प्रमोद जोशी वरिष्ठ पत्रकार ।। नवभारत टाइ
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समाचार4मीडिया ब्यूरो
प्रमोद जोशी
वरिष्ठ पत्रकार ।।
नवभारत टाइम्स, दिल्ली के 3 नवम्बर के अंक में विज्ञापनदाता का जैकेट है। जैकेट इस तरह डिजाइन किया गया है, जिससे बाहर से देखने पर अख़बार का नाम ‘न्यूट्रीचार्ज टाइम्स’ नजर आता है। अखबारों के चलन को देखते हुए यह बात विस्मयकारी नहीं लगती, पर अखबारों की बिगड़ती साख पर यह प्रतीकात्मक टिप्पणी जरूर है। यह कारोबार का मामला है। अखबारों में इनोवेटिव विज्ञापनों के नाम पर ऐसे विज्ञापनों की भरमार है। इनमें कभी-कभार इनोवेशन नजर आता है, पर जो बात सबसे ज्यादा दिखाई पड़ती है वह है विज्ञापनों को वहां जगह दिलाना जहां पहले वे नजर नहीं आते थे। भारतीय भाषाओं के कुछ अखबारों ने अब सम्पादकीय पेज पर विज्ञापन देने शुरू कर दिए हैं।
मान लिया कि अखबारों के सामने अपने आर्थिक आधार को मजबूत करने की चुनौती है। पर उन्हें अपनी साख को भी तो बचाना है। साख भी कमाई है। कहा जा सकता है कि मास्टहैड पर विज्ञापन जाने से अख़बार की साख नहीं बिगड़ती। एक जमाने में ईयर पैनल पर विज्ञापन होते ही थे। नब्बे के दशक में टाइम्स ऑफ इंडिया के पहले सफे पर मास्टहैड के फॉन्ट से ही एक तरफ अंग्रेजी में LET और मास्टहैड के बाद WAIT ईयर पैनल की जगह लगा दिए। इससे मास्टहैड बना “LET THE TIMES OF INDIA WAIT। यह अख़बार पर ही टिप्पणी थी। विज्ञापन की यह परम्परा आज की नहीं है। सन 1948 में मद्रास के हिन्दू में महात्मा गांधी की हत्या की खबर आखिरी सफे पर थी, क्योंकि पहले सफे पर विज्ञापन था।
क्या नवभारत टाइम्स को, आभासी रूप में ही सही ‘न्यूट्रीचार्ज टाइम्स’ नजर आना ठीक लगता है? सच है कि विज्ञापन को लेकर अखबारों के बीच भारी मारामारी है। एक समय ऐसा भी था जब कम से कम कुछ प्रतिष्ठित अख़बार पहले पेज पर ‘सोलस’ विज्ञापन लेते थे, जिनका अधिकतम आकार तय था। अब शायद ही कोई अख़बार केवल एक विज्ञापन पहले पेज पर लेने की शर्त लगाता हो। न्यूयॉर्क टाइम्स पहले पेज के विज्ञापन नहीं लेता था। अब लेने लगा है।
सोलस विज्ञापन भी कारोबारी रणनीति थी। केवल एक विज्ञापन के लिए विज्ञापनदाता दुगनी-तिगुनी राशि देता था। अब चूंकि अखबारों को भारी डिस्काउंट देना पड़ता है, इसलिए सोलस का वक्त नहीं रहा। पर अख़बार की प्रतिष्ठा तो बनानी ही होगी।
सवाल है कि आप इनोवेशन के चक्कर में किस हद तक जाएंगे? अखबारों में सरकारों के प्रायोजित परिशिष्ट इस रूप में प्रकाशित होते हैं जैसे सम्पादकीय विभाग सरकारों की तारीफ कर रहा है। उनके आलेखों का फॉन्ट अलग होना चाहिए, साथ ही साफ लिखा जाना चाहिए कि यह विज्ञापन का पेज है। विज्ञापनों को खबरों की तरह पेश करना खबरों की प्रतिष्ठा कम करता है। पेड़ न्यूज का विकास इसी तरह हुआ था। टाइम्स ऑफ इंडिया समूह के स्वामी विनीत जैन ने कहीं कहा था, हम विज्ञापन के कारोबार में हैं। सच है, पर इसका आधार सम्पादकीय साख ही तो है।
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श्री अधिकारी ब्रदर्स टेलीविजन नेटवर्क (Sri Adhikari Brothers Television Network Limited) की बोर्ड मीटिंग 24 नवंबर 2025 को हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए।
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Vikas Saxena
श्री अधिकारी ब्रदर्स टेलीविजन नेटवर्क (Sri Adhikari Brothers Television Network Limited) की बोर्ड मीटिंग 24 नवंबर 2025 को हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। सबसे बड़ा फैसला कंपनी का नाम बदलने का है। बोर्ड ने कंपनी का नया नाम Aqylon Nexus Limited रखने का प्रस्ताव पास किया है। अब इस बदलाव को शेयरहोल्डर्स की मंजूरी के लिए पोस्टल बैलट के जरिए भेजा जाएगा।
कंपनी ने अपने मेन ऑब्जेक्ट क्लॉज़ में भी बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। अब कंपनी का फोकस टीवी या मीडिया से हटकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और टेक्नोलॉजी से जुड़े बिजनेस पर होगा। इसके लिए Memorandum of Association यानी MOA में नया क्लॉज़ जोड़ा जाएगा।
ऑडिटर में बदलाव
कंपनी के मौजूदा स्टैच्यूटरी ऑडिटर Hitesh Shah & Associates ने इस्तीफा दे दिया है। बोर्ड ने नए ऑडिटर के तौर पर Bilimoria Mehta & Co. को 2025–26 के लिए मंजूरी दे दी है। इस पर भी शेयरहोल्डर्स की मंजूरी ली जाएगी।
AI और ग्रीन डेटा सेंटर बनाने का बड़ा प्लान
बोर्ड ने Telangana में 50 MW का AI व ग्रीन डेटा सेंटर कैंपस बनाने का प्रस्ताव भी पास किया। कंपनी का दावा है कि यह प्रोजेक्ट भारत के नेशनल AI मिशन, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस और गवर्नेंस जैसी जरूरतों को सपोर्ट करेगा।
इश्यू वॉरंट्स के प्रस्ताव वापस
कंपनी ने BSE और NSE में पहले दिए गए 1.5 करोड़ इक्विटी शेयर और 6.80 करोड़ कन्वर्टिबल वॉरंट्स के लिए इन-प्रिंसिपल अप्रूवल की अर्जी वापस लेने का निर्णय लिया है।
पोस्टल बैलट की तैयारी
बोर्ड ने इन सब प्रस्तावों पर शेयरहोल्डर्स की मंजूरी के लिए पोस्टल बैलट नोटिस भी मंजूर कर लिया है। ई-वोटिंग प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से कराने के लिए कृणा गोकुलकुमार शाह को स्क्रूटिनाइजर नियुक्त किया गया है।
सिटी नेटवर्क्स (SITI Networks Limited) की सालाना आम बैठक (AGM) की तारीख बढ़ाने की कोशिशें फिलहाल अटक गई हैं।
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Vikas Saxena
सिटी नेटवर्क्स (SITI Networks Limited) की सालाना आम बैठक (AGM) की तारीख बढ़ाने की कोशिशें फिलहाल अटक गई हैं। कंपनी ने इस बारे में ROC (रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़) को दो बार आवेदन भेजा है, लेकिन तकनीकी और कानूनी वजहों से मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
कंपनी ने बताया कि 18 सितंबर 2025 को उसने MCA पोर्टल पर GNL-1 फॉर्म भरकर AGM की तारीख तीन महीने बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन सिस्टम ने इसे स्वीकार ही नहीं किया। वजह ये बताई गई कि कंपनी CIRP यानी कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया में चल रही है और ऐसे केस में ये फॉर्म नहीं भरा जा सकता।
इसके बाद कंपनी ने 30 सितंबर को GNL-2 फॉर्म के जरिए दोबारा कोशिश की। लेकिन ROC ने इस पर कई सवाल उठा दिए, जैसे कि CIRP में चल रही कंपनी AGM कैसे करेगी, कौन सा कानून RP (Resolution Professional) को AGM बुलाने की अनुमति देता है और शेयरहोल्डर्स वोट कैसे करेंगे?
कंपनी ने जवाब देते हुए कहा कि IBC (Insolvency and Bankruptcy Code) RP को पूरा अधिकार देता है कि वह कंपनी की तरफ से हर तरह की कानूनी और जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करे। साथ ही, कंपनी ने बताया कि CIRP में होने के बावजूद AGM करना जरूरी है क्योंकि कानून में इसकी कोई छूट नहीं दी गई है।
इसके बावजूद ROC ने कंपनी की अर्जी खारिज कर दी। ROC का कहना था कि IBC में RP को शेयरहोल्डर्स की मीटिंग बुलाने का साफ प्रावधान नहीं है।
इसके बाद कंपनी ने 6 नवंबर को एक और आवेदन GNL-2 में दाखिल किया और फिर से विस्तार मांगा। इस बार कंपनी ने CIRP की स्थिति, RP की जिम्मेदारियां और पिछले प्रावधानों का पूरा ब्योरा भी दिया। लेकिन ROC ने इस आवेदन में भी आपत्ति जताई और कहा कि AGM बढ़ाने के लिए यह सही फॉर्म नहीं है।
कंपनी ने कहा है कि वह इस मामले को लेकर ROC से लगातार बात कर रही है और तीन महीने के समय विस्तार के लिए प्रयास जारी हैं।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) ने केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 (DPDP एक्ट) के तहत नए नियमों की नोटिफिकेशन करने के तरीके पर गहरी नाराजगी जताई है।
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Samachar4media Bureau
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (प्रेस क्लब) ने केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 (DPDP एक्ट) के तहत नए नियमों की नोटिफिकेशन करने के तरीके पर गहरी नाराजगी जताई है। प्रेस क्लब का कहना है कि ये नियम पत्रकारों की आजादी और प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा असर डालते हैं।
प्रेस क्लब और देशभर के 22 बड़े प्रेस संगठनों ने जून 2025 में MEITY को एक संयुक्त मेमोरेंडम दिया था, जिसमें इस कानून की कई कमियों को बताया गया था। पत्रकारों का कहना है कि कानून में कई परिभाषाएं बहुत अस्पष्ट हैं और इनका गलत इस्तेमाल करके पत्रकारों के काम को रोका जा सकता है।
पत्रकार संगठनों ने सरकार को सुझाव दिया था कि पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के लिए स्पष्ट और सुरक्षित छूट दी जाए, ताकि रिपोर्टिंग का काम बाधित न हो। इसके बाद 28 जुलाई को MEITY के सचिव एस. कृष्णन ने पत्रकार संगठनों के साथ बैठक भी की। उनकी मांग पर पत्रकारों ने 35 सवालों की एक विस्तृत सूची (FAQs) भी भेजी, जिसमें बताया गया कि कानून किन-किन स्थितियों में पत्रकारों के काम में दखल डाल सकता है।
बैठक में पत्रकार संगठनों ने यूरोप के GDPR के उदाहरण भी दिए, जिसमें पत्रकारों के लिए स्पष्ट छूट का प्रावधान है।
प्रेस क्लब का कहना है कि उनके सुझावों के बावजूद सरकार ने कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया कि यह कानून पत्रकारों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। संगठन का आरोप है कि कानून की कुछ धाराओं का दायरा इतना बड़ा है कि इन्हें मनमाने ढंग से लागू करके मीडिया की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
प्रेस क्लब ने याद दिलाया कि वह हमेशा प्रेस की आजादी की रक्षा के लिए खड़ा रहा है, चाहे 1975 की इमरजेंसी का दौर हो या 1988 का विवादित मानहानि बिल। संस्था का कहना है कि DPDP कानून में भी यही खतरा दिखाई देता है।
प्रेस क्लब ने सरकार से मांग की है कि पत्रकारों के लिए साफ-साफ छूट तय की जाएं और कानून की अस्पष्ट धाराओं को ठीक किया जाए, ताकि पत्रकारिता पर किसी तरह का दबाव या कार्रवाई का खतरा न रहे।
शेमारू एंटरटेनमेंट (Shemaroo Entertainment Limited) ने अपने कुछ योग्य एम्प्लॉयीज को 9,000 ESOPs (Employee Stock Ownership Plan) देने का फैसला किया है।
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Vikas Saxena
शेमारू एंटरटेनमेंट (Shemaroo Entertainment Limited) ने अपने कुछ योग्य एम्प्लॉयीज को 9,000 ESOPs (Employee Stock Ownership Plan) देने का फैसला किया है। यह मंजूरी कंपनी की नॉमिनेशन व रिक्रूटमेंट कमेटी ने 21 नवंबर 2025 को दी।
इन 9,000 स्टॉक ऑप्शंस के बदले एम्प्लॉयीज आगे चलकर 9,000 शेयर ले सकेंगे। हर ऑप्शन एक शेयर में बदला जा सकता है।
कंपनी ने इन शेयरों की कीमत 67 रुपये रखी है, जो 20 नवंबर 2025 की मार्केट कीमत से लगभग 41% कम है। यानी एम्प्लॉयीज को कंपनी के शेयर काफी कम कीमत पर पाने का मौका मिलेगा।
कंपनी ने कहा कि अगले एक साल में ये ऑप्शन वेस्ट होंगे और उसके बाद एम्प्लॉयीज को इन्हें एक साल के अंदर इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा।
शेमारू का मानना है कि इस कदम से एम्प्लॉयीज की कंपनी से जुड़ाव और मजबूत होगा और वे कंपनी की ग्रोथ के साथ खुद को और ज्यादा जुड़ा महसूस करेंगे।
शेमारू एंटरटेनमेंट देश की जानी-मानी कंटेंट कंपनी है, जो अपने बड़े बॉलीवुड फिल्मों और मनोरंजन कंटेंट की लाइब्रेरी के लिए मशहूर है। कंपनी विभिन्न प्लेटफॉर्म्स के जरिए दर्शकों तक अपना कंटेंट पहुंचाती है।
चुनाव समिति के मुताबिक, आगामी कार्यकाल 2025–26 के लिए संजय कपूर को अध्यक्ष, राघवन श्रीनिवासन को महासचिव और टेरेसा रहमान को कोषाध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध रूप से चुना गया है।
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Samachar4media Bureau
देश में संपादकों की शीर्ष संस्था ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ (EGI) में नए पदाधिकारियों का चुनाव कर लिया गया है। चुनाव समिति की ओर से जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, नए पदाधिकारियों के चुनाव की प्रक्रिया 19 नवंबर 2025 को पूरी हो गई।
इस बार अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष के सभी पदों पर केवल एक-एक नामांकन मिलने के कारण किसी तरह के मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी। चुनाव समिति के मुताबिक संजय कपूर को अध्यक्ष पद के लिए नामित किया गया था। उनका नाम मोनू नलपत ने प्रस्तावित किया और सीमा मुस्तफा ने इसका समर्थन किया।
महासचिव पद के लिए राघवन श्रीनिवासन का नाम प्रस्तावित किया गया, जिसे भारत भूषण ने आगे बढ़ाया और सिद्धार्थ वरदराजन ने इसका समर्थन किया। कोषाध्यक्ष पद के लिए टेरेसा रहमान का नामांकन दाखिल हुआ। उनका प्रस्ताव सुरेश बाफ़ना ने किया और कुमकुम चड्ढा ने समर्थन किया।
चुनाव समिति के संयोजक राजदीप सरदेसाई और सदस्य विजय नाइक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, चूंकि इन तीनों पदों के लिए कोई अन्य नामांकन प्राप्त नहीं हुआ, इसलिए पूरा पैनल बिना किसी मुकाबले (Unopposed) निर्वाचित घोषित कर दिया गया है। चुनाव समिति ने नए पैनल को आगामी कार्यकाल 2025–26 के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
भारतीय ब्रॉडकास्टिंग के सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक अविनाश पांडेय आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं।
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भारतीय ब्रॉडकास्टिंग के सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक अविनाश पांडेय आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। लगभग तीन दशक के लंबे करियर में उन्होंने न्यूजरूम, नीतियों और मीडिया इंडस्ट्री के काम करने के तरीके को नई दिशा दी है।
एबीपी नेटवर्क के साथ उनकी लंबी पारी ने उन्हें देश के सबसे भरोसेमंद मीडिया लीडर्स में शामिल किया। पहले COO और फिर CEO बनने तक, अविनाश पांडेय ने एबीपी को लगातार बदलते मीडिया माहौल में न सिर्फ संभाला बल्कि डिजिटल दुनिया में तेजी से आगे बढ़ाया। उनके नेतृत्व में एबीपी और अधिक चुस्त, डिजिटल-फ्रेंडली और मल्टी-प्लैटफॉर्म न्यूज पावरहाउस बनकर उभरा।
इस साल उन्होंने इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) के सेक्रेटरी जनरल की जिम्मेदारी संभाली, जो टीवी ब्रॉडकास्टर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का शीर्ष संगठन है। जुलाई 2025 में वे लक्ष्य मीडिया ग्रुप में बतौर डायरेक्टर जुड़े, जहां उन्होंने कंपनी की OOH और इंटीग्रेटेड मीडिया रणनीतियों को और मजबूत किया। साथ ही वे प्राइमस पार्टनर्स में सीनियर एडवाइजर- मीडिया प्रैक्टिसेज की भूमिका भी निभा रहे हैं।
इंडस्ट्री में अविनाश पांडेय की पहचान उनकी रणनीतिक सोच और नीति निर्माताओं के साथ सक्रिय सहभागिता के लिए है। वे IAA (इंडिया चैप्टर), न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन, FICCI और ASSOCHAM जैसे प्रमुख संगठनों से जुड़े रहे हैं और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की कई समितियों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विज्ञापन, रेगुलेशन और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर उनकी समझ हमेशा उद्योग के लिए मार्गदर्शक रही है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से पढ़ाई और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एग्जिक्यूटिव एजुकेशन हासिल करने वाले पांडेय शैक्षणिक गहराई और भारतीय मीडिया बाजार की समझ का बेहतरीन मेल प्रस्तुत करते हैं। वैश्विक अनुभव और जमीनी कामकाज ने उन्हें ब्रांड बिल्डिंग, दर्शक समझ और मीडिया सुधार में एक विश्वसनीय आवाज बनाया है।
उनके जन्मदिन पर मीडिया जगत के कई लोग उन्हें खास शुभकामनाएं दे रहे हैं।
‘इंडिया टुडे’ (India Today) ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और एग्जिक्यूटिव एडिटर-इन-चीफ कली पुरी ने दिल्ली में आयोजित ‘साहित्य आजतक’ के आठवें संस्करण का उद्घाटन किया।
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Samachar4media Bureau
‘इंडिया टुडे’ (India Today) ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और एग्जिक्यूटिव एडिटर-इन-चीफ कली पुरी ने कहा कि साहित्य जीवन की नाज़ुक डोरों को जोड़ने का काम करता है। वह दिल्ली में आयोजित ‘साहित्य आजतक’ के आठवें संस्करण का उद्घाटन कर रही थीं, जहां साहित्य, कला और संगीत जगत की कई नामी हस्तियों ने हिस्सा लिया।
कली पुरी ने अपने संबोधन में जीवन की अनिश्चितता पर भी बात की और साल 2025 में हुई कुछ दुखद घटनाओं जैसे- पाहलगाम आतंकी हमले से लेकर अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना का जिक्र भी किया।
कली पुरी का कहना था कि वर्ष 2025 की शुरुआत भारत के लिए बेहद दर्दनाक रही। साल की शुरुआत में ही पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जब मासूम सैलानियों पर आतंकियों ने हमला कर दिया। इस घटना में 26 लोगों की मौत हो गई। इसके दो महीने बाद एक और बड़ी दुर्घटना हुई, जब अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट एक मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गई, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई।
कली पुरी ने कहा कि ऐसी घटनाएं हमें यह एहसास कराती हैं कि जिंदगी कितनी नाजुक है। उन्होंने किशोर कुमार के मशहूर गाने की पंक्तियां उद्धृत करते हुए कहा—‘जिंदगी एक सफर है सुहाना, यहां कल क्या हो किसने जाना।’ जीवन की इस अनिश्चितता के बीच कली पुरी ने यह भी बताया कि साहित्य कैसे रिश्तों को मजबूत बनाने और जीवन को बेहतर दिशा देने में मदद करता है।
इस स्कीम के तहत BCCL के EIBME बिजनेस यूनिट को अलग कर THPL में शामिल किया जाएगा।
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Samachar4media Bureau
मुंबई स्थित नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने बेनेट, कोलमन एंड कंपनी लिमिटेड (BCCL) और उसकी 100% सहायक कंपनी टाइम्स होराइजन प्राइवेट लिमिटेड (THPL) के बीच चल रही बड़ी कॉरपोरेट री-स्ट्रक्चरिंग को आगे बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। यह आदेश 19 नवंबर 2025 को जारी हुआ।
इस स्कीम के तहत BCCL के EIBME बिजनेस यूनिट को अलग कर THPL में शामिल किया जाएगा। यानी यह पूरा बिजनेस अब THPL में चला जाएगा और कंपनी को नए स्ट्रक्चर के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। डिमर्जर की प्रभावी तारीख 1 अप्रैल 2026 या स्कीम लागू होने की तारीख होगी, जो भी पहले आए।
कंपनी की ओर से बताया गया कि BCCL का कामकाज कई क्षेत्रों में फैला हुआ है, जिनमें अखबार व डिजिटल पब्लिशिंग, टीवी, रेडियो, डिजिटल प्लेटफॉर्म, क्लासीफाइड, एंटरटेनमेंट, इवेंट्स, फिनटेक, एजुकेशन, गेमिंग, आउटडोर ऐडवर्टाइजिंग और इन्वेस्टमेंट आदि। इसे दो हिस्सों में बांटा गया है- पब्लिशिंग बिजनेस और EIBME बिजनेस।
कंपनी का तर्क है कि इतने बड़े और विविध कारोबार को बेहतर ढंग से चलाने के लिए अलग फोकस, जोखिम प्रबंधन और पूंजी निवेश की जरूरत है। इसी वजह से ग्रुप को दो अलग-अलग वर्टिकल्स में बांटने का फैसला लिया गया, ताकि काम और तेजी से आगे बढ़ सके और निवेशकों तक पहुंच आसान हो सके।
डिमर्जर के बाद THPL में कुछ शेयर नए तौर पर जारी कर संमती प्रॉपर्टीज लिमिटेड को दिए जाएंगे, ताकि निर्दिष्ट शेयरधारक समूह कुल 50.05% वोटिंग राइट्स संभाल सके।
स्कीम को लेकर सभी 11 BCCL शेयरधारकों और THPL के सभी 7 शेयरधारकों ने लिखित मंजूरी दे दी है। साथ ही BCCL के 3,833 अनसिक्योर्ड क्रेडिटर्स में से 90% से ज्यादा, जिनकी कुल देनदारी 549 करोड़ रुपये से ऊपर है, उन्होंने भी सहमति दी। इसलिए शेयरधारक और क्रेडिटर मीटिंग की जरूरत नहीं पड़ी।
NCLT ने अब कंपनियों को संबंधित सरकारी विभागों- रीजनल डायरेक्टर, ROC, इनकम टैक्स, GST, CCI और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नोटिस भेजने का निर्देश दिया है। इन विभागों के पास आपत्ति दर्ज कराने के लिए 30 दिन का समय है।
इन औपचारिकताओं के साथ, NCLT ने स्कीम को अगले चरण में बढ़ने की अनुमति दे दी है और अब डिमर्जर की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
इस नियुक्ति से पहले दुर्गा चक्रवर्ती ‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स’ में एसोसिएट वाइस प्रेजिडेंट के पद पर अपनी भूमिका निभा रही थीं।
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Samachar4media Bureau
‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) समूह ने कंपनी की क्षेत्रीय विकास रणनीति को मजबूती प्रदान करने के लिए दुर्गा चक्रवर्ती को कॉरपोरेट सेल्स हेड (साउथ इंडिया) के पद पर नियुक्त किया है।
इस नियुक्ति से पहले दुर्गा चक्रवर्ती ‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स’ में एसोसिएट वाइस प्रेजिडेंट के पद पर कार्यरत थीं, उन्होंने SAB TV, FTA, किड्स और इंग्लिश क्लस्टर सहित कई प्रमुख वर्टिकल्स को संभाला। बिजनेस डेवलपमेंट, क्षेत्रीय बाजार विस्तार, क्लाइंट रिलेशनशिप और स्ट्रैटेजिक प्लानिंग में दुर्गा चक्रवर्ती को गहरी समझ और विशेषज्ञता है।
दुर्गा को ब्रॉडकास्ट, प्रिंट, रेडियो और डिजिटल मीडिया में 20 साल से ज्यादा अनुभव है। उन्होंने भारत और अमेरिका दोनों जगह काम किया है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने लगातार ग्रोथ इनिशिएटिव्स का नेतृत्व किया, मजबूत टीमें तैयार कीं और प्रभावी कंटेंट एवं सेल्स स्ट्रैटेजी को नया आकार दिया है।
अब अपनी नई भूमिका में, वह रणनीतिक व्यावसायिक पहलों का नेतृत्व करेंगी, ग्राहक-केंद्रित प्रक्रियाओं को मजबूत बनाएंगी, उच्च प्रदर्शन वाली टीमों का निर्माण करेंगी और प्रभावी एवं मूल्य-आधारित समाधान प्रदान करने के डीबी कॉर्प के मिशन को आगे बढ़ाएंगी। उनकी नेतृत्व क्षमता से क्षेत्र में कंपनी के नवाचार और मार्केट में उपस्थिति को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
दुर्गा चक्रवर्ती कंपनी के सीओओ (कॉर्पोरेट सेल्स) मयार पेनकर को रिपोर्ट करेंगी। इस नियुक्ति के बारे में पेनकर ने कहा, ‘दुर्गा की नियुक्ति दक्षिण भारत में डीबी कॉर्प की योजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके गहन अनुभव, मजबूत टीम-बिल्डिंग कौशल और क्लाइंट-फर्स्ट अप्रोच से इस क्षेत्र में नई उपलब्धियों का मार्ग प्रशस्त होगा।’
इसके साथ ही वह चीफ ग्रोथ ऑफिसर (Media & Entertainment) के पद पर भी अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे।
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Samachar4media Bureau
देश के प्रमुख मीडिया समूहों में शुमार ‘टाइम्स ग्रुप’ (Times Group) ने आशीष सहगल को चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (टाइम्स टेलिविजन नेटवर्क) और चीफ ग्रोथ ऑफिसर (Media & Entertainment) के पद पर नियुक्त किया है। उनकी यह नियुक्ति एक दिसंबर 2025 से प्रभावी होगी। वह नोएडा से अपना कामकाज संभालेंगे। बता दें कि समाचार4मीडिया ने सबसे पहले यह खबर ब्रेक की थी।
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इस बारे में टाइम्स ग्रुप की ओर से जारी इंटरनल नोट में कहा गया है, ‘आशीष सहगल ‘द टाइम्स ग्रुप’ के ग्रुप सीईओ श्री एन. सुब्रमणियन के मार्गदर्शन में काम करेंगे। हम रोहित गोपाकुमार के प्रति अपनी हार्दिक सराहना व्यक्त करते हैं, जिन्होंने अंतरिम अवधि के दौरान दृढ़ नेतृत्व प्रदान किया, बिजनेस की निरंतरता सुनिश्चित की और टाइम्स टेलीविजन नेटवर्क के लिए एक महत्वपूर्ण समय में विकास की गति बनाए रखी। रोहित डिजिटल, WWM और इवेंट्स बिज़नेस के साथ-साथ अपने अधीन अन्य प्रमुख पहलों का नेतृत्व जारी रखेंगे। इसके अतिरिक्त, वे हेल्थकेयर और पिकलबॉल जैसे नए क्षेत्रों में हमारी रणनीतिक पहल को आगे बढ़ाने पर और अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे।’
इस नोट में यह भी कहा गया है, ‘सीईओ के रूप में अपनी भूमिका में आशीष हमारे टेलीविजन चैनलों (न्यूज और एंटरटेनमेंट) की वृद्धि और रणनीतिक दिशा का नेतृत्व करेंगे। प्लेटफॉर्म्स के बीच सामंजस्य को आगे बढ़ाएंगे और मीडिया परिदृश्य में नेटवर्क की नेतृत्वकारी स्थिति को और मजबूत करेंगे। चीफ ग्रोथ ऑफिसर (मीडिया एवं एंटरटेनमेंट) के रूप में वह विकास के अवसरों और नए राजस्व स्रोतों की पहचान करेंगे, रणनीतिक साझेदारियां स्थापित करेंगे, विविधीकरण और नवाचार एजेंडा को आकार देंगे तथा मौजूदा और उभरती परिसंपत्तियों से मूल्य सृजित करेंगे।’
बता दें कि आशीष सहगल को मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करने का तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है। नवंबर 2025 तक आशीष सहगल ZEE में ब्रॉडकास्ट और डिजिटल के चीफ ग्रोथ ऑफिसर थे। वहां उन्होंने टीवी चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म Zee5 और स्पेशल IPs के जरिए कंपनी की टॉप लाइन ग्रोथ को मजबूती दी। मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में 30 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले सहगल ZEE के रेवेन्यू मॉडल को एकीकृत और प्लेटफॉर्म-एग्नॉस्टिक बनाकर बड़े बदलाव ला चुके हैं। वह ILT20 क्रिकेट लीग के बिजनेस हेड भी रहे और 2015 से 2020 के बीच Zee Unimedia के COO के तौर पर ZEEL और ZMCL के लिए तेज रेवेन्यू ग्रोथ दिलाई।