संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर ‘आईटीवी नेटवर्क’ के फ्लैगशिप प्रोग्राम ‘Legally Speaking’ ने दिल्ली स्थित ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ में 1st law and constitution dialogue का आयोजन किया।
देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) के फ्लैगशिप प्रोग्राम ‘Legally Speaking’ के तहत संविधान दिवस (Constitution Day) की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को दिल्ली स्थित ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ (IIC) में पहले लॉ और संविधान डायलॉग (1st Law and Constitution Dialogue) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और ‘आईटीवी नेटवर्क’ के प्रमोटर व राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा द्वारा ‘Legally Speaking’ की वेबसाइट legallyspeakings.com और ऐप को भी लॉन्च किया गया।
इस मौके पर जस्टिस सूर्यकांत का कहना था, ‘स्वस्थ समाज के लिए कानून और मीडिया बहुत ही आवश्यक हैं।’ संवैधानिक नैतिकता (constitutional morality) के बारे में जस्टिस सूर्यकांत का कहना था कि महत्वपूर्ण व्याख्याओं की श्रृंखला में कई अवसरों पर इसे सुना और लागू किया गया है। समय के साथ उभरा संवैधानिक नैतिकता का सामान्य विचार उन मूल्यों को बनाए रखना चाहता है, जिन्हें हमारे संविधान में बनाए रखने का दावा किया जाता है।
इसके साथ ही जस्टिस सूर्यकांत का यह भी कहना था, ‘इस अवधारणा का पहला उल्लेख हमारे समय से लगभग पचास वर्ष पूर्व का है, जब न्यायमूर्ति ए.एन. रे और जगन मोहन रेड्डी ने पहली बार संवैधानिक नैतिकता की धारणा को केशवानंद भारती के सबसे चर्चित निर्णयों में से एक में पेश किया।’
हमारे पुरखों के दृष्टिकोण के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा,‘ नि:संदेह, बाबा साहेब आंबेडकर ने अपने भाषण में संवैधानिक नैतिकता को भविष्योन्मुखी बताया। यह विचार भारतीय समाज को एक ऐसे राज्य और संस्थाओं में बदलना चाहता है जो लोकतांत्रिक विचारों और लक्ष्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
जस्टिस सूर्यकांत के अनुसार, ‘उस दौर को याद करें, जब देश उपनिवेशवाद से उबर रहा था और पूरी तरह लोकतांत्रिक बनने की दिशा में बढ़ रहा था। ऐसे में संविधान का उद्देश्य अपने कई परस्पर विरोधी दायित्वों के बीच उचित संतुलन की खोज में देश को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रेरक के रूप में कार्य करना था। अंग्रेज सिर्फ शासन की बात करते थे। एक राज्य जो अपने लोगों पर शासन करता है, उनकी जरूरतों के प्रति उदासीन होता है, जबकि संविधान की नैतिकता लोगों के प्रति उत्तरदायी होनी चाहिए।’
कानूनी रिपोर्टिंग में मीडिया की जिम्मेदारी को रेखांकित करते हुए जस्टिस सूर्यकांत का कहना था, ‘मीडिया की जिम्मेदारी है कि वह सच्चाई को सामने लाए और यह सुनिश्चित करे कि उसकी रिपोर्टिंग में भरोसा और ईमानदारी हो। भारतीय कानून रिपोर्ट अधिनियम 1875 से अब तक कानूनी रिपोर्टिंग की स्थिति में कई गुना वृद्धि हुई है। तमाम डेटाबेस और लीगल न्यूज वेबसाइट्स के साथ कानून की बारीकियों को संप्रेषित करने की हमारी क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।’ उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और निचली अदालतों में क्या हो रहा है, मीडिया उस पर नजर रखने का एक तरीका है।
इस कार्यक्रम में कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि कानून की बारीकियों को लोगों तक पहुंचाने के विजन के साथ छह साल साल पहले ‘Legally speaking’ की शुरुआत की गई थी और इसका तेजी से विकास हुआ है। ‘Legally speaking’ जैसी वेबसाइट्स और रिपोर्टिंग की जरूरत के बारे में बोलते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने आईटीवी नेटवर्क के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘कानून के बारे में जानकारी समय की जरूरत है। इसलिए ‘Legally Speaking’ और इसके जैसे अन्य प्लेटफॉर्म्स अस्तित्व में हैं। वो कानून को लोगों तक ले जा रहे हैं, जो एक अनिवार्य सेवा है।’
सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने आम जनता या हितधारकों को विधेयक पर अपने सुझाव या टिप्पणियां देने के लिए पहले 9 दिसंबर, 2023 तक का समय दिया था।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने गुरुवार को प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक 2023 के मसौदे पर जनता से प्रतिक्रिया और सुझाव जमा करने की समय सीमा 15 जनवरी, 2024 तक बढ़ा दी है।
इससे पहले, मंत्रालय ने आम जनता या हितधारकों को विधेयक पर अपने सुझाव या टिप्पणियां देने के लिए पहले 9 दिसंबर, 2023 तक का समय दिया था।
मंत्रालय ने अपने नोटिस में कहा कि 10 नवंबर, 2023 के सार्वजनिक नोटिस के संदर्भ में विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त अभ्यावेदन के जवाब में मंत्रालय ने प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक 2023 के मसौदे पर किसी भी व्यक्ति/हितधारकों द्वारा सुझाव/प्रतिक्रिया/टिप्पणियां/इनपुट/विचार प्रस्तुत करने की समय सीमा 15.01.2024 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने संपूर्ण प्रसारण क्षेत्र के लिए एक समेकित कानूनी ढांचा स्थापित करने के लिए प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक 2023 का प्रस्ताव दिया है, जो देश में मौजूदा केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 या वर्तमान में प्रसारण क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले किसी अन्य नीति दिशानिर्देशों को बदलने की मांग कर रहा है।
डॉ.सौरभ मालवीय इससे पहले ‘माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय’, भोपाल में वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत थे।
‘लखनऊ विश्वविद्यालय’ ने मीडिया शिक्षक एवं राजनीतिक विश्लेषक डॉ.सौरभ मालवीय को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर (सह प्राध्यापक) के पद पर नियुक्त किया है। उन्होंने गुरुवार को अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
डॉ.सौरभ मालवीय इससे पहले ‘माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय’, भोपाल में वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत थे। डॉ. सौरभ मालवीय को लखनऊ विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर चुने जाने पर ‘माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी’ में उनके लिए विदाई समारोह आयोजित किया गया।
इस मौके पर ‘माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी’ के कुलपति प्रो. (डॉ.) के.जी सुरेश और कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने डॉ. सौरभ मालवीय को स्मृति चिह्न भेंट किया और संस्थान में उनके साथ बिताए यादगार लम्हों को याद किया।
बता दें कि डॉ. सौरभ मालवीय 'राष्ट्रवादी पत्रकारिता के शिखर पुरुष अटल बिहारी बाजपेयी' और ‘भारत बोध’ किताब भी लिख चुके हैं। पत्रकारिता विधा में उनके रचना कौशल के लिए डॉ. सौरभ मालवीय को पंडित प्रताप नारायण मिश्र साहित्यकार सम्मान समेत तमाम अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि डॉ.मालवीय पूर्व में वाजपेयी सरकार में बीजेपी मीडिया सेल से जुड़े थे और वर्ष 2010 तक मीडिया सेल में समन्वयक के रूप में खासे लोकप्रिय रहे। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर पीएचडी करने वाले सौरभ मालवीय ने राष्ट्रवादी लेखक और वक्ता के नाते अपनी खास पहचान बनाई है। डॉ. सौरभ टीवी डिबेट में शामिल होते रहते हैं। कुछ समय तक वह ‘माखनलाल यूनिवर्सिटी’ के नोएडा कैंपस में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
पत्रकार लंकेश की सितंबर, 2017 में कथित तौर पर उसी गिरोह द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिसने दो साल पहले धारवाड़ में प्रसिद्ध साहित्यकार कलबुर्गी की गोली मारकर हत्या की थी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पत्रकार गौरी लंकेश और प्रसिद्ध साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की हत्या के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए एक विशेष अदालत स्थापित करने को लेकर कदम उठाएं।
वामपंथी विचारधारा वाली पत्रकार लंकेश की सितंबर, 2017 में कथित तौर पर उसी गिरोह द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिसने दो साल पहले धारवाड़ में प्रसिद्ध साहित्यकार कलबुर्गी की गोली मारकर हत्या की थी। कलबुर्गी 2 साल पहले धारवाड़ स्थित अपने आवास पर थे।
एक प्रशासनिक नोट में, सिद्धारमैया ने कहा कि गौरी की बहन कविता लंकेश और कलबुर्गी की पत्नी उमादेवी ने उन्हें अपने मामले की सुनवाई में हो रही देरी के बारे में जानकारी दी। उनकी मांग थी कि मामले की सुनवाई के लिए पूर्णकालिक न्यायाधीश वाली एक विशेष अदालत का गठन किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंतरिक प्रशासन से जुड़े अतिरिक्त मुख्य सचिव को इस पर गौर कर आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि मामले की सुनवाई के लिए पूर्णकालिक न्यायाधीश के साथ एक विशेष अदालत स्थापित की जाए, मुख्यमंत्री ने आंतरिक प्रशासन से जुड़े अतिरिक्त मुख्य सचिव को आवश्यक कार्रवाई के लिए इस पर गौर करने को कहा।
भाऊराव देवरस सेवा न्यास की ओर से लखनऊ में आयोजित 29वें युवा साहित्यकार सम्मान समारोह में उन्हें पत्रकारिता विधा में यह सम्मान दिया गया।
मध्यप्रदेश के पत्रकार-लेखक और ‘माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय’ के सहायक प्राध्यापक लोकेंद्र सिंह को तीन दिसंबर को लखनऊ में ‘पं. प्रताप नारायण मिश्र युवा साहित्यकार सम्मान-2023’ से सम्मानित किया गया।
भाऊराव देवरस सेवा न्यास की ओर से लखनऊ के माधव सभागार, सरस्वती शिशु मंदिर परिसर, निराला नगर में दोपहर 2:00 बजे से आयोजित 29वें युवा साहित्यकार सम्मान समारोह में उन्हें पत्रकारिता विधा में यह सम्मान दिया गया।
यह सम्मान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, वन एवं पर्यावरण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण सक्सेना, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो. संजय सिंह, न्यास के अध्यक्ष ओम प्रकाश गोयल, सचिव राहुल सिंह और संयोजक प्रो. विजय कर्ण द्वारा प्रदान किया गया।
लोकेंद्र सिंह के अलावा काव्य विधा में हरियाणा के डॉ. सत्यवान सौरभ, कथा-साहित्य विधा में उज्जैन के मोरेश्वर राव उलारे, बाल साहित्य में राजस्थान की मानसी शर्मा, संस्कृत में लखनऊ के डॉ. बिपिन कुमार झा और गुजराती भाषा में डॉ. केतन कानपरिया को यह सम्मान दिया गया।
बता दें कि न्यास विगत 28 वर्षों से अवध प्रांत के जीवनदानी कार्यकर्ता स्व. प्रताप नारायण मिश्र की स्मृति में देश के युवा साहित्यकारों को सम्मानित करता आ रहा है। यह सम्मान प्रेरणास्पद साहित्य-सृजन के लिए दिया जाता है। इस सम्मान के अंतर्गत 25 हजार रुपये की राशि, शॉल, श्रीफल और प्रशस्ति-पत्र दिया जाता है।
उल्लेखनीय है कि लेखक लोकेंद्र सिंह को इसी वर्ष साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश की ओर से ब्लॉग/फेसबुक/नेट पर लेखन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार ‘अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार-2021’ भी दिया गया है। अब तक उनकी 13 पुस्तकें प्रकाशित हैं। अभी हाल ही में उनकी पुस्तक ‘हिन्दवी स्वराज्य दर्शन’ प्रकाशित हुई है, जो छत्रपति शिवाजी महाराज के किलों पर केंद्रित यात्रा वृत्तांत है। इसके साथ ही वे हिन्दी ब्लॉगिंग से जुड़े हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुके कार्टूनिस्ट प्रिया राज का गुरुवार, 28 अक्टूबर को निधन हो गया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुके कार्टूनिस्ट प्रिया राज का गुरुवार, 28 अक्टूबर को निधन हो गया। वह "हप्राज़" (Hpraz) नाम से भी जाने जाते थे।
उन्होंने 1996 में 'द पायनियर' में अपने कॉलम "अंडर द पिरामिड" से भारत में मैनेजमेंट कार्टून का कॉन्सेप्ट शुरू किया। इस कॉलम को बाद में 'द फाइनेंशियल एक्सप्रेस' और फिर बाद में 'हॉन्गकॉन्ग स्टैंडर्ड' में प्रकाशित किया गया, जिससे यह विदेश में प्रकाशित होने वाला पहला कॉलम बन गया।
उन्होंने 1999 और 2003 के बीच 'द हिंदू' के साप्ताहिक कार्टून "आउट ऑफ द बॉक्स" के लिए भी योगदान दिया। राज का दैनिक कॉलम "फनी बिजनेस" 2005 और 2007 के बीच 'डीएनए' में भी प्रकाशित हुआ था।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के MONIRBA से एमबीए टॉपर रहे राज को ब्रैंड मैनेजमेंट, मार्केटिंग, ऐडवर्जाइजिंग, कम्युनिकेशन और मीडिया (प्रिंट, इंटरनेट और ब्रॉडकास्ट) में विभिन्न नेतृत्व पदों और मैनेजमेंट कंसल्टेेंट के तौर पर तीन दशकों से भी ज्यादा का अनुभव है।
उन्होंने कोर फैकल्टी के रूप में प्रतिष्ठित B स्कूल्स में भी पढ़ाया है।
प्रदीप भंडारी ने जैसे ही एग्जिट पोल जारी किया, उसके बाद सोशल मीडिया पर इसको लेकर चर्चा होने लगी।
जन की बात के संस्थापक और सीईओ प्रदीप भंडारी ने गुरुवार शाम पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव का एग्जिट पोल जारी किया। नेटवर्क 18 पर उन्होंने आंकड़ों का विश्लेषण किया। प्रदीप भंडारी ने जैसे ही पोल जारी किया, उसके बाद सोशल मीडिया पर इसको लेकर चर्चा होने लगी। पोल जारी होने के कुछ ही मिनटों बाद जन की बात एग्जिट पोल सोशल मीडिया पर नंबर एक पर ट्रेंड करने लगा। तो वहीं प्रदीप भंडारी का नाम भी ट्विटर पर टॉप ट्रेंडिंग बन गया।
गुरुवार को पांच राज्यों में चुनाव सम्पूर्ण हो चुके हैं। तेलंगाना में वोटिंग समाप्त होने के बाद ही राजनैतिक गलियारों में एग्जिट पोल की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। प्रदीप भंडारी ने 5 राज्यों के लिए जन की बात का एग्जिट पोल जारी कर दिया है। मध्य प्रदेश में जन की बात के एग्जिट पोल के मुताबिक इस बार एमपी में काटें की टक्कर नजर आ रही हैं।
मध्य प्रदेश में बीजेपी 100 से 123 सीटें ला सकती है। कांग्रेस 102 से 125 सीटें लाने की उम्मीद है। अन्य को 5 सीटें आ सकती हैं। राजस्थान में जन की बात के एग्जिट पोल के मुताबिक इस बार बीजेपी सरकार बनाती हुई दिख रही है। जन की बात के एग्जिट पोल के हिसाब से इस बार राजस्थान में बीजेपी 100 से 122 सीटें ला सकती है। कांग्रेस 62 से 85 सीटें लाने की उम्मीद है। अन्य को 14 से 15 सीटें आ सकती हैं।
Dear Friends
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)?? (@pradip103) November 30, 2023
Please find the seat share & vote share details of #JanKiBaatExitPoll2023 on Madhya Pradesh, Rajasthan, Chhatisgarh, Telangana, & Mizoram attached. @jankibaat1
Watch me explain the numbers from 6 pm onwards on Network 18. pic.twitter.com/zTkfJr9Xcg
पिछले 15 वर्षों में न्यूज 24-टुडेज चाणक्या की जोड़ी ने एक के बाद एक हर बड़े चुनाव के नतीजे पहले ही बता दिया.
देश के सबसे सटीक और सबसे भरोसेमंद स्टेट एनालिसिस में शुमार न्यूज 24-टुडेज चाणक्या स्टेट एनालिसिस ने मध्य प्रदेश में बीजेपी को प्रचंड जीत की भविष्यवाणी की है। मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से न्यूज़ 24-टुडेज चाणक्या स्टेट एनालिसिस में बीजेपी को 151 ± 12 सीटें , कांग्रेस को भी 74 ± 12 सीटें और अन्यों को 5 ± 4 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है। वहीं, बीजेपी को 45% ± 3%, कांग्रेस को 38% ± 3% और अन्य के खाते में 17% ± 3% वोटर शेयर दिखाया गया है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार रिपीट करने की भविष्यवाणी की है। छत्तीसगढ़ की 90 सीटों में से न्यूज 24-टुडेज चाणक्या स्टेट एनालिसिस में कांग्रेस को 57 ± 8 सीटें , बीजेपी को 33 ± 8 सीटें, और अन्यों को 0 ± 3 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं, वोट शेयर कांग्रेस को 45% ± 3% , बीजेपी को 40% ± 3% और अन्य को 15% ± 3% दिखाया गया है ।
राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। न्यूज 24-टुडेज चाणक्या स्टेट एनालिसिस के मुताबिक कांग्रेस को 101 ± 12 सीटें और बीजेपी को 89 ± 12 सीटें और अन्य को 9 ± 7 सीटें मिलने का भविष्यवाणी की गई है। वहीं, वोट शेयर कांग्रेस को 41% ± 3% , बीजेपी को 39% ± 3% और अन्य को 20% ± 3% दिखाया गया है ।
तेलंगाना में बीआरएस सरकार को जबरदस्त झटका लगा है। न्यूज 24- टुडेज चाणक्या स्टेट एनालिसिस के मुताबिक सत्ता परिवर्तन कर कांग्रेस सरकार बना रही है। कांग्रेस को 71 ± 9 सीटें , बीआरएस को 33 ± 9 सीटें, बीजेपी को 7 ± 5 सीटें और अन्य को 8 ± 3 सीटें मिल सकती है। वहीं, वोट शेयर कांग्रेस को 41% ± 3%, बीआरएस को 35% ± 3% बीजेपी को 14% ± 3% और अन्य को 10% ± 3% दिखाया गया है ।
न्यूज 24-टुडेज चाणक्या का दावा है कि कर्नाटक, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान भी उनकी भविष्यवाणी सटीक साबित हुई। इस दावे के अनुसार, पिछले 15 वर्षों में न्यूज 24-टुडेज चाणक्या की जोड़ी ने एक के बाद एक हर बड़े चुनाव के नतीजे पहले ही बता दिए, जिन पर ईवीएम खुलने के बाद मुहर लगी।
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के लिए चार दशकों तक सेवाएं देने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुजीत चटर्जी का संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के लिए चार दशकों तक सेवाएं देने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुजीत चटर्जी का संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 65 वर्ष के थे।
चटर्जी ने मंगलवार रात दिल्ली के पीएसआरआई मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां उनका निमोनिया का इलाज चल रहा था। उनके परिवार में उनकी मां, पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं।
वर्ष 2018 में ‘सीनियर एसोसिएट एडिटर’ के पद से सेवानिवृत्त होने से पहले उन्होंने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के दिल्ली स्थित मुख्यालय में ब्यूरो प्रमुख के रूप में भी काम किया था।
राष्ट्रीय ब्यूरो में एक विशेष संवाददाता के तौर पर चटर्जी ने गृह और रक्षा मंत्रालयों सहित कई विभागों को कवर किया था। उन्होंने शीर्ष अदालत की कार्यवाहियों की भी रिपोर्टिंग की थी। वह दिल्ली में 1982 के एशियाई खेलों को कवर करने वाली टीम का हिस्सा थे।
अच्छे संपर्क और विश्वसनीयता रखने वाले चटर्जी संसदीय कार्यवाही कवर करने वाली ‘पीटीआई’ की टीम का भी हिस्सा रहे। उन्होंने विदेश में कई असाइनमेंट किये और प्रधानमंत्री के साथ विदेश दौरे पर भी गये।
चटर्जी का अंतिम संस्कार बुधवार को ग्रीन पार्क स्थित विद्युत शवदाह गृह में किया गया, जहां बड़ी संख्या में पत्रकार और उनके मित्र मौजूद थे।
दिल्ली स्थित पीटीआई न्यूज़ रूम में चटर्जी की याद में एक मिनट का मौन रखा गया।
पीटीआई के सीईओ व प्रधान संपादक विजय जोशी ने चटर्जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह न केवल उनके परिवार, बल्कि पीटीआई परिवार के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है।
जोशी ने एक शोक संदेश में कहा कि ऐसा महसूस हो रहा है जैसे मैंने एक भाई खो दिया है। हम न केवल सहकर्मी थे, बल्कि दोस्त भी थे। पीटीआई में युवाओं का मार्गदर्शन करने के लिए मैं हमेशा उन पर भरोसा कर सकता था। जिस दयालुता के साथ उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ व्यवहार किया उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि चटर्जी की मधुर आवाज को पीटीआई न्यूज रूम में याद किया जाता रहेगा। उनका निधन न केवल उनके परिवार, बल्कि पीटीआई परिवार के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है।
चटर्जी ने 1980 में पीटीआई के दिल्ली मुख्यालय में ‘सेंट्रल न्यूज डेस्क’ पर अपनी सेवा शुरू की थी। वह पीटीआई की उस तीन-सदस्यीय टीम का हिस्सा थे, जिसने इंदिरा गांधी हत्याकांड की 1985 में तिहाड़ जेल परिसर के अंदर हुई ऐतिहासिक सुनवाई को कवर किया था। टीम के अन्य सदस्य जी सुधाकर नायर और एम शकील अहमद थे। नायर वर्तमान में पीटीआई के कार्यकारी संपादक हैं।
नायर ने 23 जनवरी 1986 के फैसले के दिन को याद करते हुए कहा, ‘तीनों दोषियों को मौत की सजा की खबर देने के लिए हमने तिहाड़ जेल स्थित अदालत कक्ष से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्रोविजन स्टोर तक रिले दौड़ लगाई, क्योंकि वही सबसे नजदीक जगह थी, जहां लैंडलाइन फोन मौजूद था।’’
चटर्जी प्रोविजन स्टोर तक पहुंचने के लिए आखिरी पड़ाव पर दौड़े। स्टोर के मालिक को पहले ही बता दिया गया था कि वह चटर्जी को टेलीफोन उपलब्ध करा दे।
एक अन्य पूर्व सहकर्मी अमिता शाह ने कहा कि चटर्जी एक संपूर्ण पेशेवर व्यक्ति थे, जो युवाओं को भी प्रोत्साहित करते थे।
वर्ष 2018 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद चटर्जी ने एएनआई और यूएनआई के साथ कुछ समय तक काम किया।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (TOI) और ‘द मिंट’ (The Mint) में अपनी भूमिका निभा चुकीं चंद्रिका मागो इन दिनों ‘मिंट लाउंज’ (Mint Lounge) के साथ जुड़ी हुई थीं।
वरिष्ठ पत्रकार चंद्रिका मागो (Chandrika Mago) का निधन हो गया है। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रही थीं।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (TOI) और ‘द मिंट’ (The Mint) में अपनी भूमिका निभा चुकीं चंद्रिका मागो इन दिनों ‘मिंट लाउंज’ (Mint Lounge) के साथ जुड़ी हुई थीं। यहां वह कॉपी एडिटर्स की टीम का नेतृत्व कर रही थीं।
चंद्रिका मागो के निधन पर तमाम पत्रकारों ने शोक जताते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है। बता दें कि चंद्रिका मागो जाने-माने आर्टिस्ट प्रो. प्राण नाथ मागो की बेटी थीं।
साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए जवेरीलाल मेहता को वर्ष 2018 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
जाने-माने फोटो जर्नलिस्ट जवेरीलाल मेहता का निधन हो गया है। करीब 97 वर्षीय जवेरीलाल मेहता उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे।
उन्होंने सोमवार को अहमदाबाद में अपनी एक पुत्री के यहां आखिरी सांस ली। उनके परिवार में पत्नी, एक पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। जवेरीलाल मेहता का अंतिम संस्कार मंगलवार को होगा।
सुरेंद्रनगर जिले के हलवद के मूल निवासी जवेरीलाल मेहता ने कई दशक तक प्रमुख दैनिक ‘गुजरात समाचार’ (Gujarat Samachar) के लिए काम किया था।
साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 2018 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।