‘नवभारत टाइम्स’ डिजिटल में एडिटर बने अखिलेश श्रीवास्तव

पत्रकार अखिलेश श्रीवास्तव ने ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) के साथ मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज किया है। यहां उन्होंने ‘नवभारत टाइम्स’ (डिजिटल) में बतौर एडिटर जॉइन किया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Sunday, 26 November, 2023
Last Modified:
Sunday, 26 November, 2023
Akhilesh Shrivastava


पत्रकार अखिलेश श्रीवास्तव ने ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) के साथ मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज किया है। यहां उन्होंने ‘नवभारत टाइम्स’ (डिजिटल) में बतौर एडिटर जॉइन किया है।

इससे पहले अखिलेश श्रीवास्तव आठ भाषाओं में न्यूज कंटेंट उपलब्ध कराने वाले वेब पोर्टल ‘वनइंडिया’ (www.oneindia.com) हिंदी में वर्ष 2016 से एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। ‘वनइंडिया’ से पहले वह करीब तीन साल तक ‘अमर उजाला’ की डिजिटल टीम में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।

मूल रूप से ललितपुर (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले अखिलेश श्रीवास्तव को प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है। अखिलेश ने मध्यप्रदेश के सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक और स्नातकोत्तर किया है।

करियर की शुरुआत उन्होंने वर्ष 2000 में ‘दैनिक भास्कर‘, भोपाल से की। ‘दैनिक भास्कर‘ की करीब चार साल की पारी में उन्होंने भोपाल, इंदौर और जयपुर संस्करणों में फ्रंट पेज पर काम किया। भोपाल में एन.के. सिंह, इंदौर में श्रवण गर्ग और कल्पेश याग्निक, जयपुर में बाबूलाल शर्मा, देवप्रिय अवस्थी और यशवंत व्यास के नेतृत्व में काम किया।

वर्ष 2004 में वह ‘दैनिक भास्कर‘ जयपुर से ‘सहारा समय‘, नोएडा आ गए और जाने-माने पत्रकार मुकेश कुमार की टीम में शामिल हो गए। टेलिविजन में विभिन्न भूमिकाओं में यहां उन्होंने करीब साढ़े आठ साल की लंबी पारी खेली। प्रिंट में दूसरी पारी के तौर पर उन्होंने दिल्ली में ‘दैनिक भास्कर‘ में रोहित सरन की टीम में काम किया।

समाचार4मीडिया की ओर से अखिलेश श्रीवास्तव को उनकी नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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वरिष्ठ पत्रकार पंकज कपाही ने शुरू किया अपना डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म ‘Punjab First Voice’

अपना डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू करने से पहले वह ‘लिविंग इंडिया न्यूज’ (Living India News) में बतौर पॉलिटिकल एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 11 December, 2025
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Thursday, 11 December, 2025
Pankaj Kapahi

पंजाबी मीडिया के जाने-माने चेहरे और वरिष्ठ पत्रकार पंकज कपाही ने करीब 15 साल टीवी की दुनिया में काम करने के बाद ‘पंजाब फर्स्ट वॉइस’ (Punjab First Voice) नाम से अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है।

पंकज के अनुसार, डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरुआत में ही उन्होंने पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का धमाकेदार इंटरव्यू कर पंजाब में नई सियासी हलचल फैलाई, जिसको बाद में तमाम टीवी चैनल ने फॉलो किया

समाचार4मीडिया से बातचीत में पंकज ने बताया कि मशहूर गायक मनकीरत औलख, बॉलीवुड सुपर स्टार शाहिद कपूर, दिग्गज अदाकार पंकज कपूर उनकी पत्नी सुप्रिया पाठक,  गुरप्रीत gughi जैसे दिग्गज कलाकार ‘पंजाब फर्स्ट वॉयस’ के मंच पर इंटरव्यू देने आए। इसके साथ ही पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के बेटे की मौत के बाद सबसे पहले मुस्तफा का इंटरव्यू कर अन्य चैनल्स से बाजी मार ली।

बता दें कि पंकज कपाही को मीडिया में काम करने का काफी अनुभव है। अपना डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू करने से पहले वह ‘लिविंग इंडिया न्यूज’ (Living India News) में बतौर पॉलिटिकल एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

समाचार4मीडिया से बातचीत में पंकज ने बताया कि वर्ष 2010 से 2017 तक वह दिल्ली में ‘जी मीडिया’ (Zee Media) से जुड़े रहे। इस दौरान उन्होंने दिल्ली में रहकर पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सियासी गतिविधियों के साथ-साथ संसद और केंद्र सरकार की इन राज्यों से जुड़ी रिपोर्टिंग की।

वर्ष 2017 में उन्होंने दिल्ली में ‘न्यूज18’ जॉइन किया और वर्ष 2020 से चंडीगढ़ में इस चैनल के साथ पंजाब सरकार से संबंधित कई बड़ी खबरों की कवरेज की। उन्होंने किसान आंदोलन, दिल्ली दंगे, और कोविड-19 जैसी घटनाओं की ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्टिंग की।

अपने अब तक के करियर में वह वर्ष 2012, 2017 और  2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव और वर्ष 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों की विस्तृत और जमीनी कवरेज कर चुके हैं। इसके साथ ही राजनीति के मैदान में उन्होंने राहुल गांधी, मुख्यमंत्री भगवंत मान, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रकाश सिंह बादल, चरणजीत सिंह चन्नी जैसे कई दिग्गज नेताओं के इंटरव्यू भी किए हैं।

समाचार4मीडिया की ओर से पंकज कपाही को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई औऱ शुभकामनाएं।

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'न्यूज24' के हिंदी डिजिटल विंग से जुड़े शारिकुल होदा

जी मीडिया को हाल ही में अलविदा कहने वाले पत्रकार शारिकुल होदा (शारिक) ने अब नई मंजिल तलाश ली है।

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Published - Tuesday, 09 December, 2025
Last Modified:
Tuesday, 09 December, 2025
shariqul-hoda8745

जी मीडिया को हाल ही में अलविदा कहने वाले पत्रकार शारिकुल होदा (शारिक) ने अब नई मंजिल तलाश ली है। वह अब 'न्यूज24' के हिंदी डिजिटल विंग के साथ सीनियर सब एडिटर के तौर पर जुड़ गए हैं।

बता दें कि जी मीडिया में उनकी पारी 6 साल लंबी चली। वो जीन्यूजडॉटकॉम (zeenews.com) में बतौर सीनियर सब एडिटर के पद पर कार्यरत थे। इस संस्थान में वो स्पोर्ट्स, हेल्थ, लाइफस्टाइल, ट्रैवल और रिलेशनशिप सेक्शन को लीड कर चुके हैं।  

नवंबर 2019 में शारिक ने जी मीडिया में बतौर असिस्टेंट प्रोड्यूसर जॉइन किया था। जहां उन्होंने इंग्लिश टू हिंदी लाइव ट्रांस्लेशन की जिम्मेदारी संभाली। सिर्फ 4 महीने के भीतर उन्हें जीन्यूजडॉटकॉम की वेबसाइट में शिफ्ट होना पड़ा। कोरोना वायरस महामारी के मुश्किल वक्त में उन्होंने स्पोर्ट्स डेस्क को लीड किया। बाद में उन्हें हेल्थ, लाइफस्टाइल, ट्रैवल और रिलेशनशिप सेक्शन को हेड किया। जरूरत पड़ने पर वो नेशनल और इंटरनेशनल सेक्शन की न्यूज भी लिखते थे।  

शारिक के लिए स्पोर्ट्स उनका फेवरेट सेक्शन रहा है। साल 2008 में उन्होंने दूरदर्शन में बतौर इंटर्न अपने मीडिया करियर की शुरुआत की थी, फिर दैनिक जागरण, टीवी टुडे नेटवर्क, श्री न्यूज, स्पोर्ट्सकीड़ा, WION जैसे ऑर्गेनाइजेशन में उन्होंने अपनी सेवाएं दीं

शुरुआत में उन्होंने अखबार और टेलिविजन में तजुर्बा हासिल किया, लेकिन बेहतर भविष्य के लिए उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपने करियर को स्विच कर लिया।

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The Printers Mysore में राहुल चंदाना बने डिजिटल के AGM , नॉर्थ व ईस्ट रीजन की संभाली कमान

The Printers Mysore ने राहुल चंदाना की नियुक्ति की है। कंपनी ने उन्हें डिजिटल का असिस्टेंट जनरल मैनेजर (AGM) बनाया है।

Last Modified:
Monday, 08 December, 2025
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'डेक्कन हेराल्ड' व 'प्रजावाणी' के स्वामित्व वाली कंपनी The Printers Mysore ने राहुल चंदाना की नियुक्ति की है। कंपनी ने उन्हें डिजिटल का असिस्टेंट जनरल मैनेजर (AGM) बनाया है। वह नॉर्थ और ईस्ट रीजन में डिजिटल बिजनेस को मजबूत करने, क्लाइंट्स के साथ बेहतर रिश्ते बनाने और मार्केट में ग्रोथ बढ़ाने पर काम करेंगे।

राहुल चंदाना मीडिया और ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री में लंबे समय से जुड़े हैं। इससे पहले वह बिजनेस स्टैंडर्ड में डिजिटल, प्रिंट और इवेंट्स के रीजनल लीड के तौर पर काम कर रहे थे, जहां उन्होंने बड़े क्लाइंट्स को संभाला और कई इंटीग्रेटेड कैंपेन सफलतापूर्वक डिलीवर किए।

नई भूमिका को लेकर चंदाना ने कहा कि यह बदलाव उनके करियर के लिए एक बड़ा और सकारात्मक कदम है। वे अपनी डिजिटल और क्रॉस-मीडिया एक्सपर्टीज के ज़रिए कंपनी के लिए नए अवसर तैयार करना चाहते हैं और क्लाइंट्स को और बेहतर समाधान देना चाहते हैं।

इस नियुक्ति के साथ उम्मीद है कि The Printers Mysore की डिजिटल स्ट्रैटेजी नॉर्थ और ईस्ट मार्केट में और मजबूत होगी।

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EU ने एलन मस्क के X पर लगाया $140 मिलियन का जुर्माना, इन नियमों के उल्लंघन का लगा आरोप

यूरोपीय यूनियन ने डिजिटल सर्विसेज एक्ट (DSA) के तहत एलन मस्क के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म X पर €120 मिलियन ($140 मिलियन) का जुर्माना लगाया है।

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Published - Saturday, 06 December, 2025
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Saturday, 06 December, 2025
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यूरोपीय यूनियन ने डिजिटल सर्विसेज एक्ट (DSA) के तहत एलन मस्क के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म X पर €120 मिलियन ($140 मिलियन) का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई DSA के तहत अब तक की सबसे कड़ी प्रवर्तन कार्रवाइयों में से एक मानी जा रही है।

इस फैसले की घोषणा शुक्रवार, 5 दिसंबर 2025 को की गई। यह दो साल की जांच के बाद आया है, जिसमें यूरोपीय संघ ने देखा कि X प्लेटफॉर्म यूजर सुरक्षा, कंटेंट मॉडरेशन और पारदर्शिता संबंधी नियमों का पालन नहीं कर रहा था।

आयोग के अनुसार, X ने तीन मुख्य पारदर्शिता नियमों का उल्लंघन किया।

सबसे बड़ी चिंता रही प्लेटफॉर्म का ब्लू चेकमार्क सिस्टम, जिसे यूरोपीय नियामकों ने 'भ्रामक डिजाइन' कहा। उनका कहना है कि यह सिस्टम उपयोगकर्ताओं को धोखाधड़ी और गलत जानकारी के लिए उजागर करता है और सीधे DSA के कंज्यूमर प्रोटेक्शन नियमों का उल्लंघन करता है।

इसके अलावा आयोग ने पाया कि X का एडवरटाइजिंग ट्रांसपेरेंसी डेटाबेस अधूरा था और अनिवार्य खुलासे के मानक पूरे नहीं करता था। कंपनी ने शोधकर्ताओं को सार्वजनिक डेटा तक आवश्यक स्तर की पहुँच भी नहीं दी, जिससे प्लेटफॉर्म के जोखिमों का अध्ययन करना मुश्किल हो गया, यह भी DSA का एक मूल नियम है।

यह जुर्माना यूरोप की डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कड़ी निगरानी और यूजर सुरक्षा, पारदर्शिता और उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करने की नीति को फिर से स्पष्ट करता है।

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सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट रोकने के लिए नए नियम लगभग तैयार, केंद्र ने SC को दी जानकारी

केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैल रहे अश्लील और हानिकारक कंटेंट को रोकने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय एक नया नियामक ढांचा तैयार कर रहा है।

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Published - Saturday, 29 November, 2025
Last Modified:
Saturday, 29 November, 2025
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केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैल रहे अश्लील और हानिकारक कंटेंट को रोकने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय एक नया नियामक ढांचा तैयार कर रहा है। सरकार ने कोर्ट से चार सप्ताह का और समय मांगा है ताकि इन नए दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देकर लोगों, विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों से सुझाव लिए जा सकें।

यह मामला उस समय सुना गया जब चीफ जस्टिस डीवाई सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच यूट्यूबर्स रणवीर अल्लाहबादिया, आशीष चंचलानी और अन्य के खिलाफ दर्ज कई FIR वाले मामलों की सुनवाई कर रही थी। इन यूट्यूबर्स पर “India’s Got Latent” नाम के विवादित शो में कथित रूप से अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणियाँ करने के आरोप हैं।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा कानून शायद आज की ऑनलाइन दुनिया के हिसाब से पुराने हो चुके हैं और इन्हें अपडेट करने की जरूरत है। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आज कोई भी व्यक्ति यूट्यूब चैनल खोलकर कुछ भी कह देता है और कानून उसके खिलाफ कुछ कर नहीं पाता। उन्होंने कहा कि गलत कामों पर रोक लगाना प्राथमिकता होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार यह भी सोचे कि क्या ऑनलाइन कंटेंट पर नजर रखने के लिए कोई स्वतंत्र रेगुलेटरी बॉडी बनाई जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि अगर बिना किसी जवाबदेही के सब कुछ ऑनलाइन दिखाया या बोला जाएगा तो इसका परिणाम क्या होगा?

कोर्ट ने यह भी कहा कि फोन ऑन करने पर कई बार ऐसा कंटेंट सामने आ जाता है जिसे लोग देखना ही नहीं चाहते। ऐसे कंटेंट को रोकने के लिए भी कोई ठोस तरीका होना चाहिए।

इसके साथ ही कोर्ट ने दिव्यांग व्यक्तियों पर की जा रही अपमानजनक बातों पर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि जैसे SC/ST समुदाय के लिए कड़े कानून हैं, वैसे ही दिव्यांग लोगों का अपमान रोकने के लिए भी सख्त कानून होना चाहिए। कोर्ट ने सवाल किया कि “अगर सोशल मीडिया पर संवेदनशील मुद्दों का मजाक उड़ाया जाएगा तो दिव्यांग लोगों की रक्षा कौन करेगा?”

यह पूरा मामला तब उठा जब पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना, विपुल गोयल, बलराज सिंह, सोनाली ठाक्कर और निशांत तंवर को एक SMA से पीड़ित दो महीने के बच्चे का मजाक उड़ाने पर कड़ी फटकार लगाई थी। अगस्त में कोर्ट ने इन सभी को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक माफी मांगने का आदेश दिया था।

Cure SMA Foundation of India की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि सोशल मीडिया पर अश्लील और हानिकारक कंटेंट पर रोक के लिए दिशा-निर्देश बनाना जरूरी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार (Article 19) किसी भी व्यक्ति की गरिमा (Article 21) से ऊपर नहीं हो सकता।

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Ei Samay ने लॉन्च किए दो नए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स

प्रिंट मीडिया ब्रैंड Ei Samay ने अपने डिजिटल विस्तार के तहत दो नए प्लेटफॉर्म लॉन्च किए हैं, जिनमें शामिल है- News Ei Samay (अंग्रेजी) और Samachar Ei Samay (हिंदी)।

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Published - Wednesday, 26 November, 2025
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Wednesday, 26 November, 2025
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प्रिंट मीडिया ब्रैंड Ei Samay ने अपने डिजिटल विस्तार के तहत दो नए प्लेटफॉर्म लॉन्च किए हैं, जिनमें शामिल है- News Ei Samay (अंग्रेजी) और Samachar Ei Samay (हिंदी)। इसका मकसद ब्रैंड को मल्टी-भाषा डिजिटल न्यूज स्पेस में विस्तारित करना है।

इन दोनों प्लेटफॉर्म का मुख्य लक्ष्य पाठकों को बिना किसी भेदभाव, बिना फिल्टर और पूरी स्वतंत्रता के साथ खबरें पेश करना है। News Ei Samay (newseisamay.com) और Samachar Ei Samay (samachareisamay.com) खासकर युवा प्रोफेशनल्स, छात्रों और डिजिटल-प्राथमिकता वाले पाठकों के लिए डिजाइन किए गए हैं, ताकि उन्हें अंग्रेजी और हिंदी में भरोसेमंद और इमर्सिव न्यूज अनुभव मिल सके।

Ei Samay के मेंटर संजय बसु ने कहा, "News Ei Samay और Samachar Ei Samay के लॉन्च के साथ, हम टेक-ड्रिवन डिजिटल जर्नलिज़्म के नए दौर में कदम रख रहे हैं, जो हमारे पाठकों की बदलती उम्मीदों को दर्शाता है। यह प्लेटफॉर्म हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है कि हम हर भाषा में, हर स्क्रीन पर, हर समय गुणवत्तापूर्ण खबरें उपलब्ध कराएं।"

चीफ एडिटर हिरक बंद्योपाध्याय की निगरानी में, News Ei Samay और Samachar Ei Samay में अनुभवी पत्रकारों और विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है। अंग्रेजी प्लेटफॉर्म में 17 और हिंदी प्लेटफॉर्म में 15 पत्रकार विभिन्न क्षेत्रों की खबरों को कवर करेंगे।

यह कदम Ei Samay के डिजिटल विस्तार और भरोसेमंद, रोचक और उच्च गुणवत्ता वाली न्यूज़ उपलब्ध कराने के मिशन को और मजबूत करता है।

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संसदीय समिति PCI से पूछेगी: क्रिएटर्स व इन्फ्लुएंसर्स पर फेक न्यूज रोकने के उपाय

संसदीय समिति 24 नवंबर को डिजिटल मीडिया और ऑनलाइन कंटेंट पर विचार करने वाली है।

Samachar4media Bureau by
Published - Saturday, 22 November, 2025
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Saturday, 22 November, 2025
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संसदीय समिति 24 नवंबर को डिजिटल मीडिया और ऑनलाइन कंटेंट पर विचार करने वाली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति 24 नवंबर को बैठक करेगी, जिसमें भारत के मीडिया नियमों और ढांचे का आकलन किया जाएगा।

बैठक का मुख्य फोकस प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के प्रस्ताव पर रहेगा, ताकि डिजिटल क्रिएटर्स, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और अन्य ऑनलाइन कंटेंट निर्माता भी इसके दायरे में आएं और गलत सूचना (misinformation) को रोकने में मदद मिल सके।

प्रेस काउंसिल के अधिकारी प्रस्तावित संशोधनों पर अपनी राय पेश करेंगे, जो प्रभावशाली डिजिटल आवाजों को पहली बार औपचारिक रूप से नियंत्रित करने का लक्ष्य रखते हैं। इसके अलावा, सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की ओर से सबमिशन और साक्ष्य भी समिति में विचार के लिए रखे जाएंगे।

रिपोर्ट्स के अनुसार, सांसद बैठक में ऑनलाइन क्रिएटर्स की जवाबदेही, नियमों का पालन और निगरानी की जरूरत पर भी समीक्षा करेंगे, ताकि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फैल रही गलत सूचनाओं पर काबू पाया जा सके।

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ऑनलाइन कंटेंट में ‘अश्लीलता’ की स्पष्ट परिभाषा देने वाले नए नियम लाएगी सरकार!

केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों और OTT प्लेटफॉर्म्स पर ऑनलाइन कंटेंट को नियंत्रित करने वाले सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 में नए दिशानिर्देश तैयार किए हैं।

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Published - Saturday, 22 November, 2025
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Saturday, 22 November, 2025
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केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों और OTT प्लेटफॉर्म्स पर ऑनलाइन कंटेंट को नियंत्रित करने वाले सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 में नए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। इस मसौदे में स्पष्ट किया गया है कि 'अश्लील' और अन्य अस्वीकार्य या अवैध डिजिटल कंटेंट क्या होगा। The Hindu की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह मसौदा सुप्रीम कोर्ट में पेश करने के लिए तैयार किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्ताव सभी डिजिटल कंटेंट- सोशल मीडिया, OTT स्ट्रीमिंग सर्विस और डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म पर लागू होगा और इसमें 1995 के केबल टेलीविजन नेटवर्क (रेगुलेशन) एक्ट से लिए गए व्यापक प्रतिबंध शामिल हैं।

इस नोट को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के वकील ने इस सप्ताह चल रहे मुकदमे में पक्षकारों को भेजा। सुप्रीम कोर्ट ने इस साल पहले सरकार से कहा था कि ऑनलाइन कंटेंट के लिए दिशानिर्देश तैयार किए जाएं।

IT Rules पहले से ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्देशित करते हैं कि वे अश्लील, पोर्नोग्राफिक, बाल उत्पीड़न, किसी की निजता का उल्लंघन, लिंग या जातीय आधार पर अपमानजनक या उत्पीड़न करने वाला, मनी लॉन्ड्रिंग या जुआ बढ़ावा देने वाला कंटेंट न दिखाएं। अब सरकार का प्रस्ताव अगर सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी पाता है, तो इसमें 'अश्लील डिजिटल कंटेंट' की स्पष्ट परिभाषा और नियमों के कोड ऑफ एथिक्स में बदलाव शामिल होगा। यह बदलाव IT Act की Section 67, केबल TV एक्ट और IPC के आधार पर होगा।

डिजिटल अधिकारों की वकील मिशी चौधरी ने The Hindu से कहा कि यह मूल रूप से केबल TV प्रोग्राम कोड को डिजिटल मीडिया में लागू करने जैसा है। उनका कहना है कि यह भारत में डिजिटल कंटेंट के लिए अब तक का सबसे व्यापक नियामक बदलाव होगा।

सिनेमैटोग्राफ एक्ट के अनुसार, OTT प्लेटफॉर्म्स पर सामग्री को 'सार्वजनिक प्रदर्शन योग्य' होना चाहिए। यह शर्त केवल स्ट्रीमिंग सर्विस पर लागू होगी, सोशल मीडिया पर नहीं।

कोड ऑफ एथिक्स के तहत प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि कंटेंट में अश्लीलता, अपराध को बढ़ावा देने वाला संदेश, आपत्तिजनक या अपमानजनक दृश्य/शब्द, या किसी जातीय, भाषाई या क्षेत्रीय समूह का अपमान न हो। इसमें कुल 17 प्रकार के प्रतिबंध शामिल हैं।

हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने IT Rules के कुछ नियमों पर रोक लगा रखी है और अब यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए है। मिशी चौधरी के अनुसार, नोट इन रोकी गई नियमावली को फिर से लागू करने की कोशिश करता है।

सरकार का प्रस्ताव यह भी कहता है कि कंटेंट के कोड का उल्लंघन हुआ या नहीं, इसका निर्णय 'कम्युनिटी स्टैंडर्ड टेस्ट' के आधार पर होगा। इसमें यह तय किया जाएगा कि क्या समकालीन सामाजिक मान्यताओं के हिसाब से कंटेंट किसी की कामुक रुचि को भाता है या नहीं। साहित्यिक, वैज्ञानिक, कला या राजनीतिक मूल्य वाली सामग्री इस कोड से बाहर रहेगी।

यह प्रस्ताव कॉमेडियन समय रैना के विवादित जोक के बाद आया है, जब उनके YouTube चैनल का एक भाग सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि नियम तैयार करते समय अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन न हो, लेकिन उचित प्रतिबंध भी सुनिश्चित किए जाएं।म

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यूट्यूब का बड़ा ऐलान: नए AI टूल्स व रणनीतिक सहयोग से बढ़ेगी भारत की क्रिएटिव इकोनॉमी

यूट्यूब ने अपने सालाना YouTube Impact Summit में भारत के लिए कई बड़े ऐलान किए।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 21 November, 2025
Last Modified:
Friday, 21 November, 2025
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यूट्यूब ने अपने सालाना YouTube Impact Summit में भारत के लिए कई बड़े ऐलान किए। यूट्यूब ने बताया कि वह भारत की क्रिएटिव इकॉनमी को मजबूत करने और डिजिटल वेलबीइंग बढ़ाने के लिए नए AI टूल्स, बड़ी साझेदारियां और नई सेफ्टी सुविधाएं ला रहा है।

एक नई रिपोर्ट में ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने बताया कि यूट्यूब के क्रिएटर इकोसिस्टम ने पिछले साल भारत की GDP में 16,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का योगदान दिया और करीब 9.3 लाख लोगों को फुल-टाइम के बराबर रोजगार दिया।

इसी के साथ यूट्यूब ने Indian Institute of Creative Technology (IICT) और AIIMS के साथ नई पार्टनरशिप का ऐलान किया और कई नए AI टूल्स पेश किए, जिनका मकसद भारत में क्रिएटर्स और छात्रों के लिए और ज्यादा मौके बनाना है।

यूट्यूब इंडिया की मैनेजिंग डायरेक्टर गुंजन सोनी ने कहा कि यूट्यूब का असर सिर्फ व्यूज़ तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों की आजीविका और आर्थिक विकास से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि 63% भारतीय क्रिएटर्स, जो यूट्यूब से कमाई करते हैं, कहते हैं कि यूट्यूब उनकी कमाई का मुख्य ज़रिया है। इसी वजह से यूट्यूब नई पार्टनरशिप कर रहा है और ऐसे AI टूल्स ला रहा है जो भारत के अगले दौर के डिजिटल उद्यमियों को ताकत देंगे।

कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि यूट्यूब जैसी प्लेटफॉर्म जब महिलाओं और बच्चों को सही जानकारी, डिजिटल सुरक्षा और आर्थिक आज़ादी देते हैं तो यह डिजिटल इंडिया के मिशन को और मजबूत बनाता है।

भारत की नॉलेज इकॉनमी को डिजिटल सपोर्ट

आज भारत प्रतिभा का वैश्विक केंद्र बन रहा है और 98% भारतीय यूट्यूब का इस्तेमाल जानकारी और सीखने के लिए करते हैं। इसी को देखते हुए यूट्यूब ने कई नई पहलें शुरू कीं।

नई क्रिएटिव जेनरेशन को सशक्त करना

यूट्यूब नव-स्थापित Indian Institute of Creative Technologies (IICT) के साथ मिलकर छात्रों को AVGC-XR (एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी) इंडस्ट्री के लिए तैयार करेगा। इसके तहत—

  • गूगल छात्रों के लिए वेबिनार, गेस्ट लेक्चर और वर्कशॉप आयोजित करेगा

  • “Create with AI” नाम का फंड शुरू किया जाएगा, जिससे छात्र और कलाकार फिल्म, एनीमेशन और गेमिंग में AI का उपयोग कर नए प्रोजेक्ट बना सकेंगे

  • IICT को अपना आधिकारिक यूट्यूब चैनल बढ़ाने में मदद दी जाएगी

IICT के CEO विश्वास देवोस्कर ने कहा कि भारत की क्रिएटिव इंडस्ट्री एक नए दौर में प्रवेश कर रही है और AI स्टोरीटेलिंग को बदल देगा।

AIIMS के साथ मेडिकल ट्रेनिंग को बढ़ावा

AIIMS की कॉलेज ऑफ नर्सिंग के साथ मिलकर यूट्यूब अब प्रोफेशनल नर्सिंग कोर्सेज प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराएगा। इससे भारत भर के 5,000 से ज्यादा नर्सिंग छात्र और नर्सें- जैसे वाउंड केयर और हॉस्पिटल इंफेक्शन कंट्रोल जैसे महत्वपूर्ण विषय सीख सकेंगे।

AIIMS की प्रिंसिपल डॉ. लता वेंकटेशन ने कहा कि डिजिटल लर्निंग से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को देशभर में पहुंचाया जा सकता है।

नई Conversational AI सुविधाएं

यूट्यूब ने अपना नया Conversational AI Tool लॉन्च किया है, जिसमें दर्शक वीडियो देखते हुए सवाल पूछ सकते हैं और तुरंत जवाब पा सकते हैं। यह फीचर अभी अंग्रेज़ी में उपलब्ध है और जल्द ही हिंदी में भी आएगा।

विश्वसनीय स्वास्थ्य जानकारी और डिजिटल वेलबीइंग पर फोकस

भारत में स्वास्थ्य से जुड़ी वीडियो 2024 तक 300 अरब से ज्यादा बार देखी जा चुकी हैं। इसी को देखते हुए यूट्यूब ने—

  • First Aid Shelves को हिंदी और अंग्रेज़ी में और ज्यादा विषयों पर बढ़ाया है

  • Mindful Viewing फीचर लाया है, जिससे लोग Shorts पर स्क्रॉलिंग के लिए रोज़ की लिमिट सेट कर सकेंगे

  • 18 साल से कम उम्र के यूज़र्स के लिए "Take a Break" रिमाइंडर पहले से ही ऑन रहते हैं

भारत की क्रिएटिविटी की सुरक्षा और नए AI टूल्स

  • यूट्यूब के “Edit with AI” फीचर को अब सभी क्रिएटर्स के लिए लॉन्च कर दिया गया है। इससे लॉन्ग वीडियो एडिटिंग का समय काफी कम हो जाता है।

  • “Likeness Detection” तकनीक, जो AI से बदलकर बनाए गए गलत वीडियो का पता लगाने में मदद करती है, अब यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम के सभी क्रिएटर्स के लिए उपलब्ध है।

गुंजन सोनी ने कहा कि भारत सिर्फ एक मार्केट नहीं, बल्कि दुनिया के लिए इनोवेशन और संस्कृति का बड़ा स्रोत है।

कुल मिलाकर, यूट्यूब ने इस समिट में साफ कर दिया कि वह भारत की क्रिएटर इकॉनमी को और मजबूत करने, डिजिटल वेलबीइंग बढ़ाने और लोगों तक भरोसेमंद जानकारी पहुंचाने के लिए लगातार निवेश कर रहा है।


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सोशल मीडिया को कंटेंट की जिम्मेदारी उठानी होगी: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव

केंद्रीय रेल, सूचना-प्रसारण और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सिंगापुर में हुए ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम में कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अब अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 21 November, 2025
Last Modified:
Friday, 21 November, 2025
Ashwini Vaishnaw

केंद्रीय रेल, सूचना-प्रसारण और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सिंगापुर में हुए ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम (Bloomberg New Economy Forum) में कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अब अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होंने कहा कि इन प्लेटफॉर्म्स पर फैल रही अफवाहें, झूठी बातें और फेक कंटेंट समाज में भरोसा कमजोर कर रहे हैं।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज हर कोई इस बात को लेकर चिंतित है कि सोशल मीडिया का लोगों और संस्थानों के बीच भरोसे पर कितना असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा, 'जब अफवाहें रोशनी की रफ्तार से फैल जाती हैं, तो यह पूरा माहौल खराब कर देती हैं। इसलिए जरूरी है कि सोशल मीडिया कंपनियां इस बात की जिम्मेदारी लें कि वे क्या पब्लिश कर रही हैं।' 

सरकार के रुख पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि भारत तकनीकी और नवाचार को बढ़ावा देते हुए संतुलित रेगुलेशन अपनाता है। उन्होंने कहा, 'हमारा डेटा प्रोटेक्शन एक्ट सिद्धांतों पर आधारित है, क्योंकि टेक्नोलॉजी हर कुछ महीनों में बदलती रहती है। ऐसे में बहुत सख्त नियम बनाने से नवाचार रुक सकता है। हम इनोवेशन और रेगुलेशन- दोनों पर ध्यान देते हैं, लेकिन थोड़ा झुकाव इनोवेशन की तरफ रखते हैं।'

उन्होंने कहा कि सरकार लगातार इंडस्ट्री और सिविल सोसायटी के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि सही संतुलन बनाया जा सके। वैष्णव ने कहा, 'भारत में काम कर रही हर कंपनी को हमारे संविधान और कानूनों का पालन करना ही होगा। हर प्लेटफॉर्म को भी देश की सामाजिक संरचना और परिस्थितियों को समझना चाहिए।' 

अंत में उन्होंने सभी बिजनेस लीडर्स को अगला New Economy Forum भारत में शामिल होने का आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा, 'भारत आने वाले कई सालों तक तेज विकास और कम महंगाई वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। स्थिर नीतियां, आसान प्रक्रियाएं और बेहतर ग्रोथ किसी भी निवेशक के लिए आदर्श स्थिति है। अगले साल हम आपको दिल्ली में स्वागत करेंगे।'

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