LEADING FROM THE FRONT: इन तीन शख्सियतों के नेतृत्व में नई बुलंदियां छू रहा जागरण प्रकाशन

‘एक्सचेंज4मीडिया’ द्वारा शुरू किए गए ‘Leading From The Front’ कॉलम की सीरीज के तहत आज हम उन तीन शख्सियतों पर प्रकाश डालेंगे, जिन्होंने आगे बढ़कर दैनिक जागरण का नेतृत्व किया है।

Last Modified:
Sunday, 16 July, 2023
Jagran


'समाचार4मीडिया' की सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) द्वारा शुरू किए गए ‘Leading From The Front’ कॉलम की सीरीज के तहत आज हम उन तीन शख्सियतों पर प्रकाश डालेंगे, जिन्होंने आगे बढ़कर दैनिक जागरण का नेतृत्व किया है। महात्मा गांधी ने 1942 में जब ‘अंग्रेजो भारत छोड़ो’ आंदोलन की शुरुआत की थी, उसी वक्त झांसी से पूर्णचंद्र गुप्त (अब दिवंगत) ने राष्ट्रीयता बोध और भारतीय चेतना को मजबूती देने के लिए जागरण समूह का शुभारंभ किया। हिंदुत्व की विचारधारा के साथ करीब 80 साल पहले जो अखबार शुरू किया गया, आज वह देश में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले क्षेत्रीय समाचार पत्रों में से एक है, जिसका श्रेय मुख्य रूप से तीन लोगों महेंद्र मोहन गुप्त, संजय गुप्त और शैलेष गुप्त को जाता है, जो इस ब्रैंड को लगातार नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। 

वर्तमान में नौ भाषाओं में कंटेंट के साथ प्रिंट, डिजिटल, रेडियो, आउट ऑफ होम (OOH) और एक्टिवेशन में लीडरशिप के साथ ‘जागरण प्रकाशन’ देश के अग्रणी मीडिया और कम्युनिकेशंस ग्रुप्स में से एक है। 80 मिलियन से ज्यादा पाठकों के साथ जागरण देश के सबसे बड़े प्रिंट मीडिया समूहों में से एक है और 15 राज्यों में पांच से अधिक भाषाओं में लगभग 12 प्रिंट प्रॉडक्ट्स के इसके लगभग 100 एडिशंस हैं।

कंपनी के प्रिंट मीडिया ब्रैंड्स की बात करें तो इनमें दैनिक जागरण, आईनेक्स्ट, मिड-डे, नई दुनिया, मिड-डे गुजराती, इंकलाब और पंजाबी जागरण शामिल हैं। वहीं, कंपनी के डिजिटल मीडिया ब्रैंड्स् में Jagran New Media, Jagran.com, Jagranjosh.com, Jagran Post, Jagran Junction और Jeetle शामिल हैं। ‘जागरण पहल’ कंपनी की सामाजिक पहल है। 

वर्ष 2005 में लायंस क्लब इंटरनेशनल द्वारा ‘Ambassador of Goodwill’ से सम्मानित डॉ. महेंद्र मोहन गुप्त जागरण प्रकाशन लिमिटेड के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर और एडिटोरियल डायरेक्टर हैं।  शुरुआती दिनों में जागरण में वित्तीय कार्य संभालने और अखबार की छपाई की देखरेख करने तक, आपातकाल के दौरान जेल जाने से लेकर जागरण के लिए ऐतिहासिक एफडीआई समझौते पर हस्ताक्षर करने, जागरण समूह को जनता के बीच ले जाने और इसे भविष्य के लिए तैयार करने तक महेंद्र का नेतृत्व प्रेरणादायक रहा है और उन्होंने समूह के कामकाज के हर पहलू पर अपनी छाप छोड़ी है। 

वर्ष 2006 में राज्यसभा सदस्य के रूप में चुने जा चुके महेंद्र मोहन गुप्त ने वर्षों तक मीडिया इंडस्ट्री की प्रमुख नीति-निर्धारण परिषदों (key policy-making councils) में अपनी जिम्मेदारी निभाई है। वह ‘ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशंस’ के मेंबर रह चुके हैं, ‘इंडियन लैंग्वेज न्यूजपेपर एसोसिएशन’ और ‘इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी’ के प्रेजिडेंट रह चुके हैं। इसके अलावा वह ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया’ के चेयरमैन और ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ के चेयरमैन व डायरेक्टर रह चुके हैं। यही नहीं, वह ‘फिल्म सेंसर बोर्ड’ के मेंबर भी रह चुके हैं। 

इसके साथ ही वह मर्चेंट्स चैंबर ऑफ उत्तर प्रदेश के डायरेक्टर, रीजनल डायरेक्ट टैक्स एडवाइजरी कमेटी, कानपुर (वित्तीय मंत्रालय) के मेंबर, मल्टीपल काउंसिल लॉयन्स क्लब्स इंटरनेशनल के चेयरमैन, इंडियन एकैडमी ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज मिर्जापुर के संरक्षक, यूपी वेटर्न्स क्रिकेट एसोसिएशन के संरक्षक और कानपुर रोटरी किड्नी फाउंंडेशन के संंरक्षक समेत तमाम प्रमुख भूमिकाएं निभा चुके हैं।  हिंदी पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए अखिल भारतीय राष्ट्रीय एकता सम्मेलन द्वारा ‘इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार’ से सम्मानित महेंद्र मोहन गुप्त विभिन्न जिलों में लायंस क्लब इंटरनेशनल के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा वह समूह के धर्मार्थ ट्रस्ट, ‘श्री पूर्णचंद्र गुप्त स्मारक ट्रस्ट’ के तहत संचालित तमाम सामाजिक गतिविधियों के पीछे प्रेरक शक्ति रहे हैं।

वहीं, 59 वर्षीय संजय गुप्त ने दैनिक जागरण ब्रैंड को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। वह दैनिक जागरण के एडिटर-इन-चीफ हैं। संजय गुप्त के नेतृत्व में दैनिक जागरण अपनी विश्वसनीयता, ईमानदारी और राष्ट्र निर्माण की विचारधारा के साथ वर्ष 2003 से देश का सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला अखबार बना हुआ है। इस मीडिया कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, 75 से अधिक वर्षों से स्वतंत्रता और स्वतंत्र अभिव्यक्ति की यह प्रतिष्ठित आवाज उत्कृष्टता के मानकों को स्थापित कर रही है, जिसने पाठकों और इंडस्ट्री को समान रूप से प्रेरित किया है। उनके नेतृत्व में इस अखबार ने ‘इंडियन रीडरशिप सर्वे’ (IRS) में लगातार तीन बार शीर्ष स्थान हासिल किया है। संजय गुप्त क्षेत्रीय भाषा के उपयोग के साथ-साथ अखबार में राज्य की भाषा को शामिल करने में विश्वास रखते हैं।  

एक बार उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि अखबार ‘हिंदुत्व/भारतीयता’ के सिद्धांत पर कायम है। उनका कहना था, ‘भारतीयता का हिंदी शब्द हिंदुत्व है और हम इसके लिए खड़े हैं और हमेशा इसके लिए लिखेंगे। इससे समाज की बहुत सारी भावनाएं जुड़ी हुई हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम उन पार्टियों के खिलाफ हैं जो धर्म के आधार पर मतदाताओं को खुश करती हैं और जाति और पंथ के आधार पर समाज को विभाजित करती हैं। जागरण में हम इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट हैं कि हम इन चीजों के समर्थन में नहीं लिखेंगे।’

इसके साथ ही उनका यह भी कहना था, ‘तमाम अखबारों के विपरीत हम ऑब्जेक्टिव होने में विश्वास करते हैं और भारतीयता के पक्ष में खड़े हैं। हिंदुत्व में कुछ भी गलत नहीं है। मीडिया अक्सर हिंदुत्व की सही भावना को समझे बिना इसकी आलोचना करता नजर आता है। हिंदुत्व से समाज की बहुत सारी भावनाएं जुड़ी हुई हैं। हम उस भावना का सम्मान करते हैं। यह हमारा विक्रय बिंदु (selling point) बना रहेगा।’

संजय गुप्त ने साइंस में ग्रेजुएशन किया है। उन्हें प्रिंट मीडिया इंडस्ट्री में करीब 40 साल का अनुभव है। वर्ष 2020 में उन्हें ‘प्रसार भारती’ के बोर्ड में पांच साल के लिए अंशकालिक सदस्य (part-time member) के रूप में नियुक्त किया गया था। वह ‘Midday Infomedia Limited’, ‘MMI Online Limited’ के डायरेक्टर और ‘The Indian Newspaper Society’ की एग्जिक्यूटिव कमेटी में मेंबर हैं। संजय गुप्त ‘भारतीय प्रबंधन संस्थान’ (IIM), अमृतसर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन भी हैं। इन सबके अलावा वह ‘जागरण मीडिया नेटवर्क इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड’ के डायरेक्टर हैं।

इंडस्ट्री में उल्लेखनीय योगदान के लिए संजय गुप्त को तमाम प्लेटफॉर्म्स पर सम्मानित किया जा चुका है। इनमें सबसे उल्लेखनीय केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा उन्हें प्रदान किया गया 'एडिटर ऑफ द ईयर अवॉर्ड' है। मीडिया में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें एआईएमए मैनेजिंग इंडिया अवॉर्ड और पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान के लिए केसरी-मराठा ट्रस्ट द्वारा लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। 

वहीं, जागरण प्रकाशन लिमिटेड के पूर्णकालिक निदेशक शैलेष गुप्त भारतीय मीडिया इंडस्ट्री में सबसे सम्मानित नामों में से एक हैं। पिछले 25 वर्षों में शैलेष गुप्त ने जागरण की मार्केटिंग स्ट्रैटेजी को एक नया आयाम प्रदान किया है और जागरण समूह में व्यापक बदलाव लाने के केंद्र में रहे हैं। वह ‘म्यूजिक ब्रॉडकास्ट लिमिटेड’ और ‘मिडडे इंफोमीडिया लिमिटेड’ के डायरेक्टर के पद पर भी कार्यरत हैं।

अपने बेहतरीन करियर के दौरान वह कई इंडस्ट्री निकायों के शीर्ष पर रहे हैं और उनकी व्यावसायिकता व देश में मीडिया इंडस्ट्री की उनकी खास समझ के लिए उन्हें काफी सम्मानजनक श्रेणी में रखा जाता है। वह वर्ष 2019-20 में ‘इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी’ (INS) के प्रेजिडेंट रह चुके हैं।

शैलेष को वर्ष 2004-05 के लिए ‘ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन’ (ABC) की मैनेजिंग कमेटी में सबसे कम उम्र के सदस्य के रूप में चुना गया था और वर्ष 2012-13 में वह इसके चेयरमैन रह चुके हैं। वर्ष 2021 में उन्होंने ‘मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल’ (MRUC) के वाइस चेयरमैन का पदभार संभाला, जो देश में सबसे प्रमुख मीडिया अनुसंधान निकायों में से एक है, जिसका गठन देश में सटीक, समय पर और कुशल मीडिया अनुसंधान के एकमात्र उद्देश्य से किया गया है।

रोटरी क्लब, भारत द्वारा 'Youngest Entrepreneur Of The Year' के रूप में मान्यता प्राप्त शैलेष गुप्त को 'इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी' (INS) द्वारा वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स, पेरिस के बोर्ड में भी नामांकित किया गया था। इन सबके अलावा शैलेष को मर्चेंट्स चैंबर ऑफ यूपी द्वारा 'एक्सीलेंस अवार्ड फॉर कम्युनिकेशन एंड मास एंटरटेनमेंट' और वर्ष 2014 में वर्ल्ड मार्केटिंग कांग्रेस द्वारा 'मोस्ट टैलेंटेड सीएमओ ऑफ इंडिया' से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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‘प्रभात खबर’ के एडिटर-इन-चीफ आशुतोष चतुर्वेदी बने केंद्रीय सूचना आयुक्त

करीब नौ साल से ‘प्रभात खबर’ की कमान संभाल रहे आशुतोष चतुर्वेदी 15 दिसंबर से अपना नया कार्यभार संभालेंगे।

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Published - Sunday, 14 December, 2025
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Sunday, 14 December, 2025
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वरिष्ठ पत्रकार और ‘प्रभात खबर’ (Prabhat Khabar) के एडिटर-इन-चीफ आशुतोष चतुर्वेदी को केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया है। वह 15 दिसंबर से अपना कार्यभार संभालेंगे।

करीब नौ साल से ‘प्रभात खबर’ की कमान संभाल रहे आशुतोष चतुर्वेदी को पत्रकारिता के क्षेत्र में करीब 40 साल का अनुभव है। ‘प्रभात खबर’ से पहले वह ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) के एग्जिक्यूटिव एडिटर के तौर रह चुके हैं।

आशुतोष चतुर्वेदी ने ‘बीबीसी लंदन’ में तीन साल और फिर पांच साल ‘बीबीसी दिल्ली’ में कार्य किया है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ‘माया’ में ट्रेनी के रूप में की थी। उसके बाद ‘इंडिया टुडे’,  ‘संडे आब्जर्वर’, ‘दैनिक जागरण’, ‘बीबीसी लंदन’ और ‘दिल्ली’ व फिर ‘अमर उजाला’ होते हुए ‘प्रभात खबर’ पहुंचे।

वह अमर उजाला के दिल्ली ब्यूरो चीफ भी रह चुके हैं। उन्हें रिपोर्टिंग, अखबार के प्रोडक्शन और बेवसाइट तीनों का व्यापक अनुभव हैं। उन्होंने देश के राष्ट्रपति और कई वरिष्ठ पदों पर आसीन शख्सियतों के साथ कई विदेश यात्राएं भी की है। उन्होंने ‘बीबीसी हिंदी’ की वेबसाइट लांच करने में अहम भूमिका निभाई।

समाचार4मीडिया की ओर से आशुतोष चतुर्वेदी को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं। 

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'S4M पत्रकारिता 40अंडर40': आवेदन करने के लिए दो दिन शेष, जल्द होगी जूरी मीट

एक्सचेंज4मीडिया समूह की हिंदी वेबसाइट 'समाचार4मीडिया' पत्रकारिता जगत से जुड़े 40 प्रतिभाशाली युवाओं ‘40 अंडर 40’ (40 Under 40) की लिस्ट एक बार फिर तैयार करने जा रही है। इ

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Published - Friday, 12 December, 2025
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Friday, 12 December, 2025
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एक्सचेंज4मीडिया (exchange4media) समूह की हिंदी वेबसाइट 'समाचार4मीडिया' (samachar4media.com) पत्रकारिता जगत से जुड़े 40 प्रतिभाशाली युवाओं ‘40 अंडर 40’ (40 Under 40) की लिस्ट एक बार फिर तैयार करने जा रही है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की अंतिम तारीख 14 दिसंबर है। इसके बाद किसी की भी एंट्री मान्य नहीं होगी।

बता दें कि यह इस कार्यक्रम का चौथा एडिशन है। पिछले तीन एडिशंस की तरह इस बार भी इस लिस्ट में मीडिया जगत से जुड़े 40 साल से कम उम्र वाले ऐसे 40 पत्रकारों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने अपने काम के जरिये इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई है और शिखर पर पहुंचे हैं। इसमें प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकारों को शामिल किया जाएगा।

इन पत्रकारों का चुनाव एक प्रतिष्ठित जूरी के द्वारा किया जाएगा, जिसकी तारीफ जल्द ही घोषित कर दी जाएगी। जूरी में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित नाम शामिल होंगे, जो विभिन्न कसौटियों पर एंट्रीज का आकलन करेंगे और विजेताओं का चयन उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके नेतृत्व कौशल और इंडस्ट्री में उनके योगदान आदि मानदंडों के आधार पर करेंगे।

पिछले तीनों संस्करणों की तरह ‘हिन्दुस्तान’ के एडिटर-इन-चीफ शशि शेखर इस बार भी इस कार्यक्रम में जूरी चेयर होंगे। जूरी में ‘बिजनेसवर्ल्ड ग्रुप’ और ‘एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप’ में चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा; ‘बीएजी नेटवर्क’ की सीएमडी और ‘न्यूज24’ की एडिटर-इन-चीफ श्रीमती अनुराधा प्रसाद; ‘प्रभात खबर’ के एडिटर-इन-चीफ आशुतोष चतुर्वेदी; ‘आजतक’, ‘गुड न्यूज टुडे’ व ‘इंडिया टुडे’ के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद; ‘अमर उजाला’ (डिजिटल) में संपादक जयदीप कर्णिक; ‘इंडिया हैबिटेट सेंटर’ में डायरेक्टर प्रो. (डॉ.) के.जी सुरेश; ‘एबीपी नेटवर्क’ में वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड ऑपरेशंस) रजनीश आहूजा; बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (BCCL) में कॉरपोरेट अफेयर्स हेड राहुल महाजन; ‘जी न्यूज’ में मैनेजिंग एडिटर राहुल सिन्हा; ‘इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी’ के पूर्व प्रेजिडेंट राकेश शर्मा शामिल हैं।

इनके अलावा जूरी में वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत; वरिष्ठ पत्रकार संत प्रसाद राय; ‘Loud India TV’ के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ संतोष भारतीय; वरिष्ठ पत्रकार सतीश के सिंह; ‘नेटवर्क18 समूह’ में सलाहकार संपादक शमशेर सिंह; वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी; वरिष्ठ पत्रकार सुमित अवस्थी; वरिष्ठ पत्रकार वाशिंद्र मिश्र; ‘अमर उजाला’ में सलाहकार संपादक विनोद अग्निहोत्री; और ‘दैनिक जागरण’ में कार्यकारी संपादक विष्णु प्रकाश त्रिपाठी भी शामिल हैं।

इस कार्यक्रम के बारे में ज्यादा जानकारी व रजिस्ट्रेशन के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं।

 नोट: समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40अंडर40 अवॉर्ड के पूर्व विजेता कृपया रजिस्ट्रेशन न करें। उन्हें इस कार्यक्रम में बतौर प्रतिभागी शामिल नहीं किया जाएगा।

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तमिलनाडु सरकार बुजुर्ग पत्रकारों को देगी 12,000 रुपये पेंशन, CM ने आदेश पत्र सौंपे

तमिलनाडु सरकार ने पत्रकारों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। राज्य सरकार ने बताया कि पत्रकार पेंशन योजना के तहत 42 जरूरतमंद और बुजुर्ग पत्रकारों को हर महीने 12,000 रुपये पेंशन दी जाएगी।

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Published - Thursday, 11 December, 2025
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Thursday, 11 December, 2025
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तमिलनाडु सरकार ने पत्रकारों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। राज्य सरकार ने बताया कि पत्रकार पेंशन योजना के तहत 42 जरूरतमंद और बुजुर्ग पत्रकारों को हर महीने 12,000 रुपये पेंशन दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने 27 नवंबर को आदेश जारी किया था।

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सोमवार को सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में 10 पत्रकारों को प्रतीकात्मक रूप से पेंशन आदेश पत्र भी सौंपे। बाकी पत्रकारों को भी जल्द ही पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।

सरकार ने कहा कि पत्रकार जनता और सरकार के बीच पुल की तरह काम करते हैं—चाहे बारिश हो, बाढ़ हो, तूफान हो या कोई बड़ा हादसा। मुश्किल समय में भी वे दिन-रात बिना रुके काम करते हैं ताकि लोग सच्ची खबरें पा सकें। इसी योगदान को देखते हुए पत्रकारों के लिए कई कल्याण योजनाएँ चलाई जा रही हैं।

पत्रकारों के लिए सरकार की अन्य महत्वपूर्ण पहलें:

  • 2023 में पत्रकार पेंशन को 10,000 से बढ़ाकर 12,000 रुपये किया गया।

  • पत्रकारों के परिवार को मिलने वाली फैमिली पेंशन को 5,000 से बढ़ाकर 6,000 रुपये किया गया।

  • 2021 के बाद से अब तक 125 पत्रकारों को मासिक पेंशन दी गई है।

  • 27 पत्रकारों के परिवारों को फैमिली पेंशन दी गई है।

  • 59 पत्रकार परिवारों को सरकार ने 2.09 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी है।

  • पत्रकारों को चिकित्सा सहायता भी 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी गई है।

  • काम के दौरान निधन होने पर परिवार को मिलने वाली मदद को लगभग दो गुना बढ़ाया गया है (राशि 1.25 लाख से 10 लाख तक बढ़ी)।

सरकार ने बताया कि पत्रकार कल्याण बोर्ड 2021 में बनाया गया था और अब तक 3,674 पत्रकार इसके सदस्य बन चुके हैं। इसमें शिक्षा, शादी, मातृत्व, इलाज और अंतिम संस्कार तक की मदद दी जा रही है।

कार्यक्रम में सूचना और जनसंपर्क मंत्री एम.पी. सामीनाथन, मुख्य सचिव एन. मुरुगानंदम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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2025 बदलाव का साल, 2026 विश्वास की अग्निपरीक्षा होगी: अखिलेश शर्मा

आज जनरेटिव एआई टूल्स हर किसी की पहुँच में हैं। तस्वीरें गढ़ी जा सकती हैं, आवाज़ें बनावटी बनाई जा सकती हैं, वीडियो नकली हो सकते हैं और ख़बरें पल भर में फैल सकती हैं।

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Published - Thursday, 11 December, 2025
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Thursday, 11 December, 2025
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अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार।

भारतीय मीडिया के इतिहास में 2025 को उस वर्ष के रूप में याद किया जाएगा, जब न्यूज़रूम ने पारंपरिक ब्रॉडकास्ट दौर से निकलकर एल्गोरिदम आधारित युग में निर्णायक प्रवेश किया। वर्षों से जिस कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को भविष्य की तकनीक कहा जा रहा था, वह अब वर्तमान की सच्चाई बन चुकी है। धीरे-धीरे ही सही, लेकिन न्यूज़रूम अब एआई की शक्ति और प्रभाव को स्वीकार कर रहे हैं।

तकनीक का उपयोग प्रगति का संकेत है, लेकिन यह भी उतना ही ज़रूरी है कि तकनीक पत्रकारिता की आत्मा सत्य, संवेदनशीलता और नैतिकता पर भारी न पड़ जाए। आज जनरेटिव एआई टूल्स हर किसी की पहुँच में हैं। तस्वीरें गढ़ी जा सकती हैं, आवाज़ें बनावटी बनाई जा सकती हैं, वीडियो नकली हो सकते हैं और ख़बरें पल भर में फैल सकती हैं।

सच और झूठ के बीच की रेखा पहले से कहीं ज़्यादा धुँधली हो चुकी है। ऐसे दौर में मीडिया की भूमिका केवल सूचना देने की नहीं, बल्कि सच और भ्रम के बीच फर्क करने की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी की बन जाती है। समाज आज भी उसी उम्मीद से मीडिया की ओर देखता है कि वह 'दूध और पानी' को अलग करके रखे।यही वजह है कि 2026 की सबसे बड़ी चुनौती खबर जुटाना नहीं, बल्कि खबर पर जनता का भरोसा बनाए रखना होगी।

आज खबरें हर तरफ हैं, लेकिन भरोसा दुर्लभ होता जा रहा है। दर्शक, पाठक और श्रोता अब हर सूचना पर सवाल उठा रहे हैं और यह सवाल उठाना गलत भी नहीं है। भरोसे की यह कमी मीडिया संस्थानों के लिए सबसे बड़ा संकट बनकर उभर रही है। इस भरोसे की एक बड़ी कसौटी रफ़्तार और सच के बीच संतुलन होगा। सबसे पहले ख़बर देने की होड़ में अगर सच पीछे छूट जाए, तो जीत भी हार में बदल जाती है।

हाल के समय में हमने देखा कि कैसे जल्दबाज़ी में अभिनेता धर्मेन्द्र के निधन की झूठी खबर वायरल हो गई। डिजिटल और टीवी मीडिया के कई बड़े मंच इस गलती का हिस्सा बने। कुछ ही मिनटों में खंडन आ गया, लेकिन उन कुछ मिनटों ने मीडिया की साख को गहरी चोट पहुँचा दी। 2026 में चुनौती यह होगी कि खबर सबसे पहले देने की नहीं, बल्कि सही देने की हो।

रफ्तार और सत्य दोनों को साथ लेकर चलने की परीक्षा होगी। अगर मीडिया इस दौड़ में संयम खो बैठा, तो पहले से उठ रहे सवाल और भी तीखे हो जाएंगे। इसी के साथ एक और गहरी चुनौती एल्गोरिदम से जुड़ी है। एल्गोरिदम ने समाज को ईको चैंबर में कैद कर दिया है। हर व्यक्ति वही देख रहा है, वही सुन रहा है, जो उसकी पसंद, उसकी सोच और उसके पूर्वग्रहों के अनुकूल है। उसे वह नहीं दिख रहा, जो जानना उसके लिए ज़रूरी है। विचारों की विविधता सिमट रही है, संवाद की जगह टकराव बढ़ रहा है।

ऐसे माहौल में ज़िम्मेदार मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वह इस ईको चैंबर को कैसे तोड़े और सच को उस व्यक्ति तक कैसे पहुँचाए, जो सच सुनना नहीं, केवल वही सुनना चाहता है जो उसे अच्छा लगता है। 2026 में मीडिया की सबसे बड़ी पूँजी रफ्तार नहीं, भरोसा होगा। वही मीडिया टिकेगा, जिसे लोग संकट के समय याद करेंगे, जिसके शब्दों पर लोग विश्वास करेंगे, और जिसकी खबरों को लोग साझा करने से पहले संदेह की नज़र से नहीं देखेंगे।

हम ब्रॉडकास्ट से अब नैरोकास्ट के दौर में प्रवेश कर चुके हैं। पहले एक ही सिग्नल करोड़ों लोगों तक जाता था। अब एल्गोरिदम हर व्यक्ति के लिए अलग सिग्नल बना रहा है। अब चुनौती यह नहीं कि आवाज़ कितनी दूर जाए, बल्कि यह है कि जो आवाज़ जाए, वह कितनी सच्ची, कितनी निष्पक्ष और कितनी विश्वसनीय हो।2026 दरअसल भारतीय मीडिया के लिए तकनीक की नहीं, चरित्र की परीक्षा का साल होगा। भरोसा ही वह धुरी बनेगा, जिस पर मीडिया का भविष्य टिका रहेगा।

( यह लेखक के निजी विचार हैं )

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'एजेंडा आजतक' के मंच से पुतिन इंटरव्यू की गूंज: कली पुरी ने बताई पर्दे के पीछे की कहानी

दिल्ली के ताज पैलेस में शुरू हुए ‘एजेंडा आजतक’ के मंच से इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इंटरव्यू से जुड़े अनुभव साझा किए।

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Published - Thursday, 11 December, 2025
Last Modified:
Thursday, 11 December, 2025
kalipuri

राजधानी दिल्ली के ताज पैलेस होटल में शुरू हुए देश के सबसे बड़े न्यूज समिट ‘एजेंडा आजतक’ का उद्घाटन इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और कार्यकारी संपादक कली पुरी ने किया। अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुए ऐतिहासिक इंटरव्यू की पूरी कहानी साझा की।

उन्होंने कहा कि यह इंटरव्यू सिर्फ एक चैनल की उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए सम्मान की बात है। कली पुरी ने बताया कि रूस की टीम ने कई महीनों तक तमाम वैश्विक मीडिया संस्थानों का डेटा, भरोसा, प्रभाव और दर्शक वर्ग का अध्ययन किया। इन सब मानकों पर आजतक खरा उतरने के बाद ही रूस ने भारतीय चैनल को यह मौका दिया।

उन्होंने कहा कि भारत की एक छोटी टीम ने क्रेमलिन में इंटरव्यू के दौरान सेट, रोशनी और प्रस्तुति को लेकर बहुत बारीक सुझाव दिए, जिसे देखकर रूसी अधिकारी भी हैरान रह गए। इंटरव्यू के दौरान अंजना ओम कश्यप और गीता मोहन के सवालों की तैयारी और तालमेल ने रूसी टीम को बेहद प्रभावित किया। यही कारण रहा कि तय समय से ज्यादा देर तक राष्ट्रपति पुतिन ने बातचीत की और यह इंटरव्यू और भी खास बन गया।

कली पुरी ने बताया कि इस संवाद के बाद दुनिया के कई बड़े मीडिया संस्थानों ने इस इंटरव्यू को प्रमुखता से जगह दी। इससे यह साबित हुआ कि भारतीय पत्रकारिता अब सिर्फ घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी मजबूत पहचान बना चुकी है।

उन्होंने कहा कि आजतक ने उन विषयों पर भी सवाल पूछे, जिन पर बाकी विदेशी मीडिया खामोश था। उन्होंने अपने संबोधन के अंत में दर्शकों का आभार जताते हुए कहा कि दर्शकों का भरोसा ही आजतक को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाता है और यही विश्वास आगे भी बड़ी उपलब्धियों की ताकत बनेगा।

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एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने 2025-26 के लिए नई एग्जिक्यूटिव कमिटी का ऐलान किया

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का मुख्यालय नई दिल्ली के रफी मार्ग स्थित आईएनएस भवन में है। यह घोषणा मीडिया जगत में उत्साह का विषय बनी हुई है, जहां अनुभवी नामों का समावेश देखा जा रहा है।

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Published - Wednesday, 10 December, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 December, 2025
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भारतीय पत्रकारिता के प्रमुख संगठन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने 2025-26 के कार्यकाल के लिए अपनी एग्जिक्यूटिव कमिटी के सदस्यों की घोषणा कर दी है। इस कमिटी में 23 प्रमुख पत्रकारों और संपादकों को शामिल किया गया है, जो मीडिया इंडस्ट्री की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। गिल्ड के कार्यालय सहयोगियों ने इसकी आधिकारिक सूचना जारी की है।

कमिटी में वरिष्ठ पत्रकार अयाज़ मेमन, आलोक मेहता (पूर्व मुख्य संपादक, आउटलुक हिंदी), आशुतोष (सत्य हिंदी के सह-संस्थापक और संपादक), जयंत मामेन मैथ्यू (मलयाला मनोरमा के कार्यकारी संपादक), कुमकुम चड्ढा (हिन्दुस्तान टाइम्स की वरिष्ठ पत्रकार), कविता देवी (खबर लहरिया की मुख्य संपादक), केएन हरि कुमार (पूर्व मुख्य संपादक, डेक्कन हेराल्ड और प्रजा वाणी), माधव नलपत (आईटीवी नेटवर्क के संपादकीय निदेशक), ओम थानवी (पूर्व संपादक, जनसत्ता), प्रकाश दुबे (दैनिक भास्कर के ग्रुप संपादक), रश्मि कोटी (अंडोलन की प्रबंध संपादक) राघव बहल (द क्विंट के मुख्य संपादक), राज चेंगप्पा (टीवी टुडे नेटवर्क के परामर्शी संपादक), राजदीप सरदेसाई (इंडिया टुडे के परामर्शी संपादक), रवि एन (द हिंदू के पूर्व मुख्य संपादक), सुगता श्रीनिवासराजू (वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और कॉलमिस्ट), शेखर गुप्ता (दप्रिंट के मुख्य संपादक और चेयरमैन), सीमा मुस्तफा (द सिटिजन की मुख्य संपादक), अनंत नाथ (द कारवां के संपादक), टीएन नीनन (बिजनेस स्टैंडर्ड के चेयरमैन), विजय नायक (सकल मीडिया ग्रुप के दिल्ली परामर्शी संपादक), भारत भूषण (वरिष्ठ पत्रकार और कॉलमिस्ट) तथा श्रेणिक राव (मद्रास कूरियर के मुख्य संपादक) शामिल हैं।

इसके अलावा, विशेष आमंत्रित सदस्यों के रूप में जॉन डेयल (इंडियन करेंट्स के परामर्शी संपादक) और हरिश खरे (द ट्रिब्यून के पूर्व मुख्य संपादक) को शामिल किया गया है। गिल्ड के अध्यक्ष संजय कपूर, महासचिव राघवन श्रीनिवासन और कोषाध्यक्ष टेरेसा रहमान ने संयुक्त रूप से इस घोषणा पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा, 'यह कमिटी भारतीय पत्रकारिता की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और विविधता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।'

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का मुख्यालय नई दिल्ली के रफी मार्ग स्थित आईएनएस भवन में है। यह घोषणा मीडिया जगत में उत्साह का विषय बनी हुई है, जहां विभिन्न क्षेत्रों के अनुभवी नामों का समावेश देखा जा रहा है।

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Synergy Advanced Metals ने अपूर्व चंद्रा को बनाया स्वतंत्र निदेशक

सिनर्जी एडवांस्ड मेटल्स (Synergy Advanced Metals) ने अपूर्व चंद्रा को अपना नया इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नियुक्त किया है।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 09 December, 2025
Last Modified:
Tuesday, 09 December, 2025
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सिनर्जी एडवांस्ड मेटल्स (Synergy Advanced Metals) ने अपूर्व चंद्रा को अपना नया इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति 15 अक्टूबर 2025 से लागू हो गई है।

अपूर्व चंद्रा के पास 32 साल से ज्यादा का अनुभव है। वह भारत सरकार के कई बड़े मंत्रालयों में काम कर चुके हैं, जिनमें स्वास्थ्य मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय शामिल हैं।

कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनुभव कथूरिया ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि अपूर्व चंद्रा के जुड़ने से कंपनी के फैसले और गवर्नेंस और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि उनकी नीतिगत समझ और प्रशासनिक अनुभव कंपनी के लिए बेहद फायदेमंद रहेगा।

इससे पहले कंपनी ने नीलकमल दरबारी और अरुंधति कर को भी स्वतंत्र निदेशक के तौर पर अपने बोर्ड में शामिल किया था।

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'शेमारू एंटरटेनमेंट' को मिला एक और नोटिस, टैक्स अथॉरिटी ने लगाया बड़ा जुर्माना

शेमारू एंटरटेनमेंट (Shemaroo Entertainment Limited) को CGST & Central Excise, मुंबई के ऑफिस से 28 नवंबर 2025 का एक आदेश मिला है

Vikas Saxena by
Published - Tuesday, 09 December, 2025
Last Modified:
Tuesday, 09 December, 2025
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शेमारू एंटरटेनमेंट (Shemaroo Entertainment Limited) को CGST & Central Excise, मुंबई के ऑफिस से 28 नवंबर 2025 का एक आदेश मिला है, जिसे कंपनी को 8 दिसंबर 2025 को प्राप्त हुआ। यह आदेश कंपनी द्वारा फरवरी 2025 में दायर अपील के जवाब में जारी किया गया है।

कंपनी का कहना है कि आदेश में लगाई गई कर मांग और जुर्माना (Input Tax Credit सहित) कानूनन सही नहीं है। कंपनी इस आदेश को चुनौती देने के लिए सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग करेगी और आवश्यक समयसीमा में आगे की कार्यवाही करेगी।

आदेश में कंपनी पर कुल 70.26 करोड़ रुपये के ITC (इनपुट टैक्स क्रेडिट) की रिकवरी, लागू ब्याज और जुर्माने का दावा किया गया है। इसके अलावा, CGST और IGST एक्ट के तहत 63.35 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जुर्माना और कंपनी के Joint Managing Director, CEO और CFO पर 133.61 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

कंपनी ने कहा कि उनके आकलन के अनुसार यह मांग कानूनी रूप से सही नहीं है, और कंपनी इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायिक फोरम में अगली अपील दायर करने की प्रक्रिया में है।

बता दें कि इससे पहले शेमारू एंटरटेनमेंट को हाल ही में मुंबई के डिप्टी कमिश्नर ऑफ स्टेट टैक्स कार्यालय से नोटिस मिला। यह नोटिस CGST/MGST एक्ट 2017, IGST एक्ट 2017 और Goods and Services Tax (Compensation to States) Act, 2017 के तहत GST ऑडिट (अप्रैल 2021 – मार्च 2022) के दौरान जारी किया गया। नोटिस की राशि लगभग ₹30.61 लाख बताई गई।

इस नोटिस के खिलाफ भी कंपनी अपील दायर करने की प्रक्रिया में है और उनका मानना है कि यह मांग सही नहीं है।

शेमारू एंटरटेनमेंट देश की एक प्रमुख कंटेंट क्रिएटर, एग्रीगेटर और डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी है, जो मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करती है। कंपनी की शुरुआत 1962 में बुद्धिचंद मारू ने शेमारू नाम से एक बुक-सर्कुलेटिंग लाइब्रेरी के रूप में की थी। इसके बाद 1979 में शेमारू ने भारत का पहला वीडियो रेंटल बिजनेस भी शुरू किया।

आज कंपनी किताबों से लेकर फिल्मों, वीडियो और डिजिटल कंटेंट तक की एक लंबी और विकसित यात्रा तय कर चुकी है और भारतीय मीडिया इंडस्ट्री में एक भरोसेमंद नाम बन चुकी है।

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Sorta Famous ने भारत में दी दस्तक, ब्रैंड्स को नए अंदाज में पहचान दिलाने का लक्ष्य

कल्चर-ड्राइवेन स्टोरीटेलिंग और मॉडर्न ब्रैंड-बिल्डिंग के लिए जानी जाने वाली पब्लिक रिलेशंस एजेंसी Sorta Famous ने आधिकारिक रूप से भारत में अपनी शुरुआत कर दी है।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 09 December, 2025
Last Modified:
Tuesday, 09 December, 2025
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कल्चर-ड्रिवेन स्टोरीटेलिंग और मॉडर्न ब्रैंड-बिल्डिंग के लिए जानी जाने वाली पब्लिक रिलेशंस एजेंसी Sorta Famous ने आधिकारिक रूप से भारत में अपनी शुरुआत कर दी है। कंपनी का मकसद है कि ब्रैंड्स को इस बदलती मीडिया की दुनिया में सही मायने में पहचान और असर दिलाया जा सके।

इस एजेंसी की स्थापना कम्युनिकेशन स्ट्रैटेजिस्ट नंदिनी महांत ने की है। Sorta Famous का फोकस पारंपरिक पीआर और आज के कल्चर-आधारित कम्युनिकेशन के बीच की खाई को पाटने पर है। एजेंसी ब्रैंड कम्युनिकेशन, मीडिया रिलेशंस, डिजिटल पीआर, थॉट लीडरशिप, क्रिएटर पार्टनरशिप, रेप्युटेशन मैनेजमेंट और नए व पुराने ब्रैंड्स के लिए लॉन्च स्ट्रेटजी जैसी कई सेवाएं देगी।

नंदिनी महांत ने कहा, “भारत में कम्युनिकेशन का तरीका बहुत तेजी से बदल रहा है। आज ब्रैंड्स को सिर्फ पुराने पीआर की नहीं, बल्कि कल्चरल इंटेलिजेंस की भी जरूरत है। Sorta Famous की कोशिश है कि ब्रैंड्स लोगों तक ऐसे तरीके से पहुंचे जो असली लगे, समझ में आए और लोगों को जोड़कर रखे। हम सिर्फ हेडलाइंस के पीछे नहीं भागते, हम ऐसे नैरेटिव बनाते हैं जिनसे लोग सच में कनेक्ट करें।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा तरीका तीन बातों पर चलता है- स्पष्टता, क्रिएटिविटी और भरोसा। चाहे ब्रैंड आइडेंटिटी बनानी हो, किसी की आवाज को जोर से पहुंचाना हो या मजबूत पहचान बनानी हो, हमारा फोकस लंबे समय तक असर छोड़ने पर है, न कि सिर्फ थोड़े समय के शोर पर।”

भारत में लॉन्च के साथ, Sorta Famous हाई-ग्रोथ स्टार्टअप्स, कंज्यूमर ब्रैंड्स, क्रिएटर्स और लीडर्स के साथ मिलकर काम करना चाहती है, जो सही स्टोरीटेलिंग के जरिए अपनी ब्रैंड वैल्यू बढ़ाना चाहते हैं।

एजेंसी फिलहाल पूरे भारत में रिमोट तरीके से काम करेगी और आने वाले समय में बड़े मेट्रो शहरों में अपनी टीमों को जमीन पर उतारने की योजना है।

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BAG Convergence ने तनवीर आजम को किया नियुक्त, मिली ये बड़ी जिम्मेदारी

BAG Convergence ने तनवीर आजम को चीफ कंटेंट ऑफिसर (CCO) और इवेंट्स हेड नियुक्त किया है।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 08 December, 2025
Last Modified:
Monday, 08 December, 2025
TanweerAzam854

BAG Convergence ने तनवीर आजम को चीफ कंटेंट ऑफिसर (CCO) और इवेंट्स हेड नियुक्त किया है। इस महत्वपूर्ण लीडरशिप रोल में वे कंपनी की पूरी कंटेंट विजन और इवेंट स्ट्रैटेजी को दिशा देंगे। वे न्यूज24 (News24) और E24 समेत संगठन के सभी न्यूज और एंटरटेनमेंट ब्रैंड्स और डिजिटल-फर्स्ट प्लेटफॉर्म्स पर काम करेंगे।

तनवीर ने 2006 में अपने करियर की शुरुआत की थी और उन्हें पत्रकारिता, डिजिटल कंटेंट लीडरशिप और ब्रैंड डेवलपमेंट में 20 साल का अनुभव है। वे Zee Media, India.com, DNA और Microsoft जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं। इन संस्थानों में उन्होंने डिजिटल ग्रोथ, कंटेंट इनोवेशन और ऑडियंस एंगेजमेंट बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी एडिटोरियल विशेषज्ञता इंफोटेनमेंट, लाइफस्टाइल, टेक, एंटरटेनमेंट और फीचर स्टोरीटेलिंग तक फैली हुई है, जिसमें SEO, डेटा-ड्रिवन स्ट्रैटेजी और यूजर-सेंट्रिक कंटेंट पर खास ध्यान शामिल है।

Zee Media और India.com में तनवीर ने इंफोटेनमेंट और एंटरटेनमेंट वर्टिकल्स को मजबूत बनाया और ऐसी टीमों का नेतृत्व किया, जिनके कंटेंट ने लगातार उच्च ट्रैफिक और बेहतर इम्पैक्ट हासिल किया। DNA में उन्होंने अंग्रेजी और हिंदी- दोनों प्लेटफॉर्म्स को संभाला और तेज-तर्रार डिजिटल न्यूज माहौल के हिसाब से कंटेंट डेप्थ और स्पीड का संतुलन बनाए रखा। माइक्रोसॉफ्ट में उनके अनुभव ने उन्हें कंटेंट थिंकिंग में प्रॉडक्ट और टेक्नोलॉजी का बेहतर नजरिया दिया, जिससे वे प्लेटफॉर्म बिहेवियर, एनालिटिक्स और UX को एडिटोरियल और ब्रैंड स्ट्रैटेजी में जोड़ सके।

BAG Convergence में अपनी नई भूमिका में तनवीर का फोकस कंटेंट, प्रोडक्ट और इवेंट्स को एक संयुक्त रणनीति के तहत जोड़ने पर होगा। वे IPs, स्पेशल सीरीज और बड़े पैमाने के इवेंट्स तैयार करेंगे, जो कंपनी की पहचान को एक प्रमुख डिजिटल मीडिया और कंटेंट इनोवेशन ब्रैंड के रूप में और मजबूत करेंगे। इसके साथ ही वे एडिटोरियल और बिजनेस टीमों के साथ मिलकर टेक्स्ट, वीडियो, ऑडियो और सोशल- हर फॉर्मेट में मल्टी-फॉर्मेट स्टोरीटेलिंग को और बेहतर बनाएंगे, ताकि समूह के सभी प्लेटफॉर्म्स पर विश्वसनीय, आकर्षक और इनसाइटफुल पत्रकारिता जारी रहे। 

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