रॉबिन रैना ने एराया के दावों को किया खारिज, कहा- SC का आदेश गलत तरीके से किया गया पेश

Ebix, Inc. के पूर्व चेयरमैन व सीईओ रॉबिन रैना ने मंगलवार को एराया लाइफस्पेसेस लिमिटेड के खिलाफ एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि कंपनी उनके बारे में 'गतल और भ्रामक बातें' फैला रही है।

Last Modified:
Wednesday, 24 December, 2025
RobinRaina521


Ebix, Inc. के पूर्व चेयरमैन व सीईओ रॉबिन रैना ने मंगलवार को एराया लाइफस्पेसेस लिमिटेड के खिलाफ एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि कंपनी उनके बारे में 'गतल और भ्रामक बातें' फैला रही है।

रैना ने कहा कि एराया ने सुप्रीम कोर्ट के 25 अगस्त 2024 के आदेश को गलत तरीके से पेश किया, यह दिखाने के लिए कि कोर्ट ने उनके मालिकाना हक और कॉन्ट्रैक्ट संबंधी दावों को खारिज कर दिया। रैना ने इसे पूरी तरह से गलत बताया और कहा कि एराया के दावे कानूनी रूप से ठोस नहीं हैं।

यह स्पष्टीकरण उस समय आया जब एराया ने रैना के अर्बिट्रेशन और समझौता अधिनियम की धारा 11 के तहत आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से संबंधित सार्वजनिक बयान दिए थे। रैना के अनुसार, एराया ने गलत दावा किया कि आदेश ने उनके स्वामित्व दावों को “समाप्त” कर दिया या कि अदालत ने उनके द्वारा भरोसेमंद समझौतों को झूठा ठहराया।

रैना के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का आदेश केवल यह देखने के लिए था कि क्या उनके मामले को तुरंत आर्बिट्रेशन में भेजा जाना चाहिए या नहीं। कोर्ट ने किसी भी समझौते की वैधता की जांच नहीं की, किसी भी दस्तावेज को नकली या फर्जी साबित नहीं किया और न ही रैना के 50% शेयरधारक होने के दावे पर कोई फैसला सुनाया।

प्रेस नोट में रैना ने कहा, “मेरे 50% शेयरधारक होने का दावा अगस्त 2024 में किए गए वैध समझौते पर आधारित है और यह पूरी तरह से कानून के अनुसार सुलझाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का आदेश स्पष्ट रूप से मेरे सभी अधिकारों और उपायों को सुरक्षित रखता है। एराया द्वारा इसे जीत दिखाने की कोशिश केवल विवाद को ध्यान भटकाने की कोशिश है।”

रैना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश केवल यह तय करने तक सीमित था कि उस समय तत्काल मध्यस्थता (Arbitration) की आवश्यकता थी या नहीं। अदालत ने स्पष्ट किया कि उसने विवाद के मौलिक मुद्दों की जांच नहीं की और दोनों पक्षों के बीच सभी दावे और अधिकार अभी भी खुले हैं।

उन्होंने आगे कहा कि अदालत ने किसी भी समझौते की वैधता पर कोई निर्णय नहीं दिया, न ही कोई फर्जीवाड़ा या धोखाधड़ी साबित की, और उनके मौलिक अधिकारों, जिसमें एराया लाइफस्पेसेस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी का दावा और इसके साथ जुड़े इबीक्स में अधिकार शामिल हैं, पर कोई फैसला नहीं लिया गया।

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ज्ञानपीठ सम्मानित लेखक विनोद कुमार शुक्ल का निधन : पीएम ने जताया शोक

प्रख्यात हिंदी लेखक और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके जाने से हिंदी साहित्य जगत को गहरा आघात लगा है।

Last Modified:
Tuesday, 23 December, 2025
VinodKumarShukla

हिंदी साहित्य के वरिष्ठ स्तंभ और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल का मंगलवार शाम 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अंतिम सांस ली। अस्पताल प्रशासन के अनुसार शाम करीब चार बजकर अट्ठावन मिनट पर उनका देहांत हुआ।

उनके पुत्र शाश्वत शुक्ल ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ के कारण दो दिसंबर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य में अपने अमूल्य योगदान के लिए सदैव स्मरणीय रहेंगे।

प्रधानमंत्री ने इसे साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया। परिवार के अनुसार, उनके पार्थिव शरीर को पहले निवास स्थान ले जाया जाएगा, जिसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी। विनोद कुमार शुक्ल के परिवार में उनकी पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री हैं।

सरल भाषा, गहरी संवेदना और मानवीय अनुभवों की सूक्ष्म अभिव्यक्ति के लिए पहचाने जाने वाले विनोद कुमार शुक्ल ने ‘नौकर की कमीज’, ‘खिलेगा तो देखेंगे’, ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ और ‘एक चुप्पी जगह’ जैसी चर्चित कृतियां लिखीं। उन्हें वर्ष 2025 में 59वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका साहित्य आने वाली पीढ़ियों को लंबे समय तक प्रेरित करता रहेगा।

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‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ ने अजय बेदी को सौंपी R. TV English और डिजिटल रेवेन्यू की कमान

‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ (Republic Media Network) ने अजय बेदी को एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट और चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है।

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Tuesday, 23 December, 2025
Ajay Bedi.

‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ (Republic Media Network) ने अजय बेदी को एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट और चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है। 

अपनी इस भूमिका में वह ‘Republic Digital’ और ‘R. TV English’ के रेवेन्यू की जिम्मेदारी संभालेंगे। इस नियुक्ति के जरिये नेटवर्क अंग्रेजी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी वृद्धि को और तेज करने की स्ट्रैटेजी को मजबूत कर रहा है।

अजय बेदी को देश की प्रमुख मीडिया कंपनियों में काम करने का 18 साल से ज्यादा का अनुभव है। उन्हें एफसीटी सेल्स, ब्रैंडेड कंटेंट, रेवेन्यू मैनेजमेंट और देश भर में बिजनेस स्ट्रैटेजी का गहरा अनुभव है। बेदी की विशेषज्ञता टीम बनाने, राजस्व बढ़ाने और नए बिजनेस मॉडल को आगे बढ़ाने में जानी जाती है।

माना जा रहा है कि अजय बेदी के नेतृत्व में R. TV English और डिजिटल प्रॉपर्टीज में स्ट्रैटेजिक फोकस तेज होगा, संपादकीय लक्ष्यों और व्यावसायिक क्रियान्वयन के बीच बेहतर तालमेल बनेगा और तेजी से वृद्धि होगी।

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म्यूजिक ब्रॉडकास्ट को GST विभाग से मिला 89.63 लाख का डिमांड ऑर्डर, कंपनी उठाएगी कानूनी कदम

रेडियो सिटी का संचालन करने वाली कंपनी म्यूजिक ब्रॉडकास्ट लिमिटेड को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जीएसटी विभाग से एक डिमांड ऑर्डर मिला है।

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Tuesday, 23 December, 2025
radiocity8965

रेडियो सिटी का संचालन करने वाली कंपनी म्यूजिक ब्रॉडकास्ट लिमिटेड को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जीएसटी विभाग से एक डिमांड ऑर्डर मिला है। कंपनी ने यह जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी है।

कंपनी के अनुसार, यह डिमांड ऑर्डर वित्त वर्ष 2021-22 से जुड़ा है और इसे डिप्टी कमिश्नर, लखनऊ सेक्टर-2 के कार्यालय की ओर से जारी किया गया है। जीएसटी कानून के तहत कुल 89.63 लाख रुपये की मांग की गई है। इसमें टैक्स, ब्याज और पेनल्टी तीनों शामिल हैं। सबसे ज्यादा रकम IGST से जुड़ी हुई है।

रेडियो सिटी को यह आदेश 19 दिसंबर 2025 की शाम को मिला था, जिसकी जानकारी कंपनी के कंप्लायंस ऑफिसर को 22 दिसंबर 2025 को दी गई। कंपनी ने साफ किया है कि वह इस आदेश के खिलाफ अपील दायर करेगी।

कंपनी का कहना है कि शुरुआती जांच और कानूनी सलाह के आधार पर उसे अपने पक्ष में फैसला आने की पूरी उम्मीद है। रेडियो सिटी के मुताबिक, इस डिमांड ऑर्डर का फिलहाल कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति या कारोबार पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा।

रेडियो सिटी ने यह भी कहा है कि वह सेबी के लिस्टिंग नियमों के तहत सभी जरूरी नियमों का पालन कर रही है और आगे भी कंप्लायंस को प्राथमिकता देती रहेगी।

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बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी में सुनील कुमारन की एंट्री, मिली ये बड़ी जिम्मेदारी

टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप की कंपनी बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड में सुनील कुमारन को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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Tuesday, 23 December, 2025
SunilKumar8541

टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप की कंपनी बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड में सुनील कुमारन को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स के डायरेक्टर के पद पर काम संभाल लिया है। यह जानकारी सुनील कुमारन ने खुद अपने लिंक्डइन प्रोफाइल के जरिए दी है। उन्होंने यह जिम्मेदारी दिसंबर 2025 में संभाली है।

सुनील कुमारन को मीडिया और विज्ञापन इंडस्ट्री में 25 साल से ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने ब्रॉडकास्ट, ऐडवरटाइजिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स में लंबे समय तक काम किया है।

टाइम्स ग्रुप से पहले सुनील कुमारन रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क लिमिटेड (RBNL) में सीईओ थे। इससे पहले वह अप्रैल 2022 से जुलाई 2025 तक कंपनी में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) की भूमिका में रहे। इसके अलावा वह THWINK के कंट्री हेड भी रह चुके हैं। इससे पहले 2008 से 2015 के बीच RBNL में वह बिजनेस हेड की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।

अपने करियर के शुरुआती दौर में सुनील कुमारन ने कई नामी एजेंसियों और मीडिया कंपनियों के साथ काम किया है। इनमें डेंट्सु एजिस नेटवर्क का द स्टोरीलैब, यूनिवर्सल मैकैन, रेडिफ्यूजन DY&R, indya.com, Lowe and Partners Worldwide, JWT और Saatchi & Saatchi जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।

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MIB ने क्लर्क ग्रेड-II भर्ती नियमों में बदलाव का रखा प्रस्ताव, लोगों से मांगे सुझाव

सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने पब्लिकेशंस डिवीजन में क्लर्क ग्रेड-II पद की भर्ती नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखा है। मंत्रालय ने इस संबंध में सभी स्टेकहोल्डर्स और आम लोगों से सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं।

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Tuesday, 23 December, 2025
MIB985

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पब्लिकेशंस डिवीजन में क्लर्क ग्रेड-II पद की भर्ती नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखा है। मंत्रालय ने इस संबंध में सभी स्टेकहोल्डर्स और आम लोगों से सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। मंत्रालय का कहना है कि नए भर्ती नियम लागू करने से पहले ड्राफ्ट नियमों को सार्वजनिक करना जरूरी है, ताकि लोग अपनी राय दे सकें।

मंत्रालय की ओर से जारी पत्र के अनुसार, क्लर्क ग्रेड-II पद के लिए नए भर्ती नियम “Publications Division, Clerk Grade-II (Group ‘C’) Recruitment Rules, 2025” के नाम से लाए जा रहे हैं। ये नियम आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद लागू होंगे। पुराने 1970 के भर्ती नियमों की जगह अब नए नियम प्रभावी होंगे।

ड्राफ्ट नियमों के मुताबिक, पब्लिकेशंस डिवीजन में क्लर्क ग्रेड-II के कुल 26 पद होंगे। यह ग्रुप ‘C’ का नॉन-गजेटेड और मिनिस्टीरियल पद होगा। इस पद के लिए वेतन लेवल-2 (पे मैट्रिक्स) के तहत मिलेगा। सीधे भर्ती के लिए उम्मीदवार की उम्र 18 से 27 साल के बीच होगी, जबकि सरकारी कर्मचारियों को नियमानुसार उम्र में छूट दी जाएगी।

शैक्षणिक योग्यता के तौर पर उम्मीदवार का 12वीं पास होना जरूरी होगा। इसके साथ ही कंप्यूटर पर टाइपिंग स्पीड भी मांगी गई है। अंग्रेजी में 35 शब्द प्रति मिनट या हिंदी में 30 शब्द प्रति मिनट की टाइपिंग स्पीड अनिवार्य होगी।

भर्ती प्रक्रिया में ज्यादातर पद स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) के जरिए सीधे भरे जाएंगे। इसके अलावा कुछ पद विभागीय परीक्षा और सीनियरिटी के आधार पर भी भरे जाएंगे, ताकि विभाग में काम कर रहे कर्मचारियों को भी प्रमोशन का मौका मिल सके। चयनित उम्मीदवारों को दो साल की प्रोबेशन अवधि से गुजरना होगा।

मंत्रालय ने साफ किया है कि ड्राफ्ट भर्ती नियमों पर 30 दिनों के भीतर सुझाव और आपत्तियां ई-मेल के जरिए भेजी जा सकती हैं। इसके लिए ई-मेल आईडी ipmc.inb@nic.in जारी की गई है। मंत्रालय का कहना है कि सभी सुझावों पर विचार करने के बाद ही अंतिम भर्ती नियमों को अधिसूचित किया जाएगा।

अधिक जानकारी के लिए कृपया नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें-

Amendment to the Recruitment Rules (RRs) for the post of Clerk Grade-II in the Publications Division.

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कलाकारों को नई पहचान देने के लिए NDTV ने लॉन्च किए ‘मास्टरस्ट्रोक आर्ट अवॉर्ड्स’

यह पहल भारतीय कला में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कलाकारों और सांस्कृतिक हस्तियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जो वैश्विक स्तर पर देश की रचनात्मक पहचान को नया आकार दे रहे हैं।

Last Modified:
Monday, 22 December, 2025
ndtv awards

देश के प्रमुख मीडिया संस्थान ‘एनडीटीवी’ NDTV ने ‘एनडीटीवी मास्टरस्ट्रोक आर्ट अवॉर्ड्स’ शुरू करने की घोषणा की है। यह पहल भारतीय कला में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कलाकारों और सांस्कृतिक हस्तियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जो वैश्विक स्तर पर देश की रचनात्मक पहचान को नया आकार दे रहे हैं।

इस पहल की घोषणा एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर कार्यक्रम के दौरान की गई। एनडीटीवी का कहना है कि कला और संस्कृति किसी भी देश की पहचान का अहम हिस्सा होती हैं और इन्हें हाशिये पर नहीं, बल्कि मुख्यधारा में देखा जाना चाहिए।

एनडीटीवी के अनुसार, ‘मास्टरस्ट्रोक आर्ट अवॉर्ड्स’ का उद्देश्य भारतीय कला के साथ लगातार और सार्थक जुड़ाव बनाना है। इसके तहत कलाकारों के साथ-साथ कला संस्थानों, संरक्षकों और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी सामने लाया जाएगा, जो भारत की बदलती सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हैं।

इस मौके पर एनडीटीवी नेटवर्क के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा कि ये पुरस्कार कला और संस्कृति के साथ एनडीटीवी के लंबे जुड़ाव का स्वाभाविक विस्तार हैं। उन्होंने कहा कि एनडीटीवी ने हमेशा संस्कृति को भारत की सोच का केंद्र माना है और मास्टरस्ट्रोक आर्ट अवॉर्ड्स उसी सोच को आगे बढ़ाते हैं।

कार्यक्रम में किरण नाडर म्यूजियम ऑफ आर्ट की संस्थापक किरण नाडर भी मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि भारतीय कला को आम लोगों तक पहुंचाना बेहद जरूरी है और इसके लिए मुख्यधारा के मंचों की भूमिका अहम है।

इस अवसर पर एनडीटीवी मास्टरस्ट्रोक कैलेंडर का भी अनावरण किया गया, जिसे एनडीटीवी के क्रिएटिव डायरेक्टर रोहित चावला ने क्यूरेट किया है। रोहित चावला ने कहा कि ये अवॉर्ड्स उन कलाकारों और सांस्कृतिक योगदानकर्ताओं को सम्मान देने की कोशिश हैं, जिनका काम समाज और सोच को प्रभावित करता है।

कला संरक्षक शालिनी पासी, कला संग्रहकर्ता कल्याणी चावला और वरिष्ठ कम्युनिकेशंस रणनीतिकार दिलीप चेरियन ने भी इस पहल पर अपने विचार रखे और कला व संस्कृति के महत्व पर बात की। एनडीटीवी मास्टरस्ट्रोक आर्ट अवॉर्ड्स का पहला संस्करण फरवरी के पहले सप्ताह में आयोजित किया जाएगा।

 

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प्रमोटर्स के अलग होने की खबरों को ‘टीवी9 नेटवर्क’ ने बताया गलत, कही ये बात

‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) ने उन रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें दावा किया गया था कि मीडिया ग्रुप के प्रमोटर्स कंपनी से बाहर निकलने की योजना बना रहे हैं।

Last Modified:
Sunday, 21 December, 2025
TV9 Network

देश के प्रमुख न्यूज नेटवर्क्स में शुमार ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) ने उन रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें दावा किया गया था कि मीडिया ग्रुप के प्रमोटर्स कंपनी से बाहर निकलने की योजना बना रहे हैं।

इस बारे में जारी एक आधिकारिक बयान में टीवी9 नेटवर्क ने प्रमोटर एग्जिट से जुड़ी किसी भी अटकल को सिरे से नकारते हुए कहा कि इस तरह की रिपोर्ट्स कंपनी के स्वामित्व और स्ट्रैटेजिक दिशा की वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाती हैं।

आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘टीवी9 नेटवर्क अपने विज़न और मौजूदा संचालन के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जो जानकारी प्रसारित की जा रही है, उसे सही नहीं माना जाना चाहिए।’ नेटवर्क ने स्पष्ट किया कि प्रमोटर्स की मंशा या कंपनी में उनकी भूमिका में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है।

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अडानी ग्रुप को कोर्ट से राहत, कांग्रेस को डीपफेक वीडियो हटाने का आदेश

कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) और यूट्यूब को भी आदेश दिया है कि वे ये वीडियो 72 घंटे के अंदर अपने प्लेटफॉर्म से हटाएं।

Last Modified:
Saturday, 20 December, 2025
Court6523

अहमदाबाद की एक सिविल कोर्ट ने अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी और उसके चार नेताओं को निर्देश दिया है कि वे उद्योगपति गौतम अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े कथित अपमानजनक डीपफेक वीडियो को सोशल मीडिया से 48 घंटे के भीतर हटा दें।

कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) और यूट्यूब को भी आदेश दिया है कि वे ये वीडियो 72 घंटे के अंदर अपने प्लेटफॉर्म से हटाएं। यह आदेश गुरुवार को दिया गया।

अडानी एंटरप्राइजेज ने कांग्रेस, पार्टी के महासचिव जयराम रमेश, सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत, राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा, इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भानु चिब के खिलाफ कोर्ट का रुख किया था। इसके साथ ही X और यूट्यूब इंडिया को भी मामले में पक्षकार बनाया गया है।

कंपनी ने अपनी याचिका में कहा कि इन वीडियो में अडानी ग्रुप पर भ्रष्टाचार, जमीन हड़पने, राजनीतिक प्रभाव के गलत इस्तेमाल और आपराधिक गतिविधियों जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जो पूरी तरह झूठे और बिना किसी आधार के हैं। कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि ऐसे वीडियो किसी की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं और लोगों को गुमराह कर सकते हैं।

कोर्ट ने सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर पूछा है कि अगली सुनवाई में यह क्यों न माना जाए कि अडानी ग्रुप को पूरी राहत दी जाए। अदालत ने यह भी कहा है कि अगर आदेश का पालन नहीं होता है तो अडानी एंटरप्राइजेज सीधे सोशल मीडिया कंपनियों से वीडियो हटाने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।

इस मामले की अगली सुनवाई 29 दिसंबर को होगी।

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डिश टीवी को टैक्स मामले में बड़ी राहत, बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली जीत

यह मामला जनवरी 2014 से जून 2017 के बीच का है, जब डिश टीवी सेट-टॉप बॉक्स बनाने वाली कंपनियों को जॉब वर्क के आधार पर स्मार्ट कार्ड सप्लाई कर रही थी।

Last Modified:
Saturday, 20 December, 2025
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डिश टीवी इंडिया लिमिटेड को टैक्स से जुड़े एक पुराने मामले में बड़ी कानूनी जीत मिली है। बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने सेंट्रल जीएसटी और सेंट्रल एक्साइज, औरंगाबाद के कमिश्नर द्वारा दायर की गई अपील को खारिज कर दिया है। इससे पहले CESTAT मुंबई ने भी इस मामले में कंपनी के पक्ष में फैसला दिया था।

यह मामला जनवरी 2014 से जून 2017 के बीच का है, जब डिश टीवी सेट-टॉप बॉक्स बनाने वाली कंपनियों को जॉब वर्क के आधार पर स्मार्ट कार्ड सप्लाई कर रही थी। सर्विस टैक्स विभाग, औरंगाबाद ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने CENVAT क्रेडिट नियमों का उल्लंघन किया है और इसी आधार पर क्रेडिट वापस लेने की मांग की गई थी। जुलाई 2019 में कमिश्नर सीजीएसटी और सेंट्रल एक्साइज, औरंगाबाद ने विभाग की मांग को सही ठहराया था।

इसके बाद डिश टीवी ने इस आदेश के खिलाफ CESTAT मुंबई में अपील की, जहां 25 फरवरी 2025 को कंपनी के पक्ष में फैसला आया। इस फैसले को चुनौती देते हुए जीएसटी विभाग ने बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच में अपील दायर की थी।

28 नवंबर 2025 को हाई कोर्ट ने साफ कहा कि इस मामले में कानून से जुड़ा कोई बड़ा सवाल नहीं बनता, इसलिए जीएसटी विभाग की अपील खारिज की जाती है। कंपनी को इस फैसले की जानकारी 18 दिसंबर 2025 को मिली।

कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद फिलहाल उस पर किसी तरह का कोई वित्तीय बोझ, जुर्माना या मुआवजा नहीं बनता है। न ही इस मामले में किसी तरह के सेटलमेंट की जरूरत पड़ी है। कुल मिलाकर, यह फैसला डिश टीवी के लिए बड़ी राहत वाला है और टैक्स से जुड़ी अनिश्चितता को काफी हद तक खत्म करता है।

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Yaap में Vidooly के फाउंडर निशांत राडिया की एंट्री, बनाए गए प्लेटफॉर्म्स के हेड

डिजिटल मार्केटिंग कंपनी Yaap ने Vidooly के फाउंडर निशांत राडिया को प्लेटफॉर्म्स के हेड के तौर पर नियुक्त किया है।

Last Modified:
Thursday, 18 December, 2025
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डिजिटल मार्केटिंग कंपनी Yaap ने Vidooly के फाउंडर निशांत राडिया को प्लेटफॉर्म्स के हेड के तौर पर नियुक्त किया है। यह नियुक्ति Yaap के टेक्नोलॉजी, डेटा और प्लेटफॉर्म आधारित मार्केटिंग सॉल्यूशंस को आगे बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।

नई भूमिका में निशांत राडिया Yaap के प्लेटफॉर्म्स और प्रॉडक्ट्स की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनका फोकस कंपनी की अपनी टेक्नोलॉजी, डेटा इंटेलिजेंस सिस्टम और प्लेटफॉर्म्स को बनाने और उन्हें बड़े स्तर पर बढ़ाने पर होगा। इसमें इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग, कंटेंट इंटेलिजेंस, ब्रैंड परफॉर्मेंस एनालिटिक्स और क्रिएटर इकोसिस्टम से जुड़े प्लेटफॉर्म शामिल होंगे। यह नियुक्ति Yaap की उस रणनीति से जुड़ी है, जिसके तहत कंपनी सर्विस-बेस्ड डिजिटल एजेंसी से आगे बढ़कर टेक, आईपी और प्लेटफॉर्म पर आधारित कंपनी बनना चाहती है।

निशांत राडिया की नियुक्ति के साथ ही Yaap ने नोएडा में अपना नया Tech Hub भी लॉन्च किया है। यह टेक हब प्रोडक्ट इंजीनियरिंग, एआई आधारित इनोवेशन, डेटा साइंस और प्लेटफॉर्म डेवलपमेंट का मुख्य केंद्र होगा।

Yaap के फाउंडर अतुल हेगड़े ने कहा कि निशांत का जुड़ना कंपनी के लिए एक अहम मोड़ है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे मार्केटिंग ज्यादा डेटा और प्लेटफॉर्म पर आधारित हो रही है, वैसे-वैसे वही कंपनियां आगे बढ़ेंगी जिनके पास अपनी टेक्नोलॉजी होगी। निशांत के पास फाउंडर सोच, प्रोडक्ट की गहरी समझ और स्केल पर काम करने का अनुभव है, जो Yaap के लिए बेहद जरूरी है।

निशांत राडिया ने कहा कि Yaap से जुड़ने की सबसे बड़ी वजह यह सोच है कि अब एजेंसियों को प्रोडक्ट और टेक आधारित बिजनेस बनना होगा। उन्होंने कहा कि कंटेंट और डेटा के साथ उनके अनुभव का इस्तेमाल अब ऐसे सॉल्यूशंस बनाने में होगा, जो ब्रैंड्स और क्रिएटर्स के लिए असली वैल्यू लेकर आएं।

Vidooly के फाउंडर के तौर पर निशांत ने वीडियो एनालिटिक्स और ऐड इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म बनाया था, जो कई देशों में प्लेटफॉर्म्स, ब्रॉडकास्टर्स, एडवर्टाइजर्स और पब्लिशर्स के साथ काम करता रहा है। Yaap में उनका फोकस डेटा और टेक्नोलॉजी के जरिए बेहतर फैसले, सही माप और जवाबदेही वाले प्लेटफॉर्म्स बनाने पर रहेगा।

नोएडा टेक हब में प्रोडक्ट मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, डेटा साइंस और एआई की टीमें काम करेंगी। यह हब मुंबई, बेंगलुरु, दुबई और साउथईस्ट एशिया में मौजूद Yaap की टीमों के साथ मिलकर प्लेटफॉर्म डेवलपमेंट और लॉन्च को सपोर्ट करेगा।

टेक्नोलॉजी को और मजबूत करने के लिए अजय मिश्रा भी Yaap से जुड़ गए हैं, जिन्हें ग्रुप का चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) बनाया गया है। अजय मिश्रा भी Vidooly के को-फाउंडर रह चुके हैं और अब Yaap की टेक आर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग, डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर और एआई रोडमैप की जिम्मेदारी संभालेंगे।

निशांत राडिया और अजय मिश्रा की नियुक्ति और नोएडा टेक हब की शुरुआत के साथ Yaap ने साफ कर दिया है कि कंपनी अब अपनी मार्केटिंग सर्विसेज में टेक्नोलॉजी, डेटा और प्लेटफॉर्म्स को और मजबूती से जोड़ने जा रही है।

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