भारत के न्यूज टीवी इंडस्ट्री के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) का प्रदर्शन मिला-जुला रहा।
चहनीत कौर, सीनियर कॉरेस्पोंडेंट, एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप ।।
भारत के न्यूज टीवी इंडस्ट्री के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। जुलाई से सितंबर के बीच कुछ चैनलों के ऑपरेटिंग राजस्व में अप्रैल-जून की तुलना में औसतन 30-40% की गिरावट आई, जबकि कुछ चैनलों ने इस दौरान अच्छी बढ़त हासिल की।
इस गिरावट का कारण चुनावों के बाद का कूलिंग-ऑफ पीरियड (मतलब चुनावों के बाद का ठहराव) और न्यूज टीवी के राजस्व का चक्रीय स्वभाव (एक निश्चित चक्र में आने वाली उतार-चढ़ाव) है। जिन चैनलों ने अपनी कमाई में बढ़त दर्ज की, उनके लिए यह वृद्धि मुख्य रूप से डिजिटल विज्ञापनों में इजाफा, फेस्टिवल सीजन की शुरुआत, बेहतर कंटेंट स्ट्रैटेजी और नई डिजिटल पहलों के कारण हुई।
नाम न बताने की शर्त पर एक इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने बताया कि चुनावों के बाद न्यूज चैनल्स की कमाई में गिरावट आम बात है, क्योंकि चुनावों के दौरान राजनीतिक दल और उनसे जुड़े समूह न्यूज चैनल्स पर ज्यादा खर्च करते हैं ताकि वे मतदाताओं से जुड़ सकें। लेकिन चुनाव समाप्त होते ही यह खर्च कम हो जाता है, जिससे चैनलों के विज्ञापन राजस्व पर असर पड़ता है।
चुनावों के बाद न्यूज चैनल्स के राजस्व पर पड़ा असर
क्वार्टर-ऑन-क्वार्टर (QoQ) प्रदर्शन:
एक्सपर्ट का मानना है कि जुलाई-सितंबर अवधि में विज्ञापनदाता अपनी प्राथमिकता त्योहारों और छुट्टियों से जुड़े कैंपेन पर अधिक केंद्रित कर लेते हैं, जिससे न्यूज चैनल्स को मिलने वाले विज्ञापनों का हिस्सा कम हो जाता है। चुनावों के बाद दर्शकों की राजनीतिक कवरेज में रुचि कम हो जाती है, जिससे दर्शकों की संलग्नता (एंगेजमेंट) और विज्ञापन राजस्व पर असर पड़ता है।
कंपनियों के राजस्व में उछाल
इसके विपरीत, NDTV ने 18.5% की वृद्धि दर्ज की। पहली तिमाही में इसका संयुक्त राजस्व ₹93.9 करोड़ था, जो दूसरी तिमाही में बढ़कर ₹111.32 करोड़ हो गया। कंपनी के अनुसार, यह बेहतरीन प्रदर्शन NDTV की बेहतर कंटेंट रणनीति, नए इन्टेलेक्चुअल प्रॉपर्टीज (IPs) के विस्तार और डिजिटल योजनाओं के कारण हुआ है।
साल-दर-साल के आधार पर न्यूज चैनल्स के राजस्व में मामूली गिरावट
साल-दर-साल के आधार पर भी अधिकांश न्यूज चैनल्स के राजस्व में हल्की गिरावट देखी गई। जी मीडिया का राजस्व Q2 2023 में ₹151.59 करोड़ से घटकर Q2 2024 में ₹130.70 करोड़ पर आ गया। NDTV का राजस्व Q2 2023 में ₹61.90 करोड़ से घटकर ₹59.8 करोड़ पर आ गया, यानी 3.4% की कमी। वहीं, TV Today Network का राजस्व भी 3.3% कम हो गया, जो 2023 की समान तिमाही में ₹213.86 करोड़ था और 2024 की दूसरी तिमाही में घटकर ₹206.77 करोड़ हो गया।
विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, Network18 ने 6% की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले वर्ष ₹420.31 करोड़ से बढ़कर ₹445.27 करोड़ हो गया। कंपनी के अनुसार, यह वृद्धि डिजिटल विज्ञापनों के बढ़ते राजस्व के कारण हुई।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि साल-दर-साल राजस्व में गिरावट का कारण आर्थिक चुनौतियां हो सकती हैं, जैसे कि महंगाई और वित्तीय अनिश्चितताएं। इसके अलावा, कई विज्ञापनदाता Q3 के त्योहारी सीजन (जैसे दिवाली, क्रिसमस, और नववर्ष) के लिए अपने बजट को बचाकर रखते हैं। इससे दूसरी तिमाही में विज्ञापन खर्च में कमी होती है।
मार्केटिंग और प्रचार खर्च में वृद्धि:
भले ही राजस्व में मामूली गिरावट आई हो, लेकिन न्यूज चैनल्स का मार्केटिंग और प्रचार खर्च में वृद्धि देखने को मिली है। Network18 का खर्च पिछले वर्ष ₹97.6 करोड़ से बढ़कर ₹106.5 करोड़ हो गया, जो लगभग 9% की वृद्धि है। NDTV ने भी अपने मार्केटिंग खर्च में बड़ी वृद्धि दर्ज की, जो जुलाई-सितंबर 2023 के ₹157.4 करोड़ से बढ़कर 2024 में ₹335.7 करोड़ हो गया, यानी 113% की वृद्धि।
यह वृद्धि इस ओर इशारा करती है कि न्यूज चैनल ब्रैंड की पहचान को मजबूत करने और दर्शकों को आकर्षित करने के लिए डिजिटल मीडिया से प्रतिस्पर्धा करते हुए अपने विज्ञापन और प्रचार पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
भविष्य की संभावनाएं
कुल मिलाकर, चुनाव के बाद राजस्व में गिरावट के बावजूद, भारत का न्यूज टेलीविजन सेक्टर स्थिर बना हुआ है। कई प्रसारण कंपनियों के लिए अब चुनौती अपने कंटेंट को विविधता देना और डिजिटल ट्रेंड्स के साथ तालमेल बिठाना है ताकि वे दर्शकों की दिलचस्पी बनाए रख सकें और विज्ञापन से अधिक राजस्व कमा सकें।
इंडस्ट्री अब धीरे-धीरे डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रही है, जहां कई प्रसारण कंपनियां अपने ऑनलाइन उपस्थिति को मजबूत कर रही हैं ताकि युवा दर्शकों तक पहुंचा जा सके और अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया जा सके। यह बदलाव भविष्य में भी जारी रहने की संभावना है, क्योंकि पारंपरिक टीवी कंपनियां तेजी से डिजिटल-प्रथम (डिजिटल-फर्स्ट) बन रही दुनिया में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं।
Network18 ने अपने मीडिया रिलीज में कहा, "जैसे-जैसे उपभोक्ता और विज्ञापनदाता अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं में ओमनी-चैनल अनुभवों की ओर बढ़ते जा रहे हैं, टीवी और डिजिटल मीडिया में गहरी और एकीकृत उपस्थिति होना Network18 और उसके अन्य साझेदारों को अपने उपभोक्ताओं और विज्ञापनदाताओं की सेवा करने में और अधिक सक्षम बनाएगा।"
इंडस्ट्री के एक स्रोत ने बताया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे मोबाइल ऐप्स और सब्सक्रिप्शन सेवाओं का विकास नए राजस्व साधनों को खोल सकता है। विशेष कंटेंट, जैसे एक्सक्लूसिव रिपोर्ट्स और बिहाइंड-द-सीन फुटेज, लॉयल क्लाइंट्स को आकर्षित कर सकता है। इसके अलावा, इंडस्ट्री अवॉर्ड, एक्सपर्ट्स पैनल और लाइफस्टाइल इवेंट्स जैसे आयोजनों से स्पॉन्सरशिप और टिकट बिक्री से भी राजस्व कमाया जा सकता है।
शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव :
- Network18 के शेयर की कीमत अप्रैल में लगभग ₹90.40 थी, जो अगस्त में ₹99.92 के उच्चतम स्तर पर पहुंची और सितंबर के अंत में ₹81.97 पर बंद हुई। इसकी सबसे कम कीमत जून में ₹75.60 रही, लेकिन दूसरी तिमाही के अंत तक रिकवरी के संकेत दिखे।
- ZMCL का नया वित्तीय वर्ष अप्रैल में ₹11.55 के साथ शुरू हुआ और मई में इसका न्यूनतम मूल्य ₹10.55 पर था। सितंबर के अंत में, यह बढ़कर ₹22.82 पर पहुंच गया, जो कि सितंबर के अंतिम सप्ताह में निवेशकों की बढ़ती रुचि का परिणाम है।
- TV Today का वित्तीय वर्ष 2024-25 की शुरुआत ₹219.55 के साथ हुई, जो जून में ₹207.25 तक गिर गया। अगस्त की शुरुआत में यह ₹287 तक पहुंचा और H1 के अंतिम दिन ₹234.05 पर बंद हुआ, जो बाजार में सकारात्मक रुचि को दर्शाता है।
- NDTV का नया वित्तीय वर्ष ₹222.65 के साथ शुरू हुआ और सितंबर के अंत में ₹187.34 तक गिर गया, जबकि जून की शुरुआत में इसका उच्चतम मूल्य ₹263.40 पर था। इस गिरावट से यह संकेत मिलता है कि व्यापक उद्योग परिवर्तनों के बीच बाज़ार पुनः मूल्यांकन कर रहा है।
इस प्रदर्शन से साफ है कि न्यूज टीवी इंडस्ट्री में चुनौतियां तो हैं, लेकिन डिजिटल मंचों और रणनीतिक योजना के माध्यम से यह इंडस्ट्री अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए तैयार है।
क्या आरएसएस अपने 100वें साल में नया रोडमैप लेकर सामने आएगी? क्या अमेरिका में ट्रंप की वापसी के बाद जियोपॉलिटिक्स में नया दौर शुरू होने जा रहा है?
एजेंडा आजतक के 13वें संस्करण का आयोजन दिसम्बर माह में किया जायेगा। 13-14 दिसंबर को एजेंडा आजतक का मंच सजने वाला है। 2025 का भारत कैसा होगा? महाराष्ट्र चुनावों में महाजीत के बाद क्या देश की राजनीति 2024 के साये से बाहर निकलेगी?
क्या आरएसएस अपने 100वें साल में नया रोडमैप लेकर सामने आएगी? क्या अमेरिका में ट्रंप की वापसी के बाद जियोपॉलिटिक्स में नया दौर शुरू होने जा रहा है? ऐसे कई महत्वपूर्ण विषयो पर इस मंच पर चर्चा होने वाली है।
इस बार 'एजेंडा आजतक' में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी होंगे।
इसके अलावा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी अपनी बात रखेंगे।
बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान, अभिनेत्री श्रद्धा कपूर, अभिनेता वरुण धवन, मेदांता हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन, यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. एस के सरीन समेत अन्य मेहमान शिरकत करेंगे।
आदित्य द्विवेदी ने इसी साल अगस्त में इस चैनल में जॉइन किया था। इससे पहले वह करीब पौने दो साल से ‘भारत एक्सप्रेस’ न्यूज चैनल से बतौर सीनियर स्पेशल कॉरेसपॉन्डेंट जुड़े हुए थे।
वरिष्ठ पत्रकार आदित्य द्विवेदी ने हिंदी न्यूज चैनल ‘लाइव टाइम्स’ (Live Times) में अपनी संक्षिप्त पारी को विराम दे दिया है। उन्होंने इसी साल अगस्त में इस चैनल में जॉइन किया था और ‘स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम’ (SIT) को लीड कर रहे थे।
समाचार4मीडिया से बातचीत में आदित्य द्विवेदी ने अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा, ‘इतने कम समय के लिए मैं लाइव टाइम्स जॉइन करूंगा, इसका मुझे अंदाजा नहीं था। चैनल की स्थितियां/परिस्थितियां कुछ ऐसी रहीं, जिसकी वजह से मैंने इस्तीफा देना ही बेहतर समझा। चैनल को चला रहे दिलीप जी का स्वभाव काफी अच्छा है, मैं उनकी तारीफ करता हूं, लेकिन सेकंड लीडरशिप, जिनके भरोसे चैनल आगे बढ़ना है, उनकी कार्यशैली मुझे पसंद नहीं आई। इसलिए मैंने यहां से अलग होना ही बेहतर समझा।’ आदित्य द्विवेदी के अनुसार, वह जल्द ही अपनी नई पारी की शुरुआत कर इसके बारे में बताएंगे।
बता दें कि ‘लाइव टाइम्स’ से पहले आदित्य द्विवेदी करीब पौने दो साल से ‘भारत एक्सप्रेस’ न्यूज चैनल में बतौर सीनियर स्पेशल कॉरेसपॉन्डेंट अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वह यहां दिल्ली-एनसीआर देखने के साथ-साथ पॉलिटिकल बीट कवर करते थे। ‘भारत एक्सप्रेस’ से पहले आदित्य द्विवेदी ‘दैनिक भास्कर’ कानपुर में स्पेशल कॉरेसपॉन्डेंट के तौर पर जुड़े हुए थे। इससे पहले वह ‘न्यूज1इंडिया’ में कार्यरत थे, जहां उन्होंने लखनऊ में कुछ महीनों तक संपादकीय प्रभारी की जिम्मेदारी संभाली थी।
मूल रूप से कानपुर के रहने वाले आदित्य द्विवेदी को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब 24 साल का अनुभव है और वह प्रिंट, टीवी व डिजिटल तीनों में काम कर चुके हैं। आदित्य ने वर्ष 2000 में कानपुर में ‘जनसत्ता’ के साथ अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की थी। करीब चार साल यहां काम करने के बाद वह वर्ष 2004 में बतौर कानपुर हेड ऑनलाइन चैनल ‘ABC’ के साथ जुड़ गए थे। करीब तीन साल बाद उन्होंने यहां से बाय बोलकर वर्ष 2007 में ‘सहारा अखबार’ जॉइन कर लिया। वर्ष 2010 में उन्होंने अखबार से टीवी का रुख किया और ‘सहारा टीवी’ में बतौर ब्यूरो चीफ अपनी जिम्मेदारी संभाली।
करीब सात साल तक ‘सहारा टीवी’ में अपनी भूमिका निभाने के बाद उन्होंने वेब पोर्टल ‘समाज’ के साथ नई शुरुआत की और बतौर हेड (हिंदी और अंग्रेजी) यहां जॉइन कर लिया। इसके बाद जनवरी 2020 में वे वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री के नेतृत्व में लॉन्च हुए न्यूज चैनल ‘R9’ से जुड़ गए थे, जहां से उन्होंने सितंबर, 2020 में इस्तीफा दे दिया था। ‘R9’ में स्पेशल करेसपॉन्डेंट के पद पर वह लखनऊ में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे और कई महत्वपूर्ण विभागों की बीट उनके पास थी। इसके बाद उन्होंने ‘न्यूज1इंडिया’, लखनऊ में बतौर संपादकीय प्रभारी अपनी पारी की शुरुआत की थी, जहां से इस्तीफा देकर वह ‘दैनिक भास्कर’ आ गए थे और फिर ‘भारत एक्सप्रेस’ होते हुए ‘लाइव टाइम्स’ पहुंचे थे, जहां से अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
‘भारत एक्सप्रेस’ के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने आज ही डायरेक्टर और ग्रुप मैनेजिंग एडिटर राधेश्याम राय की लंबी छुट्टियों को निरस्त करते हुए तुरंत काम पर लौटने के निर्देश दिए थे।
देश के प्रमुख न्यूज नेटवर्क्स में शुमार ‘भारत एक्सप्रेस’ (Bharat Express) से मिली एक खबर के मुताबिक, संस्थान ने डायरेक्टर और ग्रुप मैनेजिंग एडिटर राधेश्याम राय को बड़ी राहत देते हुए उनकी लंबी छुट्टियां (Forced Leave) निरस्त कर दी हैं और उन्हें तुरंत अपनी जिम्मेदारी संभालने के निर्देश दिए हैं।
‘भारत एक्सप्रेस’ न्यूज नेटवर्क के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय की ओर से सभी एंप्लॉयीज को 28 नवंबर को जारी सर्कुलर में कहा गया है, ‘आपको सूचित किया जाता है कि चैनल की जिम्मेदारी और संचालन को ध्यान में रखते हुए श्री राधेश्याम राय की छुट्टी तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है। मैंने श्री राधेश्याम राय, निदेशक एवं समूह प्रबंध संपादक को आज तुरंत अपने कर्तव्यों को संभालने का निर्देश दिया है।’
इसके साथ ही इस सर्कुलर में उपेंद्र राय की ओर से यह भी कहा गया है, ‘सभी सहकर्मी चैनल के सर्वोत्तम हित में श्री राधेश्याम राय, निदेशक एवं समूह प्रबंध संपादक को अपना पूर्ण समर्थन और सहयोग प्रदान करें।’ खबर है कि राधेश्याम राय ने फिर से चैनल में अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है।
आपको बता दें कि इससे पहले दस नवंबर को संस्थान ने राधेश्याम राय को लंबी छुट्टी (Forced Leave) पर भेज दिया था। हालांकि, संस्थान ने इसके पीछे की वजह नहीं बताई थी।
प्रसार भारती ने हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म 'Waves' लॉन्च किया है, जिसने केबल और डीटीएच ऑपरेटर्स के बीच गंभीर चिंता पैदा कर दी है।
प्रसार भारती ने हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म 'वेब्स' (Waves) लॉन्च किया है, जिसने केबल और डीटीएच ऑपरेटर्स के बीच गंभीर चिंता पैदा कर दी है।
यह प्लेटफॉर्म वर्तमान में 60 से अधिक लीनियर टीवी चैनल्स की मेजबानी करता है, जिनमें प्रमुख न्यूज नेटवर्क भी शामिल हैं और इसे बिना किसी सब्सक्रिप्शन के मुफ्त में उपलब्ध कराया गया है।
हालांकि इसमें अभी तक शीर्ष चार ब्रॉडकास्टर्स के एंटरटेनमेंट चैनल शामिल नहीं हैं, फिर भी इसने केबल इंडस्ट्री में अशांति पैदा कर दी है।
'वेब्स' (Waves) पर लीनियर टीवी चैनल्स की उपलब्धता ने मौजूदा व्यवस्था को हिला दिया है। इस कदम से पारंपरिक टीवी ऑपरेटर्स ने आपत्ति जताई है, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह उनकी व्यावसायिक रणनीति को कमजोर करेगा और उनके बाजार हिस्से को और अधिक घटाएगा।
एक्सचेंज4मीडिया ने एक्सपर्ट्स की उन चिंताओं की रिपोर्ट दी है, जो Waves द्वारा लीनियर टीवी चैनल्स मुफ्त में उपलब्ध कराने को लेकर हैं।
"सब्सक्राइबर्स का बदलता रुझान
केबल और डीटीएच ऑपरेटर्स की चिंताओं की जड़ में पहले से ही प्रसार भारती के 'डीडी फ्री डिश' का दबाव है, जो मुफ्त सैटेलाइट टीवी सेवाएं प्रदान करता है और तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
नाम न बताने की शर्त पर एक ब्रॉडकास्ट एक्सपर्ट ने कहा, 'अधिकांश दर्शक अब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की ओर रुख कर रहे हैं, जो ऑन-डिमांड कंटेंट और अधिक लचीलापन चाहते हैं और ऐसे में पारंपरिक टीवी ऑपरेटर्स ने सब्सक्रिप्शंस में गिरावट देखी है। Waves पर टीवी चैनल्स की उपलब्धता इन चुनौतियों को और बढ़ा सकती है, क्योंकि यह उन सब्सक्राइबर्स को भी अपनी ओर खींच सकती है, जो पहले से ही डिजिटल और स्ट्रीमिंग विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं।'
प्रसार भारती का ओटीटी प्लेटफॉर्म Waves अब लीनियर और ऑन-डिमांड कंटेंट का मिश्रण पेश कर रहा है, ऐसे में ऑपरेटर्स को चिंता है कि इससे ओटीटी की ओर बदलाव और तेज़ हो जाएगा, जिससे अंततः उनके सब्सक्राइबर बेस और मुनाफ़े में कमी आएगी।
केबल टीवी ऑपरेटर्स का कहना है कि ब्रॉडकास्टर्स के टीवी चैनल्स का उपयोग करके प्रसार भारती सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा निर्धारित डाउनलिंकिंग दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रहा है। इंडस्ट्री के एक एक्सपर्ट ने कहा कि यह कदम मौजूदा नियमों के विपरीत है, जिसमें कहा गया है कि सैटेलाइट टीवी चैनल रिसेप्शन डिकोडर केवल केबल ऑपरेटर्स को ही दिए जाने चाहिए।
एक्सपर्ट ने कहा, "ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लीनियर चैनल पेश करना पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। यह न केवल अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है, बल्कि केबल ऑपरेटर्स के सामने आने वाली चुनौतियों को भी बढ़ाता है, जो पहले से ही हर साल ग्राहकों की संख्या में भारी कमी का सामना कर रहे हैं।"
नियमों के उल्लंघन को लेकर चिंता
इससे पहले, ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय को एक पत्र में कहा है कि प्रसार भारती ने अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लीनियर टीवी चैनल्स को शामिल करने के लिए आवेदन आमंत्रित करते समय, 2022 की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग गाइडलाइंस के क्लॉज 11(3)(f) का उल्लंघन किया है।
क्लॉज 11(3)(f) के अनुसार टीवी चैनल सिग्नल रिसेप्शन डिकोडर्स केवल निम्नलिखित संस्थाओं को ही दिए जा सकते हैं:
- एमएसओ/केबल ऑपरेटर्स: जो केबल टेलीविजन नेटवर्क (रेगुलेशन) एक्ट 1995 के तहत पंजीकृत हैं।
- डीटीएच ऑपरेटर्स: जो भारत सरकार द्वारा जारी डीटीएच गाइडलाइंस के तहत पंजीकृत हैं।
- आईपीटीवी सेवा प्रदाता: जो मौजूदा टेलीकॉम लाइसेंस के तहत अधिकृत हैं या जिन्हें दूरसंचार विभाग द्वारा स्वीकृति मिली हुई है।
- एचआईटीएस ऑपरेटर्स: जिन्हें एचआईटीएस ऑपरेटरों के लिए मंत्रालय द्वारा जारी नीति दिशा-निर्देशों के तहत स्वीकृति दी गई है।
सितंबर में लिखे गए एक पत्र में, केबल इंडस्ट्री ने कहा था कि डिस्ट्रीब्यूशन इंडस्ट्री ने पिछले 6 वर्षों में अपने सब्सक्राइबर संख्या में भारी उथल-पुथल देखी है, जिसमें 2018 में, केबल टीवी और डीटीएच इंडस्ट्री का संयुक्त सब्सक्राइबर बेस लगभग 180 मिलियन था, जो 2024 में काफी कम होकर 120 मिलियन रह गया है, जो कुल सब्सक्राइबर बेस का 33% कम है।
केबल टीवी ऑपरेटर, जैसे कि सिटी, हैथवे, डेन और जीटीपीएल, ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय से आग्रह किया है कि वह प्रसार भारती को अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर निजी टीवी चैनलों को शामिल करने से रोकें। प्रसार भारती के ओटीटी प्लेटफॉर्म Waves पर फिलहाल लगभग 71 लीनियर चैनल उपलब्ध हैं।
इस मुद्दे पर एक वरिष्ठ ब्रॉडकास्ट एक्सपर्स ने कहा, "प्रसार भारती 'प्रसार भारती एक्ट' के तहत कार्य करता है, इसलिए प्रसारक (ब्रॉडकास्टर्स) को अपने सैटेलाइट टीवी चैनल प्रसार भारती के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रदान करने की अनुमति है।"
What’s on offer?
Prasar Bharati's much-anticipated OTT platform, Waves, was officially launched on Wednesday, marking the broadcaster's foray into the competitive streaming market.
Waves was launched at the 55th International Film Festival of India (IFFI) in Goa by Chief Minister Pramod Sawant, in the presence of Sanjay Jaju, Secretary, I&B Ministry.
The app has stories embracing Indian culture with an international outlook, in 12+ Languages - Hindi, English, Bengali, Marathi, Kannada, Malayalam, Telugu, Tamil, Gujarati, Punjabi, Assamese. It will be spread across 10+ Genres of Infotainment. It will provide Video on demand, free-to-play gaming, Radio streaming, Live TV streaming, 71 live Channels, several App in App integrations for video and gaming content, and online shopping through Open Network for Digital Commerce (ONDC) supported e-commerce platform.
The platform features a lineup of live channels, including entertainment networks like B4U, ABZY, SAB Group, and 9X Media, alongside major news channels such as India Today, News Nation, Republic, ABP News, News24, and NDTV India. It also offers all Doordarshan and Akashvani channels, according to sources.
However, some prominent broadcasters' channels are currently absent from the service.
क्या है खास?
प्रसार भारती के बहुप्रतीक्षित ओटीटी प्लेटफॉर्म Waves का आधिकारिक लॉन्च बुधवार को हुआ, जिससे प्रसार भारती ने प्रतिस्पर्धी स्ट्रीमिंग बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। Waves का उद्घाटन गोवा में आयोजित 55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू की उपस्थिति में किया।
इस ऐप में भारतीय संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने वाली कहानियां शामिल हैं। यह 12+ भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तेलुगु, तमिल, गुजराती, पंजाबी, असमिया) में उपलब्ध है। यह 10+ शैलियों (Genres) में इन्फोटेनमेंट कंटेंट प्रदान करता है।
Waves पर मिलने वाली सेवाएं:
प्लेटफॉर्म में लाइव चैनल्स की सूची भी शामिल है, जिनमें एंटरटेनमेंट चैनल जैसे B4U, ABZY, SAB ग्रुप और 9X मीडिया हैं। प्रमुख न्यूज चैनल जैसे इंडिया टुडे, न्यूज नेशन, रिपब्लिक, एबीपी न्यूज, न्यूज24 और एनडीटीवी इंडिया भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा, इसमें सभी दूरदर्शन और आकाशवाणी चैनल शामिल हैं।
हालांकि, कुछ प्रमुख ब्रॉडकास्टर्स के चैनल वर्तमान में इस सेवा में शामिल नहीं हैं।
'लिमिटेड ऑफर'
अपने लॉन्च को लेकर उत्साह के बावजूद इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स सतर्क हैं और शहरी दर्शकों के बीच इसके तात्कालिक प्रभाव को सीमित मान रहे हैं।
एक सीनियर ओटीटी एक्सपर्ट ने कहा, "यह प्लेटफॉर्म, न्यूज से जुड़े कुछ वर्गों को छोड़कर, सीमित पहुंच रखने वाला है।"
इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य पुराने जमाने की यादों को फिर से ताजा करना है, साथ ही आधुनिक डिजिटल रुझानों को अपनाते हुए क्लासिक और समकालीन कार्यक्रमों का समृद्ध मिश्रण प्रदान करना है।इसकी लाइब्रेरी में रामायण, महाभारत, शक्तिमान और हम लोग जैसे सदाबहार शोज शामिल हैं, जो उन दर्शकों को आकर्षित करते हैं जो भारत के सांस्कृतिक और भावनात्मक अतीत से जुड़ाव चाहते हैं। इसके अलावा, यह न्यू, डॉक्यूमेंट्री और रीजनल कंटेंट भी प्रदान करता है, जो समावेशिता और विविधता के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
लॉन्च के बाद मंत्रालय ने कहा था, "दूरदर्शन का ओटीटी प्लेटफॉर्म परंपरागत टीवी और आधुनिक स्ट्रीमिंग के बीच की खाई को पाटता है और अपनी दशकों पुरानी विरासत व राष्ट्रीय विश्वास का उपयोग करते हुए तकनीक-प्रेमी युवाओं और बुजुर्ग पीढ़ी दोनों तक पहुंच बनाता है।"
पहले, सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने पुष्टि की थी कि प्लेटफॉर्म का एक छोटा हिस्सा सब्सक्रिप्शन-आधारित होगा, जबकि बाकी कंटेंट देखने के लिए मुफ्त होगा।
अगस्त में, प्रसार भारती ने टीवी चैनल्स को अपने नए ओटीटी प्लेटफॉर्म से जुड़ने का निमंत्रण दिया। यह कदम उसकी डिजिटल उपस्थिति को बढ़ाने और एक ऐसा राजस्व-साझाकरण मॉडल पेश करने का प्रतीक था, जो बाजार में विशिष्ट है।
इस मॉडल के तहत ब्रॉडकास्टर्स को विज्ञापन राजस्व का 65% मिलेगा, जबकि प्रसार भारती 35% रखेगा।
सितंबर में, एक्सचेंज4मीडिया को सूत्रों से पता चला कि प्रमुख चार टीवी नेटवर्क ने प्रसार भारती के आगामी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपने लिनियर चैनल को स्ट्रीम नहीं करने का निर्णय लिया है।
हालांकि सरकार ने आकर्षक राजस्व-साझाकरण मॉडल की पेशकश की थी, इन नेटवर्क्स ने शायद इसलिए भाग नहीं लिया क्योंकि उनकी पहले से ही अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर मजबूत उपस्थिति है।
इन शीर्ष नेटवर्क्स के आवेदन न करने के बावजूद, मामले से परिचित सूत्रों ने एक्सचेंज4मीडिया को बताया कि प्रसार भारती को विभिन्न शैलियों के 106 चैनल्स से आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 44 चैनल्स का चयन किया गया और 40 चैनल्स प्लेटफॉर्म से जुड़ने के लिए सहमत हुए।
हिंदी न्यूज चैनल 'इंडिया न्यूज' (India News) में रोहित कुमार ने आउटपुट डेस्क पर एसोसिएट प्रोड्यूसर के पद पर जॉइन किया है और अपनी भूमिका संभाल ली है।
हिंदी न्यूज चैनल 'इंडिया न्यूज' (India News) में रोहित कुमार ने आउटपुट डेस्क पर एसोसिएट प्रोड्यूसर के पद पर जॉइन किया है और अपनी भूमिका संभाल ली है। उन्होंने दिल्ली स्थित हेड ऑफिस से अपना कार्यभार संभाला है।
इससे पहले, रोहित कुमार 'देश न्यूज' में एंकर-कम-प्रड्यूसर के पद पर कार्यरत थे और पिछले तीन सालों से मीडिया में सक्रिय हैं। उन्होंने 'कैपिटल टीवी' में एंकर-कम-प्रोड्यूसर और 'ANB न्यूज' में बुलेटिन प्रड्यूसर के रूप में भी काम किया है।
शैक्षणिक दृष्टि से, रोहित ने पंजाब के लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया है और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
रोहित मूलतः बिहार के रहने वाले हैं, किन्तु उनका बचपन और पढ़ाई-लिखाई बंगाल के आसनसोल में हुई है और उनका पूरा परिवार पश्चिम बंगाल में ही रहता है। रोहित को पंजाबी, हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला और भोजपुरी भाषाओं का ज्ञान है, जो उनकी पत्रकारिता में चार चांद लगा देता है।
समाचार4मीडिया की ओर से रोहित कुमार को नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
'आजतक' में अपनी पारी के दौरान ‘हल्ला बोल’ के लिए मनीष कपूर को प्रतिष्ठित ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड’ (enba) भी मिल चुका है।
वरिष्ठ पत्रकार मनीष कपूर ने ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) के साथ अपनी नई पारी की शुरुआत की है। समाचार4मीडिया से बातचीत में मनीष कपूर ने बताया कि उन्होंने यहां पर आउटपुट डेस्क पर बतौर एडिटर जॉइन किया है।
मनीष कपूर इससे पहले एक दशक से ज्यादा समय से ‘आजतक’ (AajTak) से जुड़े हुए थे। फिलहाल वह इस चैनल में एडिटर (आउटपुट) के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। उन्होंने वर्ष 2011 में यहां बतौर एसोसिएट सीनियर प्रड्यूसर जॉइन किया था। वह इस चैनल के लोकप्रिय शो ‘हल्लाबोल’ के पहले प्रड्यूसर थे।
मनीष कपूर को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 18 साल से ज्यादा का अनुभव है। पूर्व में वह करीब चार साल तक ‘न्यूज24’ (News24) में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। वह इस चैनल की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा भी रहे हैं।
यही नहीं, करियर के शुरुआती दिनों में वह विभिन्न पदों पर ‘स्टार न्यूज’ (अब एबीपी न्यूज) और ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) की टीम में भी शामिल रहे हैं।
पढ़ाई लिखाई की बात करें तो मनीष बिहार-झारखंड के प्रतिष्ठित नेतरहाट विद्यालय के छात्र रहे हैं। हरियाणा में हिसार स्थित गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट मनीष कपूर फिलहाल ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय’ (IGNOU) से मास कम्युनिकेशन में पीएचडी कर रहे हैं।
मनीष कपूर को ‘हल्ला बोल’ के लिए प्रतिष्ठित ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड’ (enba) भी मिल चुका है। इसके अलावा भी उन्हें अब तक तमाम पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। समाचार4मीडिया की ओर से मनीष कपूर को नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
इससे पहले जयदीप शुक्ला मुंबई में आधारित एंटरटेनमेंट प्रोड्यूसर थे। शुक्ला जनवरी 2019 में 'आजतक' से जुड़े थे।
हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' ने जयदीप शुक्ला को सीनियर प्रड्यूसर के पद पर नियुक्त किया है। शुक्ला ने इस महीने की शुरुआत में यह भूमिका संभाली। वह नोएडा स्थित कार्यालय से अपना कार्यभार संभाल रहे हैं।
इससे पहले जयदीप शुक्ला मुंबई में आधारित एंटरटेनमेंट प्रोड्यूसर थे। शुक्ला जनवरी 2019 में 'आजतक' से जुड़े थे। इससे पहले वह 'इंडिया टीवी' में एसोसिएट प्रड्यूसर के रूप में काम कर चुके हैं।
अपने करियर के दौरान जयदीप शुक्ला ने 'लाइव इंडिया' और 'डीडी न्यूज' के साथ भी काम किया है।
एनडीटीवी की यह पहल कॉरपोरेट जगत में परिवार-केंद्रित नीतियों को बढ़ावा देने का एक सकारात्मक कदम है।
एनडीटीवी समूह ने अपने एम्प्लॉयीज और उनके परिवारों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 'इनहाउस डेकेयर सुविधा' शुरू की है। यह पहल न केवल एम्प्लॉयीज के बच्चों की देखभाल को आसान बनाएगी, बल्कि माता-पिता को अपने बच्चों के साथ अधिक समय बिताने का अवसर भी प्रदान करेगी।
एनडीटीवी ने अपने बयान में कहा कि इस सुविधा के तहत 14 साल तक के बच्चे जब चाहें अपने माता-पिता के साथ ऑफिस आ सकते हैं और डेकेयर की सेवाएं ले सकते हैं। इसके अलावा, यह पहल बच्चों को वर्कप्लेस का अनुभव प्रदान करने का एक अनूठा मौका भी देगी।
NDTV की 'क्यूट' पहल...
— NDTV India (@ndtvindia) November 15, 2024
NDTV ने आज से 'इनहाउस डेकेयर सुविधा' के जरिए एक नई पहल की है. अब 14 साल तक के बच्चे जब चाहे अपने माता और पिता के साथ ऑफिस आकर रुक सकते हैं और डेकेयर सुविधा ले सकते हैं. इस दौरान वो अपने माता-पिता के वर्कप्लेस का अनुभव भी कर पाएंगे
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क्या है इनहाउस डेकेयर सुविधा?
इनहाउस डेकेयर या क्रेच सुविधा एक ऐसा प्रबंध है जहां कंपनियां अपने परिसर के भीतर बच्चों के लिए देखभाल केंद्र स्थापित करती हैं। इसमें बच्चे दिनभर अपनी जरूरतों के अनुसार देखभाल, भोजन और मनोरंजन की सुविधाएं पा सकते हैं।
इनहाउस डेकेयर के प्रमुख लाभ:
- सुविधाजनक देखभाल: माता-पिता अपने बच्चों को अपने करीब पाकर निश्चिंत रहते हैं और उनकी देखभाल के लिए बाहर इंतजाम करने की जरूरत नहीं होती।
- वर्क-लाइफ बैलेंस: यह सुविधा एम्प्लॉयीज को और निजी जीवन के बीच बेहतर संतुलन बनाने में मदद करती है।
- बच्चों का अनुभव: बच्चे अपने माता-पिता के वर्कप्लेस का अनुभव कर सकते हैं, जो उनके भविष्य की समझ को गहरा कर सकता है।
- एम्प्लॉयीज उत्पादकता में वृद्धि: जब माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा और देखभाल को लेकर चिंतामुक्त होते हैं, तो उनकी कार्यक्षमता बढ़ती है।
एनडीटीवी की यह पहल कॉरपोरेट जगत में परिवार-केंद्रित नीतियों को बढ़ावा देने का एक सकारात्मक कदम है। यह अन्य कंपनियों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।
इंडिया न्यूज़ के एडिटर इन चीफ राणा यशवंत के इस शो के पहले एपिसोड के मेहमान हिंदी के प्रतिभाशाली उपन्यासकार और कवि नीलोत्पल मृणाल हैं।
ख़बरों की दुनिया में इंडिया न्यूज़ नए प्रयोग कर रहा है। इस बीच एक और साप्ताहिक शो रविवार से शुरू होने जा रहा है। इसका नाम- 'ये जो ज़िंदगी है'। इंडिया न्यूज़ के एडिटर इन चीफ राणा यशवंत के इस शो के पहले एपिसोड के मेहमान हिंदी के प्रतिभाशाली उपन्यासकार और कवि नीलोत्पल मृणाल हैं।
इस कार्यक्रम का प्रसारण हर रविवार रात 10 बजे इंडिया न्यूज़ पर किया जायेगा। समाचार4मीडिया से बात करते हुए इंडिया न्यूज़ के एडिटर इन चीफ राणा यशवंत ने बताया कि इंडिया न्यूज़ पर उनके तीन शो पहले से ही प्रसारित हो रहे है। अर्धसत्य, जिसका प्रसारण सोमवार से शुक्रवार, रात 8 बजे किया जाता है।
आचार्य प्रशांत के साथ उनका शो 'जाग सके तो जाग' शनिवार रात 8 बजे प्रसारित किया जाता है। रविवार रात 8 बजे उनका पॉडकास्ट शो 'बातों बातों में' प्रसारित किया जाता है। अब हर रविवार रात 10 बजे उनका नया शो 'ये जो ज़िंदगी है' प्रसारित किया जायेगा।
आगे राणा यशवंत ने बताया कि उनका एक और शो जल्द ही शुरू होने जा रहा है। दरअसल, अगले हफ़्ते एक और साप्ताहिक शो ‘शब्दोत्सव’ लांच होगा। उर्दू के मशहूर शायर नवाज़ देवबंदी इस शो के पहले मेहमान होने वाले है। राणा यशवंत ने कहा कि एकरसता और शोर-शराबे से भरे माहौल में यह शो नयापन, ताज़गी और सार्थकता भरेगा।
समाचार4मीडिया की टीम की ओर से इंडिया न्यूज़ के एडिटर इन चीफ राणा यशवंत को उनके नए शो के लिए ढेर सारी बधाई।
नीलोत्पल मृणाल हिंदी साहित्य के ना सिर्फ़ चर्चित लेखक हैं,बल्कि गांव-माटी का टटकापन लिए चलनेवाले अपनी तरह के एकलौते लेखक हैं. संगी-साथियों की टोली में बतकहियों और बिंदासपन का मौसम जवान रखते हैं.’ये जो ज़िंदगी है’ का पहला एपिसोड नीलोत्पल के साथ है, रविवार रात 8 बजे @NetworkItv पर pic.twitter.com/Fe78QLGevi
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) November 16, 2024
Disney और Reliance के इस बड़े विलय पर प्रतिक्रिया देते हुए उदय शंकर ने इसे एक “मॉनेस्टर मर्जर” (monster merger) कहा।
'रिलायंस इंडस्ट्रीज' (Reliance Industries) की 'वायकॉम18' (Viacom18) और डिज्नी (Disney) की 'स्टार इंडिया' (Star India) के बीच विलय की औपचारिक घोषणा के साथ ही मीडिया क्षेत्र के अनुभवी व्यक्तित्व के धनी उदय शंकर को नए $8.5 बिलियन मूल्य की नए इकाई 'जियोस्टार' (Jiostar) का वाइस चेयरपर्सन बनाया गया है।
घोषणा के तुरंत बाद 'फाइनेंशियल टाइम्स' (Financial Times) को दिए एक इंटरव्यू में उदय शंकर ने टेलीविजन माध्यम में अपने विश्वास को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ड्रामा से लेकर डेली सोप्स तक के इनोवेटिव कंटेंट में नए निवेश के कारण पारंपरिक टेलीविजन राजस्व आने वाले वर्षों में "महत्वपूर्ण दो अंकों की वृद्धि" देख सकता है।
'जियोस्टार' (Jiostar) के वाइस चेयरपर्सन उदय शंकर, जिनकी कंपनी का विलय गुरुवार को पूरा हुआ, ने इंटरव्यू में कहा, “ऐसा एक नैरेटिव है कि टीवी खत्म हो रहा है और सब कुछ स्ट्रीमिंग की ओर जा रहा है। लेकिन मेरा मानना है कि इस देश में टीवी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।”
उदय शंकर ने मजबूत लीनियर पे-टीवी इंडस्ट्री पर भी बात की और कहा कि हर साल बड़ी संख्या में लोग आर्थिक मुख्यधारा में आ रहे हैं और उनके लिए टेलीविजन एक ऐसा उपभोक्ता उत्पाद है जिसे वे हासिल करना चाहते हैं।
Disney और Reliance के इस बड़े विलय पर प्रतिक्रिया देते हुए उदय शंकर ने इसे एक “मॉनेस्टर मर्जर” (monster merger) कहा। उन्होंने आगे कहा, “इसलिए कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है... हमें इस बाजार को फिर से बनाना और इसे बहुत बड़ा करना होगा।”
इसके अलावा, शंकर ने कहा कि स्पोर्ट्स में प्रभुत्व को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता है और Disney व Reliance के स्पोर्ट्स राइट्स पर आलोचना “कुछ हद तक गलत तथ्यों पर आधारित है” क्योंकि भारत में स्पोर्ट्स राइट्स की अवधि बहुत छोटी होती है, जो तीन से पांच साल तक सीमित होती है। यानी, उनका कहना था कि स्पोर्ट्स में किसी का प्रभुत्व लंबे समय तक नहीं रहता, क्योंकि स्पोर्ट्स राइट्स को बहुत कम समय के लिए दिया जाता है, इसलिए इसके बारे में आलोचना करना उचित नहीं है।