राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा के एक वीडियो ने राजनीति में भूचाल ला दिया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा के एक वीडियो ने राजनीति में भूचाल ला दिया है। इस वीडियो में राकेश सिन्हा ने खुलासा किया कि एक टीवी एंकर ने उनसे मुस्लिम समुदाय पर टिप्पणी करने के लिए कहा, ताकि शो की टीआरपी बढ़ सके।
टीआरपी के लिए नफरत भड़काने का प्रयास
सिन्हा ने बताया कि 2016 में एक टीवी डिबेट के लिए उन्हें फोन आया, जहां एंकर ने उनसे बहस के दौरान पैनलिस्ट से लड़ने और मुस्लिम समुदाय की टोपी-दाढ़ी पर टिप्पणी करने को कहा। एंकर ने दावा किया कि ऐसा करने से शो हिट होगा और दोनों ट्रेंड करेंगे। इसके बाद जब टीवी चैनल की गाड़ी उन्हें लेने आई, तो उन्होंने बहस में शामिल होने से इनकार कर दिया और बताया कि वे किसी काम के सिलसिले में मुंबई जा रहे हैं।
प्रियंका चतुर्वेदी ने साझा किया वीडियो
शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस वीडियो को अपने एक्स अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा, "खुशी है कि राकेश सिन्हा ने सच्चाई को उजागर करने का फैसला किया। यह वीडियो मीडिया का असली चेहरा दिखाता है और यह भी कि कैसे टीआरपी के लिए सच्चाई की जगह नफरत को बढ़ावा दिया जाता है।"
Glad that Rakesh Sinha ji chose tob speak up! What he is saying is the true face of media& how for their TRPs have chosen hate over truth. pic.twitter.com/paYJJF6RZ3
— Priyanka Chaturvedi?? (@priyankac19) January 18, 2025
'आज के भारत में मुसलमानों का भविष्य' सेमिनार में हुआ खुलासा
16 जनवरी को दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित ‘नई दुनिया फाउंडेशन’ के सेमिनार में राकेश सिन्हा ने इस घटना का खुलासा किया। इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दिकी और राजद प्रवक्ता मनोज झा जैसे नेता भी मौजूद थे।
रणदीप सुरजेवाला का सरकार पर हमला
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस वीडियो के आधार पर केंद्र सरकार और मीडिया पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया के माध्यम से समाज में नफरत फैलाने का एजेंडा चलाया जा रहा है।
सुरजेवाला ने पूछा, "क्या जानबूझकर धर्म के आधार पर नफरत फैलाना भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत अपराध नहीं है? क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली पुलिस इस मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे?"
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को ऐसे चैनलों का लाइसेंस रद्द नहीं करना चाहिए, जो नफरत फैलाने वाली बहस कराते हैं।
भाजपा और मीडिया पर मिलीभगत का आरोप
सुरजेवाला ने दावा किया कि अगर 24 घंटे के भीतर इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई, तो यह साबित हो जाएगा कि भाजपा और मीडिया मिलकर समाज में विभाजन पैदा करने का एजेंडा चला रहे हैं। उन्होंने कहा,
"क्या यह सब हिंदू-मुस्लिम विभाजन के जरिए वोट हासिल करने के लिए किया जा रहा है?"
देश में पत्रकारिता द्वारा “नफ़रती एजेंडा “ फैलाने का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है?
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 19, 2025
RSS नेता व सांसद की बात के आधार पर कुछ मूलभूत सवाल अब मोदी सरकार व पुलिस, हर चैनल, चैनल के एंकर, एडिटर, मालिक को ख़ुद से पूछने चाहिए और जनता को जबाब देना चाहिए -:
1. क्या सोच समझ कर दुर्भावना… https://t.co/75LJXVgfBL
राजनीतिक घमासान जारी
राकेश सिन्हा के इस खुलासे के बाद न केवल विपक्षी दल हमलावर हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर बहस छिड़ गई है। यह घटना भारतीय मीडिया और राजनीति के रिश्तों पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
12 जून की सुबह मिड-डे अखबार में छपे एक विज्ञापन ने कुछ ही घंटों बाद एक भयानक हवाई हादसे के चलते ऐसी सनसनी फैलाई, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी।
12 जून की सुबह मिड-डे अखबार में छपे एक विज्ञापन ने कुछ ही घंटों बाद एक भयानक हवाई हादसे के चलते ऐसी सनसनी फैलाई, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। अखबार के पहले पन्ने पर छपे इस विज्ञापन में एक एयर इंडिया के विमान की तस्वीर थी, जो एक इमारत से निकलती दिखाई गई थी। इसी दिन दोपहर में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 अहमदाबाद से लंदन रवाना होने के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई, जबकि सिर्फ एक व्यक्ति बच पाया।
यह विज्ञापन किडजेनिया की ओर से प्रकाशित किया गया था, जो बच्चों के लिए बना एक थीम पार्क है जहां वे पायलट, केबिन क्रू जैसी भूमिकाएं निभाकर सीखते हैं। विज्ञापन में एक कार्टून शहर और उसमें से निकलता एयर इंडिया ब्रैंडेड विमान दिखाया गया था। यह वही डिजाइन था जो किडजेनिया के एविएशन एकैडमी में लंबे समय से उपयोग में है।
किडजेनिया ने इस विज्ञापन के लिए एयर इंडिया के साथ साझेदारी की थी। पिछले साल जुलाई में एयर इंडिया ने X (पूर्व ट्विटर) पर कहा था: "Dreams take off here!" — दिल्ली-एनसीआर में किडजेनिया के साथ मिलकर एकैडमी की शुरुआत के वक्त ठीक यही विजुअल पेश किया गया था।
जैसे ही हादसे की खबर सामने आई और लोगों ने विज्ञापन से उसका विजुअल मेल देखा, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। किसी ने इसे “डरावना संयोग” कहा, तो किसी ने पूछा- “क्या यह कोई इशारा था?” कुछ ने तो इसे “पूर्व चेतावनी” जैसा बताया। एक यूजर ने लिखा, “वही एयरलाइन, वही विजुअल – कितना अजीब संयोग है।” इस ‘भयानक समानता’ ने कई लोगों को गहराई तक झकझोर दिया।
In a striking coincidence, the front page of Gujarat's Mid-Day newspaper, printed hours before a tragic Air India crash, featured a large KidZania advertisement prominently displaying an Air India aircraft.#planecrash #AirIndia #GujaratPlaneCrash pic.twitter.com/FxCudTt72W
— Niilakshii (@warrior_nii) June 13, 2025
The otherwise harmless front-page KidZania ad in Mid-day today depicting the theme park has understandably created a flutter online in view of the Air India plane crash in Ahmedabad. Some say it was prophetic.@mid_day pic.twitter.com/YrabcMaoRB
— VARUN DAS (@das_varun99) June 12, 2025
हादसे के बाद किडजेनिया इंडिया ने NDTV से बातचीत में किडजेनिया ने एयर इंडिया विमान हादसे पर गहरा दुख जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा, “हम इस त्रासदी से प्रभावित सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हैं।”
उन्होंने विज्ञापन को लेकर भी सफाई दी कि, “मिड-डे में प्रकाशित यह विज्ञापन पहले से ही एक समर कैंपेन का हिस्सा था और हादसे से इसका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि विज्ञापन में दिखाया गया प्लेन उनके ‘एविएशन एकेडमी’ कार्यक्रम से जुड़ा है, जो एयर इंडिया के साथ साझेदारी में चलाया जाता है। कंपनी ने कहा कि हमने इस ऐड की आगे की प्रमोशन रोक दी है क्योंकि यह समय संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि इस ऐड की टाइमिंग पूरी तरह से एक इत्तेफाक है।
हालांकि विज्ञापन और हादसे के बीच कोई वास्तविक संबंध नहीं है, लेकिन जिस दिन, जिस विजुअल और जिस विमान ब्रैंड की चर्चा हुई, उसी दिन वही विमान हादसे का शिकार हुआ—यह इतना गहरा संयोग था कि उसने सिर्फ इंटरनेट ही नहीं, बल्कि विमानन से जुड़े हर शख्स को भावनात्मक रूप से हिला कर रख दिया।
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि जिंदगी में कभी-कभी संयोग भी भविष्य की परछाइयों जैसे लगने लगते हैं।
मिशेल ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें उन्होंने बच्चे और व्यक्ति के चेहरे ब्लर कर दिए। उन्होंने लिखा कि मेरे रिपोर्टिंग करियर में यह सबसे परेशान कर देने वाली घटनाओं में से एक है।
टोरंटो के रॉजर्स सेंटर के बाहर एक लाइव रिपोर्टिंग के दौरान कनाडा की सिटी न्यूज की पत्रकार मिशेल मैकी के साथ एक बेहद आपत्तिजनक घटना हुई। रिपोर्टिंग के दौरान एक बच्चा और एक पुरुष उनके पास से गुजरे और उस दौरान बच्चे ने एक अश्लील टिप्पणी की, जो एक पुराने इंटरनेट मीम से जुड़ी हुई थी।
मिशेल मैकी अपना काम कर रही थीं, उस छोटे लड़के ने जोर से चिल्लाकर कहा 'F–k her right in the p—y'। उसके साथ जो आदमी था, वह इस आपत्तिजनक टिप्पणी पर जोर से हंस पड़ा। मिशेल का चेहरा इस घटना के बाद साफ तौर पर असहज और हैरान नजर आया। यह वही लाइन थी, जो 2014 के दौरान एक वायरल मीम के तौर पर सामने आया था और महिला पत्रकारों को लाइव रिपोर्टिंग के दौरान टारगेट करने के लिए ट्रोल्स द्वारा इस्तेमाल किया जाता रहा है। इस मीम को लेकर पहले भी कई बार आलोचना हो चुकी है, क्योंकि यह महिलाओं के प्रति अपमानजनक व्यवहार को बढ़ावा देता है।
मिशेल ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें उन्होंने बच्चे और व्यक्ति के चेहरे ब्लर कर दिए। उन्होंने लिखा, "मेरे रिपोर्टिंग करियर में यह सबसे परेशान कर देने वाली घटनाओं में से एक है। लगभग 8-9 साल का बच्चा यह बात मुझसे कहता है और उसके पिता उसके साथ खड़े होकर हंसते हुए चले जाते हैं।"
उन्होंने आगे लिखा, "मैंने उनके चेहरे छिपाने का फैसला इसलिए किया क्योंकि बच्चा इसमें शामिल था। लेकिन यह कोई मजाक नहीं है। चाहे यह बात किसी पुरुष से कही जाए या महिला से, यह गलत सोच को आम बनाती है कि महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार करना ठीक है। मुझे लगा था कि यह घटिया ट्रेंड अब खत्म हो चुका है।"
बाद में एक इंटरव्यू में मैकी ने बताया कि उन्होंने उस पिता और बेटे को रोकने की कोशिश की ताकि वे उनकी आंखों में आंखें डालकर वही बात दोहराएं, लेकिन वे केवल हंसकर अंगूठा दिखाते हुए चले गए।
उन्होंने कहा, "मुझे यह बात सबसे ज्यादा तकलीफ देती है कि एक बच्चा, जो अभी सीखने की उम्र में है, उसे यह सिखाया जा रहा है कि महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार मजाक हो सकता है। मैं उस आदमी से बस इतना पूछना चाहती हूं कि क्या तुम यह बात अपनी बेटी, बहन या मां की आंखों में आंखें डालकर कह सकते हो?"
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यह घटना सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई और इस पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ लोगों ने इसे "पुराना मजाक" बताकर हल्के में लिया, तो कुछ ने इसे महिला विरोधी मानसिकता की मिसाल बताया।
एक यूजर ने लिखा, "2025 में भी ऐसे मीम को मजाक समझना शर्मनाक है।" वहीं दूसरे ने कहा, "हम अपने बच्चों को यही सिखा रहे हैं कि महिलाओं के खिलाफ अश्लीलता भी हंसी-मजाक का हिस्सा हो सकती है।"
यह घटना दिखाती है कि इंटरनेट मीम्स और ट्रोलिंग की संस्कृति कैसे असल जिंदगी में असंवेदनशीलता और अशिष्टता को बढ़ावा दे रही है और इसका असर अगली पीढ़ी तक पहुंच रहा है।
'आजतक' न्यूज चैनल के कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे अपने महाकुंभ में स्नान के अनुभव को साझा कर रहे हैं।
'आजतक' न्यूज चैनल के कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे अपने महाकुंभ में स्नान के अनुभव को साझा कर रहे हैं। इस वीडियो में उन्होंने बताया कि यह स्नान केवल शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धि के लिए भी आवश्यक है।
सुधीर चौधरी ने वीडियो में कहा कि महाकुंभ में स्नान को साधारण स्नान समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि यह जीवन में केवल एक बार मिलने वाला विशेष अवसर है, जिसे आत्मिक शांति और शुद्धिकरण के रूप में लेना चाहिए। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि स्नान से पहले मन और शरीर को पूरी तरह शांत करना चाहिए और अपनी सभी नकारात्मक भावनाओं को एकत्र कर महाकुंभ में प्रवाहित कर देना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ में स्नान केवल जल में डुबकी लगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मोक्ष, आत्मा की शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का एक तरीका है। इस दौरान व्यक्ति को अपने इष्ट देवता का ध्यान करना चाहिए, "ओम नम: शिवाय" का जाप या हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए, जिससे आध्यात्मिक अनुभव और गहरा हो जाता है।
सुधीर चौधरी ने अपने वीडियो में दर्शकों से आग्रह किया कि वे इस पवित्र स्नान को सिर्फ एक परंपरा न समझें, बल्कि इसे एक आध्यात्मिक साधना के रूप में अपनाएं। उन्होंने कहा कि सही भाव और ध्यान के साथ किया गया स्नान आत्मा को हल्का और शांत करता है, जिससे व्यक्ति को जीवन में सकारात्मक परिवर्तन महसूस होता है।
उनका यह वीडियो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो के जरिए उन्होंने अपने अनुभव को लोगों तक पहुंचाया और महाकुंभ में स्नान के महत्व को आध्यात्मिक दृष्टि से समझने की प्रेरणा दी।
दुखद है कि इतने बड़े कुंभ में मीडिया का सारा ध्यान एक आईआईटी बाबा और एक इंफ्लूएंसर साध्वी पर आकर रुक गया है। क्या महाकुंभ में कुछ और नहीं है?
प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। 44 दिनों तक चलने वाले इस महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। इस बीच सोशल मीडिया पर महाकुंभ में आये कुछ लोगों के वीडियो बड़े वायरल हो रहे हैं।
आईआईटी बाबा के नाम से जाने जा रहे अभय सिंह और हर्षा रिछारिया महाकुंभ में खूब वायरल हो रहे हैं। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि क्या महाकुंभ सिर्फ वायरल वीडियो की खोज के पीछे ही सिमट कर रह जायेगा?
उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, दुखद है कि इतने बड़े कुंभ में मीडिया का सारा ध्यान एक आईआईटी बाबा और एक इंफ्लूएंसर साध्वी पर आकर रुक गया है। क्या महाकुंभ में कुछ और नहीं है? टीवी चैनल भी बस वायरल वीडियो की दौड़ में भाग रहे हैं। यही चैनल पहले टीआरपी की दौड़ में भाग रहे थे। दुखद है।
आपको बता दें, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ‘खूबसूरत साध्वी’ हर्षा रिछारिया खूब सुर्खियां बटोर रही हैं। सोशल मीडिया पर हर्षा को महाकुंभ की ‘सबसे खूबसूरत साध्वी’ भी कहा जा रहा है।