राजधानी दिल्ली के लक्ष्मीनगर इलाके में सोमवार देर रात एक पत्रकार के साथ बंदूक के बल पर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया गया
राजधानी दिल्ली के लक्ष्मीनगर इलाके में सोमवार देर रात एक पत्रकार के साथ बंदूक के बल पर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया गया। इस वारदात के दौरान पत्रकार को हाथ और पैर में चोटें भी आई हैं।
बता दें कि पत्रकार का नाम जॉय पिल्लै है और वे न्यूज एजेंसी ‘एएनआई’ में प्रड्यूसर के तौर पर कार्यरत हैं। यह घटना तब हुई जब वे ऑफिस से काम खत्म कर रात करीब 12.15 बजे घर लौट रहे थे।
जॉय पिल्लै के मुताबिक, ‘उनके ऑफिस कैब ने उन्हें आरकेपुरम से शकरपुर ड्रॉप किया, लेकिन जब वे वहां से अपने घर, जोकि पांच मिनट की दूरी पर था, पैदल जा रहे थे, तब उन्होंने एक बाइक पर तीन लोगों को देखा। उन्होंने बंदूक और चाकू दिखाकर उनकी ओर इशारा किया, लेकिन वे रुके नहीं और अपने घर की तरफ तेजी से दौड़ने लगे। लेकिन इस बीच बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें धक्का दे दिया और वे गिर गए, जिसके बाद बदमाशों ने उनके दो मोबाइल फोन, उनका पर्स और बैग छीन लिया और वहां से फरार हो गए। बाद में उन्होंने अपने एक फोन को कुछ दूरी पर पाया और पुलिस को फोन किया।
दिल्ली पुलिस ने शकरपुर पुलिस स्टेशन में लूट का मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए जवेरीलाल मेहता को वर्ष 2018 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
जाने-माने फोटो जर्नलिस्ट जवेरीलाल मेहता का निधन हो गया है। करीब 97 वर्षीय जवेरीलाल मेहता उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे।
उन्होंने सोमवार को अहमदाबाद में अपनी एक पुत्री के यहां आखिरी सांस ली। उनके परिवार में पत्नी, एक पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। जवेरीलाल मेहता का अंतिम संस्कार मंगलवार को होगा।
सुरेंद्रनगर जिले के हलवद के मूल निवासी जवेरीलाल मेहता ने कई दशक तक प्रमुख दैनिक ‘गुजरात समाचार’ (Gujarat Samachar) के लिए काम किया था।
साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 2018 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
इस कार्यक्रम का पहला एपिसोड 26 नवंबर को दोपहर दो बजे प्रसारित होगा, प्रस्तोता और प्रश्नकर्ता की भूमिका में नजर आएंगे वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय
डिजिटल चैनल ‘लाउड इंडिया टीवी’ (Loud India TV) 26 नवंबर से 'द ग्रेट स्टार्स ऑफ इंडिया' नाम से एक नए तरह का कार्यक्रम लेकर आ रहा है। इसका पहला एपिसोड रविवार की दोपहर दो बजे प्रसारित होगा। इसके बाद प्रत्येक शनिवार और रविवार को इसी समय पर यह कार्यक्रम प्रसारित होगा।
इस कार्यक्रम के प्रस्तोता और प्रश्नकर्ता वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय हैं। कार्यक्रम में पहले अतिथि पद्मश्री डॉ. मोहसिन वली हैं, जिन्होंने पहली बार अपनी जिंदगी को लेकर तथा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से जुड़े संस्मरण साझा किए हैं। संतोष भारतीय ने बताया कि प्रसिद्ध लेखिका ममता कालिया और वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोक दीप तमाम जाने-माने नाम इस कड़ी में जुड़ने वाले हैं।
बता दें कि ‘लाउड इंडिया टीवी’ ऐसा डिजिटल चैनल है, जिसने यूटूब पर देश-विदेश के मुद्दों पर लाइव कार्यक्रम कर देश में एक नए ट्रेंड की शुरुआत की।
संतोष भारतीय के अनुसार, ‘लाउड इंडिया टीवी’ के शुरुआती कार्यक्रमों में से एक, 'द ग्रेट जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया' था, जिसके तहत वर्ष 2021 में देश के 69 प्रमुख पत्रकारों और संपादकों से बातचीत बहुत ज्यादा चर्चित रही। पहली बार लोगों को लगा कि जर्नलिस्ट भी स्टार हो सकते हैं।’ इस कार्यक्रम की कल्पना भी संतोष भारतीय ने ही की थी।
सूर्यकुमार यादव ने बतौर कप्तान अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसे शायद ही वह कभी भूल पाएं।
भारत और ऑस्ट्रेलिया का विश्व कप 2023 के फाइनल के बाद एक बार फिर से सामना होगा। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच 23 नवंबर यानी आज से पांच मैचों की टी20 सीरीज खेली जाएगी। सीरीज का पहला मैच विशाखापट्टनम में आयोजित होगा। इस सीरीज के लिए भारत ने सूर्यकुमार यादव को कप्तान बनाया है। इसके साथ ही पूरी टीम बदल दी है। वर्ल्ड कप के बाद इस टी20 सीरीज के लिए सीनियर प्लेयर्स को आराम दिया गया है।
वहीं, इस मैच से पहले सूर्यकुमार यादव ने बतौर कप्तान अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसे शायद ही वह कभी भूल पाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ दो पत्रकार ही पहुंचे और इस वजह से महज 3.32 मिनट में खत्म करनी पड़ी। वैसे यहां आपको बता दें कि वर्ल्ड कप के फाइनल की आखिरी कॉन्फ्रेंस में करीब 200 पत्रकार पहुंचे थे।
बतौर कप्तान सूर्यकुमार यादव भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को देखकर हैरान रह गए। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को अटेंड करने वाले एक पत्रकार ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी शेयर की है। वहीं जियो सिनेमा ने भी आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर 3.32 मिनट पीसी के बारे में बताया है।
इस दौरान सूर्यकुमार यादव ने कहा कि ये सीरीज टी20 वर्ल्ड कप के नजरिये से बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि मैंने साफ शब्दों में खिलाडि़यों से कहा है कि निडर होकर खेलो और टीम की मदद के लिए सब करो। वह आईपीएल में कर चुके हैं और काफी घरेलू क्रिकेट भी खेला है। सपोर्ट स्टाफ से सुना है कि वे अच्छे फॉर्म में हैं। मैंने उनसे सिर्फ एक बात कही है कि बीच में एन्जॉय करो, कुछ अलग मत करो।
वर्ल्ड कप हारने को लेकर सूर्यकुमार ने कहा कि फाइनल में हारना स्पष्ट रूप से निराशाजनक है। हालांकि जब आप पीछे के सफर पर नजर डालेंगे तो वह वाकई में शानदार था। हमने जिस तरह खेला, उस पर हर खिलाड़ी, स्टाफ और पूरे भारत को गर्व है। वर्ल्ड कप में हमने जैसा क्रिकेट खेला, हम वास्तव में उस पर गर्व कर सकते हैं। हालांकि अभी इस हार से उबरने में वक्त लगेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 'द वायर' के संपादक और उप संपादक के खिलाफ समन को रद्द करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ जेएनयू की पूर्व प्रोफेसर अमिता सिंह की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 'द वायर' के संपादक और उप संपादक के खिलाफ समन को रद्द करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ जेएनयू की पूर्व प्रोफेसर अमिता सिंह की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है। याचिका में कथित तौर पर दावा किया गया था कि अमिता सिंह ने एक डोजियर तैयार किया था, जिसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को 'संगठित सेक्स रैकेट का अड्डा' कहा गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने यह कहते हुए सुनवाई 13 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी कि इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए समय की जरूरत है।
अमिता सिंह ने 2016 में शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया गया था कि अप्रैल 2016 में 'द वायर' के उप संपादक अजॉय आशीर्वाद महाप्रस्थ द्वारा लिखे गए एक लेख का शीर्षक था 'डोजियर कॉल जेएनयू 'डेन ऑफ ऑर्गेनाइज्ड सेक्स रैकेट'; स्टूडेंट्स, प्रोफेसर्स एलीज हेट कैंपेन', इसमें कहा गया कि उन्होंने एक डोजियर तैयार किया है, जिसमें जेएनयू को संगठित सेक्स रैकेट के अड्डे के रूप में दर्शाया गया है।
अमिता सिंह ने अपनी मानहानि शिकायत में आरोप लगाया कि संपादक ने डोजियर की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की और इसका इस्तेमाल अपनी पत्रिका के मौद्रिक लाभ के लिए किया।
उन्होंने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उसके खिलाफ घृणा अभियान शुरू कर दिया है। 2017 में, उनकी शिकायत के बाद, दिल्ली की एक अदालत द्वारा 'द वायर' के संपादक सिद्धार्थ भाटिया और उप संपादक अजॉय आशीर्वाद के खिलाफ एक समन आदेश जारी किया गया था।
हालांकि, मार्च 2023 में, दिल्ली हाई कोर्ट ने समन आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसे सिंह के खिलाफ मानहानिकारक माना जा सके।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर अपील और शिकायतों के निस्तारण की दर इस वित्त वर्ष में 90 प्रतिशत से अधिक हो गई है
सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर अपील और शिकायतों के निस्तारण की दर इस वित्त वर्ष में 90 प्रतिशत से अधिक हो गई है। छह नवंबर को मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) पद की शपथ लेने वाले हीरालाल सामरिया ने रविवार को केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ बैठक के दौरान यह बात कही।
कार्मिक मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, एक घंटे की बैठक के दौरान सामरिया ने मंत्री जितेंद्र सिंह को सूचित किया कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) अपील और शिकायतों की निस्तारण दर चालू वित्त वर्ष में पहली बार 90 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
सिंह ने आरटीआई अपील के निस्तारण में वृद्धि के साथ लंबित मामलों में लगातार गिरावट के लिए केंद्रीय सूचना आयोग की सराहना की।
बयान के अनुसार, 9 नवंबर, 2023 तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 11,499 आरटीआई अपील/शिकायतों का निस्तारण किया गया, जबकि कुल 12,695 आवेदन प्राप्त हुए थे। इस प्रकार निस्तारण दर 90.5 प्रतिशत हो गई है।
इसमें कहा गया कि 2022-23 में कुल 19,018 अपील, 2021-22 में कुल 19,604 अपील और 2020-21 में कुल 19,183 आरटीआई अपील दायर की गई थीं। बयान में कहा गया कि 2022-23 में निस्तारित की गईं आरटीआई अपील का आंकड़ा 29,210 था, 2021-22 में 28,793 अपील का निस्तारण किया गया और 2020-21 में कुल 17,017 अपील का निस्तारण किया गया।
इसमें कहा गया कि सिंह ने आरटीआई के अध्ययन, विश्लेषण और स्वरूप के साथ ही आरटीआई आवेदकों की साख की जांच करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करने वाला पहला सरकारी निकाय होने के लिए मुख्य सूचना आयोग के कार्यालय की सराहना भी की।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट से न्यूज पोर्टल ‘कश्मीर वाला’ के एडिटर फहाद शाह को जमानत मिल गई है।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट से न्यूज पोर्टल ‘कश्मीर वाला’ के एडिटर फहाद शाह को जमानत मिल गई है। साथ ही कोर्ट ने उनके खिलाफ आतंकी साजिश रचने समेत कई आरोपों को भी खारिज कर दिया है। एडिटर फहाद शाह बीते 21 महीने से जेल में बंद हैं।
हाई कोर्ट के समक्ष एडिटर का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता पी. एन. रैना ने कहा कि हम जमानत में निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं। फहद शाह को जेल से बाहर आने में कुछ समय लगेगा।
उन्होंने कहा कि शाह के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18 (आतंकवादी साजिश) एवं धारा 121 (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 153-बी (राष्ट्रीय-एकीकरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालने) के आरोपों को खारिज कर दिया गया।
रैना ने कहा कि जम्मू शाखा की न्यायमूर्ति श्रीधरन और न्यायमूर्ति एम. एल. मन्हास वाली पीठ ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई की। उन्होंने कहा कि शाह को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देना) के तहत मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। एडिटर के खिलाफ अवैध रूप से विदेशी धन प्राप्त करने के आरोप में भी मुकदमा चलाया जाएगा।
हाई कोर्ट ने अप्रैल में विवादास्पद सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत शाह की हिरासत को रद्द कर दिया था।
शाह को फरवरी 2022 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में एक मुठभेड़ की कथित तौर पर रिपोर्टिंग के लिए गिरफ्तार किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस खास मुलाकात को लेकर प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर अपने अनुभव शेयर किए हैं।
वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और ‘जन की बात’ (JanKiBaat) के फाउंडर प्रदीप भंडारी ने अपने परिजनों संग पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस बातचीत के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को अपनी लिखी किताब ‘मोदी विजयगाथा’ (Modi Vijayagatha) 2019 की प्रति भी भेंट की।
इस मुलाकात को लेकर प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर अपने अनुभव शेयर किए हैं। प्रदीप भंडारी ने 15 नवंबर को अपनी इस पोस्ट में लिखा है, ‘अपने गृह नगर इंदौर में कल शाम मुझे अपने परिवार के साथ माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मिलने का सौभाग्य मिला। अपने बहुत ही व्यस्त कार्यक्रम और व्यापक रोड शो के बावजूद पीएम ने हमें मुलाकात का समय दिया।
इस बातचीत के दौरान उनकी बातों से मुझे काफी प्रेरणा मिली। मैंने पीएम के साथ अपने अनुभव शेयर किए और उन्हें अपनी चुनाव संबंधी पुस्तक 'मोदी विजयगाथा' भेंट की। व्यक्तिगत संबंध स्थापित करने की पीएम की असाधारण क्षमता ही उन्हें दूसरों से अलग करती है। उन्होंने हम सभी के साथ बातचीत की। मैं राष्ट्र के प्रति अपने दृष्टिकोण से मुझे प्रेरित करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करता हूं।’
I had the privilege of meeting Honorable Prime Minister @narendramodi ji, accompanied by my family in my hometown Indore last evening.
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)?? (@pradip103) November 15, 2023
Despite his demanding campaign schedule and extensive roadshow, Honorable Prime Minister graciously dedicated his time to engage with us.… pic.twitter.com/crvoKlTHGn
गौरतलब है कि देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के तहत मध्य प्रदेश में शुक्रवार (17 नवंबर) को वोटिंग हुई। इससे पहले पीएम ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच 14 नवंबर को इंदौर में खुली जीप में जबर्दस्त रोड शो किया था। रोड शो के दौरान बड़ा गणपति से लेकर राजवाड़ा तक बड़ी संख्या में लोग उमड़े थे।
वह 72 वर्ष के थे। ‘टीआरजी’ के नाम से लोकप्रिय टीआर गोपालकृष्णन इस पब्लिकेशन से वर्ष 1983 से 2018 में अपनी सेवानिवृत्ति तक जुड़े रहे थे।
'द वीक' (The Week) मैगजीन के पूर्व एडिटर-इन-चार्ज टीआर गोपालकृष्णन का बुधवार की तड़के निधन हो गया है। वह 72 वर्ष के थे।
‘टीआरजी’ के नाम से लोकप्रिय टीआर गोपालकृष्णन इस पब्लिकेशन से वर्ष 1983 से 2018 में अपनी सेवानिवृत्ति तक जुड़े रहे थे। 'द वीक' में अपने करीब 34 साल के कार्यकाल के दौरान इस अंग्रेजी न्यूज मैगजीन को शीर्ष स्थान पर पहुंचाने में उनका अहम योगदान रहा।
‘टीआरजी’ का जन्म दिल्ली में हुआ था और उन्होंने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। इसके बाद वर्ष 1974 में वह पत्रकारिता के क्षेत्र में आ गए थे। उन्होंने जन संघ पार्टी (अब बीजेपी) द्वारा संचालित ‘मदरलैंड’ (Motherland) अखबार में रिपोर्टर/सब एडिटर के रूप में पहली नौकरी की। इसके बाद उन्होंने ‘This Fortnight’ और ‘Real India’ पब्लिकेशंस के साथ भी काम किया और कुछ समय तक मायानगरी मुंबई को भी कवर किया।
‘टीजीआर’ पत्रकारिता जगत से जुड़े परिवार से थे। उनके पिता टीवी राजगोपालन एक पत्रकार थे और उनकी मां विजयलक्ष्मी दिल्ली में ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया’ (UNI) में लाइब्रेरियन थीं। बता दें कि ‘टीजीआर’ की पत्नी गीता श्रीनिवासन का भी इसी साल सितंबर में निधन हो गया था।
हिंदी के चर्चित कवि, लेखक और शिक्षक आशुतोष का मंगलवार को कोलकाता में निधन हो गया।
हिंदी के चर्चित कवि, लेखक और शिक्षक आशुतोष का मंगलवार को कोलकाता में निधन हो गया। दीपावली से एक दिन पहले घर की रसोई गैस के अचानक लीक करने से लगी आग में वह बुरी तरह से झुलस गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया।
मिली जानकारी के मुताबिक, सुबह के समय आशुतोष के बेटे गौरव रसोई में चाय बनाने के लिए गए। बताया जा रहा है कि गैस सिलेंडर लीक था, इसलिए लाइटर जलाते ही रसाई गैस में आग लग गई और जिसमें उनका बेटा बुरी तरह से झुलस गया। बेटे की चीख सुनकर आशुतोष भी रसोई की तरफ दौड़े और आग की लपटों में घिर बेटे को बचाने की कोशिश की। इस कोशिश में खुद आशुतोष भी बुरी तरह से झुलस गए। बेटे ने तो घटना वाले दिन ही दम तोड़ दिया। जिंदगी-मौत के बीच झुलते आशुतोष ने भी मंगलवार को सुबह अंतिम सांस ली।
डॉक्टर आशुतोष कोलकाता के हिंदी जगत में जाने पहचाने हस्ताक्षर रहे हैं। प्रगतिशील चेतना के कवियों लेखकों के साथ उनका गहरा संबंध रहा है। उन्होंने भागलपुर से शिक्षा दीक्षा ग्रहण की तथा प्रेसीडेंसी कॉलेज और कोलकाता विश्वविद्यालय में कुछ दिनों अंशकालिक शिक्षक के रूप में पढ़ाया भी। अंततः विद्यासागर कॉलेज में हिंदी के अध्यापक रहे तथा हाल ही में सेवानिवृत हुए थे।
आशुतोष किताबी दुनिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी लगातार सक्रिय रहते थे और तमाम घटना-दुर्घटनाओं पर अपने विचार व्यक्त करते रहते थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कुछ दिनों से अपने बयानों और हाव-भाव को लेकर चर्चा में बने हुए हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कुछ दिनों से अपने बयानों और हाव-भाव को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। पहले बिहार विधानसभा में महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक बयान , फिर उस पर सफाई और हाव भाव को लेकर उठ रहे सवालों के बाद अब नीतीश कुमार ने पत्रकारों के सामने हाथ जोड़ लिए हैं। सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार का वीडियो वायरल हो रहा है।
जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर बाहर निकल रहे थे, इसी दौरान पत्रकारों ने उन्हें आवाज दी और कुछ पत्रकारों ने पूछा कि काहे (क्यों) नाराज हैं सर? इस पर नीतीश कुमार ने कोई उत्तर तो नहीं दिया, लेकिन पत्रकारों को सामने देखते ही नीतीश कुमार हाथ जोड़ने लगे। नीतीश कुमार ने सुरक्षाकर्मियों को किनारे कर पत्रकारों के आगे सिर झुका लिया और सांकेतिक आरती उतारने लगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसे बना ली मीडिया से दूरी। सबके सामने हाथ जोड़ने लगे। pic.twitter.com/ImfTJHiN0N
— Rajgeer Singh (@Rajgeersingh) November 14, 2023
इसके बाद नीतीश कुमार बिना किसी सवाल का जवाब दिए अपनी गाड़ी में सवार होकर वहां से निकल गए। नीतीश कुमार का यह व्यवहार देखकर वहां मौजूद हर कोई हैरत में पड़ गया कि आखिर नीतीश कुमार ऐसा कर क्यों रहे हैं?
हालांकि इससे पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था, जिसमें वह महावीर मंदिर में आरती के दौरान इधर-उधर देखते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे कि वह कुछ ढूंढ रहे हैं।
आरती करते हुए किस बात को लेकर Confuse दिखे नीतीश कुमार?
— Bihar Tak (@BiharTakChannel) November 13, 2023
पावापुरी महोत्सव के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने भगवान महावीर की पूजा की। नीतीश कुमार पूजा के दौरान अचानक कहां देखने लगे, देखिए।#NitishKumar #Bihar pic.twitter.com/5GmPFjQhyN