सीबीआई ने गृह मंत्रालय से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत कुछ अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी।
by
समाचार4मीडिया ब्यूरो
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भी अब जासूसी के मामले में शिकंजा कसा जाएगा। गृह मंत्रालय ने स्नूपिंग मामले में उनके खिलाफ केस चलाने को मंजूरी दे दी है। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट के तहत सीबीआई उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।
बता दें कि सिसोदिया पर फीडबैक यूनिट के जरिए जासूसी कराने का आरोप है। सीबीआई ने गृह मंत्रालय से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत कुछ अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। मनीष सिसोदिया शराब नीति को लेकर पहले से ही घिरे हुए हैं।
इस कदम को लेकर केंद्र की आलोचना करते हुए सिसोदिया ने कहा कि पार्टी जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, आप नेताओं के खिलाफ और ‘तुच्छ’ मामले दर्ज किए जाएंगे। इस पूरे मामले पर सीबीआई ने कहा था कि उसने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित ‘फीडबैक यूनिट’ ने कथित तौर पर ‘राजनीतिक खुफिया जानकारी’ एकत्र की।
इस पूरे मसले को लेकर अब वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने एक ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, पहले शराब नीति और अब जासूसी कराने का आरोप। मनीष सिसौदिया पर लगे आरोपों की फ़ेहरिस्त लंबी होती जा रही है। जब आरोपों की संख्या बढ़ने लगती है तो गिरफ्तारी उसका Logical Conclusion होती है। अभी तक के वाकए यही बताते हैं।
उनके द्वारा किए गए इस ट्वीट पर जमकर प्रतिक्रिया आ रही है और यह वायरल हो रहा है। अभिषेक उपाध्याय के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
पहले शराब नीति और अब जासूसी कराने का आरोप। मनीष सिसौदिया पर लगे आरोपों की फ़ेहरिस्त लंबी होती जा रही है। जब आरोपों की संख्या बढ़ने लगती है तो गिरफ्तारी उसका Logical Conclusion होती है। अभी तक के वाकए यही बताते हैं।
— abhishek upadhyay (@upadhyayabhii) February 23, 2023
इमोशनल बैटल को लड़ते हुए भी उनकी भावुकता कम नहीं होनी चाहिए। यह काम परिवार और टीचर ही कर सकते हैं। मैं जयपुर में नौ साल की बच्ची की मौत की खबर को भी पहले दिन से ट्रैक कर रही हूँ।
by
Samachar4media Bureau
दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले 16 साल के स्टूडेंट ने मंगलवार को सुसाइड कर लिया। वो अशोक पैलेस इलाके के सेंट कोलंबिया स्कूल में पढ़ता था। छात्र ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें उसने लिखा कि उसके अंग दान कर दिए जाएं और उसके जैसी पीड़ा किसी भी बच्चों को नहीं मिलनी चाहिए। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मीनाक्षी जोशी ने भी एक्स हैंडल पर एक पोस्ट कर अपनी पीड़ा व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, उस बच्चे पर परफ़ॉर्मेंस का प्रेशर था। टीचर बच्चों की परेशानियों का हल उनके लेवल पर आकर सुलझाने की कोशिश नहीं कर रहे थे, वह शौर्य पर मानसिक दबाव बना रहे थे। बच्चों का मन बहुत कोमल होता है। यह मन अपशब्दों को सहन नहीं कर पाता है। परिवार और टीचर दोनों की भूमिका होती है की बच्चों की परेशानियों को मामूली समझकर नज़रअंदाज़ ना करें।
बच्चों से बात करें, समस्या का हल ढूँढे। इमोशनल बैटल को लड़ते हुए भी उनकी भावुकता कम नहीं होनी चाहिए। यह काम परिवार और टीचर ही कर सकते हैं। मैं जयपुर में नौ साल की बच्ची की मौत की खबर को भी पहले दिन से ट्रैक कर रही हूँ। मेरे जो-जो डर थे वह सब सही साबित होते जा रहे हैं।
जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में 9 साल की छात्रा की मौत की सीबीएसई की जाँच में सुरक्षा, बाल संरक्षण और स्कूल की प्रतिक्रिया में गंभीर खामियाँ पाई गईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी मंजिल से कूदने के बाद मरने वाली चौथी कक्षा की छात्रा को लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था, जिसमें यौन संदर्भों के साथ मौखिक दुर्व्यवहार भी शामिल था, और घटना वाले दिन अपनी शिक्षिका से दो बार संपर्क करने के बावजूद, उसे कभी भी काउंसलर के पास नहीं भेजा गया।
बच्ची परेशान थी माँ बाप ने उस से बात क्यों नहीं की? टीचर जानती थी तो बच्ची की काउंसलिंग क्यों नहीं कराई? स्कूल सिर्फ़ सर्विस प्रोवाइडर नहीं होना चाहिए। टीचर का 40-45 छात्रों के साथ इमोशनल कनेक्ट बनाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन बच्चा परेशान है फिर भी टीचर आँख बंद कर ले ऐसे टीचर स्कूल में कभी भी नहीं होने चाहिए।
मैं #शौर्य की खबर पढ़ रही हूँ । दसवी के बच्चे ने मेट्रो स्टेशन से कूद कर आत्महत्या कर ली ।
— Meenakshi Joshi (@IMinakshiJoshi) November 21, 2025
उस बच्चे पर परफ़ॉर्मेंस का प्रेशर था । टीचर बच्चों की परेशानियों का हल उनके लेवल पर आकर सुलझाने की कोशिश नहीं कर रहे थे, वह शौर्य पर मानसिक दबाव बना रहे थे ।
बच्चों का मन बहुत कोमल होता…
उन पर राजद्रोह और सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ यूएपीए की धारा 12 के तहत भी मामला दर्ज है, जिसमें अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है।
by
Samachar4media Bureau
दिल्ली पुलिस ने 2020 दिल्ली दंगे मामले में आरोपी एक्टिविस्ट शरजील इमाम की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया है। जमानत याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कोर्ट के समक्ष कई वीडियो पेश किए हैं। दिल्ली पुलिस का कहना है कि इन वीडियो में हिंसा से कुछ दिन पहले शरजील इमाम द्वारा युवा प्रदर्शनकारियों को दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के अंश हैं।
इस मामले पर वरिष्ठ रक्षा पत्रकार गौरव सावंत ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, बौद्धिक आतंक (Intellectual Terror) तो और भी ज़्यादा खतरनाक होता है। क्या भारत को तोड़ने की बात करना और असम/उत्तर-पूर्व को अलग करने की बात करना, CAA के खिलाफ कोई 'वैध विरोध' कहा जा सकता है?
क्या भारतीय मुसलमानों को भड़काना एक वैध विरोध माना जा सकता है? जो लोग ‘ब्रेक इंडिया फ़ोर्सेज़’ (देश तोड़ने वाली ताकतों) को बौद्धिक सहारा देते हैं, वे देश के साथ बड़ा अन्याय करते हैं। आपको बता दें, शरजील इमाम 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं।
उन पर राजद्रोह और सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ यूएपीए की धारा 12 के तहत भी मामला दर्ज है, जिसमें अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है।
intellectual terror is even more dangerous.
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) November 21, 2025
Talking of cutting off India & separating Assam/N-E legitimate form of protes against CAA?
Is inciting Indian Muslims a legitimate form of protest?
Those who give intellectual cover fire to 'break India forces' do disservice to nation! https://t.co/VB52TpjDz3
मैं तमाम कारणों का सार्वजनिक विश्लेषण नहीं कर सकता, लेकिन आप सभी जानते हैं कि पूर्व में पार्टी के विलय जैसा भी अलोकप्रिय और एक तरह से लगभग आत्मघाती निर्णय लेना पड़ा था।
by
Samachar4media Bureau
बिहार में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद एक बार फिर से एनडीए की सरकार बन गई है। नीतीश कुमार एक बार फिर से बिहार के सीएम बने। एनडीए गठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी भी शामिल हैं। उनके बेटे ने भी मंत्री पद की शपथ ली जिसके कारण विपक्ष उनकी कड़ी आलोचना भी कर रहा हैं। इस बीच पत्रकार और एंकर चित्रा त्रिपाठी से बातचीत के दौरान उन्होंने इसका कारण दिया।
उन्होंने कहा, दीपक को मंत्री बनाने के पीछे एक बड़ी वजह विधायकों का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाना भी है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 'ऐसी नौबत न आए कि हमारे लोग मेहनत करके सबकुछ खड़ा करें और कोई इधर से उधर हो जाए और पार्टी का नुकसान हो।'
आपको बता दें, उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर भी एक पोस्ट करते हुए लिखा, मेरा पक्ष है कि अगर आपने हमारे निर्णय को परिवारवाद की श्रेणी में रखा है, तो जरा समझिए मेरी विवशता को। पार्टी के अस्तित्व व भविष्य को बचाने व बनाए रखने के लिए मेरा यह कदम जरुरी ही नहीं अपरिहार्य था। मैं तमाम कारणों का सार्वजनिक विश्लेषण नहीं कर सकता, लेकिन आप सभी जानते हैं कि पूर्व में पार्टी के विलय जैसा भी अलोकप्रिय और एक तरह से लगभग आत्मघाती निर्णय लेना पड़ा था।
बेटे दीपक प्रकाश के बिहार सरकार में मंत्री बनने पर उठ रहे सवालों को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने चुप्पी तोड़ी है, उन्होंने बताया कि दीपक को मंत्री बनाने के पीछे एक बड़ी वजह विधायकों का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाना भी है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि "ऐसी नौबत न आए कि हमारे लोग… pic.twitter.com/AqrvuDIn68
— ABP News (@ABPNews) November 20, 2025
एनडीए ने 243 में से 202 सीटें जीतकर एकतरफा जीत हासिल की है। इसमें बीजेपी के 89, जदयू के 85, लोजपा (रामविलास) के 19, हम के 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमा) के 4 विधायक शामिल हैं।
by
Samachar4media Bureau
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नीतीश मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे से 14, जदयू कोटे से 8, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) कोटे से 2, जीतन राम मांझी की पार्टी से उनके बेटे डॉ. संतोष सुमन और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमो से भी उनका बेटा दीपक प्रकाश मंत्री बने हैं।
इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और लिखा कि यह वंशवाद की राजनीति आखिर कब बंद होगी? उन्होंने एक्स पर लिखा, जीतन राम मांझी के बेटे मंत्री बन गए, उपेंद्र कुशवाहा के बेटे- जो न तो विधायक हैं और न ही विधान परिषद सदस्य उन्हें भी मंत्री बना दिया गया। कई और लोग भी इसी तरह शामिल हुए। यानी वंशवाद की राजनीति अभी भी खूब चल रही है। महिलाओं ने एनडीए की बड़ी जीत में अहम भूमिका निभाई, लेकिन 27 सदस्यीय मंत्रिमंडल में सिर्फ 2 महिलाएँ शामिल की गईं। नेता लोग कब अपने कहे पर अमल करेंगे?
आपको बता दें, बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 243 में से 202 सीटें जीतकर एकतरफा जीत हासिल की है। इसमें बीजेपी के 89, जदयू के 85, लोजपा (रामविलास) के 19, हम के 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमा) के 4 विधायक शामिल हैं।
Interesting: Jitan Ram Manjhi son becomes minister, Upendra Khushwaha son (who is not even MLA or MLC) becomes minister. Many others too. Dynasty politics alive and kicking. Mahila played key role in big NDA win but just 2 women in 27 member cabinet. When will netas walk the…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 20, 2025
जरूरी नहीं कि अगर आपको स्कूल में कठोर शिक्षक मिले तो आप भी उनके जैसे ही बनें। वह समय अलग था, यह समय अलग है। हर पीढ़ी, पिछली पीढ़ी से अलग होती है।
by
Samachar4media Bureau
राजधानी दिल्ली के राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन पर मंगलवार दोपहर एक छात्र ने प्लेटफॉर्म से छलांग लगा दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक करोल बाग स्थित एक निजी स्कूल में दसवीं कक्षा का छात्र था। प्रिसिंपल, कोऑर्डिनेटर, सोशल स्टडीज की शिक्षिका सहित चार महिला शिक्षिकाएं छोटी-छोटी बातों पर उसे डांटती-फटकारती थीं।
इस हृदय विदारक घटना को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर अपना दर्द व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, प्रिय शिक्षकों, हम जानते हैं कि अब आप शिक्षा के मंदिर में नहीं, दुकानों में काम कर रहे हैं। आप पर प्रबंधन का अत्यधिक दबाव होता है सबसे अच्छे परिणाम लाने का ताकि वे इसकी नुमाइश कर दूसरे बच्चों को अपने स्कूलों में ला सकें।
कई बार आपका इरादा गलत नहीं होता। आपके कड़े व्यवहार में बच्चों की भलाई छुपी होती है। लेकिन अब आप भी मानिए कि जमाना बदल गया है। आज कल बच्चे मां-पिता को पाल रहे हैं, मां-पिता बच्चों को नहीं। अभावों से उठ कर यहां तक पहुंचे माता-पिता अपने बच्चों को वे तमाम सुख-सुविधाएं देना चाहते हैं जिनसे वे वंचित रहे।
वे नहीं जानते कि इसमें उनके बच्चों का हित है या अहित। बच्चे क्या सोचते हैं, क्या चाहते हैं- यह जाने बिना ही एक अंधी दौड़ चल रही है। सोसाइटी में स्टेटस इस बात से बनता है कि बच्चा किस स्कूल में पढ़ता है। कितने पर्सेंट आए। इस बात से नहीं कि वह समाज का हिस्सा और एक अच्छा इंसान बन पा रहा है या नहीं।
यह कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर मिलना आसान नहीं। आप भी इनका उत्तर ढूंढिए। जब तक नहीं मिलता, बच्चों से नर्मी से पेश आएं। जरूरी नहीं कि अगर आपको स्कूल में कठोर शिक्षक मिले तो आप भी उनके जैसे ही बनें। वह समय अलग था, यह समय अलग है। हर पीढ़ी, पिछली पीढ़ी से अलग होती है। उसकी सोच भी अलग होती है और जरूरत भी।
दिल्ली में एक प्रतिष्ठित स्कूल के 16 वर्ष के बच्चे ने स्कूल टीचर्स पर परेशान करने काआरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली। महाराष्ट्र में आरोप है कि एक टीचर ने एक बच्ची से देरी से आने के कारण भारी बैग के साथ सौ बार उठक-बैठक कराई और इससे उसकी मृत्यु हो गई।
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) November 20, 2025
प्रिय शिक्षकों
हम जानते हैं…
सीएम बनर्जी ने कहा कि उन्होंने जारी एसआईआर प्रक्रिया को लेकर बार-बार अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। स्थिति काफी बिगड़ जाने के कारण उन्हें मजबूर होकर 'सीईसी' को यह पत्र लिखना पड़ा है।
by
Samachar4media Bureau
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की मौजूदा प्रक्रिया अनियोजित और जबरन तरीके से चलाई जा रही है। इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने एक टीवी डिबेट में कहा कि एसआईआर का काम बंगाल में अवश्य होगा।
उन्होंने डिबेट में कहा, बंगाल में एक करोड चार लाख ऐसे मतदाता है जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं होना चाहिए। ममता बनर्जी विरोध कर रही हैं तो जान लें एसआईआर का काम बंगाल में पूरा होगा। अगर उन्होंने ज्यादा डिस्टर्ब किया तो जो मतदाता सूची चुनाव आयोग जारी करेगा उसी के आधार पर मतदान होगा।
आपको बता दें, मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा, 'यह प्रक्रिया जिस तरह अधिकारियों और नागरिकों पर थोपी जा रही है, वह न केवल अनियोजित और अव्यवस्थित है, बल्कि खतरनाक भी है। बुनियादी तैयारी, पर्याप्त योजना और स्पष्ट संचार के अभाव ने पहले दिन से ही पूरे अभियान को पंगु बना दिया है।'
बंगाल में एक करोड चार लाख ऐसे मतदाता है जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं होना चाहिए। ममता बनर्जी विरोध कर रही हैं तो जान लें एसआईआर का काम बंगाल में पूरा होगा । अगर उन्होंने ज्यादा डिस्टर्ब किया तो जो मतदाता सूची चुनाव आयोग जारी करेगा उसी के आधार पर मतदान होगा। https://t.co/0dBSdvAacK
— Awadhesh Kumar (@Awadheshkum) November 20, 2025
पाकिस्तान की तरफ से यह धमकी ऐसे वक्त में दी गई है जब चार चीनी कंपनियों के एक प्रतिनिधि ने संसदीय समिति को बताया कि उनकी मैनेजमेंट टीम मॉनिटरिंग कैमरे लगाने की इजाजत नहीं दे रही है।
by
Samachar4media Bureau
अमेरिका के करीब जा रहा पाकिस्तान चीन को अपना असली रंग दिखाने लगा है। दरअसल, पाकिस्तान के टैक्स प्रमुख ने चीनी कंपनियों को चेतावनी दी कि वो या तो अपने प्रोडक्शन की पूरी डिटेल दें या फिर पाकिस्तान में अपना कामकाज बंद कर दें। दरअसल, पाकिस्तान में टैक्स चोरी एक बड़ी समस्या है जिसमें चीनी कंपनियां भी शामिल हैं। इस पुरे मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने भी अपनी राय दी।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, मौका परस्त पाकिस्तान, अमेरिका की नज़दीकियों का फायदा उठाकर अब चीन को आंखें दिखाने लगा है। कंगाल पाकिस्तान में टैक्स चोरी एक बड़ी समस्या है जिसमें चीनी कंपनियां बड़ी मात्रा में संलिप्त हैं। इसे रोकने के लिए पाकिस्तान की सरकार अब प्रोडक्शन लाइन में CCTV कैमरे लगवा रही है।
हर साल 30 अरब की टैक्स चोरी में पकड़ी गई चीनी कंपनियां इससे बौखलाई हुई हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि 'पालक' चीन अपने ‘बालक’ पाकिस्तान के इस अलसी रंग पर क्या तमाशा खड़ा करता है? आपको बता दें, पाकिस्तान की तरफ से यह धमकी ऐसे वक्त में दी गई है जब चार चीनी कंपनियों के एक प्रतिनिधि ने संसदीय समिति को बताया कि उनकी मैनेजमेंट टीम मॉनिटरिंग कैमरे लगाने की इजाजत नहीं दे रही है।
मौका परस्त पाकिस्तान, अमेरिका की नज़दीकियों का फायदा उठाकर अब चीन को आंखें दिखाने लगा है. कंगाल पाकिस्तान में टैक्स चोरी एक बड़ी समस्या है जिसमें चीनी कंपनियां बड़ी मात्रा में संलिप्त हैं. इसे रोकने के लिए पाकिस्तान की सरकार अब प्रोडक्शन लाइन में CCTV कैमरे लगवा रही है. हर साल 30…
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) November 20, 2025
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी20 लीडर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां मौजूद कुछ नेताओं के साथ में द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं।
by
Samachar4media Bureau
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार 21 नवंबर से लेकर 23 नवंबर तक जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर रहेंगे। पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हो रहे 20वें जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी जी दक्षिण अफ्रीका में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन के लिए रवाना हुए, पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने बताया कि अमेरिका को अपना बहिष्कार वापस लेने और G20 में शामिल होने के लिए आख़िरी समय में बातचीत चल रही है।
क्या ट्रंप G20 में आएंगे? क्या मोदी और ट्रंप की मुलाकात हो सकती है? अब बस इंतज़ार कीजिए और देखते रहिये। आपको बता दें, दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी20 लीडर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां मौजूद कुछ नेताओं के साथ में द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका द्वारा आयोजित की जा रही इंडिया-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका (आईबीएसए) लीडर्स बैठक में भी भाग लेंगे।
AS PM MODI SETS OUT FOR G20 SUMMIT IN SOUTH AFRICA,
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) November 20, 2025
PTI reports that South Africa's leader says there are last-minute talks going on to get the US to reverse its boycott and take part in G20 summit. WILL TRUMP HEAD TO G20? WILL MODI-TRUMP CROSS PATHS?
Let's wait and watch...
वह दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी में क्षेत्ररक्षण के लिए मैदान पर नहीं उतरे और न ही 124 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने आए।
by
Samachar4media Bureau
साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले भारतीय टीम को बड़ा झटका लगा है। कप्तान शुभमन गिल गर्दन की चोट के कारण गुवाहाटी टेस्ट से बाहर हो गए हैं। गिल के अनुपलब्ध होने पर ऋषभ पंत कप्तानी की जिम्मेदारी उठाने वाले हैं। इस बीच वरिष्ठ खेल पत्रकार विक्रांत गुप्ता ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बड़ा सवाल उठाया है।
उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, अगर शुभमन गिल वाक़ई गुवाहाटी टेस्ट से बाहर कर दिए गए हैं, वह भी उसी दिन जब वह वहाँ पहुँचे, तो फिर वहाँ तक यात्रा करने और चोट को बढ़ाने का ख़तरा उठाने की क्या ज़रूरत थी? सुना है कि वनडे मैच भी ‘अनिश्चित स्थिति’ में हैं?
आपको बता दें, गिल को कोलकाता में पहले टेस्ट की पहली पारी के दौरान बल्लेबाजी करते समय गर्दन में चोट लगी थी। वह दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी में क्षेत्ररक्षण के लिए मैदान पर नहीं उतरे और न ही 124 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने आए। नतीजा ये हुआ की टीम इंडिया 30 रन से कोलकाता टेस्ट हार गया था।
If Shubman Gill has indeed been ruled out of the Guwahati Test the day he’s just landed there, what was the need to even travel and risk aggravation?
— Vikrant Gupta (@vikrantgupta73) November 19, 2025
Am told even ODIs touch and go?
पर लालू जी के परिवार में जिस प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं उसके बाद देखना पड़ेगा कि कांग्रेस के विधायकों की संख्या ज्यादा होगी या फिर लालू जी के साथ खड़े रहने वाले उनके बच्चों की।
by
Samachar4media Bureau
जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार आज यानी 20 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में एक भव्य समारोह में रिकॉर्ड दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। इस बीच एक टीवी डिबेट में बीजेपी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि अब एनडीए का लक्ष्य बिहार को पूर्ण विकसित करने का है।
उन्होंने कहा, जो तथाकथित बीमारू राज्य थे उनमें आज बिहार की ही स्थिति ऐसी है कि वो पीछे है बाकी राज्य बेहतर स्थिति में है। लेकिन ये भी समझना होगा कि बिहार था किस स्थिति में। केवल 22 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी कवर था, पटना में शहर में भी केवल 5-6 घंटे बिजली आया करती थी।
आज शत प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी कवर है और 23-24 घंटे बिजली आती है। और एनडीए सरकार की आगे की योजनाएं इसी पर आधारित होंगी कि बिहार को कैसे विकसित किया जाए। कांग्रेस दलितों की बात बहुत करती है, इस देश के पहले दलित रक्षामंत्री कौन थे? बाबू जगजीवन राम।
1971 के युद्ध के समय बाबू जगजीवन राम इस देश के रक्षा मंत्री थे लेकिन इस युद्ध का सारा श्रेय इंदिरा गांधी जी को दिया जाता है। आज तक आपने बाबू जगजीवन राम किसी के मुंह से नहीं सुना होगा। राहुल गांधी खड़े होकर ये कहने लगेंगे कि दिखाओ भई डिफेंस में कहां हैं SC-ST-OBC और जब SC रक्षामंत्री थे उन्हें धेले भर का क्रेडिट नहीं देने का प्रयास करना निश्चित रूप से दोहरे चरित्र को दर्शाता है।
लाइटर नोट पर एक बात कहूं तो बिहार में कांग्रेस के विधायकों की संख्या लालू जी के बच्चों से कम रह गई है। पर लालू जी के परिवार में जिस प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं उसके बाद देखना पड़ेगा कि कांग्रेस के विधायकों की संख्या ज्यादा होगी या फिर लालू जी के साथ खड़े रहने वाले उनके बच्चों की।
जो तथाकथित बीमारू राज्य थे उनमें आज बिहार की ही स्थिति ऐसी है कि वो पीछे है बाकी राज्य बेहतर स्थिति में है। लेकिन ये भी समझना होगा कि बिहार था किस स्थिति में। केवल 22 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी कवर था, पटना में शहर में भी केवल 5-6 घंटे बिजली आया करती थी। आज शत प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी… pic.twitter.com/98UbGPcRzb
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) November 19, 2025