ऑपरेशन सिंधु के तहत कुल 110 भारतीय नागरिकों को निकाला गया और उन्हें दिल्ली लाया गया है। ईरान के उर्मिया से निकाले गए छात्रों ने भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को पुष्टि की कि ईरान से निकाले गए जम्मू-कश्मीर के 94 भारतीय छात्र सुरक्षित रूप से दिल्ली पहुंच गए हैं। हालांकि, छात्रों को भेजी जाने वाली बसों पर भी सवाल उठे। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने एक्स पर लिखा, वोक प्रजाति यही होती है। किसी भी विषय पर ऐसी बेहयाई के समर्थन में बहुतेरे लोग खड़े मिल जाते हैं। ईरान में इन सबकी जान साँसत में थी। भारत सरकार ने अथक प्रयास किया। सकुशल वापस लेकर आए। अब उमर अब्दुल्ला ने इनके लिए बस भेजी है, बस का किराया भी नहीं लगेगा, बस का पास दिया है, लेकिन इन बेशर्मों को चार्टर्ड फ्लाइट चाहिए।
इस प्रजाति से आप देश के लिए खड़े होने की उम्मीद भला कैसे कर सकते हैं। आपको बता दें, ऑपरेशन सिंधु के तहत कुल 110 भारतीय नागरिकों को निकाला गया और उन्हें दिल्ली लाया गया है। ईरान के उर्मिया से निकाले गए छात्रों ने भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
वोक प्रजाति यही होती है। किसी भी विषय पर ऐसी बेहयाई के समर्थन में बहुतेरे लोग खड़े मिल जाते हैं। #Iran में इन सबकी जान साँसत में थी। भारत सरकार ने अथक प्रयास किया। सकुशल वापस लेकर आए। अब उमर अब्दुल्ला ने इनके लिए बस भेजी है, बस का किराया भी नहीं लगेगा, बस का पास दिया है, लेकिन इन… pic.twitter.com/CKA8xsetqE
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) June 19, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ना बनने को लेकर विपक्ष के सवालों पर नितिन गडकरी ने कहा कि विपक्ष का तो काम ही है आरोप लगाना। मोदी जी हमारे नेता हैं।
हिंदी न्यूज़ चैनल 'एबीपी न्यूज़' पर वरिष्ठ पत्रकार और एंकर चित्रा त्रिपाठी के नए शो की शुरुआत हो गई है। इस शो का नाम 'चर्चा With चित्रा' है। इस शो का प्रसारण हर शनिवार रात साढ़े दस बजे और रविवार दोपहर डेढ़ बजे किया जाएगा।
उनके शो की शुरुआत केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू से हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने रिश्तों से लेकर जातिगत जनगणना के मुद्दे पर नितिन गडकरी ने एबीपी न्यूज की एंकर चित्रा त्रिपाठी के सवालों का खुलकर जवाब दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ना बनने को लेकर विपक्ष के सवालों पर नितिन गडकरी ने कहा कि विपक्ष का तो काम ही है आरोप लगाना।
मोदी जी हमारे नेता हैं। हमारे बहुत अच्छे रिश्ते हैं। देश के प्रधानमंत्री हैं और उनके नेतृत्व में ही हम काम कर रहे हैं। आप उनका पूरा इंटरव्यू इस लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं।
अगर तीसरा सीजन प्रह्लाद चाचा का रोल निभाने वाला फैसल मलिक का था तो यह सीजन तृप्ति साहू का है। लेकिन याद रहे, गांव केवल राजनीति का अखाड़ा ही नहीं है।
हिंदी वेब सीरीज पंचायत का चौथा सीजन रिलीज हो चुका है और वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपना रिव्यु भी दिया है। उन्होंने लिखा, पंचायत का चौथा सीजन निपटा दिया। कहानी कहां से शुरु हुई और कहां पहुंच गई। फुलेरा गांव की मासूमियत कहीं खो गई।
जो राजनीति हमारे आसपास चौबीसों घंटे रहती है, अब पूरी कहानी केवल और केवल उसी राजनीति के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई। ऐसे कम ही मौके आए जब देखते हुए चेहरे पर हँसी आई हो। हाँ, तब आँंसू जरूर आए जब क्रांति देवी के आपत्तिजनक आरोप के बाद विकास की पत्नी खुशबू फूट-फूट कर रोने लगी।
कमाल का अभिनय किया तृप्ति साहू ने। अगर तीसरा सीजन प्रह्लाद चाचा का रोल निभाने वाला फैसल मलिक का था तो यह सीजन तृप्ति साहू का है। लेकिन याद रहे, गांव केवल राजनीति का अखाड़ा ही नहीं है। राजनीति और चुनाव ही सब कुछ नहीं है। लोग सचिव जी और रिंकी के बीच की केमेस्ट्री भी देखना चाहते हैं और ग्राम्य जीवन की सुंदरता और उसका भोलापन भी।
राजनीति की गंदगी और कीचड़ से अब केवल उबकाई आती है। उम्मीद है पांचवे सीजन में कुछ बात बने।यह तय है कि विधायकजी और बिनोद-बनराकस का डांस अब शादी-ब्याह में भी नजर आएगा। एकदम हिट है।
पंचायत का चौथा सीजन निपटा दिया। कहानी कहां से शुरु हुई और कहां पहुंच गई। फुलेरा गांव की मासूमियत कहीं खो गई। जो राजनीति हमारे आसपास चौबीसों घंटे रहती है, अब पूरी कहानी केवल और केवल उसी राजनीति के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई। ऐसे कम ही मौके आए जब देखते हुए चेहरे पर हँसी आई हो। हाँ,… pic.twitter.com/JYch9HVtVG
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) June 29, 2025
आपातकाल के दौरान किया गया 42वां संविधान संशोधन संविधान के मूल आत्मा को बदलने का एक प्रयास था। इसके मूल में एकदलीय प्रणाली को स्थापित करने की मंशा थी।
कांग्रेस सरकार द्वारा 1975 से 1977 तक लगाया गया आपातकाल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला अध्याय है। उस दौर में इंदिरा सरकार ने संविधान की मूल भावना को दरकिनार कर लोकतंत्र के आत्मा, संवैधानिक संस्थाओं, प्रेस की स्वतंत्रता, न्यायपालिका की निष्पक्षता और नागरिक अधिकारों पर आघात किया। इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने भी आज यानी 25 जून 2025 को आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर अपनी पीड़ा व्यक्त की।
उन्होंने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट कर लिखा, 50 साल हो गए। आज के दिन Press Freedom छीन ली गई थी। इंदिरा गांधी ने Censorship लागू कर दी। अखबारों की बिजली काट दी। कई Newspapers के दफ्तरों पर पुलिस ने ताले लगा दिये। कई पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया। उस ज़माने में सिर्फ अखबार ही source of information थे। TV और Radio सरकारी थे। मैं student था। 17 साल की उम्र में अभिव्यक्ति की आज़ादी पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं हुआ। परिस्थितियों ने मुझे untrained journalist बना दिया।
मैंने और विजय गोयल ने underground हो कर एक cyclostyled पर्चा निकालना शुरू किया। लोग सच जानने के लिए तरस गए थे। 'मशाल' की demand बढ़ने लगी। एक रात को पुलिस आई और मुझे अख़बार निकालने के इल्ज़ाम में हथकड़ी लगाकर घसीटते हुए ले गई। पुलिस थाने में जो टॉर्चर हुआ उसके निशान 50 साल बाद भी मेरे पैरों पर दिखाई देते हैं। फिर कई महीने जेल में रहना पड़ा। पर वो कहानी फिर कभी।
आपको बता दें, आपातकाल के दौरान किया गया 42वां संविधान संशोधन संविधान के मूल आत्मा को बदलने का एक प्रयास था। इसके मूल में एकदलीय प्रणाली को स्थापित करने की मंशा थी। यह एक तरह से संविधान को ही बदलने का प्रयास था।
50 साल हो गए. आज के दिन Press Freedom छीन ली गई थी. इंदिरा गांधी ने Censorship लागू कर दी. अखबारों की बिजली काट दी. कई Newspapers के दफ्तरों पर पुलिस ने ताले लगा दिये. कई पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया. उस ज़माने में सिर्फ अखबार ही source of information थे. TV और Radio सरकारी…
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) June 25, 2025
अलग-अलग तरह के समाचार सामने आ रहे हैं। जिस यादव व्यक्ति को कथा कहने की वजह से पीटने का समाचार आया था, उसके बारे में जानकारी आ रही है कि हिस्ट्रीशीटर था।
इटावा में कथावाचकों की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दावा किया गया है कि पहले उन्हें कथा करने के लिए बुलाया गया, फिर उनकी जाति पूछी गई और उसके बाद पिटाई की गई। इतने से भी मन नहीं भरा तो उनका मुंडन कर दिया गया।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और सरकार से एक मांग की। उन्होंने लिखा, इटावा पुलिस को घटना का सच सामने लाना चाहिए। अलग-अलग तरह के समाचार सामने आ रहे हैं। जिस यादव व्यक्ति को कथा कहने की वजह से पीटने का समाचार आया था, उसके बारे में जानकारी आ रही है कि, हिस्ट्रीशीटर था, चरित्र ठीक नहीं था।
पहचान बदलकर यह कर रहा था और किसी आपत्तिजनक बात के कहने की वजह से यह सब हुआ। हर हाल में इसका सच सामने आना चाहिए। किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। आपको बता दें, पुलिस का कहना है कि इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और इसमें बाल काटने वाला आरोपी भी शामिल है।
इटावा पुलिस को घटना का सच सामने लाना चाहिए। अलग-अलग तरह के समाचार सामने आ रहे हैं। जिस यादव व्यक्ति को कथा कहने की वजह से पीटने का समाचार आया था, उसके बारे में जानकारी आ रही है कि, हिस्ट्रीशीटर था, चरित्र ठीक नहीं था। पहचान बदलकर यह कर रहा था और किसी आपत्तिजनक बात के कहने की वजह… pic.twitter.com/lUtArH9IeA
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) June 24, 2025
भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन केएल राहुल और ऋषभ पंत की शतकीय पारियों के दम पर भारत ने अपनी पकड़ मजबूत की।
भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरी पारी में शानदार शतक जड़कर खूब महफिल लूटी। न्होंने 247 गेंद पर 137 रन बनाए, जिसमें कुल 18 चौके शामिल रहे। उनकी इस शानदार बल्लेबाजी की वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी सराहना की।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, पिछले कुछ समय से वह तकनीकी रूप से भारत के सबसे अच्छे संगठित बल्लेबाज रहे हैं। क्रम में ऊपर और नीचे धकेले जाने के बाद, अब वह टीम में वरिष्ठ खिलाड़ी के रूप में अपनी प्रतिभा को लगातार अच्छे प्रदर्शन में बदल रहे हैं।
सुपर सेंचुरी के लिए सराहना की जानी चाहिए। इंग्लैंड में खेलने का क्लासिक तरीका जहां कौशल यह जानने में निहित है कि आपका ऑफ स्टंप कहां है। आपको बता दें, भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन केएल राहुल और ऋषभ पंत की शतकीय पारियों के दम पर भारत ने अपनी पकड़ मजबूत की। टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 371 रन का लक्ष्य दिया है।
Take a bow @klrahul ! Has been India’s technically best organised batsman for a while.. after being pushed up and down the order, now he is turning his talent into consistent performance as the senior player in the side. Deserves to be applauded for a super century: classic way…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) June 23, 2025
ईरानी दूतावास के उप प्रमुख मोहम्मद जावेद हुसैनी ने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो भारतीयों को ईरान से वापस लाने के लिए आने वाले दिनों में और उड़ानें संचालित की जा सकती हैं।
ईरान ने एक विशेष कदम उठाते हुए लगभग एक हजार भारतीय नागरिकों को मशहद शहर से निकालने के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोल दिया है। इन भारतीय नागरिकों में अधिकांश छात्र शामिल हैं। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा का कहना है कि यह पीएम मोदी की एक कूटनीतिक जीत है।
उन्होंने कहा, ईरान में लगभग 6 हज़ार भारतीय नागरिक रहते हैं। इनमें से आधे के करीब छात्र हैं। इन सबको स्वदेश लाने के लिए सरकार ने ऑपरेशन सिंधु शुरू किया है। ईरान चलती जंग के बीच अपना एयरस्पेस भारत के लिए खोल दे, ये भारत की कूटनीति की ताकत का बड़ा सबूत है।
युद्ध के मैदान से ये खबर किसी को भी हैरान करेगी कि ईरान ने न सिर्फ एयरस्पेस खोला, बल्कि भारतीय छात्रों को वापस पहुंचाने के लिए अपने विमान भी दिए। ईरान की ये पहल जवाब है उन लोगों को, जो कहते थे कि मोदी की नेतन्याहू से दोस्ती की वजह से ईरान नाराज़ है। अब ये साबित हो गया कि ईरान न सिर्फ भारत का दोस्त है, बल्कि भारत के लिए असाधारण कदम उठाने को भी तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये बड़ी उपलब्धि है।
ये भारत के तिरंगे का कमाल है। आपको याद होगा, कई साल पहले जब भारतीय छात्र यूक्रेन में फंस गए थे, तो मोदी ने जेलेंस्की और पुतिन दोनों से बात करके थोड़ी देर के लिए युद्ध रुकवाया था,और भारतीय छात्रों को सेफ पैसेज दिलवाया था। मुझे याद है उस समय पाकिस्तान के बहुत से छात्र भी भारतीय तिरंगे का सहारा लेकर यूक्रेन से बाहर निकले थे।
आपको बता दें, ईरानी दूतावास के उप प्रमुख मोहम्मद जावेद हुसैनी ने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो भारतीयों को ईरान से वापस लाने के लिए आने वाले दिनों में और उड़ानें संचालित की जा सकती हैं।
कई सोशल मीडिया अकाउंट्स ने दावा किया है कि ऑपरेशन के दौरान ईरान के खिलाफ विमान लॉन्च करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग किया गया था।
प्रेस सूचना ब्यूरो की तथ्य-जांच इकाई ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उन दावों को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका ने 21 जून को ईरान पर हवाई हमले के दौरान भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया था। पीआईबी ने इन रिपोर्टों को "फर्जी" करार देते हुए स्पष्ट किया कि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के दौरान अमेरिकी बमवर्षक विमानों ने भारतीय क्षेत्र में उड़ान नहीं भरी थी।
दरअसल, कई सोशल मीडिया अकाउंट्स ने दावा किया है कि ऑपरेशन के दौरान ईरान के खिलाफ विमान लॉन्च करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग किया गया था। आपको बता दें, एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन ने भी इस मुद्दे पर बात की। उन्होंने पुष्टि की कि अमेरिकी विमानों ने मध्य पूर्व और भूमध्य सागर आधारित मार्ग लिया और भारत सहित दक्षिण एशियाई हवाई क्षेत्र में उड़ान नहीं भरी।
Several social media accounts have claimed that Indian Airspace was used by the United States to launch aircrafts against Iran during Operation #MidnightHammer #PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 22, 2025
❌ This claim is FAKE
❌Indian Airspace was NOT used by the United States during Operation… pic.twitter.com/x28NSkUzEh
रविवार की सुबह ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर लिखा, हमने फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान समेत ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमलों को अंजाम दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान पर अपने हमले पूरे किए हैं। इन हमलों को ईरान ने यूएन चार्टर का उल्लंघन बताया है। इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने भी अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट कर एक बड़ा सवाल पूछा।
एक्स पर की गई इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, क्या आसिम मुनीर अब भी ट्रंप को नोबल शांति पुरस्कार देने की अपनी माँग पर क़ायम हैं? अगर ईरान-अमेरिका युद्ध भड़कता है तो क्या पाकिस्तान अमेरिका को अपने सैनिक ठिकाने, हवाई अड्डे और वायु क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देगा? और पाकिस्तान के इस रुख़ पर चीन की क्या प्रतिक्रिया है?
एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा, ट्रंप ने पहले कहा कि वे दो सप्ताह में तय करेंगे कि ईरान पर हमला करना है या नहीं। इस बीच, अमेरिका के बमवर्षक विमान रवाना हो गए जिनके मूवमेंट के बारे में मीडिया को पता था। आख़िरकार अमेरिका ने ईरान में तीन न्यूक्लियर साइट्स पर बम गिरा दिए। अब ईरान ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
आपको बता दें, ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हमले से यह साफ हो गया है कि वह भी इजरायल के साथ इस जंग में कूद गया है।
ट्रंप ने पहले कहा कि वे दो सप्ताह में तय करेंगे कि ईरान पर हमला करना है या नहीं। इस बीच, अमेरिका के बमवर्षक विमान रवाना हो गए जिनके मूवमेंट के बारे में मीडिया को पता था। आख़िरकार अमेरिका ने ईरान में तीन न्यूक्लियर साइट्स पर बम गिरा दिए। अब ईरान ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) June 22, 2025
इसके विपरीत अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी आए दिन और कम से कम शनिवार को तो एक पोस्ट उर्दू में अवश्य करते हैं। उनके जैसे और भी लोग हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अंग्रेजी सशक्तीकरण करती है। यह शर्मनाक नहीं है और इसे हर बच्चे को सिखाया जाना चाहिए। राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस नहीं चाहते कि गरीब बच्चे यह भाषा सीखें। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने भी अपनी राय व्यक्त की है।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, कई लोग मातृभाषा जानते हुए और उसके बोले जाने की आवश्यकता महसूस करने के बावजूद अपनी विद्वता का प्रदर्शन करने के लिए अंग्रेजी बोलते हैं। अंग्रेजी आज की आवश्यकता है, पर भारत में वह रौब दिखाने और विशिष्ट होने का परिचायक बन गई है।
देश- विदेश में एलीट कहे जाने वाले ऐसे भारतीय खोजना दुर्लभ है,जो मातृभाषा और विशेषकर हिंदी में चार वाक्य लिख भी सकते हों। अगली पोस्ट में उन्होंने लिखा, इस मामले में उद्योगपति अनिल अग्रवाल अपवाद दिखते हैं। वे यदा- कदा अपनी पोस्ट हिंदी में लिखते हैं।
इसके विपरीत अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी आए दिन और कम से कम शनिवार को तो एक पोस्ट उर्दू में अवश्य करते हैं। उनके जैसे और भी लोग हैं। अन्य देशों के लोग भी प्राय: ऐसा करते हैं, लेकिन भारतीय भूले भटके ही। आपको बता दें, राहुल का यह बयान गृह मंत्री अमित शाह की उस टिप्पणी के बाद आया, जिसमें शाह ने कहा था कि इस देश में जो लोग अंग्रेजी बोलते हैं, उन्हें जल्द ही शर्म आएगी।
इस मामले में उद्योगपति अनिल अग्रवाल अपवाद दिखते हैं। वे यदा- कदा अपनी पोस्ट हिंदी में लिखते हैं। इसके विपरीत अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी आए दिन और कम से कम शनिवार को तो एक पोस्ट उर्दू में अवश्य करते हैं। उनके जैसे और भी लोग हैं। अन्य देशों के लोग भी प्राय:…
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) June 21, 2025
क्योंकि सोते हुए व्यक्ति को तो जगाया जा सकता है, लेकिन जो व्यक्ति जागते हुए सोने का नाटक कर रहा हो, उसे कितना भी हिलाइए-डुलाइए, वो आंख नहीं खोलता।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की फोन पर हुई बातचीत को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पुराने अमेरिकी बयान का हवाला देकर गलती की, जिस पर उन्हें माफ़ी मांगनी पड़ी। भाजपा ने उन्हें झूठा बताया। इस मामले पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि अब तो कांग्रेस को किसी पर भरोसा ही नहीं है। उन्होंने एक टीवी डिबेट में कहा, कांग्रेस को किसी की भी बात पर भरोसा ही नहीं है।
ये वो लोग हैं जिनको 2016 में भरोसा ही नहीं था, कह रहे थे सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत दो। 2019 एयर स्ट्राइक हुई तो एयरफोर्स पर इनको भरोसा नहीं था। जब कोविड वैक्सीन आई तो इनको भरोसा नहीं था, यहां तक कि जब कोविड का टीका लगने की बात आई तो कहने लगे कि सैंपल का स्टैटिस्टिकल डाटा दीजिए हमें उसपर भरोसा नहीं है।
चुनाव आयोग पर इनको भरोसा नहीं था, मीडिया पर इनको भरोसा नहीं था। इनके नेता जो इनके द्वारा नामित होकर संसदीय मामलों की विदेश संबंधी समिति के अध्यक्ष हैं यदि वो विदेश संबंधी मामले में भारत का पक्ष रखने गए तो उसपर भरोसा नहीं है। अरे भाई तो भरोसा है किस पर?
हकीकत में आपका खुद पर भरोसा खत्म हो गया है इसीलिए आपको किसी भी बयान को लेकर भरोसा दिलाना संभव ही नहीं है। क्योंकि सोते हुए व्यक्ति को तो जगाया जा सकता है, लेकिन जो व्यक्ति जागते हुए सोने का नाटक कर रहा हो, उसे कितना भी हिलाइए-डुलाइए, वो आंख नहीं खोलता। कहता है मुझे कुछ नहीं दिख रहा, मुझे सिर्फ अंधेरा दिख रहा है।
कांग्रेस को किसी की भी बात पर भरोसा ही नहीं है। ये वो लोग हैं जिनको 2016 में भरोसा ही नहीं था, कह रहे थे सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत दो। 2019 एयर स्ट्राइक हुई तो एयरफोर्स पर इनको भरोसा नहीं था। जब कोविड वैक्सीन आई तो इनको भरोसा नहीं था, यहां तक कि जब कोविड का टीका लगने की बात आई तो… pic.twitter.com/lqYxbTKDlW
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) June 19, 2025