ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में एक 50 वर्षीय व्यक्ति को झूठे रेप केस में फंसाने के आरोप में पुलिस ने दो पत्रकारों को गिरफ्तार किया है।
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Vikas Saxena
ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में एक 50 वर्षीय व्यक्ति को झूठे रेप केस में फंसाने के आरोप में पुलिस ने दो पत्रकारों को गिरफ्तार किया है। वहीं, इस मामले में शामिल 31 वर्षीय महिला फिलहाल फरार है।
यह मामला जिले के पाटकुरा थाना क्षेत्र के एक गांव का है, जहां गुरुवार को रेप के झूठे आरोप लगने के बाद पीड़ित व्यक्ति ने पेड़ से फांसी लगाकर जान दे दी। मौके से मिले सुसाइड नोट में उसने अपनी मौत के लिए दो पत्रकारों और एक महिला को जिम्मेदार ठहराया है।
पीड़ित की पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज किया। आरोप है कि महिला ने दोनों पत्रकारों के कहने पर रेप का झूठा केस दर्ज कराया था। महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने दोनों पत्रकारों को गिरफ्तार कर स्थानीय अदालत में पेश किया, जहां उनकी जमानत याचिका खारिज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस अब तीसरी आरोपी महिला की तलाश में जुटी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी गई है।
जम्मू-कश्मीर की SIA ने ‘कश्मीर टाइम्स’ के कार्यालय पर छापा मारकर कारतूस और अन्य सामग्री बरामद की, जबकि अख़बार प्रबंधन ने इसे स्वतंत्र प्रेस को दबाने की कोशिश बताया।
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Samachar4media Bureau
जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्टेट इंवेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने गुरुवार को 'कश्मीर टाइम्स' के जम्मू कार्यालय पर छापेमारी की। एजेंसी ने प्रकाशन के प्रवर्तकों के खिलाफ देशविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में केस दर्ज किया है। छापे के दौरान SIA ने कार्यालय की विस्तृत तलाशी लेते हुए AK राइफल के कारतूस, पिस्तौल के कुछ राउंड, साथ ही हैंड ग्रेनेड पिन और अन्य संदिग्ध सामग्री जब्त की।
अधिकारियों के अनुसार, बरामद सामान की जांच जारी है और प्रकाशन के प्रबंधकों से पूछताछ की जा सकती है। दूसरी ओर, ‘कश्मीर टाइम्स’ प्रबंधन ने इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। संपादक प्रबोध जामवाल और अनुराधा भसीन ने संयुक्त बयान में कहा कि 'हमारे खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और एक स्वतंत्र मीडिया संस्थान को चुप कराने की कोशिश है।'
उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार पर सवाल उठाना देश के खिलाफ होना नहीं है, बल्कि लोकतंत्र को मजबूत करने की प्रक्रिया का हिस्सा है। प्रबंधन ने कहा कि आरोप 'डराने और बदनाम करने की रणनीति' हैं, लेकिन अखबार अपनी आवाज़ को दबने नहीं देगा।
इस बीच, उपमुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी ने कहा कि कार्रवाई तभी होनी चाहिए जब आरोप साबित हों, न कि दबाव बनाने के उद्देश्य से। उन्होंने कहा कि 'पत्रकारिता को स्वतंत्र माहौल मिलना चाहिए और सच लिखने वालों पर दबाव नहीं डाला जाना चाहिए।' साथ ही उन्होंने एजेंसियों से समान मानकों पर कार्रवाई करने की बात कही।
मुंबई पुलिस ने 252 करोड़ रुपये के बड़े ड्रग्स केस में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर ओरहान अवात्रामणि उर्फ ओरी को पूछताछ के लिए तलब किया है।
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मुंबई पुलिस ने 252 करोड़ रुपये के बड़े ड्रग्स केस में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर ओरहान अवात्रामणि उर्फ ओरी को पूछताछ के लिए तलब किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें गुरुवार सुबह 10 बजे एंटी-नारकोटिक्स सेल की घाटकोपर यूनिट के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
क्यों हो रही है पूछताछ?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को शक है कि आरोपी मोहम्मद सलीम मोहम्मद सुहैल शेख, जो पिछले महीने दुबई से डिपोर्ट होकर आया था, कई हाई-प्रोफाइल पार्टियों का आयोजन करता था। पुलिस का कहना है कि इन पार्टियों में कई फिल्म और फैशन इंडस्ट्री से जुड़े लोग शामिल होते थे। शेख की बयानबाजी में कुछ नाम सामने आए हैं, जिनमें नोरा फतेही, श्रद्धा कपूर, रैपर लोका, अब्बास-मस्तान, ओरी और NCP नेता जीशान सिद्दीकी भी बताए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह केस मार्च 2024 का है, जब पुलिस ने महाराष्ट्र के सांगली जिले के एक फार्महाउस पर बनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से 126 किलो से ज्यादा मेफेड्रोन (MD ड्रग) जब्त किया था। इसकी कीमत करीब 252 करोड़ रुपये बताई गई थी।
सोमवार को पुलिस ने इस केस में शेख की कस्टडी हासिल की। वह इस समय एंटी-नारकोटिक्स सेल की पूछताछ में है। शेख ने दावा किया था कि वह देश और विदेश में फिल्मी सितारों, मॉडल्स और गैंगस्टर्स के लिए रेव पार्टियां आयोजित करता था।
कैसे पकड़ा गया शेख?
पुलिस ने बताया कि अगस्त में 995 ग्राम MD जब्त किए जाने के बाद जब जांच आगे बढ़ी तो शेख का नाम सामने आया। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। कुछ सप्ताह पहले वह UAE में पकड़ा गया और फिर मुंबई पुलिस की कोशिशों के बाद भारत भेजा गया। पुलिस के मुताबिक शेख पर पहले से ही चार ड्रग्स केस दर्ज हैं। ओरी से पूछताछ इसी कड़ी का हिस्सा है।
लंदन स्थित AdiGroupè के स्पोर्ट्स एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म AEx Sport ने भारत की प्रसार भारती के साथ मिलकर देश में स्पोर्ट्स एंटरटेनमेंट की दुनिया में बड़ा धमाका करने की तैयारी कर ली है।
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Samachar4media Bureau
लंदन स्थित AdiGroupè के स्पोर्ट्स एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म AEx Sport ने भारत की प्रसार भारती के साथ मिलकर देश में स्पोर्ट्स-एंटरटेनमेंट की दुनिया में बड़ा धमाका करने की तैयारी कर ली है। दरअसल, AEx Sport और प्रसार भारती मिलकर एक बिल्कुल नए, हटकर और जबरदस्त भारतीय थीम वाले शो पर काम कर रहे हैं। इसमें भारत की मनोरंजन परंपरा, संस्कृति, कुश्ती की ताकत और देश की बढ़ती राष्ट्रभावना, गर्व, संतुलन और वीरता सबको एक साथ जोड़कर कहानी तैयार की जा रही है।
जानकारों के मुताबिक, यह सिर्फ रीफ्रेश नहीं बल्कि पूरी तरह से री-इन्वेंशन है। कंटेंट टीम से जुड़े एक व्यक्ति ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि यह प्रोजेक्ट भारत-प्रथम विजन के साथ तैयार हो रहा है, जो युवाओं, खासतौर पर भारत के बड़े मिलेनियल और जेन Z दर्शकों को कई सीजन तक अपनी ओर खींचने की क्षमता रखता है। कहा जा रहा है कि इसकी तैयारी के दौरान शहरी, कस्बाई और ग्रामीण इलाकों तक जमीनी स्तर पर बड़ी बातचीत और रिसर्च भी की गई है।
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, AEx Sport और प्रसार भारती ने इस भारतीय शो के लिए ऑस्ट्रेलिया से आई GLW कंपनी की एक प्रस्तावना पर भी कई महीनों तक विचार किया था। लेकिन मार्केट रिसर्च और स्टेकहोल्डर्स से बात करने के बाद पता चला कि GLW का कॉन्सेप्ट पुराना और पूरी तरह वेस्ट-फर्स्ट सोच पर आधारित है, जो भारत के आज के स्पोर्ट्स-एंटरटेनमेंट माहौल से मेल नहीं खाता। सूत्रों ने PTI को बताया कि दोनों संस्थानों ने GLW के प्रस्ताव को पूरी तरह खारिज कर दिया क्योंकि वह भारत के दर्शकों की जरूरतों और बदलते ट्रेंड से बिल्कुल बाहर था।
अब AEx Sport और प्रसार भारती अपने नए भारतीय शो की पहचान को और मजबूत करने में जुट गए हैं। उनका फोकस ऐसा कंटेंट बनाने पर है जो भारत की असलियत को दिखाए, खिलाड़ियों की मेहनत और जज्बे को उजागर करे और दर्शकों की ऊंची उम्मीदों को रोजाना, पूरे 40 हफ्तों तक पूरा कर सके।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह दिशा इस बात को साफ करती है कि दोनों मिलकर एक ऐसा स्पोर्ट्स-एंटरटेनमेंट इकोसिस्टम बनाना चाहते हैं जो पूरी तरह भारतीय, मौलिक, बड़ा और देश के तेजी से बदलते दर्शक वर्ग के अनुरूप हो।
यह डिजिटल मंच नेतृत्व क्षमता, नागरिक भागीदारी और निर्णय लेने के कौशल को विकसित करता है। साथ ही युवाओं में लोकतांत्रिक सिद्धांतों की गहरी समझ पैदा करता है।
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नेशनल यूथ पार्लियामेंट ऑफ द भारत (डिजिटल) ने जनपद के वरिष्ठ पत्रकार व समाजिक चिंतक जितेन्द्र बच्चन को उत्तर प्रदेश का समन्वयक नियुक्त किया है। ऑनलाइन भेजे मनोनयन पत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. ललित नारायण आमेटा ने उम्मीद जताई है कि श्री बच्चन स्वतंत्र पत्रकारिता करने के साथ-साथ समाजसेवी भी हैं। निश्चित ही वह शहरी क्षेत्र के युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में इस मंच से जोड़ने का कार्य करेंगे।
उल्लेखनीय है कि नेशनल यूथ पार्लियामेंट ऑफ द भारत (एनवाईपीएस) डिजिटल मंच युवाओं को लोकतांत्रिक मूल्यों,शासन और नीति-निर्माण की प्रक्रियाओं से जोड़ने के लिए एक डिजिटल मंच है। यह प्लेटफार्म युवाओं को विभिन्न विषयों पर बहस करने, अपने विचार व्यक्त करने और नेतृत्व व नागरिक भागीदारी कौशल विकसित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
यह एक डिजिटल ब्रिज है जो युवाओं को राष्ट्रीय चर्चाओं में भाग लेने और 'विकसित भारत 2047' के लिए अपने विचार साझा करने में मदद करता है। यह प्रतिभागियों को स्व-शिक्षण के लिए ई-प्रशिक्षण संसाधन, ट्यूटोरियल और प्रशिक्षण वीडियो प्रदान करता है। यह डिजिटल मंच नेतृत्व क्षमता, नागरिक भागीदारी और निर्णय लेने के कौशल को विकसित करता है।
साथ ही युवाओं में लोकतांत्रिक सिद्धांतों की गहरी समझ पैदा करता है। यह युवाओं को संसद की कार्यवाही और कानून निर्माण की प्रक्रिया को समझने में मदद करता है। जितेन्द्र बच्चन ने नेशनल यूथ पार्लियामेंट ऑफ द भारत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ आमेटा के प्रति आभार जातते हुए कहा है कि वह नेशनल यूथ पार्लियामेंट ऑफ द भारत डिजिटल मंच के माध्यम से भारत सरकार एवं राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी जनकाल्याणकारी योजनाओं का धरातल स्तर तक समाज की अंतिम पंक्ति में बैठे गरीब तबके को उनका हक दिलाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम करने में कोताही नहीं बरतेंगे।
पाञ्चजन्य की सुशासन संवाद श्रृंखला के तहत भोपाल में 16 नवंबर को ‘मध्य प्रदेश: सुशासन संवाद 2.0’ आयोजित होगा, जिसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव मुख्य अतिथि होंगे।
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राष्ट्रवादी साप्ताहिक पत्रिका ‘पाञ्चजन्य’ अपनी सुशासन संवाद श्रृंखला का विस्तार करते हुए 16 नवंबर को भोपाल में ‘मध्य प्रदेश: सुशासन संवाद 2.0’ का आयोजन कर रही है। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की सुशासन परंपरा से प्रेरित यह विशेष कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में दोपहर 12:30 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा।
इस आयोजन में राज्य के प्रशासन, स्वास्थ्य, स्वदेशी नवाचार और फैक्ट चेकिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा होगी। इस संवाद में मुख्यमंत्री मोहन यादव मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे।
उनके साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र कार्यवाह हेमंत मुक्तिबोध, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उड़के, माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलपति विजय मोहन तिवारी, स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसाइटी के निदेशक प्रवीण भट्ट, और डीवीजी टेक्नोलॉजी के एमडी अभिषेक गर्ग भी मंच साझा करेंगे।
कार्यक्रम का संचालन पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर व भारत प्रकाशन (दिल्ली) लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अरुण कुमार गोयल करेंगे। यह संवाद श्रृंखला सुशासन व जनभागीदारी की दिशा में महत्वपूर्ण विमर्श प्रस्तुत करने का मंच बन रही है।
न्यायमूर्ति एस. रचैया ने अपने आदेश में कहा कि गुरुराज ने अपने अखबार में ऐसे शब्द और बयान प्रकाशित किए, जिनसे अधिकारी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।
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कर्नाटक हाई कोर्ट ने हाल ही में एक अखबार के संपादक टी. गुरुराज को दोषी ठहराया है। उन पर आरोप था कि उन्होंने मैसूरु के K.R. पुलिस स्टेशन के सर्किल इंस्पेक्टर एस. एन. सुरेश बाबू के खिलाफ अपमानजनक लेख प्रकाशित किए थे।
न्यायमूर्ति एस. रचैया ने अपने आदेश में कहा कि गुरुराज ने अपने अखबार में ऐसे शब्द और बयान प्रकाशित किए, जिनसे अधिकारी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। कोर्ट ने कहा, “बिना आधार के किसी व्यक्ति की गरिमा को नीचा दिखाने वाले आरोप लगाना मानहानि के अंतर्गत आता है।”
बता दे कि सर्किल इंस्पेक्टर सुरेश बाबू ने पहले एक मामले में गुरुराज को गिरफ्तार किया और संबंधित कोर्ट में भेजा। आरोप है कि गिरफ्तारी से नाराज गुरुराज ने बदला लेने के लिए अखबार में बाबू के खिलाफ अपमानजनक लेख प्रकाशित किए। इन लेखों में यह दावा किया गया कि बाबू घूस ले रहे थे, सिंगल नंबर लॉटरी की अनुमति दे रहे थे, चामुंडी हिल के पास पार्किंग एजेंटों से अवैध राशि ले रहे थे, और साथ ही क्लब चलाना, जुए और मिलावटी केरोसिन बेचने जैसी गतिविधियों की अनुमति देना शामिल था।
बाबू ने गुरुराज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, लेकिन ट्रायल कोर्ट ने सबूतों पर विचार करने के बाद गुरुराज को बरी कर दिया। बरी किए जाने के फैसले से असंतुष्ट होकर बाबू ने हाई कोर्ट में अपील दायर की।
हाई कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने सबूतों को ठीक से नहीं देखा और गुरुराज के बेबुनियाद और अपमानजनक आरोपों को नजरअंदाज किया। गुरुराज की ओर से यह दलील दी गई थी कि कुछ बयान सार्वजनिक हित में थे और इसलिए मानहानि नहीं मानी जा सकती। लेकिन हाई कोर्ट ने नोट किया कि प्रकाशित लेखों में ऐसे आरोप थे जो बाबू की प्रतिष्ठा को सीधे नुकसान पहुंचाते थे।
अंततः हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए टी. गुरुराज को धारा 500 और 501 के तहत दोषी ठहराया और उन्हें छह महीने की साधारण जेल और जुर्माना की सजा सुनाई।
लखनऊ में एक स्थानीय पत्रकार पर हमले का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस घटना में शामिल करीब आधा दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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Samachar4media Bureau
लखनऊ में एक स्थानीय पत्रकार पर हमले का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस घटना में शामिल करीब आधा दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। घटना गुरुवार शाम की बताई जा रही है।
पत्रकार मुकेश द्विवेदी, जो मोहनलालगंज के रहने वाले हैं, ने अपनी शिकायत में बताया कि वह अपने साथी हिमांशु रावत के साथ एक SUV में सर्विस सेंटर से लौट रहे थे। शाम करीब 5:40 बजे दो दूसरी SUVs और एक कार ने उनकी गाड़ी को टक्कर मारने की कोशिश की। डर की वजह से मुकेश अपनी गाड़ी सीधे अपने प्लॉट के अंदर ले गए और कुछ लोगों को मदद के लिए बुलाया।
लेकिन उनका कहना है कि वे तीनों गाड़ियाँ भी उनके पीछे वहीं पहुंच गईं। आरोप है कि उन वाहनों में बैठे लोगों ने उनसे बदसलूकी की, गालियां दीं और जान से मारने की धमकी भी दी। मुकेश का दावा है कि जब लोगों ने विरोध किया तो आरोपियों ने फायरिंग भी की। हालांकि पुलिस ने फायरिंग की घटना से इनकार किया है।
मुकेश की शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इनमें हत्या की कोशिश, दंगा, घातक हथियार के साथ हमला, जानबूझकर अपमान करके झगड़ा भड़काना, और धमकी देना जैसी धाराएं शामिल हैं।
मोहनलालगंज के SHO दिलीश कुमार सिंह ने बताया कि जांच चल रही है और अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मुकेश ने फायरिंग का आरोप लगाया है, लेकिन मौके पर गोली चलने के सबूत नहीं मिले हैं। SHO के अनुसार, यह मामला संभवतः किसी व्यक्तिगत रंजिश से जुड़ा हो सकता है।
डॉ. आशीष बजाज ने अपनी पहली किताब 'The MarTech Playbook' लॉन्च की है। यह पुस्तक आधुनिक मार्केटिंग सिस्टम को डेटा-ड्रिवन और स्केलेबल बनाने के लिए एक व्यावहारिक गाइड के रूप में पेश की गई है।
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नारायण हेल्थ के ग्रुप चीफ मार्केटिंग ऑफिसर डॉ. आशीष बजाज ने अपनी पहली पुस्तक 'The MarTech Playbook' की घोषणा की है, जो अब ZebraLearn पर प्री-ऑर्डर के लिए उपलब्ध है। यह पुस्तक उनके वर्षों के अनुभव और मार्केटिंग ट्रांसफॉर्मेशन पहलों से प्रेरित है, जिसमें बताया गया है कि कैसे कंपनियाँ बुनियादी डिजिटल टूल्स से आगे बढ़कर एक परिपक्व और स्केलेबल MarTech सिस्टम विकसित कर सकती हैं।
किताब में संगठनों के लिए निवेश की प्राथमिकता तय करने, मजबूत टीम बनाने, आम चुनौतियों से बचने और डेटा, मीडिया और क्रिएटिविटी को एकीकृत करने की रणनीतियाँ साझा की गई हैं। यह पुस्तक न केवल मार्केटिंग प्रोफेशनल्स के लिए बल्कि फाउंडर्स और बिजनेस लीडर्स के लिए भी एक उपयोगी गाइड साबित होगी।
डॉ. बजाज ने कहा, 'एक किताब लिखना आपको गहराई से सोचने के लिए मजबूर करता है। इसमें मैंने अपने अनुभव, सफलताओं और सीख को एक रूपरेखा में ढाला है ताकि पेशेवर इसे अपने मार्केटिंग सिस्टम को प्लान, एक्जीक्यूट और ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल कर सकें।'
उन्होंने यह भी बताया कि यह पुस्तक महीनों की सोच-विचार और उद्योग सहयोग का परिणाम है, जिसमें 'Narayana Health' की टीम और उद्योग विशेषज्ञों के अनुभवों को भी शामिल किया गया है। 'The MarTech Playbook' आधुनिक मार्केटिंग जगत में तेजी से बदलते दौर के लिए एक मार्गदर्शक की तरह है, जो पेशेवरों को तकनीक, डेटा और रचनात्मकता के संगम से सफलता की नई दिशा दिखाती है।
प्रसार भारती के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म Waves OTT ने बाल दिवस के मौके पर बच्चों की भावनाओं और साहस को समर्पित फिल्म 'LILY' रिलीज करने की घोषणा की है। यह फिल्म पांच भाषाओं में उपलब्ध है।
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प्रसार भारती के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म 'Waves OTT' ने हमेशा भारतीय कहानियों, संवेदनाओं और सांस्कृतिक विविधता को दर्शकों तक पहुँचाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। इसी कड़ी में, बाल दिवस के अवसर पर यानी 14 नवंबर को हृदयस्पर्शी फिल्म 'LILY' का प्रीमियर किया गया।

शिवम् द्वारा निर्देशित और कमदारी बाबू रेड्डी निर्मित इस फिल्म में टॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता शिवकृष्ण, बाल कलाकार बेबी नेहा, मास्टर वेदांत वर्मा और राजवीर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 'LILY' एक छोटी बच्ची की भावनात्मक यात्रा को दर्शाती है, जिसकी मासूमियत, साहस और दिल छू लेने वाली कहानी दर्शकों को गहराई तक प्रभावित करती है।
परिवार के साथ देखने योग्य यह फिल्म बाल दिवस पर 'Waves OTT' की ओर से एक उपहार की तरह है। फिल्म को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए इसे हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और मलयालम पांच भाषाओं में उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे देश और दुनिया के दर्शक इसे अपनी पसंदीदा भाषा में देख सकेंगे।

'Waves OTT' भारतीय संस्कृति, भाषा और सिनेमा के मूल्य टटोलने वाला प्रमुख मंच बनकर तेजी से उभर रहा है। 75 से अधिक टीवी चैनल, कई रेडियो स्टेशनों की लाइव स्ट्रीमिंग, डॉक्यूमेंट्री, फीचर फिल्में और एक्सक्लूसिव ओरिजिनल्स के साथ यह प्लेटफ़ॉर्म दर्शकों को एक समग्र डिजिटल अनुभव प्रदान करता है। 'LILY' का प्रीमियर Waves OTT के उस उद्देश्य को और मजबूत करता है, जिसके तहत वह भारत की संवेदनाओं, कहानियों और रचनात्मकता को वैश्विक दर्शकों तक पहुँचाने में जुटा है।
वरिष्ठ पत्रकार और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह समेत तमाम दिग्गजों ने अवधेश प्रीत को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
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हिंदी के जाने-माने कथाकार अवधेश प्रीत का बुधवार को पटना में हृदयाघात से निधन हो गया। वे 65 वर्ष के थे। उनके निधन की खबर से साहित्य और पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है।
अवधेश प्रीत मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के तरांव गांव के निवासी थे। उनका जन्म 13 जनवरी 1958 को हुआ था। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा कुमाऊँ विश्वविद्यालय (उत्तराखंड) से पूरी की और साहित्य-लेखन तथा रंगकर्म की शुरुआत उधम सिंह नगर से की थी।
वे हिंदी कथा-साहित्य की प्रमुख आवाज़ों में गिने जाते थे। उनकी चर्चित कृतियों में ‘अशोक राजपथ’, ‘हमजमीन’, ‘हस्तक्षेप’, ‘कोहरे में कंदील’ सहित कई महत्वपूर्ण रचनाएँ शामिल हैं। उनकी लेखनी का केंद्र समाज का यथार्थ और मानवीय संवेदनाएँ रहा।
साहित्य के साथ-साथ अवधेश प्रीत पत्रकारिता से भी जुड़े रहे और नए लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए जाने जाते थे। उनके सहकर्मियों ने उन्हें एक ईमानदार, सरल स्वभाव वाले और मार्गदर्शक व्यक्तित्व के रूप में याद किया है।
वरिष्ठ पत्रकार और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह समेत तमाम दिग्गजों ने अवधेश प्रीत को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने शोक संदेश में हरिवंश नारायण सिंह ने लिखा है, ‘बिहार के वरिष्ठ पत्रकार और चर्चित कथाकार, अवधेश प्रीत जी के नहीं रहने की दुखद खबर मिली. उनका असमय जाना, साहित्य और पत्रकारिता, दोनों के लिए बड़ी क्षति है. अवधेश जी का मिलनसार व्यक्तित्व, सहज भाषा में संवेदनशील लेखन हमेशा याद रहेगा. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि.’
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार और चर्चित कथाकार, अवधेश प्रीत जी के नहीं रहने की दुखद खबर मिली. उनका असमय जाना, साहित्य और पत्रकारिता, दोनों के लिए बड़ी क्षति है. अवधेश जी का मिलनसार व्यक्तित्व, सहज भाषा में संवेदनशील लेखन हमेशा याद रहेगा. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि.
— Harivansh (@harivansh1956) November 12, 2025