नेटवर्क18 में ग्रुप चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर रजत निगम अब नई भूमिका में आएंगे नजर

नेटवर्क18 मीडिया एंड इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड ने घोषणा की है कि कंपनी के ग्रुप चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) रजत निगम 1 अप्रैल 2025 से समूह के भीतर एक नई भूमिका में नजर आएंगे।

Vikas Saxena by
Published - Tuesday, 01 April, 2025
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Tuesday, 01 April, 2025
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नेटवर्क18 मीडिया एंड इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड ने घोषणा की है कि कंपनी के ग्रुप चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) रजत निगम 1 अप्रैल 2025 से समूह के भीतर एक नई भूमिका में नजर आएंगे। इस बदलाव के साथ, वह 1 अप्रैल 2025 से कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन (Senior Management) का हिस्सा नहीं रहेंगे। इसकी जानकारी नेटवर्क18 मीडिया एंड इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड ने स्टॉक एक्सचेंज को दी है।

नेटवर्क18 में उनकी नई भूमिका क्या होगी, इसे लेकर अभी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।

मीडिया टेक्नोलॉजी में दो दशक से अधिक का अनुभव

रजत निगम मीडिया और आईटी टेक्नोलॉजी क्षेत्र के अनुभवी पेशेवर हैं। लाइव न्यूज ऑपरेशन, अंतरराष्ट्रीय खेल प्रसारण, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, डिजिटल मीडिया, ओटीटी और पब्लिशिंग जैसे क्षेत्रों में उनकी गहरी समझ और अनुभव रहा है। वह एक बड़ी मीडिया टेक्नोलॉजी और ऑपरेशंस टीम का नेतृत्व कर रहे थे, जिसमें एंटरप्राइज़ आईटी, साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और इनोवेशन जैसे टेक्नोलॉजी वर्टिकल शामिल थे।

रजत निगम का पेशेवर सफर टेक्नोलॉजी और ब्रॉडकास्ट ऑपरेशंस में महत्वपूर्ण भूमिकाओं से भरा रहा है। जुलाई 2015 में वह नेटवर्क18 से जुड़े और ग्रुप चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर के रूप में अपनी जिम्मेदारियां संभालीं। इस भूमिका में उन्होंने छह वर्षों से अधिक समय तक विभिन्न टेक्नोलॉजी वर्टिकल्स का नेतृत्व किया। नेटवर्क18 से पहले वह चार वर्षों तक टाइम्स ग्रुप में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट - टेक्नोलॉजी & ब्रॉडकास्ट ऑपरेशंस के रूप में कार्यरत रहे। इससे पहले, 2008 से अप्रैल 2011 तक उन्होंने टाइम्स ग्लोबल ब्रॉडकास्टिंग कंपनी लिमिटेड में वीपी टेक्नोलॉजी & ब्रॉडकास्ट ऑपरेशंस के तौर पर काम किया, जहां उन्होंने ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल कीं।

रजत निगम ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से मार्केटिंग में एमबीए किया है और 1992 में अपनी डिग्री पूरी की थी। वह ब्लॉकचेन काउंसिल से प्रमाणित ब्लॉकचेन एक्सपर्ट भी हैं और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के लिए पहचाने जाते हैं।

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ऑस्ट्रेलिया में माइक्रोसॉफ्ट पर मुकदमा, महंगे प्लान बेचने का आरोप

आयोग का कहना है कि माइक्रोसॉफ्ट ने अपने Microsoft 365 सॉफ्टवेयर को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल ‘Copilot’ के साथ जोड़कर लाखों ग्राहकों को ज़्यादा महंगे प्लान खरीदने के लिए प्रेरित किया।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 27 October, 2025
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Monday, 27 October, 2025
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ऑस्ट्रेलिया की प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता आयोग (ACCC) ने माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ मुकदमा दायर किया, जिसमें कंपनी पर लगभग 2.7 मिलियन ग्राहकों को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है। आयोग के अनुसार, अक्टूबर 2024 से माइक्रोसॉफ्ट ने अपने Microsoft 365 पर्सनल और फैमिली प्लान में एआई टूल ‘Copilot’ को शामिल किया और कीमतों में भारी बढ़ोतरी कर दी।

रिपोर्ट के अनुसार, पर्सनल प्लान की वार्षिक कीमत 45% बढ़कर 159 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर हो गई, जबकि फैमिली प्लान 29% बढ़कर 179 डॉलर पहुंच गया। ACCC का कहना है कि माइक्रोसॉफ्ट ने यह स्पष्ट नहीं बताया कि बिना Copilot वाला सस्ता “क्लासिक” प्लान अब भी उपलब्ध था।

यह जानकारी केवल तब दिखाई देती थी जब ग्राहक अपनी सदस्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करते थे। ACCC ने कहा कि यह कदम ऑस्ट्रेलियाई उपभोक्ता कानून का उल्लंघन है क्योंकि इससे उपभोक्ताओं को झूठी छवि दी गई कि उनके पास कोई सस्ता विकल्प नहीं है।

आयोग ने कंपनी से जुर्माना, मुआवज़ा और अदालत के खर्चों की मांग की है। माइक्रोसॉफ्ट ने जवाब में कहा कि वह इन दावों की समीक्षा कर रहा है। अदालत दोष सिद्ध होने पर कंपनी पर 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक का जुर्माना लगा सकती है।

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अमेजन में बढ़ेगा रोबोट्स का इस्तेमाल : 6 लाख नौकरियों पर खतरा

अमेजन आने वाले वर्षों में अपने वेयरहाउस में रोबोट्स की संख्या तेजी से बढ़ाने की योजना बना रहा है। यह पहल दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से है, लेकिन लाखों कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।

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Published - Saturday, 25 October, 2025
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Saturday, 25 October, 2025
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अमेरिकी टेक कंपनी अमेजन अपने वेयरहाउस संचालन में पिछले एक दशक से रोबोट्स का इस्तेमाल कर रही है और अब कंपनी इसे और तेजी से बढ़ाने की योजना बना रही है। 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेजन के आंतरिक दस्तावेज़ों से पता चला है कि कंपनी अधिक संख्या में रोबोट्स तैयार करने और उनका उपयोग बढ़ाने पर विचार कर रही है, जिससे मानव कर्मचारियों की जगह मशीनें ले सकती हैं।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यदि यह योजना लागू होती है, तो इससे 2033 तक लगभग 6 लाख नौकरियों पर असर पड़ सकता है। हालांकि, अमेजन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या इससे बड़े पैमाने पर छंटनी होगी। कंपनी का कहना है कि रोबोट्स के इस्तेमाल से नए कर्मचारियों की भर्ती कम की जा सकती है।

दस्तावेज़ों में यह भी उल्लेख है कि अमेजन उन समुदायों पर नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए कदम उठाना चाहता है, जहां नौकरियों में कमी आ सकती है। कंपनी “ऑटोमेशन” या “AI” जैसे शब्दों से बचकर “एडवांस्ड टेक्नोलॉजी” और “कोबोट्स” जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने की रणनीति पर भी विचार कर रही है, ताकि सहयोगात्मक छवि बनाई जा सके।

वर्तमान में अमेजन अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है, जिसके पास लगभग 15 लाख कर्मचारी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि रोबोटिक्स का विस्तार इसी गति से जारी रहा, तो इसका प्रभाव अमेरिकी श्रम बाजार पर गहरा हो सकता है।

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2025 में फिर बढ़ी टेक कंपनियों में छंटनी, अब तक 90 हजार से ज्यादा लोगों की गई जॉब

साल 2025 भी टेक इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स के लिए कठिन साबित हो रहा है। बड़ी टेक कंपनियां अपने बिजनेस ढांचे को नए सिरे से गढ़ रही हैं और इसका सीधा असर कर्मचारियों की नौकरियों पर पड़ रहा है।

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Published - Friday, 24 October, 2025
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Friday, 24 October, 2025
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साल 2025 भी टेक इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स के लिए कठिन साबित हो रहा है। बड़ी टेक कंपनियां अपने बिजनेस ढांचे को नए सिरे से गढ़ रही हैं और इसका सीधा असर कर्मचारियों की नौकरियों पर पड़ रहा है। मेटा (Meta), एमेजॉन (Amazon) और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसी दिग्गज कंपनियों ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर छंटनी की घोषणा की है। कंपनियों का कहना है कि यह कदम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमेशन से जुड़ी नई कार्यप्रणालियों को अपनाने का हिस्सा है।

91 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी गई

Layoffs.fyi के आंकड़ों के मुताबिक, 2025 की शुरुआत से अब तक 212 टेक कंपनियों में करीब 91,700 कर्मचारियों की नौकरियां जा चुकी हैं। हालांकि, वास्तविक संख्या इससे ज्यादा हो सकती है, क्योंकि कई कंपनियां अपने छंटनी के आंकड़े सार्वजनिक नहीं करतीं।

मेटा में फिर छंटनी, 600 पद खत्म होंगे

सोशल मीडिया कंपनी मेटा अपने AI डिवीजन में करीब 600 एम्प्लॉयीज की छंटनी कर रही है। इसमें Superintelligence Labs जैसी इकाइयां शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कंपनी यह कदम संगठन को और तेज, लचीला और प्रभावी बनाने की दिशा में उठा रही है।

कंपनी पहले ही अप्रैल 2025 में कथित तौर पर 3,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी है। 2022 से अब तक मेटा लगभग 30,000 पदों में कटौती कर चुकी है, हालांकि कंपनी AI से जुड़ी नई भूमिकाओं के लिए भर्ती जारी रखे हुए है।

एमेजॉन का ध्यान ऑटोमेशन पर, HR में भी कटौती की तैयारी

एमेजॉन भी अपने कामकाज को तेजी से ऑटोमेशन की ओर ले जा रहा है। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी रोबोटिक्स और जनरेटिव AI में भारी निवेश कर रही है, जिससे आने वाले वर्षों में वेयरहाउस और फुलफिलमेंट यूनिट्स में हजारों नौकरियां खत्म हो सकती हैं।

फॉर्च्यून की रिपोर्ट बताती है कि एमेजॉन अपने मानव संसाधन विभाग में करीब 15% की कटौती की योजना बना रहा है। यह फैसला People eXperience and Technology (PXT) टीम और कंपनी के कंज्यूमर डिवीजन को प्रभावित करेगा। जुलाई में कंपनी अपने AWS क्लाउड यूनिट से भी सैकड़ों कर्मचारियों को निकाल चुकी है।

माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, सेल्सफोर्स और गूगल में भी असर

माइक्रोसॉफ्ट ने इस साल कई दौर में छंटनी की है, जिससे करीब 15,000 कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। वहीं, इंटेल (Intel) भी करीब 25,000 कर्मचारियों को हटाने की योजना बना रही है ताकि वह नई पीढ़ी की चिप तकनीक पर ध्यान केंद्रित कर सके।

सेल्सफोर्स (Salesforce) ने लगभग 4,000 कर्मचारियों को निकाला है, खासकर ग्राहक सहायता विभाग से, जबकि गूगल ने अपने क्लाउड और डिजाइन टीमों में सीमित छंटनी की है।

TCS में 20 हजार तक नौकरियां खतरे में

AI के बढ़ते प्रभाव के बीच अब भारतीय IT सेक्टर भी इसकी चपेट में आ गया है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपने AI-first ऑपरेशनल मॉडल के तहत करीब 20,000 कर्मचारियों की छंटनी शुरू की है। कंपनी के मुताबिक, यह प्रक्रिया “लगातार और स्किल-आधारित” होगी ताकि कर्मचारियों को नई तकनीकी जरूरतों के अनुरूप ढाला जा सके।

ज्यादातर असर मिड-लेवल और सीनियर पदों पर पड़ा है, जहां ऑटोमेशन की वजह से कई भूमिकाएं दोहराव वाली हो गई हैं।

अन्य भारतीय IT कंपनियां भी कर रहीं हैं स्टाफ में कमी

TCS के अलावा इंफोसिस (Infosys), विप्रो (Wipro) और टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) जैसी अन्य कंपनियों ने भी इस साल 10,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की है। इन कंपनियों का कहना है कि वे अपने संचालन को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में पुनर्गठित कर रही हैं।

AI के दौर में रोजगार का चेहरा बदल रहा है

2025 के अभी दो महीने बाकी हैं, लेकिन छंटनी की रफ्तार थमने के कोई संकेत नहीं हैं। टेक कंपनियां अब “अधिक लोगों की भर्ती” के बजाय “स्मार्ट सिस्टम और दक्षता” पर फोकस कर रही हैं। पुराने पद तेजी से खत्म हो रहे हैं, जबकि नई तकनीकों से जुड़े रोल्स के लिए अवसर बढ़ रहे हैं। यह संकेत है कि अब उद्योग का फोकस “स्केलिंग ह्यूमन वर्कफोर्स” से हटकर “स्केलिंग इंटेलिजेंस” की ओर बढ़ चुका है। 

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OpenAI का नया ब्राउजर ChatGPT Atlas लॉन्च होने के बाद Google Chrome को हुआ ये नुकसान

OpenAI ने मंगलवार को अपना पहला AI-पावर्ड वेब ब्राउजर ChatGPT Atlas लॉन्च किया।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 23 October, 2025
Last Modified:
Thursday, 23 October, 2025
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OpenAI ने मंगलवार को अपना पहला AI-पावर्ड वेब ब्राउजर ChatGPT Atlas लॉन्च किया। इस खबर के आने के बाद गूगल के शेयर लगभग 5 प्रतिशत गिर गए। यह कदम OpenAI को सीधे Google के सामने खड़ा करता है, जिसके पास दुनिया भर में लगभग 3 अरब Chrome यूजर्स हैं और जिसने अपने ब्राउजर में कुछ AI फीचर्स, जैसे Google Gemini तकनीक शामिल किए हैं।

कैसे काम करेगा ChatGPT Atlas

ChatGPT अब केवल चैटबॉट नहीं बल्कि ऑनलाइन सर्च का नया रास्ता बन गया है। इसका मकसद इंटरनेट ट्रैफिक बढ़ाना और डिजिटल विज्ञापन राजस्व में मदद करना है। OpenAI के मुताबिक इसके 800 मिलियन से अधिक यूजर हैं, हालांकि इनमें से कई फ्री यूजर्स हैं। कंपनी पेड प्लान भी ऑफर करती है और भविष्य में लाभ कमाने के नए तरीके तलाश रही है।

AI ब्राउजर यूजर्स को पर्सनलाइज्ड वेब अनुभव देगा और उड़ान बुकिंग या डॉक्यूमेंट एडिटिंग जैसी टास्क करने में मदद करेगा। जब कोई वेबसाइट खोलेगा, तो 'Ask ChatGPT' विकल्प दिखाई देगा, जिससे एक साइडबार खुलकर यूजर वेबसाइट की सामग्री के साथ इंटरैक्ट कर सकेंगे।

ब्राउजर की खासियतें

OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने इसे 'एक दशक में ब्राउजर के बारे में सोचने का दुर्लभ अवसर' बताया। ब्राउजर पहले macOS पर उपलब्ध होगा और जल्द ही Windows, iOS और Android पर भी आएगा।

Atlas में यूजर किसी भी विंडो में ChatGPT साइडबार खोलकर सामग्री का सारांश, प्रोडक्ट तुलना या डेटा विश्लेषण कर सकते हैं। 'Agent Mode' में, जो फिलहाल पेड यूजर्स के लिए है, ChatGPT उनके लिए पूरी प्रक्रिया को शुरू से अंत तक पूरा कर सकता है। उदाहरण के तौर पर, डेमो में ChatGPT ने ऑनलाइन रेसिपी ढूंढी और Instacart से सभी सामग्री खुद जोड़ दी।

Google Chrome के सामने चुनौती

AI ब्राउजर लॉन्च के साथ ही ChatGPT Atlas सीधे Google Chrome का मुकाबला करेगा, जिसका सितंबर में ग्लोबल मार्केट शेयर 71.9 प्रतिशत था (StatCounter के अनुसार)। ChatGPT Atlas की घोषणा के बाद Google की मूल कंपनी का मूल्य मंगलवार को $252.68 से घटकर $246.15 हो गया, जिससे करीब $100 बिलियन मार्केट कैपिटलाइजेशन गायब हो गया।

Google ने ChatGPT के लॉन्च के बाद बदलते सर्च पैटर्न के अनुसार अपने AI Mode की सुविधा पेश की है, जो यूजर्स को चैटबॉट जैसा अनुभव देता है और उनके सवालों के जवाब AI-सारांश के रूप में दिखाता है।

ChatGPT Atlas के साथ अब वेब ब्राउजर की दुनिया में नए मुकाबले और इनोवेशन की शुरुआत हो गई है।

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ChatGPT के बाद कैसे Google में मची थी खलबली, सुंदर पिचाई ने खोले AI बदलाव के राज

टेक कंपनी गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने पहली बार बताया कि 2022 के आखिर में जब OpenAI ने ChatGPT लॉन्च किया था, तब कंपनी के अंदर कैसी हलचल मच गई थी।

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Published - Saturday, 18 October, 2025
Last Modified:
Saturday, 18 October, 2025
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 टेक कंपनी गूगल (Google) के सीईओ सुंदर पिचाई ने पहली बार बताया कि 2022 के आखिर में जब OpenAI ने ChatGPT लॉन्च किया था, तब कंपनी के अंदर कैसी हलचल मच गई थी। उन्होंने कहा कि उस वक्त Google ने इस चुनौती को इतना गंभीर माना कि उसने 'कोड रेड' (Code Red) घोषित कर दिया और अपनी पूरी AI रणनीति को नए सिरे से तैयार करना पड़ा।

सेल्सफोर्स के ड्रीमफोर्स कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए पिचाई ने माना कि OpenAI को इस बात का श्रेय जाता है कि उन्होंने चैटबॉट को सबसे पहले लॉन्च किया। पिचाई ने कहा, 'आप सही हैं, श्रेय OpenAI को जाता है, उन्होंने इसे पहले लॉन्च किया। हम भी शायद कुछ महीनों बाद ऐसा ही प्रोडक्ट पेश करने वाले थे, लेकिन उस समय यह हमारे गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतर रहा था।'

तेजी बनाम प्रतिष्ठा: Google की दुविधा

पिचाई की यह स्वीकारोक्ति सिलिकॉन वैली की पुरानी दुविधा को उजागर करती है- क्या नई तकनीक को जल्दी लॉन्च करना बेहतर है या पहले गुणवत्ता सुनिश्चित करना। Google जैसे बड़े ब्रैंड के लिए यह संतुलन और भी कठिन था, क्योंकि छोटी कंपनियों की तरह वह जोखिम नहीं उठा सकता था।

संस्थापकों की वापसी: AI की जंग में फिर मैदान में उतरे लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन

ChatGPT के असर ने Google मुख्यालय को हिला दिया। 2019 में दैनिक संचालन से दूर हो चुके कंपनी के संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन को वापस बुलाया गया। यह कदम इस बात का संकेत था कि कंपनी इसे अस्तित्व के संकट के रूप में देख रही थी।

उनकी वापसी ने स्पष्ट कर दिया कि एक छोटी स्टार्टअप कंपनी ने Google के 149 अरब डॉलर के सर्च बिजनेस को चुनौती दे दी है। इसके बाद कंपनी ने तेजी से कदम उठाते हुए अपने कई विभागों की टीमों को फिर से संगठित किया और 20 से ज्यादा AI प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी। Google समझ गया था कि ChatGPT जैसी बातचीत करने वाली तकनीक इंटरनेट पर जानकारी पाने का बिल्कुल नया तरीका पेश कर रही है, जो पारंपरिक सर्च मॉडल को अप्रासंगिक बना सकती है। और जब Google की 80% से ज्यादा आमदनी डिजिटल विज्ञापन से आती है, तो यह खतरा सीधे कंपनी की आय पर असर डाल सकता था।

घबराहट से अवसर तक: सुंदर पिचाई की सकारात्मक सोच

बाहरी दुनिया जहां Google की स्थिति को संकट के रूप में देख रही थी, वहीं सुंदर पिचाई ने इसे अवसर बताया। उन्होंने कहा, 'मैं उत्साहित था, क्योंकि मुझे पता था कि अब खेल का रुख बदल गया है।' पिचाई के मुताबिक ChatGPT का लॉन्च इस बात का सबूत था कि Google का वर्षों से चल रहा AI निवेश सही दिशा में जा रहा था।

Google ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए मार्च 2023 में अपना चैटबॉट ‘Bard’ लॉन्च किया, जिसे बाद में ‘Gemini’ नाम दिया गया। हालांकि, कंपनी ने अपेक्षाकृत सावधानी से कदम बढ़ाया, क्योंकि उसके लिए किसी गलत या पक्षपाती उत्तर से ब्रैंड की साख को नुकसान पहुंचने का खतरा था।

पिछले अनुभवों से मिली सीख

पिचाई ने कहा कि Google पहले भी ऐसे तकनीकी झटके झेल चुका है, जैसे YouTube के अचानक उभरने के समय वह खुद वीडियो सर्च पर काम कर रहा था, या जब Instagram ने फोटो शेयरिंग में Facebook को चुनौती दी थी। लेकिन Google और Facebook ने अंततः इन्हीं प्रतिस्पर्धी प्लेटफॉर्म्स को खरीदकर खतरे को अवसर में बदल दिया।

इस बार भी पिचाई के अनुसार, Google की कोशिश है कि AI की इस नई दौड़ में वही बात दोहराई जाए- जहां प्रतिस्पर्धा डर नहीं, बल्कि इनोवेशन का कारण बने।



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टेक दिग्गज Apple ने लॉन्च किया अब तक का सबसे स्लिम iPad

Apple का दावा है कि M5, पिछले M4 से 30% और M1 से 2.5 गुना तेज है। यह चिप Apple Intelligence के लिए बेहतर AI परफॉर्मेंस देती है। डेवलपर्स को भी तेज प्रोसेसिंग अनुभव कराती है।

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Published - Thursday, 16 October, 2025
Last Modified:
Thursday, 16 October, 2025
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टेक दिग्गज Apple ने बिना किसी बड़े इवेंट के अपने नए iPad Pro (M5 Chip) को लॉन्च कर दिया है। कंपनी ने यह डिवाइस अपनी वेबसाइट पर प्रेस रिलीज़ के ज़रिए पेश किया। नया iPad Pro दो साइज 11 इंच और 13 इंच में उपलब्ध होगा, जिसमें Ultra Retina XDR OLED Display दी गई है। डिस्प्ले का रिफ्रेश रेट 120Hz है और यह 1,600 निट्स पीक ब्राइटनेस तक सपोर्ट करती है।

मोटाई की बात करें तो 13-इंच मॉडल 5.1mm और 11-इंच मॉडल 5.3mm पतला है, जो इसे अब तक का सबसे स्लिम iPad बनाता है। इसमें लगा नया M5 चिपसेट चार परफॉर्मेंस कोर, छह एफिशिएंसी कोर, 10-कोर GPU और 16-कोर Neural Engine के साथ आता है। Apple का दावा है कि M5, पिछले M4 से 30% और M1 से 2.5 गुना तेज है।

यह चिप Apple Intelligence के लिए बेहतर AI परफॉर्मेंस देती है और डेवलपर्स को भी तेज प्रोसेसिंग अनुभव कराती है। कनेक्टिविटी के लिए इसमें नया C1X Cellular Modem दिया गया है, जो 50% तेज डाटा स्पीड और 30% कम पावर खपत देता है।

वहीं N1 वायरलेस चिप की मदद से यह Wi-Fi 7, Bluetooth 6 और Thread सपोर्ट करता है। कैमरे के मोर्चे पर, इसमें 12MP वाइड रियर कैमरा है जिसमें 5x डिजिटल ज़ूम और ऑटो स्टेबिलाइजेशन मिलता है।

फ्रंट में 12MP Center Stage कैमरा वीडियो कॉलिंग और सेल्फी के लिए दिया गया है। नया iPad Pro M5 भारत में 22 अक्टूबर से बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। इसकी शुरुआती कीमत ₹99,900 (11-इंच) और ₹1,29,900 (13-इंच) रखी गई है।

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Meta बनाएगी टेक्सास में 1 गीगावाट क्षमता वाला नया AI डेटा सेंटर

मेटा के अनुसार, एल पासो डेटा सेंटर को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह मौजूदा पारंपरिक सर्वरों के साथ-साथ भविष्य की AI-सक्षम हार्डवेयर प्रणाली का भी समर्थन कर सके।

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Published - Thursday, 16 October, 2025
Last Modified:
Thursday, 16 October, 2025
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सोशल मीडिया दिग्गज Meta ने अमेरिका के टेक्सास राज्य में एक नया 1 गीगावाट क्षमता वाला डेटा सेंटर बनाने की घोषणा की है। यह डेटा सेंटर एल पासो (El Paso) में स्थापित किया जाएगा और कंपनी का 29वां डेटा सेंटर होगा। इस परियोजना पर 1.5 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया जाएगा, जो 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है।

मेटा के अनुसार, एल पासो डेटा सेंटर को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह मौजूदा पारंपरिक सर्वरों के साथ-साथ भविष्य की AI-सक्षम हार्डवेयर प्रणाली का भी समर्थन कर सके। निर्माण के दौरान लगभग 1,800 श्रमिकों को रोजगार मिलेगा, जबकि संचालन के बाद लगभग 100 स्थायी नौकरियां सृजित होंगी।

कंपनी का कहना है कि यह डेटा सेंटर 100% नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित होगा और मेटा स्थानीय जल संसाधनों में उपयोग किए गए पानी से दोगुना वापस बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। मेटा ने अब तक टेक्सास में तीन डेटा सेंटर्स पर 10 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है और यहां 2,500 से अधिक फुल-टाइम कर्मचारी कार्यरत हैं। एआई क्षेत्र में मेटा लगातार विस्तार कर रहा है और OpenAI, Google, व Anthropic जैसी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा कर रहा है।

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गूगल और अडानी मिलकर बनाएंगे देश का सबसे बड़ा AI डेटा सेंटर

इस परियोजना से देश में तकनीकी, निर्माण और ग्रीन एनर्जी क्षेत्रों में हजारों नई नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। साथ ही, यह भारत की डिजिटल समावेशन और सतत ऊर्जा के लक्ष्यों को भी आगे बढ़ाएगा।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 15 October, 2025
Last Modified:
Wednesday, 15 October, 2025
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अडानी एंटरप्राइजेज और गूगल ने मिलकर आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में देश का सबसे बड़ा एआई डेटा सेंटर कैंपस विकसित करने की घोषणा की है। यह परियोजना 'AdaniConneX' और 'Airtel' के सहयोग से तैयार की जा रही है। गूगल का यह एआई हब लगभग 15 बिलियन डॉलर के निवेश से अगले पांच वर्षों (2026-2030) में विकसित किया जाएगा।

इसमें गीगावाट-स्तरीय डेटा सेंटर ऑपरेशंस के साथ सबसी केबल नेटवर्क और नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली शामिल होंगी, जो भारत में तेजी से बढ़ती एआई कंप्यूटिंग जरूरतों को पूरा करेंगी। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि यह सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश नहीं बल्कि 'उभरते भारत की आत्मा में निवेश' है।

उन्होंने कहा कि विशाखापट्टनम अब वैश्विक टेक्नोलॉजी डेस्टिनेशन बनने की दिशा में अग्रसर है। वहीं, गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन ने कहा कि यह हब भारत में एआई-आधारित नवाचार और विकास के लिए मजबूत नींव तैयार करेगा। इस परियोजना से देश में तकनीकी, निर्माण और ग्रीन एनर्जी क्षेत्रों में हजारों नई नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। साथ ही, यह भारत की डिजिटल समावेशन और सतत ऊर्जा के लक्ष्यों को भी आगे बढ़ाएगा।

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Google का भारत में होगा डेटा सेंटर, AI प्रोजेक्ट में करेगी $10 बिलियन का निवेश

आंध्र प्रदेश सरकार मंगलवार को यानी आज टेक कंपनी 'गूगल' (Google) के साथ एक समझौता कर सकती है, ताकि विशाखापत्तनम में 1 गीगावाट का हाईपरस्केल डेटा सेंटर कैंपस बनाया जा सके।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 14 October, 2025
Last Modified:
Tuesday, 14 October, 2025
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आंध्र प्रदेश सरकार मंगलवार को यानी आज टेक कंपनी 'गूगल' (Google) के साथ एक समझौता कर सकती है, ताकि विशाखापत्तनम में 1 गीगावाट का हाईपरस्केल डेटा सेंटर कैंपस बनाया जा सके। यह प्रोजेक्ट लगभग $10 बिलियन की निवेश योजना का हिस्सा है और “AI City Vizag” की नींव रखेगा।

यह परियोजना Google के एशिया में सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में से एक होगी। इसमें अमेरिकी टेक दिग्गज अपनी पूरी AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगा, जिससे भारत में AI-आधारित बदलाव को तेजी मिलेगी।

राज्य के उद्योग मंत्री नारा लोकेश ने कहा, “आंध्र प्रदेश मंगलवार को यह समझौता कर रहा है। भविष्य इसे याद रखेगा- विशाखापत्तनम में हमारा 1 गीगावाट का Google डेटा सेंटर, जो AI City विशाखापत्तनम को भारत का डिजिटल पावरहाउस बनाएगा। यह आंध्र प्रदेश के भविष्य के लिए एक बदलावकारी परियोजना है।”

नए AI हब में शक्तिशाली AI इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटा सेंटर क्षमता, बड़े पैमाने पर ऊर्जा स्रोत और विस्तारित फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क एक साथ होंगे। इससे विजाग और आंध्र प्रदेश भारत में AI परिवर्तन के लिए विशेष रूप से तैयार होंगे।

समझौते में भारत के पहले AI हब की रूपरेखा तय की जाएगी, जो 1 गीगावाट डेटा सेंटर पर आधारित होगा, Google के ग्लोबल नेटवर्क से जुड़ा होगा और साफ-सुथरी ऊर्जा के साथ डिजाइन किया जाएगा।

राज्य की गणनाओं के अनुसार, यह परियोजना 2028–2032 के बीच प्रति वर्ष लगभग ₹10,518 करोड़ का GSDP योगदान देगी और लगभग 1,88,220 रोजगार पैदा करेगी। इसके अलावा Google Cloud से जुड़े उत्पादकता लाभ सालाना ₹9,553 करोड़ का अनुमान है, जो पांच वर्षों में कुल ₹47,720 करोड़ बनेंगे।

यह प्रोजेक्ट राज्य निवेश प्रचार बोर्ड द्वारा मंजूर किया गया है और इसे सिंगल-विंडो क्लियरेंस, भरोसेमंद यूटिलिटी, रिन्यूएबल एनर्जी और प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए सुगमता से लागू किया जाएगा।

समझौता दिल्ली में आंध्र प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और Google के बीच होगा, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू मौजूद रहेंगे। Google की ओर से वरिष्ठ नेतृत्व जैसे थॉमस कुरियन (CEO, Google Cloud), बिकाश कोले (VP, Global Infrastructure), और करन बाजवा (President, Asia-Pacific Google Cloud) मौजूद रहेंगे।

मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें राज्य के दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शामिल होने का निमंत्रण देंगे:

  1. ‘सुपर GST – सुपर सेविंग्स’ कार्यक्रम – कुर्नूल में आयोजित, जिसमें वित्तीय सुधारों और दक्षता पर जोर दिया जाएगा।

  2. ‘CII पार्टनरशिप समिट 2025’ – विजाग में 14 और 15 नवंबर को, जिसमें वैश्विक उद्योग नेता, निवेशक और नीति निर्माता हिस्सा लेंगे और आंध्र प्रदेश में नए निवेश और सहयोग के अवसर तलाशेंगे।

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OpenAI बना रहा है ChatGPT को ‘ऑल-इन-वन सोशल ऐप'

OpenAI जल्द ही ChatGPT को एक सोशल प्लेटफ़ॉर्म में बदलने की तैयारी में है। कंपनी डायरेक्ट मैसेज, ग्रुप चैट और ऐप इंटीग्रेशन जैसे फीचर्स पर काम कर रही है, जिससे यूजर्स एक-दूसरे से कनेक्ट होंगे।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 14 October, 2025
Last Modified:
Tuesday, 14 October, 2025
chatgpt

OpenAI अब ChatGPT को सिर्फ एक चैटबॉट नहीं, बल्कि एक ‘ऑल-इन-वन सोशल ऐप’ में बदलने की तैयारी कर रहा है। Sora 2 वीडियो जनरेशन मॉडल और TikTok जैसी एआई वीडियो ऐप लॉन्च करने के बाद कंपनी अब ChatGPT में सोशल इंटरैक्शन फीचर्स जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

हाल ही में OpenAI ने ‘Apps SDK’ पेश किया है, जिससे डेवलपर्स ChatGPT के अंदर ही अपनी एआई आधारित ऐप्स बना सकेंगे। टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम Apple App Store और Google Play Store जैसे प्लेटफॉर्म्स को सीधी चुनौती देगा।

जानकारी के मुताबिक, कंपनी ChatGPT में डायरेक्ट मैसेज (DM) फीचर जोड़ने पर काम कर रही है। इससे यूजर्स आपस में बातचीत कर सकेंगे, ग्रुप्स बना पाएंगे और एक साथ आइडियाज, प्रोजेक्ट्स या इमेज क्रिएशन पर काम कर सकेंगे। AIPRM.com के इंजीनियर टिबोर ब्लाहो ने बताया कि यह फीचर सहयोग और क्रिएटिविटी को नई दिशा देगा, लेकिन प्राइवेसी के लिए किसी को भी दूसरे की ChatGPT मेमोरी तक पहुंच नहीं होगी।

रिपोर्ट्स यह भी बताती हैं कि OpenAI ग्रुप चैट्स के लिए इनवाइट लिंक सिस्टम ला सकता है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि इन चैट्स में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन होगा या नहीं। गौर करने वाली बात है कि पहले शेयर फीचर जोड़ते वक्त कुछ यूजर्स की चैट गूगल पर पब्लिक हो गई थीं, जिसके बाद कंपनी को वह डेटा हटवाना पड़ा था। 

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