संस्कृति मंत्रालय और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) ने 21 फरवरी को भारत रंग महोत्सव की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में समापन समारोह आयोजित किया।
संस्कृति मंत्रालय और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) ने 21 फरवरी को भारत रंग महोत्सव की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में समापन समारोह आयोजित किया।
समारोह में ‘भारत एक्सप्रेस’ (Bharat Express) न्यूज नेटवर्क के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में मौजूद रहे। इस दौरान ‘नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा’ के डायरेक्टर चित्तरंजन त्रिपाठी ने उपेंद्र राय को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनके विशेष योगदान की सराहना की।
बता दें कि इस महोत्सव में ‘भारत एक्सप्रेस’ ने मीडिया पार्टनर की भूमिका निभाई है। कार्यक्रम में करीब 2000 थिएटर ग्रुप ने एक साथ एक थीम पर प्रस्तुति देकर नया रिकॉर्ड बनाया। समारोह में तमाम गणमान्य हस्तियां मौजूद रहीं।
मशहूर शायर इरशाद खान सिकंदर को श्रद्धांजलि देते हुए लेखक-डायरेक्टर अविनाश दास ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक भावुक पोस्ट लिखी है।
उर्दू शायरी, थिएटर और गीत लेखन की दुनिया में अपनी खास पहचान बनाने वाले मशहूर शायर इरशाद खान सिकंदर का 18 मई को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। करीब 42 वर्षीय इरशाद खान को शाम करीब छह बजे हार्ट अटैक आया, जिसके बाद उनका इंतकाल हो गया। उनके असमय निधन से साहित्य, रंगमंच और सिनेमा जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर तमाम लेखकों, कलाकारों और प्रशंसकों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।
उनकी याद में लेखक-डायरेक्टर अविनाश दास ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक भावुक पोस्ट लिखी है। उन्होंने लिखा है, ‘अरसा बाद एक शख़्स अच्छा लगने लगा था। हम दिल्ली जाते थे, तब मिलते थे। वह मुंबई आते थे, तब मिलते थे। एक बार इंदौर में भी हमने बहुत ख़ास पल बिताये। सादगी और जोश का सुंदर संगम। लेकिन वह शख़्स चला गया। इरशाद ख़ान सिकंदर हमसे सात साल छोटे थे, लेकिन उनका ज़ेहन उम्रदराज़ था। उनका एक शेर है,
अभी ये शाम को क्या हो गया है
अभी मैं दिन में था अच्छा भला तो
कल शाम उनकी मृत्यु के समाचार ने अंदर से तोड़ दिया। वह शायरी में आंसुओं का तर्जुमा करते थे। उनका ही शेर है,
बाग़ था कुछ पल में सहरा हो गया
आंधियों का फ़र्ज़ पूरा हो गया
बुझ गये आंखों के सब रौशन दिये
आज दिल का बंद कमरा हो गया
पांच-छह सालों में हम ज़्यादा क़रीब आये थे। उनके शब्दों में जो सच्चाई थी, उनका किरदार भी उतना ही सच्चा लगता था। अलविदा इरशाद भाई। यह हमारी एक तस्वीर है और इस तस्वीर में आपकी हंसी के क्या कहने! माशाअल्लाह!!’
अरसा बाद एक शख़्स अच्छा लगने लगा था। हम दिल्ली जाते थे, तब मिलते थे। वह मुंबई आते थे, तब मिलते थे। एक बार इंदौर में भी हमने बहुत ख़ास पल बिताये। सादगी और जोश का सुंदर संगम। लेकिन वह शख़्स चला गया। इरशाद ख़ान सिकंदर हमसे सात साल छोटे थे, लेकिन उनका ज़ेहन उम्रदराज़ था। उनका एक शेर… pic.twitter.com/xaVeKRPqd7
— Avinash Das (@avinashonly) May 19, 2025
उर्दू साहित्य में जाना-माना नाम इरशाद खान सिकंदर (42 साल) को 18 मई की शाम तकरीबन छह बजे हार्ट अटैक आया, जिससे उनका इंतकाल हो गया।
मशहूर शायर, गीतकार और लेखक इरशाद खान सिकंदर का निधन हो गया है। उर्दू साहित्य में जाना-माना नाम इरशाद खान सिकंदर (42 साल) को 18 मई की शाम तकरीबन छह बजे हार्ट अटैक आया, जिससे उनका इंतकाल हो गया।
बता दें कि इरशाद खान की आवाज और शायरी की जुगलबंदी के बहुत से लोग दीवाने थे। शायरी के साथ-साथ इरशाद खान नाटक के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने आखिरी गजल 'चाँद के सिरहाने लालटेन' लिखी है, जिसे उन्होंने फेसबुक पर भी शेयर किया था।
8 अगस्त 1983 में उत्तर-प्रदेश के संत कबीर नगर में जन्मे इरशाद खान ने हिंदी, उर्दू और भोजपूरी में अपना अलग मुकाम हासिल किया था। शायरी और नाटक के अलावा कई फिल्मों के लिए गाने भी लिखे।
इरशाद खान के निधन से साहित्य और नाट्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके तमाम जानने वालों, मित्रों और शुभचिंतकों ने दुख जताते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी है।
अहमदाबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (NID) ने बांग्लादेश के एक प्रमुख मीडिया शिक्षण संस्थान के साथ अपने अकादमिक समझौते को खत्म करने का निर्णय लिया है।
अहमदाबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (NID) ने बांग्लादेश के एक प्रमुख मीडिया शिक्षण संस्थान के साथ अपने अकादमिक समझौते को खत्म करने का निर्णय लिया है। यह फैसला संस्थान ने मौजूदा परिस्थितियों और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया है।
NID देश का प्रतिष्ठित डिजाइन संस्थान है जिसे संसद द्वारा ‘राष्ट्रीय महत्व’ का दर्जा प्राप्त है। यह संस्थान वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय के रूप में कार्य करता है।
संस्थान ने सोमवार को यह जानकारी दी कि उसने ढाका स्थित 'पाठशाला दक्षिण एशियाई मीडिया संस्थान' के साथ किया गया समझौता समाप्त कर दिया है। यह साझेदारी शैक्षणिक आदान-प्रदान और सहयोग के लिए की गई थी।
NID ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि यह कदम वर्तमान परिस्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है और यह निर्णय देश के व्यापक हितों के अनुरूप है।
इस घटनाक्रम से कुछ ही दिन पहले भारत सरकार ने बांग्लादेश से सड़क मार्ग के जरिए रेडीमेड वस्त्र और प्रोसेस्ड फूड जैसे कुछ उत्पादों के आयात पर पाबंदी लगा दी थी। अब इन वस्तुओं का आयात केवल न्हावा शेवा (मुंबई) और कोलकाता के समुद्री बंदरगाहों से ही किया जा सकेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि NID का यह कदम हालिया व्यापारिक और रणनीतिक घटनाओं से भी जुड़ा हो सकता है, जिसमें भारत ने क्षेत्रीय सुरक्षा और व्यापार नियंत्रण को प्राथमिकता दी है।
प्रसिद्ध यूट्यूबर ध्रुव राठी एक नए वीडियो को लेकर विवादों में घिर गए हैं, जिसमें उन्होंने सिख इतिहास और गुरुओं पर आधारित एआई विज़ुअल्स का प्रयोग किया था।
प्रसिद्ध यूट्यूबर ध्रुव राठी एक नए वीडियो को लेकर विवादों में घिर गए हैं, जिसमें उन्होंने सिख इतिहास और गुरुओं पर आधारित एआई विज़ुअल्स का प्रयोग किया था। वीडियो का शीर्षक था "The Sikh Warrior Who Terrified the Mughals" (वह सिख योद्धा, जिसने मुगलों को आकंतिक किया)। वीडियो में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की मदद से तैयार किए गए दृश्य शामिल किए गए थे, जिन्हें लेकर सिख समुदाय ने कड़ी आपत्ति जताई है।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इसकी सख्त निंदा की। SGPC के एक सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि सिख इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर उसे एआई के ज़रिये प्रस्तुत करना न केवल अनुचित है बल्कि इससे धार्मिक भावनाएं भी आहत होती हैं।
SGPC के साथ ही शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी वीडियो को लेकर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह का चित्रण 'सिख रहत मर्यादा' के नियमों का उल्लंघन करता है, जो गुरु साहिबान के दृश्य रूप में प्रदर्शन पर रोक लगाता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वीडियो में कई तथ्य भ्रामक हैं और भाषा का स्तर भी मर्यादित नहीं था।
Strongly condemn a recent video by Youtuber Dhruv Rathee titled “The Sikh Warrior Who Terrified the Mughals” for its inappropriate use of AI-generated visuals depicting our Guru Sahiban besides historical inaccuracies.
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) May 19, 2025
Such portrayals violate Sikh rehat maryada which prohibits… pic.twitter.com/NsEmtZQYXH
दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी इस वीडियो को लेकर अपनी असहमति जताई। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वीडियो में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को एक बच्चे के रूप में रोते हुए दिखाना सिख धर्म की आत्मा और चढ़दी कला की भावना के विपरीत है। उन्होंने इसे "सिख इतिहास और भावनाओं का गहरा अपमान" करार दिया।
I condemn Dhruv Rathee’s recent video on “The Sikh Warrior Who Terrified the Mughals” that is not only factually flawed but blatantly disrespectful to Sikh history and sentiments. Showing Sri Guru Gobind Singh Ji, the embodiment of courage and divinity, crying as a child is an… https://t.co/Hf4aiB6pNC pic.twitter.com/e9p5Sd75N8
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) May 19, 2025
बढ़ते विरोध के बीच, ध्रुव राठी ने अंततः अपने यूट्यूब चैनल से यह वीडियो हटा दिया है। हालांकि, इसे लेकर अभी भी सोशल मीडिया पर बहस जारी है और सिख समुदाय वीडियो बनाने की प्रक्रिया और इसके पीछे की मंशा पर सवाल उठा रहा है।
हमने अफ्योन कोकाटेपे यूनिवर्सिटी तुर्किए को अवगत करवा दिया है कि 22 जून 2024 को हुआ एमओयू तुरंत प्रभाव से निलंबित समझा जाए और समझौते के मुताबिक यह एमओयू स्वत ही रद्द हो जाएगा।
भारत-पाकिस्तान युद्ध में तुर्किए द्वारा पाकिस्तान को सपोर्ट करने के बाद अब धीरे-धीरे भारतीय संस्थान तुर्किए से अपने सभी संबंध तोड़ रहे हैं। इसी क्रम में हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय (एचजेयू) ने अकादमिक आदान-प्रदान के लिए तुर्किए की अफ्योन कोकाटेपे यूनिवर्सिटी के साथ किए गए एमओयू को रद्द कर दिया है।
यह करार एचजेयू और अफ्योन कोकाटेपे यूनिवर्सिटी तुर्किए के बीच 22 जून 2024 को हुआ था। हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. सुधि राजीव ने कहा, तुर्किए के भारत विरोधी रुख के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए यह कदम उठाया जाना जरूरी था।
हमने अफ्योन कोकाटेपे यूनिवर्सिटी तुर्किए को अवगत करवा दिया है कि 22 जून 2024 को हुआ एमओयू तुरंत प्रभाव से निलंबित समझा जाए और समझौते के मुताबिक तीन महीने बाद यह एमओयू स्वत ही रद्द हो जाएगा।
दिल्ली के लोधी रोड स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आज दोपहर 'विकसित भारत थिएटर फेस्टिवल 2025' की भव्य शुरुआत होगी।
दिल्ली के लोधी रोड स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आज दोपहर 'विकसित भारत थिएटर फेस्टिवल 2025' की भव्य शुरुआत होगी। यह आयोजन 'लॉर्ड कृष्णा प्रोडक्शंस' द्वारा किया जा रहा है, जिसमें कला, संस्कृति, नाटक और साहित्य की भूमिका पर चर्चा के साथ-साथ थीम आधारित नाट्य प्रस्तुतियाँ भी होंगी।
कार्यक्रम की शुरुआत 2 बजे जिस्ट्रेशन के साथ होगी, जिसके बाद 3 बजे फेस्टिवल का औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा। 3.30 से 5.30 बजे तक दो विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें आईसीसीआर, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, संगीत नाटक अकादमी, हिंदी, उर्दू, पंजाबी और सिंधी अकादमियों के प्रतिनिधि 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य में कला, संस्कृति, नृत्य और संगीत की भूमिका पर अपने विचार रखेंगे।
इसके बाद नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) की ओर से एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें रंगमंच के तकनीकी पक्ष, मार्केटिंग, स्टेज डिजाइन और वाणिज्यिक संभावनाओं पर चर्चा होगी।
कार्यक्रम का उद्घाटन भारत सरकार के पूर्व विदेश राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह करेंगे। उनके साथ लोकसभा सांसद मनोज तिवारी, रामवीर सिंह विधुरी, एनएसडी निदेशक चितरंजन त्रिपाठी और कथक केंद्र की निदेशक प्रणामे भगवती भी मौजूद रहेंगे।
शाम 6:30 बजे से 'विकसित भारत 2047' विषय पर आधारित छह लघु नाटकों का मंचन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त गुरुग्राम के प्रणवानंद इंटरनेशनल स्कूल, फरीदाबाद के विद्या निकेतन स्कूल और दिल्ली के टैगोर इंटरनेशनल स्कूल के छात्र भी अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे।
फेस्टिवल के निदेशक राजेश सहगल कार्यक्रम के अंत में सभी मेहमानों और कलाकारों को धन्यवाद ज्ञापित करेंगे और प्रमाणपत्र वितरित किए जाएंगे। रात 9 बजे प्रतिभागियों और अतिथियों के लिए रात्रि भोज का आयोजन किया गया है।
'विकसित भारत थिएटर फेस्टिवल' का उद्देश्य यह दिखाना है कि कला और रंगमंच न केवल सांस्कृतिक चेतना को सशक्त बनाते हैं, बल्कि राष्ट्रीय विकास के दृष्टिकोण को भी एक नई दिशा दे सकते हैं। आयोजकों ने मीडिया से अपील की है कि इस महत्त्वपूर्ण आयोजन को व्यापक रूप से स्थान दें।
वेटिकन के सेंट पीटर स्क्वायर में 18 मई को पोप लियो XIV के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन धार्मिक रीति-रिवाजों और भव्यता के साथ किया गया।
वेटिकन के सेंट पीटर स्क्वायर में 18 मई को पोप लियो XIV के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन धार्मिक रीति-रिवाजों और भव्यता के साथ किया गया। दुनिया भर से कई प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी में हुए इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का प्रतिनिधित्व राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने किया।
हरिवंश नारायण सिंह ने पोप लियो XIV से मुलाकात कर भारत सरकार और देशवासियों की ओर से उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दीं। यह समारोह भारतीय समयानुसार दोपहर 1:30 बजे शुरू हुआ और करीब दो घंटे तक चला। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु, धार्मिक नेता और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि सेंट पीटर स्क्वायर में मौजूद रहे।
हरिवंश नारायण सिंह ने इस अहम मुलाकात की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा, 'वेटिकन सिटी के सेंट पीटर स्क्वायर में पोप लियो XIV के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। उनसे अपनी संक्षिप्त मुलाकात में, भारत के लोगों की ओर से उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं।'
गौरतलब है कि 8 मई को कार्डिनल रॉबर्ट फ्रांसिस प्रीवोस्ट को रोमन कैथोलिक चर्च का नया पोप चुना गया था। पोप पद संभालने के बाद उन्होंने ‘पोप लियो XIV’ नाम ग्रहण किया। यह पहली बार है जब अमेरिका से किसी व्यक्ति को पोप चुना गया है। वे अब 1.4 अरब कैथोलिक ईसाइयों के आध्यात्मिक नेता हैं।
STAIRS National Sports Excellence Awards 2025 के जरिये उन कोचों, शिक्षकों, स्वयंसेवकों और संस्थानों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने देश की खेल संस्कृति को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है।
युवाओं और खेलों के जरिये सामाजिक परिवर्तन की सोच को साकार करने में जुटा STAIRS Foundation इस साल एक और बड़ी पहल के साथ मैदान में है। इसके तहत देश की राजधानी दिल्ली स्थित तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में 19 मई 2025 को STAIRS National Games 2025 और एक भारत एक लक्ष्य (EBEL) अवॉर्ड्स 2025 का आयोजन किया जाएगा।
इस आयोजन का उद्देश्य सिर्फ प्रतियोगिता कराना नहीं, बल्कि खेल को सामाजिक समावेशन और राष्ट्रीय एकता की भाषा के रूप में स्थापित करना है। STAIRS के इस मंच पर देश के 20 से अधिक राज्यों से आए युवा खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत STAIRS National Games 2025 के उद्घाटन के साथ होगी, जो जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं को मंच देने की एक कोशिश है। वहीं, STAIRS National Sports Excellence Awards 2025 के जरिये उन कोचों, शिक्षकों, स्वयंसेवकों और संस्थानों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने देश की खेल संस्कृति को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है।
केरल के स्वतंत्र पत्रकार रेजाज एम शिबा सिद्दीकी के खिलाफ दर्ज मामले की जांच अब महाराष्ट्र एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) कर रही है।
केरल के स्वतंत्र पत्रकार रेजाज एम शिबा सिद्दीकी के खिलाफ दर्ज मामले की जांच अब महाराष्ट्र एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) कर रही है। रेजाज फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं और उन पर प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े होने का आरोप है। 15 मई को हुई सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र ATS ने विशेष एनआईए कोर्ट को बताया कि पत्रकार पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 38 और 39 लगाई गई है।
जांच एजेंसियों का आरोप है कि रेजाज का संबंध हिजबुल मुजाहिदीन, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) और सीपीआई (माओवादी) जैसे प्रतिबंधित संगठनों से है।
रेजाज को 7 मई को नागपुर के लकड़गंज थाने में दर्ज एफआईआर के बाद गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि उन्होंने सेना विरोधी नारे लगाए और प्रतिबंधित संगठनों से संबंध रखे। एफआईआर में उन्हें सीपीआई (माओवादी) का संभावित सदस्य बताया गया है।
पुलिस का दावा है कि उनके पास ऐसे फोटो भी हैं जिनमें रेजाज को हथियारों के साथ देखा गया है। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 149 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की तैयारी के लिए हथियार इकट्ठा करना), धारा 192 (दंगा भड़काने की नीयत से उकसाना), और धारा 353 के कई उपखंडों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही सूचना एवं खुफिया अधिनियम की धारा 67 के तहत भी केस दर्ज किया गया है।
पुलिस ने कोर्ट से 10 दिन की कस्टडी मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने केरल से जुटाए गए सबूतों से जुड़े पंचनामा और जब्ती दस्तावेज पेश न करने पर महाराष्ट्र पुलिस को फटकार लगाई। फिलहाल कोर्ट ने 18 मई तक की हिरासत मंजूर की है।
रेजाज ने केरल यूनिवर्सिटी से सोशल वर्क की पढ़ाई की है और मकतूब व काउंटर करंट्स जैसे स्वतंत्र मंचों के लिए रिपोर्टिंग की है। उनकी पत्रकारिता का फोकस अक्सर पुलिस ज्यादती, जातीय भेदभाव और जेलों में कैद लोगों की हालत पर रहा है। शुरुआत में इस मामले की जांच नागपुर पुलिस कर रही थी, जिसने केरल स्थित उनके घर की तलाशी भी ली थी।
भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) के इनक्यूबेशन सेंटर की पहल Ideathon 1.0 का समापन शुक्रवार को सफलतापूर्वक हुआ। इस आयोजन में चुनी गई 14 छात्र टीमों ने अपने-अपने इनोवेटिव मीडिया स्टार्टअप आइडियाज पेश किए।
भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) के इनक्यूबेशन सेंटर की पहल Ideathon 1.0 का समापन शुक्रवार को सफलतापूर्वक हुआ। इस आयोजन में चुनी गई 14 छात्र टीमों ने अपने-अपने इनोवेटिव मीडिया स्टार्टअप आइडियाज पेश किए। इस पहल का मकसद मीडिया क्षेत्र में नए विचारों को बढ़ावा देना और स्टूडेंट्स को एंटरप्रेन्योरशिप की दिशा में प्रेरित करना है।
इस सफर की शुरुआत Ideathon 1.0 के लॉन्च से हुई थी, जहां छात्रों को अलग-अलग थीम पर आधारित स्टार्टअप आइडियाज भेजने के लिए आमंत्रित किया गया था। इन विषयों में डिजिटल स्टोरीटेलिंग, मीडिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल, क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट की संभावनाएं और सोशल मीडिया साक्षरता जैसे अहम मुद्दे शामिल थे। कुल 31 टीमों ने इसमें भाग लिया, जिनमें से 14 को आगे के राउंड के लिए चुना गया।
चुनी गई टीमों को इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और शिक्षकों से मेंटरशिप दी गई ताकि वे अपने आइडियाज को बेहतर ढंग से तैयार कर सकें। समापन कार्यक्रम में इन टीमों ने अपने परिष्कृत विचारों को जजेस के सामने पेश किया। जज पैनल में मीडिया के अनुभवी नामों के साथ-साथ एंटरप्रेन्योर्स और फैकल्टी सदस्य भी शामिल थे।
IIMC की वाइस चांसलर डॉ. अनुपमा भटनागर ने कार्यक्रम में कहा, “छात्रों का जोश और नवाचार की भावना देखने लायक थी। हमारा इनक्यूबेशन सेंटर ऐसे युवाओं को आगे बढ़ने का मंच देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
इनक्यूबेशन सेंटर की चेयरपर्सन प्रो. अनुभूति यादव ने कहा, “Ideathon 1.0 की यह शुरुआत भविष्य में मीडिया और संचार की दुनिया को नई दिशा देने में मदद करेगी।”
संस्थान के रजिस्ट्रार डॉ. निमिष रुस्तगी ने छात्रों की क्रिएटिविटी की सराहना करते हुए कहा, “IIMC का इनक्यूबेशन सेंटर स्टूडेंट-ड्रिवन वेंचर्स और मीडिया इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम करता रहेगा। चुने गए आइडियाज को हम आगे भी जरूरी संसाधनों, नेटवर्किंग और समर्थन से मजबूत करेंगे।”
यह आयोजन IIMC के कैंपस में स्टार्टअप कल्चर को आगे बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।