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महान उद्योगपति रतन टाटा अर्थव्यवस्था के आधार स्तंभ थे: ब्रजेश मिश्रा

भारत के महान उद्योगपति रतन टाटा अनंत यात्रा पर निकल गए। देश की औद्योगिक क्रांति के जनक। देश की अर्थव्यवस्था के आधार स्तंभ। कार्यदक्षता के साथ पेशेवर ईमानदारी।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 10 October, 2024
Last Modified:
Thursday, 10 October, 2024
brajeshmishraa


दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार रात निधन हो गया है। 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली। लोग उन्हें यादकर भावुक हो रहे हैं और उनकी उपलब्धियों, उनके व्यक्तित्व को याद कर रहे हैं। दुनिया के कई जाने-माने दिग्गज उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

इस बीच वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और रतन टाटा को याद किया। उन्होंने लिखा, भारत के महान उद्योगपति रतन टाटा अनंत यात्रा पर निकल गए। देश की औद्योगिक क्रांति के जनक। देश की अर्थव्यवस्था के आधार स्तंभ।

कार्यदक्षता के साथ पेशेवर ईमानदारी। अतिशय विनम्रता। शालीनता और सादगी। प्रेम और करुणा से भरे हुए। बेमिसाल व्यक्तित्व।आज के नए अरबपति भले हो रतन टाटा के रास्तों से नही गुजरते लेकिन इस देश में भरोसे का दूसरा नाम टाटा है। सड़क पर टाटा ट्रक और खाने में भी टाटा नमक।

एक भरोसा जो अपने देशवासियों को देकर गए। ऐसे महान रतन टाटा को अलविदा। आप संयुक्त इतिहास का हिस्सा रहेंगे। आपके जाने के बाद आपकी कहानियां बच्चे सुनेगे। हम जैसे पत्रकार आपको एक बेहतर इंसान बताएंगे जो दूसरों से बहुत अलग था। हम सब आपसे प्यार करते हैं। अलविदा। टाटा। आपको बता दें, देश और दुनिया के कई उद्योगपतियों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

 

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शारदा सिन्हा के निधन पर बोलीं रुबिका लियाकत, नहीं टूट पाएगा आपसे ये रिश्ता ?>

कितना अजीब है। मैं उनसे कभी मिली नहीं, न कभी आमना-सामना हुआ फिर भी वो दिल में जगह बनाए हुए थी। आपने भी कई बार इस एहसास को जिया होगा।

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Published - Wednesday, 06 November, 2024
Last Modified:
Wednesday, 06 November, 2024
rubika

पद्म पुरस्कार से सम्मानित बिहार की मशहूर गायिका शारदा सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहीं। मंगलवार को दिल्ली एम्स में उन्होंने देर शाम को आखिरी सांस ली। उनके निधन पर पत्रकार रुबिका लियाकत ने भी सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि आपसे ये रिश्ता कभी टूट नहीं पायेगा।

उन्होंने एक्स पर लिखा, शारदा सिन्हा जी के निधन की जब से ख़बर सुनी है मन बहुत उदास हो गया है। कितना अजीब है। मैं उनसे कभी मिली नहीं, न कभी आमना-सामना हुआ फिर भी वो दिल में जगह बनाए हुए थी। आपने भी कई बार इस एहसास को जिया होगा। सच कहूँ तो मुझे आज से 10-15 सालों पहले तो ये पता ही नहीं था कि छठ क्या है, छठी मइयाँ कौन हैं?

इस का महत्व क्या है? 2009-10 की बात है तब मैं न्यूज़ 24 में काम किया करती थी, उसी साल दिल्ली में छठ पूजा की कवरेज का मुझे मौक़ा मिला। ऑफ़िस में बिहार से ताल्लुक़ रखने वाले बहुत लोग थे, ख़ुद सुप्रिय सर और शाहदाब सर ने ग्राउंड पर जाने से पहले छठ के बारे में तफ़सील से बताया।

सुनने में जितना अग़ल था देखने में उससे ज़्यादा ख़ास। जब मैं यमुना के घाट पर पहुँची तो मंत्रमुग्ध हो गई। जहां तक नज़र जा रही थी महिलाओं का हुजूम था। पहली बार नाक से लेकर माथे तक सिंदूर लगाए महिलाओं को देख अचम्भे में पड़ गई। कभी इधर तो कभी उधर से मर्दों को ईख, फल, सूप ले जाते हुए देख रही थी ये सब कुछ बिजली की गति से मेरी आँखों से आगे बीत रहा था।

मन में हज़ार तरह के प्रश्न उठ रहे थे कि अचानक एक गीत जो कहीं दूर स्पीकर में बज रहा था सीधा कानों के रास्ते रूह में उतर गया। आवाज़ में खनक ऐसी की सब थम गया। वो शारदा सिन्हा ही थीं जिन्होंने छठ से, छठी मइयाँ से एसा रिश्ता बांधा कि हर साल छठ का पर्व आता और गीत के बोल जाने बग़ैर बस धुन मन में बजने लगती।

 

 

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शारदा सिन्हा जी का निधन हम सभी के लिये अपूरणीय क्षति: चित्रा त्रिपाठी ?>

सालों पहले पटना वाले आपके घर पर जाकर मैंने “बेटियाँ” कार्यक्रम आपके साथ रिकॉर्ड किया था। ना जाने कितने अनगिनत गाने आपने मुझे सुनाये थे उस दिन।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 06 November, 2024
Last Modified:
Wednesday, 06 November, 2024
shardasinha

प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। वे दिल्ली एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम गंभीर स्थिति में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनके निधन पर पत्रकार चित्रा त्रिपाठी ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, शारदा सिन्हा जी का निधन हम सभी के लिये अपूरणीय क्षति हैं।

बरसों पुराना रिश्ता रहा आपसे। सालों पहले पटना वाले आपके घर पर जाकर मैंने “बेटियाँ” कार्यक्रम आपके साथ रिकॉर्ड किया था। ना जाने कितने अनगिनत गाने आपने मुझे सुनाये थे उस दिन। माँ सरस्वती का साक्षात आशीर्वाद था आपको। हरा पान खाने की आप ख़ूब शौकीन थीं।

मुझसे बातचीत में कहा कि चित्रा यही एक बुराई है जो मुझसे नहीं छूटती। मैंने प्यार किया फ़िल्म में जब आपने गाना गया - कहे तोसे सजना” इसके बाद आपको फ़िल्म इंडस्ट्री से तमाम ऑफ़र आये। सबने कहा कि बिहार छोड़कर मुंबई में बस जाओ, लेकिन आपने बिहार को नहीं छोड़ा।

शारदा जी आप हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन यकीन मानिये पटना में जब आज आप पंचतत्व में विलीन हो रही होंगी तो ठीक उसी समय वो तमाम छठ व्रती जो देश और दुनिया के किसी भी कोने में होंगे वो आपके गाये हुए छठ गीत को सुनकर आपको अंतिम विदाई दे रहे होंगे।

आप पूरी पोस्ट को इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

 

 

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मदरसा की शिक्षा लेने वाले बच्चों का भविष्य कितना उज्ज्वल: राजीव सचान ?>

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने यह फैसला सुनाया है। यूपी मदरसा बोर्ड की संवैधानिकता बरकरार रखी है।

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Published - Wednesday, 06 November, 2024
Last Modified:
Wednesday, 06 November, 2024
rajeevsachan

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट 2004 को संवैधानिक घोषित किया है और यूपी मदरसा बोर्ड की संवैधानिकता बरकरार रखी है। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ प्रावधानों को छोड़कर 'उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004' की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है।

शीर्ष अदालत ने मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला खारिज करते हुए मदरसों को संवैधानिक मान्‍यता प्रदान कर दी है। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और सवाल पूछा कि आखिर मदरसा जाने वाले बच्चों का भविष्य कितना उज्जवल है?

उन्होंने एक्स पर लिखा, सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा शिक्षा पर मुहर लगा दी। उसके फैसले से मुस्लिम समाज खुश है, लेकिन वास्तव में उसे खुश होने के बजाय यह सोचना चाहिए कि आखिर मदरसा की शिक्षा हासिल करने वाले बच्चों का भविष्य कितना उज्ज्वल है? यदि मदरसा शिक्षा इतनी ही बेहतर है तो फिर संपन्न मुस्लिम परिवार अपने बच्चों को वहां क्यों नहीं पढ़ाते?

आपको बता दें, इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 22 मार्च को यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट को असंवैधानिक बताते हुए सभी छात्रों का दाखिला सामान्य स्कूलों में करवाने का आदेश दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 5 अप्रैल को हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी।

 

 

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लोकतंत्र में लोक का स्वर सुना ही जाना चाहिए: अमिताभ अग्निहोत्री ?>

एक बयान जारी करते हुए कंचन वर्मा ने कहा कि 27000 प्राथमिक विद्यालयों को निकटवर्ती विद्यालयों में विलय करते हुए बंद करने की बात कही जा रही है।

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Published - Wednesday, 06 November, 2024
Last Modified:
Wednesday, 06 November, 2024
amitabh

यूपी में 27 हजार प्राथमिक विद्यालय बंद होने की बात का सरकार ने खंडन कर दिया है। बेसिक शिक्षा की महानिदेशक कंचन वर्मा ने कहा कि मीडिया में जो खबरे चल रही है उनका कोई आधार नहीं है। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने एक्स पर लिखा, शासन ने कम छात्र वाले विद्यालयों का विलय करने का निर्णय वापस ले लिया है। लोकतंत्र में लोक का स्वर सुना ही जाना चाहिए। इस हेतु उत्तर प्रदेश सरकार का आभार। इससे पहले उन्होंने अपने एक ट्वीट में इस निर्णय पर विचार करने के लिए सरकार से कहा था।

उन्होंने लिखा, यूपी में 50 से कम छात्रों वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद करके उसका दूसरे विद्यालयों में विलय करने की योजना पर काम हो रहा है ,यह चर्चा है। गाँव में गरीब के बच्चे क्या घर से 3 -4  किलोमीटर दूर के स्कूल में पढ़ने जा सकते हैं? यह योजना तमाम बच्चों को स्कूली पढाई से दूर कर देगी। स्कूल सुधारिये ,उन्हें बंद या विलय करके घटाइए मत। अब जब इस बात का खंडन हो चुका है तो उन्होंने सरकार का आभार भी व्यक्त किया है।

बता दें, एक बयान जारी करते हुए कंचन वर्मा ने कहा कि 27000 प्राथमिक विद्यालयों को निकटवर्ती विद्यालयों में विलय करते हुए बंद करने की बात कही जा रही है। यह बिल्कुल भ्रामक एवं निराधार है। प्रदेश में किसी भी स्कूल को बंद नहीं किया जा रहा है। 

 

 

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भगवान कनाडाई और बांग्लादेशी नागरिकों को बचाएं: आदित्य राज कौल ?>

हाल ही में हिन्दू मंदिर पर हुए हमले के बाद अब दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ने की करार पर है। कनाडा के हिन्दुओं को आये दिन खालिस्तान समर्थकों के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है।

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Published - Tuesday, 05 November, 2024
Last Modified:
Tuesday, 05 November, 2024
adityaraj

भारत और कनाडा के रिश्तों में धीरे धीरे खटास आती हुई दिखाई दे रही है। हाल ही में हिन्दू मंदिर पर हुए हमले के बाद अब दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ने की करार पर है। कनाडा के हिन्दुओं को आये दिन खालिस्तान समर्थकों के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है। इससे पहले बांग्लादेश में हुई हिंसा में भी बड़े पैमाने पर हिंदुओं को निशाना बनाया गया था।

इस बीच वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कौल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और कहा कि अब तो कनाडा और बांग्लादेश के नागरिकों को भगवान ही बचा सकता है।

उन्होंने एक्स पर लिखा, कनाडा और बांग्लादेश में इस बात को लेकर कड़ी प्रतिस्पर्धा होती दिख रही है कि कौन सा देश पहले पाकिस्तान बनेगा। जस्टिन ट्रूडो और मुहम्मद यूनुस अपने देश में किसी भी लोकतंत्र, सहिष्णुता, कानून के शासन या अल्पसंख्यक अधिकारों को खत्म करने के लिए बेताब हैं। भगवान कनाडाई और बांग्लादेशी नागरिकों को बचाएं।

आपको बता दें, ब्रैम्पटन मंदिर के पुजारी ने एकता का परिचय देने का आग्रह किया और 'बंटोगे तो कटोगे' के नारे लगाए। ब्रैम्पटन मंदिर के पुजारी का कहना था कि अब सबको एक होना पड़ेगा। कनाडा में हिंदुओं को एकजुट होने की जरूरत है। आप एकजुट रहेंगे तो सुरक्षित बने रहेंगे।

 

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हिंदू मंदिरों पर हमले रोकना कनाडा सरकार की जिम्मेदारी: विनोद अग्निहोत्री ?>

घटना के बाद आक्रोशित ब्रैम्पटन मंदिर के पुजारी ने कहा कि खालिस्तान समर्थकों का यह हमला पूरी दुनिया के हिंदुओं पर किया गया हमला है। जरूरत है कि हिंदू एकजुट हों।

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Published - Tuesday, 05 November, 2024
Last Modified:
Tuesday, 05 November, 2024
vinodagnihotri

कनाडा में लगातार हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जाता रहा है। एक बार फिर खालिस्तानी समर्थकों ने हिंदुओं और मंदिरों पर हमले किए हैं। खालिस्तानी मंदिर के परिसर में घुस गए और वहां लाठी-डंडों से लोगों की पिटाई भी की है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और कनाडा सरकार को आड़े हाथ लिया है और कहा कि उन्हें हिन्दू मंदिर पर हमले रोकने होंगे।

उन्होंने एक्स पर लिखा, कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमले बेहद निंदनीय हैं। इन्हें रोकना हमलावरों को क़ानूनी कार्रवाई की ज़द में लाना कनाडा सरकार की ज़िम्मेदारी है। उसे बिना किसी हीला हवाली के ये दोनों काम करने चाहिए। देश के सभी समुदायों दलों वर्गों को एक स्वर से इनकी निंदा करके भारतीयता को मज़बूत करना होगा।

आपको बता दें, ट्रूडो ने कहा है कि कनाडा में हर व्यक्ति को अपने विश्वास का स्वतंत्र और सुरक्षित रूप से पालन करने का अधिकार है। जस्टिन ट्रूडो ने आगे समुदाय की सुरक्षा और इस घटना की जांच के लिए त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए पील क्षेत्रीय पुलिस को धन्यवाद कहा है।

घटना के बाद आक्रोशित ब्रैम्पटन मंदिर के पुजारी ने कहा कि खालिस्तान समर्थकों का यह हमला पूरी दुनिया के हिंदुओं पर किया गया हमला है। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि हिंदू एकजुट हों, अगर हम एकजुट नहीं होंगे तो सुरक्षित नहीं रह सकते।

 

 

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इस मसले पर बोले सुशांत सिन्हा, हिंदू का वोट सबको चाहिए पर चिंता किसी को नहीं ?>

खालिस्तानी समर्थकों ने ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में भक्तों के एक समूह को निशाना बनाया है। इस घटना से हिंदुओं में बड़े स्तर पर आक्रोश फैल गया है।

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Published - Tuesday, 05 November, 2024
Last Modified:
Tuesday, 05 November, 2024
canada

कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की हिमाकत लगातार बढ़ रही है। वो खुलेआम भारत के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं। यहां तक कि हिंदुओं और मंदिरों पर हमले भी कर रहे हैं। इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिन्हा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और हिन्दुओं की इस दशा को लेकर अपना रोष प्रकट किया।

उन्होंने एक्स पर लिखा, हिंदू का वोट सबको चाहिए पर बांग्लादेश से लेकर कनाडा तक में हिंदुओं के साथ कुछ हो जाए तो इस देश के कुछ नेताओं के मुंह से चूं तक नहीं निकलती। अभी फिलिस्तीन में कुछ हो जाए तब देखिएगा कैसे छाती पीटते सब बाहर आ जाएंगे। 100 करोड़ से ज्यादा हिंदुओं वाले देश में ये है हिंदू वोट की कीमत।

आपको बता दें, खालिस्तानी समर्थकों ने ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में भक्तों के एक समूह को निशाना बनाया है। इस घटना से हिंदुओं में बड़े स्तर पर आक्रोश फैल गया है। प्रदर्शकारी जबरन परिसर में घुस गए और मंदिर प्रशासन के सदस्यों और श्रद्धालुओं पर हमला बोल दिया। उन्होंने महिलाओं व बच्चों को भी बेरहमी से पीटा। खुद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सामने आए और घटना की निंदा की।

 

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कनाडा में पूजा स्थल पर खालिस्तान समर्थकों का हमला, सुधीर चौधरी का फूटा गुस्सा ?>

वायरल हो रहे वीडियो में दिखाई देता है कि हिंदू मंदिर के सामने पहले खालिस्तान समर्थकों की टोली गाड़ियों से आती है और वहां एकत्रित लोगों के साथ मारपीट करती है।

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Published - Tuesday, 05 November, 2024
Last Modified:
Tuesday, 05 November, 2024
sudhir

कनाडा के ब्रैम्पटन में एक हिंदू पूजा स्थल पर खालिस्तान समर्थकों की तरफ से हमला किया गया है। वायरल हो रहे वीडियो में दिखाई देता है कि हिंदू मंदिर के सामने पहले खालिस्तान समर्थकों की टोली गाड़ियों से आती है और खालिस्तानी झंडों के साथ वहां एकत्रित लोगों के साथ मारपीट करती है।

वहां की पुलिस की बीच-बचाव करती दिखती है। इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है।

उन्होंने एक्स पर लिखा, कनाडा से लेकर बांग्लादेश तक, हिंदू अल्पसंख्यकों को हमलों का सामना करना पड़ता है, फिर भी वैश्विक स्तर पर उदारवादी अक्सर उनकी दुर्दशा को नजरअंदाज कर देते हैं। अल्पसंख्यक अधिकारों की कहानी हिंदुओं तक क्यों नहीं फैलती?

आपको बता दें, कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हुए हमले को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त लहजे में प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि ऐसे कृत्य भारत के संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर हमला किया गया है और वह इसकी निंदा करते हैं।

 

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ईरान की महिलाओं के संघर्ष पर छद्म नारीवादी मौन क्यों: ऋचा अनिरुद्ध ?>

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना शनिवार की है और लड़की ने देश के सख्त इस्लामी ड्रेस कोड के खिलाफ विरोध में अपने कपड़े उतारे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 05 November, 2024
Last Modified:
Tuesday, 05 November, 2024
iranhijab

एक ईरानी लड़की को यूनिवर्सिटी कैंपस में अपने कपड़े उतारने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है।  मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना शनिवार की है और लड़की ने देश के सख्त इस्लामी ड्रेस कोड के खिलाफ विरोध में अपने कपड़े उतारे।

ऐसा माना जा रहा है कि, हिजाब के खिलाफ ईरान की महिलाओं के संघर्ष को लेकर उस लड़की ने ऐसा किया। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने एक्स पर लिखा, जो छद्म नारीवादी भारत में 'क्या पहनना है चुनने की आज़ादी' के नाम पर हिजाब को जस्टिफाय करने में लगी थीं वो हिजाब के खिलाफ ईरान की महिलाओं के संघर्ष पर कैसे मौन हैं? चाहती तो वो यही हैं कि भारत को भी ईरान बना दें पर यहां की 'असली नारीवादी' ऐसा होने नहीं देंगी।

आपको बता दें, ईरान की तेहरान आज़ाद विश्वविद्यालय की जिस प्रदर्शनकारी महिला का वीडियो दुनिया भर में वायरल हुआ और चर्चा का सबब बना, उसे ईरानी सरकार ने मानसिक रूप से बीमार बताया है। आज़ाद विश्वविद्यालय के जनसंपर्क निदेशक आमिर महज़ॉब ने पब्लिकली कहा कि महिला अपने पति से अलग रहती है, दो बच्चों की मां है और ‘मानसिक तौर पर बीमार’ है।

 

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IPL ने घरेलू क्रिकेट की चमक पूरी तरह छीन ली: राजदीप सरदेसाई ?>

न्यूजीलैंड की टीम भारत के खिलाफ जीत की हैट्रिक लगाकार WTC पॉइंट्स टेबल में पांचवे से चौथे स्थान पर पहुंच गई है। टीम के खाते में 54.54 प्रतिशत अंक है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 04 November, 2024
Last Modified:
Monday, 04 November, 2024
rajdeep

रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में ऐताहिसिक क्लीन स्वीप झेलनी पड़ी। स्पिनर एजाज पटेल ने मुंबई टेस्ट में 11 विकेट चटकाए। भारत का पहली बार घर पर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में सूपड़ा साफ हुआ है।

इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने एक्स पर लिखा, जबकि वास्तविक क्रिकेट प्रशंसक कीवी टीम से 3-0 की हार के बाद गुस्सा जाहिर कर रहे हैं, आश्चर्यचकित न हों अगर कुछ दिनों में हम क्रिकेट के बारे में कम और आईपीएल रिटेंशन और नीलामी के बारे में अधिक बात करें।

हम यह बात करें कि किस खिलाड़ी को किसने कितने में खरीदा है? एक तरह से आईपीएल भारतीय क्रिकेट के लिए वरदान और अभिशाप दोनों रहा है। नई प्रतिभा और धन सृजन के लिए बेहतरीन मंच लेकिन इसने घरेलू क्रिकेट की चमक भी लगभग पूरी तरह छीन ली। सहमत होना?

आपको बता दें, टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में यह पहला मौका है जब भारत घर में कोई तीन मैच की सीरीज 3-0 से हारी हो। न्यूजीलैंड की टीम भारत के खिलाफ जीत की हैट्रिक लगाकार WTC पॉइंट्स टेबल में पांचवे से चौथे स्थान पर पहुंच गई है। टीम के खाते में 54.54 प्रतिशत अंक है।

 

 

 

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