राजधानी दिल्ली में एक महिला पत्रकार के साथ उबर ऑटो में छेड़छाड़ का मामला सामने आया है
राजधानी दिल्ली में एक महिला पत्रकार के साथ उबर ऑटो में छेड़छाड़ का मामला सामने आया है, जिसकी शिकायत के बाद दिल्ली महिला आयोग ने तुरंत एक्शन लिया और उबर इंडिया व दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।
महिला आयोग ने उबर इंडिया से यह भी जानकारी मांगी गई है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उसकी ओर से क्या कदम उठाए जाते हैं। साथ ही, दिल्ली पुलिस को छह मार्च तक घटना के संबंध में पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पुलिस से घटना की एफआईआर की प्रति के अलावा आरोपी की गिरफ्तारी आदि की भी जानकारी मांगी है।
दिल्ली में एक महिला पत्रकार से Uber Auto में हुई छेड़छाड़ की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर Uber India और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए Uber द्वारा क्या कदम उठाए जाते हैं उसकी भी जानकारी तलब की है। pic.twitter.com/LXOF8KJHZG
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) March 2, 2023
दरअसल, घटना एक मार्च को दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी तब घटी, जब महिला पत्रकार ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी से उबर ऑटो बुक किया था।
दिल्ली महिला आयोग की ओर से जो नोटिस भेजा गया है उसमें कहा गया है कि जैसे ही महिला पत्रकार ऑटो में बैठी तभी ऑटो के ड्राइवर ने अश्लील हरकत करनी शुरू कर दी। महिला को ड्राइवर ने सेक्सुअली हैरेस भी किया।
पीड़िता ने बताया कि वह न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में रहती है। बुधवार को अपने दोस्त के पास जाने के लिए भरत नगर से उबर से ऑटो बुक किया था। रास्ते में ऑटो चालक साइड मिरर में उन्हें गंदी नीयत से देख रहा था। पीड़िता ने इसका विरोध किया, तो वह अश्लील बातें करने लगा। उसने ऑटो ड्राइवर का शॉर्ट वीडियो बनाकर दिल्ली पुलिस को ट्वीट कर दिया।
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केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 'फेक न्यूज' पर लगाम लगाने के लिए 'फैक्ट चेक' को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस फर्जी सूचनाएं हैं। शुक्रवार को ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (आईआईएमसी) में ‘भारतीय सूचना सेवा’ (आईआईएस) ग्रुप 'ए' के प्रशिक्षु अधिकारियों के समापन समारोह को संबोधित करते हुए अनुराग ठाकुर का कहना था कि लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति तक सही जानकारियां पहुंचाना महत्वपूर्ण है।
समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार और लोगों के बीच दूरी घटाने में बेहतर कम्युनिकेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे लोगों में सरकार के प्रति विश्वास जागता है और निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भागीदारी बढ़ती है।
उन्होंने कहा कि फेक न्यूज के दौर में लोगों तक सही जानकारी पहुंचाना भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों की जिम्मेदारी है। सही सूचना के प्रयोग से आम आदमी किसी भी विषय पर सही निर्णय ले सकता है। इसलिए मीडिया और सोशल मीडिया के बदलते समय में सरकारी सूचना तंत्र के अधिकारियों को यह तय करना है कि जनता तक सही जानकारी पहुंचे।
अनुराग ठाकुर के अनुसार, ब्रेकिंग न्यूज के इस दौर में एक शब्द अत्यंत प्रचलित हुआ है और उसके अनेक परिणाम और दुष्परिणाम भी देखने को मिले हैं। ये शब्द है ‘इन्फोडेमिक'। आम बोलचाल की भाषा में इसे 'सूचनाओं का विस्फोट' कहा जा सकता है। ऐसे समय में आईआईएस अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे सिर्फ सूचनाओं को ही जनता तक न पहुंचाएं, बल्कि उनमें वैल्यू एडिशन भी करें, ताकि मीडिया उन सूचनाओं को प्राथमिकता से प्रसारित करे।
प्रभावशाली कम्युनिकेशन के महत्व को रेखांकित करते हुए अनुराग ठाकुर का कहना था कि सूचना एक शक्ति की तरह है, जिसका इस्तेमाल भारत के हित में, लोकतंत्र को मजबूती देने और लोगों के सशक्तीकरण में करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि आप सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में आम जनता को उनकी भाषा में सूचित करते हैं, तो उसका प्रभाव बेहतर और लंबे वक्त तक रहता है।
इस अवसर पर ‘पत्र सूचना कार्यालय’ (PIB) के प्रधान महानिदेशक राजेश मल्होत्रा, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव संजीव शंकर, आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी एवं अपर महानिदेशक आशीष गोयल सहित वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 बैच के भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) के 52 प्रशिक्षु अधिकारी भी उपस्थित रहे।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।पत्रकार से दुर्व्यवहार करने के आरोप में घिरे अभिनेता सलमान खान को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत मिल गई है।
पत्रकार से दुर्व्यवहार करने के आरोप में घिरे अभिनेता सलमान खान को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। कोर्ट ने पत्रकार से दुर्व्यवहार करने के आरोपों को गलत बताते हुए सलमान खान के खिलाफ की गई शिकायत को खारिज कर दिया है।
यह शिकायत वर्ष 2019 में की गई थी, जिसमें सलमान खान के अलावा उनके बॉडी गार्ड नवाज शेख के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई थी, जिसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने गुरुवार को कहा कि दोनों याचिकाओं को स्वीकार कर लिया गया है और इसके साथ ही पिछले साल मुंबई में अंधेरी मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा सलमान खान और शेख को जारी किए गए समन को रद्द कर दिया गया है।
बता दें कि निचली अदालत ने मार्च 2022 में सलमान और शेख को समन जारी किया था और उन्हें पेश होने का निर्देश दिया था।
दरअसल, साल 2019 में अशोक पांडे नाम के एक पत्रकार ने आरोप लगाया था कि सलमान और उनके बॉडीगार्ड नवाज शेख ने उनके साथ मारपीट की और गाली-गलौज भी की।
पत्रकार ने सबसे पहले अपनी शिकायत अंधेरी में मजिस्ट्रेट के पास की थी। अपनी शिकायत में पत्रकार ने कहा था कि सलमान खान ने अप्रैल 2019 में मुंबई की सड़कों पर साइकिल चलाते हुए पत्रकार का मोबाइल फोन छीन लिया था और उनके बॉडीगार्ड्स ने उनसे मारपीट की थी। यह घटना तब हुई जब मीडियाकर्मियों ने उनकी तस्वीरें लेना चाहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सलमान ने भी उन्हें धमकाया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने गुरुवार को सभी आरोपों को निराधार बताते हुए सलमान को क्लीन चिट दे दी है।
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‘द इंडियन एक्सप्रेस’ (The Indian Express) ने वर्ष 2023 के लिए देश के सौ सबसे ज्यादा प्रभावशाली लोगों की लिस्ट जारी कर है। इस लिस्ट में पहले नंबर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम है। इसके अलावा दूसरे नंबर पर इस लिस्ट में गृहमंत्री अमित शाह का नाम है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर को इस लिस्ट में तीसरा और चीफ जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ को चौथा स्थान मिला है। पांचवे नंबर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम है, जबकि ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत को छठे नंबर पर रखा गया है।
सातवें नंबर पर ‘भारतीय जनता पार्टी’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और आठवें नंबर पर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को इस लिस्ट में जगह मिली है। इस लिस्ट में नौवें नंबर पर ‘रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड‘ के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी का नाम है, जबकि दसवें नंबर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ‘अजीत डोभाल’ को जगह दी गई है।
राष्ट्रपति ने भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों को किया संबोधित। कहा, स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ऑक्सीजन का काम करती है सही जानकारी
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को ‘भारतीय सूचना सेवा’ (आईआईएस) के अधिकारियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में सूचनाओं के व्यापक और त्वरित प्रसार के साथ तेजी से फैलने वाली फेक न्यूज की चुनौती भी सामने आई है। आईआईएस अधिकारियों को फेक न्यूज से निपटने की जिम्मेदारी लेनी होगी। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने अधिकारियों से तकनीक का उपयोग करने और फेक नैरेटिव बनाने के लिए मीडिया, विशेष रूप से सोशल मीडिया के दुरुपयोग की प्रवृत्ति को रोकने के लिए समर्पण के साथ काम करने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और इसके कामकाज के बारे में नागरिकों को जागरूक बनाने में कम्युनिकेशन की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रभावी संचार के माध्यम से और सही जानकारी के साथ, आईआईएस अधिकारी नागरिकों को देश की प्रगति में भागीदार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक मंच पर भारत की छवि को निखारने में आईआईएस अधिकारियों की अहम भूमिका है। भारत ने हमेशा दुनिया को शांति और भाईचारे का संदेश दिया है। संपूर्ण मानवता के लिए सांस्कृतिक संदेशों के माध्यम से भारत की सॉफ्ट पावर को फैलाना एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां हम बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
राष्ट्रपति के अनुसार, स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सही जानकारी ऑक्सीजन का काम करती है। तकनीक का सही प्रयोग कर हम समाज के अंतिम व्यक्ति तक सही जानकारी पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सामने एक और चुनौती ये है कि नई तकनीकों का उपयोग वे लोग भी करेंगे, जो फेक न्यूज का व्यापार करते हैं। अधिकारियों को इस तरह के दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए अच्छी तरह से तैयार होना चाहिए और गलत सूचनाओं के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नवीनतम तकनीकों का भी लाभ उठाया जाना चाहिए।
श्रीमती मुर्मू ने कहा कि सूचनाओं का प्रसार करते समय समग्र दृष्टिकोण अपनाने का प्रयास करना चाहिए। आप महसूस करेंगे कि प्रत्येक सिस्टम अपनी तकनीकी शब्दावली विकसित करता है, जिसे आम लोगों द्वारा आसानी से नहीं समझा जा सकता। यहीं पर आईआईएस अधिकारियों का काम महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों को लोगों द्वारा समझी जाने वाली भाषा और उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले माध्यम से संवाद करने और सूचित करने में सक्षम होना चाहिए।
कार्यक्रम में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा, संयुक्त सचिव संजीव शंकर, ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक आशीष गोयल एवं भारतीय सूचना सेवा की पाठ्यक्रम निदेशक नवनीत कौर सहित वर्ष 2018, 2019, 2020, 2021 और 2022 बैच के अधिकारी व प्रशिक्षु अधिकारी भी मौजूद रहे।
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वरिष्ठ पत्रकार और गांधीवादी कार्यकर्ता डॉ. राकेश पाठक ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में मिथ्यावाचन करने पर उपराज्यपाल को भेजा है।
बता दें कि नोटिस में उपराज्यपाल से कहा गया है कि वह सात दिन में अपने बयान पर लिखित में सार्वजनिक माफीं मांगें और यदि वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा 23 मार्च को ग्वालियर की ITM यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे, जहां उन्होंने कहा था कि शायद कम ही लोगों को मालूम है और देश में अनेक पढ़े-लिखे लोगों को यह भ्रांति भी है कि गांधी जी के पास लॉ डिग्री थी, गांधी जी के पास कोई डिग्री नहीं थी। गांधीजी सिर्फ हाई स्कूल डिप्लोमा किए थे।'
डॉ. राकेश पाठक द्वारा भेजे नोटिस में कहा गया है कि मनोज सिन्हा का यह बयान पूरी तरह मिथ्या है। गांधी जी की शैक्षणिक योग्यता को धूमिल करने और मृत्यु उपरांत उन्हें अपमानित करने की गरज से दिया गया है।
डॉ. पाठक ने कहा कि सोशल मीडिया पर उनके बयान के वायरल होने की वजह से देश दुनिया में गांधी जी की छवि धूमिल हुई है। उन्होंने कहा कि न केवल वे, बल्कि जो लाखों, करोड़ों लोग महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित हैं, वे सब इस बयान से आहत हुए हैं।
डॉ. पाठक की ओर से उनके वकील भूपेंद्र सिंह चौहान, पंकज सक्सेना ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को राजभवन, जम्मू कश्मीर के पते पर रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजा है। राजभवन के आधिकारिक ईमेल पर भी नोटिस भेज दिया है। नोटिस की प्रतिलिपि उपराज्यपाल की नियोक्ता राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भी संलग्न की गई है।
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मुंबई के नेहरू सेंटर में राजकमल प्रकाशन की ओर से आयोजित पांच दिवसीय किताब उत्सव में युवा पत्रकार और लेखक सारंग उपाध्याय का बॉम्बे पर आधारित पहला उपन्यास 'सलाम बॉम्बे व्हाया वर्सोवा डोंगरी' का विमोचन वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता अनुराग चतुर्वेदी द्वारा किया गया।
बता दें कि राजकमल प्रकाशन की ओर से 'किताब उत्सव' का आयोजन 19 मार्च 2023 को मुंबई के वर्ली स्थित नेहरू सेंटर हॉल ऑफ हार्मनी में किया गया। इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में न सिर्फ लेखकों और पाठकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया बल्कि लोगों ने भी कई तरह की गतिविधियों में शिरकत की।
सारंग उपाध्याय द्वारा रचित मुम्बई की पृष्ठभूमि पर आधारित ये उपन्यास अतीत के बड़े राजनैतिक फैसलों के सामाजिक जीवन पर हुए प्रभावों को रेखांकित करता है। हिंदी की प्रतिष्ठित पत्रिका 'तद्वव' में प्रकाशित होने के बाद ये उपन्यास चर्चा में बना रहा। अपनी भाषा शिल्प और अंतरवस्तु के कारण भी इस उपन्यास की समीक्षकों द्वारा भी चर्चा की गई और पाठकों द्वारा इसे सराहा भी गया।
अपने पहले उपन्यास पर बात करते हुए सारंग उपाध्याय ने बताया कि, 'ये देश और मुंबई के अतीत में हुए राजनीतिक घटनाक्रम के बीच घटित एक प्रेम कहानी है जिसका परिवेश और परिदृश्य मछुआरा समुदाय है।
सारंग कहते हैं कि ये उपन्यास मुंबई में रहने वाले मछुआरों के उस बड़े वर्ग के जीवन को बताता है जिस पर आमतौर पर हमारा ध्यान कम ही जाता है। साम्प्रदायिक हिंसा, आतंकी हमलों और विभाजन के उस दौर में यह उपन्यास मुंबई को नायक बनाकर उसे सलाम करता है।
मूल रूप से मध्यप्रदेश हरदा के रहने वाले पत्रकार और लेखक सारंग उपाध्याय इंदौर, भोपाल, नागपुर और औरंगाबाद में पत्रकारिता कर चुके हैं। वे नईदुनिया, दैनिक भास्कर, लोकमत, नेटवर्क18 जैसे मीडिया समूह में सेवाएं दे चुके हैं और वर्तमान में अमर उजाला नोएडा में कार्यरत हैं। वे सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लगातार लेखन करते रहे हैं।
सिनेमा में उनकी विशेष रुचि रही है। फिल्मों पर चुनिंदा समीक्षाएं समालोचन में प्रशंसित और चर्चित रही हैं। बता दें कि साहित्य में रुचि रखने वाले सारंग उपाध्याय की कहानियां हिंदी की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं साक्षात्कार, वसुधा, परिकथा, हंस, नया ज्ञानोदय सहित ऑनलाइन हिंदी पत्रिकाओं समालोचन और जानकीपुल में प्रकाशित और चर्चित रही हैं।
इसके पूर्व सारंग उपाध्याय की पहली किताब “हाशिये पर दुनिया” वर्ष 2013 में प्रकाशित हुई है, जो डॉ. राममनोहर लोहिया के साथी बालकृष्ण गुप्त के आलेखों पर केंद्रित थी। कहानियों के लिए उन्हें साल 2018 में मप्र हिंदी साहित्य सम्मेलन का पुनर्नवा पुरस्कार मिला है।
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टेक-मीडिया स्टार्टअप ‘न्यू इमर्जिंग वर्ल्ड ऑफ जर्नलिज्म’ (NEWJ) को एंटरप्रेन्योर इंडिया स्टार्टअप अवॉर्ड्स 2023 में प्रतिष्ठित 'मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्टार्टअप ऑफ द ईयर' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
एंटरप्रेन्योर इंडिया द्वारा आयोजित यह पुरस्कार अपने संबंधित उद्योगों में महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाले स्टार्टअप को दिया जाता है। यह पुरस्कार दुनिया को बदलने वाले स्टार्टअप क्षेत्र में बढ़ती प्रतिभा की सराहना और पहचान का प्रतीक है।
इस खास मौके पर ‘न्यूज’ के संस्थापक, सीईओ व एडिटर-इन-चीफ शलभ उपाध्याय ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, ‘हम एंटरप्रेन्योर इंडिया से 'मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्टार्टअप ऑफ द ईयर' पुरस्कार प्राप्त करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं। यह सम्मान हमारी पूरी टीम की कड़ी मेहनत और अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हमने हमेशा अपने दर्शकों के लिए सबसे आकर्षक और ज्ञानवर्धक कंटेंट लाने का प्रयास किया है और यह पुरस्कार हमारे प्रयासों के बारे में बताता है। हम उन सभी का आभार व्यक्त करते हैं जो हमारे अविश्वसनीय सफर का हिस्सा रहे हैं और आशा करते हैं कि हमारे दर्शकों के लिए इसी प्रकार का कंटेंट बनाना जारी रखेंगे।
NEWJ (न्यू इमर्जिंग वर्ल्ड ऑफ जर्नलिज्म लिमिटेड) एक वीडियो-ओनली मोबाइल-फर्स्ट पब्लिशर है, जिसकी स्थापना 'स्टोरीज फॉर इंडिया, स्टोरीज ऑफ इंडिया, स्टोरीज बाय इंडिया के विचार पर की गई है। कंपनी अपने दर्शकों को अनोखे और आकर्षक तरीके से उन भाषाओं में समाचार प्रदान करती है, जो भाषा वो पसंद करते हैं।
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पद्मश्री से सम्मानित जाने-माने पत्रकार अभय छजलानी का गुरुवार को निधन हो गया है। करीब 88 वर्षीय अभय छजलानी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके परिवार में पुत्र विनय छजलानी और पुत्रियां शीला व आभा हैं। गुरुवार की शाम करीब पांच बजे इंदौर में पंचकुइया मुक्तिधाम पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
चार अगस्त 1934 को इंदौर में जन्मे अभय छजलानी ने वर्ष 1955 में पत्रकारिता की दुनिया में कदम रखा और 1963 में कार्यकारी संपादक का कार्यभार संभाला। इसके बाद लंबे समय तक वह ‘नई दुनिया’ के प्रधान संपादक भी रहे।
वर्ष 1965 में पत्रकारिता के विश्व प्रमुख संस्थान थॉम्सन फाउंडेशन, कार्डिफ (यूके) से स्नातक की उपाधि ली थी। हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र से इस प्रशिक्षण के लिए चुने जाने वाले वह पहले पत्रकार थे। शहर के कई प्रमुख मुद्दों को प्रमुखता से उठाने के साथ ही अभय छजलानी खेलों से भी जुड़े रहे। वह मध्यप्रदेश टेबल टेनिस संगठन के लंबे समय तक अध्यक्ष रहे और फिर आजीवन अध्यक्ष पद पर बने रहे।
पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए छजलानी को तमाम पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा इंदौर में इंडोर स्टेडियम अभय प्रशाल स्थापित करने के लिए भोपाल के माधवराव सप्रे समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान ने भी उन्हें सम्मानित किया था। वह 1988, 1989, 1994 में भारतीय भाषाई समाचार पत्रों के शीर्ष संगठन 'इलना' के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह इंडियन न्यूजपेपर्स सोसायटी (INS) के वर्ष 2000 में उपाध्यक्ष और वर्ष 2002 में अध्यक्ष रहे।
अभय छजलानी के निधन पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ समेत तमाम राजनेताओं और पत्रकारों ने दुख जताते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है।अपने एक ट्वीट में कमल नाथ ने लिखा है, ‘पत्रकारिता जगत की विशिष्ट पहचान पद्मश्री अभय छजलानी जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। मैं दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को यह असीम दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूँ। हिन्दी पत्रकारिता के आधारस्तंभ छजलानी जी हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। “भावपूर्ण नमन”’
पत्रकारिता जगत की विशिष्ट पहचान पद्मश्री अभय छजलानी जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 23, 2023
मैं दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को यह असीम दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूँ।
हिन्दी पत्रकारिता के आधारस्तंभ छजलानी जी हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे।
“भावपूर्ण नमन” pic.twitter.com/CYSbodUA8S
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करीब 83 वर्षीय बिपिन कुमार शाह कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उन्होंने मंगलवार की शाम अंतिम सांस ली।
वरिष्ठ पत्रकार बिपिन कुमार शाह का निधन हो गया है। करीब 83 वर्षीय बिपिन कुमार शाह कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उन्होंने मंगलवार की शाम अंतिम सांस ली। बिपिन कुमार शाह करीब पांच दशक तक गुजराती अखबार ‘संदेश’ से जुड़े रहे थे।
राज्य भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने बिपिन शाह के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि वह एक ऐसी संस्था थे, जिसने कई युवा पत्रकारों को तैयार किया। 'शहर नी सरगम' (Shaher ni Sargam) और 'विधानसभा न द्वारे' (Vidhan Sabha na Dware) नामक उनके कॉलम्स पाठकों के बीच बहुत लोकप्रिय थे।
वह अहमदाबाद नगर निगम के मामलों पर रिपोर्टिंग करते थे और पिछले 50 वर्षों से इसे कवर कर रहे थे। शहर के वरिष्ठ पत्रकारों ने बिपिन कुमार शाह के निधन पर दुख जताते हुए कहा है कि बिपिन भाई के जाने से एक युग का अंत हो गया।
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‘राष्ट्रीय जांच एजेंसी’ (NIA) ने टेरर फंडिंग मामले में सोमवार की शाम एक और कश्मीरी पत्रकार को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए पत्रकार का नाम इरफान महराज है। श्रीनगर के महजूर नगर इलाके का रहने वाला इरफान घाटी में फ्रीलॉन्स पत्रकारिता करता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूछताछ के बाद एजेंसी उसे अपने साथ दिल्ली ले गई है।
एनआईए का कहना है कि इरफान का संबंध लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठनों से है। आरोप है कि वह कुछ एनजीओ, स्वास्थ्य और शिक्षा में मदद करने के नाम पर लोगों से फंड एकत्रित कर इन आतंकी संगठनों को भेजता था।
वहीं, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इरफान महराज की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे प्रेस की आजादी पर हमला बताया है। अपने एक ट्वीट में महबूबा मुफ्ती का कहना है, ‘कश्मीर में ठगों को खुली छूट दी जाती है और इरफान महराज जैसे पत्रकारों को गलत बोलकर अपनी ड्यूटी करने के लिए गिरफ्तार किया जाता है। उन्होंने लिखा कि कश्मीर में UAPA जैसे कानूनों का लगातार दुरुपयोग किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह प्रक्रिया ही सजा बन जाए।’
In J&K Intelligence agencies devote all their energies towards harassing Kashmiris by now criminalising even their livelihoods in the guise of ‘security’. Same agencies are duped by dozens of local Kiran Patels created & empowered by them to perpetuate falsehood of ‘Naya Kashmir’ https://t.co/pghdDU798S
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) March 19, 2023
वहीं, ‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ ने भी पत्रकार की गिरफ्तारी पर विरोध जताते हुए एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया का कहना है, ‘हम मीडियाकर्मियों पर यूएपीए लगाने का पुरजोर विरोध करते हैं। कश्मीर के पत्रकार इरफान महराज की गलत तरीके से की गई गिरफ्तारी एनआईए द्वारा इस कठोर कानून के दुरुपयोग, भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उल्लंघन की ओर इशारा करती है। हम उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हैं।
We vehemently oppose the imposing of UAPA on mediapersons. The misuse of this draconian law by NIA in randomly arresting Irfan Mehraj, a journalist from Kashmir ominously points towards a violation of freedom of speech and expression. We demand his immediate release pic.twitter.com/Vy2XEVQWEO
— Press Club of India (@PCITweets) March 21, 2023
बता दें कि एक हफ्ते में यह दूसरी बार है, जब एनआईए ने किसी कश्मीरी पत्रकार को गिरफ्तार किया है। इससे पहले एजेंसी ने पुलवामा से लोकल न्यूज आउटलेट ग्रोइंग कश्मीर में कार्यरत पत्रकार सरताज अल्ताफ भट को गिरफ्तार किया था।
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