देश के प्रमुख एफएम रेडियो स्टेशन ‘रेडियो सिटी’ (Radio City) ने उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) के साथ एक प्रसारण समझौते पर हस्ताक्षर करके एक और मील का पत्थर हासिल किया है।
देश के प्रमुख एफएम रेडियो स्टेशन ‘रेडियो सिटी’ (Radio City) ने उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) के साथ एक प्रसारण समझौते पर हस्ताक्षर करके एक और मील का पत्थर हासिल किया है। इस समझौते के तहत ‘रेडियो सिटी’ का प्रसारण विशेष रूप से कानपुर मेट्रो में किया जाएगा। लखनऊ मेट्रो के साथ भी इसी तरह के समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है। अब इस डील के बाद, लखनऊ और कानपुर के 30 स्टेशनों के यात्री अब रेडियो सिटी की इस अनूठी मनोरंजन पेशकश का आनंद ले सकते हैं।
रेडियो ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री में ‘रेडियो सिटी’ हमेशा से ही अपने इनोवेशन और ट्रेंडसेटिंग अप्रोच के लिए जानी जाती रही है। 28 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर मेट्रो का शुभारंभ किया और इसी के साथ ही श्रोता अब हर दिन सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक विशेष रूप से रेडियो चैनल को ट्यून कर सकते हैं।
लॉन्चिंग की धमाकेदार शुरुआत करते हुए, रेडियो सिटी ने कानपुर मेट्रो में अपने श्रोताओं को तब चौंका दिया, जब श्रोताओं को शहर के पसंदीदा रेडियो सिटी के आरजे के साथ उन्हें लाइव मुलाकात करने का मौका मिला, जो सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक मोतीझील स्टेशन पर थे।
देश में डिजिटल सनसनी बन चुके आरजे राघव ने प्रसारण के पहले दिन की शुरुआत करते हुए, इस उत्सव का हिस्सा बने। उनका स्पेशल सेगमेंट सुबह 7 बजे था। कार्यक्रम के बाद स्टेशन के सुपरहिट आरजे करिश्मा, हरि और अखिल ने लाइव शो की एक सीरीज आयोजित की गई।
सूचना-प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि सरकार को उम्मीद है कि साल के अंत तक एफएम रेडियो पर समाचार प्रसारण को अंतिम रूप दे दिया जाएगा
सूचना-प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि सरकार को उम्मीद है कि साल के अंत तक एफएम रेडियो पर समाचार प्रसारण को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमें इसे कैबिनेट के सामने पेश करने से पहले ही हरी झंडी मिल गई है।
चंद्रा ने कहा, 'ट्राई ने अधिक महत्वपूर्ण जानकारी के प्रसार को सक्षम बनाने के लिए रेडियो पर समाचारों के प्रसारण की सिफारिश की है। हम मोबाइल सेट पर एफएम को वापस लाने का भी प्रयास कर रहे हैं, ताकि सीधे प्रसारण की सुविधा मिल सके। इससे एफएम की पहुंच भी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि ऐसा करने से कोई भी रेडियो सुन सकता है और बहुत से लोग अब भी रेडियो सुनते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि खबरों का प्रसारण मुख्य रूप से लाइव है। अन्य माध्यमों में पहले से अपलोड की गए कंटेंट हैं और हो सकता है कि लाइव स्ट्रीमिंग न हो।
ट्राई एफएम रेडियो इंडस्ट्री में स्टेकहोल्डर्स के साथ कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कर रहा है, जैसे लाइसेंस शुल्क की गणना, वर्तमान लाइसेंस अवधि का विस्तार, मोबाइल फोन में अंतर्निहित एफएम रेडियो रिसीवर की आवश्यकता और बहुत कुछ।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में निजी एफएम रेडियो चैनलों के लिए सीबीसी विज्ञापन दरों में वृद्धि की है। यह वृद्धि बेस रेट पर लगभग 43 प्रतिशत की वृद्धि के बराबर है। इसके अलावा, प्राधिकरण ने हाल ही में निजी एफएम रेडियो चैनलों को स्वतंत्र समाचार बुलेटिन प्रसारित करने की अनुमति देने की सिफारिश की है।
जब एक्सचेंज4मीडिया ने इंडस्ट्री प्लेयर्स से संपर्क किया तो वे एफएम रेडियो इंडस्ट्री के लिए इस तरह बदलावों की संभावनाओं को लेकर काफी उत्सुक और उम्मीद से भरे दिखे।
रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क के सीईओ ऐब थॉमस (Abe Thomas) ने कहा, 'हाल के दिनों में रेडियो इंडस्ट्री के लिए कुछ उल्लेखनीय विकास हुए हैं, चाहे वह सात साल बाद सरकारी विज्ञापन दरों में संशोधन हो या 808 एफएम लाइसेंस की ई-नीलामी की घोषणा हो या फिर ट्राई ने वार्षिक लाइसेंस शुल्क संरचना में संशोधन और रेडियो प्लेयर्स को समाचार और समसामयिक कार्यक्रम प्रसारित करने की अनुमति देने की सिफारिशें की हों। इन सुधारों से निश्चित रूप से राजस्व को बढ़ावा मिलेगा और रेडियो एफएम की पहुंच का विस्तार होगा।
एग्जिक्यूटिव रेडियो पर समाचार और समसामयिक मामलों के प्रसारण का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि यह श्रोताओं और विज्ञापनदाताओं का एक नया समूह लाएगा, जिससे रेडियो प्लेयर्स श्रोताओं के साथ व्यापक जुड़ाव का पता लगाने में सक्षम होंगे।
'माय एफएम' (My FM) के सीईओ राहुल नामजोशी भी लंबे समय से लंबित इन सकारात्मक सिफारिशों को देखकर खुश हैं और उनके अनुसार, अगर इसे लागू किया जाता है तो यह रेडियो कैटेगरी के लिए एक वरदान साबित होगा। हम इस विषय पर विस्तृत विचार-विमर्श करने, सभी हितधारकों को सुनने और फिर ऐसी मजबूत सिफारिशें देने के लिए ट्राई के आभारी हैं।
उनका मानना है कि सभी सिफारिशें इंडस्ट्री की वास्तविक दिक्कतों पर आधारित हैं और उन्हें उम्मीद है कि इन सिफारिशों का वास्तविक कार्यान्वयन होगा।
सूचना प्रसारण मंत्रालय की ओर से वर्ष 2022 में 388 लाइसेंस और परमीशन दी गई हैं।
‘सूचना प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि एफएम रेडियो के लाइसेंस और परमीशन से कितनी कमाई हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय की ओर से वर्ष 2022 में 388 लाइसेंस और परमीशन दी गईं, जिससे 179 करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हुआ है।
इससे पहले वर्ष 2021 में भी लगभग इतनी ही यानी 386 परमीशन दी गई थीं और इससे 149 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला था, यानी वर्ष 2022 में इस रेवेन्यू में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 से 2017 और वर्ष 2019 से 2020 में इस रेवेन्यू में अचानक गिरावट देखी गई थी। वर्ष 2016 में लाइसेंस की संख्या 276 थी, जिसे वर्ष 2017 में बढ़ाकर 324 कर दिया गया था, इसके बाद भी रेवेन्यू करीब 50 प्रतिशत कम हो गया था।
वर्ष 2015 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के लिए काफी अच्छा और ऐतिहासिक वर्ष रहा, क्योंकि नए एफएम स्टेशनों की नीलामी और लाइसेंस शुल्क में वृद्धि के कारण रेवेन्यू में 2461 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई थी।
ऑडियो सीरीज प्लेटफॉर्म 'पॉकेट एफएम' (Pocket FM) ने कंटेंट मार्केटिंग के वाइस प्रेजिडेंट के रूप में विवेक भूटयानी (Vivek Bhutyani) की नियुक्ति किया है।
ऑडियो सीरीज प्लेटफॉर्म 'पॉकेट एफएम' (Pocket FM) ने कंटेंट मार्केटिंग के वाइस प्रेजिडेंट के रूप में विवेक भूटयानी (Vivek Bhutyani) की नियुक्ति किया है। विवेक को मीडिया, टेलीकॉम, रिटेल और एडटेक सहित अलग-अलग इंडस्ट्री में 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है। वह साथ, विवेक कंपनी की कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रैटजी व ऑर्गेनिक ग्रोथ में एक्सपर्ट हैं।
पॉकेट एफएम से पहले विवेक 'वेदांतु' (Vedantu) की लीडरशिप टीम का हिस्सा थे। उन पर वेदांतु के लिए ऑर्गेनिक ग्रोथ की जिम्मेदारी थी, जहां वे यूट्यूब की स्ट्रैटजी और ग्रोथ का नेतृत्व करते थे। 100 से अधिक एजुकेटर्स, शिक्षकों और कंटेंट प्रॉडक्शन टीम्स और क्रिएटर्स की एक विविध टीम का नेतृत्व करते थे।
पॉकेट एफएम में, विवेक इंटरनेशनल ग्रोथ चार्टर को आगे बढ़ाने के लिए इसके सीईओ व को-फाउंडर रोहन नायक और इंटरनेशनल ग्रोथ के वाइस प्रेजिडेंट ललित गंगवार के साथ मिलकर काम करेंगे।
विवेक भूटयानी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, बेंगलोर से एमबीए किया है। उन्होंने निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स व कम्युनिकेशंस में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बी.ई.) भी किया है।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों के लिए निजी एफएम रेडियो स्टेशनों पर जारी किए जाने वाले विज्ञापनों की नई दरों को मंजूरी दे दी है
सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों के लिए निजी एफएम रेडियो स्टेशनों पर जारी किए जाने वाले विज्ञापनों की नई दरों को मंजूरी दे दी है, जो इसके द्वारा गठित दर संरचना समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह निजी एफएम रेडियो स्टेशनों के लिए एक निष्पक्ष और सतत मूल्य निर्धारण ढांचा सुनिश्चित करने के लिए उसके द्वारा किए जा रहे प्रयासों के तहत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
सितंबर, 2023 में मंत्रालय द्वारा अनुमोदित नई दरों में दिसंबर 2015 से लेकर मार्च 2023 तक की अवधि के लिए बढ़ी हुई लागत को ध्यान में रखते हुए बेस रेट में की गई 43 प्रतिशत की वृद्धि भी शामिल है। इस बढ़ोतरी के साथ ही एफएम रेडियो विज्ञापन के लिए सकल बेस रेट 52 रुपये से बढ़कर 74 रुपये प्रति दस सेकेंड हो जाएगा।
इस समायोजन का उद्देश्य वर्तमान बाजार दरों के साथ समानता बनाए रखना है। सकल बेस रेट में वृद्धि से देश भर में मौजूदा समय में चालू या कार्यरत 400 से भी अधिक सामुदायिक रेडियो स्टेशन भी लाभान्वित होंगे।
बेस रेट को बढ़ाने के साथ-साथ मंत्रालय ने शहरवार दरों की गणना के लिए मौजूदा मूल्य निर्धारण फॉर्मूले को जारी रखने का भी निर्णय लिया है। मूल्य निर्धारण फॉर्मूले में शहर की आबादी और श्रोताओं की कुल संख्या से जुड़े डेटा जैसे विभिन्न कारकों को ध्यान में रखा गया है, जो वर्ष 2019 के इंडिया रीडरशिप सर्वे (IRS) से लिया गया है। इस फॉर्मूले के आधार पर बढ़े हुए बेस रेट से लगभग सभी निजी एफएम रेडियो स्टेशन नई अनुशंसित दरों से लाभान्वित होंगे जो काफी हद तक उनके श्रोताओं की कुल संख्या पर निर्भर करेंगी और जो एफएम स्टेशनों और सीबीसी के ग्राहकों दोनों के लिए ही उचित मूल्य प्रदान करेंगी।
इस फॉर्मूले के आधार पर 106 स्टेशनों के लिए दरों में 100 प्रतिशत की वृद्धि होगी, 81 स्टेशनों के लिए दरों में 50 से लेकर 100 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी, और 65 स्टेशनों के लिए दरों में 50 प्रतिशत से कम वृद्धि होगी, जिनके लिए श्रोताओं की कुल संख्या उपलब्ध है।
निजी एफएम रेडियो स्टेशनों के लिए दर संरचना समिति का गठन पिछले साल मंत्रालय द्वारा नई दरों का आकलन और सिफारिश करने के लिए किया गया था, जिन्हें आखिरी बार वर्ष 2015 में संशोधित किया गया था। इस समिति ने एसोसिएशन ऑफ रेडियो ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं से इस बारे में आवश्यक जानकारियां प्राप्त करने के अलावा उद्योग विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ कई दौर की बैठकें करने के बाद ही अपनी सिफारिशें पेश कीं।
दूरदर्शन केंद्र शिमला में कई वर्षों से सेवाएं दे रहे आकस्मिक कर्मचारियों को केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) से बड़ी राहत मिली है
दूरदर्शन केंद्र शिमला में कई वर्षों से सेवाएं दे रहे आकस्मिक कर्मचारियों को केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) से बड़ी राहत मिली है। अमर उजाला की एक खबर के मुताबिक, ट्रिब्यूनल ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए आदेश दिए हैं कि आवेदकों की सेवा स्थिति को आगामी सुनवाई तक न बदला जाए।
न्यायिक सदस्य रमेश सिंह ठाकुर ने सुरेश कुमार और अन्य के आवेदन की सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किए। इसके अलावा ट्रिब्यूनल ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, प्रसार भारती और दूरदर्शन केंद्र शिमला के निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले की सुनवाई 9 अक्तूबर को निर्धारित की गई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रसार भारती की ओर से विज्ञापित पदों के अनुबंध आधार पर भरने वाले विज्ञापन को चुनौती दी गई है। प्रसार भारती ने एक मार्च 2023 को अनुबंध आधार पर आवेदन आमंत्रित किए थे। उसके बाद 22 अगस्त और 11 सितंबर को दोबारा से विभिन्न पदों को अनुबंध आधार पर भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए। ट्रिब्यूनल के समक्ष दलील दी गई है कि आवेदक विभिन्न श्रेणियों पर कई वर्षों से आकस्मिक कर्मचारियोें के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। आवेदकों ने शिवकुमार बनाम हरियाणा मामले का हवाला देते हुए दलील दी कि प्रसार भारती अनुबंध कर्मचारी को अनुबंध भर्ती से बदल नहीं सकती है। ट्रिब्यूनल को बताया गया कि अधिकतर कर्मचारी 10 वर्षों से अधिक समय से दूरदर्शन शिमला केंद्र में कार्यरत हैं। आवेदकोें ने ट्रिब्यूनल से गुहार लगाई है कि शिमला दूरदर्शन केंद्र में अनुबंध आधार की भर्ती प्रक्रिया को रद्द किया जाए।
ट्राई ने गुरुवार को ‘लो पावर स्मॉल-रेंज’ के एफएम रेडियो प्रसारण से संबंधित मुद्दों’ को लेकर अपनी सिफारिशें जारी की हैं
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी कि ट्राई ने गुरुवार को ‘लो पावर स्मॉल-रेंज’ के एफएम रेडियो प्रसारण से संबंधित मुद्दों’ को लेकर अपनी सिफारिशें जारी की हैं।
ड्राइव-इन थिएटर सेटिंग के भीतर दर्शकों के लिए मूवी ऑडियो प्रसारित करने के लिए, लो पावर स्मॉल-रेंज के एफएम प्रसारण को सबसे कुशल तकनीकों में से एक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। इसके अलावा, इसका उपयोग कम शक्ति की छोटी रेंज वाले एफएम रेडियो प्रसारण के कई अन्य उपयोग के मामलों की पहचान के लिए किया जाता है जो विशिष्ट स्थानों और ग्रहण क्षेत्रों को पूरा कर सकते हैं। उदाहरण के रूप में अस्पताल में रेडियो सेवाएं, मनोरंजन पार्क, व्यावसायिक परिसर, आवासीय परिसर जैसे सीमित समुदाय, छोटी बस्तियां, स्थानीय कार्यक्रमों जैसे एयर शो और खेल आयोजनों के लिए कमेंट्री शामिल हैं।
ट्राई के अनुसार, 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति या कोई पंजीकृत कंपनी जिसका किसी राजनीतिक निकाय से कोई संबंध नहीं है, कम बिजली वाली छोटी रेंज के एफएम प्रसारण के लिए लाइसेंस पाने के लिए पात्र है।
30 दिन तक की अनुमति के लिए लाइसेंस शुल्क 1,000 रुपये और पांच साल की अनुमति के लिए 10,000 रुपये प्रति वर्ष होगा।
‘लो पावर स्मॉल-रेंज वाले एफएम रेडियो प्रसारण’की अधिकतम अनुमेय ट्रांसमिशन रेंज 500 मीटर होनी चाहिए।
लो पावर स्मॉल-रेंज के एफएम प्रसारण के मामले में फ़्रीक्वेंसी प्रदान करने के लाइसेंस प्राप्त क्षेत्र को सटीक भौगोलिक निर्देशांक जैसे आवश्यक सेवा स्थान के देशांतर और अक्षांश के आधार पर स्थान-विशिष्ट के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए (चाहे वह एक इमारत, स्टेडियम, सम्मेलन केंद्र, एक्सपो क्षेत्र आदि हो)।
लो पावर स्मॉल-रेंज के एफएम प्रसारण के लिए अधिकतम स्वीकार्य ट्रांसमिशन पावर 1 वाट होनी चाहिए।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा ड्राइव-इन थिएटर जैसी सेवाओं के लिए नए सेवा प्रदाताओं की शुरुआत की आवश्यकता और समय पर पिछले साल ट्राई से प्रतिक्रिया मांगी थीं, जिसके बाद अब ये सिफारिशें आई हैं।
इस संबंध में, 17 अप्रैल 2023 को एक परामर्श पत्र जारी किया गया था जिसमें लो पावर स्मॉल-रेंज वाले एफएम रेडियो प्रसारण से संबंधित मुद्दों पर हितधारकों की टिप्पणियां मांगी गई थीं।
टिप्पणियां जमा करने की अंतिम तिथि 22 मई 2023 थी और प्रति-टिप्पणियां 5 जून 2023 प्राप्त की जानी थीं।
ट्राई को हितधारकों से 6 टिप्पणियां और 1 प्रति-टिप्पणी प्राप्त हुई। प्राधिकरण ने परामर्श प्रक्रिया के दौरान हितधारकों से प्राप्त सभी टिप्पणियों/प्रति-टिप्पणियों पर विचार विमर्श करने और मुद्दों के आगे के विश्लेषण के बाद अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दिया है।
इससे पहले 15 साल से ज्यादा समय से ‘Mirchi’ के साथ जुड़े हुए थे मनोज मथान, जहां से उन्होंने अगस्त में इस्तीफा दे दिया था।
मनोज मथान को ‘मलयाला मनोरमा’ (Malayala Manorama) समूह के ‘रेडियो मैंगो’ (Radio Mango) का चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया गया है।
इस बारे में सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट में मनोज ने लिखा है, ‘नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान अमित मैथ्यू और सुरेश पिल्लई को उनके सपोर्ट और इस बड़ी जिम्मेदारी के साथ मुझ पर भरोसा करने के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं। इसके साथ ही मैं अपने सभी पूर्व बॉस, नियोक्ताओं और मिर्ची के सहकर्मियों के साथ-साथ अपने सभी शुभचिंतकों को मेरे करियर और व्यक्तिगत विकास में उनके अमूल्य योगदान के लिए फिर से धन्यवाद देना चाहता हूं।’
अपनी पोस्ट में मनोज ने यह भी लिखा है, ‘मैं अपने नए सहयोगियों से मिलने, बिजनेस के सभी हितधारकों से सीखने और नए व मजबूत रिश्ते बनाने के लिए उत्सुक हूं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहता हूं कि रेडियो मैंगो नई ऊंचाइयों को छूए।’
बता दें कि मनोज मथान इससे पहले 15 साल से ज्यादा समय से ‘मिर्ची’ (Mirchi) के साथ जुड़े हुए थे। उन्होंने अगस्त में ‘मिर्ची’ में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट और हेड और इंटरनेशनल बिजनेस के पद से इस्तीफा दे दिया था।
मनोज को बिजनेस एंड ऑपरेशंस मैनेजमेंट, सेल्स, मार्केटिंग, पीपुल मैनेजमेंट, कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन एंड मैनेजमेंट में और खासकर चार दक्षिणी भारतीय भाषाओं (तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और तमिल) में काम करने का दो दशक का अनुभव है।
दूरसंचार एवं प्रसारण क्षेत्र के नियामक ट्राई (TRAI) ने निजी एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टर्स को न्यूज व करेंट अफेयर्स के मुद्दों पर आधारित कार्यक्रमों के प्रसारण की अनुमति देने की सिफारिश की है
दूरसंचार एवं प्रसारण क्षेत्र के नियामक ट्राई (TRAI) ने निजी एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टर्स को न्यूज व करेंट अफेयर्स के मुद्दों पर आधारित कार्यक्रमों के प्रसारण की अनुमति देने की सिफारिश की है। ट्राई ने पिछले हफ्ते सरकार को सौंपी अपनी सिफारिशों में कहा कि निजी एफएम चैनल को हर घंटे में 10 मिनट के लिए न्यूज व करेंट अफेयर्स से जुड़े कार्यक्रमों के प्रसारण की अनुमति दी जाए।
ट्राई के मुताबिक, इन निजी एफएम चैनलों पर भी कार्यक्रम से संबंधित वही संहिता एवं निर्देश लागू होंगे, जो न्यूज के संबंध में आकाशवाणी पर लागू होते हैं।
इसके साथ ही ट्राई ने एफएम रेडियो से संबंधित फीचर एवं कार्य सभी मोबाइल फोन उपकरणों में सक्रिय रखने की सिफारिश भी की है। ट्राई ने कहा, ‘मोबाइल फोन में एफएम रेडियो रिसीवर लगा हुआ हो और उसे चालू या निष्क्रिय करने की जरूरत न हो।'
ट्राई ने कहा कि एफएम रेडियो चैनल के किसी वित्त वर्ष के सकल राजस्व का चार प्रतिशत ही लाइसेंस शुल्क के रूप में लिया जाना चाहिए। इस पर अलग से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगाया जाना चाहिए।
इसके अलावा ट्राई ने सरकार से कहा कि वह कोविड-19 महामारी के दौरान पैदा हुई चुनौतियों से जूझ रहे एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टर्स को राहत देने के लिए भी कदम उठाएं।
सूचना-प्रसारण सचिव अपूर्व चन्द्रा ने कहा कि आकाशवाणी न्यूज और दूरदर्शन ने जी-20 शिखर सम्मेलन की कवरेज का सराहनीय कार्य किया है
सूचना-प्रसारण सचिव अपूर्व चन्द्रा ने कहा कि आकाशवाणी न्यूज और दूरदर्शन ने जी-20 शिखर सम्मेलन की कवरेज का सराहनीय कार्य किया है। डीडी न्यूज से बातचीत में अपूर्व चन्द्रा ने कहा कि दूरदर्शन ने अल्ट्रा हाई डेफिनिशन फॉर के प्रसारण प्रौद्योगिकी वाले कैमरों के इस्तेमाल के माध्यम से विश्व भर के दर्शकों को सम्मेलन का लाइव प्रसारण दिखाया।
आकाशवाणी न्यूज से बातचीत करते हुए प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी नेकहा कि दूरदर्शन ने जी20 सम्मेलन के लिए 80 से अधिक कैमरे लगाए थे और सवा तीन सौ से अधिक कर्मचारियों को तैनात किया गया था। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया को उनकी आवश्यकता के अनुसार फुल एचडी, एचडी और 4K फीड उपलब्ध कराई गई।
यहां देखें वीडियो:
बता दें कि यह छंटनी कंपनी के वर्कफोर्स का 3 प्रतिशत है और इस छंटनी में सबसे ज्यादा मैनेजमेंट प्रभावित होगा।
कनाडाई मीडिया और टेलीकॉम कंपनी 'बेल' (Bell) ने बुधवार को कहा कि लागत पर लगाम लगाने के लिए वह 1,300 एम्प्लॉयीज की छंटनी करेगी और छह रेडियो स्टेशनों को बंद करेगी। साथ ही कंपनी ने BCE Inc की इकाई द्वारा नियंत्रित तीन AM रेडियो स्टेशन बेचने का फैसला लिया है।
बता दें कि यह छंटनी कंपनी के वर्कफोर्स का 3 प्रतिशत है और इस छंटनी में सबसे ज्यादा मैनेजमेंट प्रभावित होगा। 'बेल' लागत कम करने और दर्शकों की संख्या को बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहा है, क्योंकि उपभोक्ता धीरे-धीरे केबल टीवी से स्ट्रीमिंग सेवाओं की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे उसका ऐड रेवेन्यू काफी प्रभावित हुआ है।
मुख्य रूप से पहली तिमाही में ऐडवर्टाइजिंग और सब्सक्राइबर्स में कमी के चलते कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 5.5% घटकर 780 मिलियन डॉलर रह गया।