छत्तीसगढ़ के सरगुजा के रामानुजगंज से कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार उन्होंने आदिवासियों को लेकर एक विवादित बयान दिया है।
छत्तीसगढ़ के सरगुजा के रामानुजगंज से कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार उन्होंने आदिवासियों को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने एक पत्रकार वार्ता में आदिवासियों को अंगूठा छाप कहा। बता दें कि बृहस्पति खुद आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीट से विधायक हैं। इस बयान के बाद भाजपा उनके खिलाफ आक्रामक हो रही है।
दरअसल, हुआ यूं कि अंबिकापुर में एक पत्रकारवार्ता में कुछ पत्रकार उनसे सवाल कर रहे थे, जिससे बौखला कर विधायक भड़क गये और पत्रकारों के लिए अंगूठाछाप आदिवासी शब्द का प्रयोग किया। इसके अलावा उन्होंने एक पत्रकार को यह तक कह दिया कि आपकी दिमागी हालत ठीक नहीं है।
दरअसल राज्य के रामानुजगंज विधानसभा सीट से विधायक बृहस्पति सिंह के काफिले पर कुछ दिनों पहले हमला हुआ था। इस हमले के बाद कांग्रेस विधायक ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि यह हमला उन्हीं के इशारे पर हुआ है। इतना ही नहीं बृहस्पति सिंह ने कहा था कि टीएस सिंहदेव महाराजा हैं, वो कुछ भी करते हैं और उनकी हत्या भी करवा सकते हैं। अपने इस बयान के बाद उन्होंने माफी भी मांगी थी। उनके इसी बयान को लेकर पत्रकारों ने जब उनसे सवाल किया तब वो भड़क गए।
पत्रकारों द्वारा बृहस्पति से सवाल किया गया कि उन्होंने मंत्री टीएस सिंहदेव पर हत्या कराने का आरोप लगाया था, लेकिन विधानसभा में माफी क्यों मांग ली? इस पर बृहस्पति ने कहा कि सरगुजा के अनपढ़ आदिवासियों की तरह सवाल न करें। मैंने क्या आरोप लगाया, विधायक दल की बैठक में क्या हुआ और विधानसभा में किसने माफी मांगी, यह सब रिकॉर्ड में है। बृहस्पति यहीं नहीं रुके, उन्होंने यह भी पूछा कि आखिर किसके इशारे पर सवाल पूछ रहे हो। उन्होंने पत्रकारों को भी अपनी दिमागी हालत ठीक करने की नसीहत तक दे दी।
#WATCH | "You're journalists, you're educated. It's not right to ask questions like 'Anguthachap Adivasis'... Set your mental state right & then ask:Chhattisgarh Cong MLA Brihaspati Singh on question over apologizing after murder allegations against Health Min TS Singh Deo(03.07) pic.twitter.com/Jndr4w6sUV
— ANI (@ANI) August 4, 2021
बयान सामने आने के बाद प्रदेश में आदिवासियों को लेकर राजनीति गरमा गई है। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा, बृहस्पति सिंह ने सरगुजा के आदिवासी समाज को अपमानित किया है। इस पर प्रदेश के आदिवासी समाज को कड़ी आपत्ति है। भाजपा नेताओं ने कहा, '48 घंटे में यदि विधायक बृहस्पति सिंह ने आदिवासी समाज से सार्वजनिक माफी नहीं मांगी तो भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा पूरे सरगुजा संभाग में उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करेगा।'
इस बीच सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष अनूप टोपो ने कहा, विधायक जब तक माफी नहीं मांगते, तब तक उनके कार्यक्रम का बहिष्कार किया जाएगा।
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करीब 72 वर्षीय मनमोहन पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और इन दिनों ‘एम्स’ में भर्ती थे। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार की सुबह करीब साढ़े 11 बजे दिल्ली में पंचकुइयां रोड स्थित श्मशान घाट पर किया जाएगा
वरिष्ठ पत्रकार मनमोहन का निधन हो गया है। करीब 72 वर्षीय मनमोहन पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और इन दिनों दिल्ली स्थित ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान’ (AIMS) में भर्ती थे, जहां पर उन्होंने बुधवार की शाम करीब पौने छह बजे अंतिम सांस ली।
मनमोहन का अंतिम संस्कार गुरुवार की सुबह करीब साढ़े 11 बजे दिल्ली में पंचकुइयां रोड स्थित श्मशान घाट पर किया जाएगा। इससे पहले सुबह करीब नौ बजे उनकी पार्थिव देह को डी-22, प्रेस एंक्लेव स्थित घर पर अंतिम दर्शनों के लिए लाया जाएगा। मनमोहन के निधन पर जाने-माने पत्रकार (पद्मश्री) आलोक मेहता समेत तमाम पत्रकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
बता दें कि मनमोहन अपने समय के जाने-माने खोजी पत्रकार थे। वह ‘द स्टेट्समैन’ (The Statesman), ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ (Hindustan Times), ’द टाइम्स ऑफ इंडिया’ (The Times Of India) और ‘द ट्रिब्यून’ (The Tribune) जैसे प्रतिष्ठित अखबारों में लंबे समय तक प्रमुख पदों पर कार्यरत रहे थे। इसके अलावा वह ‘द संडे गार्डियन’ (The Sunday Guardian) अखबार में कॉलम भी लिखते थे।
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90 के दशक में ‘दूरदर्शन’ की मशहूर एंकर रहीं गीतांजलि अय्यर का बुधवार को निधन हो गया है। उनके निधन की खबर मिलते ही पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
मॉर्डन लुक के साथ साड़ी का कॉम्बिनेशन गीतांजलि अय्यर की खास पहचान थी। न्यूज रीडिंग के साथ-साथ अपने अनोखे हेयरस्टाइल को लेकर भी गीतांजिल अय्यर काफी मशहूर थीं।
वर्ष 1971 में उन्होंने अंग्रेजी एंकर के तौर पर ‘दूरदर्शन’ जॉइन किया था। वह ‘दूरदर्शन’ की पहली अंग्रेजी प्रजेंटर थीं। अपने करीब 30 साल के टीवी पत्रकारिता के करियर में उन्हें कुल चार बार बेस्ट एंकर पर्सन का अवॉर्ड भी मिल चुका था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्ष 2002 में आउटलुक इंडिया के लिए लिखे गए एक आर्टिकल में अय्यर ने बताया था कि दूरदर्शन के नेशनल होने और 1982 में एशियाई खेलों के बाद कैसे वह अचानक सड़क पर लोगों द्वारा पहचानी जाने लगी थीं। उसके बाद ऑटो चालकों ने उनसे किराया लेने से मना कर दिया था। इन वर्षों में अय्यर कई प्रिंट विज्ञापनों का चेहरा भी रही थीं और उन्होंने धारावाहिक ‘खानदान’ में अभिनय भी किया था।
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छत्तीसगढ़ के कोरबा से लगभग पांच साल पहले लापता हुई स्थानीय न्यूज चैनल की एंकर सलमा सुल्ताना की मर्डर मिस्ट्री अब फिल्म दृश्यम की तरह उलझी नजर आ रही है
छत्तीसगढ़ के कोरबा से लगभग पांच साल पहले लापता हुई स्थानीय न्यूज चैनल की एंकर सलमा सुल्ताना की मर्डर मिस्ट्री अब फिल्म दृश्यम की तरह उलझी नजर आ रही है। एंकर के कंकाल की तलाश अब वैज्ञानिक तरीके से की जा रही है और इसके लिए पुलिस अब तकनीक का सहारा ले रही है। यानी अब सेटेलाइट द्वारा ली गई पांच साल पुरानी तस्वीरों के माध्यम से कंकाल के सही जगह का पता लगाया जाएगा।
दरअसल, ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि एंकर के शव को ऐसी जगह दफनाया गया है जहां अब सड़क बन चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरबा के कुसमुंडा थाना क्षेत्र की रहने वाली 24 वर्षीय सलमा सुल्ताना लगभग पांच साल पहले 2018 में लापता हो गई थी। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने खोजबीन शुरू की लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। उसकी स्कूटी एक स्थान पर मिली थी। उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ था। परिवार वालों ने एक जिम संचालक पर आरोप लगाए, मगर जांच आगे नहीं बढ़ी। अब पुलिस उस संदिग्ध आरोपी जिम संचालक की तलाश में भी जुटी है।
अब सलमा सुल्ताना की गुमशुदगी का मामला फिर जोर पकड़ा है। यहां पदस्थ नगर पुलिस अधीक्षक रॉबिंसन गुड़िया ने लापता सलमा की तलाश के लिए अभियान चलाया है। जांच के आधार पर इस बात का पता चला है कि उसके शव को हत्या करने के बाद कोरबा-र्दी मार्ग पर मंदिर के करीब दफनाया गया है, जहां पहले कभी सड़क नहीं थी और अब यहां फोरलेन सड़क बन गई है।
वहीं दूसरी तरफ, पुलिस का तलाशी अभियान जारी है। कई स्थानों पर इस सड़क के आसपास खुदाई की गई मगर शव का कोई पता नहीं चला, अब पुलिस वैज्ञानिक तरीके अपना रही है। साथ ही तकनीक का सहारा भी ले रही है, इसके लिए भूगर्भ विज्ञान संस्थान रायपुर से स्क्रीनिंग मशीन भी मंगाई गई है, तो वहीं खुदाई का काम भी चल रहा है। इतना ही नहीं इस इलाके की पूर्व की सेटेलाइट तस्वीरें जुटाई जा रही हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि जब पांच साल पहले सलमा लापता हुई थी, तब यहां की स्थिति किस तरह की थी। बीते एक सप्ताह से सलमा के कंकाल की तलाशी का अभियान जारी है, मगर फिलहाल पुलिस के हाथ कोई सफलता नहीं लगी है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।बता दें कि इन नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष याचिकाएं दायर की गई थीं।
‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ (AIM) और ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ (EGI) की याचिकाओं के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने आईटी नियमों (IT Rules) में संशोधन पर स्टे 10 जुलाई तक बढ़ा दिया है। इन संशोधित नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष याचिकाएं दायर की गई थीं।
बता दें कि सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2023 (आईटी संशोधन नियम, 2023) को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा छह अप्रैल 2023 को अधिसूचित किया गया था। इसमें कहा गया है कि प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट-चेकिंग इकाई द्वारा ‘फर्जी (फेक)’ मानी गई किसी भी खबर को सोशल मीडिया मंचों समेत सभी मंचों से हटाना पड़ेगा। ऐसी सामग्री, जिसे ‘फैक्ट-चेकिंग के लिए सरकार द्वारा अधिकृत किसी अन्य एजेंसी’ या ‘केंद्र के किसी भी कार्य के संबंध में’ भ्रामक के रूप में चिह्नित किया गया है, उसे ऑनलाइन मंचों पर अनुमति नहीं दी जाएगी।
तमाम मीडिया संगठनों और प्रेस निकायों द्वारा इन संशोधनों की व्यापक निंदा करते हुए कहा गया था कि इसका प्रेस की स्वतंत्रता पर गहरा प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ और ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने IT नियम संशोधन, 2023 के इस प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिकाएं दायर की थीं और इस प्रावधान को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन बताया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में सरकार को 20 जून तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था और मामले को 6 व 7 जुलाई 2023 को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था। सरकार द्वारा अपनी फैक्ट चेक यूनिट का गठन नहीं करने के लिए दिए गए इस समय को 10 जुलाई, 2023 तक बढ़ा दिया गया है।
इस बारे में ‘एआईएम’ के प्रेजिडेंट और आनंद विक्तान (Ananda Vikatan) ग्रुप के एमडी बी श्रीनिवासन का कहना है, ‘सरकार ने ऐसा कठोर रास्ता चुना जो तकनीकी रूप से किसी भी कंटेंट को हटा सकता है और इसे ‘नकली या भ्रामक’ के रूप में परिभाषित कर उस बहाने इसे सेंसर कर सकता है। इस तरह के मनमाने कदमों को शुरू में ही खत्म कर देना चाहिए और मुझे खुशी है कि एआईएम में हम सरकार द्वारा उठाई गई इस समस्या के उचित समाधान के लिए बातचीत में अपना योगदान दे सकते हैं।’
‘दिल्ली प्रेस’ (Delhi Press) के एग्जिक्यूटिव पब्लिशर और ‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ के वाइस प्रेजिडेंट अनंत नाथ का कहना है, ‘फेक या भ्रामक क्या है, यह निर्धारित करने के लिए व्यापक शक्तियों के साथ एक फैक्ट चेक यूनिट के संबंध में आईटी नियमों में किया गया संशोधन सेंसरशिप के समान है। यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले के मामलों में निर्धारित दिशानिर्देशों के खिलाफ है। इन तरह के नए नियमों से प्रेस की स्वतंत्रता पर गहरा प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हम बेहद खुश हैं कि नोटिस जारी कर दिया गया है और नियम फिलहाल रुके हुए हैं। आशा करते हैं कि अंततः उन्हें वापस ले लिया जाएगा।’
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वरिष्ठ पत्रकार रामेश्वर पांडेय का बुधवार की सुबह निधन हो गया है। लंबे समय से पत्रकारिता में सक्रिय रामेश्वर पांडेय ‘दैनिक जागरण’ और ‘अमर उजाला’ समेत कई प्रमुख अख़बारों में संपादक रहे थे। वह 'काका' के नाम से मशहूर थे।
रामेश्वर पांडेय के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व यूपी विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना समेत तमाम राजनेताओं और पत्रकारों ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देते हुए ईश्वर से उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने और शोक संतप्त परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।
रामेश्वर पांडेय को श्रद्धांजलि देते हुए सीएम ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘वरिष्ठ पत्रकार श्री रामेश्वर पांडेय जी का निधन अत्यंत दुःखद है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति।'
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— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 7, 2023
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति!
क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में इस मूर्ति का अनावरण किया जाएगा और कुछ दिनों के बाद इसे डीएन रोड स्थित प्रदीप गुहा चौक पर ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ बिल्डिंग के बाहर वाली गली में स्थापित कर दिया जाएगा।
मीडिया जगत की जानी-मानी शख्सियत रहे प्रदीप गुहा की जयंती छह जून पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शाम करीब छह बजे उनकी मूर्ति का अनावरण करेंगे। क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में इस मूर्ति का अनावरण किया जाएगा और कुछ दिनों के बाद इसे डीएन रोड स्थित प्रदीप गुहा चौक पर ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (Times of India) बिल्डिंग के बाहर वाली गली में स्थापित कर दिया जाएगा।
बता दें कि पीजी के नाम से मशहूर प्रदीप गुहा का 21 अगस्त 2021 को निधन हो गया था। वह लिवर कैंसर से जूझ रहे थे। प्रदीप गुहा लंबे समय तक ‘टाइम्स ग्रुप’ के साथ अपनी जिम्मेदारी निभा चुके थे और ‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड’ (BCCL) को आगे बढ़ाने में उनकी प्रमुख भूमिका रही थी। ‘जी एंटरटेनमेंट’ (Zee Entertinment) के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) बनने से पहले गुहा इस अखबार के ब्रैंड और एडवर्टाइजिंग प्रमुख थे।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया‘ में अपने करियर के दौरान वह तमाम इंडस्ट्री निकायों से भी जुड़े रहे थे। वह ‘इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी’ के प्रेजिडेंट, ’नेशनल रीडरशिप स्टडीज काउंसिल’ के चेयरमैन, ’एडवर्टाइजिंग क्लब बॉम्बे’ के प्रेजिडेंट, ’एशियन फेडरेशन ऑफ एडवर्टाइजिंग एसोसिएशंस’ के चेयरमैन और बाद में ’ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ के पहले चेयरमैन भी रहे थे। इसके अलावा वह ‘9एक्स मीडिया’(9X Media) के मैनेजिंग डायरेक्टर भी रहे थे।
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लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार और ‘पायनियर’ के ब्यूरो चीफ राज बहादुर सिंह का निधन हो गया है। करीब 55 वर्षीय राज बहादुर सिंह कुछ समय से पीजीआई में भर्ती थे, जहां मल्टी आर्गन फेल्योर के कारण आज उनका निधन हो गया।
राज बहादुर सिंह के परिवार में पत्नी मधु और दो पुत्र अविरल राज सिंह और अविजित राज सिंह हैं। पॉलिटिकल बीट पर राज बहादुर सिंह की काफी अच्छी पकड़ थी। वह पूर्व में ‘दैनिक जागरण’ में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके थे।
राज बहादुर सिंह के निधन पर तमाम राजनेताओं और पत्रकारों ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देते हुए ईश्वर से उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने और शोक संतप्त परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी राज बहादुर सिंह के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है। अपने ट्वीट में केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा है, ‘वरिष्ठ पत्रकार श्री राज बहादुर सिंह जी का निधन अत्यंत दुःखद है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोक संतृप्त परिजनों को इस असीम दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।’
वरिष्ठ पत्रकार श्री राज बहादुर सिंह जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) June 1, 2023
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोक संतृप्त परिजनों को इस असीम दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
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साहित्य के लिए कमलेश कमल को यह सम्मान दिया जाएगा, जो विगत दो दशकों से साहित्य एवं भाषा-विज्ञान के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रहे हैं।
वर्ष 2022 के लिए बहुप्रतीक्षित विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय सम्मान की घोषणा हो गई है। साहित्य के लिए कमलेश कमल को यह सम्मान दिया जाएगा, जो विगत दो दशकों से साहित्य एवं भाषा-विज्ञान के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रहे हैं। वह देश भर के विश्वविद्यालयों व प्रमुख संस्थाओं में हिंदी भाषा के शुद्ध रूप का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। उनकी पुस्तकें देशभर में पढ़ी जाती हैं।
कमलेश कमल के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के चार अन्य लोगों को यह सम्मान दिया जाएगा। प्लास्टिक के विरोध में गांव-गांव और शहर-शहर में सघन अभियान चलाने वाली डाॅ. अनुभा पुंढीर को समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए विष्णु प्रभाकर स्मृति सम्मान देने की घोषणा हुई है।
अनुभा जानी-मानी नृत्यांगना भी हैं लेकिन अपने गृह राज्य उत्तराखंड में प्लास्टिक के इस्तेमाल के विरोध में उन्होंने लाखों लोगों को अपनी संस्था की ओर से कपड़े के थैले मुहैया कराए। उनके प्रयास से असंख्य लोगों ने खुद को सदा के किए प्लास्टिक से अलग थलग कर लिया।
इनके अलावा अहमदाबाद गुजरात के जनक दवे को पत्रकारिता के लिए, गांधीनगर के सीताराम बरोट 'सत्यम' को शिक्षा के लिए और दिल्ली की अपर्णा सारथे को कला के लिए विष्णु प्रभाकर स्मृति सम्मान दिए जाएंगे। जनक दबे ने जान जोखिम में डालकर यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्र की शानदार लाइव कवरेज की। इसी प्रकार, लेखन और अन्य प्रदर्शन कला के जरिए बच्चों को शिक्षित करने के क्षेत्र में सीताराम बरोट की भूमिका बहुत अहम है।
राष्ट्रीय स्तर का यह सम्मान गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा, नई दिल्ली और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान, नोएडा द्वारा संचालित सन्निधि संगोष्ठी की ओर से दिया जाएगा। पिछले दस सालों से सन्निधि संगोष्ठी द्वारा हरेक साल में दिसंबर में काका साहब कालेलकर और जून में विष्णु प्रभाकर की याद में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली पांच-पांच युवा-हस्तियों को काका साहब कालेलकर सम्मान और विष्णु प्रभाकर सम्मान से सम्मानित किया जाता है।
ये सम्मान युवा हस्तियों में नैतिक ऊर्जा भरते हैं और युवाओं में उत्साह का संचार होता है। वह प्रोत्साहित होकर सृजन के नए आयाम रचते हैं।
विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के मंत्री अतुल कुमार ने बताया कि इस साल विष्णु प्रभाकर सम्मान समारोह 17 जून को दिल्ली स्थित सन्निधि सभागार में आयोजित किया जाएगा।
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संसद भवन के सामने धरना और प्रदर्शन की तारीख कॉन्फेडरेशन की कार्यकारिणी की बैठक में किया जाएगा।
कॉन्फेडरेशन ऑफ न्यूजपेपर्स एंड न्यूज एजेंसी एम्प्लॉयीज आर्गनाइजेशन ने वर्किंग जर्नलिस्ट्स एक्ट की बहाली, पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने, मीडिया संस्थानों में पत्रकारों और गैरपत्रकार कर्मचारियों की अवैध छंटनी के विरोध में जुलाई में संसद सत्र के दौरान प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
यह फैसला दिल्ली में आयोजित कॉन्फेडरेशन की वार्षिक आमसभा में लिया गया। आमसभा में देश के प्रमुख सशक्त मीडिया संगठनों नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया), इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन, इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ पीटीआई एम्प्लॉयीज यूनियन, यूएनआई वर्कर्स यूनियन, ऑल इंडिया न्यूजपेपर्स एम्प्लॉयीज फेडरेशन, नेशनल फेडरेशन ऑफ न्यूजपेपर्स एम्प्लॉयीज और द ट्रिब्यून एम्प्लॉयीज यूनियन चंडीगढ़ के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लेकर मीडियाकर्मियों की मांगों को लेकर देशव्यापी आंदोलन छेड़ने की घोषणा की है।
कॉन्फेडरेशन के महासचिव एम एस यादव ने बताया कि दिल्ली के सम्राट होटल में आयोजित आमसभा में एनयूजे के अध्यक्ष रास बिहारी के अध्यक्ष और द ट्रिब्यून एम्प्लॉयीज यूनियन के अध्यक्ष अनिल गुप्ता को कॉन्फेडरेशन का उपाध्यक्ष चुना गया गया। कॉन्फेडरेशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष रास बिहारी की अध्यक्षता में हुई आमसभा की बैठक में पत्रकारों और गैर पत्रकार कर्मचारियों की सभी समस्याओं को लेकर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में एनयूजेआई के महासचिव प्रदीप तिवारी, आईएफडबल्यूजे के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन, महासचिव परमानंद पांडे, आईजेयू के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी, महासचिव बलविंदर जम्मू, पीटीआई फेडरेशन के भुवन चौबे, यूएनआई यूनियन के एम एल जोशी, ट्रिब्यून इम्पालाइज यूनियन के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता, एआईएनईएफ, एनएफएनई के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।
यादव ने बताया कि कॉन्फेडरेशन से संबद्ध सभी राष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने सर्वसम्मति से मीडियाकर्मियों की मांगों को लेकर देशव्यापी आंदोलन करने का फैसला किया है। संसद पर प्रदर्शन करके राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि देशव्यापी अभियान के तहत राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्रियों और सांसदों को ज्ञापन देकर मीडियाकर्मियों की मांगों को लेकर ध्यान आकर्षित किया जाएगा। सभी संगठनों के पदाधिकारी और प्रतिनिधि राज्यों में अपने-अपने क्षेत्र के सांसदों और जनप्रतिनिधियों को मांगों के बारे में ज्ञापन देंगे।
यादव ने कहा कि दिल्ली में संसद भवन के सामने धरना और प्रदर्शन की तारीख कॉन्फेडरेशन की कार्यकारिणी की बैठक में किया जाएगा। प्रदर्शन से पहले पूरे देश में मीडियाकर्मियों की मांगों को लेकर राज्यों में सम्मेलन और विचार गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के नौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पार्टी की ओर से नई दिल्ली में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के नौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पार्टी की ओर से नई दिल्ली के ‘द अशोका’ होटल में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 25 और 26 मई को आयोजित इस कार्यक्रम में बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने न सिर्फ सरकार की उपलब्धियां बताईं, बल्कि मीडिया से संवाद भी किया।
केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक स्लाइड शो के जरिये सरकार की उपलब्धियां बताते हुए नौ साल के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा किए गए तमाम प्रमुख कार्यों का ब्योरा दिया।इन प्रमुख फैसलों में उन्होंने कोविड-19 के दौरान देश भर में मुफ्त में हुए वैक्सीनेशन, डिजिटल क्रांति, तमाम परिवारों को पक्का घर, खुले में शौच से निजात के लिए किए गए प्रयास, उज्ज्वला योजना, घरों तक पानी पहुंचाने के लिए बिछाई गईं पाइप लाइन, गरीब व कमजोर तबके के लिए मुफ्त राशन योजना, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, आयुष्मान योजना, जनऔषधि केंद्रों की शुरुआत, एक रुपये में सैनिटरी पैड, एयरपोर्ट जैसे भव्य रेलवे स्टेशन आदि का विस्तार से जिक्र किया।
इसके बाद सरकार की उपलब्धियों को दर्शाती एक शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया और उसके बाद रात्रिभोज का कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी, मुख्य प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ राजनेता और राज्यसभा के पूर्व सदस्य सैयद जफर इस्लाम, पूर्व पत्रकार व राजनेता शाजिया इल्मी समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ लीडर शामिल हुए।
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