बता दें कि पिछले महीने धर्मेंद्र मिश्रा ने माता जी की तबीयत खराब होने के चलते ‘दैनिक जागरण’ में अपनी आठ वर्षों की पारी को अलविदा कह दिया था।
‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) के वरिष्ठ पत्रकार और स्टार रिपोर्टर रहे धर्मेंद्र मिश्रा ने यहां से बाय बोलकर अब अपनी नई पारी का आगाज ‘इंडिया टीवी’ (India TV) से किया है। उन्होंने यहां डिजिटल की टीम में जॉइन किया है।
समाचार4मीडिया से बातचीत में धर्मेंद्र मिश्रा ने बताया कि उन्हें एनडीटीवी, न्यूज नेशन और आजतक जैसे कई अन्य चैनल्स से भी ऑफर था, लेकिन उन्होंने इंडिया टीवी से जुड़ना पसंद किया। यहां उन्हें नेशनल और इंटरनेशनल खबरों की जिम्मेदारी दी गई है।
बता दें कि पिछले महीने धर्मेंद्र मिश्रा ने माता जी की तबीयत खराब होने के चलते ‘दैनिक जागरण’ में अपनी आठ वर्षों की पारी को अलविदा कह दिया था। धर्मेंद्र ने अगस्त 2014 से ‘दैनिक जागरण’ में बतौर सीनियर रिपोर्टर नोएडा से अपनी पारी का आगाज किया था।
‘दैनिक जागरण’ में अपनी पारी के दौरान उन्हें ‘इंडियन मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन‘ की तरफ से वर्ष 2015 में ‘बेस्ट लीगल रिपोर्टर ऑफ द ईयर‘ के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था। लीगल मामलों में अपनी मजबूत पकड़ के चलते करीब चार वर्षों तक वह सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के रिपोर्टर रहे। इसके बाद ‘दैनिक जागरण‘ में उन्हें स्वास्थ्य और राजनैतिक बीट पर रिपोर्टिंग का मौका मिला।
वर्ष 2017 में ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन‘ (WHO) ने देशभर में कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने और अपनी खबरों से सरकार को कैंसर पर नेशनल गाइडलाइन बनाने की दिशा में कदम उठाने के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ‘दैनिक जागरण‘ की ओर से उन्हें एक्सक्लूसिव और राष्ट्रीय खबरें लिखने के लिए 200 से अधिक गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल दिए जा चुके हैं।
देशभर में मोबाइल नेटवर्क की समस्या पर उनकी एक खबर बेहद चर्चा में रही थी। इस पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संज्ञान लेकर नेटवर्क सुधारने के लिए मोबाइल कंपनियों को अधिसूचना जारी करवाई थी। कोरोना के दौरान लखनऊ में मरीजों से लूट की उनकी खबरों का सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया था और तमाम अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
‘दैनिक जागरण‘ से पहले वह 4 रियल न्यूज चैनल, चैनल वन न्यूज और यूनिवार्ता में काम कर चुके हैं। इसके साथ ही टीम सी-वोटर के जरिये बीबीसी, जी न्यूज, IBN7 और द वीक मैग्जीन के लिए भी उन्होंने काम किया। उन्हें सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, नेशनल बीजेपी, नेशनल कांग्रेस, पीएमओ, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की रिपोर्टिंग का अनुभव है। इलेक्ट्रानिक, डिजिटल और प्रिंट मीडिया में उनका 14 वर्ष का अनुभव है।
समाचार4मीडिया की ओर से धर्मेंद्र मिश्रा को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
नलिन मेहता को मनीकंट्रोल का मैनेजिंग एडिटर बनाया गया है। वह पिछले एक साल से नेटवर्क18 के ग्रुप में कंसल्टिंग एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं
नलिन मेहता को मनीकंट्रोल का मैनेजिंग एडिटर बनाया गया है। वह पिछले एक साल से नेटवर्क18 के ग्रुप में कंसल्टिंग एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं।
उन्होंने पहले टाइम्स ऑफ इंडिया (ऑनलाइन), मैनेजिंग एडिटर, इंडिया टुडे (अंग्रेजी टीवी चैनल) और कंसल्टिंग एडिटर, 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' में एग्जिक्यूटिव एडिटर जैसी नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं।
मनीकंट्रोल से पहले, नलिन UPES यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया के डीन व प्रोफेसर थे, जहां उन्होंने डिजिटल पत्रकारिता पर पाठ्यक्रमों की अवधारणा और संचालन किया था।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और जिनेवा, स्विट्जरलैंड में ग्लोबल फंड जैसे अंतरराष्ट्रीय फाइनेंसिंग इंस्टीट्यूशंस के साथ भी काम किया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड और भारत के विभिन्न यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूशंस में पढ़ाया और रिसर्च पदों पर कार्य किया है।
वह नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज में नॉन-रेजिडेंट सीनियर फेलो हैं।
वे एक सोशल साइंटिस्ट और राइटर भी हैं। उनकी किताब Behind a Billion Screens: What Television Tells Us About Modern India' (HarperCollins, 2015) को टाटा लिटरेरी लाइव (Tata Literary Live) द्वारा ‘बिजनेस बुक ऑफ द ईयर’ खिताब से नवाजा गया था और 2009 में टेलीविजन के लिए उन्होंने एशियन पब्लिशिंग अवॉर्ड जीता था। उनकी को-ऑथर बुक ‘ड्रीम्स ऑफ अ बिलियन’ (Dreams of a Billion) एक नेशनल बेस्टसेलर बुक रही है।
प्रशांत झा इससे पहले करीब पौने दो साल से ‘Brut India’ में मैनेजिंग एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत झा ने ‘लोकमत मीडिया ग्रुप’ के साथ मीडिया में अपने नए सफर का आगाज किया है। उन्होंने इस समूह की डिजिटल विंग में बतौर एडिटर (हिंदी) जॉइन किया है।
प्रशांत झा इससे पहले करीब पौने दो साल से ‘Brut India’ में मैनेजिंग एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। प्रशांत झा को तमाम प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम करने का करीब दो दशक का अनुभव है।
पूर्व में वह ‘प्रभात खबर’ (Prabhat Khabar) में रेजिडेंट एडिटर, ‘जनसत्ता’ (Jansatta) में असिस्टेंट एडिटर और ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) की डिजिटल टीम में न्यूज एडिटर के तौर पर अपनी पारी खेल चुके हैं।
प्रशांत झा पूर्व में ‘हिन्दुस्तान मीडिया लिमिटेड’ (HT Media Ltd) में साढ़े चार साल से ज्यादा समय तक अपनी जिम्मेदारी निभाने के अलावा ‘नेटवर्क18’ (Network18) समूह और ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) का हिस्सा भी रहे हैं।
मूल रूप से दरभंगा (बिहार) के रहने वाले प्रशांत झा ने ‘जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट’ (JIM) लखनऊ से पढ़ाई की है। समाचार4मीडिया की ओर से प्रशांत झा को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
पत्रकार अखिलेश श्रीवास्तव ने ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) के साथ मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज किया है। यहां उन्होंने ‘नवभारत टाइम्स’ (डिजिटल) में बतौर एडिटर जॉइन किया है।
पत्रकार अखिलेश श्रीवास्तव ने ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) के साथ मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज किया है। यहां उन्होंने ‘नवभारत टाइम्स’ (डिजिटल) में बतौर एडिटर जॉइन किया है।
इससे पहले अखिलेश श्रीवास्तव आठ भाषाओं में न्यूज कंटेंट उपलब्ध कराने वाले वेब पोर्टल ‘वनइंडिया’ (www.oneindia.com) हिंदी में वर्ष 2016 से एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। ‘वनइंडिया’ से पहले वह करीब तीन साल तक ‘अमर उजाला’ की डिजिटल टीम में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
मूल रूप से ललितपुर (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले अखिलेश श्रीवास्तव को प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है। अखिलेश ने मध्यप्रदेश के सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक और स्नातकोत्तर किया है।
करियर की शुरुआत उन्होंने वर्ष 2000 में ‘दैनिक भास्कर‘, भोपाल से की। ‘दैनिक भास्कर‘ की करीब चार साल की पारी में उन्होंने भोपाल, इंदौर और जयपुर संस्करणों में फ्रंट पेज पर काम किया। भोपाल में एन.के. सिंह, इंदौर में श्रवण गर्ग और कल्पेश याग्निक, जयपुर में बाबूलाल शर्मा, देवप्रिय अवस्थी और यशवंत व्यास के नेतृत्व में काम किया।
वर्ष 2004 में वह ‘दैनिक भास्कर‘ जयपुर से ‘सहारा समय‘, नोएडा आ गए और जाने-माने पत्रकार मुकेश कुमार की टीम में शामिल हो गए। टेलिविजन में विभिन्न भूमिकाओं में यहां उन्होंने करीब साढ़े आठ साल की लंबी पारी खेली। प्रिंट में दूसरी पारी के तौर पर उन्होंने दिल्ली में ‘दैनिक भास्कर‘ में रोहित सरन की टीम में काम किया।
समाचार4मीडिया की ओर से अखिलेश श्रीवास्तव को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
इससे पहले गौरव जैन ShareChat और Moj में हेड (Emerging Business) के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘शेयरचैट’ (ShareChat) ने गौरव जैन को प्रमोशन का तोहफा देते हुए उन्हें अब चीफ बिजनेस ऑफिसर (Chief Business Officer) के पद पर नियुक्त किया है।
गौरव जैन अभी तक ShareChat और Moj में हेड (Emerging Business) के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
इससे पहले गौरव जैन ‘Snap Inc’ में हेड (APAC Business Expansion) के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। इसके अलावा पूर्व में वह गूगल के एशिया पैसिफिक एजेंसी बिजनेस और मेटा इंडिया के मिड मार्केट बिजनेस में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
उन्होंने पिछले साल जून में ही यहां जॉइन किया था। इससे पहले वह स्ट्रीमिंग सर्विस प्लेटफॉर्म ‘डिज्नी+हॉटस्टार’ में अपनी भूमिका निभा रहे थे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘शेयरचैट’ (ShareChat) में चीफ रेवेन्यू ऑफिसर उदित शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उदित शर्मा पिछले साल जून में देश की सबसे बड़ी घरेलू सोशल मीडिया कंपनी ‘शेयरचैट’ (मोहल्ला टेक प्राइवेट लिमिटेड) में शामिल हुए थे।
इससे पहले वह ‘डिज्नी स्टार‘ के स्वामित्व वाले स्ट्रीमिंग सर्विस प्लेटफॉर्म ‘डिज्नी+हॉटस्टार’ (Disney+Hotstar) से पांच साल से ज्यादा समय से जुड़े हुए थे और बतौर हेड (ऐड सेल्स) अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
उदित शर्मा पूर्व में मीडिया, मोबाइल पेमेंट्स/फिनटेक और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में काम कर चुके हैं।
‘डिज्नी+हॉटस्टार’ (Disney+ Hotstar) से पहले वह ’फ्रीचार्ज’ (Freecharge), ’जोमैटो’ (Zomato), ’ऑक्सीजन सर्विसेज’ (Oxigen Services) और ’सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स’ (Samsung Electronics) आदि में अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
वह यहां एग्जिक्यूटिव एडिटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत थे। दयाशंकर मिश्र इस समय राहुल गांधी पर केंद्रित किताब को लेकर चर्चा में हैं। दयाशंकर मिश्र की किताब का विमोचन दिसंबर में होना है।
वरिष्ठ डिजिटल पत्रकार दयाशंकर मिश्र को लेकर खबर है कि उन्होंने नेटवर्क18 मैनेजमेंट को अपना इस्तीफा दे दिया है। वह यहां एग्जिक्यूटिव एडिटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत थे। साढ़े चार साल से भी ज्यादा समय तक 'नेटवर्क18' के साथ बने रहे वरिष्ठ पत्रकार दयाशंकर मिश्र इससे पहले जी समूह के डिजिटल विंग के एडिटर (लैंग्वेजेस) थे। जी समूह के साथ उनका करीब दो साल का सफर रहा। वे वहां जी न्यूज के हिंदी डिजिटल संस्करण के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं के विस्तार में भी अहम भूमिका निभा रहे थे।
आपको यह भी बता दें कि इस समय दयाशंकर मिश्र, राहुल गांधी पर केंद्रित किताब को लेकर चर्चा में हैं। दयाशंकर मिश्र की किताब का विमोचन दिसंबर में होना है।
'जी' समूह से पहले वह एनडीटीवी समूह की हिंदी वेबसाइट से बतौर संपादक जुड़े रह चुके हैं। दयाशंकर मिश्र ने 2016 में 'एनडीटीवी' में रहते हुए सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान युद्ध के विरुद्ध श्रृंखला शुरू की थी, जिसे शिक्षाविदों, समाजशास्त्रियों और आलोचकों ने काफी सराहा था ।
दयाशंकर मिश्र की छवि एक डिजिटल जर्नलिस्ट की है, जो इंडस्ट्री में अलग-अलग ब्रैन्ड की लॉन्चिंग और रिलॉन्चिंग में अहम भूमिकाएं निभा चुके हैं।
दयाशंकर एनडीटीवी से जुड़ने से पहले नेटवर्क18 ग्रुप की हाइपर लोकल हिंदी वेबसाइट News 18 के रीलॉन्च, विस्तार में अहम भूमिका निभा चुके हैं। वे Network 18 से जुड़ने से पहले दैनिक भास्कर, अमर उजाला, राजस्थान पत्रिका और दैनिक भास्कर.कॉम (Dainik Bhaskar.com) में भी शीर्ष भूमिकाओं का निर्वहन कर चुके हैं।
Dainik Bhaskar.com के साथ उन्होंने 2012 में पहली बार प्रिंट मीडिया के साथ डिजिटल मीडिया के इंटीग्रेशन के आधार पर हाइपरलोकल मॉडल के माध्यम से खबरों के रियलटाइम कवरेज में ‘नेशनल हाइपरलोकल हेड’ की महत्वमपूर्ण भूमिका अदा की थी। उन्होंने ‘दिव्य भास्कर डॉट काम’ की लॉन्चिंग और अहमदाबाद, राजकोट, सूरत और वड़ोदरा में हाइपरलोकल मॉडल पर खबरों की रियलटाइम कवरेज की शुरुआत करवाई।
पत्रकारिता में अपने करीब ढाई दशकों के अनुभव के साथ वह मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और जम्मूर-कश्मीर में काम कर चुके हैं। उनकी रुचि अध्ययन, यात्रा और संवाद में है। साथ ही मिश्र को सामाजिक, विकास पत्रकारिता के प्रति उनके योगदान के लिए जाना जाता है। दयाशंकर मिश्र को 2008 में मैला ढोने वाले समाजों पर उनके शोध, अध्ययन के लिए यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड की ओर पुरस्कृत किया जा चुका है। इसके साथ ही उन्हें 2009 में एनएफआई, दिल्ली की ओर से भी इसी विषय पर फेलोशिप मिल चुकी है।
सरकार ने डीपफेक से होने वाले 'गंभीर जोखिम' पर चर्चा के लिए 24 नवंबर को गूगल, फेसबुक, यू-ट्यूब समेत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को बुलाया है।
डीपफेक के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इससे निपटने के लिए सरकार अलर्ट मोड पर है। सरकार ने डीपफेक से होने वाले 'गंभीर जोखिम' पर चर्चा के लिए 24 नवंबर को गूगल, फेसबुक, यू-ट्यूब समेत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को बुलाया है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के प्रमुखों के साथ 24 नवंबर को चर्चा की जाएगी। इंडिया टुडे से बातचीत में केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर से यह जानकारी दी है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि आईटी में नियम 31बी के तहत 11 मुद्दे ऐसे हैं जिन्हें प्लेटफॉर्म अपने यहां शेयर नहीं कर सकते हैं। उदाहरण के लिए- बाल यौन शोषण सामग्री, इनसाइटफुल कंटेंट, पेटेंट उल्लंघन, हिंसात्मक सामग्री। इसके केंद्र में 31 बी पांच नियम है। इसमें कहा गया है कि गलत सूचना, स्पष्ट रूप से झूठी जानकारी अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं ले जा सकते हैं, यदि वे अपने प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना या डीप फेक लाते हैं तो उन पर इस अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, क्योंकि जो सुरक्षा है, जो इम्युनिटी है, वो खत्म हो जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि यदि किसी भी प्लेटफॉर्म पर कोई डीपफेक है, चाहे वो मैसेंजर प्लेटफॉर्म हो या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म... सूचना मिलने के 36 घंटे के भीतर यदि वे अपने प्लेटफॉर्म से ऐसा कंटेंट नहीं हटाते हैं तो उन्हें अदालत में ले जाया जा सकता है। उस पर आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है।
सरकार को डीपफेक के खतरे का एहसास है। पीएम ने शुक्रवार को कहा था कि हमारे जैसे विविधतापूर्ण समाज में ‘डीपफेक’ एक बड़ा संकट पैदा कर सकता है। समाज में असंतोष की आग भी भड़का सकता है। कारण है कि लोग मीडिया से जुड़ी किसी भी चीज पर उसी तरह भरोसा करते हैं जैसे आम तौर पर गेरुआ वस्त्र पहने व्यक्ति को सम्मान दिया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि डीपफेक के कारण एक नया संकट उभर रहा है। समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग है जिसके पास समानांतर सत्यापन प्रणाली नहीं है।
जानिए, क्या होता है डीपफेक
अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस मसले ने सबका ध्यान खींचा, जिसके बाद अब हर तरफ डीपफेक की चर्चा होने लगी है।
वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे या शरीर को डिजिटल रूप से बदलने की तकनीक को डीपफेक कहते हैं। मशीन लर्निंग और एआई से बने ये वीडियो किसी को भी आसानी से धोखा दे सकते हैं। डीपफेक टर्म को डीप लर्निंग से लिया गया है। यह टेक्नोलॉजी मशीन लर्निंग का हिस्सा है। इस तरह के वीडियो नकली होती है। इसमें कई फेक कंटेंट को असली कंटेंट की तरह दिखाया जाता है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच रविवार को खेले गए ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मैच में ओटीटी प्लेटफॉर्म 'डिज्नी+ हॉटस्टार' ने अभी तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच रविवार को खेले गए ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मैच को 'डिज्नी+ हॉटस्टार' (Disney+ Hotstar) पर 5.9 करोड़ दर्शकों ने एक साथ लाइव देखा। इन आंकड़ों के चलते ओटीटी प्लेटफॉर्म ने अभी तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
मैच के दौरान शुरुआत के पहले आठ ओवरों में दर्शकों का ये आंकड़ा 5.5 करोड़ तक पहुंच गया था। हालांकि, जल्द ही विकेट ताश के पत्तों की तरह गिरने लगे, खासकर विराट कोहली के आउट होने के बाद, दर्शकों की संख्या कुछ ही सेकंड में गिरकर 4.6 करोड़ हो गई।
वहीं जब ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाजी करने उतरी तो दर्शकों की संख्या फिर बढ़ने लगी। विशेषकर तब जब पावरप्ले के दौरान भारत ने ऑस्ट्रेलिया के दो प्रमुख विकेट ले लिए।
डिज्नी-हॉटस्टार के मुताबिक, इस रिकॉर्ड के साथ ही भारत और न्यूजीलैंड के बीच सेमीफाइनल मैच में बना 5.3 करोड़ दर्शकों का रिकॉर्ड भी टूट गया। इससे पहले भारत बनाम साउथ अफ्रीका मैच को अब तक सबसे ज्यादा 4.4 करोड़ दर्शकों ने एक साथ लाइव देखा था। वहीं, 22 अक्टूबर को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए मैच को एक साथ 4.3 करोड़ दर्शकों ने लाइव देखा था, जबकि भारत बनाम पाकिस्तान मैच को 3.5 करोड़ लोगों ने एक साथ देखा था।
डिज्नी-हॉटस्टार इंडिया के हेड साजिथ शिवानंदन ने कहा, 'डिज्नी-हॉटस्टार पर 5.9 करोड़ दर्शकों ने फाइनल मैच देखा, जिसने सभी रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया। भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के अटूट समर्थन ने हमें लाइव स्पोर्ट्स स्ट्रीमिंग में नयी ऊंचाइयां छूने के लिए लगातार प्रेरित किया है।
फिलहाल, ऑस्ट्रेलिया ने अपने शानदार प्रदर्शन से भारत को हराकर छठी बार वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया।
युवा पत्रकार अवनीश शर्मा ने ‘न्यूज नेशन’ को अलविदा कह दिया है। वह यहां करीब छह महीने से डिजिटल टीम में एसोसिएट मल्टीमीडिया प्रड्यूसर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
युवा पत्रकार अवनीश शर्मा ने ‘न्यूज नेशन’ (News Nation) को अलविदा कह दिया है। वह यहां करीब छह महीने से डिजिटल टीम में एसोसिएट मल्टीमीडिया प्रड्यूसर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
‘न्यूज नेशन’ से पहले अवनीश ‘रिपब्लिक भारत’ (Republic Bharat) में बतौर वीडियो प्रड्यूसर कार्यरत थे, जहां करीब चार महीने तक वह डिजिटल टीम का हिस्सा रहे थे।
अवनीश शर्मा को मीडिया में काम करने का पांच साल का अनुभव है। अवनीश शर्मा ने पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत ‘समाचार प्लस’ (Samachar Plus) से की थी। यहां उन्होंने काफी समय तक डिजिटल टीम में कार्य किया।
इसके बाद यहां से अपनी पारी को विराम देकर उन्होंने ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) की डिजिटल टीम को जॉइन कर लिया। यहां उन्होंने एंकरिंग की शुरुआत भी की और करीब एक साल तक अपना समय दिया। इसके बाद उन्होंने ‘रिपब्लिक भारत’ की डिजिटल टीम को जॉइन किया और यहां से निकलकर वह ‘न्यूज नेशन’ के साथ जुड़े थे।
मूल रूप से अवनीश शर्मा उत्तर प्रदेश में कौशांबी जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से की है।
एमेजॉन प्राइम वीडियो ने ड्रीम स्पोर्ट्स के स्वामित्व वाली कंपनी 'फैनकोड' (FanCode) के साथ पार्टनरशिप की है, जिसके तहत उसने अपना पहला स्पोर्ट्स आधारित चैनल लॉन्च कर दिया है।
एमेजॉन प्राइम वीडियो ने ड्रीम स्पोर्ट्स के स्वामित्व वाली कंपनी 'फैनकोड' (FanCode) के साथ पार्टनरशिप की है, जिसके तहत उसने अपना पहला स्पोर्ट्स आधारित चैनल लॉन्च 'फैनकोड' कर दिया है। बता दें कि इस चैनल पर केवल स्पोर्ट्स की लाइव स्ट्रीमिंग होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एमेजॉन प्राइम के इस स्पोर्ट्स चैनल पर क्रिकेट और फुटबॉल समेत 15 स्पोर्ट्स की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी और यह स्ट्रीमिंग किसी एक देश तक सीमित नहीं होगी, बल्कि पूरी दुनिया में इसका प्रसारण किया जाएगा।
कंपनी ने बताया कि वह जिन स्पोर्ट्स की स्ट्रीमिंग करेगी, उसमें क्रिकेट और फुटबॉल के अलावा रग्बी, कबड्डी, बॉस्केटबॉल और हॉर्स रेसिंग जैसे स्पोर्ट्स भी लाइव होंगे। प्राइम मेंबर्स अब फैनकोड का एनुअल ऐड-ऑन सब्सक्रिप्शन 249 रुपये में खरीद सकते हैं।
फैनकोड के साथ लेटेस्ट पाटर्नरशिप के बाद एमेजॉन अब स्पोर्ट्स सर्विसेस प्रोवाइड करने वाली कंपनी भी बन गई है। एमेजॉन प्राइम ने हाल ही में हुए भारत बनाम न्यूजीलैंड के मैच की लाइव स्ट्रीमिंग की थी। एमेजॉन इस सेक्टर में अपने खेल को बेहतर बनाने के प्रयास कर रहा है।
वहीं, स्पोर्ट्स की स्ट्रीमिंग से लेकर खेलों के सामान तक बेचने वाली कंपनी फैनकोड पहले से ही खेल जगत में अपना पैठ जमा चुकी है। फैनकोड की लॉन्चिंग के अभी चार साल पूरे हुए हैं और कंपनी ने इस दौरान 45,000 घंटे से ज्यादा समय तक स्पोर्ट्स की लाइव स्ट्रीमिंग की है।
फैनकोड की ICC Pathways, क्रिकेट वेस्टइंडीज, EFL, CONMEBOL, वॉलीबॉल वर्ल्ड, FIBA और अन्य के साथ विशेष साझेदारी है। सब्सक्राइबर्स काराबाओ कप, महिला बिग बैश लीग, फीफा U17 विश्व कप, बार्कलेज महिला सुपर लीग, एएफसी चैंपियंस लीग, एएफसी कप और युवा कबड्डी जैसे टूर्नामेंट देख सकते हैं। फैनकोड के पास कुछ कुछ देशों में क्रिकेट की स्ट्रीमिंग का राइट भी है।