हिमाचल प्रदेश में समोसा कांड के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तस्वीरें शेयर करने पर कड़ा निर्देश जारी किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में समोसा कांड के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तस्वीरें शेयर करने पर कड़ा निर्देश जारी किया गया है। अब किसी भी सरकारी विभाग या एजेंसी को सीएम सुक्खू की तस्वीरें सार्वजनिक करने से पहले सूचना एवं जनसंपर्क निदेशक (डीआईपीआर) से स्वीकृति लेनी होगी। इस आदेश के तहत बिना अनुमति के मुख्यमंत्री की कोई भी फोटो नहीं जारी की जा सकेगी।
यह आदेश सरकारी बैठकों, सार्वजनिक कार्यक्रमों और अन्य आधिकारिक समारोहों में ली गई तस्वीरों पर भी लागू होगा। डीआईपीआर ने सभी सचिवों और विभागीय प्रमुखों को पत्र भेजकर यह निर्देश जारी किया है। पत्र में बताया गया है कि मुख्यमंत्री की तस्वीरें कई बार बिना पूर्व स्वीकृति के मीडिया को जारी की जा रही हैं, जिससे संभावित रूप से उनकी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
**मुख्यमंत्री की छवि को लेकर सख्ती
डीआईपीआर ने अपने पत्र में चेताया है कि कुछ तस्वीरें सीएम की अनुचित भाव-भंगिमाओं को दर्शा सकती हैं, जिससे उनकी छवि को आघात पहुंच सकता है। पत्र में कहा गया है, "इन तस्वीरों के अनियंत्रित प्रसार के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं, जो न केवल मुख्यमंत्री की बल्कि सरकार की छवि को भी प्रभावित कर सकते हैं।"
समोसा कांड के बाद सरकार का सतर्क रुख
कुछ समय पहले सीआईडी के एक कार्यक्रम में 'समोसा कांड' होने के बाद सरकार सतर्क हुई है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुक्खू की उपस्थिति में होटल से मंगाए गए समोसे और केक को लेकर विवाद हुआ था। दरअसल, यह केक उच्च अधिकारियों के लिए था, पर सुरक्षा कर्मियों को दे दिया गया, जिससे हंगामा खड़ा हो गया। मामले की सीआईडी जांच भी हुई और इसे सरकार विरोधी कृत्य कहा गया।
इस जांच रिपोर्ट के लीक होने के बाद विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया और व्यंग्य करते हुए कहा कि सीएम के समोसे कोई और खा गया और इस पर सीबीआई जांच हो रही है। विपक्ष के इस हमले और संभावित विवादों से बचने के लिए सरकार ने अब यह सख्त कदम उठाया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर ने बताया की तानसेन का संगीत के क्षेत्र में योगदान अतुलनीय है जिसकी तुलना भी नहीं की जा सकती।
वरिष्ठ पत्रकार श्री राकेश शुक्ला द्वारा लिखित ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की पुस्तक 'तानसेन का ताना-बाना' का भव्य लोकार्पण नई दिल्ली केशव कुंज स्थित विचार विनिमय न्यास सभागार में सम्पन्न हुआ। दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा, अगर भारत को विश्वगुरु बनना है तो हमें अपने इतिहास, साहित्य और संस्कृति को स्मरण कर उसे समृद्ध करना होगा। हमारा इतिहास, हमारी संस्कृति, हमारी विरासत हमारे लिए महत्वपूर्ण बाते हैं जो भविष्य के निर्माण के लिए आवश्यक है। हमें अपनी कमियां दूर करते हुए अपने भूतकाल के इतिहास को लिखते रहना चाहिए ताकि नई पीढ़ी को वह बता सकें और दिखा सकें।
ऐसी पुस्तकें नई पीढ़ी को उपहार में दी जानी चाहिए, ताकि वे अपनी जड़ों से जुड़ सकें। उन्होंने सुरुचि प्रकाशन को विशेष धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसे प्रकाशकों का कार्य सराहनीय है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर ने बताया, तानसेन का संगीत के क्षेत्र में योगदान अतुलनीय है जिसकी तुलना भी नहीं की जा सकती। तानसेन ने अपने काल में संगीत परम्परा को आगे बढाने और उसको कायम रखने में बहुत संघर्ष किया। तानसेन की साधना को 'संगीत के हर स्वरूप के आराध्य और भारत की आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक' बताया और ऐसी परंपराओं को जीवित रखने व समृद्ध बनाने की दिशा में अनवरत प्रयत्न करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, तानसेन पर पांच सौ वर्षों बाद भी लेखन जारी है, यह इस बात का प्रमाण है कि उनका योगदान आज भी प्रासंगिक है। इतिहास उठा कर देखें तो अनेक ऐसे लोग हुए हैं जो तमाम तरह की विपरीत परिस्थितियों के होते हुए भी अपने कर्तव्य के आधार पर, व्यक्तित्व के आधार पर उनका जीवन कालजयी हो गया।
उन्होने कहा कि भारतीय सभ्यता पश्चिम की तरह नहीं है जहां पीछे देखने और गर्व करने को कुछ नहीं है, अपितु भारत हमेशा न सिर्फ अपने इतिहास से सीख लेता है, बल्कि सतयुग, त्रेतायुग या द्वापर युग के महान मूल्यों को आत्मसात् करने की प्रवृत्ति भी रखता है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भारत ने वर्ष 2047 में विकसित भारत बनाने का संकल्प ले रखा है, और विकसित भारत की ये यात्रा हमारी महान विरासत के बिना अधूरी होगी।
मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा, यह किताब तानसेन के जीवन को समझने और शोध में संदर्भ के रूप में कार्य करने वाली ऐतिहासिक दस्तावेज़ है। आगे भविष्य में यह पुस्तक रेफरेंस के रूप में प्रयोग की जायेगी ऐसे पूरी उम्मीद है। पुस्तक के लेखक श्री राकेश शुक्ला ने बताया कि तानसेन की यात्रा सिर्फ अकबर के दरबार तक सीमित नहीं थी, बल्कि वह सतना के छोटे से गांव बांधा से चली थी, और इसके साथ बहुत कुछ है जो इतिहास से छुपा रह गया है।
कार्यक्रम के दौरान सुरुचि प्रकाशन के प्रतिनिधि श्री राजीव तुली ने बताया कि हमारी संस्कृति में साहित्य की अनंत महिमा बताई गई है। शास्त्र की ऐसी शक्ति है की वह अनेक संशयों को दूर करती है। एक अच्छी पुस्तक उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने में हमने भी गति पकड़ी है। हमने पिछले 50 वर्षों में उन पुस्तकों को छापा जिन्हें कोई नहीं छापता था।
हर इंसान के हिस्से में मौत लिखी है, लेकिन जिस तरह वो एक हादसे के शिकार हुए वो बहुत दुख देने वाला रहा। वो हादसा ही इतना भयावह है कि मन सिहर उठता है।
मोहम्मद नदीम, राज्य सूचना आयुक्त, उत्तर प्रदेश।।
विजय रूपाणी जी जिस दौर में गुजरात के मुख्यमंत्री थे, मैं उस दौर में दिल्ली में नवभारत टाइम्स का नेशनल पॉलिटिकल एडिटर हुआ करता था। रूपाणी जी नियमित अंतराल पर दिल्ली से पत्रकारों को बुलाया करते थे, गुजरात में उनकी सरकार ने जो कुछ नया किया होता था वो दिखाने के लिए। पहले उनके ऑफिस से ऑफिसियल आमंत्रण आता फिर रूपाणी जी खुद फ़ोन से न्योता देते, यह कहते हुए-बहुत दिन हो गया दिल्ली की कोई खबर नहीं मिली, आप लोग आएंगे तो दिल्ली का हालचाल मिल जाएगा।
बैठकी में गुजरात के विकास यात्रा की बात शुरू होती तो मोदी जी का ज़िक्र ना हो तो यह मुमकिन ही नहीं था, मैं अक्सर मजाक में बोल दिया करता था कि देखिए, मोदी जी अब हमारे यूपी के हो चुके हैं। रूपाणी जी भी कभी कभी चुटकी ले लेते थे कि नदीम जी से डरना पड़ता है, मोदी जी इनके राज्य से आते हैं।
रूपाणी जी से रिश्ते प्रगाढ़ होते गए। बग़ैर गुजरात गये भी बातचीत हो ज़ाया करती थी। कोरोना काल में हमारे लखनऊ, बाराबंकी के कुछ परिचित गुजरात में लॉकडाउन में फँस गये। उन लोगों से ज्यादा उनके परिवार के लोग परेशान थे। सबका दबाव था कि कुछ करिए। मैंने रूपाणी जी के ऑफिस को नोट कराया। एक घंटे के अंदर उनका संदेश आया, बेफ़िक्र रहिए। मेरे अफ़सर उन सारे लोगों तक पहुंच गये हैं।
फिर रूपाणी जी मुख्यमंत्री नहीं रहे, मैं भी कुछ समय बाद लखनऊ आ गया। लेकिन कोशिश रहती थी फ़ोन से ही सही दुआ सलाम हो जाए। मकसद यही रहता था कि यह ना हो कि अपनत्व का जो रिश्ता बना था, वो सिर्फ़ मुख्यमंत्री कि कुर्सी तक ही था। एक बार मैंने उन्हें यह बात बता भी दी तो वो खूब तेज़ हंसे। बोले-यह सुनकर अच्छा लगा।
मुख्यमंत्री के रूप में उनकी सरलता मुझे बहुत भाती थी। हर इंसान के हिस्से में मौत लिखी है, लेकिन जिस तरह वो एक हादसे के शिकार हुए वो बहुत दुख देने वाला रहा। वो हादसा ही इतना भयावह है कि मन सिहर उठता है। श्रद्धांजलि।
(उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त मोहम्मद नदीम की फेसबुक वॉल से साभार। लेखक पेशे से पत्रकार और नवभारत टाइम्स, लखनऊ के संपादक रहे हैं।)
घर से शुरू हुआ यह क्लाउड किचन अब पूरी तरह से प्रोफेशनल बन चुका है और ‘The Snack Stories By Neelam’ नाम से अपनी सेवाएं दे रहा है।
गुरुग्राम में एक नया फूड स्पॉट धूम मचा रहा है। दरअसल, पूर्व पत्रकार नीलम गुप्ता ने गुरुग्राम में क्लाउड किचन शुरू किया है। घर में शुरू हुई इस रसोई से क्लाउड किचन में मुंबई और दिल्ली का असली स्ट्रीट फूड परोसा जाता है, जिसे प्यार से पकाया जाता है और स्वाद के साथ परोसा जाता है। घर से शुरू हुआ यह क्लाउड किचन अब पूरी तरह से प्रोफेशनल बन चुका है और ‘The Snack Stories By Neelam’ नाम से अपनी सेवाएं दे रहा है।
मुंबई से मंगाए गए पाव से बने वड़ा पाव से लेकर आलू भाजी के साथ जोधपुर स्टाइल प्याज की कचौरी और इंदौर से कुरकुरी मसालेदार दही सैंडविच तक, यह सब एक ही छत के नीचे उपलब्ध है। इसके अलावा मिनी मील, सिग्नेचर चटनी और घर में बने सीक्रेट मसाले भी शामिल हैं। स्वाद, चटपटा, पुराने दिनों की याद दिलाने वाला और पूरी तरह से संतुष्टि देने वाला है।
इसकी सह-संस्थापक नीलम गुप्ता कहती हैं, अच्छा खाना बनाना और परोसना हमेशा से मेरा जुनून रहा है। अब, मैं हर दिन इस खुशी को और लोगों के साथ साझा कर सकती हूँ। उनके पार्टनर मनीष कहते हैं, हम स्वाद या सामग्री से समझौता नहीं करते। प्रतिक्रिया अद्भुत रही है। आप तुरंत डिलीवरी के लिए सीधे +9199800 62513 पर कॉल कर सकते हैं। स्विगी या ज़ोमैटो पर अभी ऑर्डर किया जा सकता है।
NCLAT ने प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसमें UFO Moviez India और Qube Cinema Technologies पर प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार के आरोप में आर्थिक दंड लगाया गया था।
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसमें UFO Moviez India और Qube Cinema Technologies पर प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार के आरोप में आर्थिक दंड लगाया गया था।
NCLAT ने स्पष्ट किया कि इस मामले में “संतुलन CCI के पक्ष में है” और “प्रथम दृष्टया मामला” भी आयोग के समर्थन में प्रतीत होता है।
ट्रिब्यूनल ने कहा, “ऐसे हालात में हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि उपलब्ध तथ्यों के आधार पर विवादित आदेश पर स्थगन देना उचित नहीं है।”
दोनों कंपनियों पर करोड़ों का जुर्माना
16 अप्रैल को CCI ने UFO Moviez और उसकी यूनिट Scrabble Digital पर 1.04 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, जबकि Qube Cinema Technologies पर 1.66 करोड़ रुपये का दंड तय किया गया था। यह मामला उन समझौतों से जुड़ा है, जिनमें डिजिटल सिनेमा उपकरण किराए पर देने वाली कंपनियों — जैसे UFO और Qube — पर थिएटर मालिकों के साथ प्रतिस्पर्धा विरोधी शर्तें लागू करने का आरोप है।
इन कंपनियों ने इस आदेश को चुनौती देते हुए NCLAT का रुख किया था, जो CCI के आदेशों की अपील के लिए अधिकृत मंच है। हालांकि, ट्रिब्यूनल ने जुर्माने की प्रक्रिया को रोकने से इनकार कर दिया, लेकिन दोनों कंपनियों को कुल जुर्माने की 25% राशि दो सप्ताह के भीतर जमा करने का निर्देश दिया।
चार सप्ताह में जवाब, 1 अगस्त को अंतिम सुनवाई
NCLAT ने कहा, “हम पहले ही एक अलग आदेश में 25 प्रतिशत राशि जमा करने का निर्देश दे चुके हैं, जिसे दो हफ्तों में पूरा करना होगा।” साथ ही ट्रिब्यूनल ने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही अंतरिम रोक की याचिका खारिज की जाती है, फिर भी जवाब देने के लिए चार सप्ताह और प्रतिवाद दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया जाता है।
अब इस मामले की अंतिम सुनवाई 1 अगस्त को निर्धारित की गई है।
सिनेमा मालिकों की आज़ादी पर लगाई गई थी शर्तें
CCI की जांच में सामने आया कि UFO और Qube ने अपने थिएटर ऑपरेटर ग्राहकों के साथ हुए लीज समझौतों में ऐसी शर्तें रखीं जिनसे पोस्ट-प्रोडक्शन सामग्री के स्रोत चुनने की स्वतंत्रता सीमित हो गई। ये शर्तें अन्य पोस्ट-प्रोडक्शन सेवा प्रदाताओं के लिए बाधा बन रही थीं।
भारतीय डिजिटल सिनेमा इक्विपमेंट (DCE) बाजार में UFO और Qube की हिस्सेदारी क्रमशः 34% और 47% पाई गई।
फिल्म रील से डिजिटल माध्यम पर हुए बदलाव ने DCE प्रदाताओं की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण बना दिया है क्योंकि अब फिल्में डिजिटल फॉर्म में ही वितरित और प्रदर्शित होती हैं।
रिपोर्ट और आदेश में सामंजस्य: NCLAT
NCLAT ने CCI की जांच रिपोर्ट और अंतिम आदेश का बारीकी से अध्ययन करते हुए कहा, “हमें DG की रिपोर्ट और आयोग का आदेश आपस में मेल खाते प्रतीत होते हैं। इनमें स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि सामग्री को लेकर लगाए गए प्रतिबंध ‘मास्टरिंग प्रक्रिया’ के बाद के चरणों पर लागू होते हैं।”
ट्रिब्यूनल ने कहा, “समझौतों की शर्तों के अनुसार, तीसरे पक्ष की सामग्री DCE पर चलाई जा सकती है, लेकिन CTO (Cinema Theatre Owners) को इसके लिए ₹20,000 का भुगतान करना होगा और वह भी तब जब मूल प्रदाता कंटेंट उपलब्ध न करा सके।”
अंत में NCLAT ने यह भी माना कि समझौतों की शर्तों के कारण CTO उन फिल्म निर्माताओं से दूरी बना लेते हैं जिन्होंने Scrabble Digital से अपनी पोस्ट-प्रोडक्शन सेवाएं नहीं ली हैं। यह व्यवहार प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 3(4)(d) का उल्लंघन है।
प्रो. वल्लभ भारतीय प्रबंधन संस्थानों (IIMs) में अध्यापन कर चुके हैं और वित्तीय विषयों पर उनके कई शोधपत्र प्रतिष्ठित जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं।
राजनीति और शिक्षा—दोनों क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके प्रो. गौरव वल्लभ को केंद्र सरकार ने एक अहम जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें 10 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) में बतौर सदस्य मनोनीत किया गया है।
प्रो. वल्लभ भारतीय प्रबंधन संस्थानों (IIMs) में अध्यापन कर चुके हैं और वित्तीय विषयों पर उनके कई शोधपत्र प्रतिष्ठित जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्हें एकेडमिक जगत के साथ-साथ सार्वजनिक बहसों—विशेषकर टीवी डिबेट्स—में भी सक्रिय भागीदारी के लिए जाना जाता है, जहां वे तर्क और तथ्यों के आधार पर अपनी बात प्रभावशाली ढंग से रखते हैं।
बताया जा रहा है कि अब वे प्रधानमंत्री को आर्थिक विकास, महंगाई, वैश्विक अर्थव्यवस्था और नीति-निर्धारण जैसे विविध विषयों पर सलाह देंगे। उल्लेखनीय है कि EAC-PM सरकार द्वारा गठित एक स्वतंत्र संस्था है, जो प्रधानमंत्री को देश की आर्थिक रणनीति और दीर्घकालिक नीतियों पर मार्गदर्शन देती है।
कार्यक्रम में मीडिया की भूमिका, संवाद की जरूरत और सरकार के 11 वर्षों के दौरान हुए सामाजिक-आर्थिक बदलावों पर चर्चा हुई।
मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 10 जून को दिल्ली स्थित भारत मंडपम में एक विशेष संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर केंद्र सरकार की प्रमुख उपलब्धियों पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद मीडिया प्रतिनिधियों और सरकार के शीर्ष नेताओं के बीच अनौपचारिक चर्चा और लंच का आयोजन हुआ।
इस संवाद कार्यक्रम में देश के प्रमुख टीवी एंकर, संपादक और वरिष्ठ पत्रकार शामिल हुए। चर्चा के केंद्र में मीडिया की भूमिका, जन संवाद की आवश्यकता, और बीते 11 वर्षों में देश में हुए सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन रहे।
कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, रेलवे, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राज्यसभा सांसद और पार्टी प्रवक्ता अनिल बलूनी, बीजेपी के मीडिया विभाग प्रभारी संजय मयूख, और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय की उपस्थिति रही।
‘गुड न्यूज टुडे’ व ‘इंडिया टुडे’ के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद; ‘प्रसार भारती’ के कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी; ‘टीवी9 नेटवर्क’ के न्यूज डायरेक्टर हेमंत शर्मा; ‘द लल्लनटॉप’ के एडिटर सौरभ द्विवेदी; ‘टीवी9’ भारतवर्ष के सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर निशांत चतुर्वेदी; ‘नेटवर्क18’ समूह के कंसल्टिंग एडिटर शमशेर सिंह, ‘गुड न्यूज टुडे’ की मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह, ’ न्यूज18 इंडिया’ के कंसल्टिंग एडिटर रुबिका लियाकत; ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ के कंसल्टिंग एडिटर सुशांत सिन्हा; 'एनडीटीवी इंडिया' में एडिटर/एंकर आशुतोष चतुर्वेदी;‘इंडिया टीवी’ की सीनियर एडिटर और न्यूज एंकर मीनाक्षी जोशी; ‘आजतक’ की एंकर नेहा बाथम और ‘एएनआई’ की एडिटर-इन-चीफ स्मिता प्रकाश समेत मीडिया जगत के तमाम जाने-माने चेहरे शामिल थे।
इस अवसर की खास झलकियां आप यहां देख सकते हैं, जिनमें सरकार और मीडिया के बीच खुले संवाद की झलक देखने को मिली।
'टीम एम्प्लिफाई' का प्रोजेक्ट इसलिए खास रहा क्योंकि उसमें स्थायित्व (sustainability), डिजाइन और यूजर्स की भागीदारी का बहुत ही सहज और प्रभावशाली मेल देखने को मिला।
दिल्ली स्थित वसंत वैली स्कूल की कक्षा 11 के तीन विद्यार्थियों- प्रसन्न बत्रा, अवनी गांधी और मेहर रहमत होरा ने IIT खड़गपुर द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित यंग इनोवेटर्स प्रोग्राम में तीसरा स्थान हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय सफलता पाई है। इस प्रतियोगिता में देशभर से 3,500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया था। विजेता टीम को ₹5,000 की पुरस्कार राशि से भी सम्मानित किया गया।
'टीम एम्प्लिफाई' का प्रोजेक्ट इसलिए खास रहा क्योंकि उसमें स्थायित्व (sustainability), डिजाइन और यूजर्स की भागीदारी का बहुत ही सहज और प्रभावशाली मेल देखने को मिला। उनके प्रोजेक्ट KinetiKick ने यह दिखाया कि सोच-समझकर किया गया इनोवेशन किस तरह से इंसानी रोजमर्रा की गतिविधियों (जैसे चलना-फिरना) को नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) के स्रोत में बदल सकता है। इस तरह यह प्रोजेक्ट जागरूकता और वास्तविक कार्रवाई के बीच की दूरी को पाटने का काम करता है। इस प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर आना सिर्फ उनकी तकनीकी कुशलता को नहीं दर्शाता, बल्कि यह भी दिखाता है कि उनकी सोच ऐसी समस्याओं के हल की ओर है, जिनकी आज दुनिया को जरूरत है- यानी स्थानीय, सबके लिए सुलभ और नई पीढ़ी द्वारा संचालित समाधान।
"यंग इनोवेटर्स प्रोग्राम" में मूल्यांकन के मानदंड मूल विचार (originality), व्यावहारिकता (feasibility) और वास्तविक दुनिया में उपयोग (real-world application) पर आधारित थे। इस कार्यक्रम ने छात्रों को प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं से बातचीत करने का मौका भी दिया, जिससे उन्हें व्यवहारिक समस्याओं को हल करने की गहरी समझ और उपयोगी सुझाव मिले।
'टीम एम्प्लिफाई' की सफलता यह दर्शाती है कि अगली पीढ़ी के युवा न केवल समस्याएं समझते हैं, बल्कि उनके समाधान भी ऐसी दृष्टि से गढ़ते हैं जो व्यवहारिक और पर्यावरण-संवेदनशील हो। KinetiKick जैसे प्रोजेक्ट न केवल इनोवेशन को दिशा देते हैं, बल्कि जागरूकता और क्रियान्वयन के बीच की दूरी को पाटने में भी सहायक होते हैं।
यह उपलब्धि न सिर्फ टीम के तकनीकी कौशल की परिचायक है, बल्कि यह दिखाती है कि भारत की युवा प्रतिभाएं वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए कितनी सक्षम और तत्पर हैं।
नोएडा के सेक्टर 58 थाने में दर्ज एफआईआर में दोनों पर कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। गौतम बुद्ध नगर की अदालत ने दोनों आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
नोएडा पुलिस ने सोमवार को दो पत्रकारों को ‘भारत24’ की एंकर शाजिया निसार औऱ ‘अमर उजाला’ डिजिटल के आदर्श झा को कथित तौर पर वसूली और ब्लैकमेलिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। नोएडा के सेक्टर 58 थाने में दर्ज एफआईआर में दोनों पर कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। गौतम बुद्ध नगर की अदालत ने दोनों आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस के हवाले से बताया गया है कि शाजिया निसार के आवास से 34.5 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही, मोबाइल फोन, लैपटॉप और एक स्कॉर्पियो गाड़ी भी जब्त की गई है। पुलिस ने यह भी बताया कि उनके पास ऑडियो और वीडियो साक्ष्य हैं, जिनमें दोनों आरोपी कथित रूप से चैनल प्रबंधन से पैसे की मांग करते और धमकी देते हुए नजर आते हैं।
इस पूरे मामले में 'भारत24' के प्रबंधन की ओर से तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई गई हैं।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपितों ने ‘भारत24’ के एक वरिष्ठ संपादक को यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी दी और 65 करोड़ की मांग की, जिसकी शुरुआत 5 करोड़ रुपये से हुई थी।
वहीं, नोएडा पुलिस का कहना है कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और यह संभावना है कि इस प्रकरण से जुड़ा कोई बड़ा ब्लैकमेल सिंडिकेट भी सक्रिय हो सकता है। पुलिस अन्य संबंधित लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है। फिलहाल दोनों पत्रकार न्यायिक हिरासत में हैं और आगे की पूछताछ के लिए पुलिस कोर्ट से रिमांड की मांग कर सकती है।
1992 में स्नातक करने के बाद पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से 1995 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री की और एक नामी कंपनी में नौकरी शुरू की थी।
अमर उजाला के प्रतिष्ठित कार्यक्रम संवाद का आयोजन राजधानी देहरादून में किया गया। इस मंच से मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास ने कहा, उम्मीद ही एक रिश्ते का सबसे बड़ा आधार है, चाहे वो किसी तरह का रिश्ता हो। ये उम्मीद हर तरफ है, पढ़ाई, करियर में यहां तक की अध्यात्म में भी उम्मीद है कि, एक दिन ईश्वर का दर्शन हो जाएगा और उम्मीद है कि मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी।
उम्मीद पर ही सारी दुनिया टिकी है। चाहे कुछ भी हो जाए, एक चीज कभी नहीं छूटनी चाहिए- उम्मीद। इस को जीतने की मानसिकता कहते हैं। एक बात तो पक्की है, सभी लड़ाई मन में लड़ी जाती है और वहीं जीतना मायने रखा है। अगर मन में हार गए तो हर जगह हार जाएंगे।
सोशल मीडिया में 51 लाख से अधिक अनुयायी वाले गौर गोपाल दास जाने-माने प्रेरक वक्ता व लाइफ कोच हैं। इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ने के बाद वे इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) से जुड़ गए। महाराष्ट्र में जन्मे गौर गोपाल दास ने कुसरो वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पुणे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। 1992 में स्नातक करने के बाद पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से 1995 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री की और एक नामी कंपनी में नौकरी शुरू की थी।
रक्षा मंत्री ने कश्मीर के विषय पर कहा कि पाकिस्तान चाहकर भी कश्मीर में विकास के पहिये को नहीं रोक पा रहा है। इसके लिए उसने पहलगाम का हमला कराया।
अमर उजाला के संवाद कार्यक्रम के मंच पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एक दिन पूरा कश्मीर एक होगा। जल्द पीओके भी कहेगा कि मैं भी भारत हूं। यह सब कैसे होगा इस पर अभी बात नहीं करूंगा। कार्यक्रम में मौजूद लोगों से उन्होंने दावे के रूप में कहा कि उन्हें विश्वास है कि आप सब कश्मीर को एक होता अपनी आंखों से देखेंगे।
इस दौरान उन्होंने भारत की आतंकवाद की लड़ाई में सरकार के दृढ़ संकल्प को भी दोहराया। साथ ही रक्षा क्षेत्र में भारत किस तरह आत्मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है इसका रोडमैप भी उन्होंने मंच से बताया। इसमें आने वाले दिनों में घरेलू कंपनियों पर ही दारोमदार रहेगा कि वह रक्षा उपकरणों की अधिक से अधिक आपूर्ति करेंगी।
रक्षा मंत्री ने कश्मीर के विषय पर कहा कि पाकिस्तान चाहकर भी कश्मीर में विकास के पहिये को नहीं रोक पा रहा है। इसके लिए उसने पहलगाम का हमला कराया। धर्म पूछकर लोगों को मारा। यह हमला केवल उन 26 लोगों पर नहीं था बल्कि यह भारत की एकता पर हमला था।
मगर, भारत सरकार का आतंकवाद के खिलाफ दृष्टिकोण और कार्रवाई दोनों पहले से अलग है। यह सभी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देख भी लिया है। उन्होंने मंच से फिर दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है बल्कि स्थगित है।