फर्जी रेप केस में फंसाने पर व्यक्ति ने की खुदकुशी, दो पत्रकार गिरफ्तार, महिला फरार

ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में एक 50 वर्षीय व्यक्ति को झूठे रेप केस में फंसाने के आरोप में पुलिस ने दो पत्रकारों को गिरफ्तार किया है।

Vikas Saxena by
Published - Monday, 14 April, 2025
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Monday, 14 April, 2025
Arrest


ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में एक 50 वर्षीय व्यक्ति को झूठे रेप केस में फंसाने के आरोप में पुलिस ने दो पत्रकारों को गिरफ्तार किया है। वहीं, इस मामले में शामिल 31 वर्षीय महिला फिलहाल फरार है।

यह मामला जिले के पाटकुरा थाना क्षेत्र के एक गांव का है, जहां गुरुवार को रेप के झूठे आरोप लगने के बाद पीड़ित व्यक्ति ने पेड़ से फांसी लगाकर जान दे दी। मौके से मिले सुसाइड नोट में उसने अपनी मौत के लिए दो पत्रकारों और एक महिला को जिम्मेदार ठहराया है।

पीड़ित की पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज किया। आरोप है कि महिला ने दोनों पत्रकारों के कहने पर रेप का झूठा केस दर्ज कराया था। महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने दोनों पत्रकारों को गिरफ्तार कर स्थानीय अदालत में पेश किया, जहां उनकी जमानत याचिका खारिज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पुलिस अब तीसरी आरोपी महिला की तलाश में जुटी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी गई है।

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हैप्पी बर्थडे डॉ. ऐश्वर्या पंडित: विचार, संवाद और नेतृत्व की मिसाल हैं आप

‘आईटीवी फाउंडेशन’ (ITV Foundation) की चेयरपर्सन डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा का आज जन्मदिन है।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 30 July, 2025
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Wednesday, 30 July, 2025
Dr aishwarya pandit

‘आईटीवी फाउंडेशन’ (ITV Foundation) की चेयरपर्सन डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा का आज जन्मदिन है। डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा केवल एक शिक्षाविद् या मीडिया की आवाज नहीं हैं, बल्कि एक ऐसी शख्सियत हैं, जिनका काम इतिहास से जुड़ा है, सच्चाई में टिके हुए विचारों पर खड़ा है और जिनका मकसद समाज में बेहतर संवाद की दिशा बनाना है।

डॉ. शर्मा का ज्ञान केवल किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के काम आ रहा है। वे बदलाव लाने के मकसद से काम करती हैं। उन्होंने ऐसा सफर तय किया है जो किसी एक पेशे या खांचे में समाया नहीं जा सकता। वे उन चंद लोगों में से हैं जो मानते हैं कि ज्ञान तब तक अधूरा है, जब तक उसे लोगों के साथ साझा न किया जाए और उसका इस्तेमाल समाज को बेहतर बनाने में न किया जाए।

डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस इतिहास में फर्स्ट क्लास ऑनर्स के साथ स्नातक किया। इसके बाद वे लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स गईं और फिर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी पहुंचीं, जहां उन्होंने ‘From United Provinces to Uttar Pradesh: Heartland Politics, 1947–1970’ विषय पर पीएचडी की। यह रिसर्च सिर्फ डिग्री के लिए नहीं था, बल्कि सत्ता, पहचान और भारतीय लोकतंत्र के बदलते रूपों पर एक गहन अध्ययन था।

लेकिन डॉ. शर्मा केवल शोध पत्रों और लाइब्रेरी तक सिमटी नहीं रहीं। उनके लिए ज्ञान का मतलब है जमीनी स्तर पर प्रासंगिक होना। इसी सोच के साथ वे कैम्ब्रिज से निकलकर पहले जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल की कक्षाओं तक पहुंचीं और फिर जन सरोकार के कामों में जुट गईं।

‘आईटीवी फाउंडेशन’ की चेयरपर्सन के रूप में उन्होंने मीडिया में नेतृत्व को एक नया रूप दिया है। आज जब मीडिया में अक्सर शोर और दिखावा हावी है, उन्होंने ठहराव, गहराई और गरिमा के साथ काम करने की परंपरा कायम की है। उनके नेतृत्व में फाउंडेशन ने ऐसे प्लेटफॉर्म्स तैयार किए हैं जहां इतिहास को केवल अतीत की बात मानकर छोड़ नहीं दिया जाता, बल्कि वर्तमान को समझने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

उनका पॉडकास्ट ‘Historically Speaking’ इसी सोच का शानदार उदाहरण है। इसमें वे भारत के इतिहास को आज के दौर के जटिल सवालों से जोड़ती हैं। चाहे वह आपातकाल की विरासत हो या भारत में राजनीतिक सोच की दिशा। वो न सिर्फ गहराई से शोध करती हैं, बल्कि इन बातों को निजी अनुभव और सरल भाषा में सामने लाती हैं।

उनका काम सिर्फ स्टूडियो या शिक्षण तक सीमित नहीं है। ‘आईटीवी फाउंडेशन’ के जरिये उन्होंने गोरखपुर, हरियाणा और पंजाब जैसे इलाकों में महिलाओं के स्वास्थ्य शिविर आयोजित कराए। डेटॉल के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान चलाए और ‘We Women Want’ जैसे प्रोग्राम तैयार किए, जहां घरेलू हिंसा, मानसिक स्वास्थ्य, और बांझपन जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर बात होती है। उनके लिए ये शब्द सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि जमीनी जरूरतें हैं।

उन्होंने ‘शक्ति अवॉर्ड्स’ की शुरुआत भी की है, जो हर साल उन महिलाओं को सम्मानित करता है जो बिना किसी शोहरत या मंच के, रोज़ाना जिंदगी की चुनौतियों से जूझती हैं और कामयाबी हासिल कर समाज के सामने उदाहरण पेश करती हैं। डॉ. शर्मा को यकीन है कि असली नेतृत्व अक्सर चुपचाप काम करने वालों में होता है।

उनके न्यूजरूम में ऐसा माहौल होता है, जहां हर आवाज की अहमियत होती है, चाहे वह पत्रकार हो या तकनीकी स्टाफ। वे पद और ओहदे से ज्यादा विचार और संवाद को महत्व देती हैं।

डॉ. शर्मा की सोच की सबसे खास बात है कि वे ज्ञान और संवेदना, दोनों को साथ लेकर चलती हैं। वे बातें थोपती नहीं, बातचीत करती हैं। दिखावा नहीं करतीं, बल्कि गहराई से सोचती हैं। आज के तेज रफ्तार, सतही दौर में वे यह याद दिलाती हैं कि इतिहास का नज़रिया रखना केवल पुरानी बातों में उलझना नहीं, बल्कि आगे का रास्ता समझने का तरीका है।

इस साल उन्होंने एक और अहम भूमिका निभाई है। वे हाल ही में आई किताब ‘Indian Renaissance: The Modi Decade’ की संपादक हैं। इस संकलन में उन्होंने ऐसे विचारों और लेखों को जगह दी है, जो केवल राजनीतिक घटनाओं का दस्तावेज नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा पर सोचने का नजरिया हैं।

डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा मानती हैं कि कहानी सुनाने यानी स्टोरीटैलिंग का असली मकसद समाज को समझाना और बदलना है। वे एक ऐसी लीडर हैं जो जल्दीबाज़ी में नहीं, सोच-समझकर आगे बढ़ती हैं और सबसे बढ़कर, वे एक ऐसी महिला हैं जो इतिहास को अपने साथ आत्मविश्वास से लेकर चलती हैं।

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कुत्ते को खाना खिलाने से रोकना फोटो जर्नलिस्ट को पड़ा भारी, चाकू से हमला

नोएडा के सेक्टर-74 में सोमवार रात एक फोटो जर्नलिस्ट को आवारा कुत्ते को खाना खिलाने से मना करना महंगा पड़ गया। पुलिस के मुताबिक, इस विवाद में आरोपी ने पत्रकार पर चाकू से आठ बार वार कर दिया।

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Published - Wednesday, 30 July, 2025
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Wednesday, 30 July, 2025
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नोएडा के सेक्टर-74 में सोमवार रात एक फोटो जर्नलिस्ट को आवारा कुत्ते को खाना खिलाने से मना करना महंगा पड़ गया। पुलिस के मुताबिक, इस विवाद में आरोपी ने पत्रकार पर चाकू से आठ बार वार कर दिया। मंगलवार तड़के आरोपी को पुलिस मुठभेड़ के बाद पकड़ लिया गया। मुठभेड़ में उसके पैर में गोली लगी।

पकड़े गए युवक की पहचान 25 वर्षीय दीपक शर्मा के रूप में हुई है, जो सेक्टर-74 के सर्फाबाद इलाके का रहने वाला है। घटना के कुछ घंटे बाद मंगलवार तड़के करीब 1 बजे, पुलिस को जानकारी मिली कि दीपक सर्फाबाद के पास से गुजरने वाला है। इसके बाद एक टीम ने वहां बैरिकेड्स लगाकर चेकिंग शुरू की। जब दीपक ने पुलिसकर्मियों को देखा, तो उसने भागने की कोशिश में पिस्तौल से पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली दीपक के पैर में लगी। अब वह पुलिस हिरासत में है। 

घायल पत्रकार प्रमोद शर्मा एक हिंदी अखबार में फोटो जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं और परिवार के साथ सर्फाबाद में रहते हैं। उन्होंने बताया कि घटना रात करीब 8 बजे घर से सिर्फ 100 मीटर दूर हुई। प्रमोद ने कहा, “मैं काम से लौट रहा था और स्पीड ब्रेकर पर गाड़ी धीमी की थी, तभी एक व्यक्ति पास आया और आधा खुला शीशा देखकर अंदर हाथ डालकर मेरे कंधे पर चाकू से आठ बार वार किया। अगर शीशा पूरा खुला होता, तो चोट और गंभीर हो सकती थी।”

घटना के बाद प्रमोद ने हमलावर को रोकने की कोशिश की, लेकिन खून बहने से वहीं गिर पड़े। मौके पर मौजूद पत्रकारों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और उन्हें सेक्टर-39 के सरकारी अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे और तीन पुलिस टीमों को आरोपी की तलाश में लगाया गया।

सेक्टर-113 थाना प्रभारी कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया, “आरोपी दीपक ने कबूल किया है कि उसका छोटा भाई सड़क पर एक कुत्ते को बिस्किट खिला रहा था। प्रमोद शर्मा ने ट्रैफिक जाम की बात कहते हुए इसका विरोध किया। इस पर दीपक गुस्से में आ गया और हमला कर दिया।”

हालांकि प्रमोद का कहना है कि उन्होंने बस बच्चे से इतना कहा था कि कुत्ते को वहां से हटा दे, ताकि वह गाड़ी निकाल सकें।

पुलिस के अनुसार, दीपक शर्मा पर पहले से चोरी, आर्म्स एक्ट और गैंगस्टर एक्ट सहित 11 केस दर्ज हैं। घटनास्थल से देसी पिस्तौल और वारदात में इस्तेमाल चाकू भी बरामद किया गया है। सेक्टर-113 थाने में उसके खिलाफ हत्या की कोशिश और जानबूझकर चोट पहुंचाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। जांच जारी है। 

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प्रो. के.जी. सुरेश के व्यक्तित्व और कृतित्व पर डॉ. अंकित पांडेय ने की पीएचडी

प्रोफेसर (डॉ.) के.जी. सुरेश भारतीय मीडिया, पत्रकारिता और शिक्षा जगत के उन विशिष्ट हस्तियों में हैं, जिन्होंने अपनी बहुआयामी भूमिका से देश के मीडिया परिदृश्य को नई दिशा दी है।

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Published - Wednesday, 30 July, 2025
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Wednesday, 30 July, 2025
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प्रोफेसर (डॉ.) के.जी. सुरेश भारतीय मीडिया, पत्रकारिता और शिक्षा जगत के उन विशिष्ट हस्तियों में हैं, जिन्होंने अपनी बहुआयामी भूमिका से देश के मीडिया परिदृश्य को नई दिशा दी है। हाल ही में डॉ. अंकित पांडेय ने प्रो. सुरेश के व्यक्तित्व और कृतित्व पर जो पीएचडी शोध कार्य किया, वह प्रो. सुरेश की बहुविध उपलब्धियों, नेतृत्वगुणों और भारतीय मीडिया शिक्षा में योगदान का गहराई से विश्लेषण करता है।

इस शोध में बताया है कि प्रो. सुरेश ने किस तरह अपने करियर की शुरुआत पीटीआई (प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया) से की, जहां वे मुख्य राजनीति संवाददाता सहित कई महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे। यहां उन्होंने देश की संसद, कई राज्यों के चुनाव, कश्मीर का संघर्ष, अफगानिस्तान का घटनाक्रम, और नेपाल का राजमहल नरसंहार जैसे बड़े घटनाक्रमों पर विश्लेषणात्मक रिपोर्टिंग की। उन्होंने न सिर्फ रिपोर्टिंग बल्कि वरिष्ठ मीडिया नीति सलाहकार की भूमिका भी निभाई, जिसमें उनकी विशद समझ और निष्पक्षता झलकती है।

भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) के महानिदेशक पद पर रहते हुए प्रो. सुरेश ने भारतीय भाषाओं में पत्रकारिता को नई ऊँचाई दी। उनके प्रयासों से मराठी, मलयालम, और उर्दू पत्रकारिता के नए पाठ्यक्रम व परिसर प्रारंभ हुए। उन्होंने 'न्यू मीडिया', 'इंडियन लैंग्वेज जर्नलिज्म' जैसे नए विभाग और कम्युनिटी रेडियो रिसोर्स सेंटर स्थापित किए। इसी दौरान राष्ट्रीय मीडिया फैकल्टी विकास केंद्र जैसी पहल से मीडिया शिक्षा में शिक्षक-शोधकर्ताओं का विकास हुआ।

दूरदर्शन न्यूज के सलाहकार संपादक के रूप में प्रो. सुरेश ने कई नवोन्मेषी कार्यक्रम (जैसे 'स्पीड न्यूज', 'वर्तावली', 'गुड न्यूज इंडिया', 'इंडिया फर्स्ट', 'दो टूक') की शुरुआत की, जिससे दूरदर्शन के समाचार बुलेटिन की विविधता और सामाजिक-रचनात्मकता बढ़ी। डी डी न्यूज़ की मोबाइल ऐप जैसी डिजिटल पहलों में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही।

माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलपति रहते उन्होंने मीडिया अध्ययन के विभिन्न नए पाठ्यक्रम, उद्योग-शैक्षिक सहयोग, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन, और नए परिसर स्थापित करवाए। शिक्षाशास्त्र और अकादमिक उत्कृष्टता के साथ व्यावहारिक मीडिया अनुभव का अनूठा संयोजन उनके नेतृत्व का वैशिष्ट्य रहा है। प्रो. सुरेश के व्यक्तित्व की खासियत है – दूरदर्शिता, सामाजिक समावेशिता, भाषा-संवर्धन, और नवाचार के लिए सतत प्रेरणा।

उनके मार्गदर्शन में भारतीय मीडिया शिक्षा को सामाजिक सरोकार और राष्ट्रीय मूल्य बोध के साथ जोड़ने पर बल मिला। वे कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की सलाहकार समिति, पुरस्कार चयन समिति, तथा मीडिया नीति तक निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं। डॉ. पांडेय के शोध के अनुसार, प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश का संपूर्ण कृतित्व भारतीय मीडिया, विशेष रूप से भाषा पत्रकारिता और मीडिया शिक्षा के सतत विकास, नवाचार, और सामाजिक उत्तरदायित्व का आदर्श उदाहरण है।

वे शिक्षण, पत्रकारिता और नेतृत्व के दुर्लभ समन्वयकर्ता हैं, जिन्होंने निष्पक्ष, संवेदनशील और प्रतिबद्ध मीडिया कर्मियों की नई पीढ़ी तैयार करने का कार्य किया। प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश के व्यक्तित्व और योगदान का दस्तावेजीकरण डॉ. अंकित पांडेय के शोध में भारतीय मीडिया अध्ययन के लिए एक आधारशिला की तरह है, जो आने वाली मीडिया शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के लिए प्रेरक का काम करेगा। 

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चेन्नई की प्रख्यात वास्तुकार व सांस्कृतिक संरक्षक तारा मुरली का निधन

चेन्नई की प्रख्यात वास्तुकार व सांस्कृतिक जगत की जानी-मानी हस्ती तारा मुरली का शनिवार शाम उनके चेन्नई स्थित आवास पर लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।

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Published - Monday, 28 July, 2025
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Monday, 28 July, 2025
TaraMurli410

चेन्नई की प्रख्यात वास्तुकार व सांस्कृतिक जगत की जानी-मानी हस्ती तारा मुरली का शनिवार शाम उनके चेन्नई स्थित आवास पर लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 75 वर्ष की थीं।

तारा मुरली को द हिंदू ग्रुप के डायरेक्टर एन. मुरली की पत्नी के रूप में व्यापक रूप से जाना जाता था, लेकिन उन्होंने अपनी शांत और सधी हुई उपस्थिति के जरिए चेन्नई की वास्तुकला और सांस्कृतिक परिदृश्य में गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने न केवल कला और शिक्षा से जुड़ी कई संस्थाओं का समर्थन किया, बल्कि चेन्नई की समृद्ध विरासत और शास्त्रीय कलाओं के संरक्षण की भी मजबूत पैरोकार रहीं।

उनका अंतिम संस्कार सोमवार को बेसेंट नगर श्मशान घाट में किया गया, जहां परिजन, मित्र और चाहने वाले उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए।

तारा मुरली के पति एन. मुरली और उनकी दो संतानों हैं। उनके निधन के साथ दक्षिण भारत ने वास्तुशिल्पीय उत्कृष्टता और सांस्कृतिक संरक्षण की एक सच्ची समर्थक को खो दिया है।

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वरिष्ठ पत्रकार और 'Mainstream' के संपादक सुमित चक्रवर्ती का निधन

वह पिछले कुछ समय से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे और उपचार के लिए दिल्ली से कोलकाता चले आए थे।

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Published - Sunday, 27 July, 2025
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Sunday, 27 July, 2025
Sumit Chakraborty

प्रख्यात पत्रकार और ‘Mainstream Weekly’ के संपादक सुमित चक्रवर्ती का निधन हो गया है। उन्होंने शनिवार की रात करीब 10:45 बजे कोलकाता में अंतिम सांस ली। वह पिछले कुछ समय से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे और उपचार के लिए दिल्ली से कोलकाता चले आए थे। सुमित चक्रवर्ती के परिवार में उनकी पत्नी डॉ. गर्गी चक्रवर्ती और एक बेटा है।

सुमित चक्रवर्ती, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) की वरिष्ठ नेता रेनू चक्रवर्ती और प्रसिद्ध पत्रकार निखिल चक्रवर्ती के पुत्र थे। पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रहने के साथ-साथ वे CPI और उससे संबद्ध महिला संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वीमेन (NFIW) से भी जुड़े हुए थे।

सुमित चक्रवर्ती के निधन पर CPI के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद डी. राजा ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर एक पोस्ट में कहा, ‘भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कोलकाता में प्रख्यात पत्रकार और प्रगतिशील आवाज़ कॉमरेड सुमित चक्रवर्ती के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करती है। वे एक प्रतिष्ठित पत्रकार और प्रतिबद्ध बौद्धिक व्यक्तित्व थे, जिन्होंने सत्य, न्याय और धर्मनिरपेक्षता जैसे मूल्यों को जीवन भर जिया। सुमित ने हमेशा संपादकीय स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि रखा। उनकी पैनी समझ और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें राजनीतिक और पत्रकारिता जगत में अत्यंत सम्मान दिलाया।’

इसके साथ ही उन्होंने लिखा, ‘सुमित चक्रवर्ती ने Mainstream Weekly के संपादक के रूप में निष्पक्षता और प्रतिबद्ध पत्रकारिता की मिसाल कायम की। वे जीवन भर प्रगतिशील आंदोलन से जुड़े रहे और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के करीबी सहयोगी रहे। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कॉमरेड सुमित चक्रवर्ती को श्रद्धांजलि अर्पित करती है। उनकी अनुपस्थिति उन सभी को खलेगी जो निडर पत्रकारिता और प्रगतिशील बदलाव को महत्व देते हैं। पार्टी शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करती है।’

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ULLU, ALTT समेत 25 OTT प्लेटफॉर्म्स पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, देशभर में किया ब्लॉक

केंद्र सरकार ने 25 OTT प्लेटफॉर्म्स और उनसे जुड़े मोबाइल ऐप्स को भारत में पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया है।

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Published - Friday, 25 July, 2025
Last Modified:
Friday, 25 July, 2025
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डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से फैल रहे अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट पर लगाम लगाने के लिए सूचना-प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information & Broadcasting) ने कड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने 25 OTT प्लेटफॉर्म्स और उनसे जुड़े मोबाइल ऐप्स को भारत में पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया है। इन पर भारतीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए अश्लील सामग्री स्ट्रीम करने का आरोप है।

यह कदम बढ़ती सार्वजनिक चिंता और संस्थागत प्रतिक्रिया के बाद उठाया गया है, जिसमें इन प्लेटफॉर्म्स पर सीमाएं लांघते हुए अर्ध-पोर्नोग्राफिक सामग्री के बढ़ते चलन पर सवाल उठाए गए थे।

व्यापक स्तर पर मंत्रालयों और विशेषज्ञों से ली गई राय

इस कार्रवाई को गृह मंत्रालय (MHA), महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), विधि विभाग (DoLA), इंडस्ट्री संगठनों जैसे FICCI और CII, और महिला एवं बाल अधिकारों के स्वतंत्र विशेषज्ञों की सलाह से अंजाम दिया गया। कार्रवाई आईटी एक्ट, 2000 की धारा 67 और 67A, भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 294 और महिलाओं के अशोभनीय चित्रण (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 4 के तहत की गई है।

सरकार ने कहा कि यह कदम IT नियम 2021 के तहत निर्धारित कंटेंट मॉडरेशन और उम्र-आधारित प्रतिबंधों की अनदेखी के चलते उठाया गया है।

देशभर में ऐप्स और वेबसाइट्स की पहुंच पर रोक

इन प्लेटफॉर्म्स में ALTT, ULLU, Big Shots App, Desiflix, Boomex, Navarasa Lite, Gulab App, Kangan App, Bull App, Jalva App, Wow Entertainment, Look Entertainment, Hit Prime, Feneo, ShowX, Sol Talkies, Adda TV, HotX VIP, Hulchal App, MoodX, NeonX VIP, ShowHit, Fugi, Mojflix, और Triflicks शामिल हैं।

इनमें से कई थर्ड-पार्टी ऐप स्टोर्स के जरिए चलते थे और इरोटिक वेब सीरीज को ‘एडल्ट एंटरटेनमेंट’ के नाम पर प्रमोट करते थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनमें से अधिकांश प्लेटफॉर्म्स पर स्टोरीलाइन नगण्य थी और केवल नग्नता व यौन संकेतों से भरपूर दृश्य दिखाए जाते थे।

सरकार की चेतावनियों के बावजूद जारी रही अश्लीलता

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, "इन प्लेटफॉर्म्स को कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने न तो जवाब दिया, न ही दिशा-निर्देशों का पालन किया। इनका कंटेंट न तो कलात्मक था, न ही सामाजिक या नैतिक दृष्टि से कोई मूल्य था। कुछ में पारिवारिक रिश्तों को भी अनुचित तरीके से दर्शाया गया था।"

फरवरी 2025 में सरकार ने एक एडवाइजरी जारी कर सभी OTT प्लेटफॉर्म्स को IT Rules, 2021 के तहत आचार संहिता का पालन करने को कहा था। बावजूद इसके, कई प्लेटफॉर्म्स ने नियमों की अवहेलना जारी रखी। मार्च 2024 में जिन 5 प्लेटफॉर्म्स को पहले ब्लॉक किया गया था, वे नए डोमेन के जरिए दोबारा सक्रिय हो गए थे।

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

डिजिटल पब्लिशर्स कंटेंट ग्रीवेंस काउंसिल (DPCGC), जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश करते हैं, ने भी पहले ALTT और ULLU पर आपत्तिजनक सीन्स हटाने और 100 से ज्यादा वेब सीरीज को हटाने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद, कुछ कंटेंट बाद में फिर से अपलोड कर दिया गया।

सख्त निगरानी का संकेत

यह भारत में अब तक की सबसे बड़ी समन्वित कार्रवाई मानी जा रही है और यह संकेत देती है कि सरकार डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सख्त नजर बनाए रखेगी। मंत्रालय ने दोहराया है कि जो भी प्लेटफॉर्म उम्र वर्गीकरण, कंटेंट सर्टिफिकेशन और स्व-नियमन के नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि अभी तक कई प्लेटफॉर्म्स की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कानूनी चुनौतियों की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि कई ऐप्स के पास सक्रिय सब्सक्रिप्शन बेस था।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम रचनात्मक स्वतंत्रता पर रोक नहीं, बल्कि डिजिटल माध्यमों की गलत इस्तेमाल की प्रवृत्ति पर नियंत्रण लगाने के लिए है, खासकर जब इससे बच्चों और संवेदनशील समूहों को नुकसान पहुंच सकता है।

सरकारी अधिकारियों ने जिम्मेदार कंटेंट क्यूरेशन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि सरकार नियमित रूप से ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की निगरानी करती रहेगी।

इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को भी आदेश

मंत्रालय ने देशभर के इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) और मोबाइल नेटवर्क्स को इन सभी ऐप्स और वेबसाइट्स तक पहुंच को पूरी तरह ब्लॉक करने का निर्देश भी जारी कर दिया है।

यह कदम न सिर्फ डिजिटल वातावरण की सफाई की दिशा में निर्णायक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अब अपने डिजिटल भविष्य को कानूनी, नैतिक और सांस्कृतिक मर्यादाओं के दायरे में सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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वरिष्ठ रंगकर्मी व थिएटर निर्देशक राजिंदर नाथ का निधन, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने जताया शोक

राजिंदर नाथ का अंतिम संस्कार 24 जुलाई 2025 को दिल्ली में लोदी रोड स्थित श्मशान घाट पर दोपहर 1:30 बजे किया जाएगा।’

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Published - Thursday, 24 July, 2025
Last Modified:
Thursday, 24 July, 2025
Rajinder Nath

भारतीय रंगमंच जगत की प्रमुख हस्ती और थिएटर निर्देशक राजिंदर नाथ का 24 जुलाई को निधन हो गया है। वह करीब 90 वर्ष के थे। राजिंदर नाथ के निधन से कला और संस्कृति जगत में शोक की लहर है।

अगस्त 1934 में जन्मे राजिंदर नाथ ने भारतीय रंगमंच को नई दिशा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित थे और कई वर्षों तक श्रीराम सेंटर (मंडी हाउस) के प्रमुख भी रहे। उनके योगदान ने दिल्ली के रंगमंच को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विशिष्ट पहचान दिलाई।

उनके निधन पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर अपने शोक संदेश में प्रेस क्लब ने लिखा है, ‘ प्रेस क्लब ऑफ इंडिया अपने वरिष्ठ सदस्य और रंगमंच के पुरोधा श्री राजिंदर नाथ के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता है। एक समर्पित रंगकर्मी के रूप में उनका योगदान अविस्मरणीय है। हम उनके परिवार और मित्रों को इस कठिन समय में ढांढस और शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं। राजिंदर नाथ का अंतिम संस्कार 24 जुलाई 2025 को दिल्ली में लोदी रोड स्थित श्मशान घाट पर दोपहर 1:30 बजे किया जाएगा।’

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वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और जाने-माने फिल्म समीक्षक अजित राय का निधन

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह समेत तमाम लोगों ने अजित राय को अपनी श्रद्धांजलि दी है।

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Published - Wednesday, 23 July, 2025
Last Modified:
Wednesday, 23 July, 2025
Ajit Rai

वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और जाने-माने फिल्म समीक्षक अजित राय का निधन हो गया है। उन्होंने लंदन में अंतिम सांस ली। अजित राय के निधन की खबर से पत्रकारिता, सिनेमा और रंगमंच जगत में शोक की लहर है।

अजित राय दशकों से हिंदी पाठकों को देश-दुनिया के रंगमंच, कला और विश्व सिनेमा से जोड़ते रहे। उनकी कलम ने न केवल सिनेमा की समीक्षा की, बल्कि उसकी सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परतों को भी उजागर किया। वे रायपुर फिल्म फेस्टिवल से लेकर कान्स जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों तक लगातार सक्रिय रहे और भारत का प्रतिनिधित्व करते रहे।

किसी छोटे कस्बे के मंच से लेकर दुनिया के सबसे बड़े फिल्म आयोजनों तक उनकी उपस्थिति और रिपोर्टिंग ने हिंदी सिनेमा-जगत को वैश्विक नजरिया दिया। वे सिर्फ आलोचक नहीं थे, एक संवेदनशील अध्येता और युवा प्रतिभाओं के संरक्षक भी थे। कई युवा पत्रकारों, लेखकों और फिल्म छात्रों को उन्होंने प्रेरित किया और आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया।

अजित राय के तमाम मित्रों और सहयोगियों ने उन्हें मिलनसार और आत्मीय व्यक्तित्व के रूप में याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है और ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति देने व उनके परिजनों को यह अपार दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर एक पोस्ट कर अजित राय को श्रद्धंजलि दी है। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा है, ‘वरिष्ठ पत्रकार, मशहूर फिल्म समीक्षक अजीत राय जी के आकस्मिक निधन की खबर मिली।विश्वास नहीं हो रहा। उनसे पुराना आत्मीय संबंध रहा। कुछ माह पहले ही एक आयोजन में उनसे मुलाकात हुई थी। अजीत जी की आत्मा की शांति की कामना।’

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महाकवि गोपाल दास ‘नीरज’ की स्मृति में सजी साहित्यिक संध्या, जुटे दिग्गज

महाकवि गोपालदास नीरज फाउंडेशन ट्रस्ट के संरक्षक और भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेन्द्र राय के नेतृत्व में हुआ भव्य कार्यक्रम

Samachar4media Bureau by
Published - Sunday, 20 July, 2025
Last Modified:
Sunday, 20 July, 2025
Neeraj Samman

प्रख्यात कवि  गोपाल दास ‘नीरज’ जी की 7वीं पुण्यतिथि के अवसर पर महाकवि गोपालदास नीरज फाउंडेशन ट्रस्ट के संरक्षक और भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेन्द्र राय के नेतृत्व में 19 जुलाई को दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में ‘निरंतर नीरज सम्मान समारोह’ आयोजित किया गया। इस गरिमामयी आयोजन में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी के साथ साथ देश के कई प्रतिष्ठित साहित्यकारों, कलाकारों, गीतकारों एवं सांस्कृतिक हस्तियों की उपस्थिति रही।

इस अवसर पर उपेन्द्र राय ने प्रेस क्लब में दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। महाकवि गोपाल दास ‘नीरज’ की रचनात्मक विरासत और साहित्यिक योगदान का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा, ‘नीरज जी सिर्फ एक कवि नहीं, बल्कि संवेदना थे। उनका लेखन जन-जन के हृदय से जुड़ता था और आज भी वो उतना ही प्रासंगिक है। ऐसे साहित्यकारों की स्मृतियां हमें भावनाओं की गहराई में झांकने का अवसर देती हैं।’

‘निरंतर नीरज सम्मान समारोह’ के दौरान प्रख्यात लेखक प्रसून जोशी, गीतकार समीर अनजान, अभिनेता विनीत कुमार सिंह, फिल्म निर्माता-निर्देशक बोनी कपूर, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, सिद्धिविनायक ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष और मुंबई बीजेपी के उपाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी, हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा जैसी हस्तियों ने भी अपने विचार साझा किए और महाकवि गोपाल दास ‘नीरज’ के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभवों को याद किया।

इस कार्यक्रम का आयोजन महाकवि गोपाल दास ‘नीरज’ की साहित्यिक विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया था। इस कार्यक्रम ने न केवल महाकवि गोपाल दास ‘नीरज’ की स्मृति को जीवंत रखा, बल्कि साहित्य और कला के प्रति समर्पण को भी दर्शाया। समारोह में जुटे वक्ताओं ने महाकवि गोपाल दास ‘नीरज’ की सरल, सहज और हृदयस्पर्शी कविताओं को श्रद्धांजलि स्वरूप प्रस्तुत किया।

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'दो टूक’ ने दी डीडी न्यूज़ पर फिर दस्तक, प्रसारण अब नए समय पर

अब इस शो को आप सोमवार से शुक्रवार रात 10 बजे देख पाएंगे। अशोक श्रीवास्तव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से इसका प्रोमो पोस्ट करते हुए बताया है कि 21 जुलाई शो शुरू होगा।

Samachar4media Bureau by
Published - Saturday, 19 July, 2025
Last Modified:
Saturday, 19 July, 2025
dottok

हिंदी न्यूज़ चैनल 'डीडी न्यूज़' के लोकप्रिय शो 'दो टूक' की एक बार फिर वापसी हो रही है। वरिष्ठ पत्रकार और एंकर अशोक श्रीवास्तव इस डिबेट शो को होस्ट करते है। इस बार शो के प्रसारण का समय बदल दिया गया है। अब इस शो को आप सोमवार से शुक्रवार रात 10 बजे देख पाएंगे। अशोक श्रीवास्तव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से इसका प्रोमो पोस्ट करते हुए बताया है कि 21 जुलाई से इस शो को एक बार फिर शुरू किया जा रहा हैं।

समाचार4मीडिया से बात करते हुए अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य और पर्सनल कारणों से वह स्क्रीन से दूर थे लेकिन अब एक बार फिर वो अपने डिबेट शो के साथ वापसी करने को तैयार है। इस शो में पहले की तरह आपको ज्वलंत मुद्दों पर सटीक और सारगर्भित बहस देखने को मिलेगी। आप इस शो का प्रोमों यहां देख सकते हैं।

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