DTH सेक्टर पर संकट: एक साल में 60 लाख सब्सक्राइबर्स कम, क्या ‘नई खोज’ का आ गया समय?

भारत का डायरेक्ट-टू-होम (DTH) क्षेत्र लगातार दबाव में है क्योंकि दर्शकों का रुझान डिजिटल और ऑन-डिमांड कंटेंट की ओर बढ़ने से पिछले वर्ष में इसके ग्राहक आधार में तेज गिरावट आई है।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 10 September, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 September, 2025
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अदिति त्यागी, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।

भारत का डायरेक्ट-टू-होम (DTH) क्षेत्र लगातार दबाव में है क्योंकि दर्शकों का रुझान डिजिटल और ऑन-डिमांड कंटेंट की ओर बढ़ने से पिछले वर्ष में इसके ग्राहक आधार में तेज गिरावट आई है।

ट्राई (TRAI) के अनुसार, देश के केवल चार डीटीएच ऑपरेटर्स के सक्रिय ग्राहकों की संख्या 30 जून 2024 को 6.21 करोड़ थी, जो 30 जून 2025 तक घटकर 5.60 करोड़ रह गई। यानी महज 12 महीनों में 60 लाख से अधिक यूजर्स कम हो गए।

यह गिरावट केवल ओटीटी और कनेक्टेड टीवी प्लेटफॉर्म्स के उभार को ही नहीं दर्शाती, बल्कि लागत-संवेदनशील परिवारों को आकर्षित करने वाले मुफ्त प्रसारण विकल्पों जैसे डीडी फ्री डिश की बढ़ती लोकप्रियता को भी उजागर करती है।

ग्राहक संख्या में यह कमी अचानक नहीं बल्कि पूरे साल लगातार रही। जून 2024 के अंत में सक्रिय ग्राहकों की संख्या 6.21 करोड़ थी। सितंबर 2024 तक यह घटकर 5.99 करोड़ हुई। दिसंबर 2024 में यह और घटकर 5.82 करोड़ रह गई। मार्च 2025 तक यह 5.69 करोड़ तक पहुंच गई और जून 2025 के अंत में यह 5.60 करोड़ पर आ गई, जो पूरे साल का सबसे निचला स्तर था।

यह पैटर्न दिखाता है कि उपभोक्ता धीरे-धीरे सैटेलाइट टीवी छोड़कर ब्रॉडबैंड-आधारित ऑन-डिमांड व्यूइंग की ओर बढ़ रहे हैं, खासकर शहरी इलाकों में जहां इंटरनेट की पहुंच गहरी हो चुकी है।

गिरावट के बावजूद चारों डीटीएच ऑपरेटर्स– टाटा प्ले, एयरटेल डिजिटल टीवी, डिश टीवी और सन डायरेक्ट की मार्केट में स्थिति लगभग वैसी ही बनी रही। इससे संकेत मिलता है कि यह चुनौती किसी एक कंपनी की नहीं बल्कि पूरे उद्योग की है। 30 जून 2025 तक टाटा प्ले 31.42% हिस्सेदारी के साथ अग्रणी रहा। भारती टेलिमीडिया (एयरटेल डिजिटल टीवी) 29.33% हिस्सेदारी के साथ उसके करीब रहा। वहीं सन डायरेक्ट 20.13% और डिश टीवी 19.13% हिस्सेदारी पर रहे।

मार्च 2025 की तिमाही के आंकड़े भी लगभग यही तस्वीर पेश करते हैं। उस समय टाटा प्ले 31.42% पर स्थिर रहा, एयरटेल डिजिटल टीवी 30.20%, सन डायरेक्ट 19.32% और डिश टीवी 19.06% पर रहे। यानी कुल मार्केट भले सिकुड़ गया हो, खिलाड़ियों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक संतुलन में बड़ा बदलाव नहीं आया, हालांकि टाटा प्ले और एयरटेल के बीच की दौड़ काफी नजदीकी रही।

ऑपरेटर्स के वित्तीय नतीजे भी ग्राहकों की इस कमी को दर्शाते हैं। डिश टीवी, जो इस क्षेत्र के सबसे पुराने खिलाड़ियों में से एक है, ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में तेज गिरावट दर्ज की। उसकी कुल आय 27.7% घटकर 329.4 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 455.3 करोड़ रुपये थी। सब्सक्रिप्शन राजस्व 10.8% घटकर 273 करोड़ रुपये पर आ गया, जबकि विज्ञापन आय आधे से भी अधिक घटकर 4.4 करोड़ रुपये रह गई। घाटा काफी बढ़ गया और FY25 की पहली तिमाही में 1.6 करोड़ रुपये से बढ़कर FY26 की पहली तिमाही में 94.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। ये आंकड़े दिखाते हैं कि घटते ग्राहक और विज्ञापन राजस्व दोनों ही मुनाफे पर भारी दबाव डाल रहे हैं।

इसके विपरीत एयरटेल डिजिटल टीवी की गिरावट अपेक्षाकृत मामूली रही। FY26 की पहली तिमाही में कंपनी का राजस्व 1.8% घटकर 763 करोड़ रुपये रहा और ग्राहक आधार 1.57 करोड़ रहा। पूरे FY24–25 में कंपनी का राजस्व 3,060 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के लगभग बराबर था। भारती एयरटेल के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गोपाल विट्टल ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद एयरटेल डिजिटल टीवी ने रिकॉर्ड उच्च मार्केट शेयर हासिल किया। उन्होंने बताया कि कंपनी डीटीएच व्यवसाय में सब्सिडी हटाकर संरचनात्मक बदलाव लागू कर रही है, जिससे प्रतिस्पर्धा के बीच भी नकदी प्रवाह मजबूत होने की उम्मीद है।

क्षेत्र की अगुआ कंपनी टाटा प्ले भी दबाव से अछूती नहीं रही। FY24–25 में कंपनी का घाटा बढ़कर 529.43 करोड़ रुपये हो गया, जो FY23–24 में 354 करोड़ रुपये था। राजस्व 5.46% घटकर 4,082 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल 4,305 करोड़ रुपये था। FY25 में कंपनी का ग्राहक आधार घटकर 1.8 करोड़ रह गया, जबकि एक समय यह 2.3 करोड़ तक पहुंचा था। क्रिसिल रेटिंग्स के विश्लेषकों का कहना है कि FY26 में टाटा प्ले के लिए राजस्व वृद्धि की संभावना कम है क्योंकि उसके मूल डीटीएच कारोबार में चुनौतियां जारी हैं। गिरावट का बड़ा कारण छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में डीडी फ्री डिश की लोकप्रियता और शहरी दर्शकों का डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की ओर बढ़ता झुकाव है।

वित्तीय दबाव केवल कंपनियों तक सीमित नहीं रहा बल्कि पूरे क्षेत्र पर दिखा। सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) के अनुसार, FY24–25 में डीटीएच सेवाओं से गैर-कर राजस्व घटकर 648.73 करोड़ रुपये रह गया। यह FY23–24 के 692 करोड़ रुपये से 6.2% और FY22–23 के 859.96 करोड़ रुपये से 24.6% की गिरावट दर्शाता है। यह गिरावट दिखाती है कि क्षेत्र को राजस्व सृजन में गहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

स्थिरता का एक और संकेत सैटेलाइट टीवी चैनलों की संख्या से मिलता है। जून 2024 के अंत में भारत में 912 चैनल थे। सितंबर 2024 तक यह संख्या वही रही। दिसंबर 2024 में मामूली बढ़कर 914 हुई और मार्च 2025 में 918 तक पहुंच गई। लेकिन जून 2025 तक यह फिर घटकर 912 पर आ गई, यानी एक साल पहले जितनी ही। चैनल वृद्धि में यह ठहराव बताता है कि प्रसारक अब नए लीनियर चैनल जोड़ने की बजाय डिजिटल-प्रथम कंटेंट रणनीतियों में अधिक निवेश कर रहे हैं, जहां रिटर्न अधिक संभावनाशील लगते हैं।

कुल मिलाकर, ये आंकड़े दिखाते हैं कि यह क्षेत्र एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। जून 2024 से जून 2025 का समय ग्राहकों में निरंतर कमी, चैनल वृद्धि में ठहराव और ऑपरेटर्स पर बढ़ते वित्तीय दबाव से भरा रहा। टाटा प्ले और भारती टेलिमीडिया जैसे मार्केट लीडर अभी भी उद्योग की रीढ़ बने हुए हैं, लेकिन उनका भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि वे कितनी जल्दी विविधता लाकर बदलते माहौल में ढलते हैं।

ऑपरेटर अब हाइब्रिड सेट-टॉप बॉक्स के साथ प्रयोग कर रहे हैं, जो ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और सैटेलाइट टीवी को जोड़कर बंडल सेवाएं प्रदान करते हैं, ताकि ग्राहकों को बनाए रखा जा सके। ग्रामीण विस्तार भी एक महत्वपूर्ण विकल्प है, क्योंकि शहरी परिवार तेजी से कनेक्टेड टीवी अपना रहे हैं।

जैसे-जैसे दर्शकों की आदतें बदल रही हैं और लोग स्मार्टफोन, स्मार्ट टीवी और हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड के जरिए ऑन-डिमांड कंटेंट देख रहे हैं, डीटीएच उद्योग पर खुद को फिर से गढ़ने का दबाव है। आने वाले साल तय करेंगे कि पारंपरिक सैटेलाइट टीवी भारत के मीडिया परिदृश्य का हिस्सा बना रह पाता है या डिजिटल प्लेटफॉर्म्स उसे पूरी तरह पीछे छोड़ देते हैं। इतना तय है कि डीटीएच के बेकाबू विकास का दौर ख़त्म हो चुका है और इस क्षेत्र को गिरावट रोकने और अपनी जगह मजबूत करने के लिए नवाचार और रूपांतरण अपनाना ही होगा। 

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राज टेलीविजन नेटवर्क ने दो नए स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति के लिए शुरू की ई-वोटिंग

राज टेलीविजन नेटवर्क लिमिटेड ने अपने बोर्ड में दो नए स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति को मंजूरी दिलाने के लिए ई-वोटिंग की प्रक्रिया शुरू की है।

Last Modified:
Wednesday, 05 November, 2025
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राज टेलीविजन नेटवर्क लिमिटेड ने अपने बोर्ड में दो नए स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति को मंजूरी दिलाने के लिए ई-वोटिंग की प्रक्रिया शुरू की है। कंपनी ने इसके लिए पोस्टल बैलेट नोटिस जारी किया है।

ई-वोटिंग की तारीखें और प्रक्रिया

कंपनी की ओर से बताया गया है कि ई-वोटिंग की सुविधा 5 नवंबर 2025, बुधवार सुबह 9 बजे से शुरू होगी और 4 दिसंबर 2025, गुरुवार शाम 5 बजे तक जारी रहेगी। इस दौरान कंपनी के सदस्य ऑनलाइन वोटिंग के जरिए अपने मत दे सकेंगे। यह पूरी प्रक्रिया सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) के माध्यम से कराई जा रही है।

इन प्रस्तावों पर होगा मतदान 

पोस्टल बैलेट में दो प्रस्ताव रखे गए हैं-

पहला — पेचिमुथु उदयकुमार को कंपनी का नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नियुक्त किया जाना।
दूसरा — कृष्णा सिंह बालाजी सिंह को भी नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया जाना।

कंपनी ने दी जानकारी

कंपनी ने कहा है कि पोस्टल बैलेट नोटिस केवल इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से उन सभी सदस्यों को भेजा गया है, जिनका ईमेल पता कंपनी, रजिस्ट्रार या डिपॉजिटरी एजेंसी के साथ पंजीकृत है। जो सदस्य ईमेल अपडेट नहीं कर पाए हैं, उन्हें जल्द ही अपनी जानकारी अपडेट करने की सलाह दी गई है ताकि वे भविष्य की प्रक्रियाओं में भाग ले सकें।

पेचिमुथु उदयकुमार 

पेचिमुथु उदयकुमार NSIC लिमिटेड और NSIC वेंचर कैपिटल फंड लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं। उनके पास MSME, पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर और वित्तीय क्षेत्रों में 35 से अधिक वर्षों का अनुभव है। वह IIM बैंगलोर और कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, गिंडी (अन्ना यूनिवर्सिटी) के पूर्व छात्र हैं। उन्हें 2022 में ‘एलुमनी अचीवर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था। उन्होंने MSME नीति निर्माण और वित्तीय रणनीति पर कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर काम किया है।

कृष्णा सिंह बालाजी सिंह 

कृष्णा सिंह एक प्रसिद्ध सर्जन और अकादमिक लीडर हैं। वे श्री रामचंद्र मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, चेन्नई के डीन और सर्जरी विभाग के प्रोफेसर हैं। उन्हें तीन दशकों से अधिक का अनुभव है और वे एडवांस लैप्रोस्कोपिक व कोलोरेक्टल सर्जरी में विशेषज्ञ माने जाते हैं। उन्होंने अब तक 1600 से ज्यादा मिनिमली इनवेसिव सर्जरी की हैं और कई मेडिकल शोधपत्र प्रकाशित किए हैं। उन्हें तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा मेडिकल एक्सिलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

दोनों नियुक्तियां पांच साल के कार्यकाल के लिए

कंपनी ने बताया कि दोनों निदेशकों की नियुक्ति 18 अक्टूबर 2025 से 17 अक्टूबर 2030 तक के लिए प्रस्तावित है। दोनों ही निदेशक बोर्ड के किसी अन्य सदस्य या कंपनी के मुख्य प्रबंधन कर्मियों से संबंधित नहीं हैं।

परिणामों की घोषणा

ई-वोटिंग पूरी होने के बाद मतगणना की रिपोर्ट कंपनी के चेयरमैन या उनके द्वारा अधिकृत व्यक्ति को सौंपी जाएगी। परिणाम दो कार्य दिवसों के भीतर घोषित किए जाएंगे और इन्हें BSE, NSE और कंपनी की वेबसाइट www.rajtvnet.in पर देखा जा सकेगा। 

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NDTV से जुड़ीं टीवी पत्रकार तनुश्री पुरंदरे, संभालेंगी ये जिम्मेदारी

तनुश्री इंडस्ट्री में अपनी मजबूत ग्राउंड रिपोर्टिंग और बेबाक रिपोर्टिंग स्टाइल के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने हमेशा राजनीति, इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म और गहराई से की गई फील्ड रिपोर्ट्स पर काम किया है।

Last Modified:
Monday, 03 November, 2025
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टीवी पत्रकार तनुश्री पुरंदरे ने हाल ही में 'टाइम्स नाउ' को अलविदा कहने के बाद अब एनडीटीवी में बतौर सीनियर कॉरेस्पोंडेंट अपनी नई पारी की शुरुआत की है।

तनुश्री इंडस्ट्री में अपनी मजबूत ग्राउंड रिपोर्टिंग और बेबाक रिपोर्टिंग स्टाइल के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने हमेशा राजनीति, इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म और गहराई से की गई फील्ड रिपोर्ट्स पर काम किया है। उनकी रिपोर्टिंग का अंदाज उन्हें युवा पत्रकारों में अलग पहचान दिलाता है।

इंदौर से ताल्लुक रखने वाली तनुश्री ने देश के अलग-अलग हिस्सों से कई अहम खबरें कवर की हैं। अपने करियर में उन्होंने टाइम्स नाउ, इंडिया टुडे, रिपब्लिक टीवी और प्रजातंत्र न्यूज जैसे प्रतिष्ठित मीडिया हाउसों में काम किया है।

तनुश्री ने अपनी पढ़ाई DAVV इंदौर के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन (SJMC) से की है और स्कूली शिक्षा चमेली देवी पब्लिक स्कूल से प्राप्त की है। 

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वरिष्ठ पत्रकार दिनेश शर्मा और ‘Living India News’ की राहें हुईं अलग

दिनेश शर्मा ने करीब छह महीने पहले ही ‘बीपीएल मीडिया लिमिटेड’ (BPL Media LTD) के स्वामित्व वाले पंजाब के इस प्रमुख चैनल में बतौर सीईओ और मैनेजिंग एडिटर जॉइन किया था।

Last Modified:
Saturday, 01 November, 2025
Dinesh Sharma

वरिष्ठ पत्रकार दिनेश शर्मा ने ‘लिविंग इंडिया न्यूज’ (Living India News) चैनल में अपनी पारी को विराम दे दिया है। दिनेश शर्मा ने करीब छह महीने पहले ही ‘बीपीएल मीडिया लिमिटेड’ (BPL Media LTD) के स्वामित्व वाले पंजाब के इस प्रमुख चैनल में बतौर सीईओ और मैनेजिंग एडिटर जॉइन किया था। अपनी इस भूमिका में दिनेश शर्मा चैनल की संपादकीय जिम्मेदारियों के साथ-साथ इसके बिजनेस पहलू को भी संभाल रहे थे।

समाचार4मीडिया से बातचीत में दिनेश शर्मा ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। दिनेश शर्मा के अनुसार, चैनल के साथ उनका यह सफर काफी शानदार रहा और महज छह महीने में ही उन्होंने क्षेत्र में इस चैनल को अन्य चैनल्स के मुकाबले काफी ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। अपने अगले कदम के बारे में दिनेश शर्मा का कहना था कि वह जल्द ही इस बारे में अपडेट देंगे।  

बता दें कि दिनेश शर्मा को न्यूज ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री में काम करने का 27 साल से ज्यादा का अनुभव है। दिनेश शर्मा इससे पहले हिंदी न्यूज चैनल ‘न्यूज24’ (News24) में कंसल्टिंग एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

वहीं, उससे पहले वह पंजाब के ‘दैनिक सवेरा’ (Danik Savera) समूह में मैनेजिंग एडिटर (डिजिटल और सोशल मीडिया) के पद पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं। सवेरा ग्रुप में एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद अब वह दोबारा पंजाब और क्षेत्रीय पत्रकारिता में लौटे हैं।

दिनेश शर्मा लंबे समय तक ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में भी कार्यरत रहे हैं। उन्होंने अप्रैल 2022 में इस समूह के न्यूज चैनल जी (दिल्ली-एनसीआर-हरियाणा) को बतौर चैनल हेड और एडिटर लॉन्च कराया था। इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2014 से 2019 तक जी (पंजाब, हरियाणा और हिमाचल) में एडिटर के तौर पर अपनी भूमिका निभाई औऱ इसे नई ऊचांइयों पर पहुंचाया।

मीडिया के क्षेत्र में दिनेश शर्मा ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1998 में ‘जी न्यूज’ (Zee News) के साथ बतौर रिपोर्टर की थी। पूर्व में वह ‘वॉइस ऑफ अमेरिका’(Voice of America), ‘हिंदी रेडियो सर्विस’ (Hindi Radio Service), ‘अल जजीरा’ (Al aJazeera), ‘न्यूजएक्स’(NewsX), ‘वॉइस ऑफ इंडिया’ (Voice of India), ‘द स्टेट्समैन’ (The Statesman), ‘इंडियन एक्सप्रेस’ (Indian Express) और ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ (Press Trust of India) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ संपादकीय पदों पर अपनी भूमिकाएं निभा चुके हैं।

वह अपने लोकप्रिय टॉक शो 'डायरेक्ट विद दिनेश' के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने सोमवार से शुक्रवार शाम 7 बजे तक डेली न्यूज शो ‘ग्राउंड ज़ीरो’ की एंकरिंग भी की है। विभिन्न लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ-साथ दिनेश शर्मा ने आतंकवाद, भ्रष्टाचार, आंतरिक सुरक्षा और अंडरवर्ल्ड जैसे प्रमुख मुद्दों पर अपनी खोजपरक रिपोर्टिंग की है। यही नहीं, उन्होंने तमाम प्रमुख घटनाओं की ग्राउंड रिपोर्टिंग भी की है।

पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिनेश शर्मा को तमाम प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। ‘भारतीय जनसंपर्क परिषद‘ के साथ ‘मीडिया फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (Media Federation of India) की ओर से 18 मई 2022 को चंडीगढ़ के होटल माउंटव्यू में आयोजित ‘एंटरप्रिन्योर एंड अचीवर अवॉर्ड्स 2022’ में भी उन्हें सम्मानित किया गया था।

पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले दिनेश शर्मा ने जर्नलिज्म, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और इकनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है। इसके अलावा उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (HPU) शिमला से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स भी किया है।

समाचार4मीडिया की ओर से दिनेश शर्मा को उनकी नई पारी के लिए अग्रिम रूप से ढेरों शुभकामनाएं।

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BARC पर भरोसा खोने के बाद MediaOne ने तोड़ा रिश्ता, रेटिंग को लेकर उठाए सवाल

मलयालम न्यूज चैनल 'मीडियावन' (MediaOne) ने टीवी रेटिंग एजेंसी BARC (Broadcast Audience Research Council) से अपना रिश्ता खत्म करने का ऐलान किया है।

Last Modified:
Friday, 31 October, 2025
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मलयालम न्यूज चैनल 'मीडियावन' (MediaOne) ने टीवी रेटिंग एजेंसी BARC (Broadcast Audience Research Council) से अपना रिश्ता खत्म करने का ऐलान किया है। चैनल ने कहा है कि उसने यह फैसला BARC की विश्वसनीयता पर पूरी तरह से भरोसा खत्म होने के बाद लिया है। इस कदम के साथ MediaOne, NDTV के बाद BARC से अलग होने वाला दूसरा भारतीय न्यूज चैनल बन गया है।

MediaOne का कहना है कि उसने रेटिंग डेटा को लेकर BARC से कई बार सवाल किए, लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। चैनल के मुताबिक, BARC अधिकारी यह भी ठीक से नहीं बता पाए कि दर्शकों के बीच MediaOne की मजबूत पकड़ रेटिंग्स में क्यों नहीं दिखती।

चैनल ने BARC की रेटिंग प्रणाली पर भी सवाल उठाए, खासकर उसके छोटे सैंपल साइज और ‘मीटर’ लगाने के तरीकों पर। MediaOne ने बताया कि केरल में कुल 86 लाख टीवी हैं, लेकिन BARC ने केवल 1,500 से भी कम जगहों पर मीटर लगाए हैं। इतना ही नहीं, इन मीटरों का वितरण भी सभी इलाकों या वर्गों का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता। चैनल ने यह भी आरोप लगाया कि इन मीटरों को बाहरी तरीके से नियंत्रित या प्रभावित किया जा सकता है।

MediaOne ने कहा कि BARC की विश्वसनीयता पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं- जैसे अर्नब गोस्वामी से जुड़ा मामला। चैनल ने यह भी बताया कि अब कई चैनल लैंडिंग पेज पर करोड़ों रुपये खर्च कर अपनी रेटिंग बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर MediaOne के आंकड़े BARC के डेटा से बिल्कुल अलग तस्वीर दिखाते हैं। पिछले हफ्ते चैनल ने यूट्यूब पर 36.2 करोड़ व्यूज हासिल किए, जिससे वह टॉप मलयालम चैनलों में शामिल रहा, लेकिन BARC की रेटिंग में उसे इसका कोई फायदा नहीं मिला।

MediaOne के एडिटर प्रमोद रमन ने कहा कि यह फैसला BARC की घटती साख के कारण लिया गया है। उन्होंने कहा, “डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हम नंबर वन हैं, लेकिन BARC हमें नंबर 10 पर दिखाता है। यह धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का मामला है। BARC पर्दे के पीछे काम करता है और दर्शकों की असली पसंद को दबा देता है। केरल में 4,000–5,000 करोड़ रुपये का बिजनेस इन रेटिंग्स पर निर्भर करता है, तो आखिर ठगा किसे जा रहा है?”

उन्होंने कहा कि MediaOne ने पिछले 11 वर्षों में ईमानदार और नैतिक पत्रकारिता के दम पर दर्शकों का भरोसा जीता है। किसी एजेंसी की रेटिंग चार्ट से ज्यादा कीमती हमारे दर्शकों का विश्वास है। प्रमोद रमन ने यह भी बताया कि चैनल ने BARC की गड़बड़ गणनाओं पर कई बार शिकायतें कीं, लेकिन एजेंसी ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जो सुधार की दिशा में हो।

यहां देखें वीडियो:

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आकाशवाणी संगीत सम्मेलन का 67वां संस्करण 2 नवंबर से, देशभर में होगा आयोजन

प्रसार भारती और संस्कृति मंत्रालय मिलकर इस साल आकाशवाणी संगीत सम्मेलन का 67वां संस्करण आयोजित करने जा रहे हैं।

Last Modified:
Friday, 31 October, 2025
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प्रसार भारती और संस्कृति मंत्रालय मिलकर इस साल आकाशवाणी संगीत सम्मेलन का 67वां संस्करण आयोजित करने जा रहे हैं। यह कार्यक्रम 2 नवंबर से 29 नवंबर तक देश के 24 अलग-अलग केंद्रों पर होगा।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बताया कि आकाशवाणी संगीत सम्मेलन की शुरुआत साल 1954 में हुई थी और तब से यह भारत की सबसे पुरानी और सम्मानित सांस्कृतिक परंपराओं में से एक बन चुका है। इसका उद्देश्य देशभर के श्रोताओं तक हिंदुस्तानी, कर्नाटक, सुगम और लोक संगीत की श्रेष्ठ धारा पहुंचाना रहा है। इस सम्मेलन ने भारतीय संगीत की समृद्ध परंपरा को सहेजने, बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई है।

प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने जानकारी दी कि कोविड महामारी के कारण कुछ समय के लिए यह आयोजन रुका था, लेकिन अब यह फिर से पूरे जोश और नए उत्साह के साथ लौट रहा है। इस साल के संस्करण में हर केंद्र पर दो संगीत कार्यक्रम होंगे- एक भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित और दूसरा सुगम या लोक संगीत पर।

उन्होंने बताया कि पणजी और शिलॉन्ग में विशेष रूप से पश्चिमी शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियां होंगी, जिससे देश के अलग-अलग हिस्सों की संगीत विविधता झलकेगी।

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NDTV की दूसरी तिमाही में 14% की राजस्व वृद्धि, नए शोज और बड़े आयोजनों से बढ़ी रफ्तार

देश के प्रमुख समाचार नेटवर्क NDTV ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के नतीजे जारी किए हैं।

Last Modified:
Friday, 31 October, 2025
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देश के प्रमुख समाचार नेटवर्क NDTV ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के नतीजे जारी किए हैं। कंपनी का राजस्व पिछली तिमाही (Q1 FY26) के मुकाबले 14% बढ़ा, जबकि पिछले साल की समान अवधि (Q2 FY25) की तुलना में 10% की वृद्धि दर्ज की गई। यह मजबूत प्रदर्शन NDTV की कंटेंट इनोवेशन और बिजनेस सुधार रणनीति का नतीजा बताया जा रहा है।

नए एंकर और प्राइमटाइम शोज से बढ़ी दर्शकों की पकड़

इस तिमाही में NDTV ने अपने ऑन-एयर प्रोग्रामिंग को और मजबूत किया। चैनल ने नए प्राइमटाइम शोज लॉन्च किए और पद्मजा जोशी, सैयद सुहैल और शुभांकर मिश्रा जैसे प्रसिद्ध एंकरों को जोड़ा। इससे NDTV की संपादकीय टीम और भी मजबूत हुई और दर्शकों से जुड़ाव में इजाफा हुआ।

बिजनेस मोर्चे पर बड़े कदम

NDTV ने बिजनेस को और मजबूत बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए। कंपनी ने Rights Issue पूरा किया ताकि भविष्य की वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके। साथ ही, NDTV ने चार अलग-अलग इकाइयों का विलय (Merger) कर अपने संचालन को सरल और एकीकृत किया, जिससे कंपनी अब अपने मुख्य कामों पर ज्यादा ध्यान दे सकेगी।

NDTV World Summit से बढ़ी ग्लोबल मौजूदगी

17 और 18 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित NDTV World Summit कंपनी के लिए एक बड़ा पड़ाव साबित हुआ। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरीणी अमरासूरिया, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट जैसे वैश्विक नेता शामिल हुए। NDTV ने इस आयोजन से खुद को वैश्विक संवाद का प्रमुख मंच साबित किया।

कश्मीर में सोनू निगम का ऐतिहासिक कॉन्सर्ट

NDTV ने अपने एंटरटेनमेंट ब्रांड Good Times के तहत श्रीनगर में सोनू निगम का मेगा कॉन्सर्ट आयोजित किया। यह कश्मीर घाटी में पहलगाम हादसे के बाद पहला बड़ा संगीत आयोजन था। इस कार्यक्रम ने वहां के लोगों के बीच उम्मीद और एकता का संदेश दिया और NDTV की देशभर में सांस्कृतिक पहल को एक नया आयाम दिया।

लाभ पर असर, लेकिन भविष्य के लिए निवेश जारी

हालांकि कंपनी का राजस्व प्रदर्शन मजबूत रहा, लेकिन मुनाफे पर असर पड़ा क्योंकि NDTV ने इस तिमाही में अपने डिजिटल इंटीग्रेशन और बिजनेस ट्रांसफॉर्मेशन को मजबूत करने के लिए बड़े निवेश किए। कंपनी का कहना है कि आने वाले त्योहारों के सीजन और भविष्य की तिमाहियों में यह निवेश लंबी अवधि की वृद्धि और मजबूती लाएगा।

कुल मिलाकर, NDTV ने इस तिमाही में यह दिखाया है कि वह कंटेंट क्वालिटी, टेक्नोलॉजी और बिजनेस स्थिरता के जरिए भारतीय मीडिया जगत में अपनी पकड़ और भी मजबूत कर रहा है।

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अब ‘NDTV’ पर नजर आएंगी वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जानी-मानी न्यूज एंकर सुचरिता कुकरेती

यहां उन्हें ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर और प्राइम टाइम एंकर के पद पर नियुक्त किया गया है।

Last Modified:
Thursday, 30 October, 2025
Sucherita Kukreti

वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जानी-मानी न्यूज एंकर सुचरिता कुकरेती ‘एनडीटीवी’ (NDTV) की टीम में शामिल हो गई हैं। यहां उन्हें ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर और प्राइम टाइम एंकर के पद पर नियुक्त किया गया है।

सुचेता कुकरेती की हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर काफी अच्छी पकड़ है। उन्हें टेलीविजन पत्रकारिता में दो दशक से ज्यादा का अनुभव है। इस दौरान उन्होंने कई लोकप्रिय हिंदी डिबेट और अंग्रेजी प्राइम टाइम शो होस्ट किए हैं। अपनी स्पष्टता, प्रभावशाली प्रस्तुति और गंभीर मुद्दों को संतुलित ढंग से उठाने की क्षमता के कारण उन्हें व्यापक पहचान मिली है।

सुचरिता ने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत ‘इंडिया टीवी’ से की थी। यहां उन्होंने अपनी सटीक और विश्वसनीय रिपोर्टिंग से पहचान बनाई। इसके बाद उन्होंने ‘रिपब्लिक भारत’ चैनल जॉइन किया और इसके प्रमुख डिबेट शो ‘महाभारत’ की एंकरिंग की।

पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो सुचरिता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री ली है। पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा सम्मानित किया जा चुका है

सुचरिता कुकरेती की नियुक्ति पर ‘एनडीटीवी’ के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा, ‘सुचेता NDTV की उस प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती हैं जो सटीकता और बहुमुखी प्रतिभा पर आधारित है। उनकी विश्वसनीयता, तीक्ष्ण पत्रकारिता दृष्टि और हिंदी व अंग्रेज़ी पर मजबूत पकड़ हमारे प्राइम टाइम को और सशक्त बनाएगी।’

अपनी नियुक्ति के बारे में सुचरिता कुकरेती ने कहा, ‘एनडीटीवी इंडिया से जुड़ना मेरे लिए सार्थक पत्रकारिता की ओर लौटने जैसा है। मैं ऐसे संस्थान का हिस्सा बनने को लेकर उत्साहित हूं जो ईमानदारी, गहराई और विचारशील बहसों को महत्व देता है।’

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टीवी चैनलों की कीमतों पर फिर मंथन करेगा TRAI, जल्द लाएगा नया टैरिफ ऑर्डर: रिपोर्ट

TRAI अब टीवी चैनलों की कीमतों को लेकर नया टैरिफ ऑर्डर लाने जा रही है।

Last Modified:
Thursday, 30 October, 2025
TRAI7845

भारतीय टेलीविजन क्षेत्र के लिए एक बार फिर बड़ा बदलाव आने वाला है। 'स्टोरीबोर्ड18' के मुताबिक, देश की दूरसंचार नियामक संस्था TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) अब टीवी चैनलों की कीमतों को लेकर नया टैरिफ ऑर्डर लाने जा रही है। साल के आखिर तक इस पर परामर्श पत्र (consultation paper) जारी किया जा सकता है। इसका असर देशभर के करोड़ों टीवी दर्शकों पर पड़ेगा।

रिपोर्ट के मुताबिक TRAI ने टीवी इंडस्ट्री के मौजूदा हालात और नई नीति के असर पर विस्तृत अध्ययन पूरा कर लिया है। सूचना-प्रसारण मंत्रालय से भी इस अध्ययन और नए फ्रेमवर्क पर परामर्श की अनुमति मिल चुकी है। अब TRAI जल्द ही "NTO 4.0" पर अपना परामर्श पत्र जारी करेगा, जो उपभोक्ता हितों और प्रसारकों की व्यावसायिक स्थिति के बीच संतुलन बनाने की कोशिश होगी।

जानकारी के अनुसार TRAI ने मौजूदा "NTO 3.0" के असर का भी मूल्यांकन शुरू किया है। इस आकलन का मकसद यह समझना है कि मौजूदा नियमों से उपभोक्ताओं और टीवी उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ा है। इस दौरान चैनलों की कीमतों में कठोरता, चैनल पैकेजिंग, और ओटीटी प्लेटफॉर्म के बढ़ते असर जैसी समस्याओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

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NDTV की चार कंपनियों का विलय अब आधिकारिक रूप से मंजूर

NDTV) ने जानकारी दी है कि उसकी चार सहयोगी कंपनियों (NDTV Networks Limited, NDTV Worldwide Limited, NDTV Media Limited और NDTV Labs Limited) का विलय अब आधिकारिक रूप से मंजूर हो गया है।

Last Modified:
Tuesday, 28 October, 2025
ndtv

न्यू दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (NDTV) ने जानकारी दी है कि उसकी चार सहयोगी कंपनियों (NDTV Networks Limited, NDTV Worldwide Limited, NDTV Media Limited और NDTV Labs Limited) का विलय अब आधिकारिक रूप से मंजूर हो गया है।

कंपनी ने बताया कि यह प्रक्रिया कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) के उत्तरी क्षेत्रीय निदेशक के आदेश के तहत पूरी की गई। इस आदेश के बाद एनसीटी दिल्ली और हरियाणा के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनियों ने विलय की फाइलिंग को मंजूरी दे दी है।

एनडीटीवी के अनुसार, यह विलय योजना (Scheme of Amalgamation) 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो गई है। इस कदम के बाद अब ये सभी चारों ट्रांसफरर कंपनियां एनडीटीवी (New Delhi Television Limited) में एकीकृत हो गई हैं। 

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भारत में कनेक्टेड टीवी का जोर बढ़ा, ऑडियंस में 85% की बढ़ोतरी

डिजिटल मीडिया तेजी से बढ़ रहा है और दर्शक अब सिर्फ पे-टीवी पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। Ormax Media की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल भारत में कनेक्टेड टीवी (CTV) दर्शकों की संख्या बढ़ी है।

Last Modified:
Sunday, 26 October, 2025
ConnectedTV8745

डिजिटल मीडिया तेजी से बढ़ रहा है और दर्शक अब सिर्फ पे-टीवी पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। Ormax Media की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल भारत में कनेक्टेड टीवी (CTV) दर्शकों की संख्या 85% बढ़कर 1.29 करोड़ (129.2 मिलियन) हो गई है।

CTV ऑडियंस का मतलब

CTV ऑडियंस में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने पिछले एक महीने में कम से कम एक बार CTV डिवाइस पर डिजिटल वीडियो स्ट्रीम किया हो। रिपोर्ट में बताया गया कि छह बड़े मेट्रो शहरों में OTT प्लेटफॉर्म यूजर्स के बीच CTV का इस्तेमाल 50% बढ़ा है। दिल्ली-एनसीआर, कर्नाटक और महाराष्ट्र में CTV की पहुंच सबसे अधिक है।

अब CTV का इस्तेमाल कर रहे हैं 21% OTT दर्शक 

देश में कुल 601.2 मिलियन OTT दर्शकों में से 21% अब CTV पर वीडियो स्ट्रीमिंग करते हैं, जो 2024 में सिर्फ 13% था। हालांकि CTV की लोकप्रियता बढ़ रही है, लेकिन ज्यादातर दर्शक पे-स्ट्रीमिंग कंटेंट का इस्तेमाल नहीं कर रहे और केवल मुफ्त कंटेंट स्ट्रीम कर रहे हैं।

CTV बन गया दूसरे नंबर का स्ट्रीमिंग डिवाइस

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में CTV ने लैपटॉप और टैबलेट को पीछे छोड़ दिया है और स्मार्टफोन के बाद दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला डिवाइस बन गया है।

पुरुष दर्शक बढ़त में

देश के CTV दर्शकों में 61% पुरुष हैं, जबकि पूरे स्ट्रीमिंग सेगमेंट में पुरुष दर्शक 59% हैं। 

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