीट किया है, जो चर्चा में है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'भारतीय क्रिकेट टीम बॉलीवुड की तरह है। श्रीलंकाई टीम ओटीटी कंटेंट की तरह है। भारतीय क्रिकेट सितारे बॉलीवुड सुपरस्टार की तरह हैं। श्रीलंकाई टीम ने जोशीले खिलाड़ियों के साथ खेला, न कि उन सितारों के साथ जो दक्षिण भारतीय अभिनेताओं की तरह थे। अंत में उन्होंने लिखा कि सोलो सुपरस्टार मैच नहीं जीतते, लेकिन टीम के खिलाड़ी जीतते हैं। सुधीर चौधरी के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते है।
Indian cricket team is like Bollywood.
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) September 12, 2022
Sri Lankan team is like OTT content.
Indian cricket stars are like Bollywood superstars.
Sri Lankan team played with passionate players not stars who were like South Indian actors.
* Solo Superstars don’t win matches but teams players do.
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लखनऊ से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें कुछ लोग रामचरितमानस की प्रतियों को जलाते हुए दिखाई दे रहे है।
इन दिनों रामचरितमानस पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पहले बिहार के शिक्षा मंत्री ने मानस को लेकर विवादित बयान दिया और उसके बाद समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी मानस को लेकर गलत बयानबाजी की और कहा कि सरकार को इसे बैन कर देना चाहिए।
इस बीच लखनऊ से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें कुछ लोग रामचरितमानस की प्रतियों को जलाते हुए दिखाई दे रहे है। उन्होंने रोड़ पर ही रामचरितमानस की प्रतियां भी जलाई हैं. इसका एक वीडियो सामने आया है. लखनऊ में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में उतर आया. महासभा के लोगों ने लखनऊ स्थित वृंदावन योजना में ग्रंथ की प्रतियां जलाई हैं.
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार और ‘अमर उजाला’ ग्रुप के सलाहकार संपादक विनोद अग्निहोत्री ने भी ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि विडंबना है कि जिस मुग़ल राज को पानी पी पी कर कोसा जाता है उस काल में रामचरितमानस की रचना हुई। हिंदी काव्य का भक्ति काल फला फूला। आज जब देश प्रदेश में हिंदुत्ववादी शासन है तब मानस के पन्ने फाड़े जा रहे हैं प्रतियाँ जलाई जा रही हैं। जातीय और धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति हो रही है ।
वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
विडंबना है कि जिस मुग़ल राज को पानी पी पी कर कोसा जाता है उस काल में रामचरितमानस की रचना हुई।हिंदी काव्य का भक्ति काल फला फूला ।आज जब देश प्रदेश में हिंदुत्ववादी शासन है तब मानस के पन्ने फाड़े जा रहे हैं प्रतियाँ जलाई जा रही हैं।जातीय और धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति हो रही है ।
— विनोद अग्निहोत्री Vinod Agnihotri (@VinodAgnihotri7) January 30, 2023
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केंद्र सरकार ने फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया कंपनियों की मनमानी पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है।
केंद्र सरकार ने फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया कंपनियों की मनमानी पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सरकार ने तीन शिकायत अपीलीय समितियां (GAC) गठित कर दी हैं, जो कि 1 मार्च 2023 से काम करना शुरू कर देंगी। इन समितियों पर जिम्मेदारी होगी कि वे यूजर्स की शिकायतों को 30 दिनों में निपटान करें। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।
बता दें कि सरकार द्वारा इस तरह के GACs की स्थापना के लिए आईटी नियमों में बदलाव किए जाने के तीन महीने बाद यह अधिसूचना आई है। सरकार ने अक्टूबर में किए गए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम 2021 में संशोधन किया था, जिसके तहत शुक्रवार को तीन शिकायत अपीलीय समितियों को अधिसूचित किया है।
सोशल मीडिया शिकायत के निपटारे के लिए बनायी जाने वाली तीन समितियों में एक फुल टाइम चेयरपर्सन, दो फुल टाइम मेंबर्स होंगे। वही दूसरी समिति को जॉइंट सेक्रेटी लेवल इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकॉस्टिंग मिनिस्ट्री ऑफिसर शामिल होंगे। जबकि तीसरे पैनल में आईटी मिनिस्ट्री के ऑफिशियल चेयपर्सन के तौर पर शामिल होंगे।
पहली समिति-
पहली समिति की अध्यक्षता गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) राजेश कुमार करेंगे। सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आशुतोष शुक्ला और पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक सुनील सोनी को समिति के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।
दूसरी समिति-
वहीं, दूसरी समिति की अध्यक्षता सूचना-प्रसारण मंत्रालय में नीति एवं प्रशासन प्रभाग के प्रभारी संयुक्त सचिव (जॉइंट सेक्रेट्री इंचार्ज) विक्रम सहाय करेंगे। भारतीय नौसेना के पूर्व डायरेक्टर (कार्मिक सेवाएं) कमोडोर सुनील कुमार गुप्ता (रिटायर्ड) और L&T इंफोटेक के पूर्व वाइस-प्रेजिडेंट कवींद्र शर्मा करेंगे।
तीसरी समिति-
जबकि तीसरी समिति की अध्यक्षता इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की वरिष्ठ वैज्ञानिक कविता भाटिया करेंगी। इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस (IRTS) के रिटायर्ड ऑफिसर संजय गोयल और IDBI इंटेक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO कृष्णागिरी रागोथमाराव मुरली मोहन करेंगे।
तीनों कमेटी के अध्यक्ष पद पर जिन अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, वे पहले से सरकारी पद पर रहते हुए काम कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि ICCC, I&B मिनिस्ट्री और Meity में काम करने वाले अधिकारी संबंधित कमेटी को लीड करेंगे। इनके अलावा जो दूसरे सदस्य हैं उनकी नियुक्ति तीन साल की अवधि के लिए की गई है।
इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने कहा कि संक्रमण काल और बिचौलियों की अन्य तकनीकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जहां यूजर्स अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। यानी GACs एक आभासी डिजिटल मंच होगा, जो केवल ऑनलाइन और डिजिटल रूप से संचालित होगा। सरकार ने https://www.gac.gov.in पर एक पोर्टल बनाया है जहां यूजर्स अपनी अपील दायर कर सकेंगे। इसमें अपील दायर करने से लेकर निर्णय लेने तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी। यूजर्स ऑनलाइन ट्रैक कर पाएंगे कि आखिर उनकी शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई है।
मंत्रालय का कहना है कि यूजर्स की शिकायतों पर तत्काल प्रभाव से काम किया जाना चाहिए। ऐसे में सोशल मीडिया कंपनियां यूजर्स की शिकायतों को नजरअंदाज नहीं कर पाएंगी। यूजर्स के पास इस नए अपीलीय निकाय के सामने सोशल मीडिया मध्यस्थों और अन्य ऑनलाइन मध्यस्थों के शिकायत अधिकारी के फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प होगा। समिति यूजर्स की अपील का 30 दिनों में समाधान करने का प्रयास करेगी।
इसके अलावा शिकायत के खिलाफ अपील करने का भी ऑप्शन होगा। शिकायत के बाद अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उस पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी। मतलब शिकयती पोस्ट को हटाया जाएगा। या फिर उस अकाउंट पर कार्रवाई की जाएगी।
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बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर 4 छात्र हिरासत में लिए गए हैं। जामिया यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर के कहने पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से पहले ये कार्रवाई की है।
पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर देश में बवाल खड़ा हो गया है। बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में भी हंगामा हुआ।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने मंगलवार रात 9 बजे इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान किया था। छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और दावा किया कि जब वे अपने मोबाइल फोन पर डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, तब उन पर हमला किया गया।
वहीं, इसके बाद अब जामिया यूनिवर्सिटी में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर 4 छात्र हिरासत में लिए गए हैं।
जामिया यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर के कहने पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से पहले ये कार्रवाई की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जामिया की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है।
इस पूरे मसले पर 'एबीपी न्यूज़' के वरिष्ठ पत्रकार 'अभिषेक उपाध्याय' ने एक ट्वीट कर अपनी राय सामने रखी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि बीजेपी को मालूम था कि अगर PM मोदी पर बनाई BBC की डॉक्यूमेंट्री बैन होगी तो सबसे पहले वामपंथी चीखेंगे। वे इसे दिखाने पर अड़ जायेंगे। डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगे का चैप्टर है। ये चैप्टर जितना चर्चा में आएगा, BJP के लिए उतना मुफीद होगा। ये एक "ट्रैप" था जिसमे वामपंथी फंस चुके हैं।
'एबीपी न्यूज़' के वरिष्ठ पत्रकार 'अभिषेक उपाध्याय' के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
बीजेपी को मालूम था कि अगर PM मोदी पर बनाई BBC की डॉक्यूमेंट्री बैन होगी तो सबसे पहले वामपंथी चीखेंगे। वे इसे दिखाने पर अड़ जायेंगे। डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगे का चैप्टर है। ये चैप्टर जितना चर्चा में आएगा, BJP के लिए उतना मुफीद होगा।
— abhishek upadhyay (@upadhyayabhii) January 25, 2023
ये एक "ट्रैप" था जिसमे वामपंथी फंस चुके हैं।
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इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर जाकर राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र के वजीर हसन रोड पर स्थित एक इमारत के गिरने से बड़ा हादसा हो गया है। इमारत का नाम अलाया अपार्टमेंट है। दरअसल, यह एक पुरानी इमारत थी। हाल ही में आए भूकंप के बाद इमारत में दरारें आ गई थीं। लेकिन किसी ने इस पर गौर नहीं किया। बताया जा रहा है कि करीब 30 से 40 के करीब लोग नीचे मलबे में दब गए।
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इमारत गिरने की दुर्घटना का संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर जाकर राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। आपको बता दें कि आलिया अपार्टमेंट याजदान बिल्डर ने बनाया था।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इमारत में कोई रिपेयर वर्क चल रहा था। ड्रिलिंग की आवाज आ रही थी। तभी बिल्डिंग गिरी। इस पूरी घटना पर 'भारत समाचार' के एडिटर-इन-चीफ और वरिष्ठ पत्रकार 'ब्रजेश मिश्रा' ने भी ट्वीट कर अपना रोष प्रकट किया है। उन्होंने ट्विटर पर अपनी राय व्यक्त की है।
उन्होंने लिखा, ऊंची इमारत। कमजोर बुनियाद। न नक्शा पास और न कोई मंजूरी। लखनऊ के हजरतगंज में एक ऐसी ही मल्टीस्टोरी बिल्डिंग ताश के पत्ते माफिक ढह गई। न जाने कितनी जिंदगियां मलबे में है। कुछ खुशकिस्मत बाहर निकल आए। बाकियों के लिए मलबा ही कब्र बन गया है। बिल्डर,अथॉरिटी और पुलिस का "यमराज गठजोड़" है।
वरिष्ठ पत्रकार 'ब्रजेश मिश्रा' द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
ऊंची इमारत। कमजोर बुनियाद। न नक्शा पास और न कोई मंजूरी। लखनऊ के हजरतगंज में एक ऐसी ही मल्टीस्टोरी बिल्डिंग ताश के पत्ते माफिक ढह गई। न जाने कितनी जिंदगियां मलबे में है। कुछ खुशकिस्मत बाहर निकल आए। बाकियों के लिए मलबा ही कब्र बन गया है। बिल्डर, अथॉरिटी और पुलिस का "यमराज गठजोड़"है pic.twitter.com/T8kGHczRTe
— Brajesh Misra (@brajeshlive) January 24, 2023
INS ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार से संबंधित खबरों को तथ्यात्मक कसौटी पर रखने के लिए प्रस्तावित सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2021 संशोधन प्रारूप पर चिंता व्यक्त की
इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार से संबंधित खबरों को तथ्यात्मक कसौटी पर रखने के लिए प्रस्तावित सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2021 संशोधन प्रारूप पर चिंता व्यक्त की और इसे वापस लेने की मांग की है।
आईएनएस ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से प्रस्तावित नियम वापस लेने के साथ ही खबरों को परखने के वास्ते एक तंत्र बनाने के लिए सभी संबंधित पक्षों से परामर्श करने की मांग की है।
आईएनएस ने केंद्रीय सूचना मंत्रालय के प्रेस सूचना ब्यूरो या केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत संस्था के माध्यम से खबरों की तथ्यात्मक परख करने का प्रावधान करने वाले प्रस्तावित नियम की धारा 3 (1) (बी)(5)पर विशेष रूप से चिंता व्यक्त की। सोसायटी का मानना है कि यह नियम भारत में प्रेस के कामकाज को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कहा कि सरकार ने इसका कोई प्रमाण नहीं दिया है और सरकार झूठ के पुलिंदे पर चल रही है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार को झूठा करार दिया, जिसके बाद उनके बयान पर सियासी बवाल मचा हुआ है।
दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कहा था कि सरकार ने इसका कोई प्रमाण नहीं दिया है और सरकार झूठ के पुलिंदे पर चल रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक रिपोर्टर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से सवाल पूछ रहे है लेकिन पीछे से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश आकर उस रिपोर्टर को रोकने का प्रयास करते है और उसे पीछे धकेल देते हैं। ऐसे में उनके इस रवैये की बड़ी आलोचना हो रही है।
इस वीडियो के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार 'सुमित अवस्थी' ने भी एक ट्वीट कर उन्हें एक नसीहत दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'जयराम रमेश साहब को मीडिया के माइक पर हाथ मारने और आजतक रिपोर्टर को झटकने की बजाये अपने साथी दिग्विजय सिंह जी को वैसे ही झटकना चाहिए था! क्या वो ऐसा करते किसी को दिखे? अपने घर और घरवालों पर ध्यान देंगे तो बेहतर होता।
हालांकि राहुल गांधी ने दिग्विजय सिंह के द्वारा दिए गए बयान पर आपत्ति जताई है और उसे पार्टी का बयान नहीं मानने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि वो सेना का पूरा सम्मान करते है। इस पर सुमित अवस्थी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इसे तो राहुल गांधी की दिग्विजय सिंह पर सर्जिकल स्ट्राइक ही कहा जायेगा! वर्ना सरेआम अपनी पार्टी के दिग्गी राजा जैसे बड़े नेता के बयान को ‘हास्यास्पद’ कहकर क्यों उनका माखौल उड़ाते।
पत्रकार सुमित अवस्थी के द्वारा किए गए ट्वीट को आप यहां देख सकते है-
जयराम रमेश साहब को मीडिया के माइक पर हाथ मारने और आजतक रिपोर्टर को झटकने की बजाये अपने साथी दिग्विजय सिंह जी को वैसे ही झटकना चाहिए था! क्या वो ऐसा करते किसी को दिखे?? अपने घर और घरवालों पर ध्यान देंगे तो बेहतर होता..
— Sumit Awasthi (@awasthis) January 23, 2023
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दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कहा कि सरकार ने इसका कोई प्रमाण नहीं दिया है और सरकार झूठ के पुलिंदे पर ही चल रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाकर नए विवाद को जन्म दे दिया है। दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कहा कि सरकार ने इसका कोई प्रमाण नहीं दिया है और सरकार झूठ के पुलिंदे पर ही चल रही है।
उन्होंने कहा, 'सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं और उन्होंने इतने लोगों को मारा है, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है। 'दिग्विजय सिंह के इस बयान पर अब सियासत तेज हो गई है और बीजेपी भी उनके ऊपर हमलावर है। इसी बीच 'इंडिया न्यूज' के मैनेजिंग एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार 'राणा यशवंत' ने ट्वीट कर उनके इस बयान पर हैरानी जताई है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, दिग्विजय सिंह बयान नहीं देते,रायता फैलाते हैं। आज इनको याद आया कि बालाकोट हमले का सबूत मोदी सरकार ने नहीं दिया। 2019 में ही 14 अगस्त यानी पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर तब के पीएम इमरान खान ने कहा था कि सूचना है कि भारत बालाकोट से भी बड़ा हमला कर सकता है, ये सबूत नहीं है?
उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि जहां तक 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक का सवाल है तो उस अभियान पर गए कमांडोज ने मीडिया से बात की थी। पीएम ने उस पर इंटरव्यू दिया था। क्या ये सब सबूत नहीं है? उन्होंने अपने आखिरी ट्वीट में कांग्रेस नेता से पूछा कि क्या आपको सेना पर यकीन नहीं है?
राणा यशवंत द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।जब ऑपरेशन पूरा हो गया, कमांडो लौट आए उसके बाद यानी 29 सितंबर 2016 को भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एलान किया था कि सेना ने सीमा पर आतंकियों के लॉन्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक की है. वह भी सबूत नहीं था? या सेना पर यकीन नहीं?
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) January 23, 2023
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है,यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है।
गोस्वामी तुलसीदास विरचित 'रामचरितमानस' इस समय विवादों में है। दरअसल बिहार के शिक्षा मंत्री का रामचरितमानस को लेकर बयान का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा, इसके कुछ हिस्से पर मुझे आपत्ति है।
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने ब्राह्मणों को लेकर भी अनुचित बयानबाजी की। उनके इस बयान के बाद वरिष्ठ पत्रकार और डिजिटल न्यूज़ पोर्टल 'न्यूज़ नशा' की संपादक विनीता यादव ने ट्वीट कर उनकी कड़ी आलोचना की है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि विपक्ष को ऐसे आत्मघाती हमलों से बचना चाहिए ,एक तरफ़ अखिलेश जाति समीकरण को मज़बूत करना चाहते हैं दूसरी तरफ़ धर्म पर जाकर ये बीजेपी के लिए काम रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को टैग भी किया है।
विनीता यादव के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
विपक्ष को ऐसे आत्मघाती हमलों से बचना चाहिए , एक तरफ़ अखिलेश जाति समीकरण को मज़बूत करना चाहते हैं दूसरी तरफ़ धर्म पर जाकर ये बीजेपी के लिए काम रहे हैं ।@yadavakhilesh https://t.co/VtktxAM1HT
— Vineeta yadav (@vineetanews) January 23, 2023
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लगभग हर मीडिया हाउस के कैमरे उनकी कथा और भक्तों को कवर करने में लगे हुए है। इसके पीछे का कारण बाबा का कथित चमत्कार बना हुआ है।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इस समय मीडिया की पहली पसंद बने हुए हैं। लगभग हर मीडिया हाउस के कैमरे उनकी कथा और भक्तों को कवर करने में लगे हुए हैं। इसके पीछे का कारण बाबा का कथित चमत्कार बना हुआ है। जाहिर सी बात है कि एक वर्ग इसे पाखंड बता रहा है वहीं दूसरा वर्ग इसे आस्था कह रहा है।
हिन्दू धर्म के कई संगठनों का यह कहना है कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं और हिन्दुओं को धर्म परिवर्तन से बचा रहे हैं, जिसके कारण योजनाबद्ध तरीके से उन्हें बदनाम किया जा रहा है। इस पूरे मामले पर टीवी9 उत्तरप्रदेश/उत्तराखंड के सलाहकार संपादक अमिताभ अग्निहोत्री ने भी ट्वीट कर अपनी राय व्यक्ति की है।
उन्होंने लिखा, झाड़ -फूंक, तंत्र- मंत्र, प्रेत बाधा, दैवीय कृपा और गंडा तावीज ये सब धर्मों में व्यावहारिक रूप से प्रचलित है। इनके नाम अलग अलग हो सकते हैं लेकिन ये हैं हर जगह फिर सेलेक्टिव एप्रोच क्यों ?? सवाल उठाने वाले अगर निरपेक्ष और तटस्थ नहीं हैं तो उन्हें गंभीरता से क्यों लिया जाए ?
अमिताभ अग्निहोत्री के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
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— Amitabh Agnihotri (@Aamitabh2) January 22, 2023
भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर अब महिलाओं के यौन शोषण के आरोप हैं। डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण सिंह ने कहा है कि वह शाम को प्रेस वार्ता कर इस साजिश का खुलासा करने वाले हैं
डब्लूएफआई (WFI) यानी भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह अब मुश्किल में हैं। दरअसल, पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, अंशु मलिक और रवि दहिया समेत देश के दिग्गज पहलवान सड़कों पर उतर आए हैं और दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर अब महिलाओं के यौन शोषण के आरोप हैं। डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण सिंह ने कहा है कि वह शाम को प्रेस वार्ता कर इस साजिश का खुलासा करने वाले हैं। वहीं इस पूरे मामले पर हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' की सीनियर एंकर 'अंजना ओम कश्यप' ने भी एक ट्वीट कर अपनी बात कही है।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, बृज भूषण शरण सिंह यौन शोषण के गंभीर आरोपों के बाद कुश्ती संघ के अध्यक्ष नहीं बने रह सकते। इस्तीफा हो, निष्पक्ष जांच हो और देश की शान बढ़ाने वाली हमारी बेटियों के आरोप सही साबित होने पर एक एक बच्ची को वीरता पुरस्कार मिलना चाहिए ताकि आने वाले काल में सामने आने के लिए नजीर बने।
'अंजना ओम कश्यप' के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
बृज भूषण शरण सिंह यौन शोषण के गंभीर आरोपों के बाद कुश्ती संघ के अध्यक्ष नहीं बने रह सकते। इस्तीफ़ा हो, निष्पक्ष जाँच हो और देश की शान बढ़ाने वाली हमारी बेटियों के आरोप सही साबित होने पर एक एक बच्ची को वीरता पुरस्कार मिलना चाहिए ताकि आने वाले काल में सामने आने के लिए नज़ीर बने।
— Anjana Om Kashyap (@anjanaomkashyap) January 20, 2023
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