आंध्र प्रदेश सरकार मंगलवार को यानी आज टेक कंपनी 'गूगल' (Google) के साथ एक समझौता कर सकती है, ताकि विशाखापत्तनम में 1 गीगावाट का हाईपरस्केल डेटा सेंटर कैंपस बनाया जा सके।
आंध्र प्रदेश सरकार मंगलवार को यानी आज टेक कंपनी 'गूगल' (Google) के साथ एक समझौता कर सकती है, ताकि विशाखापत्तनम में 1 गीगावाट का हाईपरस्केल डेटा सेंटर कैंपस बनाया जा सके। यह प्रोजेक्ट लगभग $10 बिलियन की निवेश योजना का हिस्सा है और “AI City Vizag” की नींव रखेगा।
यह परियोजना Google के एशिया में सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में से एक होगी। इसमें अमेरिकी टेक दिग्गज अपनी पूरी AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगा, जिससे भारत में AI-आधारित बदलाव को तेजी मिलेगी।
राज्य के उद्योग मंत्री नारा लोकेश ने कहा, “आंध्र प्रदेश मंगलवार को यह समझौता कर रहा है। भविष्य इसे याद रखेगा- विशाखापत्तनम में हमारा 1 गीगावाट का Google डेटा सेंटर, जो AI City विशाखापत्तनम को भारत का डिजिटल पावरहाउस बनाएगा। यह आंध्र प्रदेश के भविष्य के लिए एक बदलावकारी परियोजना है।”
नए AI हब में शक्तिशाली AI इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटा सेंटर क्षमता, बड़े पैमाने पर ऊर्जा स्रोत और विस्तारित फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क एक साथ होंगे। इससे विजाग और आंध्र प्रदेश भारत में AI परिवर्तन के लिए विशेष रूप से तैयार होंगे।
समझौते में भारत के पहले AI हब की रूपरेखा तय की जाएगी, जो 1 गीगावाट डेटा सेंटर पर आधारित होगा, Google के ग्लोबल नेटवर्क से जुड़ा होगा और साफ-सुथरी ऊर्जा के साथ डिजाइन किया जाएगा।
राज्य की गणनाओं के अनुसार, यह परियोजना 2028–2032 के बीच प्रति वर्ष लगभग ₹10,518 करोड़ का GSDP योगदान देगी और लगभग 1,88,220 रोजगार पैदा करेगी। इसके अलावा Google Cloud से जुड़े उत्पादकता लाभ सालाना ₹9,553 करोड़ का अनुमान है, जो पांच वर्षों में कुल ₹47,720 करोड़ बनेंगे।
यह प्रोजेक्ट राज्य निवेश प्रचार बोर्ड द्वारा मंजूर किया गया है और इसे सिंगल-विंडो क्लियरेंस, भरोसेमंद यूटिलिटी, रिन्यूएबल एनर्जी और प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए सुगमता से लागू किया जाएगा।
समझौता दिल्ली में आंध्र प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और Google के बीच होगा, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू मौजूद रहेंगे। Google की ओर से वरिष्ठ नेतृत्व जैसे थॉमस कुरियन (CEO, Google Cloud), बिकाश कोले (VP, Global Infrastructure), और करन बाजवा (President, Asia-Pacific Google Cloud) मौजूद रहेंगे।
मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें राज्य के दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शामिल होने का निमंत्रण देंगे:
‘सुपर GST – सुपर सेविंग्स’ कार्यक्रम – कुर्नूल में आयोजित, जिसमें वित्तीय सुधारों और दक्षता पर जोर दिया जाएगा।
‘CII पार्टनरशिप समिट 2025’ – विजाग में 14 और 15 नवंबर को, जिसमें वैश्विक उद्योग नेता, निवेशक और नीति निर्माता हिस्सा लेंगे और आंध्र प्रदेश में नए निवेश और सहयोग के अवसर तलाशेंगे।
OpenAI जल्द ही ChatGPT को एक सोशल प्लेटफ़ॉर्म में बदलने की तैयारी में है। कंपनी डायरेक्ट मैसेज, ग्रुप चैट और ऐप इंटीग्रेशन जैसे फीचर्स पर काम कर रही है, जिससे यूजर्स एक-दूसरे से कनेक्ट होंगे।
OpenAI अब ChatGPT को सिर्फ एक चैटबॉट नहीं, बल्कि एक ‘ऑल-इन-वन सोशल ऐप’ में बदलने की तैयारी कर रहा है। Sora 2 वीडियो जनरेशन मॉडल और TikTok जैसी एआई वीडियो ऐप लॉन्च करने के बाद कंपनी अब ChatGPT में सोशल इंटरैक्शन फीचर्स जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
हाल ही में OpenAI ने ‘Apps SDK’ पेश किया है, जिससे डेवलपर्स ChatGPT के अंदर ही अपनी एआई आधारित ऐप्स बना सकेंगे। टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम Apple App Store और Google Play Store जैसे प्लेटफॉर्म्स को सीधी चुनौती देगा।
जानकारी के मुताबिक, कंपनी ChatGPT में डायरेक्ट मैसेज (DM) फीचर जोड़ने पर काम कर रही है। इससे यूजर्स आपस में बातचीत कर सकेंगे, ग्रुप्स बना पाएंगे और एक साथ आइडियाज, प्रोजेक्ट्स या इमेज क्रिएशन पर काम कर सकेंगे। AIPRM.com के इंजीनियर टिबोर ब्लाहो ने बताया कि यह फीचर सहयोग और क्रिएटिविटी को नई दिशा देगा, लेकिन प्राइवेसी के लिए किसी को भी दूसरे की ChatGPT मेमोरी तक पहुंच नहीं होगी।
रिपोर्ट्स यह भी बताती हैं कि OpenAI ग्रुप चैट्स के लिए इनवाइट लिंक सिस्टम ला सकता है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि इन चैट्स में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन होगा या नहीं। गौर करने वाली बात है कि पहले शेयर फीचर जोड़ते वक्त कुछ यूजर्स की चैट गूगल पर पब्लिक हो गई थीं, जिसके बाद कंपनी को वह डेटा हटवाना पड़ा था।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने ऐलान किया कि वैश्विक टेक दिग्गज गूगल अगले तीन साल में राज्य में ₹88,000 करोड़ का निवेश करेगा।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने ऐलान किया कि वैश्विक टेक दिग्गज गूगल अगले तीन साल में राज्य में ₹88,000 करोड़ का निवेश करेगा। यह निवेश खास तौर पर उन्नत डेटा सेंटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोजेक्ट्स पर केंद्रित होगा और इसे विशाखापत्तनम में विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नायडू ने इस निवेश को “भारत की आर्थिक उदारीकरण के बाद का सबसे बड़ा निवेश” बताया और इसे सिर्फ आंध्र प्रदेश ही नहीं, पूरे देश के लिए गेमचेंजर करार दिया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से हजारों उच्च-कुशल नौकरियां पैदा होंगी, डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार आएगा और राज्य दक्षिण एशिया में डेटा और AI इनोवेशन का प्रमुख केंद्र बनेगा।
इस निवेश का उद्देश्य आंध्र प्रदेश को टेक्नोलॉजी-फर्स्ट अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करना है, जिसमें क्लाउड कंप्यूटिंग, ग्रीन एनर्जी आधारित डेटा सेंटर और अगली पीढ़ी की AI एप्लीकेशंस में वैश्विक निवेश आकर्षित करना शामिल है।
गूगल का यह कदम भारत की डिजिटल ग्रोथ स्टोरी में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भरोसा भी दिखाता है और विशाखापत्तनम की रणनीतिक स्थिति को एक महत्वपूर्ण कोस्टल टेक कॉरिडोर के रूप में उजागर करता है। परियोजना की समयसीमा, स्थान और साझेदारियों की और जानकारी आने वाले हफ्तों में साझा की जाएगी।
यह पॉलिसी एम्प्लॉयीज को उनके मुख्य कार्यालय के बाहर किसी भी लोकेशन से साल में अधिकतम चार हफ्ते तक काम करने की अनुमति देती थी।
टेक कंपनी गूगल (Google) अब रिमोट वर्क पर पाबंदियां बढ़ा रहा है, इस बार अपनी लोकप्रिय पॉलिसी 'Work from Anywhere' (WFA) के तहत, जिसे कोविड महामारी के दौरान लागू किया गया था।
यह पॉलिसी एम्प्लॉयीज को उनके मुख्य कार्यालय के बाहर किसी भी लोकेशन से साल में अधिकतम चार हफ्ते तक काम करने की अनुमति देती थी। CNBC के मुताबिक, आंतरिक दस्तावेजों की में अब सिर्फ एक दिन का रिमोट वर्क भी पूरे एक हफ्ते के बराबर बताया गया है।
दस्तावेज में बताया गया, 'चाहे आप किसी सप्ताह में 1 WFA दिन या 5 WFA दिन काम करें, तो भी 1 WFA हफ्ता आपके WFA साप्ताहिक बैलेंस से घटा दिया जाएगा।' यह बदलाव गर्मियों में दस्तावेज में बताया गया था और तुरंत प्रभाव में आ गया।
गूगल अपनी मौजूदा हाइब्रिड शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं कर रहा, जिसे महामारी के दौरान लागू किया गया था। इसके तहत एम्प्लॉयीज को हफ्ते में दो दिन घर से काम करने की अनुमति थी। WFA दिन इस पॉलिसी से अलग हैं, जो एम्प्लॉयीज को रिमोट वर्क करने की सुविधा देते हैं, लेकिन घर से नहीं।
दस्तावेज में कहा गया, 'WFA हफ्तों का इस्तेमाल घर से या नजदीकी जगह से काम करने के लिए नहीं किया जा सकता।'
टेक कंपनियां अब एम्प्लॉयीज को कार्यालय में अधिक समय बिताने के लिए मजबूर कर रही हैं, क्योंकि कोविड का चरम लगभग पांच साल पहले था। Microsoft ने पिछले महीने कहा कि अगले साल से एम्प्लॉयीज को हफ्ते में तीन दिन कार्यालय में काम करना होगा, जबकि पहले उन्हें मैनेजर की अनुमति से आधे समय या अधिक घर से काम करने की अनुमति थी। Amazon ने और आगे बढ़ते हुए अपने कॉर्पोरेट एम्प्लॉयीज को हफ्ते में पांच दिन ऑफिस में रहने का निर्देश दिया।
गूगल ने 2025 की शुरुआत में कुछ अमेरिकी फुल-टाइम एम्प्लॉयीज को स्वेच्छिक बायआउट की पेशकश शुरू की थी और कई यूनिट्स के रिमोट वर्कर्स को सूचित किया कि अगर वे हाइब्रिड शेड्यूल में लौटकर काम नहीं करेंगे तो उनकी नौकरियां समाप्त की जा सकती हैं।
नवीनतम बदलावों के अनुसार, WFA समय के दौरान एम्प्लॉयी किसी अन्य राज्य या देश के गूगल ऑफिस में काम नहीं कर सकते, क्योंकि 'क्रॉस बॉर्डर वर्क के कानूनी और वित्तीय असर' हो सकते हैं। यदि एम्प्लॉयी किसी अलग लोकेशन में हैं, तो उन्हें उस समय क्षेत्र के बिजनेस आवर्स के अनुसार काम करना पड़ सकता है।
यह WFA अपडेट सभी गूगल एम्प्लॉयीज पर लागू नहीं होता और डेटा सेंटर एम्प्लॉयीज या जिनके लिए फिजिकल ऑफिस में होना अनिवार्य है, उन्हें इसमें शामिल नहीं किया जा सकता। दस्तावेज में कहा गया कि पॉलिसी का उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई या नौकरी से बर्खास्तगी हो सकती है।
यह मुद्दा हाल ही में आयोजित ऑल-हैंड्स मीटिंग में भी उठा।
गूगल के आंतरिक सिस्टम पर सबमिट किए गए एक टॉप-रेटेड सवाल में इस अपडेट को 'कन्फ्यूजिंग' बताया गया।
सवाल में कहा गया, 'WFA का सिर्फ एक दिन पूरे हफ्ते के बराबर क्यों गिना जाता है और क्या हम WFA हफ्तों का इस्तेमाल घर से काम करने के लिए करने की पाबंदी पर फिर विचार कर सकते हैं?'
रिपोर्ट के बताया गया है कि मीटिंग में गूगल के परफॉर्मेंस और रिवॉर्ड्स के वाइस प्रेसिडेंट John Casey ने कहा कि WFA 'महामारी के दौरान गूगलर्स की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था।'
Casey ने कहा, 'यह पॉलिसी हमेशा हफ्ते के इंक्रीमेंट में ली जाने के लिए थी और इसे नियमित हाइब्रिड वर्कवीक में घर से काम करने के विकल्प के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।'
हुआंग ने कर्मचारियों को संबोधित संदेश में कहा कि 'Nvidia' की सफलता, विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्षेत्र में, दुनियाभर से आए प्रवासी प्रतिभाओं की देन है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए कार्यकारी आदेश के तहत नई H-1B वीज़ा आवेदन पर 1 लाख डॉलर की अतिरिक्त फीस लगाने के बावजूद, 'Nvidia' ने अपने कर्मचारियों को राहत दी है। कंपनी के सीईओ जेंसन हुआंग ने घोषणा की है कि 'Nvidia H-1B' वीज़ा प्रायोजन जारी रखेगी और इससे जुड़ी सभी लागतें खुद वहन करेगी।
यह कदम ऐसे समय में आया है जब भारतीय और चीनी तकनीकी कर्मचारियों में इस आदेश को लेकर चिंता बढ़ गई है। हुआंग ने कर्मचारियों को संबोधित संदेश में कहा कि 'Nvidia' की सफलता, विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्षेत्र में, दुनियाभर से आए प्रवासी प्रतिभाओं की देन है।
उन्होंने कहा, 'Nvidia का चमत्कार आप सब और दुनिया भर के हमारे शानदार सहयोगियों के बिना संभव नहीं होता।' ट्रंप के आदेश के अनुसार, नई H-1B वीज़ा आवेदन पर अतिरिक्त 1 लाख डॉलर का शुल्क देना होगा, हालांकि यह नियम 21 सितंबर 2025 से पहले आवेदन करने वालों या पहले से वीज़ा धारकों पर लागू नहीं होगा।
मेटा ने अपनी एआई सेवाओं से यूजर्स की गतिविधियों का डेटा पर्सनलाइज्ड विज्ञापनों के लिए इस्तेमाल करने का फैसला किया है। 16 दिसंबर से लागू होने वाली यह नीति प्राइवेसी पर सवाल खड़ी कर रही है।
मेटा प्लेटफॉर्म्स पर एआई का दबदबा बढ़ता जा रहा है, लेकिन अब यह यूजर्स की निजी बातचीत को भी निशाना बना सकता है। कंपनी ने हाल ही में खुलासा किया कि 16 दिसंबर से उसके एआई आधारित चैटबॉट और वर्चुअल सहायकों से होने वाली इंटरैक्शंस का डेटा फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर लक्षित विज्ञापन, पोस्ट तथा सामग्री प्रदर्शित करने में काम आएगा।
इसका मतलब है कि आपकी एआई से की गई चर्चा, जैसे यात्रा योजनाएं या शॉपिंग सुझाव, सीधे आपके फीड में प्रासंगिक प्रचार सामग्री के रूप में प्रकट हो सकती है। यह नीति उन लाखों मासिक सक्रिय यूजर्स को सीधे प्रभावित करेगी जो मेटा एआई का लाभ उठाते हैं। कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह कदम सोशल मीडिया अनुभव को अधिक व्यक्तिगत बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि विज्ञापन आपकी रुचियों से मेल खाएं।
हालांकि, यूजर्स के पास इस डेटा उपयोग को रोकने का कोई विकल्प नहीं होगा। सेटिंग्स में ऐसा कोई टॉगल बटन उपलब्ध नहीं है। यदि आप प्राइवेसी चाहते हैं, तो एआई सेवाओं का उपयोग ही त्यागना पड़ेगा। 7 अक्टूबर से ही यूजर्स को ऐप्स, इनबॉक्स और ईमेल के माध्यम से इस बदलाव की सूचना मिलनी शुरू हो जाएगी, जिससे वे कई सप्ताह पहले ही सतर्क रह सकें।
मेटा का तर्क है कि एआई इनसाइट्स से प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट अधिक प्रासंगिक बनेगा, लेकिन आलोचक इसे डेटा शोषण का रूप मान रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह नियम तत्काल वैश्विक स्तर पर लागू नहीं होगा। शुरुआत में ब्रिटेन, यूरोपीय संघ के सदस्य देशों और दक्षिण कोरिया को इससे छूट मिलेगी, जहां सख्त डेटा सुरक्षा कानून हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने अपने सभी अधिकारियों को अब से सभी आधिकारिक दस्तावेजों के लिए Zoho Office Suite इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है।
शिक्षा मंत्रालय ने अपने सभी अधिकारियों को अब से सभी आधिकारिक दस्तावेजों के लिए Zoho Office Suite इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। यह कदम डिजिटल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। यह निर्देश उस समय आया है जब शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में Zoho के मैसेजिंग ऐप Arattari की सराहना की थी। यह निर्णय सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन के अनुरूप है।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी सर्कुलर में मंत्रालय ने कहा है कि Zoho का इस्तेमाल करना विदेशी सॉफ्टवेयर पर निर्भरता कम करने और भारत के घरेलू टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को मजबूत करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। आदेश में कर्मचारियों से कहा गया है कि वे अब से अपने दस्तावेज, स्प्रेडशीट और प्रेजेंटेशन Zoho पर ही तैयार करें, संपादित करें और साझा करें और टीमवर्क व संचार के लिए इसके सहयोगी टूल्स का उपयोग करें।
इस सूट को NIC मेल प्लेटफॉर्म में एकीकृत कर दिया गया है, जिससे इसे इस्तेमाल करने के लिए अलग से लॉगिन या इंस्टॉलेशन की जरूरत नहीं होगी। अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से वर्कफ्लो बेहतर होगा, टीम के बीच तालमेल बढ़ेगा और डेटा सुरक्षा मजबूत होगी। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस फैसले को सरकार के भीतर एक “सुरक्षित और बड़े स्तर पर काम करने योग्य आईटी इकोसिस्टम” बनाने की दिशा में “साहसिक कदम” बताया है।
स्वदेशी डिजिटल टूल्स को बढ़ावा देने की यह पहल अब कई मंत्रालयों तक फैल रही है। इससे पहले आईटी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा था कि वे अपने आधिकारिक कामों के लिए Zoho Office Suite का इस्तेमाल करते हैं।
सैमसंग एआई को अपने बिजनेस में ज्यादा इस्तेमाल करेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे एआई इनोवेशन तेज होगा और ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत बनेगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की दुनिया से एक बड़ी न्यूज़ है। दरअसल, अमेरिकी कंपनी ओपनएआई ने दक्षिण कोरिया की दिग्गज कंपनी सैमसंग के साथ हाथ मिला लिया है। दोनों कंपनियों ने सियोल में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत एआई डेटा सेंटर विकसित करने और भविष्य की तकनीकों पर काम होगा। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स, एसडीएस, सी एंड टी और हेवी इंडस्ट्रीज जैसी सहायक कंपनियां इसमें शामिल हैं।
इस गठबंधन का मुख्य फोकस 'स्टारगेट' प्रोजेक्ट है, जो अगली पीढ़ी के एआई इंफ्रास्ट्रक्चर पर आधारित है। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ओपनएआई को हाई-परफॉर्मेंस मेमोरी सप्लाई करेगी। हर महीने 9 लाख डीआरएएम वेफर्स की जरूरत होगी, जो ऊर्जा-कुशल चिप्स से पूरी होगी।
सैमसंग एसडीएस एआई डेटा सेंटर डिजाइन, डिप्लॉयमेंट और मैनेजमेंट में मदद करेगी। दक्षिण कोरिया में चैटजीपीटी एंटरप्राइज जैसी सर्विसेस का रीसेलर भी बनेगी। सैमसंग सी एंड टी व हेवी इंडस्ट्रीज फ्लोटिंग डेटा सेंटर पर काम करेंगी, जो समुद्र में बनेंगे। इससे कूलिंग कॉस्ट कम, कार्बन उत्सर्जन घटेगा और जमीन की कमी दूर होगी।
फ्लोटिंग पावर प्लांट और कंट्रोल सेंटर भी विकसित होंगे। यह साझेदारी दक्षिण कोरिया को दुनिया के टॉप तीन एआई देशों में लाने में मदद करेगी। सैमसंग एआई को अपने बिजनेस में ज्यादा इस्तेमाल करेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे एआई इनोवेशन तेज होगा और ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत बनेगा।
गूगल (Google) ने डिजाइन से जुड़े 100 से अधिक एम्प्लॉयीज को नौकरी से मुक्त कर दिया है।
गूगल (Google) ने डिजाइन से जुड़े 100 से अधिक एम्प्लॉयीज को नौकरी से मुक्त कर दिया है। CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हफ्ते की शुरुआत में कंपनी ने क्लाउड यूनिट की “क्वांटिटेटिव यूजर एक्सपीरियंस रिसर्च” टीम और “प्लैटफॉर्म और सर्विस एक्सपीरियंस” टीम के एम्प्लॉयीज के साथ-साथ कुछ अन्य संबंधित टीमों के भी पद खत्म किए। यह जानकारी CNBC को मिले आंतरिक दस्तावेजों से सामने आई है।
इन भूमिकाओं का काम अक्सर डेटा, सर्वे और अन्य टूल्स का इस्तेमाल करके यूजर के व्यवहार को समझना और प्रोडक्ट डिजाइन में लागू करना होता है।
Google ने कुछ क्लाउड यूनिट की डिजाइन टीमों का आकार आधा कर दिया है, और प्रभावित कई पद अमेरिका आधारित हैं। कुछ एम्प्लॉयीज को दिसंबर की शुरुआत तक कंपनी में नया पद खोजने का समय दिया गया है।
यह छंटनी ऐसे समय में हुई है जब Google कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने के लिए कटौती की प्रक्रिया तेज कर रहा है।
साल की शुरुआत से ही Google ने अमेरिका आधारित कई यूनिट्स के एम्प्लॉयीज को स्वैच्छिक एग्जिट पैकेज ऑफर किया है और छोटी टीमों के एक-तिहाई से अधिक मैनेजरों की संख्या घटा दी है।
कंपनी ने हाल ही में एम्प्लॉयीज को अपने दैनिक काम में अधिक AI का उपयोग करने के लिए भी प्रोत्साहित किया है।
अब तक, Google ने HR, हार्डवेयर, सर्च, ऐड्स, मार्केटिंग, फाइनेंस और कॉमर्स विभागों के अमेरिका आधारित एम्प्लॉयीज को बायआउट पैकेज ऑफर किया है।
CNBC ने अगस्त में रिपोर्ट किया था कि Google के CEO सुंदर पिचाई ने एम्प्लॉयीज से कहा था कि कंपनी को “स्केलिंग के दौरान अधिक कुशल होना होगा ताकि हर चीज का हल सिर्फ एम्प्लॉयीज की संख्या बढ़ाकर न किया जाए।”
अन्य बड़ी टेक कंपनियों ने भी हाल ही में एम्प्लॉयीज की कटौती की है। जुलाई में Microsoft ने 9,000 एम्प्लॉयीज को अलग किया, जबकि Meta ने भी छंटनी की प्रक्रिया अपनाई।
RICE ADAMAS Group ने अब्दुर रफी को चीफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CIO) के रूप में नियुक्त किया है।
RICE ADAMAS Group ने अब्दुर रफी को चीफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CIO) के रूप में नियुक्त किया है। उनके पास 26 साल से अधिक IT नेतृत्व अनुभव है।
Rafi इससे पहले ABP Pvt. Ltd. में Deputy General Manager – IT और CISO के पद पर कार्यरत थे। वहाँ उन्होंने IT इंफ्रास्ट्रक्चर, साइबरसिक्योरिटी, सर्विस डेस्क संचालन, वेंडर मैनेजमेंट, डेटा सेंटर डेवलपमेंट और डिजास्टर रिकवरी प्लानिंग जैसी प्रमुख पहलों का नेतृत्व किया। उन्होंने कॉर्पोरेट IT रणनीतियों, ऑटोमेशन फ्रेमवर्क और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन रोडमैप तैयार करने और लागू करने में अहम भूमिका निभाई, साथ ही नेटवर्क, एप्लीकेशन और सिस्टम सुरक्षा को मजबूत किया।
RICE ADAMAS Group की स्थापना 1985 में प्रो. (डॉ.) समित राय ने की थी। यह समूह पश्चिम बंगाल के प्रमुख शैक्षिक समूहों में से एक माना जाता है। समूह का Adamas University कोलकाता के 120 एकड़ के कैम्पस में संचालित होता है और RICE Education के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
शिक्षा के क्षेत्र के अलावा, समूह की तकनीकी शाखा Adamas Tech Consulting दुनिया भर में IT और डिजिटल समाधान प्रदान करती है। इसके संचालन भारत, सऊदी अरब, UAE (दुबई), UK और USA में हैं, और जल्द ही कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में भी विस्तार करने की योजना है।
समूह K–12 संस्थानों जैसे Adamas International School, Adamas World School और Adamas Kids को भी संचालित करता है। इसके अलावा, समूह खेल, कौशल विकास, नवाचार और परोपकारी गतिविधियों में भी सक्रिय है, ताकि समाज में विकास और परिवर्तन को बढ़ावा दिया जा सके।
अहमदाबाद रेलवे स्टेशन देश का सातवां सबसे बड़ा स्टेशन है, जहां रोजाना करीब 1.2 लाख यात्री सफर करते हैं। अनुमान है कि वर्ष 2053 तक यहां यात्रियों की संख्या 3 लाख प्रतिदिन तक पहुंच जाएगी।
देश के लाखों यात्रियों की सुविधा के लिए उबर (Uber) ने भारतीय रेलवे के साथ मिलकर एक बड़ी पहल की है। कंपनी ने पहली बार अपने राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म को रेलवे स्टेशनों से सीधे जोड़ते हुए अहमदाबाद रेलवे स्टेशन और हावड़ा रेलवे स्टेशन पर सेवाएं शुरू की हैं। अहमदाबाद रेलवे स्टेशन देश का सातवां सबसे बड़ा स्टेशन है, जहां रोजाना करीब 1.2 लाख यात्री सफर करते हैं।
अनुमान है कि वर्ष 2053 तक यहां यात्रियों की संख्या 3 लाख प्रतिदिन तक पहुंच जाएगी। दूसरी ओर, हावड़ा रेलवे स्टेशन देश का सबसे बड़ा स्टेशन है, जहां रोजाना 10 लाख से अधिक यात्री आते-जाते हैं। इस साझेदारी के तहत अहमदाबाद स्टेशन पर उबर ने एक विशेष पार्किंग जोन बनाया है, जो सीधे स्टेशन के मुख्य फुट-ओवर ब्रिज से जुड़ा है।
वहीं, हावड़ा स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए उबर ने कियोस्क और अन्य सहूलियतें उपलब्ध कराई हैं। दोनों ही स्टेशनों पर यात्रियों की मदद के लिए उबर की टीम मौजूद रहेगी, ताकि पिकअप और ड्रॉप की प्रक्रिया आसान हो सके।
उबर इंडिया और साउथ एशिया के निदेशक शिव शैलेन्द्रन ने कहा कि यह साझेदारी शहरी परिवहन व्यवस्था को मज़बूत बनाने और लाखों यात्रियों को सुविधाजनक कनेक्टिविटी देने की दिशा में अहम कदम है। इससे न केवल यात्रियों को फायदा होगा, बल्कि ड्राइवरों को भी अधिक ट्रिप्स और कमाई के नए अवसर मिलेंगे।