देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह में हाल ही में कई अहम प्रमोशंस हुए हैं।
देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह में हाल ही में कई अहम प्रमोशंस हुए हैं। इस लिस्ट में एक नाम नीलांजन दास का भी है। उन्हें अब चीफ एआई ऑफिसर (CAIO) की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस भूमिका में वह संपादकीय, टेक्नोलॉजी और बिजनेस टीमों के साथ मिलकर पूरे समूह में एआई को तेजी से अपनाने और इनोवेशन को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
कंपनी की ओर से इस बारे में जारी इंटरनल मेल में कहा गया है, ‘मीडिया क्षेत्र में विशाल अनुभव और इंडिया टुडे ग्रुप में एआई आधारित इनोवेशन को बढ़ावा देने के शानदार ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, नीलांजन इस भूमिका के लिए पूरी तरह उपयुक्त हैं। पिछले कुछ वर्षों से वे हमारे न्यूजरूम और कंटेंट सिस्टम में एआई को प्रभावी रूप से शामिल करने की अगुवाई कर रहे हैं। फिर चाहे बात एआई न्यूज एंकर्स की हो, एआई स्टार्स की, टीवी के लिए एआई आधारित फिल्मों की या इंडिया टुडे मैगजीन के कवर डिज़ाइनों की, उन्होंने हर पहलू पर काम किया है।’
‘अपनी नई भूमिका में नीलांजन अब इंडिया टुडे एआई लैब का नेतृत्व करेंगे, जहां एआई-फर्स्ट क्षमताओं को विकसित किया जाएगा। इसका मकसद यह है कि हम कंटेंट के निर्माण, डिस्ट्रीब्यूशन और रेवेन्यू जुटाने के तरीकों में बड़े बदलाव ला सकें और तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य में इंडिया टुडे ग्रुप की अग्रणी भूमिका बनी रहे।’
मेटा ने अपनी एआई सेवाओं से यूजर्स की गतिविधियों का डेटा पर्सनलाइज्ड विज्ञापनों के लिए इस्तेमाल करने का फैसला किया है। 16 दिसंबर से लागू होने वाली यह नीति प्राइवेसी पर सवाल खड़ी कर रही है।
मेटा प्लेटफॉर्म्स पर एआई का दबदबा बढ़ता जा रहा है, लेकिन अब यह यूजर्स की निजी बातचीत को भी निशाना बना सकता है। कंपनी ने हाल ही में खुलासा किया कि 16 दिसंबर से उसके एआई आधारित चैटबॉट और वर्चुअल सहायकों से होने वाली इंटरैक्शंस का डेटा फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर लक्षित विज्ञापन, पोस्ट तथा सामग्री प्रदर्शित करने में काम आएगा।
इसका मतलब है कि आपकी एआई से की गई चर्चा, जैसे यात्रा योजनाएं या शॉपिंग सुझाव, सीधे आपके फीड में प्रासंगिक प्रचार सामग्री के रूप में प्रकट हो सकती है। यह नीति उन लाखों मासिक सक्रिय यूजर्स को सीधे प्रभावित करेगी जो मेटा एआई का लाभ उठाते हैं। कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह कदम सोशल मीडिया अनुभव को अधिक व्यक्तिगत बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि विज्ञापन आपकी रुचियों से मेल खाएं।
हालांकि, यूजर्स के पास इस डेटा उपयोग को रोकने का कोई विकल्प नहीं होगा। सेटिंग्स में ऐसा कोई टॉगल बटन उपलब्ध नहीं है। यदि आप प्राइवेसी चाहते हैं, तो एआई सेवाओं का उपयोग ही त्यागना पड़ेगा। 7 अक्टूबर से ही यूजर्स को ऐप्स, इनबॉक्स और ईमेल के माध्यम से इस बदलाव की सूचना मिलनी शुरू हो जाएगी, जिससे वे कई सप्ताह पहले ही सतर्क रह सकें।
मेटा का तर्क है कि एआई इनसाइट्स से प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट अधिक प्रासंगिक बनेगा, लेकिन आलोचक इसे डेटा शोषण का रूप मान रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह नियम तत्काल वैश्विक स्तर पर लागू नहीं होगा। शुरुआत में ब्रिटेन, यूरोपीय संघ के सदस्य देशों और दक्षिण कोरिया को इससे छूट मिलेगी, जहां सख्त डेटा सुरक्षा कानून हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने अपने सभी अधिकारियों को अब से सभी आधिकारिक दस्तावेजों के लिए Zoho Office Suite इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है।
शिक्षा मंत्रालय ने अपने सभी अधिकारियों को अब से सभी आधिकारिक दस्तावेजों के लिए Zoho Office Suite इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। यह कदम डिजिटल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। यह निर्देश उस समय आया है जब शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में Zoho के मैसेजिंग ऐप Arattari की सराहना की थी। यह निर्णय सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन के अनुरूप है।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी सर्कुलर में मंत्रालय ने कहा है कि Zoho का इस्तेमाल करना विदेशी सॉफ्टवेयर पर निर्भरता कम करने और भारत के घरेलू टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को मजबूत करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। आदेश में कर्मचारियों से कहा गया है कि वे अब से अपने दस्तावेज, स्प्रेडशीट और प्रेजेंटेशन Zoho पर ही तैयार करें, संपादित करें और साझा करें और टीमवर्क व संचार के लिए इसके सहयोगी टूल्स का उपयोग करें।
इस सूट को NIC मेल प्लेटफॉर्म में एकीकृत कर दिया गया है, जिससे इसे इस्तेमाल करने के लिए अलग से लॉगिन या इंस्टॉलेशन की जरूरत नहीं होगी। अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से वर्कफ्लो बेहतर होगा, टीम के बीच तालमेल बढ़ेगा और डेटा सुरक्षा मजबूत होगी। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस फैसले को सरकार के भीतर एक “सुरक्षित और बड़े स्तर पर काम करने योग्य आईटी इकोसिस्टम” बनाने की दिशा में “साहसिक कदम” बताया है।
स्वदेशी डिजिटल टूल्स को बढ़ावा देने की यह पहल अब कई मंत्रालयों तक फैल रही है। इससे पहले आईटी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा था कि वे अपने आधिकारिक कामों के लिए Zoho Office Suite का इस्तेमाल करते हैं।
सैमसंग एआई को अपने बिजनेस में ज्यादा इस्तेमाल करेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे एआई इनोवेशन तेज होगा और ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत बनेगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की दुनिया से एक बड़ी न्यूज़ है। दरअसल, अमेरिकी कंपनी ओपनएआई ने दक्षिण कोरिया की दिग्गज कंपनी सैमसंग के साथ हाथ मिला लिया है। दोनों कंपनियों ने सियोल में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत एआई डेटा सेंटर विकसित करने और भविष्य की तकनीकों पर काम होगा। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स, एसडीएस, सी एंड टी और हेवी इंडस्ट्रीज जैसी सहायक कंपनियां इसमें शामिल हैं।
इस गठबंधन का मुख्य फोकस 'स्टारगेट' प्रोजेक्ट है, जो अगली पीढ़ी के एआई इंफ्रास्ट्रक्चर पर आधारित है। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ओपनएआई को हाई-परफॉर्मेंस मेमोरी सप्लाई करेगी। हर महीने 9 लाख डीआरएएम वेफर्स की जरूरत होगी, जो ऊर्जा-कुशल चिप्स से पूरी होगी।
सैमसंग एसडीएस एआई डेटा सेंटर डिजाइन, डिप्लॉयमेंट और मैनेजमेंट में मदद करेगी। दक्षिण कोरिया में चैटजीपीटी एंटरप्राइज जैसी सर्विसेस का रीसेलर भी बनेगी। सैमसंग सी एंड टी व हेवी इंडस्ट्रीज फ्लोटिंग डेटा सेंटर पर काम करेंगी, जो समुद्र में बनेंगे। इससे कूलिंग कॉस्ट कम, कार्बन उत्सर्जन घटेगा और जमीन की कमी दूर होगी।
फ्लोटिंग पावर प्लांट और कंट्रोल सेंटर भी विकसित होंगे। यह साझेदारी दक्षिण कोरिया को दुनिया के टॉप तीन एआई देशों में लाने में मदद करेगी। सैमसंग एआई को अपने बिजनेस में ज्यादा इस्तेमाल करेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे एआई इनोवेशन तेज होगा और ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत बनेगा।
गूगल (Google) ने डिजाइन से जुड़े 100 से अधिक एम्प्लॉयीज को नौकरी से मुक्त कर दिया है।
गूगल (Google) ने डिजाइन से जुड़े 100 से अधिक एम्प्लॉयीज को नौकरी से मुक्त कर दिया है। CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हफ्ते की शुरुआत में कंपनी ने क्लाउड यूनिट की “क्वांटिटेटिव यूजर एक्सपीरियंस रिसर्च” टीम और “प्लैटफॉर्म और सर्विस एक्सपीरियंस” टीम के एम्प्लॉयीज के साथ-साथ कुछ अन्य संबंधित टीमों के भी पद खत्म किए। यह जानकारी CNBC को मिले आंतरिक दस्तावेजों से सामने आई है।
इन भूमिकाओं का काम अक्सर डेटा, सर्वे और अन्य टूल्स का इस्तेमाल करके यूजर के व्यवहार को समझना और प्रोडक्ट डिजाइन में लागू करना होता है।
Google ने कुछ क्लाउड यूनिट की डिजाइन टीमों का आकार आधा कर दिया है, और प्रभावित कई पद अमेरिका आधारित हैं। कुछ एम्प्लॉयीज को दिसंबर की शुरुआत तक कंपनी में नया पद खोजने का समय दिया गया है।
यह छंटनी ऐसे समय में हुई है जब Google कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने के लिए कटौती की प्रक्रिया तेज कर रहा है।
साल की शुरुआत से ही Google ने अमेरिका आधारित कई यूनिट्स के एम्प्लॉयीज को स्वैच्छिक एग्जिट पैकेज ऑफर किया है और छोटी टीमों के एक-तिहाई से अधिक मैनेजरों की संख्या घटा दी है।
कंपनी ने हाल ही में एम्प्लॉयीज को अपने दैनिक काम में अधिक AI का उपयोग करने के लिए भी प्रोत्साहित किया है।
अब तक, Google ने HR, हार्डवेयर, सर्च, ऐड्स, मार्केटिंग, फाइनेंस और कॉमर्स विभागों के अमेरिका आधारित एम्प्लॉयीज को बायआउट पैकेज ऑफर किया है।
CNBC ने अगस्त में रिपोर्ट किया था कि Google के CEO सुंदर पिचाई ने एम्प्लॉयीज से कहा था कि कंपनी को “स्केलिंग के दौरान अधिक कुशल होना होगा ताकि हर चीज का हल सिर्फ एम्प्लॉयीज की संख्या बढ़ाकर न किया जाए।”
अन्य बड़ी टेक कंपनियों ने भी हाल ही में एम्प्लॉयीज की कटौती की है। जुलाई में Microsoft ने 9,000 एम्प्लॉयीज को अलग किया, जबकि Meta ने भी छंटनी की प्रक्रिया अपनाई।
RICE ADAMAS Group ने अब्दुर रफी को चीफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CIO) के रूप में नियुक्त किया है।
RICE ADAMAS Group ने अब्दुर रफी को चीफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CIO) के रूप में नियुक्त किया है। उनके पास 26 साल से अधिक IT नेतृत्व अनुभव है।
Rafi इससे पहले ABP Pvt. Ltd. में Deputy General Manager – IT और CISO के पद पर कार्यरत थे। वहाँ उन्होंने IT इंफ्रास्ट्रक्चर, साइबरसिक्योरिटी, सर्विस डेस्क संचालन, वेंडर मैनेजमेंट, डेटा सेंटर डेवलपमेंट और डिजास्टर रिकवरी प्लानिंग जैसी प्रमुख पहलों का नेतृत्व किया। उन्होंने कॉर्पोरेट IT रणनीतियों, ऑटोमेशन फ्रेमवर्क और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन रोडमैप तैयार करने और लागू करने में अहम भूमिका निभाई, साथ ही नेटवर्क, एप्लीकेशन और सिस्टम सुरक्षा को मजबूत किया।
RICE ADAMAS Group की स्थापना 1985 में प्रो. (डॉ.) समित राय ने की थी। यह समूह पश्चिम बंगाल के प्रमुख शैक्षिक समूहों में से एक माना जाता है। समूह का Adamas University कोलकाता के 120 एकड़ के कैम्पस में संचालित होता है और RICE Education के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
शिक्षा के क्षेत्र के अलावा, समूह की तकनीकी शाखा Adamas Tech Consulting दुनिया भर में IT और डिजिटल समाधान प्रदान करती है। इसके संचालन भारत, सऊदी अरब, UAE (दुबई), UK और USA में हैं, और जल्द ही कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में भी विस्तार करने की योजना है।
समूह K–12 संस्थानों जैसे Adamas International School, Adamas World School और Adamas Kids को भी संचालित करता है। इसके अलावा, समूह खेल, कौशल विकास, नवाचार और परोपकारी गतिविधियों में भी सक्रिय है, ताकि समाज में विकास और परिवर्तन को बढ़ावा दिया जा सके।
अहमदाबाद रेलवे स्टेशन देश का सातवां सबसे बड़ा स्टेशन है, जहां रोजाना करीब 1.2 लाख यात्री सफर करते हैं। अनुमान है कि वर्ष 2053 तक यहां यात्रियों की संख्या 3 लाख प्रतिदिन तक पहुंच जाएगी।
देश के लाखों यात्रियों की सुविधा के लिए उबर (Uber) ने भारतीय रेलवे के साथ मिलकर एक बड़ी पहल की है। कंपनी ने पहली बार अपने राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म को रेलवे स्टेशनों से सीधे जोड़ते हुए अहमदाबाद रेलवे स्टेशन और हावड़ा रेलवे स्टेशन पर सेवाएं शुरू की हैं। अहमदाबाद रेलवे स्टेशन देश का सातवां सबसे बड़ा स्टेशन है, जहां रोजाना करीब 1.2 लाख यात्री सफर करते हैं।
अनुमान है कि वर्ष 2053 तक यहां यात्रियों की संख्या 3 लाख प्रतिदिन तक पहुंच जाएगी। दूसरी ओर, हावड़ा रेलवे स्टेशन देश का सबसे बड़ा स्टेशन है, जहां रोजाना 10 लाख से अधिक यात्री आते-जाते हैं। इस साझेदारी के तहत अहमदाबाद स्टेशन पर उबर ने एक विशेष पार्किंग जोन बनाया है, जो सीधे स्टेशन के मुख्य फुट-ओवर ब्रिज से जुड़ा है।
वहीं, हावड़ा स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए उबर ने कियोस्क और अन्य सहूलियतें उपलब्ध कराई हैं। दोनों ही स्टेशनों पर यात्रियों की मदद के लिए उबर की टीम मौजूद रहेगी, ताकि पिकअप और ड्रॉप की प्रक्रिया आसान हो सके।
उबर इंडिया और साउथ एशिया के निदेशक शिव शैलेन्द्रन ने कहा कि यह साझेदारी शहरी परिवहन व्यवस्था को मज़बूत बनाने और लाखों यात्रियों को सुविधाजनक कनेक्टिविटी देने की दिशा में अहम कदम है। इससे न केवल यात्रियों को फायदा होगा, बल्कि ड्राइवरों को भी अधिक ट्रिप्स और कमाई के नए अवसर मिलेंगे।
अल्फाबेट का यह ऐतिहासिक मुकाम बताता है कि आने वाले समय में टेक्नोलॉजी और खासकर एआई, वैश्विक अर्थव्यवस्था में निर्णायक भूमिका निभाने वाले हैं।
टेक्नोलॉजी की दुनिया में गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) ने एक नया इतिहास रच दिया है। कंपनी ने सिर्फ 20 साल में 3 ट्रिलियन डॉलर (लगभग ₹250 लाख करोड़) के मार्केट कैपिटलाइजेशन का मुकाम हासिल कर लिया है। हाल ही में कंपनी का वैल्यूएशन $3.05 ट्रिलियन पर बंद हुआ, जिससे वह इस एक्सक्लूसिव क्लब में शामिल हो गई, जिसमें पहले से ही एप्पल (Apple) और माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) मौजूद हैं।
दिलचस्प बात यह है कि अल्फाबेट सबसे युवा कंपनी है जिसने यह रिकॉर्ड बनाया। गूगल ने साल 2004 में पब्लिक लिस्टिंग की थी, जबकि माइक्रोसॉफ्ट ने 1986 और एप्पल ने 1980 में शेयर बाजार में कदम रखा था। इसी तरह एनवीडिया (Nvidia) का आईपीओ 1999 में आया था। अल्फाबेट के वैल्यूएशन में जबरदस्त उछाल दो बड़े कारणों से देखने को मिला।
पहला एंटीट्रस्ट केस में बड़ी जीत, और दूसरा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर बढ़ती उम्मीदें। दरअसल, हाल ही में अमेरिका की एक जिला अदालत ने गूगल के पक्ष में फैसला सुनाया और Chrome ब्राउज़र को अलग करने की मांग को खारिज कर दिया।
इस फैसले के बाद गूगल के शेयर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसे “बहुत अच्छा दिन” बताया। इसके साथ ही कंपनी की एआई स्ट्रैटेजी ने भी निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। गूगल अपनी फ्लैगशिप एआई मॉडल सीरीज Gemini पर दांव लगा रहा है।
कंपनी की क्लाउड कंप्यूटिंग यूनिट ने दूसरी तिमाही में 32% की शानदार ग्रोथ दर्ज की, जो निवेशकों की उम्मीद से कहीं अधिक रही। इसमें गूगल के इन-हाउस चिप्स और एआई टेक्नोलॉजी में भारी निवेश का बड़ा योगदान है। गौरतलब है कि एआई को लेकर उत्साह केवल गूगल तक सीमित नहीं है।
हाल ही में ओरेकल (Oracle) ने भी एआई फोरकास्ट पेश किया, जिसने टेक सेक्टर में और तेजी ला दी। अल्फाबेट का यह ऐतिहासिक मुकाम बताता है कि आने वाले समय में टेक्नोलॉजी और खासकर एआई, वैश्विक अर्थव्यवस्था में निर्णायक भूमिका निभाने वाले हैं।
कंपनी का कहना है कि इस फोन को 4 जनरेशन तक OS अपडेट्स और 4 साल तक सिक्योरिटी अपडेट्स मिलेंगे। इसके अलावा, यह स्मार्टफोन IP54 रेटिंग के साथ आता है।
त्योहारी सीजन की शुरुआत में सैमसंग इंडिया ने अपने बजट-फ्रेंडली 5G स्मार्टफोन गैलेक्सी A06 5G पर शानदार ऑफर्स का ऐलान किया है। कंपनी ने इस फोन की कीमत सिर्फ ₹9,899 से शुरू की है। वहीं, ग्राहकों के लिए आसान ईएमआई विकल्प भी उपलब्ध हैं, जिसके तहत फोन को ₹909 प्रति माह की किस्तों पर खरीदा जा सकता है।
सिर्फ इतना ही नहीं, सैमसंग ने फेस्टिव डील के तहत अपने 25W ट्रैवल अडैप्टर (असली कीमत ₹1,399) को मात्र ₹299 में उपलब्ध कराने का भी ऐलान किया है। यह ऑफर स्मार्टफोन खरीदने वाले उपभोक्ताओं को अतिरिक्त फायदा देगा। गैलेक्सी A06 5G फीचर्स के मामले में भी दमदार है।
यह स्मार्टफोन 'MediaTek Dimensity 6300 प्रोसेसर' पर काम करता है और इसमें RAM Plus फीचर दिया गया है, जिसकी मदद से यूज़र 12GB तक RAM का अनुभव ले सकते हैं। कनेक्टिविटी की बात करें तो यह डिवाइस सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स पर 12 5G बैंड्स को सपोर्ट करता है।
साथ ही, इसमें कैरीयर एग्रीगेशन तकनीक भी दी गई है, जो इंटरनेट की स्पीड और कनेक्शन को और बेहतर बनाती है। फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए इसमें 50MP का मेन रियर कैमरा, 2MP डेप्थ कैमरा और 8MP फ्रंट कैमरा दिया गया है। फोन में 6.7-इंच HD+ डिस्प्ले मौजूद है, जो बड़े स्क्रीन एक्सपीरियंस के शौकीनों को खासा पसंद आएगा।
बैटरी की बात करें तो इसमें 5000mAh की पावरफुल बैटरी है, जो 25W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करती है। सुरक्षा और सॉफ्टवेयर अपडेट्स पर भी सैमसंग ने जोर दिया है। कंपनी का कहना है कि इस फोन को 4 जनरेशन तक OS अपडेट्स और 4 साल तक सिक्योरिटी अपडेट्स मिलेंगे।
इसके अलावा, यह स्मार्टफोन IP54 रेटिंग के साथ आता है, यानी यह धूल और पानी की छींटों से सुरक्षित रहेगा। साफ कॉलिंग के लिए इसमें Voice Focus फीचर और डाटा सुरक्षा के लिए Knox Vault Security भी शामिल है।
लॉन्च के समय iPhone 16 Pro (128GB) की शुरुआती कीमत ₹1,19,900 थी, जबकि अन्य वेरिएंट्स की कीमत ₹1,29,900 से लेकर ₹1,69,900 तक थी।
फ्लिपकार्ट (Flipkart) ने अपनी बहुचर्चित Big Billion Days Sale 2025 (23 सितंबर से शुरू) से पहले कई बड़े डील्स का ऐलान किया। इस बार सबसे ज़्यादा सुर्खियों में है Apple iPhone 16 Pro सीरीज़, जिस पर कंपनी ने अब तक का सबसे बड़ा डिस्काउंट देने की घोषणा की है। ई-कॉमर्स दिग्गज के मुताबिक, iPhone 16 Pro ग्राहकों को सिर्फ ₹69,999 में और iPhone 16 Pro Max ₹89,999 में उपलब्ध होगा।
इसमें चुनिंदा बैंक क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाला ₹5,000 का इंस्टेंट डिस्काउंट भी शामिल है। यह कीमतें आईफ़ोन सीरीज़ की लॉन्च कीमत की तुलना में लगभग आधी हैं। लॉन्च के समय iPhone 16 Pro (128GB) की शुरुआती कीमत ₹1,19,900 थी, जबकि अन्य वेरिएंट्स की कीमत ₹1,29,900 से लेकर ₹1,69,900 तक थी।
फिलहाल Flipkart पर यह ₹1,12,900 लिस्टेड है। वहीं iPhone 16 Pro Max (256GB) की लॉन्च कीमत ₹1,44,900 थी, जो अब ₹1,37,900 पर लिस्टेड है। लेकिन BBD सेल में यह पहली बार ₹90,000 से नीचे उपलब्ध होगा।
दोनों डिवाइस Desert Titanium, Natural Titanium, White Titanium और Black Titanium कलर ऑप्शंस में मिलेंगे। टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह ऑफर भारत में Apple के प्रीमियम स्मार्टफोन खरीदने का अब तक का सबसे बेहतरीन मौका साबित हो सकता है।
जहां ChatGPT Go का फ़ोकस versatility और personalization पर है, वहीं Gemini AI Plus गूगल के इकोसिस्टम इंटीग्रेशन को मज़बूत बनाने की रणनीति पर आधारित है।
गूगल ने आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए नया सब्सक्रिप्शन टियर Gemini AI Plus लॉन्च किया है। फिलहाल यह योजना केवल इंडोनेशिया में उपलब्ध है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही इसे भारत समेत अन्य बाज़ारों में भी पेश किया जाएगा। यह कदम सीधे तौर पर OpenAI के ChatGPT Go से मुकाबले के लिए माना जा रहा है।
Gemini AI Plus का शुरुआती ऑफ़र IDR 37,500 (करीब ₹200/माह) है, जो बाद में बढ़कर IDR 75,000 (करीब ₹400/माह) हो जाएगा। इस प्लान में उपयोगकर्ताओं को Gemini 2.5 Pro और उसकी Deep Research क्षमता मिलेगी। साथ ही गूगल ने कई एडवांस टूल्स जैसे Veo 3 (वीडियो जनरेशन – लिमिटेड एक्सेस), Flow AI (फिल्ममेकिंग टूल), Notebook LLM (कोडिंग व डेटा एनालिसिस) को भी शामिल किया है।
इसके अलावा यह सब्सक्रिप्शन गूगल वर्कस्पेस ऐप्स—Gmail, Docs, Sheets, Slides और Drive—में एआई इंटीग्रेशन के साथ आएगा। उपयोगकर्ताओं को 200GB क्लाउड स्टोरेज और 128K टोकन कॉन्टेक्स्ट विंडो भी उपलब्ध होगी, जो फ्री वर्ज़न से चार गुना अधिक है।
कीमत के लिहाज़ से यह गूगल के महंगे AI Pro (₹1,950/माह) और AI Ultra (₹24,500/माह) से काफी सस्ता है, जिससे ज़्यादा लोग इसे अफ़ोर्ड कर सकें। वहीं, OpenAI का ChatGPT Go, जिसे हाल ही में भारत में लॉन्च किया गया है, ₹399 प्रति माह पर उपलब्ध है।
इसमें GPT-5 का एक्सेस, इमेज जनरेशन लिमिट्स, लंबी बातचीत की मेमोरी और कस्टम GPT बनाने की सुविधा शामिल है। जहां ChatGPT Go का फ़ोकस versatility और personalization पर है, वहीं Gemini AI Plus गूगल के इकोसिस्टम इंटीग्रेशन को मज़बूत बनाने की रणनीति पर आधारित है।