अंग्रेजी अब विशिष्ट होने का परिचायक बन गई है: राजीव सचान

इसके विपरीत अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी आए दिन और कम से कम शनिवार को तो एक पोस्ट उर्दू में अवश्य करते हैं। उनके जैसे और भी लोग हैं।

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Saturday, 21 June, 2025
rajeevksachan


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अंग्रेजी सशक्तीकरण करती है। यह शर्मनाक नहीं है और इसे हर बच्चे को सिखाया जाना चाहिए। राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस नहीं चाहते कि गरीब बच्चे यह भाषा सीखें। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने भी अपनी राय व्यक्त की है।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, कई लोग मातृभाषा जानते हुए और उसके बोले जाने की आवश्यकता महसूस करने के बावजूद अपनी विद्वता का प्रदर्शन करने के लिए अंग्रेजी बोलते हैं। अंग्रेजी आज की आवश्यकता है, पर भारत में वह रौब दिखाने और विशिष्ट होने का परिचायक बन गई है।

देश- विदेश में एलीट कहे जाने वाले ऐसे भारतीय खोजना दुर्लभ है,जो मातृभाषा और विशेषकर हिंदी में चार वाक्य लिख भी सकते हों। अगली पोस्ट में उन्होंने लिखा, इस मामले में उद्योगपति अनिल अग्रवाल अपवाद दिखते हैं। वे यदा- कदा अपनी पोस्ट हिंदी में लिखते हैं।

इसके विपरीत अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी आए दिन और कम से कम शनिवार को तो एक पोस्ट उर्दू में अवश्य करते हैं। उनके जैसे और भी लोग हैं। अन्य देशों के लोग भी प्राय: ऐसा करते हैं, लेकिन भारतीय भूले भटके ही। आपको बता दें, राहुल का यह बयान गृह मंत्री अमित शाह की उस टिप्पणी के बाद आया, जिसमें शाह ने कहा था कि इस देश में जो लोग अंग्रेजी बोलते हैं, उन्हें जल्द ही शर्म आएगी।

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सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का 'PETA' ने किया विरोध : सुमित अवस्थी ने कही ये बड़ी बात

सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों में शेल्टर भेजने के आदेश को PETA इंडिया ने 'अव्यावहारिक, तर्कहीन और अवैध' बताते हुए विरोध किया।

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Tuesday, 12 August, 2025
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दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों के भीतर शेल्टर में भेजने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर PETA इंडिया ने कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे 'अव्यावहारिक, तर्कहीन और अवैध' करार दिया। संगठन का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई से न केवल कुत्तों, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी अराजकता और परेशानी बढ़ेगी।

इस आदेश के विरोध में इंडिया गेट पर पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और रेस्क्यू संगठनों ने प्रदर्शन किया, जिसमें कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया। इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार सुमित अवस्थी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर सवाल उठाते हुए लिखा कि जब कोई आवारा कुत्ता राह चलते किसी बच्चे या व्यक्ति पर हमला करता है, तब क्या 'PETA' के सदस्य पीड़ित की मदद के लिए आगे आते हैं?

क्या वे घायल के इलाज में सहयोग करते हैं या यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम उठाते हैं कि ये खुले घूमते कुत्ते न किसी को काटें और न डराएं-जैसे उनके लिए कोई विशेष प्रशिक्षण या नियंत्रण व्यवस्था? वहीं, कई पशु अधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि अदालत का यह निर्देश दिल्ली सरकार और नगर निकायों के लिए अब तक के सबसे प्रतिगामी फैसलों में से एक है, जिससे कुत्तों को खाना खिलाने वालों से लेकर पशु प्रेमियों तक सभी में डर और असमंजस का माहौल बन गया है।

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क्या दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करेगी कर्नाटक सरकार : अजय कुमार

कर्नाटक में जब कांग्रेस की ही सरकार है, तो क्या वह दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं कर सकती और आखिर किसका इंतज़ार कर रही है। जवाब दें, राहुल गांधी जी।

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Tuesday, 12 August, 2025
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सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर तीखा हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। उम्मीद है कांग्रेस पार्टी उन तमाम अधिकारियों के खिलाफ जो वोट चोरी में शामिल रहे है, कार्रवाई करेगी। इस बयान के बाद वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने लिखा, विपक्ष के नेताओं की लंबी फ़ेहरिस्त में अखिलेश यादव की लाजवाब राजनीतिक सूझबूझ और चपलता उनकी अलग पहचान बन चुकी है। चाहे चुनाव आयोग के विरोध में सड़कों पर उतरकर हस्ताक्षर अभियान चलाना हो, बैरिकेड फांदना, हिरासत में लिया जाना हो या कांग्रेस को सीधे कटघरे में खड़ा करना।

हाल ही में उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर तीखा वार करते हुए कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार होती और अधिकारी-कर्मचारी चुनाव आयोग के साथ मिलकर वोट चोरी में शामिल पाए जाते, तो हम तुरंत कार्रवाई करते। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है, उन्हें भी यही करना चाहिए।

यह बयान बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट पर 1,00,000 से अधिक वोट चोरी के गंभीर आरोपों के बीच आया है, जो राहुल गांधी ने लगाए हैं। सवाल यह है कि कर्नाटक में जब कांग्रेस की ही सरकार है, तो क्या वह दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं कर सकती और आखिर किसका इंतज़ार कर रही है। जवाब दें, राहुल गांधी जी, क्या आप दे पाएंगे? वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि बिहार में जनता भाजपा के खिलाफ वोट न डाल सके, इसलिए भाजपा जनता से वोट देने का अधिकार छीनना चाहती है।

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चुनाव आयोग को अब सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए : राजीव सचान

मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल कि चुनाव आयोग ने आपको नोटिस का जवाब देने को कहा है, लेकिन आप जवाब नहीं दे रहे, पर राहुल गांधी ने कहा, ये चुनाव आयोग का डेटा है, मेरा डेटा थोड़ी है जो मैं साइन करूं।

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Tuesday, 12 August, 2025
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बिहार में मतदाता सूची संशोधन और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ सोमवार को विपक्षी सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकालने की कोशिश की। इस मार्च में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई विपक्षी दलों के सांसद शामिल थे। हालांकि, पुलिस ने बीच रास्ते में सभी को रोककर हिरासत में ले लिया।

इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि मतदाता सूची के सत्यापन को लेकर हो रहे इस पूरे विवाद की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट पर भी है। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने सत्यापन प्रक्रिया को मंजूरी तो दे दी, लेकिन अब भी इस मामले की सुनवाई जारी है। ऐसे में, तस्वीर साफ करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की ही है और चुनाव आयोग को इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए।

वहीं, राहुल गांधी ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर अडिग हैं, जबकि चुनाव आयोग उनके आरोपों को बेबुनियाद बता रहा है। मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल कि चुनाव आयोग ने आपको नोटिस का जवाब देने को कहा है, लेकिन आप जवाब नहीं दे रहे, पर राहुल गांधी ने कहा, ये चुनाव आयोग का डेटा है, मेरा डेटा थोड़ी है जो मैं साइन करूं।

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वायुसेना प्रमुख का बयान अमेरिका को अप्रत्यक्ष संदेश : भूपेंद्र चौबे

यह बात अमेरिकी लड़ाकू विमान बनाने वाले उद्योग को बिल्कुल पसंद नहीं आएगी, क्योंकि इससे उनकी अंतरराष्ट्रीय साख और भविष्य के सौदों पर असर पड़ सकता है।

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Monday, 11 August, 2025
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वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने खुलासा किया है कि मई 2025 में भारत ने पाकिस्तान के छह सैन्य विमानों को मार गिराया था। इनमें पाँच लड़ाकू विमान और एक बड़ा सर्विलांस विमान शामिल था। सबसे अहम बात यह रही कि इन विमानों में अमेरिकी निर्मित एफ-16 भी थे।

उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र चौबे ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, वायुसेना प्रमुख का हालिया बयान, जिसमें उन्होंने कहा कि हमारी टीमों ने पाकिस्तान को मात दी है, सिर्फ पाकिस्तान को संदेश देने के लिए नहीं है। यह अमेरिका को भी अप्रत्यक्ष संदेश है। पाकिस्तान के जिन विमानों को हमने मार गिराया, वे अमेरिकी एफ-16 थे। और यह काम हमने रूसी, फ्रांसीसी और स्वदेशी हथियारों के मिश्रण से किया।

इसका मतलब है कि अमेरिकी तकनीक से लैस विमान भी हमारी विविध और गैर-अमेरिकी हथियार प्रणाली के आगे टिक नहीं पाए। यह बात अमेरिकी लड़ाकू विमान बनाने वाले उद्योग को बिल्कुल पसंद नहीं आएगी, क्योंकि इससे उनकी अंतरराष्ट्रीय साख और भविष्य के सौदों पर असर पड़ सकता है। यानी यहां सैन्य ताकत दिखाने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय राजनीति और रक्षा बाज़ार की रणनीति, तीनों चीज़ें आपस में बड़ी चतुराई से जोड़ी गई हैं।

आपको बता दें, विशेषज्ञों का मानना है कि वायुसेना प्रमुख का यह बयान केवल पाकिस्तान को चेतावनी नहीं, बल्कि अमेरिका को भी संदेश है कि उसकी तकनीक भारत की बहु-स्रोत रक्षा प्रणाली के सामने कमजोर पड़ सकती है। इससे अमेरिकी रक्षा उद्योग की अंतरराष्ट्रीय साख और सौदों पर असर पड़ सकता है।

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राहुल गांधी का कानूनी रूप से सामना करे चुनाव आयोग: राजदीप सरदेसाई

अगर चुनाव आयोग को लगता है कि राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़े या आरोप झूठे और भ्रामक हैं, तो फिर आयोग उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत (FIR) दर्ज क्यों नहीं करता।

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Friday, 08 August, 2025
rahulgandhi

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए कर्नाटक की एक लोकसभा सीट के तहत आने वाले एक विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची प्रस्तुत की और दावा किया कि चुनाव आयोग जानबूझकर वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां कर रहा है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने एक्स पर लिखा, राहुल गांधी के 'परमाणु बम' (बड़े खुलासे) पर एक चुभता हुआ सवाल। अगर चुनाव आयोग को लगता है कि राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़े या आरोप झूठे और भ्रामक हैं, तो फिर आयोग उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत (FIR) दर्ज क्यों नहीं करता और उन्हें अदालत में क्यों नहीं घसीटता?

आखिरकार, राहुल गांधी ने ये आरोप संसद के बाहर लगाए हैं, जहाँ उन्हें कोई संसदीय छूट (immunity) प्राप्त नहीं है। सिर्फ नाम लेकर तंज कसना या अफसरशाही जैसी प्रतिक्रियाएँ देना समाधान नहीं है। अपनी विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए, चुनाव आयोग को चाहिए कि वह राहुल गांधी का कानूनी रूप से सामना करे, राज्य की पूरी ताकत के साथ, है ना?

आपको बता दें, राहुल गांधी का कहना है कि इन गड़बड़ियों के ज़रिए चुनाव परिणामों को प्रभावित किया जा रहा है और इसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिल रहा है। उनका आरोप है कि ये सारी अनियमितताएं चुनाव आयोग ने बीजेपी को जिताने की मंशा से की हैं।

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रियंका गांधी का गुस्सा अनुचित : सुधीर चौधरी

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को चीन पर दिए बयान के लिए फटकार लगाई। प्रियंका गांधी ने जवाब में कहा कि न्यायपालिका तय नहीं कर सकती कौन सच्चा भारतीय है।

Last Modified:
Thursday, 07 August, 2025
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5 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को चीन-भारत सीमा विवाद (Border Dispute) पर की गई कथित टिप्पणी के लिए फटकार लगाई। राहुल गांधी ने पहले दावा किया था कि चीन (China) ने भारत की 2,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्ज़ा कर लिया है, जिस पर अदालत ने नाराज़गी जताई।

इस पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने संसद परिसर में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'पूरे न्यायपालिका (Judiciary) के प्रति सम्मान के साथ, लेकिन यह तय करना उसका कार्य नहीं है कि कौन सच्चा भारतीय (True Indian) है और कौन नहीं।'

वहीं वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) ने इस मुद्दे पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष और कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को केवल अपने राजनीतिक लाभ (Political Advantage) के हिसाब से स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा, 'जब फैसला उनके पक्ष में होता है, तब यह सत्य की जीत (Victory of Truth) बन जाता है, और जब नहीं होता, तो वे अदालत की आलोचना करने लगते हैं।'

आपको बता दें, प्रियंका गांधी ने अपने भाई राहुल का बचाव करते हुए यह स्पष्ट किया कि उनका बयान केवल सीमा पर स्थिति को लेकर सरकार की जवाबदेही (Accountability) तय करने के लिए था। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी हमेशा भारतीय सेना (Indian Army) का सम्मान करते हैं और यह आरोप सरासर गलत प्रस्तुतीकरण (Misrepresentation) का नतीजा है।

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मिस्टर ट्रम्प, टैरिफ से भारत को डराने की हिमाकत मत कीजिये : अमिताभ अग्निहोत्री

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस से तेल खरीद पर भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। अमिताभ अग्निहोत्री ने इतिहास की याद दिलाई जब अमेरिका के प्रतिबंध भी भारत को नहीं रोक पाए।

Last Modified:
Thursday, 07 August, 2025
donaldtrump

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ (Additional Tariff) लगाने का फ़ैसला केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश भी है। रूस (Russia) से तेल खरीद जारी रखने पर अमेरिकी प्रशासन ने यह कदम उठाया है।

अब कुल मिलाकर भारत से आने वाले निर्यात उत्पादों (Export Products) पर 50 प्रतिशत तक शुल्क (Tariff) देना होगा, जो कपड़ा (Textile), समुद्री उत्पाद (Seafood) और चमड़ा उद्योग (Leather Industry) पर सीधा असर डालेगा।

वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री (Senior Journalist Amitabh Agnihotri) ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया (Social Media) पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ट्रंप को भारत के परमाणु परीक्षण (Nuclear Tests) की याद रखनी चाहिए, जब अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए थे लेकिन भारत ने न अपनी संप्रभुता (Sovereignty) छोड़ी और न ही विकास की गति रोकी। वहीं भारत सरकार ने इस निर्णय को “अनुचित (Unjustified) और अविवेकपूर्ण (Unreasonable)” बताया है।

ट्रंप के इस बयान ने भी आग में घी डाल दिया कि वे भारत पर जल्द ही सेकेंडरी सैंक्शन (Secondary Sanctions) भी लागू करेंगे। लेकिन भारत का इतिहास बताता है कि चाहे आर्थिक प्रतिबंध (Economic Sanctions) हों या राजनीतिक दबाव (Political Pressure), देश ने कभी भी झुकना (Surrender) नहीं सीखा। ऐसे में अमेरिका को सोचना होगा कि क्या टैरिफ डिप्लोमेसी (Tariff Diplomacy) से वह वाकई भारत को रोक सकता है?

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नीतीश कुमार की सियासी हैसियत अब नहीं रही : समीर चौगांवकर

बिहार की राजनीति 2020 से 2025 तक बेहद दिलचस्प रही। तीन सरकारें बनीं, पाँच उप मुख्यमंत्री और तीन विधानसभा स्पीकर बदले, पर मुख्यमंत्री हर बार नीतीश कुमार ही बने रहे।

Last Modified:
Wednesday, 06 August, 2025
nitishkumar

कभी बिहार की सबसे बड़ी राजनीतिक ताक़त रही जनता दल (यू) अब तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी है और फिलहाल खुद को फिर से खड़ा करने की कोशिश में जुटी है। पार्टी रणनीतिकार अब न सिर्फ़ हार चुकी सीटों का विश्लेषण कर रहे हैं, बल्कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में मामूली अंतर से जीत मिली थी, वहां भी नए राजनीतिक समीकरण तलाशकर एक नई रणनीति तैयार करने में लगे हैं।

इस बीच वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, बिहार की 2020 से लेकर 2025 तक की पाँच साल की राजनीति अनोखी रही है। इन पाँच सालों में बिहार ने तीन सरकार देखी, पहली एनडीए की, फिर महागठबंधन की और फिर से एनडीए की।

तीन सरकारें बनीं लेकिन तीनों सरकारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बने रहे। पाँच साल में बिहार सरकार में पाँच उप मुख्यमंत्री रहे। तारा किशोर प्रसाद, रेणु देवी, तेजस्वी यादव, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा। पाँच साल में तीन स्पीकर भी बने। विजय कुमार सिन्हा, अवध बिहारी चौधरी और नंद किशोर यादव।

पाँच साल में तीन नेता प्रतिपक्ष भी बने। तेजस्वी यादव, विजय कुमार सिन्हा और फिर तेजस्वी यादव। इसी सरकार में ऐसा भी हुआ कि सितंबर 2022 में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी से नहीं हटने तक पगड़ी नहीं खोलेंगे की प्रतिज्ञा लेने वाले बीजेपी नेता सम्राट चौधरी को नीतीश के मातहत उप मुख्यमंत्री बनना पड़ा। सम्राट चौधरी नीतीश को मुख्यमंत्री से हटा नहीं पाए, लेकिन अपनी पगड़ी सरयू में जाकर ज़रूर बहा आए।

यह सब इसलिए हुआ कि नीतीश कुमार ने पाँच साल में तीन बार पलटी मारी। अब नीतीश कुमार की राजनीतिक हैसियत और ताक़त नहीं बची कि अब कोई उलटफेर कर दे। बिहार विधानसभा चुनाव में 100 दिन से भी कम समय है।

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ट्रंप के धमकाने से और एकजुट होंगे भारतीय : बरखा दत्त

हम आपस में चाहे जितना भी बहस करें, लेकिन जब बात उन नव-औपनिवेशिक ताक़तों की आती है जो खुद को दुनिया का निगरानीकर्ता समझती हैं और हमें बचकाना समझती हैं, तब हम एकजुट हो जाते हैं।

Last Modified:
Tuesday, 05 August, 2025
barkhadutt

भारत के हितों के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कूटनीतिक की सारी सीमाओं को पार करने की तरफ बढ़ गये हैं। कारोबारी समझौते को लेकर भारत सरकार के अडिग रवैये को देखते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने अब धमकी दी है कि वह भारतीय आयात पर शुल्क की दरों में और बढ़ोतरी करेंगे। इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने लिखा, ट्रंप की धमकाने वाली नीति से भारतीय और अधिक एकजुट हो जाएंगे। उन्होंने हमें गलत समझा है। हम आपस में चाहे जितना भी बहस करें, लेकिन जब बात उन नव-औपनिवेशिक ताक़तों की आती है जो खुद को दुनिया का निगरानीकर्ता समझती हैं और हमें बचकाना या कमतर समझती हैं, तब हम एकजुट हो जाते हैं।

आपको बता दें, इस बार भारत ने ट्रंप के पुराने बयानों की तरफ सधी प्रतिक्रिया नहीं बल्कि उसे सीधे तौर पर खारिज करते हुए अन्यायपूर्ण व अकारण करार दिया है। भारत ने अमेरिका व यूरोपीय देशों को यह भी आईना दिखाया है कि कैसे वह अपनी जरूरतों के लिए अभी भी रूस से कारोबार कर रहे हैं।

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देर से मिलने वाला न्याय भी अन्याय : सुधीर चौधरी

मामलों की त्वरित सुनवाई, वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली, तकनीकी सुधार और जजों की नियुक्ति में तेजी जैसे कदम अनिवार्य हैं। अन्यथा न्याय पाने की चाह में इंसान सब कुछ खोकर भी खाली हाथ ही रहेगा।

Last Modified:
Saturday, 02 August, 2025
sudhirji

महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में बम ब्लास्ट हुआ था। इसी के बाद गुरुवार को 'एनआईए' की स्पेशल कोर्ट ने इस केस में पूरे 17 साल बाद बड़ा फैसला सुनाया। मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। इस निर्णय पर वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी का कहना है कि इस देश में न्याय पाने वाले की चाहत और ज़िंदगी दोनों खत्म हो जाती है।

उन्होंने अपने शो में कहा, देर से मिलने वाला न्याय भी अन्याय के समान होता है। हमारी न्याय व्यवस्था में लंबित मुकदमों की संख्या देखें तो कोर्ट को न्याय देने में जितना वक्त लगता है उतने में तो न्याय पाने वाले की चाहत और ज़िंदगी दोनों खत्म हो जाती है। वो चाहे मालेगांव केस हो या कोई और।

जब आप सालों बाद बरी भी हुए तो सोचिए आपको मिला क्या? क्या जो समय आपने न्याय के इंतज़ार में गंवा दिया, वो वापस मिलेगा? आपको बता दें, विलंबित न्याय वास्तव में एक मौन अन्याय है, जो समाज को भीतर से खोखला करता है।

अगर देश में न्यायपालिका को जनविश्वास की रीढ़ बनाए रखना है, तो मामलों की त्वरित सुनवाई, वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली, न्यायालयों में तकनीकी सुधार और जजों की नियुक्ति में तेजी जैसे कदम अनिवार्य हैं। अन्यथा न्याय पाने की चाह में इंसान सब कुछ खोकर भी खाली हाथ ही रहेगा।

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