24 सितंबर को दिए गए आदेश के जवाब में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया एफिडेविट, मांगी तीन महीने की और मोहलत
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर लगाम कसने की कवायद तेज कर दी है। इस बारे में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह जनवरी 2020 तक सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए नए नियमों को अंतिम रूप दे देगी और इन्हें अधिसूचित भी करेगी। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस बारे में नियमों का मसौदा तैयार है, लेकिन अभी अन्य मंत्रालयों से चर्चा किए जाने की जरूरत है।
इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा दायर इस एफिडेविट में कहा गया कि नए नियमों को लेकर सलाह व सुझाव मांगे जा रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों सहित अन्य हितधारकों के साथ ही कई दौर की बैठक भी हो चुकी है।
इस एफिडेविट में कहा गया है, ‘पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल में भारी इजाफा हुआ है और इंटरनेट दरें कम होने से, स्मार्ट फोन की उपलब्धता व बहुलता के कारण ज्यादा से ज्यादा लोग इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। लिहाजा, इसे लेकर कड़े नियम बनाने की दरकार है क्योंकि इससे व्यक्तिगत अधिकार और देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा पर खतरा बढ़ता जा रहा है।’
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया के लिए नियम बनाने को लेकर समय सीमा तय करने के लिए 24 सितंबर को सरकार से तीन हफ्ते के भीतर एफिडेविट जमा करने के लिए कहा था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि नियमों को राज्यों की संप्रभुता और लोगों की प्राइवेसी के बीच समन्वय बनाने वाला होना चाहिए।
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अमेरिका की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी ‘गूगल’ (Google) ने ऑस्ट्रेलिया सरकार के उस फैसले पर आपत्ति जताई है, जिसमें टेक्नोलॉजी कंपनियों को अपनी रॉयल्टी न्यूज पब्लिशर्स के साथ शेयर करने की बात कही गई है। इसके साथ ही ‘गूगल’ ने चेतावनी दी है कि यदि ऑस्ट्रेलिया सरकार अपने फैसले पर अडिग रहती है तो वह देश में अपनी सर्च इंजन सर्विस को बंद कर सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया सरकार गूगल, फेसबुक सहित कई टेक कंपनियों पर कानून ला रही है, जिसके तहत ये कंपनियां न्यूज पब्लिशर्स का कंटेंट दिखाकर जो कमाई कर रही हैं, उसमें से कुछ शेयर इन न्यूज पब्लिशर्स को देना होगा। ऑस्ट्रेलिया की सरकार के इस फैसले का तमाम टेक्नोलॉजी कंपनियां विरोध कर रही हैं।
गूगल का कहना है कि अगर इस तरह का कानून बन जाता है तो उसके पास ऑस्ट्रेलिया से अपनी सर्च इंजन सर्विस को वापस लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) का कहना है कि सरकार अपने फैसले पर अडिग है इस तरह की धमकियों पर प्रतिक्रिया नहीं देगी।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।इससे पहले अक्टूबर 2020 में दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के अधिकारियों को डाटा सुरक्षा और प्राइवेसी के मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।
सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने फेसबुक और ट्विटर के अधिकारियों को 21 जनवरी को तलब किया है। इस दौरान सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने को लेकर बातचीत की जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 21 जनवरी की शाम चार बजे होने वाली संसदीय समिति की अगली बैठक में नागरिक अधिकार की सुरक्षा और इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग रोकने को लेकर फेसबुक और ट्विटर के अधिकारियों के विचार सुने जाएंगे।
बैठक में डिजिटल स्पेस में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर भी विशेष जोर दिया जाएगा। कांग्रेस सांसद शशि थरूर सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं। गौरतलब है कि इससे पहले अक्टूबर 2020 में दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के अधिकारियों को डाटा सुरक्षा और प्राइवेसी के मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।
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अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप ‘वॉट्सऐप’ (WhatsApp) को तमाम आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में फेसबुक के स्वामित्व वाले इस ऐप ने प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट को तीन महीनों के लिए स्थगित कर दिया है।
बता दें कि वॉट्सऐप ने पिछले दिनों अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट किया था। वॉट्सऐप का कहना था कि नई प्राइवेसी पॉलिसी न अपनाने पर यूजर का वॉट्सऐप अकाउंट आठ फरवरी 2021 को सस्पेंड अथवा डिलीट हो जाएगा। वॉट्सऐप के इस फैसले की काफी निंदा हो रही थी। नई प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) भी दायर की गई है।
हालांकि, वॉट्सऐप ने यूजर्स को यह समझाने का प्रयास किया कि उनकी (यूजर्स की) पर्सनल चैट बिल्कुल प्राइवेट रहेंगी, लेकिन लोगों के बीच इस बात को लेकर भरोसा जगाने में वॉट्सऐप को कोई मदद नहीं मिली।
अपने एक ब्लॉग में वॉट्सऐप का कहना था, ‘हमें पता चला है कि हमारे अपडेट को लेकर लोगों में काफी भ्रम है। तमाम गलत जानकारियों के कारण यह चिंता हो रही है, लेकिन हम लोगों को सच्चाई और अपने सिद्धांतों के बारे में बताना चाहते हैं।’
वॉट्सऐप का कहना था, ’वॉट्सऐप को इस विचार के साथ तैयार किया गया था कि आप अपने दोस्तों और परिवार को जो शेयर करते हैं, वह सिर्फ आपके बीच रहता है। इसका मतलब है कि हम हमेशा आपकी व्यक्तिगत बातचीत को एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ सुरक्षित रखेंगे ताकि वॉट्सऐप या फेसबुक इन प्राइवेट मैसेजों को न देख सकें। हम आपकी शेयर लोकेशन भी नहीं देख सकते हैं और हम आपके कॉन्टैक्ट्स फेसबुक के साथ शेयर नहीं करते हैं।’
कंपनी के अनुसार, ‘ताजा अपडेट्स में इनमें से कुछ भी नहीं बदल रहा है। अपडेट में नए विकल्प शामिल किए गए हैं, जिसके तहत लोग वॉट्सऐप पर बिजनेस ग्रुप्स को मैसेज कर सकेंगे, इससे पारदर्शिता आएगी कि हम डाटा को कैसे एकत्रित करते हैं और कैसे उसका इस्तेमाल करते हैं। आप यह जान सकते हैं कि आपकी कौन सी जानकारी प्राइवेट रहती है और कौन सी जानकारी को फेसबुक के साथ शेयर किया जाता है। हम जो जानकारी शेयर करते हैं उससे हमें यूजर्स को बेहतर एक्सपीरियंस देने और सुरक्षा को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। अभी हर कोई वॉट्सऐप पर खरीदारी नहीं करता है, लेकिन हमें लगता है कि आने वाले समय में ज्यादा यूजर्स वॉट्सऐप पर खरीदारी करेंगे और लोगों को इन सर्विसेज के बारे में पता चलना जरूरी है।’
वॉट्सऐप का कहना है, ’हम फिलहाल प्राइवेसी अपडेट को स्थगित कर रहे हैं। यानी, इस प्राइवेसी अपडेट को लेकर आठ फरवरी को किसी भी वॉट्सऐप अकाउंट को सस्पेंड अथवा डिलीट नहीं किया जाएगा। वॉट्सऐप पर प्राइवेसी और सिक्योरिटी कैसे काम करती है, इसके बारे में गलत जानकारी को दूर करने के लिए हम बहुत कुछ करने जा रहे हैं। अब फरवरी की जगह मई में नई पॉलिसी को लॉन्च किया जाएगा।’
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दुनिया भर में पत्रकारों को कई बार बड़े ही मुश्किल भरे हालातों में भी काम करना पड़ता है, लिहाजा इसके चलते कई बार हादसे भी हो जाते हैं। कनाडा के एक पत्रकार के साथ रिपोर्टिंग के दौरान कुछ इस तरह का वाक्या हो सकता था, लेकिन वह खुद को संभालने में कामयाब रहते हैं और चोटिल होने से बाल-बाल बच जाते हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दरअसल, यह वीडियो कनाडा स्थित सीटीवी टोरंटो के संवाददाता अनवर नाइट का है। अपनी हालिया रिपोर्ट में अनवर गिरते तापमान के बारे में बात कर रहे थे, जब उन्होंने मौसम की जानकारी देने के लिए पहाड़ी पर कदम रखा, तो उनका पांव फिसल गया और वह ढलान की तरफ फिसलने लगे। वीडियो देखने से लगता है कि किसी भी क्षण उनके साथ कोई दुर्घटना घट सकती थी, लेकिन जिस तरह से वह न केवल खुद को संभालते हैं, बल्कि लाइव टीवी पर रिपोर्टिंग भी करते हैं, वह काबिल-ए-तारीफ है।
इस घटना के बाद पत्रकार अनवर नाइट ने भी अपने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को साझा किया है। अनवर ने इस वीडियो को साझा कर लिखा है कि वही हुआ जिसका मुझे पहले से ही अनुमान था। लाइव टीवी के दौरान रिपोर्टिंग का यह वीडियो वायरल हो गया है।
No sled - no problem! My downhill forecast went surprisingly well LIVE on @CTVToronto I hope it makes you ? #winterfun #LIVETV #winter pic.twitter.com/p4eKvaX4bO
— Anwar Knight (@AnwarKnight) January 12, 2021
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बढ़ते इस्तेमाल के चलते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स लगातार नए-नए बदलाव कर रहे हैं। फिर चाहे वह फेसबुक हो, वॉट्सऐप या फिर इंस्टाग्राम...
बढ़ते इस्तेमाल के चलते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स लगातार नए-नए बदलाव कर रहे हैं। फिर चाहे वह फेसबुक हो, वॉट्सऐप या फिर इंस्टाग्राम... ये सभी कंपनियां यूजर्स की जरूरत और अपने फायदे के हिसाब से लगातार कुछ नया अपडेट्स करती रहती हैं। इस बीच अब फेसबुक ने एक बड़ा बदलाव किया है। दरअसल फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म पर दिए गए पब्लिक पेज से लाइक बटन को हटा दिया है।
फेसबुक ने ऐसा इसलिए किया है, क्योंकि उसका मानना है कि लाइक बटन के हटाने से पब्लिक पेज के फॉलोअर्स और बढ़ेंगे। आपको बता दें कि अब तक किसी भी सेलिब्रिटी जैसे कलाकार, नेता और किसी संस्थान के फेसबुक पेज पर यूजर्स को फॉलो के अलावा लाइक करने का बटन भी मिलता था, लेकिन नए अपडेट के बाद अब आपको लाइक का बटन नहीं मिलेगा, बल्कि किसी भी पब्लिक फेसबुक पेज पर सिर्फ फॉलो का बटन ही मिलेगा। हालांकि आप पहले की तरफ किसी पोस्ट को लाइक भी कर सकते हैं। फेसबुक ने अपने ऑफिशियल ब्लॉग पर इस बारे में जानकारी दी है।
वहीं इस बदलाव से पहले फेसबुक ने अपने यूजर्स के लिए लाइव चैट फीचर लॉन्च किया, जिसमें यूजर्स Messenger Rooms के जरिए 50 लोगों के साथ लाइव जुड़ सकते हैं। इसके अलावा आप ग्रुप में रूम को ब्रॉडकास्ट भी कर सकते हैं। हालांकि ऐसा करने के लिए पहले आपको चैट रूम बनाना होगा। क्रिएट किए गए चैट रूम की मदद से आप सीधे लाइव जा सकते हैं। आप इसमें किसी को ऐड होने के लिए इनवाइट भी कर सकते हैं, फिर चाहे उस व्यक्ति के पास अपना फेसबुक अकाउंट न भी हो, तो भी आप उसे इनवाइट भेज पाएंगे। इसके अलावा चैट क्रिएटर्स ये खुद डिसाइड कर पाएंगे कि आपकी लाइव चेट को कौन देख सकता है और कौन नहीं। Rooms के सभी यूजर्स को लाइव ब्रॉडकास्ट में शामिल होने के लिए एक नोटिफिकेशन जाएगा, जिसके बाद उनके पास भी ब्रॉडकास्ट में शामिल होने या न होने का विकल्प रहेगा।
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बेंगलुरु स्थित सोशल नेटवर्क कंपनी ‘शेयरचैट’ (ShareChat) 200 मिलियन डॉलर से ज्यादा का फंड जुटाने के लिए अमेरिका की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियों ‘गूगल’ (Google) और ‘स्नैप’ (Snap) से बातचीत कर रही है। इसके बाद कंपनी की वैल्यू एक बिलियन से ज्यादा हो जाएगी। कंपनी के निवेशकों की लिस्ट में ‘ट्विटर’ (Twitter) पहले से शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बातचीत अभी शुरुआती स्तर पर है और इसमें सौदे की शर्तों में बदलाव हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, नया फाइनेंशियल राउंड Series E 200 मिलियन डॉलर से ज्यादा हो सकता है और इसमें अकेले गूगल 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा निवेश कर सकता है।
अब तक, शेयरचैट ने लगभग 264 मिलियन डॉलर जुटाए हैं और पिछले साल इसका मूल्य लगभग 700 मिलियन डॉलर था। बता दें कि वर्ष 2020 में खबर आई थी कि गूगल कथित तौर पर शेयरचैट को खरीदने पर विचार कर रहा है। हालांकि यह डील परवान नहीं चढ़ सकी थी।
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माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ‘ट्विटर’ (Twitter) ने सोशल ब्रॉडकास्टिंग ऐप ‘ब्रेकर’ (Breaker) का अधिग्रहण कर लिया है। हालांकि, इस सौदे की वित्तीय शर्तों का खुलासा नहीं किया गया है।
ब्रेकर के अनुसार, इस अधिग्रहण के बाद वह अपने ऐप और वेबसाइट को 15 जनवरी 2021 को बंद कर देगा और उसकी टीम ट्विटर को जॉइन कर लेगी। अपने ब्लॉग में ब्रेकर का कहना है कि लोग अब अपने सबस्क्रिप्शंस को अन्य पॉडकास्ट ऐप में ट्रांसफर कर सकते हैं।
ब्रेकर के सीईओ एरिक बर्लिन (Erik Berlin) ने अपने ब्लॉग में लिखा, ‘हम इस बात को लेकर काफी उत्साहित हैं कि ब्रेकर की टीम ट्विटर को जॉइन कर रही है। हम वास्तव में ऑडियो कम्युनिकेशन को लेकर काफी उत्साहित हैं और ट्विटर दुनिया भर के लोगों के लिए जिस तरह से सार्वजनिक बातचीत की सुविधा प्रदान कर रहा है, उससे हम काफी प्रेरित हैं।’
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘शेयरचैट’ (ShareChat) ने अजीत वर्गीज को चीफ कॉमर्शियल ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है। वह ‘शेयरचैट’ के सीओओ और को-फाउंडर फरीद अहसान (Farid Ahsan) को रिपोर्ट करेंगे।
अजीत को मीडिया, क्रिएटिव, डिजिटल, डाटा, कंटेंट, स्पोर्ट्स और परफॉर्मेंस के क्षेत्र में काम करने का 25 साल से ज्यादा का अनुभव है। ‘शेयरचैट’ को जॉइन करने से पहले अजीत ‘वेवमेकर’ (Wavemaker) में ग्लोबल प्रेजिडेंट के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
अजीत वर्गीज की नियुक्ति पर फरीद अहसान का कहना है, ‘ब्रैंड मार्केटिंग और मुद्रीकरण पर शेयरचैट का मुख्य फोकस होने जा रहा है। नेतृत्व क्षमता के साथ अजीत को मीडिया, मार्केटिंग और एडवर्टाइजिंग के क्षेत्र का काफी अनुभव है। शेयरचैट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में हमें उनके अनुभव का लाभ मिलेगा।’
वहीं, अजीत वर्गीज का कहना है, ‘मेरा मानना है कि अगले कुछ वर्षों में शेयरचैट हर ब्रैंड के लिए मजबूत भागीदार के रूप में विकसित होगा। नए डिजिटल युग के अनावरण में शेयरचैट सबसे आगे रहेगा।’
अजीत ने ‘ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी’ (Orissa University of Agriculture and Technology) से एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग करने के बाद, भुवनेश्वर के ‘जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट’ (Xavier Institute of Management) से पढ़ाई की है। भारत के अलावा अजीत सिंगापुर और लंदन में भी काम कर चुके हैं।
वर्गीज मैक्सस (Maxus) से WPP में आए थे, जहां उनका अंतिम पद सीईओ एशिया पैसिफिक का था। वह सात साल के कार्यकाल के बाद मैडिसन वर्ल्ड (Madison World) के सीओओ के पद से इस्तीफा देने के बाद ही साल 2006 में मैक्सस के साथ जुड़े थे।
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न्यूज कंटेंट के लिए ऑस्ट्रेलिया में गूगल और फेसबुक को भुगतान करना पड़ सकता है। इस संदर्भ में बुधवार को ऑस्ट्रेलिया सरकार संसद में प्रस्ताव पेश करने जा रही है।
वित्त मंत्री जोश फ्रायडेनबर्ग ने कहा है कि न्यूज कंटेंट के संबंध में यह मसौदा संसदीय समिति में गहनता के साथ तथ्यों को देखने के बाद सांसदों के मतदान के लिए संसद में अगले वर्ष पेश किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह मीडिया की दुनिया में बहुत बड़ा परिवर्तन है और पूरी दुनिया हमारी तरफ देख रही है। जुलाई में इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन अब उसमें कुछ परिवर्तन किया गया है। संशोधन मीडिया प्लेटफॉर्म और ऑस्ट्रेलिया के मीडिया संगठनों से राय लेने के बाद किए गए हैं।
वित्तमंत्री ने बताया कि वर्तमान में ऑनलाइन विज्ञापनों पर गूगल का 53 फीसद और फेसबुक का 23 फीसद हिस्सा बना हुआ है।
ज्ञात हो कि फेसबुक ने पहले ही चेतावनी दे दी है कि वह न्यूज कंटेंट का भुगतान करने से बेहतर ऑस्ट्रेलिया की खबरों को अपने प्लेटफॉर्म पर रोकना चाहेगा। गूगल ने कहा है कि ऐसी स्थिति में मुफ्त में गूगल सर्च और यूट्यूब उपलब्ध कराना संभव नहीं हो सकेगा।
वित्तमंत्री फ्रायडेनबर्ग ने इस साल जुलाई के अंत में ये स्पष्ट कर दिया था कि उनका ये कदम ऑस्ट्रेलियाई मीडिया कंपनियों को भी कमाने की जगह देने के लिए उठाया गया है।
बता दें कि पारंपरिक मीडिया फर्म्स लंबे समय से इस तरह की शिकायत कर रहीं हैं कि डिजिटल प्लेटफॉर्म बिना उचित मुआवजा दिए उनके कंटेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं और उनका शोषण कर रहे हैं।
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दिग्गज टेक कंपनी ‘गूगल’ (Google) ने अपने ‘न्यूज शोकेस’ (News Showcase) में कुछ अपडेशन करने की घोषणा की है। बता दें कि ‘न्यूज शोकेस’ अक्टूबर में लोगों को प्रासंगिक खबरें खोजने में मदद करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था।
कंपनी का कहना है कि ये अपडेट रीडर्स और पब्लिशर्स दोनों के अनुभव को बेहतर और उपयोगी बना देंगे।
सबसे पहले, गूगल चुनिंदा न्यूज पब्लिशर्स के साथ एक साझेदारी के तहत पेड कंटेंट को लोगों को उपलब्ध कराएगा। बता दें कि कुछ न्यूज पब्लिशर्स के लिए पे-वाल के जरिए रेवेन्यू अर्जित करना अहम स्ट्रैटजी है।
ऐसे लोग जो न्यूज शोकेस के यूजर्स हैं और पब्लिशर्स से सब्स्क्रिप्शन नहीं लिया है, उनके लिए पेड कंटेंट को मुफ्त उपलब्ध कराने के लिए गूगल कुछ पब्लिशर्स को गूगल भुगतान करेगा और बदले में, कंटेंट प्राप्त करने के लिए यूजर्स को उन न्यूज पब्लिशर्स के साथ रजिस्ट्रेशन करना होगा, जिन पर वे भरोसा करते हैं, ताकि न्यूज पब्लिशर्स यूजर्स के साथ रिलेशन बनाए रख सके।
इससे रीडर्स के लिए महत्वपूर्ण न्यूज कंटेंट का उपयोग करना आसान हो जाएगा, क्योंकि रीडर्स की पसंद क्या है, लोकल या नेशनल न्यूज के लिए वे किस पब्लिशर्स के आर्टिकल को पढ़ना पसंद करते हैं, यह समझकर ही न्यूज शोकेस उनके पसंदीदा पब्लिशर्स के महत्वपूर्ण आर्टिकल्स को सूचीबद्ध करेगा।
विस्तार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए न्यूज शोकेस अब एंड्रॉयड के साथ-साथ आईओएस (IOS) पर उपलब्ध गूगल न्यूज एप पर उपलब्ध होगा। लेकिन, गूगल की योजना इस फीचर को news.google.com और गूगल डिस्कवर ऐप पर भी देने की है। न्यूज शोकेस की मदद से पब्लिशर्स बेहतर तरीके से समझ पाएंगे कि यूजर्स किन विषयों में अधिक रुचि रखते हैं और वे किस तरह अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
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