भारत और श्रीलंका की टीम की सुधीर चौधरी ने की रोचक तुलना, वायरल हुआ ट्वीट

हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' के सलाहकार संपादक व प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी ने भी एक ट्वीट किया है, जो चर्चा में है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 12 September, 2022
Last Modified:
Monday, 12 September, 2022
Sudhir54304

श्रीलंका ने पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप 2022 का खिताबी मुकाबला 23 रनों से जीतकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली है। श्रीलंका ने छठी बार एशिया कप ट्रॉफी अपने नाम की है। पाकिस्तान ने टॉस जीतकर श्रीलंका को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। एशिया कप फाइनल में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए छह विकेट पर 170 रन बनाए। इसके जवाब में पाकिस्तान की टीम 20 ओवर में सभी विकेट खोकर 147 रन ही बना सकी।

श्रीलंका ने पूरे मैच में अपनी पकड़ बनाए रखी और अंत में उन्होंने एशिया कप का ख़िताब अपने नाम किया। इस प्रतियोगिता में भारत की टीम पहले ही बाहर हो चुकी थी। एशिया कप में श्रीलंका की जीत और भारत जैसी मजबूत टीम के बाहर होने पर तमाम चर्चाएं है। इसी बीच हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' के सलाहकार संपादक व प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी ने भी एक ट्वीट किया है, जो चर्चा में है।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'भारतीय क्रिकेट टीम बॉलीवुड की तरह है। श्रीलंकाई टीम ओटीटी कंटेंट की तरह है। भारतीय क्रिकेट सितारे बॉलीवुड सुपरस्टार की तरह हैं। श्रीलंकाई टीम ने जोशीले खिलाड़ियों के साथ खेला, न कि उन सितारों के साथ जो दक्षिण भारतीय अभिनेताओं की तरह थे। अंत में उन्होंने लिखा कि सोलो सुपरस्टार मैच नहीं जीतते, लेकिन टीम के खिलाड़ी जीतते हैं। सुधीर चौधरी के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते है।

 

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सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन एक रोमांचक कहानी, बन सकती है फिल्म: भूपेंद्र चौबे

यह बचाव प्रयास भारतीय इतिहास में अब तक के सबसे वीरतापूर्ण प्रयासों में से एक के रूप में जाना जाएगा।

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Published - Thursday, 30 November, 2023
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Thursday, 30 November, 2023
bhupendrachaube

17 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकालने वाला ऑपरेशन सिलक्यारा किसी सुरंग या खदान में फंसे मजदूरों को निकालने वाला देश का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन बन गया है। इससे पहले वर्ष 1989 में पश्चिमी बंगाल की रानीगंज कोयला खदान से दो दिन चले अभियान के बाद 65 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था।

इस पूरे घटनाक्रम पर वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र चौबे ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, यह बचाव प्रयास भारतीय इतिहास में अब तक के सबसे वीरतापूर्ण प्रयासों में से एक के रूप में जाना जाएगा। मुझे उम्मीद है कि प्रतिभाशाली फिल्म निर्माता इस कहानी को करीब से देखेंगे। 17 दिनों तक चूहे के बिल वाली सुरंग में फंसे रहने, अरबों लोगों की प्रार्थनाओं और सर्वोच्च आत्म विश्वास/विश्वास के साथ, ऑस्ट्रेलिया का एक चमत्कारिक व्यक्ति, सशस्त्र बलों के सैनिकों की उत्कृष्ट वीरता, कहानी ऐसी है जिसे बार-बार बताया जाना चाहिए।

इस कहानी को धर्म या क्षेत्र के चश्मे से देखना उन लोगों के साथ घोर अन्याय है जिन्होंने वास्तव में वीरता का यह महान कार्य किया। आपको बता दें कि देश-दुनिया के विशेषज्ञों ने दिन-रात एक कर इस अभियान को मुकाम तक पहुंचाया। 13 नवंबर 1989 को पश्चिम बंगाल के महाबीर कोल्यारी रानीगंज कोयला खदान जलमग्न हो गई थी। इसमें 65 मजदूर फंस गए थे। इनको सुरक्षित बाहर निकालने के लिए खनन इंजीनियर जसवंत गिल के नेतृत्व में टीम बनाई गईं थी।

 

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सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन पर बोले ब्रजेश मिश्रा,अप्रतिम संघर्ष की दास्तां सबको बताई जाए

वो असाधारण हैं। अद्वितीय हैं। देश के लिए रोल मॉडल हैं। वो प्रेरणा देते हैं कि कठिन वक्त में मनुष्य को कैसे धैर्य के साथ हालात का सामना करना चाहिए।

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Published - Thursday, 30 November, 2023
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Thursday, 30 November, 2023
brajeshmishra

उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में पिछले 17 दिन से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। सभी 41 मजदूर सुरक्षित हैं। उत्तराखंड के सीएम धामी ने कहा कि बचाए गए प्रत्येक श्रमिक को 1 लाख रुपये दिए जाएंगे। बौखनाग मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाएगा।

इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने एक्स पर पोस्ट कर अपने मन की बात कही है। उन्होंने लिखा, जिंदगी जीत गई। मौत को फिर मात मिली। वो न उपदेशक थे, न कोई तपस्वी। लेकिन उनकी एकाग्रता। जिजीविषा। धैर्य। विश्वास। शांत मन। और समंदर जैसी आशाएं। हिमालय जैसा ऊंचा मनोबल था उनका। वो जीवंत उदाहरण बन गए हैं कि जब हालत बिल्कुल खिलाफ हों, मौत झपटने को बेकरार हो, तब एक शांत दिमाग और धैर्य किस तरह से जिंदगी की जंग जीत लेता है। वो असाधारण हैं। अद्वितीय हैं। देश के लिए रोल मॉडल हैं। वो प्रेरणा देते हैं किकठिन वक्त में मनुष्य को कैसे धैर्य के साथ हालात का सामना करना चाहिए।

राहत और बचाव कार्य में लगे कर्मवीर भी उतने ही अद्भुत थे। हर चुनौती का सामना किया। नाकाम होते रहे लेकिन कोशिशों को जारी रखा और अंत में ना-मुमकिन मिशन को मुमकिन करके दिखाया। राज्य और केंद्र सरकार, एजेंसियां, परिजन सभी अभिनंदन के पात्र हैं। एक साथ मिलकर ये देश सब कुछ हासिल कर सकता है। ये श्रमिक बंधु आज वो सिखा गए जो किसी किताब में नहीं मिलेगा और किसी कोर्स में पढ़ाया भी नही गया होगा। इनके अप्रतिम संघर्ष की दास्तां सबको बताई जानी चाहिए।

 

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इस बड़ी घटना पर बोले हर्षवर्धन त्रिपाठी, गोली के साथ बोली नहीं चल सकती

गृह मंत्रालय ने 16 दिन पहले ही यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) पर पांच सालों के प्रतिबंध बढ़ाया था।

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Published - Thursday, 30 November, 2023
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Thursday, 30 November, 2023
harshvardhan

मणिपुर के प्रतिबंधित और सबसे बड़े आतंकी संगठन को शांति की टेबल पर लाने में केंद्र सरकार की रणनीति कारगर साबित हुई। राज्य में स्थायी शांति के प्रयासों में जुटी केंद्र सरकार को आखिरकार कामयाबी मिल ही गई। गृह मंत्रालय ने 16 दिन पहले ही यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) पर पांच सालों के प्रतिबंध बढ़ाया था। गृह मंत्रालय के फैसले के 17 वें दिन उग्रवादी संगठन ने शांति समझौते पर दस्तखत कर दिए। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन  त्रिपाठी ने एक्स पर पोस्ट कर बड़ी बात कही है।

उन्होंने लिखा, किसी सेना जैसी वर्दी पहने खड़े यह सारे मणिपुरी उग्रवादी संगठन "UNLF" से जुड़े हैं। यह भारत में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन था। आज से पहले तक यह सभी भारत के दुश्मन बने हुए थे। भारत सरकार और सेना से संघर्ष कर रहे थे। 24 नवंबर 1964 को यह बना, इसका उद्देश्य स्वतंत्र मणिपुर बनाना था।

अब पूर्वोत्तर के इस सबसे पुराने उग्रवादी संगठन ने हथियार डाल दिया है। भारत सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। मणिपुर में शांति बहाली के प्रयासों के लिहाज से सबसे सुखद समाचार है। इस आत्मसमर्पण में मणिपुर के मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अमित शाह जो कि गृह मंत्री है वह स्पष्ट कह चुके हैं कि, मणिपुर की समस्या का पूर्ण समाधान निकालकर रहेंगे। पिछले 10 वर्षों की मोदी सरकार में पूर्वोत्तर के करीब एक दर्जन उग्रवादी संगठनों ने हथियार छोड़ दिया है। सरकार ने उनके लिए रास्ता तैयार किया है। कल्पना कीजिए कि, अत्याधुनिक हथियारों से लैस यह मणिपुरी अगर हिंसा के रास्ते पर रहते तो शांति कितनी और कब तक हो पाती।

गोली के साथ बोली नहीं चल सकती। काम भी नहीं करती, लेकिन आखिरी रास्ता बोली ही है अगर गोली चलाने वाले गोली चलाना छोड़कर बोली के लिए तैयार हो तो। भारत की सरकार यह करा पा रही है तो सही रास्ते पर है। हर भारतवासी पूर्ण शांति की कामना कर रहा है।

 

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टनल रेस्क्यू ऑपरेशन पर बोले सुशांत सिन्हा, इस देश में गरीब की जान की भी कीमत

उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग में पिछले 17 दिन से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। उत्तराखंड के सीएम धामी ने कहा कि इन श्रमिकों को एक-एक लाख रुपये दिए जाएंगे।

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Published - Wednesday, 29 November, 2023
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Wednesday, 29 November, 2023
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उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग में पिछले 17 दिन से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि सभी मजदूरों को एक-एक करके 800 मिमी के उस पाइप के जरिए बाहर निकाला जा गया है, जिसे मलबे में ड्रिल करके डाला गया था। सभी 41 मजदूर सुरक्षित हैं। उत्तराखंड के सीएम धामी ने कहा कि बचाए गए प्रत्येक श्रमिक को 1 लाख रुपये दिए जाएंगे। बौखनाग मंदिर का पुनर्निर्माण किया जाएगा।

इस पूरे मसले पर वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिन्हा ने 'एक्स' पर पोस्ट कर पीएम मोदी और भारत सरकार की तारीफ की है। उन्होंने लिखा, 'उत्तरकाशी के टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का एक बहुत बड़ा मेसेज ये है कि इस देश में गरीब के जान की भी कीमत है। जिस तरह से विदेश से एक्सपर्ट बुलाने से लेकर, महंगी से महंगी मशीन, हवाई जहाज, दसियो डिपार्टमेंट और भरपूर मैन पावर लगाए गए और ऐसा लगा कि मोदी सरकार ने घोड़े खोल दिए हैं गरीब की जान बचाने के लिए। ये देश के लिए बहुत सुखद और बहुत बड़ा संदेश है। आज गरीब के जान की भी कीमत है।'

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, 'उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।'

 

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सिल्क्यारा सुरंग से 17 दिन बाद सुरक्षित निकाले गए मजदूर, रुबिका लियाकत ने कही ये बड़ी बात

पीएम ने हर डग पर टोह ली, सीएम धामी ने मिशन की ख़ुद जिम्मेदारी ली, जनरल सिंह ने सारी एजेंसियों और मजदूरों का मनोबल बांधे रखा।

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Published - Wednesday, 29 November, 2023
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Wednesday, 29 November, 2023
rubika

उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग से 17 दिन बाद सुरक्षित निकाले गए मजदूरों से पीएम मोदी ने बातचीत की। मंगलवार देर रात बचाए गए मजदूरों के साथ अपनी फोन पर बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि इतने दिनों तक खतरे में रहने के बाद सुरक्षित बाहर आने पर मैं आपको बधाई देता हूं। यह मेरे लिए खुशी की बात है।

इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार रुबिका लियाकत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, 'न पसंद आए न सही। सत्य ये है कि मिशन जिंदगी को पीएम मोदी से लेकर, सीएम पुष्कर धामी, केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह से लेकर आख़िरी कर्मचारी तक पूरी तन्मयता और संजीदगी से निभाया गया। आस्था का पूर्ण सम्मान और विज्ञान पर सम्पूर्ण भरोसे ने 41 श्रमवीरों को बचा लिया। पीएम ने हर डग पर टोह ली, सीएम धामी ने मिशन की ख़ुद ज़िम्मेदारी ली, जनरल सिंह ने सारी एजेंसियों और मजदूरों का मनोबल बांधे रखा। जब पूरा अमला लग जाता है तो ज़मीन पर बचाने वाले और टनल में फंसे लोगों का हौसला बुलंद रहता है। इस भावना के साथ कि जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं। जय हिंद करते रहिए, लानत-मलानत। किसी में तो महारत हो।'

आपको बता दें कि पीएम ने कहा कि मेरे पीएमओ के अधिकारी भी वहां बैठे थे। लेकिन सिर्फ सूचना मिलने से चिंता कम नहीं होती। इस दौरान बिहार के रहने वाले युवा इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के सबा अहमद ने प्रधान मंत्री को बताया कि वो कई दिनों तक सुरंग में फंसे रहे, लेकिन उन्हें कोई डर या घबराहट महसूस नहीं हुई।

 

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पंकज शुक्ल की इस पोस्ट पर बोले विनोद अग्निहोत्री, यह है अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि

पंकज त्रिपाठी की 'मैं अटल हूं' अगले साल 19 जनवरी को सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए तैयार है।

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Published - Wednesday, 29 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 29 November, 2023
vinodagnihotri

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता पंकज त्रिपाठी मौजूदा वक्त में अपनी आगामी फिल्म 'मैं अटल हूं' को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म में अभिनेता देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन पर्दे पर उतारने वाले हैं। पंकज त्रिपाठी की 'मैं अटल हूं' अगले साल 19 जनवरी को सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए तैयार है। उन्होंने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल पर फिल्म से अपनी कुछ झलकियां साझा की हैं।

खास बात यह है कि यह पोस्टर हिंदी भाषा में रिलीज किए गए है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार और मशहूर फिल्म समीक्षक पंकज शुक्ल ने 'एक्स' पर एक पोस्ट की और लिखा, 'हिंदी सिनेमा में इन दिनों जब अधिकतर पोस्टर अंग्रेज़ी में ही जारी हो रहे हैं तो ऐसे में पंकज त्रिपाठी की बहुप्रतीक्षित फ़िल्म के पहले पोस्टर हिंदी में ही जारी होना एक सुखद एहसास भी है और हिंदी सिनेमा में हिंदी की महत्ता को स्थापित करने का सराहनीय प्रयास भी है।'

उनकी इस पोस्ट को वरिष्ठ पत्रकार और लेखक विनोद अग्निहोत्री ने रिपोस्ट किया और अटल जी की याद किया। उन्होंने लिखा, 'ये संयुक्त राष्ट्र संघ में पहली बार हिन्दी में भाषण देने वाले तत्कालीन विदेश मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री को सच्ची श्रद्धांजलि है। इसके लिए फ़िल्म निर्माता और अभिनेता पंकज त्रिपाठी को साधुवाद।'

आपको बता दें कि फिल्म निर्माता रवि जाधव ने इस फिल्म का निर्देशन किया है जो ‘नटरंग’ और ‘बालगंधर्व’ जैसी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। इसकी पटकथा उत्कर्ष नैथानी ने लिखी है। ‘मैं अटल हूं’ फिल्म का निर्माण विनोद भानुशाली, संदीप सिंह और कमलेश भानुशाली ने किया है। वहीं, भावेश भानुशाली और सैम खान फिल्म के सह-निर्माता हैं।

 

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इस मसले पर बोले मानक गुप्ता, ‘देश के असली दुश्मन’ की परिभाषा समझ लीजिए

कश्मीर घाटी के गांदरबल जिले के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शुहामा कैंपस में छात्रों के बीच में टकराव होने का मामला सामने आया है।

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Published - Wednesday, 29 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 29 November, 2023
manak

कश्मीर घाटी के गांदरबल जिले के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शुहामा कैंपस में छात्रों के बीच में टकराव होने का मामला सामने आया है। इसमें सात छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि इन छात्रों ने 19 नवंबर को क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार के बाद जश्न मनाया। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।

इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मानक गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने लिखा, '7 कश्मीरी छात्रों ने क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में भारत की हार पर पटाख़े फोड़े, ’पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाये। UAPA के तहत धरे गए हैं। पहले भारत-पाकिस्तान मैच में पाकिस्तान का साथ देते थे, पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाते थे। अब तो ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार पर भी ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’? देश में छुपे ‘देश के असली दुश्मन’ की परिभाषा समझ लीजिए। ‘आस्तीन के सांप’ भी कह सकते हैं।'

आपको बता दें कि इस मामले में दर्ज एफआईआर के अनुसार, छात्रों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की धारा 13 और सार्वजनिक शरारत व आपराधिक धमकी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 505 और 506 के तहत आरोप लगाए गए हैं।

 

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पूर्व पीएम वीपी सिंह के बहाने मिले अखिलेश और स्टालिन, अशोक श्रीवास्तव ने कसा तंज

उन्होंने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा, हजारों साल से न्याय और बराबरी की उम्मीद करने वाले हमारे से खड़े होकर इस लड़ाई को और मजबूत बनाएंगे।

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Published - Wednesday, 29 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 29 November, 2023
ashok

पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की आदमकद प्रतिमा का चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में तमिलनाडु के सीएम व द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने सोमवार को अनावरण किया। उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मुख्य अतिथि के रूप आमंत्रित किया। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बड़ी बात कही है।

उन्होंने लिखा, 'पहले बोफोर्स तोप सौदे में देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दलाली खाने वाला बताकर और फिर भारत में मंडल की राजनीति का बीज बोने वाले विश्वनाथ प्रताप सिंह देश के ऐसे अभागे राजनेता हैं जो प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे लेकिन उनकी मृत्यु पर देश के पास आंसू बहाने का भी वक्त नहीं था। क्योंकि 27 नवंबर 2008 को जब उनकी मृत्यु हुई तब मुंबई पर आतंकी हमला हो चुका था और ताज होटल में आतंकियों ने सैंकड़ों लोगों को बंधक बना रखा था और आतंकियों के खिलाफ भारतीय सुरक्षा बलों की कार्यवाई चल रही थी, जिसकी लाइव कवरेज पूरी दुनिया देख रही थी।

तब वीपी सिंह के लिए वक्त किसके पास था। लेकिन 2008 से 2023 तक के 15 सालों में भी वीपी सिंह किसी को याद नहीं आए और आज अचानक पुण्य तिथि पर फुल पेज विज्ञापन और प्रतिमा का अनावरण। इतनी शिद्दत से आज जो स्टालिन और अखिलेश यादव ने वीपी सिंह को याद किया, वो और कुछ नहीं भारत ने "मंडल - 2" को लांच करने की तैयारी है।

तलिमनाडू में कार्यक्रम है जहां डीएमके और कांग्रेस की सरकार है,लेकिन इस विज्ञापन में अखिलेश तो हैं पर सरकार में शामिल कांग्रेस के किसी नेता की तस्वीर नहीं। आखिर क्यों?'

 

 

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'एक्स' पर पत्रकार विनीता यादव पर की गईं जातिगत टिप्पणी, वीडियो शेयर कर हुईं भावुक

दरअसल विनीता यादव ने उत्तरकाशी में सुरंग धंसने से भीतर फंसे मजदूरों को लेकर एक पोस्ट किया था।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 28 November, 2023
Last Modified:
Tuesday, 28 November, 2023
vinita

डिजिटल न्यूज चैनल 'न्यूज नशा' की संपादक और वरिष्ठ पत्रकार विनीता यादव पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर कुछ यूजर्स द्वारा जातिगत टिप्पणी करने का मामला सामने आया है। दरअसल, विनीता यादव ने उत्तरकाशी में सुरंग धंसने से भीतर फंसे मजदूरों को लेकर एक पोस्ट किया था। अपने इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'चांद पर पहुंच गये , लेकिन 10-15 दिनों से सुरंग में फंसे 40 मजदूरों तक नहीं पहुंच सकते।' इसके बाद से ही उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। इस वीडियो पर आए अधिकतर कमेंट नकारात्मक थे।

इसके बाद खुद विनीता यादव ने एक वीडियो जारी किया और बताया कि किस प्रकार उन्हें ना सिर्फ ट्रोल किया गया है बल्कि उनकी 'जाति' को लेकर भी उन्हें कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। जबकि एक पत्रकार होने के नाते उन्होंने सिर्फ सरकार से एक सवाल किया था।

वीडियो में विनीता यादव ने कहा, 'मैंने एक पत्रकार के तौर पर सदैव सही को सही और गलत को गलत कहा है, मैंने कभी किसी की जाति और धर्म देखकर एकतरफा बात नहीं की है। लेकिन मेरे वीडियो पर आए कमेंट मुझे निराशा करते हैं।' उन्होंने आगे कहा कि मेरे और परिवार को लेकर बहुत कुछ गलत लिखा गया है। ये जो ट्रोल आर्मी है, इन्हें कभी भी किसी पत्रकार का अच्छा काम नहीं दिखाई देता है। मेरी जाति को लेकर लोग बात कर रहे हैं और मुझे दूध बेचने के लिए कहा जा रहा है।

इस वीडियो में अपनी बात कहते-कहते विनीता यादव भावुक भी हो जाती हैं। समाचार4मीडिया किसी भी पत्रकार को लेकर इस प्रकार किए गए भद्दे कमेंट्स का समर्थन नहीं करता है। एक पत्रकार को हमेशा अपनी बात कहने का हक है और उसकी जाति और धर्म के नाम पर उसे अपमानित करना निंदनीय कार्य है, जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए उतनी कम है।

 

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संशोधित नागरिकता कानून को जल्द लागू करेगी सरकार, राहुल शिवशंकर ने कही ये बड़ी बात

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा है कि सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) का अंतिम मसौदा अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की संभावना है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 28 November, 2023
Last Modified:
Tuesday, 28 November, 2023
rahul

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा है कि सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) का अंतिम मसौदा अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की संभावना है। यह बातें उन्होंने उत्तर 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए कहीं। सीएए में 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश करने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान हैं।

उनके इस बयान के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, 'केंद्र का अब कहना है कि सीएए को इस साल मार्च में अधिसूचित किया जाएगा। 2015 से पहले अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने के लिए सीएए को 2020 में संसद द्वारा पारित किया गया था।

सीएए अधर में लटका हुआ है क्योंकि इसे लागू करने के नियमों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। कल्पना करना, यह तब है, जब 2020 के बाद से पाकिस्तान में औसतन हर साल 1000 हिंदू महिलाओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। जो लोग विरोध करते हैं उनका उल्लंघन किया जाता है या उन्हें मार दिया जाता है।'

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