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इस तरह की सोशल मीडिया पोस्ट पर अब हो सकती है 5 साल तक की जेल

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पुलिस कानून में बदलाव से जुड़े विवादित अध्यादेश (Ordinance) को मंजूरी दे दी है

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 23 November, 2020
Last Modified:
Monday, 23 November, 2020
Social Media

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पुलिस कानून में बदलाव से जुड़े विवादित अध्यादेश (Ordinance) को मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश के तहत केरल पुलिस अधिनियम में संशोधन कर किसी भी ‘अपमानजनक’ सोशल मीडिया या साइबर पोस्ट के लिए जेल भेजने का प्रवाधान किया गया है। केरल के राजभवन ने मीडिया को बताया कि ‘केरल पुलिस एक्ट’ में धारा 118 (A) जोड़ने वाले आदेश पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके तहत केवल पोस्ट ही नहीं, बल्कि अगर किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य को भेजे गए कोई भी संदेश, चाहे वो कोई भी डिजिटल माध्यम हो, अगर आपत्तिजनक या धमकी भरे लगते हैं तो उसे या तो 5 साल कारावास होगा या फिर 10,000 रुपए जुर्माना, या दोनों ही सजा दी जा सकती है।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का कहना है कि सोशल मीडिया पर लोगों को निशाना बना कर उन्हें गालियां देने की घटनाएं बढ़ रही हैं, इसीलिए उन पर लगाम लगाने के लिए ये कानून लाया गया है।

वहीं सरकार का यह भी कहना है कि यह अध्यादेश महिला और बच्चों की रक्षा करेगा, जो घृणित बयानों और डराने-धमकाने के वाकयों का सोशल मीडिया पर शिकार होते हैं। सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया पर ऐसे हमला किसी भी व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं। संशोधित कानून के तहत पुलिस को ऐसे मामलों में स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की इजाजत है।

वहीं, कानून के इन कड़े प्रावधानों का विपक्ष विरोध कर रहा है। विपक्ष ने एलडीएफ (लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) सरकार के इस कानून पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह पुलिस को अनावश्यक और असीमित ताकत देगा। इससे प्रेस की आजादी (Freedom Of Press) पर भी अंकुश लगेगा।

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट कर इस कानून को लेकर हैरानी जताई है। उन्होंने लिखा, केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंड (एलडीएफ) सरकार द्वारा पारित कानून चौंकाने वाला है। यह सोशल मीडिया पर किसी भी आपत्तिजनक पोस्ट पर 5 साल जेल का प्रावधान करता है। एलडीएफ सरकार ने अक्टूबर में जब पुलिस एक्ट 2011 में बदलाव के लिए यह निर्णय किया था तो सहयोगी दल भाकपा ने भी इस पर चिंता जाहिर की थी।

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जानिए, लोकसभा सांसद सिमरनजीत सिंह मान पर क्यों फूटा अभिषेक उपाध्याय का गुस्सा!

पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ 18 मार्च को बड़ा अभियान शुरू किया था और उसके बाद से ही अमृतपाल सिंह भागा-भागा फिर रहा है।

Last Modified:
Friday, 31 March, 2023
abhishek12334

लोकसभा सांसद और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के मुखिया सिमरजीत सिंह मान ने भगोड़े अमृतपाल सिंह के बचाव में बातें कहीं है। उन्होंने कहा कि अमृतपाल को सरेंडर नहीं करना चाहिए, बल्कि उसे रावी नदी पार करके पाकिस्तान चले जाना चाहिए।

लोकसभा सांसद मान ने कहा, हम 1984 में भी पाकिस्तान गए थे। क्या हम नहीं गए थे? मान ने एक इंटरव्यू में यह बातें कहीं। उन्होंने यह भी कहा कि अमृतपाल को नेपाल जाने की क्या जरूरत है? उन्हें पड़ोसी मुल्क (पाकिस्तान) चले जाना चाहिए। उनके इस बयान के बाद पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की है।

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, कौन कहता है कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है और तानाशाही आ गई? इससे ज्यादा लोकतंत्र और क्या होगा कि लोकतंत्र के चुने हुए नुमाइंदे खुलेआम खालिस्तान और पाकिस्तान की बात करने लगें और लोकतंत्र खतरे में होने का नारा देने वालों के मुंह में अचानक से दही जम जाए।  

दरअसल पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ 18 मार्च को बड़ा अभियान शुरू किया था और उसके बाद से ही अमृतपाल सिंह भागा-भागा फिर रहा है। हाल ही में उसने वीडियो जारी कर कहा था कि वो एक बागी है। माना जा रहा है कि वो जल्द ही कानून की गिरफ्त में होगा।

पत्रकार अभिषेक उपाध्याय के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-

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रामनवमी की शोभायात्रा में आगजनी के बाद वरिष्ठ पत्रकार नाविका कुमार की ये बड़ी अपील

पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी जुलूस के दौरान भी हिंसक झड़क हुई और वाहनों में आग लगा दी गई।

Last Modified:
Friday, 31 March, 2023
navikaKumar545487

रामनवमी के अवसर पर देश के कई राज्यों में निकाली गई शोभायात्रा के दौरान पत्थरबाजी हुई। गुजरात के वडोदरा और बंगाल के हावड़ा में रामनवमी पर्व पर निकाली गई शोभायात्रा पर ना सिर्फ पत्थरबाजी हुई बल्कि आगजनी भी की गई।

सोशल मीडिया पर इसके वीडियो भी वायरल हो रहे है। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी जुलूस के दौरान भी हिंसक झड़क हुई और वाहनों में आग लगा दी गई।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बयान में कहा, ‘उन्होंने मार्ग क्यों बदल दिया? विशेष रूप से एक समुदाय को टारगेट करने और हमला करने के लिए अनधिकृत मार्ग क्यों चुना? वही दूसरी ओर बीजेपी ने टीएमसी पर गंभीर आरोप लगाए है।

इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार नाविका कुमार ने ट्वीट करते हुए एक बड़ी अपील की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'हिंदू क्षेत्र' और 'मुस्लिम क्षेत्र'? क्या ऐसे बंटेगा भारत? हम 'एक देश' 'एक लोग' हैं। किसी भी समुदाय के लिए नो गो एरिया की कोई गुंजाइश नहीं है। पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण। नाविका कुमार के द्वारा किए गए इस ट्वीट पर लोग जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं और यह वायरल हो रहा है।

वरिष्ठ पत्रकार नाविका कुमार के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-

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जानिए, पत्रकार अखिलेश शर्मा ने आखिर क्यों कही मीडिया के अप्रासंगिक होने की बात!

विदेश मंत्री एस. जयशंकर को इस लिस्ट में तीसरा और चीफ जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ को चौथा स्थान मिला है।

Last Modified:
Friday, 31 March, 2023
akhileshji1234

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ (The Indian Express) ने वर्ष 2023 के लिए देश के सौ सबसे ज्यादा प्रभावशाली लोगों की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में पहले नंबर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम है। इसके अलावा दूसरे नंबर पर इस लिस्ट में गृहमंत्री अमित शाह का नाम है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर को इस लिस्ट में तीसरा और चीफ जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ को चौथा स्थान मिला है। पांचवे नंबर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम है, जबकि ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत को छठे नंबर पर रखा गया है।

हालांकि इस लिस्ट में मीडिया की ओर से कोई भी नाम नहीं है। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने ट्वीट कर अपनी पीड़ा को व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, देश के सबसे ताकतवर सौ लोगों की ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की सूची में राजनेता, न्यायाधीश, उद्योगपति, नौकरशाह, खिलाड़ी, अभिनेता आदि सब हैं लेकिन इस बार भी चौथे स्तंभ यानी पत्रकारिता से कोई नाम नहीं। यह मीडिया की घटती ताकत और उसकी गिरती साख का नमूना है या फिर उसके अप्रासंगिक होने का इशारा? 

आपको बता दें कि सातवें नंबर पर ‘भारतीय जनता पार्टी’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और आठवें नंबर पर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को इस लिस्ट में जगह मिली है। इस लिस्ट में नौवें नंबर पर ‘रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड‘ के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी का नाम है, जबकि दसवें नंबर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ‘अजीत डोभाल’ को जगह दी गई है।

वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-

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जुर्माने के खिलाफ याचिका पर Google को NCLAT से नहीं मिली राहत

‘नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल’ ने इस दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी को आदेश का पालन करने और ‘भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग’ द्वारा लगाए गए जुर्माने को 30 दिनों में जमा करने का आदेश दिया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 29 March, 2023
Last Modified:
Wednesday, 29 March, 2023
Google

‘नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल’ (NCLAT)  ने अनुचित व्यापार प्रथाओं (unfair trade practices) के लिए ‘भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग’ (CCI) द्वारा टेक कंपनी ‘गूगल’ (Google) पर लगाए गए 1,337.76 करोड़ रुपए के जुर्माने को बरकरार रखा है। इसके साथ ही ‘NCLAT’ ने इस दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी को आदेश का पालन करने और ‘भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग’ द्वारा लगाए गए जुर्माने को 30 दिनों में जमा करने का आदेश दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रिब्यूनल ने यह भी नोट किया कि बाज़ार में गूगल के आचरण की ‘भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग’ की जांच ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं किया।

‘भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने अक्टूबर में गूगल पर एकाधिकार की स्थिति का फायदा उठाने के लिए कुल 2,274.2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। ये जुर्माना दो अलग-अलग मामलों में लगाया गया था, जिसमें पहला करीब 1337 करोड़ रुपए का जुर्माना एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने के मामले में 20 अक्टूबर को लगाया था, जबकि एक हफ्ते के भीतर ही दूसरा जुर्माना करीब 936.44 करोड़ रुपए का लगाया था। यह जुर्माना प्ले स्टोर की नीतियों में अनुचित व्यवहार के लिए लगाया गया था।

यह जुर्माना राशि भारत में कंपनी के विज्ञापन राजस्व (एडवर्टाइजिंग रेवेन्य) का लगभग नौ प्रतिशत है। नियामक ने ‘गूगल’ को एक निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने आचरण को सही करने का भी निर्देश दिया था।

इसी फैसले को गूगल ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के समक्ष चुनौती दी थी। ‘नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल’  की दो सदस्यीय पीठ 15 फरवरी से इस मामले में सुनवाई कर रही थी। सुनवाई पूरी होने के बाद पिछले हफ्ते ट्रिब्यूनल ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब वहां से राहत नहीं मिलने के बाद कंपनी इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है।

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सरकार-विपक्ष के बीच टकराव पर राजदीप सरदेसाई ने सांसदों को यूं याद दिलाई 'जिम्मेदारी'

भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने राहुल गांधी से उनके बयान लिए माफी मांग करते हुए नारेबाजी की तो विपक्षी सदस्यों ने जेपीसी की मांग को लेकर नारे लगाए।

Last Modified:
Monday, 20 March, 2023
Rajdeep Sardesai

राहुल गांधी के लंदन में दिए गए भाषण के बाद से ही लोकसभा में हंगामा जारी है। पिछले कुछ दिनों से जारी गतिरोध के बीच आज उम्मीद जताई जा रही थी कि संसद सुचारू रूप से चलेगी, लेकिन आज एक बार फिर दोनों पक्षों की ओर से हंगामा और गतिरोध शुरू हो गया, जिसके चलते एक बार फिर दोपहर 2 बजे तक संसद स्थगित हो गई।

दरअसल, प्रश्नकाल आरंभ होने के साथ ही सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों तरफ से नारेबाजी शुरू हो गई। भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने राहुल गांधी से उनके बयान लिए माफी मांग करते हुए नारेबाजी की तो विपक्षी सदस्यों ने जेपीसी की मांग को लेकर नारे लगाए। 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से शोर-शराबा बंद करने और सदन चलने देने की अपील की। गत सोमवार से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण लगातार पांच दिनों तक लोकसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही बाधित रही और अन्य कामकाज नहीं हो सके।

इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट कर सांसदों से बड़ा सवाल पूछा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, एक बार फिर प्रश्न काल के बिना ही संसद ठप हो गई है। एक तरफ बीजेपी राहुल गांधी से माफी चाहती है वहीं विपक्ष अडानी के मुद्दे पर जेपीसी की मांग पर अड़ा है। आगे उन्होंने लिखा कि अगर हम हमारे स्कूल, कॉलेज या ऑफिस से अगर सिर्फ 5 मिनट के बाद ही निकल आए और दिन भर कोई काम नहीं करें तो क्या होगा?

जाहिर सी बात है कि इस ट्वीट के ज़रिए उन्होंने इस देश के सांसदों और सरकार को उनकी जिम्मेदारी याद दिलाने का काम किया है। उनके द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-

 

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ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग पर हमला, पद्मश्री आलोक मेहता ने जताई ये बड़ी आशंका

घटना के समय भारतीय उच्चायोग के बाहर सुरक्षा व्यवस्था नगण्य थी, जिसके कारण हमलावर घटना को आसानी से अंजाम दे सके।

Last Modified:
Monday, 20 March, 2023
Alok Mehta

भारत में 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ जबरदस्त एक्शन लिया जा रहा है। पंजाब पुलिस की तलाशी का अभियान पड़ोसी राज्यों में भी जारी है, वहीं अमृतपाल सिंह के कई सहयोगियों को गिरफ्तार भी किया गया है।

इसी बीच  ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग पर हमला हुआ है। जानकारी के मुताबिक, लंदन स्थित उच्चायोग को खालिस्तान समर्थकों ने निशाना बनाया है। इस दौरान तिरंगे का अपमान किया गया और परिसर में तोड़फोड़ भी की गई।

घटना के समय भारतीय उच्चायोग के बाहर सुरक्षा व्यवस्था नगण्य थी, जिसके कारण हमलावर घटना को आसानी से अंजाम दे सके। घटना से नाराज भारत ने ब्रिटिश उच्चायुक्त को तलब किया, हालांकि उच्चायुक्त एलेक्स एलिस के दिल्ली से बाहर होने के कारण उच्चायोग के उप प्रमुख विदेश मंत्रालय पहुंचे।

लंदन में भारतीय उच्चायोग के खिलाफ अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों की ओर से की गई कार्रवाई पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने इसका विरोध दर्ज कराने के लिए ब्रिटेन के वरिष्ठतम राजनयिक को तलब किया। इस पूरे मसले पर पद्मश्री से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने बड़ी आशंका जताई है।

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि लंदन में भारतीय उच्चायोग पर तिरंगा ध्वज उतारकर खलिस्तानी झंडा फहराने वाले आतंकवादी गुट आरोपी पाकिस्तानी एजेंट अमृत पाल के नारे लगा रहे थे। इसी अमृतपाल के अगुवा ने किसान आंदोलन के नाम पर लाल क़िले पर तिरंगा लहराया था। मतलब किसान आंदोलन में भारत विरोधी आतंकवादी भी घुसे थे। उनके इस ट्वीट पर लोग जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और यह वायरल हो रहा है।

वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं। 

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विपक्षी एकता की राहें हुई मुश्किल, अमिताभ अग्निहोत्री ने पूछा दर्शकों से ये बड़ा सवाल!

इससे पहले, तृणमूल सांसद और लोकसभा में पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा था कि राहुल गांधी के विपक्ष का चेहरा होने से भाजपा को फायदा होता है।

Last Modified:
Monday, 20 March, 2023
Amitabh Agnihotri

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अभी तक इस बात को स्वीकार नहीं किया है कि विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस को ही सबसे आगे रहना चाहिए। सिर्फ इतना ही नहीं, ममता दीदी खुलकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साध रही हैं।

पार्टी की एक आंतरिक बैठक में ममता दीदी ने कहा कि अगर राहुल गांधी विपक्ष का चेहरा बनते हैं, तो कोई भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना नहीं बना पाएगा।

उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी को आगे रखकर चुनाव लड़ने जाएंगे, तो इससे बीजेपी को ही फायदा होगा। दरअसल हाल ही में संपन्न हुए उपचुनाव में टीएमसी को कांग्रेस के हाथों अल्पसंख्यक बहुल सीट पर हार का सामना करना पड़ा था।

इससे पहले, तृणमूल सांसद और लोकसभा में पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा था कि राहुल गांधी के विपक्ष का चेहरा होने से भाजपा को फायदा होता है। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री ने ट्वीट कर दर्शकों से राय मांगी और बड़ा सवाल पूछा है।

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, कांग्रेस मानती है कि राहुल गांधी की ही अगुवाई में मोदी से लड़ा जा सकता है ,इसलिए पार्टी राहुल की बार-बार तुलना मोदी से करती है लेकिन ममता बनर्जी कह रही हैं कि अगर राहुल गांधी विपक्ष का चेहरा बने तो मोदी को कोई हरा नहीं सकता। आप की क्या राय है ? वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-

 

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अब 10,000 एम्प्लॉयीज की छंटनी करेगी Meta

फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) ने एक बार फिर छंटनी की तैयारी कर ली है।

Last Modified:
Thursday, 16 March, 2023
Meta

फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) ने एक बार फिर छंटनी की तैयारी कर ली है। इस बार कंपनी 10,000 एम्प्लॉयीज की छंटनी करेगी। कंपनी ने खुद इसकी घोषणा की है। कंपनी ने मंगलवार को बताया कि वह अपने वर्कफोर्स टीम की साइज को घटाएगी और अपने टेक्नोलॉजी ग्रुप में अप्रैल के अंत में और 10,000 लोगों को नौकरी से निकालेगी। साथ ही वह करीब 5,000 अतिरिक्त ओपन भर्तियों को भी बंद करेगी। 

बता दें कि नवंबर में इस कंपनी ने 13 फीसदी यानी करीब 11 हजार छंटनी एम्प्लॉयीज की छंटनी की थी। कंपनी ने छंटनी का फैसला ग्लोबल स्तर पर मंदी की आशंका और कंपनी के रेवेन्यू में कटौती को देखते हुए लिया था। मेटा ने सबसे बड़ी छंटनी 11 हजार एम्प्लॉयीज को निकालकर की थी। बताया जा रहा है कि इसके बाद मई के अंत में बिजनेस ग्रुप से लोगों को नौकरी से निकाले जाने की बात कही गई है। 

मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने एम्प्लॉयीज को भेजे ई-मेल में कहा कि हमारे लिए यह मुश्किल रहेगा, लेकिन और कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब हमारी सफलता का हिस्सा रहे प्रतिभाशाली और जुनूनी सहयोगियों को अलविदा कहना होगा।

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फिल्म RRR के सॉन्ग 'नाटू-नाटू' ने जीता ऑस्कर अवॉर्ड, सुमित अवस्थी ने इस अंदाज में दी बधाई

बता दें कि आरआरआर (RRR) फिल्म ऐसा कारनामा करने वाली पहली भारतीय फिल्म है। नाटू-नाटू गीत को विदेशी भाषा में बेस्ट गीत का अवॉर्ड मिला है।

Last Modified:
Monday, 13 March, 2023
sforem123

95 अकादमी अवॉर्ड समारोह में ओरिजनली तेलुगू में बनी फिल्म 'आरआरआर' (RRR) के गाने 'नाटू नाटू...' ने 'ओरिजनल सॉन्ग' कैटगरी में ऑस्कर अवॉर्ड  अपने नाम कर लिया है।

ऑस्कर अवॉर्ड 2023 में भारत की ओर से RRR फिल्म का गाना नाटू-नाटू बेस्ट सॉन्ग कैटेगरी के लिए नॉमिनेटेड था। खास बात यह है कि फिल्म के इस गाने को इससे पहले गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि को असाधारण बताया। उन्होंने आरआरआर के गाने की तारीफ की और कहा कि इस गीत को कई वर्षों तक याद किया जाएगा। बता दें कि आरआरआर फिल्म ऐसा कारनामा करने वाली पहली भारतीय फिल्म है।

नाटू-नाटू गीत को विदेशी भाषा में बेस्ट गीत का अवॉर्ड मिला है। आरआरआर फिल्म का यह गाना 'नाटू नाटू' एम एम कीरवानी द्वारा कंपोज किया गया है। इस अवॉर्ड को मिलने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा था कि वह इस अवॉर्ड को जीतने वाले हैं।

इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार सुमित अवस्थी ने भी ट्वीट कर RRR फिल्म की टीम को बधाई दी है। उन्होंने एम एम कीरवानी की स्पीच को शेयर करते हुए लिखा, आपने बहुत अच्छा बोला है। आपको बधाई। हर भारतीय को इस खुशी का सालों से इंतजार था। इतिहास बनाने और इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने के लिये बहुत बधाई आप सभी को। उन्होंने अपने इस ट्वीट में गीतकार चंद्रबोस को भी टैग किया और बधाई दी है।

वरिष्ठ पत्रकार सुमित अवस्थी के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-

 

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स्वाति मालीवाल ने अपने ही पिता पर लगाए गंभीर आरोप! प्रखर श्रीवास्तव ने पूछा ये बड़ा सवाल

स्वाति मालीवाल ने शनिवार को आरोप लगाया था कि उनके पिता ने बचपन में उनका यौन उत्पीड़न किया था।

Last Modified:
Monday, 13 March, 2023
swatimalival

दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल के एक बयान ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। दरअसल, स्वाति मालीवाल ने शनिवार को आरोप लगाया था कि उनके पिता ने बचपन में उनका यौन उत्पीड़न किया था।

उनके पिता उन्हें मारते थे। इससे बचने के लिए वह पलंग (बेड) के नीचे छिप जाती थीं। मालीवाल ने कहा कि वह स्कूल की चौथी कक्षा तक अपने पिता के साथ रहीं और तब ऐसा कई बार हुआ। लेकिन अब उनके इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। उनके पूर्व पति ने इन बयानों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि स्वाति को खुद पहल करते हुए अपना लाई डिटेक्टर टेस्ट कराना चाहिए, ताकि सच सामने आ सके।

इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार और लेखक प्रखर श्रीवास्तव ने भी ट्वीट कर मालीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने स्वाति मालीवाल के ही एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट अटैच किया, जिसमे साफ लिखा है कि वह अपने पिता पर गर्व करती हैं।

प्रखर ने ट्वीट में लिखा, ' फिर ये कौन से पिता थे जिन पर आप 2016 तक गर्व कर रही थीं? मुझे ये विश्वास है कि कोई भी बेटी पिता के बारे में झूठ नहीं बोलती। फिर वो झूठ कौन सा है? आज वाला या 2016 वाला? जबाव देना होगा, क्योंकि आपने दुनिया के सबसे पवित्र रिश्ते को कठघरे में खड़ा किया है।' उनके इस ट्वीट पर लोग जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और यह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वरिष्ठ पत्रकार और लेखक प्रखर श्रीवास्तव के द्वारा किये गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-

 

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