भारत में ऑनलाइन वीडियो ऐडवर्टाइजिंग तेजी से विकसित हो रही है और यह देश की सबसे तेजी से बढ़ने वाली डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग प्रारूप बनकर उभरी है।
भारत में ऑनलाइन वीडियो ऐडवर्टाइजिंग तेजी से विकसित हो रही है और यह देश की सबसे तेजी से बढ़ने वाली डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग प्रारूप बनकर उभरी है। नवीनतम e4m dentsu 2025 रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में इसकी मार्केट में 28% हिस्सादारी है, जिसकी कीमत 13,756 करोड़ रुपये आंकी गई है। 27.60% की प्रभावशाली वृद्धि दर के साथ, इसके 2025 के अंत तक 30% मार्केट हिस्सेदारी तक पहुंचने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "ऑनलाइन वीडियो और सोशल मीडिया की लगातार और तेजी से बढ़ती लोकप्रियता यह दर्शाती है कि ब्रैंड कंज्युमर्स को जोड़ने और ब्रैंड-कंज्युमर संबंधों को मजबूत करने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 2025 के अंत तक, हमें उम्मीद है कि सोशल मीडिया 21.67% की वृद्धि दर के साथ कुल विज्ञापन खर्च में उसकी हिस्सेदारी 30% (spends share) तक पहुंच जाएगी।"
ऑनलाइन वीडियो ऐडवर्टाइजिंग में यह उछाल शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट, लाइव-स्ट्रीमिंग और इंटरेक्टिव वीडियो एक्सपीरियंस को अपनाने की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण है। रिपोर्ट में 2026 तक इस क्षेत्र में 23.24% की मजबूत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की गई है, जो सोशल मीडिया (CAGR 20.22%) और पेड सर्च (CAGR 16.85%) से अधिक है। जैसे-जैसे ब्रैंड पारंपरिक डिस्प्ले ऐडवर्टाइजिंग्स से जुड़ाव-आधारित फॉर्मेट्स (Engagement-driven formats) की ओर रुख कर रहे हैं, वैसे-वैसे ऑनलाइन वीडियो उन मार्केटर्स की पहली पसंद बनता जा रहा है, जो कंज्युमर्स के साथ मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं।
सोशल मीडिया की बढ़त बरकरार, लेकिन वीडियो तेजी से बना रहा पकड़
वर्तमान में, डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग खर्च में सोशल मीडिया 29% (14,480 करोड़ रुपये) की हिस्सेदारी के साथ आगे है, जबकि ऑनलाइन वीडियो 28% के साथ उसके करीब है। हालांकि, इसकी तेज वृद्धि दर को देखते हुए, ऑनलाइन वीडियो के 2025 तक सोशल मीडिया के बराबर पहुंचने की संभावना है।
वहीं, पेड सर्च, जो 2025 में 15.93% की दर से बढ़ रहा है, अपनी मार्केट हिस्सेदारी में 23% से 22% तक की गिरावट देखेगा। इसी तरह, डिस्प्ले बैनर ऐडवर्टाइजिंग, जो 15.15% की दर से बढ़ रहे हैं, अपनी हिस्सेदारी में 16% से घटकर 15% तक की कमी देखेंगे।
वीडियो कंटेंट का यह प्रभुत्व स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच, किफायती डेटा दरों और शहरी व ग्रामीण भारत में वीडियो देखने की बढ़ती प्रवृत्ति से प्रेरित है। स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया कंपनियां वीडियो-आधारित ऐडवर्टाइजिंग समाधानों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिससे इस क्षेत्र का और विस्तार हो रहा है।
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एलन मस्क की सोशल मीडिया कंपनी X (पहले ट्विटर) ने भारतीय सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
एलन मस्क की सोशल मीडिया कंपनी X (पहले ट्विटर) ने भारतीय सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। कंपनी का आरोप है कि सरकार ने गैरकानूनी तरीके से कंटेंट रेगुलेशन और सेंसरशिप के अधिकार बढ़ा लिए हैं, जिससे ऑनलाइन सामग्री को हटाना आसान हो गया है और कई सरकारी अधिकारियों को इसे लागू करने की शक्ति मिल गई है।
यह मुकदमा कर्नाटक हाईकोर्ट में दायर किया गया है और इसमें सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 79(3)(b) की सरकारी व्याख्या को चुनौती दी गई है। X का कहना है कि सरकार इस धारा का गलत इस्तेमाल कर रही है, जिससे सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लंघन हो रहा है और ऑनलाइन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कमजोर हो रही है। कंपनी का आरोप है कि सरकार इस धारा के जरिए कंटेंट ब्लॉक करने का एक समानांतर तंत्र बना रही है, जो आईटी अधिनियम की धारा 69A के तहत निर्धारित कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार करता है।
इस विवाद का केंद्र गृह मंत्रालय द्वारा पिछले साल शुरू किया गया ‘सहयोग पोर्टल’ है। X का कहना है कि इस पोर्टल के जरिए केंद्र, राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को बिना उचित कानूनी प्रक्रिया अपनाए बड़ी संख्या में कंटेंट हटाने का अधिकार मिल गया है।
X का तर्क है कि यह नया सिस्टम भारतीय कानून द्वारा निर्धारित सख्त नियमों का पालन नहीं करता, जिसमें कहा गया है कि कंटेंट हटाने का आदेश केवल उन मामलों में दिया जा सकता है जहां सार्वजनिक व्यवस्था या राष्ट्र की संप्रभुता को खतरा हो। कंपनी का आरोप है कि यह पोर्टल "एक अवैध समानांतर व्यवस्था" बना रहा है, जो भारत में "बिना किसी रोक-टोक के सेंसरशिप" को बढ़ावा देता है।
यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और X के बीच ऑनलाइन कंटेंट रेगुलेशन को लेकर जारी विवाद को और बढ़ा सकता है। यह मुकदमा ऐसे समय में दायर किया गया है जब एलन मस्क भारत में स्टारलिंक और टेस्ला लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं।
इस कानूनी लड़ाई के दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं, क्योंकि इसका सीधा संबंध भारत में डिजिटल गवर्नेंस से है। इससे यह भी तय हो सकता है कि भविष्य में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सरकार के बीच कंटेंट रेगुलेशन को लेकर कैसे संबंध रहेंगे।
सरकार ने इस मुकदमे पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। इस महीने की शुरुआत में इस मामले की एक संक्षिप्त सुनवाई हुई थी, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं आया है। अगली सुनवाई 27 मार्च को होनी है।
यह मुकदमा इस बात को भी उजागर करता है कि दुनियाभर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सरकारों के बीच कंटेंट मॉडरेशन और सेंसरशिप को लेकर संघर्ष जारी है। जैसे-जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म सार्वजनिक संवाद का अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं, यह मामला भारत में ऑनलाइन स्वतंत्रता के भविष्य को प्रभावित कर सकता है और संभवतः वैश्विक स्तर पर भी इसी तरह की बहस को प्रभावित कर सकता है।
पूजा सेठी इससे पहले अक्टूबर 2022 से ‘इंडिया टीवी’ (India TV) में ग्रुप एडिटर (डिजिटल) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं, जहां से उन्होंने कुछ समय पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
देश के प्रमुख न्यूज नेटवर्क्स में शामिल ‘टाइम्स नेटवर्क’ (TIMES NETWORK) ने वरिष्ठ पत्रकार पूजा सेठी को मैनेजिंग एडिटर (डिजिटल) के पद पर नियुक्त किया है। पूजा सेठी ने यहां पर जॉइन कर लिया है। वह ‘टाइम्स ग्रुप’ के प्रेजिडेंट व सीओओ (डिजिटल) रोहित चड्ढा को रिपोर्ट करेंगी।
बता दें कि समाचार4मीडिया ने पिछले महीने ही खबर दे दी थी कि पूजा सेठी ‘टाइम्स नेटवर्क’ जॉइन करने जा रही हैं। अब इस नियुक्ति के बाद समाचार4मीडिया की इस खबर पर औपचारिक रूप से मुहर लग गई है।
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पूजा सेठी इससे पहले अक्टूबर 2022 से ‘इंडिया टीवी’ (India TV) में ग्रुप एडिटर (डिजिटल) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं, जहां से उन्होंने कुछ समय पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
पूजा सेठी को तमाम प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम करने का 21 साल से ज्यादा का अनुभव है। ‘इंडिया टीवी’ से पहले वह 'जी मीडिया’(Zee Media) में ग्रुप एडिटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत थीं। यहां करीब ढाई साल तक उन्होंने अपनी भूमिका निभाई। इसके पहले वह स्वास्थ्य क्षेत्र की प्रमुख वेबसाइट myupchar.com में बतौर वाइस प्रेजिडेंट (कंटेंट स्ट्रैटेजी और पार्टनरशिप्स) अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
पूर्व में वह 'जागरण प्रकाशन लिमिटेड' की डिजिटल विंग ‘जागरण न्यू मीडिया’ (Jagran New Media) में जीएम और डिजिटल हेड (जागरण ऑनलाइन) के रूप में भी अपनी भूमिका निभा चुकी हैं। इसके अलावा वह ‘दैनिक जागरण’समूह के अंग्रेजी अखबार ‘सिटी प्लस’में भी एग्जिक्यूटिव एडिटर रह चुकी हैं। पूर्व में वह ‘indiatimes’ (टाइम्स ऑफ इंडिया) में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो पूजा सेठी ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन और मिरांडा हाउस से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। अपने करियर के शुरुआती दिनों में वह ‘ऑल इंडिया रेडियो’और ‘दूरदर्शन’ में फ्रीलॉन्स एंकर के रूप में भी काम कर चुकी हैं।
समाचार4मीडिया की ओर से पूजा सेठी को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी की गतिविधियों पर रोक लगाने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जिसमें 1,097 वेबसाइट्स को बंद किया गया है।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी की गतिविधियों पर रोक लगाने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जिसमें 1,097 वेबसाइट्स को बंद किया गया है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी।
सूचना-प्रसारण मंत्री ने लोकसभा में बताया कि इस पर अंकुश लगाने में काफी सफलता मिली है, लेकिन इस तरह की गतिविधियों से निपटने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर मिलकर प्रयास करने होंगे।
वैष्णव प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे, जहां उन्होंने कहा कि इस तरह के उल्लंघनों से संविधानिक ढांचे के तहत कार्रवाई करके निपटा जाता है।
ऑनलाइन हिंसक खेलों और उनके युवा मानसिकता पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को लेकर उठी चिंताओं पर प्रतिक्रिया देते हुए, वैष्णव ने यह भी बताया कि सरकार साइबर अपराधों से निपटने वाली विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए लगातार काम कर रही है।
डिजिटल पाइरेसी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई में, केरल में दो व्यक्तियों को वेबसाइट्स के संचालन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जो कॉपीराइट कंटेंट को अवैध रूप से स्ट्रीम कर रहे थे।
डिजिटल पाइरेसी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई में, केरल में दो व्यक्तियों को वेबसाइट्स के संचालन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जो कॉपीराइट कंटेंट को अवैध रूप से स्ट्रीम कर रहे थे। ये गिरफ्तारियां 5 और 6 मार्च को पेरुंबवूर और मल्लपुरम में की गईं। यह कार्रवाई स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पिछले साल 18 दिसंबर को कोच्चि में साइबर पुलिस के पास दर्ज कराई गई आपराधिक शिकायत के आधार पर हुई।
शिकायत का केंद्र वेबसाइट Neeplay.com थी, जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अमेरिका, अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम, मध्य पूर्व, यूरोप और श्रीलंका सहित कई देशों के कंटेंट पाइरेटेड तरीके से स्ट्रीम कर रही थी। इस वेबसाइट पर लाइव एंटरटेनमेंट चैनल और स्पोर्ट्स कंटेंट उपलब्ध कराए जा रही थे, जिसमें Star Sports, Sky Sports, Sony और ESPN जैसे प्रमुख ब्रॉडकास्टर्स के चैनल शामिल थे।
जांच में खुलासा हुआ कि Neeplay.com लॉन्च करने से पहले, वेबसाइट के डेवलपर ने "Mhdworld" नामक एक अन्य पाइरेटेड वेबसाइट बनाई थी, जिसे बाद में बेच दिया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, Neeplay.com पर प्रति माह लगभग 2.5 मिलियन (25 लाख) विजिटर आते थे।
इस मामले में एफआईआर संख्या 51/2024 को कोच्चि साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 43(b) और 66 व कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की धारा 37(3) के तहत दर्ज किया गया। यह शिकायत स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एक प्रतिनिधि द्वारा दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि Neeplay.com वेबसाइट और एक संबंधित टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से कॉपीराइट कंटेंट का अनधिकृत प्रसारण किया जा रहा था।
एफआईआर में उल्लिखित अपराध का स्वरूप स्टार इंडिया के कंटेंट का अवैध रूप से लाइव स्ट्रीमिंग करना था, जिसमें विभिन्न चैनल्स और कार्यक्रम शामिल थे। यह अवैध पुनरुत्पादन और वितरण सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और कॉपीराइट अधिनियम का उल्लंघन है, जो प्रसारण अधिकारों की सुरक्षा करता है।
ये गिरफ्तारियां डिजिटल पाइरेसी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जो दुनियाभर में कंटेंट क्रिएटर्स और ब्रॉडकास्टर्स के लिए एक बढ़ती चिंता का विषय बना हुआ है। पाइरेसी न केवल मनोरंजन और खेल उद्योग को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाती है, बल्कि इससे सुरक्षा संबंधी खतरे भी उत्पन्न होते हैं। इस मामले में, Neeplay.com वेबसाइट एक प्रतिबंधित पाकिस्तानी लाइव चैनल को भी स्ट्रीम कर रही थी, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे भी सामने आए।
Neeplay.com और इसके संचालकों पर की गई यह कार्रवाई स्टार इंडिया द्वारा पहले की गई कानूनी कार्रवाइयों के बाद आई है। कंपनी ने इससे पहले John Doe आदेशों के माध्यम से ऐसे डोमेन को ब्लॉक करने की कोशिश की थी, लेकिन ऑनलाइन पाइरेसी की समस्या को स्थायी रूप से रोकने में कानूनी उपाय अक्सर प्रभावी नहीं हो पाते।
इस पूरे मामले की जांच और गिरफ्तारियां कोच्चि साइबर पुलिस द्वारा की गईं, जिसका नेतृत्व असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस मुरली एम.के. ने किया। एफआईआर को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, कोच्चि में सब-इंस्पेक्टर शिलाश वी.एम. द्वारा दर्ज किया गया था।
यह मामला डिजिटल युग में कंटेंट क्रिएटर्स और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने आने वाली निरंतर चुनौतियों को उजागर करता है। जैसे-जैसे तकनीक विकसित हो रही है, वैसे-वैसे डिजिटल पाइरेसी में संलग्न लोगों के तरीके भी अधिक परिष्कृत होते जा रहे हैं। Mhdworld और Neeplay.com के पीछे मौजूद दो डेवलपर्स की गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि अधिकारी बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा और डिजिटल कंटेंट वितरण की वैधता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अजित विजय कुमार इससे पहले करीब दो साल से ‘टीवी9’ (TV9) नेटवर्क से जुड़े हुए थे और बतौर सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
देश के प्रमुख न्यूज चैनल्स में शुमार ‘इंडिया टीवी’ (India TV) ने वरिष्ठ पत्रकार अजित विजय कुमार को नियुक्त किया है। उन्हें यहां पर मैनेजिंग एडिटर (डिजिटल) की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘लिंक्डइन’ (Linkedin) पर अजित विजय कुमार ने खुद यह जानकारी शेयर की है।
अजित कुमार को डिजिटल न्यूजरूम को चलाने का लगभग दो दशकों का अनुभव है। इससे पहले वह करीब दो साल से ‘टीवी9’ (TV9) नेटवर्क से जुड़े हुए थे और बतौर सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। इसके अलावा पूर्व में वह ‘टाइम्स नेटवर्क’ और 'जी न्यूज' का भी हिस्सा रह चुके हैं।
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गौरतलब है कि अजित विजय कुमार से पहले वरिष्ठ पत्रकार पूजा सेठी यहां ग्रुप एडिटर (डिजिटल) की जिम्मेदारी संभाल रही थीं, जिन्होंने यहां से कुछ समय पहले ही इस्तीफा दे दिया है। वह जल्द ही 'टाइम्स नेटवर्क' (Times Network) जॉइन करने जा रही हैं।
डिलिजेंट मीडिया कॉरपोरेशन के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) सुशांत मोहन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
डिलिजेंट मीडिया कॉरपोरेशन के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) सुशांत मोहन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी ने इस बात की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी है।
बता दें कि उनका इस्तीफा 31 मार्च 2025 से प्रभावी होगा।
स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में कंपनी ने कहा, "कंपनी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और सुशांत मोहन 31 मार्च 2025 के कारोबारी घंटों के समाप्त होने के बाद अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाएंगे।"
सुशांत मोहन करीब तीन वर्षों से डीएनए से जुड़े हुए थे। इससे पहले, वह जी मीडिया में संपादक थे। मोहन ने बीबीसी न्यूज, न्यूज18 और ओपेरा न्यूज जैसे अन्य मीडिया संस्थानों के साथ भी काम किया है।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार राणा यशवंत ने देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘आईटीवी नेटवर्क’ (ITV Network) में पिछले दिनों अपनी पारी को विराम देने के बाद अब नई दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार और सीनियर न्यूज एंकर राणा यशवंत ने देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘आईटीवी नेटवर्क’ (ITV Network) में पिछले दिनों अपनी पारी को विराम देने के बाद अब नई दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
दरअसल, राणा यशवंत 19 मार्च से अपने शो लाने जा रहे हैं। इसके तहत सोमवार से शुक्रवार ‘The Tandoor Talks’ और शनिवार को ‘Facts & Figures’ लेकर आएंगे। रविवार को वे किसी नामीगिरामी हस्ती के साथ पॉडकास्ट करेंगे। ये सभी शो उनके यू ट्यूब चैनल ‘Rana Yashwant’ पर आएंगे।
गौरतलब है कि राणा यशवंत ने ‘आईटीवी नेटवर्क’ के हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया न्यूज’ (India News) में पिछले महीने अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह यहां एडिटर-इन-चीफ के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
उस समय समाचार4मीडिया से बातचीत में राणा यशवंत का कहना था कि अब वह खुद को समय देना चाहते हैं। जो करने की सोचते रहे हैं, वह करना चाहते हैं। इसके साथ ही पिछले दिनों उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर बताया कि वह जल्द ही अपना यूट्यूब चैनल शुरू करने जा रहे हैं। राणा यशवंत के चैनल पर अभी 3.23 लाख सब्सक्राइबर हैं।
बता दें कि राणा यशवंत पिछले 11 वर्षों से इंडिया न्यूज पर ‘अर्धसत्य’ नाम से शो करते रहे हैं। इस शो की अपनी लोकप्रियता और व्युअरशिप रही है। राणा यशवंत के मुताबिक उनके नए शो आम आदमी की बेहतर समझ के लिहाज से होंगे। लफ्फाजी और तथ्यों के मतलब भर के इस्तेमाल से परे जाकर पूरी तस्वीर को देखने की कोशिश होगी।
इसके साथ ही राणा यशवंत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो भी शेयर किया है। इस वीडियो में राणा यशवंत का कहना है, ‘सफ़र वही, राह नई। बोलूंगा नहीं बल्कि खबर बोलेगी। 19 मार्च रोज़ शाम 7 बजे मेरे साथ Rana yashwant यू ट्यूब चैनल पर।’
राणा यशवंत के इस वीडियो को आप यहां देख सकते हैं।
सफ़र वही, राह नई. बोलूँगा नहीं बल्कि ख़बर बोलेगी. 19 मार्च रोज़ शाम 7 बजे मेरे साथ Rana yashwant यू ट्यूब चैनल पर. pic.twitter.com/zLxAXFReUo
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) March 17, 2025
गुड ग्लैम ग्रुप (Good Glamm Group) ने अपनी मीडिया यूनिट 'स्कूपव्हूप' (ScoopWhoop) को वुब्बा लुब्बा डब डब (Wubba Lubba Dub Dub) को 20 करोड़ रुपये में बेच दिया है।
गुड ग्लैम ग्रुप (Good Glamm Group) ने अपनी मीडिया यूनिट 'स्कूपव्हूप' (ScoopWhoop) को वुब्बा लुब्बा डब डब (Wubba Lubba Dub Dub) को 20 करोड़ रुपये में बेच दिया है। इस डील को 15 फरवरी को अंतिम रूप दिया गया था, जोकि पूरी तरह से नकद थी। और दोनों पक्षों के बीच समझौता होने में एक महीने से भी कम समय लगा।
गुड ग्लैम ग्रुप ने एक मीडिया आउटलेट को बताया कि स्कूपव्हूप की बिक्री एक रणनीतिक निर्णय थी। चूंकि गुड ग्लैम ग्रुप मुख्य रूप से सौंदर्य से जुड़ी महिला दर्शकों पर केंद्रित है, जबकि स्कूपव्हूप मुख्य रूप से पुरुष दर्शकों को लक्षित करता है, इसलिए यह कंपनी की मौजूदा योजनाओं के अनुरूप नहीं था। इसी कारण गुड ग्लैम ग्रुप ने स्कूपव्हूप को बेचने का फैसला किया।
गुड ग्लैम ग्रुप ने 2021 में भारतीय डिजिटल मीडिया कंपनी के अधिग्रहण की घोषणा की थी। समूह ने बेबी व मदर प्रोडक्ट्स ब्रैंड 'द मॉम्स' को 500 करोड़ रुपये में अधिग्रहित किया था।
गुड ग्लैम ग्रुप के फाउंडर व सीईओ दर्पण संघवी ने उस समय अधिग्रहण के बारे में कहा था, "मैं लंबे समय से स्कूपव्हूप का यूजर और प्रशंसक रहा हूं। यह सौभाग्य की बात है कि सात्त्विक, ऋषि और श्रीपर्णा गुड ग्लैम ग्रुप परिवार में शामिल हुए और स्कूपव्हूप ने समूह के बढ़ते पुरुष ग्रूमिंग और पर्सनल केयर सेगमेंट में कंटेंट-टू-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने की हमारी पहल को तेज किया।"
स्कूपव्हूप के को-फाउंडर सात्त्विक मिश्रा ने टिप्पणी की, "स्कूपव्हूप में हम गर्व महसूस करते हैं कि हमने एक ऐसा ब्रैंड बनाया है जिसे युवा भारत ने इसके मनोरंजक और लाइफस्टाइल-केंद्रित कंटेंट के लिए पसंद किया है। गुड ग्लैम ग्रुप का हिस्सा बनकर हमें बड़े पैमाने पर विस्तार करने का अवसर मिला है, जिससे हम कंटेंट-टू-कॉमर्स क्रांति में एक निर्णायक शक्ति बन सकते हैं।"
मीडिया इंडस्ट्री में एक दशक से अधिक का अनुभव रखने वाले अक्षांश पूर्व में ‘एबीपी न्यूज’, ‘जी न्यूज’ और ‘इंडिया टुडे’ ग्रुप जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ काम कर चुके हैं।
देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शामिल ‘आईटीवी नेटवर्क’ (Itv Network) ने अपने डिजिटल बिजनेस के लिए अक्षांश यादव को चीफ प्रोडक्ट एंड टेक्नोलॉजी ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है। मीडिया इंडस्ट्री में एक दशक से अधिक का अनुभव रखने वाले अक्षांश ने पूर्व में ‘एबीपी न्यूज’, ‘जी न्यूज’ और ‘इंडिया टुडे’ ग्रुप जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ काम किया है।
मीडिया इंडस्ट्री के अलावा, अक्षांश को फिनटेक और डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) सेक्टर का भी खासा अनुभव है। उन्होंने केनरा एचएसबीसी इंश्योरेंस के साथ काम करते हुए भारत में उनके डिजिटल बिजनेस को सफलतापूर्वक लॉन्च करने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, वह ‘इंश्योरेंस देखो’ और ‘कार देखो’ से भी जुड़े रहे हैं।
अक्षांश ने आईडीपीएल (Zee Media) में चीफ प्रोडक्ट एंड टेक्नोलॉजी ऑफिसर के रूप में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की अगुवाई की थी। उनके नेतृत्व में ‘विऑन’ (WION) न्यूज और ‘जी बिजनेस’ (Zee Business) के मोबाइल एप्लिकेशन को नए रूप में लॉन्च किया गया, साथ ही ‘डीएनए’ (DNA) वेबसाइट को भी नए अवतार में प्रस्तुत किया गया।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो अक्षांश ने राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और देश के शीर्ष बिजनेस स्कूलों में शुमार ‘एमआईसीए’ (MICA) से एमबीए किया है । इसके अलावा, उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मशीन लर्निंग में लाइसेंशिएट डिग्री भी हासिल की है।
अपनी नियुक्ति के बारे में अक्षांश यादव का कहना है, ‘आईटीवी नेटवर्क के साथ जुड़कर मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं, खासकर ऐसे समय में जब डिजिटल मीडिया तेजी से आगे बढ़ रहा है। मेरा फोकस अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकों का उपयोग करके हमारे दर्शकों के लिए पर्सनलाइज्ड कंटेंट एक्सपीरियंस तैयार करने पर होगा। मौजूदा समय में यूजर एंगेजमेंट सबसे महत्वपूर्ण है, और मैं इनोवेटिव सॉल्यूशंस के जरिए आईटीवी नेटवर्क को डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए तत्पर हूं।’
वहीं, इस नियुक्ति के बारे में ‘आईटीवी नेटवर्क’ के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर अभय ओझा का कहना है, ‘मीडिया इंडस्ट्री में अक्षांश की विशेषज्ञता और तकनीकी समझ आईटीवी नेटवर्क के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी। उनकी लीडरशिप में इनोवेटिव सॉल्यूशंस विकसित किए जाएंगे, जिससे हमारे दर्शकों का अनुभव बेहतर होगा और हमारी डिजिटल स्ट्रैटेजी को और मजबूती मिलेगी।’
भारतीय सरकार 50 लाख से अधिक फॉलोअर्स वाले सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए एक आचार संहिता पेश करने की तैयारी में है।
भारतीय सरकार 50 लाख से अधिक फॉलोअर्स वाले सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए एक आचार संहिता पेश करने की तैयारी में है। सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा संचालित इस पहल का उद्देश्य ऑनलाइन अश्लील और भद्दे कंटेंट पर अंकुश लगाना है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रस्तावित दिशा-निर्देशों के तहत इन्फ्लुएंसर्स को अपनी सामग्री की रेटिंग देनी पड़ सकती है और साथ ही डिस्क्लेमर भी शामिल करना पड़ सकता है।
यह कदम उस विवाद के बाद आया है जिसमें पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया शामिल थे। उनके ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ शो पर दिए गए अनुचित बयान की व्यापक निंदा हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रतिक्रिया दी। हालांकि कोर्ट ने अल्लाहबादिया को गिरफ्तारी से सुरक्षा दी, लेकिन यह भी कहा, "उनके दिमाग में जो गंदगी थी, वह इस कार्यक्रम के जरिए उगली गई है।"
ऐसे मामलों को देखते हुए, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कड़े नियमों की जरूरत पर जोर दिया। लोकसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री पर रोक लगाने के लिए मौजूदा कानूनों को और कड़ा करने की जरूरत है।" वैष्णव ने डिजिटल युग में पारंपरिक संपादकीय जांच की अनुपस्थिति की ओर इशारा किया, जिससे अनियंत्रित और अक्सर भद्दी सामग्री सामने आ रही है। उन्होंने संसदीय स्थायी समिति से इस मुद्दे को प्राथमिकता देने और मजबूत कानूनों के लिए आम सहमति बनाने का आग्रह किया।
यह विकास उस समय हो रहा है जब कंटेंट क्रिएटर्स पिछले साल प्रस्तावित मसौदा कानून को लेकर चिंतित हैं। यह कानून प्रसारण सेवाओं को विनियमित करने का प्रयास करता है, जिससे केंद्र सरकार को प्रसारण नेटवर्क का बिना पूर्व सूचना निरीक्षण करने और उल्लंघन की आशंका होने पर उपकरण जब्त करने का अधिकार मिल सकता है। आलोचकों का कहना है कि ऐसे उपाय सेंसरशिप को बढ़ावा दे सकते हैं, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित कर सकते हैं और डिजिटल मीडिया सामग्री पर सरकारी नियंत्रण को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं।
डिजिटल परिदृश्य के विकास के साथ, भारतीय सरकार के सामने यह चुनौती है कि वह नियमन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाए रखे, ताकि सामग्री समाजिक मानकों के अनुरूप रहे, लेकिन व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन न हो।