डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) ने 28 सितंबर को मनाए जाने वाले वर्ल्ड न्यूज डे 2024 (World News Day) के लिए अपने समर्थन की घोषणा की है।
डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) ने 28 सितंबर को मनाए जाने वाले वर्ल्ड न्यूज डे 2024 (World News Day) के लिए अपने समर्थन की घोषणा की है। यह एक वैश्विक पहल है जो समाज में पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।
इस वर्ष का थीम "सच को चुनें" रखा गया है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में पत्रकारिता की भूमिका को फिर से मजबूत करना है।
"सच को चुनें" पहल के माध्यम से, वर्ल्ड न्यूज डे उन साहसी पत्रकारों के प्रयासों का जश्न मनाता है जो पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में योगदान देते हैं।
डीएनपीए की महासचिव सुजाता गुप्ता ने कहा, "वर्ल्ड न्यूज डे हमें यह याद दिलाने का दिन है कि पत्रकारिता एक सूचित समाज बनाने में कितनी अहम भूमिका निभाती है। आज की तेजी से बदलती डिजिटल दुनिया में विश्वसनीय पत्रकारिता पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। हम दुनिया भर के पत्रकारों को सच को सामने लाने के उनके समर्पण के लिए सलाम करते हैं।"
यह पहल लोगों को सच के महत्व को समझने और पत्रकारिता के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए प्रेरित करती है।
सीनियर मार्केटिंग प्रोफेशनल श्रीष्णा श्रीकिशन ने InMobi से विदाई ले ली है। वह यहां APAC की मार्केटिंग डायरेक्टर थीं।
सीनियर मार्केटिंग प्रोफेशनल श्रीष्णा श्रीकिशन ने InMobi से विदाई ले ली है। वह यहां APAC की मार्केटिंग डायरेक्टर थीं। लिंक्डइन पोस्ट के जरिए उन्होंने यह जानकारी साझा की है। श्रीकिशन ने इस एडटेक कंपनी के साथ अपनी यात्रा को याद किया, जिसकी शुरुआत उन्होंने 2016 में एक इंटर्न के रूप में की थी।
लिंक्डइन पर उन्होंने लिखा, "एक इंटर्न के रूप में ताइवान से एक ऐसा रोबोट लाने की जिम्मेदारी से शुरुआत की, जो जकार्ता में एक इवेंट में मेहमानों का स्वागत करता था और फिर एक मार्केटिंग लीडर बनी, जिसने प्रसून जोशी को हमारे एक प्रोडक्ट पर मंच पर एक तात्कालिक दोहा रचते देखा - यह सफर किसी रोलर कोस्टर राइड से कम नहीं रहा।"
श्रीकिशन 2016 में InMobi से एक मार्केटिंग इंटर्न के रूप में जुड़ीं और कंपनी में विभिन्न भूमिकाएं निभाते हुए प्रमोट होकर मार्केटिंग डायरेक्टर बनीं।
इससे पहले, वह Cafebond में एक मार्केटिंग इंटर्न के रूप में और Oracle में एक एसोसिएट कंसल्टेंट के रूप में कार्य कर चुकी हैं।
पूजा सेठी ने हाल ही में ‘इंडिया टीवी’ से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अक्टूबर 2022 में इस संस्थान में जॉइन किया था और ग्रुप एडिटर (डिजिटल) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
वरिष्ठ पत्रकार पूजा सेठी के बारे में खबर है कि वह जल्द ही ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) के साथ अपनी नई पारी शुरू करने जा रही हैं।
विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिल रही इस खबर के मुताबिक उन्हें यहां पर बड़ी जिम्मेदारी देते हुए वाइस प्रेजिडेंट अथवा मैनेजिंग एडिटर के पद पर नियुक्ति दी जा सकती है और वह टाइम्स ग्रुप के प्रेजिडेंट व सीओओ (डिजिटल) रोहित चड्ढा को रिपोर्ट करेंगी।
हालांकि, अभी इस खबर पर अभी आधिकारिक रूप से मुहर लगना बाकी है। इस खबर की आधिकारिक रूप से पुष्टि के लिए समाचार4मीडिया की टीम ने ‘टाइम्स नेटवर्क’ के प्रबंधन से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन खबर लिखे जाने तक वहां से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी थी।
बता दें कि पूजा सेठी ने हाल ही में ‘इंडिया टीवी’ (India TV) से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अक्टूबर 2022 में इस संस्थान में जॉइन किया था और ग्रुप एडिटर (डिजिटल) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं। पूजा सेठी पूर्व में तमाम प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर अपनी भूमिका निभा चुकी हैं।
विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, वह जल्द ही एक मीडिया संस्थान में सीनियर लेवल पर जॉइन करने जा रही हैं।
वरिष्ठ पत्रकार पूजा सेठी ने ‘इंडिया टीवी’ (India TV) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। उन्होंने अक्टूबर 2022 में इस संस्थान में जॉइन किया था और ग्रुप एडिटर (डिजिटल) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, वह जल्द ही 'टाइम्स समूह' से जुड़ सकती हैं। हालांकि, इस बारे में अभी पुष्टि होनी बाकी है।
बता दें कि पूजा सेठी इससे पहले 'जी मीडिया’(Zee Media) में ग्रुप एडिटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत थीं। वह यहां करीब ढाई साल से अपनी जिम्मेदारी संभाल रही थीं। इसके पहले वह स्वास्थ्य क्षेत्र की प्रमुख वेबसाइट myupchar.com में बतौर वाइस प्रेजिडेंट (कंटेंट स्ट्रैटेजी और पार्टनरशिप्स) अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
पूजा सेठी पूर्व में देश के प्रमुख मीडिया समूह 'जागरण प्रकाशन लिमिटेड' की डिजिटल विंग ‘जागरण न्यू मीडिया’ (Jagran New Media) में जीएम और डिजिटल हेड (जागरण ऑनलाइन) के रूप में भी अपनी भूमिका निभा चुकी हैं। इसके अलावा वह ‘दैनिक जागरण’समूह के अंग्रेजी अखबार ‘सिटी प्लस’में भी एग्जिक्यूटिव एडिटर रह चुकी हैं। पूर्व में वह ‘indiatimes’ (टाइम्स ऑफ इंडिया) में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो पूजा सेठी ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन और मिरांडा हाउस से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। अपने करियर के शुरुआती दिनों में वह ‘ऑल इंडिया रेडियो’और ‘दूरदर्शन’ में फ्रीलॉन्स एंकर के रूप में भी काम कर चुकी हैं।
क्विंट डिजिटल लिमिटेड (Quint Digital Limited) ने अपनी हिंदी वेबसाइट 'क्विंट हिंदी' (Quint Hindi) और इसका YouTube चैनल बेच दिया है
क्विंट डिजिटल लिमिटेड (Quint Digital Limited) ने अपनी हिंदी वेबसाइट 'क्विंट हिंदी' (Quint Hindi) और इसका YouTube चैनल बेच दिया है, जिसमें स्थायी कंटेंट लाइसेंस और अन्य मान्यता प्राप्त संपत्तियां भी शामिल हैं।
कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी के मुताबिक, सेबी ने इस डील पर विचार करते हुए अपनी मंजूरी दे दी है। Quint के हिंदी YouTube चैनल को Shvaas Creations Private Limited को 39.5 लाख रुपये (सटीक राशि 39,52,326 रुपये) में बेचा गया है, जिसमें लागू टैक्स अलग से जोड़े जाएंगे। दिसंबर 2024 में कंपनी ने एक्सचेंजो को जानकारी दी थी कि Quint Hindi को लेकर जो भी एक्टिविटीज हैं, वे 31 मार्च 2025 तक पूरी तरह क्लोज कर दी जाएंगी।
Shvaas Creations को 17 दिसंबर 2024 को वानी बिष्ट और शैलेश चतुर्वेदी द्वारा पंजीकृत किया गया था। यह कंपनी 'Kisan India' ब्रैंड नाम के तहत एक ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की योजना बना रही है।
डील की शर्तों के अनुसार, Quint Digital Limited, Shvaas में 77.5% हिस्सेदारी भी खरीदेगा। इस कारण Shvaas, Quint Digital की सहायक कंपनी बन जाएगी।
हाल ही में, Quint Digital ने एक अमेरिकी कंपनी Lee Enterprises में 8.4% की हिस्सेदारी खरीदी है। यह निवेश 5.49 मिलियन अमेरिकी डॉलर में किया गया है। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) के आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, Quint Digital ने कुल 5,13,000 शेयर खरीदे हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में, Quint Digital की बैलेंस शीट में कुल राजस्व 85.12 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो कि पिछले वर्ष की समान तिमाही के 157.65 करोड़ रुपये से 46% की गिरावट को दर्शाता है।
डिजिटल पब्लिकेशन का कुल आय का आंकड़ा 159.78 करोड़ रुपये पर पहुंचा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 220.31 करोड़ रुपये से 27% की गिरावट दर्शाता है।
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में कंपनी का कुल घाटा 31.54 करोड़ रुपये रहा। यह घाटा पिछली तिमाही के मुकाबले बढ़ गया है, क्योंकि 30 सितंबर 2024 को समाप्त तिमाही में कंपनी को 7.9 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
'मेटा' ने नए AI-संचालित विज्ञापन टूल्स की एक सीरीज की घोषणा की है, जो कैंपेन प्रदर्शन को बेहतर बनाने और विज्ञापनदाताओं को अधिक व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
फेसबुक की पैरेंट कंपनी 'मेटा' (Meta) ने नए AI-संचालित विज्ञापन टूल्स की एक सीरीज की घोषणा की है, जो कैंपेन प्रदर्शन को बेहतर बनाने और विज्ञापनदाताओं को अधिक व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। ये इनोवेटिव कैंपेन सेटअप प्रक्रिया को सरल बनाने, AI ऑप्टिमाइजेशन के दायरे का विस्तार करने और डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि प्रदान करने के उद्देश्य से किए गए हैं।
इन विकासों के केंद्र में एक नया सुव्यवस्थित Advantage+ कैंपेन सेटअप है, जो वर्तमान में परीक्षण में है। यह फीचर अधिक कैपेंस को उन AI ऑप्टिमाइजेशंस से लाभान्वित करने की अनुमति देता है, जिन्होंने Advantage+ शॉपिंग और ऐप कैपेंस के लिए सफलता प्राप्त की है। यह सरलीकृत सेटअप मार्केटर्स को मैन्युअल और Advantage+ शॉपिंग कैपेंस (ASC+) के बीच चयन करने की आवश्यकता को समाप्त करता है, क्योंकि अब सभी बिक्री, ऐप और लीड कैपेंस में उन्नत AI ऑप्टिमाइजेशन का लाभ उठाया जा सकता है।
इन ऑप्टिमाइजेशंस के सक्रिय होने को उजागर करने के लिए, Meta Advantage+ 'ऑन' लेबल पेश कर रहा है, जो उन कैपेंस में दिखाई देगा जो Advantage+ ऑडियंस, प्लेसमेंट और कैंपेन बजट सुविधाओं का उपयोग करते हैं। प्रारंभिक परीक्षणों से संकेत मिलता है कि इस लेबल वाले कैंपेन, पिछली ASC+ कैपेंस की तुलना में समान Cost Per Action प्रदान कर रहे हैं।
Meta अपने AI प्रसाद का विस्तार कर रहा है और Advantage+ लीड कैपेंस की शुरुआत कर रहा है। यह नई सुविधा पूर्ण कैंपेन स्वचालन लागू करती है ताकि AI का उपयोग करके उच्च गुणवत्ता वाले लीड्स को प्रभावी ढंग से पहचाना जा सके। प्रारंभिक परीक्षणों से सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, जिनमें Advantage+ 'ऑन' लीड कैपेंस ने उन कैपेंस की तुलना में औसतन 10% कम लागत प्रति योग्य लीड प्रदान की है जिनमें यह सुविधा नहीं है।
कंपनी Advantage+ शॉपिंग कैपेंस का नाम बदलकर Advantage+ सेल्स कैंपेन कर रही है, ताकि उन विभिन्न विज्ञापनदाताओं को बेहतर तरीके से प्रतिबिंबित किया जा सके जो इस प्रॉडक्ट से लाभान्वित हो सकते हैं। यह परिवर्तन ऐसे समय में आया है जब ASC+ ने 2024 की चौथी तिमाही में वर्ष-दर-वर्ष 70% वृद्धि दर्ज की है।
Meta की AI प्रगति ने विज्ञापन गुणवत्ता में भी सुधार किया है। Meta Andromeda की शुरुआत के बाद से, कंपनी ने विज्ञापन गुणवत्ता में 8% सुधार देखा है, जिससे Advantage+ कैपेंस से दिखाए जाने वाले विज्ञापनों का अधिक व्यक्तिगतकरण संभव हुआ है।
विज्ञापनदाताओं को उनके कैंपेन प्रदर्शन को अधिकतम करने में सहायता करने के लिए, Meta अपने अपॉर्च्युनिटी स्कोर टूल (Opportunity Score Tool) की उपलब्धता Ads Manager में बढ़ा रहा है। यह सुविधा प्रत्येक विज्ञापनदाता के लिए 0-100 अंक का एक अनूठा स्कोर प्रदान करती है, जिससे यह संकेत मिलता है कि उनका कैंपेन इष्टतम प्रदर्शन के लिए कितना अच्छी तरह सेट किया गया है। इस स्कोर के साथ प्रदर्शन सुधारने के लिए लगभग वास्तविक समय में सिफारिशें दी जाती हैं, जिनमें Meta के AI-सक्षम Advantage+ सुइट का उपयोग करने के सुझाव शामिल हैं।
अवसर स्कोर टूल के प्रारंभिक परीक्षणों ने आशाजनक परिणाम दिखाए हैं। जिन विज्ञापनदाताओं ने सिफारिशों को अपनाया, उन्होंने अपने प्रति परिणाम लागत में 5% की औसत कमी देखी। Meta अब इस परीक्षण का विस्तार अधिक व्यवसायों तक कर रहा है, जिसमें प्रारंभिक सेट की कैंपेन सिफारिशें शामिल हैं जो शोध के माध्यम से प्रदर्शन बढ़ाने में प्रभावी साबित हुई हैं।
आने वाले हफ्तों में, परीक्षण समूह के कुछ विज्ञापनदाताओं को अवसर स्कोर सिफारिशें Meta Advantage+ सेटअप के साथ दिखाई देंगी। इस संयोजन का उद्देश्य मार्केटर्स को उनके कैपेंस को बनाने, प्रबंधित करने और संचालित करने के लिए एक अधिक शक्तिशाली आधार प्रदान करना है।
ये नए टूल और सुविधाएं Meta के विज्ञापन में AI के उपयोग को बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा हैं। कंपनी के सबसे उन्नत AI समाधान उद्योग मानक बन गए हैं, जो मार्केटर्स को कैंपेन प्रदर्शन को अधिकतम करने में मदद कर रहे हैं, जिससे विज्ञापनों को उन लोगों तक पहुंचाया जा सके जो सबसे अधिक क्रिया करने की संभावना रखते हैं और वह भी सबसे कुशल मूल्य पर।
जैसे-जैसे Meta AI-संचालित विज्ञापन क्षेत्र में नवाचार करता रहेगा, ये नई सुविधाएं और टूल विज्ञापनदाताओं को अपने लक्षित दर्शकों तक अधिक कुशल और प्रभावी तरीकों से पहुंचने और अपने मार्केटिंग लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेंगे। Meta AI ऑप्टिमाइजेशन तक आसान पहुंच को अधिक व्यक्तिगत कैंपेन सिफारिशों के साथ जोड़कर, विज्ञापनदाताओं को अपने कैपेंस से बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाने का लक्ष्य रखता है।
इन नए AI-संचालित विज्ञापन टूल्स की शुरुआत, कैंपेन प्रदर्शन में सुधार लाने और बेहतर परिणाम देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शक्ति का उपयोग करने के Meta के समर्पण को दर्शाती है। जैसे-जैसे ये सुविधाएं अधिक विज्ञापनदाताओं के लिए उपलब्ध होंगी, डिजिटल विज्ञापन परिदृश्य में अधिक AI-संचालित, व्यक्तिगत और कुशल कैंपेन प्रबंधन रणनीतियों की ओर बदलाव देखने को मिलेगा।
वित्त मंत्रालय ने अपने एम्प्लॉयीज को कार्यालय के कंप्यूटर्स और उपकरणों पर ऐसे टूल्स, जैसे कि ChatGPT और DeepSeek के उपयोग से 'कड़ाई से' बचने का निर्देश दिया है
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट्स की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के बीच, वित्त मंत्रालय ने अपने एम्प्लॉयीज को कार्यालय के कंप्यूटर्स और उपकरणों पर ऐसे टूल्स, जैसे कि ChatGPT और DeepSeek के उपयोग से 'कड़ाई से' बचने का निर्देश दिया है। यह निर्देश वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा 29 जनवरी को जारी किया गया था।
निर्देश में कहा गया है, 'यह निर्धारित किया गया है कि कार्यालय के कंप्यूटर्स और उपकरणों में AI टूल्स और AI ऐप्स (जैसे ChatGPT, DeepSeek आदि) सरकारी डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए जोखिम पैदा करते हैं।'
इसमें आगे कहा गया है, 'इसलिए, सलाह दी जाती है कि कार्यालय के उपकरणों में AI टूल्स/AI ऐप्स का उपयोग कड़ाई से टाला जाए। यह सभी एम्प्लॉयीज के ध्यान में लाया जाना चाहिए।'
कुछ अन्य देशों ने पहले ही AI टूल्स, विशेष रूप से चीनी फाउंडेशनल मॉडल DeepSeek, से अपनी आधिकारिक प्रणालियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं, जो गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के मुद्दों को लेकर चिंतित हैं।
इस बीच, OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने बुधवार को कहा कि भारत अब OpenAI के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है और देश में कंपनी के यूजर्स की संख्या पिछले वर्ष में तीन गुना बढ़ गई है। ऑल्टमैन भारत में शीर्ष सरकारी अधिकारियों, स्टार्ट-अप्स और वेंचर कैपिटल फंड्स के साथ बैठक के लिए भारतीय यात्रा पर हैं।
ऑल्टमैन की यात्रा उस समय हो रही है जब DeepSeek की लोकप्रियता में तेजी आई है, जो एक चीनी AI प्रयोगशाला द्वारा विकसित किया गया है और OpenAI के मॉडल की तुलना में कम लागत पर बनाया गया है। DeepSeek का मॉडल दुनिया को यह दिखा रहा है कि अत्याधुनिक फाउंडेशनल मॉडल को सस्ते दामों पर बनाया जा सकता है, जबकि OpenAI के मॉडल बनाने में भारी निवेश किया गया है।
भारत में ऑनलाइन वीडियो ऐडवर्टाइजिंग तेजी से विकसित हो रही है और यह देश की सबसे तेजी से बढ़ने वाली डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग प्रारूप बनकर उभरी है।
भारत में ऑनलाइन वीडियो ऐडवर्टाइजिंग तेजी से विकसित हो रही है और यह देश की सबसे तेजी से बढ़ने वाली डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग प्रारूप बनकर उभरी है। नवीनतम e4m dentsu 2025 रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में इसकी मार्केट में 28% हिस्सादारी है, जिसकी कीमत 13,756 करोड़ रुपये आंकी गई है। 27.60% की प्रभावशाली वृद्धि दर के साथ, इसके 2025 के अंत तक 30% मार्केट हिस्सेदारी तक पहुंचने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "ऑनलाइन वीडियो और सोशल मीडिया की लगातार और तेजी से बढ़ती लोकप्रियता यह दर्शाती है कि ब्रैंड कंज्युमर्स को जोड़ने और ब्रैंड-कंज्युमर संबंधों को मजबूत करने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 2025 के अंत तक, हमें उम्मीद है कि सोशल मीडिया 21.67% की वृद्धि दर के साथ कुल विज्ञापन खर्च में उसकी हिस्सेदारी 30% (spends share) तक पहुंच जाएगी।"
ऑनलाइन वीडियो ऐडवर्टाइजिंग में यह उछाल शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट, लाइव-स्ट्रीमिंग और इंटरेक्टिव वीडियो एक्सपीरियंस को अपनाने की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण है। रिपोर्ट में 2026 तक इस क्षेत्र में 23.24% की मजबूत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की गई है, जो सोशल मीडिया (CAGR 20.22%) और पेड सर्च (CAGR 16.85%) से अधिक है। जैसे-जैसे ब्रैंड पारंपरिक डिस्प्ले ऐडवर्टाइजिंग्स से जुड़ाव-आधारित फॉर्मेट्स (Engagement-driven formats) की ओर रुख कर रहे हैं, वैसे-वैसे ऑनलाइन वीडियो उन मार्केटर्स की पहली पसंद बनता जा रहा है, जो कंज्युमर्स के साथ मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं।
सोशल मीडिया की बढ़त बरकरार, लेकिन वीडियो तेजी से बना रहा पकड़
वर्तमान में, डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग खर्च में सोशल मीडिया 29% (14,480 करोड़ रुपये) की हिस्सेदारी के साथ आगे है, जबकि ऑनलाइन वीडियो 28% के साथ उसके करीब है। हालांकि, इसकी तेज वृद्धि दर को देखते हुए, ऑनलाइन वीडियो के 2025 तक सोशल मीडिया के बराबर पहुंचने की संभावना है।
वहीं, पेड सर्च, जो 2025 में 15.93% की दर से बढ़ रहा है, अपनी मार्केट हिस्सेदारी में 23% से 22% तक की गिरावट देखेगा। इसी तरह, डिस्प्ले बैनर ऐडवर्टाइजिंग, जो 15.15% की दर से बढ़ रहे हैं, अपनी हिस्सेदारी में 16% से घटकर 15% तक की कमी देखेंगे।
वीडियो कंटेंट का यह प्रभुत्व स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच, किफायती डेटा दरों और शहरी व ग्रामीण भारत में वीडियो देखने की बढ़ती प्रवृत्ति से प्रेरित है। स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया कंपनियां वीडियो-आधारित ऐडवर्टाइजिंग समाधानों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिससे इस क्षेत्र का और विस्तार हो रहा है।
पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए, यहां क्लिक करें
भारतीय डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग इकोसिस्टम एक अभूतपूर्व वृद्धि का अनुभव कर रहा है, जिसे तकनीकी प्रगति, उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव और डिजिटल प्लेटफॉर्म की बढ़ती पहुंच द्वारा प्रेरित किया जा रहा है
भारतीय डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग इकोसिस्टम एक अभूतपूर्व वृद्धि का अनुभव कर रहा है, जिसे तकनीकी प्रगति, उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव और डिजिटल प्लेटफॉर्म की बढ़ती पहुंच द्वारा प्रेरित किया जा रहा है। यह सेक्टर तेजी से बढ़ा है और अब अन्य ऐडवर्टाइजिंग माध्यमों से आगे निकल रहा है, क्योंकि बिजनेस अपनी मार्केटिंग रणनीतियों को डिजिटल-फर्स्ट कंज्यूमर्स के अनुकूल बना रहे हैं।
आज मुंबई में जारी नवीनतम e4m-dentsu रिपोर्ट के अनुसार, भारत का डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग मार्केट 2025 में 20.2% की दर से बढ़ने का अनुमान है, जिसके वर्ष के अंत तक 59,200 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है।
इस बीच, भारत का डिजिटल इकोसिस्टम निरंतर विस्तार देखेगा, क्योंकि यह इंडस्ट्री 19.09% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ आगे बढ़ेगा और 2026 तक इसका बाजार आकार 69,856 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। तब तक, भारतीय ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री में डिजिटल मीडिया का योगदान कुल ऐडवर्टाइजिंग खर्च का 61% से अधिक होगा।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2024 में इस इंडस्ट्री का मार्केट साइजु 49,251 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21.1% की वृद्धि को दर्शाता है। यह प्रवृत्ति जारी रहने की संभावना है, क्योंकि आने वाले वर्षों में डिजिटल मीडिया कुल ऐडवर्टाइजिंग सेक्टर में सबसे प्रभावशाली माध्यम बनने जा रहा है।
सोशल मीडिया, वीडियो प्लेटफॉर्म और एआई-संचालित ऐडवर्टाइजिंग प्लेटफॉर्म की व्यापक स्वीकृति के साथ, डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग भारत के मार्केटिंग इंडस्ट्री का मुख्य प्रेरक बन गया है। यह वृद्धि भारत के ऐडवर्टाइजिंग परिदृश्य में डिजिटल चैनलों के मजबूत प्रभुत्व और निरंतर विस्तार को उजागर करती है।
डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग में जबरदस्त वृद्धि के बावजूद, भारत का मार्केटिंग परिदृश्य प्रगति और परंपरा का मिश्रण बना हुआ है। रिपोर्ट में बताय गया है, "हालांकि जेनरेटिव एआई, प्रोग्रामेटिक ऐडवर्टाइजिंग और ऑटोमेशन ऐडवर्टाइजिंग प्रक्रियाओं को सरल बना रहे हैं, पारंपरिक मीडिया जैसे टीवी, रेडियो और प्रिंट भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।"
अब ब्रैंड डिजिटल रणनीतियों को पारंपरिक तरीकों के साथ तेजी से एकीकृत कर रहे हैं, जिससे एक 'फिजिटल' (फिजिकल + डिजिटल) ऐडवर्टाइजिंग मॉडल तैयार हो रहा है, जो कंज्युमर एक्सपीरियंस अनुभव को बेहतर बनाता है। रिपोर्ट में आगे उल्लेख किया गया है कि 'रिटेल मीडिया 2.0' और 'यूनिफाइड कॉमर्स' खुदरा प्रवृत्तियों को बदल रहे हैं, जबकि जेनरेशन वैल्यूज (Generational Values) ब्रैंड जुड़ाव को आकार दे रहे हैं।
यह चरण डिजिटल और पारंपरिक दृष्टिकोणों को मिलाकर एक गतिशील परिदृश्य तैयार कर रहा है, जहां बिजनेस कंज्यूमर्स के साथ सार्थक और नवीन तरीकों से जुड़ सकते हैं।
बहुप्रतीक्षित 'डेंट्सू-e4m डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग रिपोर्ट 2025' का नौवां संस्करण जारी कर दिया गया है।
बहुप्रतीक्षित 'डेंट्सू-e4m डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग रिपोर्ट 2025' का नौवां संस्करण जारी कर दिया गया है। इस व्यापक रिपोर्ट को 03 फरवरी यानी आज मुंबई में डेंट्सू और एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप ने इंडस्ट्री जगत के लीडर्स की उपस्थिति में संयुक्त रूप से लॉन्च किया। इस रिपोर्ट की थीम "लुकिंग थ्रू द कैलिडोस्कोप" खी गई है, जो भारतीय ऐडवर्टाइजिंग इंंडस्ट्री में बदलते रुझानों और मीडिया खर्च को दर्शाती है। इस वर्ष की थीम डिजिटल परिदृश्य के भविष्य के रुझानों का पीछा करने के बजाय वर्तमान को अपनाने पर जोर देती है। यह डिजिटल इकोसिस्टम की जटिलताओं को उजागर करती है, जो डेटा, टेक्नोलॉजी और उपभोक्ता व्यवहार में रीयल-टाइम बदलावों से प्रभावित हो रही हैं।
डेंट्सू-e4m डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग रिपोर्ट 2025 को हर्षा राजदान (सीईओ - साउथ एशिया, डेंट्सू), करण बेदी (डायरेक्टर व हेड, एमेजॉन एमएक्स प्लेयर), नारायण देवनाथन (प्रेजिडेंट व चीफ स्ट्रैटजी ऑफिसर, साउथ एशिया - डेंट्सू), अनिता कोटवानी (सीईओ – मीडिया, साउथ एशिया, डेंट्सू), अमित वाधवा (सीईओ, साउथ एशिया, डेंट्सू क्रिएटिव), देवांग शाह (प्रेजिडेंट - इंडस्ट्री सॉल्यूशंस, CXM, डेंट्सू इंडिया), विनोद ठडानी (चीफ ग्रोथ ऑफिसर, मीडिया व सीईओ, iProspect इंडिया), आनंदिता सरकार (वाइस प्रेजिडेंट, ब्रैंड व कम्युनिकेशन, साउथ एशिया, डेंट्सू), अभीक बिस्वास (एवीपी – कंज्यूमर इनसाइट्स- डेंट्सू इंडिया), डॉ. अनुराग बत्रा (चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ, BW बिजनेसवर्ल्ड और फाउंडर, एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप), नवल आहूजा (को-फाउंडर, एक्सचेंज4मीडिया) और अन्य इंडस्ट्री जगत के लीडर्स द्वारा जारी किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय ऐडवर्टाइजिंग इंंडस्ट्री के 2025 में 6.5% की वृद्धि दर से बढ़कर 1,07,664 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। 2026 में यह वृद्धि दर 7.2% होने की संभावना है, जिससे मार्केट का आकार बढ़कर 1,15,460 करोड़ रुपये हो जाएगा। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री में डिजिटल मीडिया सबसे बड़े बदलाव का नेतृत्व कर रहा है, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 19.09% है। यह दर्शाता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भारी निवेश किया जा रहा है। टीवी और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रियलिटी शोज और स्पोर्ट्स कंटेंट पर बढ़ते खर्च और बड़े प्रारूप के प्रिंट ऐडवर्टाइजिंगों को प्रमुख विकास कारकों के रूप में पहचाना गया है।
रिपोर्ट में कहा गया, "भारतीय ऐडवर्टाइजिंग इंंडस्ट्री ने पिछले वर्ष 6.3% की वृद्धि दर्ज की थी, जिससे 2024 का मार्केट आकार 1,01,084 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह वृद्धि मुख्य रूप से आम चुनावों और विधानसभा चुनावों के कारण हुई थी, जिससे ऐडवर्टाइजिंग खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। 2025 में, आईपीएल, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जैसे प्रमुख खेल आयोजनों के चलते ऐडवर्टाइजिंग सेक्टर में निरंतर वृद्धि की उम्मीद है। ये इवेंट ब्रैंड्स के लिए विविध दर्शकों से जुड़ने के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेंगे, जिससे उद्योग की विकास गति बनी रहेगी।"
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ई-कॉमर्स, ऑटोमोबाइल, BFSI, FMCG और रिटेल जैसे प्रमुख सेक्टर डिजिटल और पारंपरिक मीडिया दोनों में हावी हैं। रिटेल मीडिया, ई-कॉमर्स और D2C प्लेटफॉर्म्स पर ऑफर्स और प्रमोशंस का स्तर काफी बड़ा रहेगा, जिससे उपभोक्ताओं की भागीदारी बढ़ेगी।
भारतीय ऐडवर्टाइजिंग मार्केट में FMCG सेक्टर का दबदबा बना हुआ है, जो कुल खर्च का 31% (31,467 करोड़ रुपये) योगदान देता है। इसके बाद, ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स ब्रैंड्स 15% (15,509 करोड़ रुपये) के साथ दूसरे स्थान पर हैं, जो इम्पल्स बायिंग पर निर्भर हैं। वहीं, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स श्रेणी का योगदान 7% है। यह मार्केट के विविध और गतिशील स्वभाव को दर्शाता है।
डिजिटल मीडिया ऐडवर्टाइजिंग खर्च का सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन गया है, जो कुल खर्च का 49% (49,251 करोड़ रुपये) हिस्सा रखता है। टेलीविजन 28% (28,062 करोड़ रुपये) के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि प्रिंट मीडिया का हिस्सा 17% (17,529 करोड़ रुपये) है। यह बदलाव डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती ताकत और ऐडवर्टाइजिंग रणनीतियों में उनके प्रभाव को दर्शाता है।
2024 में, यात्रा और परिवहन सेक्टर में ऐडवर्टाइजिंग खर्च में 33.4% की सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई। यह वृद्धि मुख्य रूप से "चलो इंडिया" अभियान, महाकुंभ मेला 2025 और अन्य स्थानीय पर्यटन प्रचार अभियानों के कारण हुई, जो भारत के विविध परिदृश्यों और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देते हैं। ई-कॉमर्स सेक्टर में 21.1% और ऑटोमोबाइल सेक्टर में 20.4% की वृद्धि दर्ज की गई। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) के बढ़ते चलन के कारण ऑटोमोबाइल सेक्टर में दोपहिया ब्रैंड्स की वापसी भी देखी गई।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया, "भारतीय डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग इंंडस्ट्री ने 2024 में 49,251 करोड़ रुपये के मार्केट आकार के साथ 21.1% की वृद्धि दर दर्ज की। सोशल मीडिया, वीडियो प्लेटफॉर्म्स और AI संचालित ऐडवर्टाइजिंग कैपेंस के चलते डिजिटल मीडिया अन्य ऐडवर्टाइजिंग माध्यमों को पीछे छोड़ रहा है। 2025 में डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग मार्केट 20.2% की वृद्धि दर के साथ 59,200 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। यह डिजिटल चैनलों के निरंतर प्रभुत्व और विस्तार को दर्शाता है।"
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डीबी कॉर्प ने हाल ही में आधिकारिक रूप से ‘भास्कर इंग्लिश’ नामक एक मोबाइल न्यूज एप्लिकेशन लॉन्च किया है
डीबी कॉर्प ने हाल ही में आधिकारिक रूप से ‘भास्कर इंग्लिश’ नामक एक मोबाइल न्यूज एप्लिकेशन लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य कई भाषाओं में विश्वसनीय पत्रकारिता के रूप में अपनी पहुंच का विस्तार करना है।
कंपनी ने हाल ही में स्टॉक एक्सचेंज को इसकी जानकारी दी।
यह लॉन्चिंग कंपनी की वैश्विक स्तर पर विविध दर्शकों तक पहुंचने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, क्योंकि डीबी कॉर्प पहले से ही हिंदी, गुजराती और मराठी में न्यूज सर्विस प्रदान करता है। इसके पास चार पोर्टल और तीन मोबाइल एप्लिकेशन हैं।
इससे पहले, कंपनी ने जी मीडिया के साथ साझेदारी में 'डीएनए इंग्लिश' न्यूजपेपर लॉन्च किया था। अब, इसका नवीनतम प्रयास ‘भास्कर इंग्लिश’ न्यूज ऐप है, जिसके बारे में दावा किया गया है कि यह 16 राज्यों के यूजर्स को ताजा खबरें प्रदान करेगा। इस ऐप में रीयल-टाइम न्यूज अपडेट के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग किया गया है और इसमें यूजर फ्रेंडली इंटरफेस है, जिससे डीबी कॉर्प के इनोवेशन और उच्च गुणवत्ता वाली पत्रकारिता के प्रति समर्पण को दर्शाया गया है।
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