दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सरकार द्वारा वित्तपोषित प्रसारक प्रसार भारती को BCCI की टीम को “टीम इंडिया” या “भारतीय राष्ट्रीय टीम” कहने से रोकने की मांग की गई थी।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सरकार द्वारा वित्तपोषित प्रसारक प्रसार भारती, जो दूरदर्शन और आकाशवाणी संचालित करता है, को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की टीम को “टीम इंडिया” (Team India) या “भारतीय राष्ट्रीय टीम” (Indian National Team) कहने से रोकने की मांग की गई थी।
याचिका में कहा गया था कि प्रसार भारती द्वारा एक निजी टीम को भारतीय राष्ट्रीय टीम के रूप में पेश करना गलत प्रस्तुतीकरण (misrepresentation) है।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने अधिवक्ता रीपक कंसल द्वारा दायर इस याचिका को अदालत के समय की पूर्ण बर्बादी बताया।
कंसल ने अपनी याचिका में कहा था कि BCCI एक निजी संस्था है, जो तमिलनाडु सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत है। ऐसे में सार्वजनिक प्रसारकों द्वारा इसे “राष्ट्रीय टीम” के रूप में पेश करना गलत छवि बनाना है और इससे BCCI को अनुचित व्यावसायिक लाभ मिलता है। याचिका में दोहराया गया कि “प्रसार भारती द्वारा एक निजी टीम को राष्ट्रीय टीम के रूप में दिखाना भ्रामक है।”
याचिका के अनुसार, BCCI अपने आयोजनों और मैचों में भारत नाम, राष्ट्रीय ध्वज और अन्य राष्ट्रीय प्रतीकों का उपयोग करती है और दूरदर्शन व आकाशवाणी द्वारा इनके प्रसारण से Emblems and Names (Prevention of Improper Use) Act, 1950 तथा Flag Code of India, 2002 का उल्लंघन होता है, जो राष्ट्रीय नाम, झंडे और प्रतीकों के उपयोग को नियंत्रित करते हैं। याचिका में कहा गया था, “किसी निजी संस्था द्वारा ‘India’ नाम का मनमाना उपयोग, बिना किसी वैधानिक अधिकार या अधिसूचना के, निष्पक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन है।”
अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि BCCI द्वारा अपने आयोजनों में भारतीय ध्वज का उपयोग करना और सार्वजनिक प्रसारकों द्वारा उसका प्रसारण करना किसी कानून का उल्लंघन नहीं है।
पीठ ने टिप्पणी की, “आज कोई भी व्यक्ति निजी तौर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है। यदि आप अपने घर में झंडा फहराना चाहें तो क्या आपको रोका गया है? Emblems and Names Act, 1950 की धारा 3 का उल्लंघन कहां है? क्या आप यह कह रहे हैं कि यह टीम भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करती? यह टीम जो हर जगह जाकर भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है, आप कह रहे हैं कि यह भारत की टीम नहीं है? यदि यह ‘टीम इंडिया’ नहीं है तो बताइए क्यों नहीं है?”
न्यायाधीशों ने आगे कहा, “क्या आपको पता है कि खेलों का पूरा ढांचा कैसे काम करता है? क्या आपके अनुसार केवल वही टीम ‘भारत’ का प्रतिनिधित्व करेगी जिसे खेल मंत्रालय के अधिकारी चुनें? यह अदालत के समय की बर्बादी है। आपको इससे बेहतर जनहित याचिकाएं दाखिल करनी चाहिए। हम इसे खारिज करने के पक्ष में हैं।”
राम सहगल दो वर्षों तक ‘एडवर्टाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (AAAI) के प्रेजिडेंट और ‘एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया’ (ASCI) के चेयरमैन रहे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
विज्ञापन जगत के जाने-माने नाम राम सहगल का निधन हो गया है। 40 वर्ष से अधिक लंबे करियर में राम सहगल ने विज्ञापन इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बनाई थी। बताया जाता है कि राम सहगल पिछले कुछ समय से पुडुचेरी में रह रहे थे और श्री ऑरोबिंदो आश्रम से जुड़े हुए थे।
विज्ञापन के क्षेत्र में उनका सफर S.H. Benson (Ogilvy) से शुरू हुआ और बाद में वह JWT से जुड़ गए। JWT में करीब 15 साल काम करने के बाद उन्हें JWT की सहायक कंपनी ‘Contract Advertising’ में प्रेजिडेंट के तौर पर नियुक्त किया गया।
‘Contract Advertising’ में करीब 16 वर्षों के कार्यकाल के दौरान राम सहगल ने कंपनी को देश की शीर्ष विज्ञापन एजेंसियों में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विज्ञापन इंडस्ट्री में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें ‘Advertising Man of the Year’ (A&M) अवॉर्ड दिया गया। वर्ष 2001 में कोलकाता एडवर्टाइजिंग क्लब ने उन्हें ‘हॉल ऑफ फेम’ में शामिल किया।
राम सहगल दो वर्षों तक ‘एडवर्टाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (AAAI) के प्रेजिडेंट और ‘एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया’ (ASCI) के चेयरमैन रहे। राम सहगल को ‘एडवर्टाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
वह एक बेहतरीन लेखक भी थे और उन्होंने कई अख़बारों और पत्रिकाओं में विभिन्न विषयों पर लेख लिखे। उनकी चार किताबें-Mixed Feelings, Secrets of Advertising, Around the World in 40 Years और What’s Cooking? प्रकाशित हुईं।
'डेक्कन हेराल्ड' के साथ तीस साल से अधिक समय तक जुड़े रहे वरिष्ठ पत्रकार माइकल रॉबर्ट पाट्राओ का मंगलवार को निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
'डेक्कन हेराल्ड' के साथ तीस साल से अधिक समय तक जुड़े रहे वरिष्ठ पत्रकार माइकल रॉबर्ट पाट्राओ का मंगलवार को निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे।
मंगलुरु में 9 सितंबर 1959 को एक कोंकणी भाषी कैथोलिक परिवार में जन्मे पाट्राओ ने सेंट एलोइज़ियस कॉलेज, मंगलुरु से बीकॉम और कर्नाटक विश्वविद्यालय, धारवाड़ से एमए (अंग्रेजी) की पढ़ाई की।
विज्ञापन क्षेत्र में काम करने के बाद उन्होंने 1992 में डेक्कन हेराल्ड जॉइन किया। वह पहले बेंगलुरु ब्यूरो में रिपोर्टर रहे, फिर कर्नाटक की राजनीति और सार्वजनिक नीतियों को कवर किया। उन्होंने कई चुनावों की रिपोर्टिंग की, बेंगलुरु के इतिहास और विरासत पर बहुत कुछ लिखा और एक निपुण म्यूजिक क्रिटिक के रूप में कई एल्बम की समीक्षा की।
अपने करियर के आखिरी हिस्से में वह न्यूज डेस्क पर आए और विभिन्न संपादकीय भूमिकाओं में काम किया। 2017 में सेवानिवृत्त हुए, लेकिन बाद में उन्होंने अखबार के स्कूल संस्करण में योगदान देना जारी रखा।
उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। उ
दिल्ली पुलिस ने एक महिला न्यूज एंकर की फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर आपत्तिजनक और गलत कंटेंट पोस्ट करने के आरोप में मुंबई से एक 40 साल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली पुलिस ने एक महिला न्यूज एंकर की फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर आपत्तिजनक और गलत कंटेंट पोस्ट करने के आरोप में मुंबई से एक 40 साल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान चेत कमल प्रकाश के रूप में हुई है, जो जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है और मुंबई में रहता था।
महिला एंकर ने पुलिस में शिकायत की थी कि उसके नाम से कई फर्जी प्रोफाइल बनाकर गलत और भद्दी बातें पोस्ट की जा रही हैं। इतना ही नहीं, उसे एक फोन कॉल भी आया जिसमें उसकी कुछ हफ्तों में होने वाली शादी को खराब करने की धमकी दी गई थी।
डीसीपी (आउटर नॉर्थ) हरेश्वर स्वामी के अनुसार, मामला दर्ज कर आरोपी को पकड़ने के लिए टेक्निकल सर्विलांस लगाया गया। जांच में पता चला कि आरोपी मुंबई के सहार गांव में छिपा हुआ है। पुलिस टीम वहां पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन और लैपटॉप भी जब्त किया है। दोनों डिवाइस फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए हैं। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच अभी जारी है।
प्रसार भारती ने Direct-to-Mobile (D2M) तकनीक को लेकर की गई बड़ी टेस्टिंग की रिपोर्ट जारी कर दी है।
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प्रसार भारती ने Direct-to-Mobile (D2M) तकनीक को लेकर की गई बड़ी टेस्टिंग की रिपोर्ट जारी कर दी है। यह जांच इसलिए की गई थी क्योंकि टेलीकॉम कंपनियों ने चिंता जताई थी कि 470–582 MHz बैंड में चल रहे D2M प्रसारण से 4G/5G नेटवर्क में दिक्कत आ सकती है या मोबाइल फोन ज्यादा गर्म हो सकते हैं।
इससे पहले प्रसार भारती ने IIT कानपुर के साथ मिलकर अगली पीढ़ी के ब्रॉडकास्ट सिस्टम के लिए एक रोडमैप तैयार किया था। इसका पहला ट्रायल बेंगलुरु में हुआ और फिर दिल्ली में हाई-पावर टीवी ट्रांसमीटर और कई लो-पावर साइट्स के साथ हाइब्रिड ट्रायल किया गया। उद्योग जगत के सवालों के बाद प्रसार भारती ने आधिकारिक रूप से लैब टेस्ट कराने का फैसला लिया।
14 नवंबर 2025 को हुए इन टेस्ट में ATSC 3.0 पर आधारित D2M Broadcast Radio Head का इस्तेमाल किया गया। टेस्टिंग दो हिस्सों में की गई- क्या इससे 4G/5G नेटवर्क के रिसीवर पर कोई असर पड़ता है और क्या D2M वीडियो देखने पर मोबाइल फोन ज्यादा गर्म होते हैं।
परिणामों में पाया गया कि उन मोबाइल नेटवर्क बैंड्स (n71, n28, n5) में कोई इंटरफेरेंस नहीं हुआ जिनका आमतौर पर इस्तेमाल होता है। मोबाइल का रिसीवर सेंसिटिविटी बिल्कुल पहले जैसी रही और अपलिंक–डाउनलिंक स्पीड भी 95% से ज्यादा बनी रही। यानी D2M सिग्नल से 4G/5G की क्वालिटी पर कोई असर नहीं पड़ा।
मोबाइल हीटिंग टेस्ट में भी पता चला कि D2M के जरिए वीडियो देखने पर फोन की तापमान सीमा सामान्य ही रहती है, यानी मोबाइल गर्म नहीं होता। यह डेटा 30-30 मिनट के अंतराल पर 3 घंटे तक रिकॉर्ड किया गया था।
इसके अलावा, जिस 40-वॉट D2M रेडियो हेड से सिग्नल भेजा गया, उसके स्प्यूरियस इमीशन (अनचाहे सिग्नल) भी नियमों से काफी कम पाए गए। यानी D2M किसी दूसरे कम्युनिकेशन बैंड में दखल नहीं करता।
प्रसार भारती ने कहा कि सभी रिपोर्टें सार्वजनिक कर दी गई हैं ताकि इस तकनीक पर उद्योग जगत और सरकार खुलकर चर्चा कर सके, क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर D2M को अपनाने पर विचार किया जा रहा है।
आईआईएमसी एलुमनी एसोसिएशन (IIMCAA) ने दसवें ‘इमका अवॉर्ड्स’ के लिए ऑनलाइन आवेदन लेना शुरू कर दिया है। जो आईआईएमसी के एलुमनी नहीं हैं, वो भी इसमें आवेदन कर सकते हैं।
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आईआईएमसी एलुमनी एसोसिएशन (IIMCAA) ने दसवें ‘इमका अवॉर्ड्स’ के लिए ऑनलाइन आवेदन लेना शुरू कर दिया है। इस बार खास बात यह है कि यह अवॉर्ड सिर्फ IIMC के पूर्व छात्रों के लिए नहीं, बल्कि सभी मीडिया प्रोफेशनल्स, यानी Non-IIMCians के लिए भी खुले हैं। यानी जो आईआईएमसी के एलुमनी नहीं हैं, वो भी इसमें आवेदन कर सकते हैं
जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक, चार जनवरी तक एंट्री भेजी जा सकती हैं। 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2025 के दौरान अखबार, टीवी, रेडियो, डिजिटल में रिपोर्टिंग और विज्ञापन या जनसंपर्क के अभियानों के आधार पर कुल 13 कैटेगरी में आवेदन किया जा सकता है।
IIMCAA ने बताया कि इन अवॉर्ड्स का मकसद मीडिया और कम्युनिकेशन के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले लोगों को सम्मान देना और उनके बीच बेहतर जुड़ाव बनाना है। इस बार 2026 एडिशन तक पहुंचने पर संगठन ने इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
कब तक के काम होंगे शामिल?
IIMCAA Awards 2026 में 1 जनवरी 2025 से 31 दिसंबर 2025 के बीच किए गए कामों को शामिल किया जाएगा।
कुल 13 कैटेगरी- 10 में कैश प्राइज
अवॉर्ड्स में कुल 13 कैटेगरी हैं। इनमें से 10 कैटेगरी में कैश प्राइज + ट्रॉफी + सर्टिफिकेट मिलेगा, जबकि बाकी 3 कैटेगरी में ट्रॉफी और सर्टिफिकेट दिए जाएंगे।
मुख्य कैटेगरी में Journalist of the Year, Agriculture Reporter, PR Person, Ad Person, Producer, Indian Language Reporter आदि शामिल हैं।
इस बार नियमों में दो बड़े बदलाव
IIMCAA ने इस साल दो अहम बदलाव किए हैं—
अब एक की जगह 3 न्यूज/शो/कैम्पेन जमा करने होंगे।
लिखित निबंध की जगह अब वीडियो फॉर्मेट में इसे अपलोड करना होगा।
शॉर्टलिस्टिंग और रिजल्ट
एंट्रीज की स्क्रीनिंग एक प्रतिष्ठित जूरी पैनल द्वारा की जाएगी। विजेताओं की घोषणा 28 फरवरी 2026 को दिल्ली में होने वाले Connections Meet में की जाएगा।
एंट्रीज
आवेदक केवल IIMCAA वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म भरकर अपना काम जमा कर सकते हैं।
आखिरी तारीख
अवॉर्ड्स में शामिल होने के लिए एंट्री जमा करने की अंतिम तारीख 4 जनवरी 2026 रखी गई है।
नियम व शर्तों के साथ अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें-
उन्हें यह सम्मान “क्रिएटिव मेकर्स ऑफ टुमारो (सीएमओटी)” के ग्रेट ग्रैंड जूरी का सदस्य रहने के लिए दिया गया।
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वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया शिक्षाविद् प्रो. (डॉ.) के जी सुरेश को गोवा में चल रहे 56वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में सोमवार को प्रकाश मगदूम, प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम तथा अजय नागभूषण, संयुक्त सचिव (फिल्म्स), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, द्वारा सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान “क्रिएटिव मेकर्स ऑफ टुमारो (सीएमओटी)” के ग्रेट ग्रैंड जूरी का सदस्य रहने के लिए दिया गया।
सीएमओटी दुनिया में युवा फिल्मकारों के लिए अपनी तरह का इकलौता मंच है। इस मौके पर ‘भारत पर्यावास केंद्र’ (इंडिया हैबिटेट सेंटर) के निदेशक के रूप में कार्यरत प्रो.सुरेश ने कहा कि सीएमओटी युवा फिल्मकारों को अपनी प्रतिभा और क्षमता साबित करने के लिए एक चुनौती और अवसर दोनों प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि चयनित सभी पांच फिल्मों ने सोशल मीडिया पोस्ट को वायरल करने के प्रति युवाओं के जुनून के नकारात्मक परिणामों को उजागर किया है और युवा फिल्मकारों द्वारा इस विषय के संवेदनशील चित्रण पर उन्होंने खुशी जताई।
प्रो. सुरेश इससे पहले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों तथा इस प्रतिष्ठित महोत्सव के इंडियन पैनोरमा खंड की जूरी में भी रह चुके हैं। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए उन्होंने सिनेमा अध्ययन विभाग की स्थापना की थी। आईआईएमसी के महानिदेशक रहते हुए उन्होंने पुणे के एफटीआईआई के साथ मिलकर सिनेमेटोग्राफी, अभिनय, निर्देशन आदि में संयुक्त कार्यशालाओं का आयोजन किया था। वे पुणे के फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान तथा कोलकाता के सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान की संचालन परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं।
वर्तमान में वे रोहतक के दादा लखमी चंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के सदस्य हैं। इसके अलावा वे कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय फिल्म जूरियों के अध्यक्ष और सदस्य रह चुके हैं, जिनमें 2012 में संयुक्त राष्ट्र सभ्यताओं के गठबंधन एवं अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन द्वारा आयोजित ‘प्लुरल प्लस’ अंतरराष्ट्रीय युवा वीडियो महोत्सव की जूरी में शामिल होने वाले पहले भारतीय सदस्य का गौरव भी उन्हें प्राप्त है। उन्होंने सिनेमा और टेलीविजन पर कई शोध पत्र लिखे हैं जो प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।
13 से 15 अक्टूबर 2026 तक तीन दिवसीय इस आयोजन में दुनिया भर के प्रमुख राष्ट्राध्यक्ष, सरकारी अधिकारी, लीडर्स, वित्त विशेषज्ञ, इनोवेटर्स और विचारक शामिल होंगे।
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आर्थिक और नीतिगत संवाद के लिए एक प्रमुख वैश्विक मंच ‘ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम’ (Bloomberg New Economy Forum) का आठवां एडिशन 13 से 15 अक्टूबर 2026 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। यह भारत में आयोजित होने वाला पहला फोरम होगा। तीन दिवसीय इस फोरम में दुनिया भर के प्रमुख राष्ट्राध्यक्ष, सरकारी अधिकारी, लीडर्स, वित्त विशेषज्ञ, इनोवेटर्स और विचारक शामिल होंगे। इस फोरम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संबोधित करेंगे।
‘ब्लूमबर्ग एलपी’ और ‘ब्लूमबर्ग फिलान्थ्रॉपिज’ के संस्थापक माइकल आर. ब्लूमबर्ग ने कहा, ‘भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है, इसलिए इसे अगले ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम का मेजबान होना बिल्कुल सही है। फोरम के नेटवर्क को बढ़ाते हुए हम प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर दुनिया भर में सरकारों और व्यवसायों के बीच सहयोग को और प्रोत्साहित करने के लिए उत्साहित हैं।’
इसके साथ ही उनका कहना है, ’पिछले दशक में, न्यू इकोनॉमी फोरम वरिष्ठ निर्णयकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक स्थल बन गया है। पिछले पांच वर्षों तक सिंगापुर में सफलतापूर्वक आयोजित फोरम के बाद, जहां दुनिया ने तेजी से परिवर्तन देखा अब 2026 का फोरम भारत में आयोजित किया जाएगा। भारत एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति है और वैश्विक व्यापार में इसका महत्वपूर्ण योगदान है।’
’ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम’ के एडिटोरियल डायरेक्टर एरिक शैट्ज़कर ने कहा, ’हम न्यू इकोनॉमी फोरम को नई दिल्ली में आयोजित करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। भारत का वैश्विक मंच पर प्रभाव इसे इस फोरम के लिए आदर्श बनाता है। बदलते व्यापारिक संबंधों और नए वैश्विक केंद्रों के उदय के इस समय में, भारत विकास, नवाचार और सहयोग की अगली दिशा तय करने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।’ फोरम का आयोजन स्थल, कार्यक्रम की प्रमुख बातें और पंजीकरण संबंधी विवरण आने वाले महीनों में घोषित किए जाएंगे।
एक दिन पहले हुई थी हार्ट सर्जरी, मुंबई के लीलावती अस्पताल में ली अंतिम सांस
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
वरिष्ठ पत्रकार विभा कौल भट्ट का निधन हो गया है। लंबे समय से 'एबीपी न्यूज' (ABP News) से जुड़ी हुईं विभा कौल भट्ट को हाल ही में मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां एक दिन पहले ही उनकी हार्ट सर्जरी हुई थी। इसके बाद अचानक उनकी हालत बिगड़ गई और मंगलवार को उनका निधन हो गया।
विभा कौल भट्ट पत्रकारिता जगत में लगभग 25 सालों से सक्रिय थीं। उन्होंने विशेष रूप से एंटरटेनमेंट रिपोर्टिंग में अपनी पहचान बनाई थी और 'सास-बहू और साजिश' जैसे लोकप्रिय प्रोग्राम के निर्माण और विश्लेषण में अहम योगदान दिया था।
विभा कौल के निधन की खबर आते ही मीडिया जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। कई वरिष्ठ पत्रकारों, एंकरों और सहयोगियों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके पेशेवर समर्पण, सौम्य व्यवहार और ईमानदार पत्रकारिता को याद किया।
वरिष्ठ पत्रकार और ‘TAK’ चैनल्स के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर विभा कौल को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है, ‘सुबह पता चला , अब तक यकीन नहीं हो रहा. विभा कौल भट्ट को विनम्र श्रद्धांजलि. ABP न्यूज़ के शो सास बहू और साज़िश की कर्ता धर्ता रहीं थीं. कल लीलावती अस्पताल में सर्जरी हुई थी, आज सुबह निधन हुआ।’
सुबह पता चला , अब तक यकीन नहीं हो रहा. विभा कौल भट्ट को विनम्र श्रद्धांजलि. ABP न्यूज़ के शो सास बहू और साज़िश की कर्ता धर्ता रहीं थीं. कल लीलावती अस्पताल में सर्जरी हुई थी, आज सुबह निधन हुआ ? pic.twitter.com/BKIVpTzcMn
— Milind Khandekar (@milindkhandekar) November 25, 2025
असम के गुवाहाटी से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। 27 साल की महिला न्यूज एंकर ऋतु मोनी रॉय अपने ऑफिस में मृत मिलीं।
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असम के गुवाहाटी से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। 27 साल की महिला न्यूज एंकर ऋतु मोनी रॉय अपने ऑफिस में मृत मिलीं। उनका शव न्यूज रूम के भीतर पंखे से लटका हुआ पाया गया और पुलिस को वहां से एक सुसाइड नोट भी मिला है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक ऋतु मोनी की शादी 5 दिसंबर को होने वाली थी और वह इसकी तैयारियों में लगी थीं। लेकिन परिवार को शक है कि शायद आर्थिक तनाव की वजह से उन्होंने ये कदम उठाया।
यह घटना सोमवार सुबह की बताई जा रही है। ऋतु मोनी गुवाहाटी के क्रिश्चियन बस्ती इलाके में स्थित एक लोकल न्यूज पोर्टल में काम करती थीं। जिन दिनों घर में शादी की खुशी होनी चाहिए थी, उन दिनों अब मातम पसर गया है।
पुलिस ने बताया कि ऑफिस में ही उनका शव मिला और मौके से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच शुरू कर दी है।
शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस का कहना है कि असली वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ होगी।
सुसाइड नोट में ऋतु मोनी ने लिखा है कि उन्होंने ये फैसला सबकी खुशी के लिए लिया और लिखा कि वे उसके बिना अच्छे से रहें और उसे माफ कर दें।
इस घटना के बाद मीडिया इंडस्ट्री में मानसिक तनाव और काम के दबाव को लेकर फिर से चर्चाएं शुरू हो गई हैं। उनके साथियों ने बताया कि ऋतु मोनी बेहद प्रतिभाशाली और मेहनती थीं और अपनी शादी को लेकर बहुत खुश थीं।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को अक्कलकोट में कहा कि उनके और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच कोई मतभेद नहीं है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को अक्कलकोट में कहा कि उनके और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने मीडिया पर आरोप लगाया कि केवल TRP बढ़ाने के लिए झूठा माहौल बनाया जा रहा है।
शिंदे सोलापुर में नगर परिषद चुनावों के लिए रैलियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ना दोनों पार्टियों के बीच दुश्मनी का संकेत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया, "यह एक स्थानीय चुनाव है। हम लोकसभा में नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री देखने के लिए साथ थे, विधानसभा में महायुति के लिए। स्थानीय चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ता भावनात्मक होते हैं और लड़ना चाहते हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना का दुश्मन BJP नहीं बल्कि MVA (महाविकास आघाडी) है, और भविष्य में भी यही रहेगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे और फडणवीस सार्वजनिक कार्यक्रमों में एक-दूसरे को अनदेखा कर रहे हैं, तो शिंदे ने जवाब दिया, "मीडिया ऐसे सवाल खुद बनाती है और जवाब भी खोजती है। सब कुछ बनाकर ब्रेकिंग न्यूज बना देते हैं। यह सब TRP के लिए होता है। अब उन्हें ऐसा करना बंद करना चाहिए।"
शिंदे ने यह भी कहा कि उनका "रावण" और "अहंकारी" वाला बयान BJP के लिए नहीं, बल्कि शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और उनके साथियों के लिए था। उन्होंने कहा, "हर कोई जानता है कि रावण कौन है और अहंकारी कौन। गरीब किसान के बेटे से मुख्यमंत्री बने; इसे कौन पचा नहीं पा रहा है? घर बैठे लोग जनता की समस्याओं को नहीं समझ सकते। जब मैं मुख्यमंत्री बना, तब शिवसेना (UBT) नेताओं को पेट में दर्द हुआ। वही रावण और अहंकारी हैं।"