Chegg ने गूगल के खिलाफ दायर किया एंटीट्रस्ट मुकदमा, AI सर्च समरी को बताया नुकसानदायक

ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म Chegg ने गूगल के खिलाफ फेडरल एंटीट्रस्ट मुकदमा दायर किया है। यह मुकदमा 24 फरवरी 2025 को वॉशिंगटन डी.सी. की अमेरिकी जिला अदालत में दायर किया गया।

Last Modified:
Thursday, 27 February, 2025
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ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म Chegg ने गूगल के खिलाफ फेडरल एंटीट्रस्ट मुकदमा दायर किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि टेक दिग्गज की AI-समर्थित सर्च समरी उसके ट्रैफिक और राजस्व को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रही है।

यह मुकदमा 24 फरवरी 2025 को वॉशिंगटन डी.सी. की अमेरिकी जिला अदालत में दायर किया गया। यह किसी इंडिविजुअल कंपनी द्वारा गूगल के AI ओवरव्यू फीचर के खिलाफ दायर किया गया पहला एंटीट्रस्ट केस है।

Chegg का दावा है कि गूगल की AI-समर्थित समरी, जो सर्च रिजल्ट के शीर्ष पर दिखाई देती हैं, संभावित विजिटर्स को उसकी वेबसाइट पर जाने से रोक रही हैं। कंपनी का कहना है कि गूगल अपने सर्च प्रभुत्व का उपयोग थर्ड पार्टी कंटेंट से लाभ उठाने के लिए कर रही है, लेकिन उचित मुआवजा नहीं दे रही।

Chegg के सीईओ Nathan Schultz ने कहा कि यह मुकदमा सिर्फ उनकी कंपनी के लिए नहीं बल्कि डिजिटल पब्लिशिंग सेक्टर और ऑनलाइन सर्च के भविष्य को लेकर भी अहम है।

एजुकेशन टेक्नोलॉजी फर्म Chegg ने 2024 की चौथी तिमाही के लिए कुल शुद्ध राजस्व में 24% की साल-दर-साल गिरावट दर्ज की है और इस नुकसान के लिए सीधे तौर पर गूगल के AI ओवरव्यू को जिम्मेदार ठहराया है। इसके चलते, Chegg अब रणनीतिक विकल्पों की तलाश कर रहा है, जिसमें कंपनी का अधिग्रहण या निजीकरण शामिल हो सकता है।

वहीं, गूगल का कहना है कि उसके AI ओवरव्यू फीचर से सर्च अनुभव बेहतर होता है और कंटेंट डिस्कवरी के नए अवसर बनते हैं। कंपनी का दावा है कि वह रोजाना विभिन्न वेबसाइटों पर अरबों क्लिक भेजता है और AI ओवरव्यू वास्तव में अधिक साइटों तक ट्रैफिक बढ़ाने में मदद करता है।

यह कानूनी लड़ाई उन बढ़ती चिंताओं को उजागर करती है, जहां पब्लिशर्स AI-आधारित सर्च टूल्स को अनुचित प्रतिस्पर्धा मानते हुए इसके खिलाफ खड़े हो रहे हैं। इस मुकदमे का परिणाम डिजिटल पब्लिशिंग इंडस्ट्री और इंटरनेट सर्च के भविष्य के लिए दूरगामी प्रभाव डाल सकता है, जिससे यह तय होगा कि सर्च रिजल्ट में AI-जनित कंटेंट का उपयोग और उसका मुआवजा किस तरह निर्धारित किया जाएगा।

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एप्पल ने भारत में तोड़ा बिक्री का रिकॉर्ड, 9 अरब डॉलर पहुंचा कारोबार

कंपनी के इस मजबूत प्रदर्शन के बीच, एप्पल के सीईओ टिम कुक ने इस हफ्ते दो नए एप्पल स्टोर खोलने की घोषणा की। ये स्टोर बेंगलुरु के हेब्बाल और पुणे के कोरेगांव पार्क में खोले गए हैं।

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Saturday, 06 September, 2025
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भारत में एप्पल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 9 अरब डॉलर की वार्षिक बिक्री दर्ज की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13% अधिक है। यह जानकारी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सामने आई है। भारत एप्पल के लिए दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक बन गया है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक स्मार्टफोन और डिवाइस बाजार में बिक्री स्थिर हो रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल की भारत में सबसे बड़ी कमाई आईफोन से हुई, जबकि मैकबुक्स की मांग भी लगातार बढ़ रही है। कंपनी के इस मजबूत प्रदर्शन के बीच, एप्पल के सीईओ टिम कुक ने इस हफ्ते दो नए एप्पल स्टोर खोलने की घोषणा की। ये स्टोर बेंगलुरु के हेब्बाल और पुणे के कोरेगांव पार्क में खोले गए हैं।

कुक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, हमें खुशी है कि हम भारत में अपने ग्राहकों के लिए एप्पल का सर्वश्रेष्ठ अनुभव लेकर आ रहे हैं। इन नए स्टोर्स के खुलने के बाद भारत में एप्पल के आधिकारिक स्टोर्स की संख्या चार हो गई है। पहले से ही कंपनी के स्टोर मुंबई और दिल्ली में मौजूद हैं, जबकि 2026 तक नोएडा और मुंबई में दो और स्टोर खोलने की योजना है।

एप्पल ने 2020 में भारत में अपना ऑनलाइन स्टोर लॉन्च किया था और 2023 में पहले फिजिकल स्टोर्स खोले थे। भारत एप्पल के सप्लाई चेन नेटवर्क का भी अहम हिस्सा बन चुका है। वर्तमान में हर पांच में से एक आईफोन भारत में ही बन रहा है। देश में एप्पल की पांच फैक्ट्रियां हैं, जिनमें दो नई यूनिट हाल ही में शुरू की गई हैं। यह रणनीति चीन पर निर्भरता कम करने के कंपनी के बड़े प्रयास का हिस्सा है, क्योंकि वहां मांग धीमी पड़ी हुई है।

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'Sandisk' ने भारत में लॉन्च किया 'WD Blue SN5100 NVMe SSD'

कीमत की बात करें तो 500GB वेरिएंट ₹3,999 से शुरू होता है। साथ ही कंपनी 5 साल की लिमिटेड वारंटी या TBW (Terabytes Written) लिमिट तक की गारंटी भी दे रही है।

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Saturday, 06 September, 2025
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स्टोरेज सॉल्यूशंस की दिग्गज कंपनी Sandisk ने भारत में अपना नया WD Blue SN5100 NVMe SSD लॉन्च कर दिया है। यह ड्राइव खासतौर पर क्रिएटर्स, प्रोफेशनल्स और पावर यूजर्स के लिए डिजाइन की गई है, जिन्हें तेज परफॉर्मेंस और हाई-लोड वर्कफ्लोज़ के लिए भरोसेमंद स्टोरेज चाहिए।

कंपनी का दावा है कि यह SSD पिछले मॉडल WD Blue SN5000 से करीब 30% ज्यादा तेज है। 1TB और 2TB वेरिएंट्स में यह 7,100 MB/s तक की रीड स्पीड देता है। इसमें Sandisk की BiCS8 QLC 3D CBA NAND टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो ज्यादा स्टोरेज डेंसिटी और बेहतर परफॉर्मेंस देती है।

इसके अलावा nCache 4.0 टेक्नोलॉजी की मदद से बड़े फाइल ट्रांसफर और 4K-8K वीडियो एडिटिंग जैसे हेवी टास्क्स भी स्मूद चलते हैं। यह SSD 500GB, 1TB, 2TB और 4TB कैपेसिटी में उपलब्ध होगा और इसका सिंगल-साइडेड M.2 2280 डिजाइन लैपटॉप और डेस्कटॉप दोनों के लिए उपयुक्त है।

Sandisk ने इसमें Acronis True Image for Sandisk सॉफ्टवेयर और Sandisk Dashboard भी दिया है, जिससे यूजर्स ड्राइव की हेल्थ मॉनिटर कर सकते हैं और फर्मवेयर अपडेट्स इंस्टॉल कर सकते हैं। कीमत की बात करें तो 500GB वेरिएंट ₹3,999 से शुरू होता है। साथ ही कंपनी 5 साल की लिमिटेड वारंटी या TBW (Terabytes Written) लिमिट तक की गारंटी भी दे रही है।

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ऐलान, सेमीकंडक्टर पर सब्सटैंशियल टैरिफ लगेगा

निचली अदालत ने पहले उनके कई टैरिफ को अवैध करार दिया था, लेकिन सेक्टर-विशिष्ट टैरिफ जैसे स्टील या सेमीकंडक्टर पर कानूनी आधार मजबूत माने जाते हैं।

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Friday, 05 September, 2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक घोषणा करते हुए कहा है कि अमेरिका जल्द ही देश में आने वाले सेमीकंडक्टर्स पर 'काफी बड़ा टैरिफ' लगाने जा रहा है। व्हाइट हाउस में टेक इंडस्ट्री के एग्जीक्यूटिव्स के साथ डिनर के दौरान ट्रंप ने कहा, हम बहुत जल्द टैरिफ लगाएंगे। यह 100% नहीं होगा, लेकिन काफी बड़ा होगा। हालांकि उन्होंने इस नए टैरिफ के लिए कोई समयसीमा या विस्तृत जानकारी नहीं दी।

ट्रंप इससे पहले अगस्त की शुरुआत में 100% टैरिफ लगाने की धमकी देकर एशियाई चिपमेकर कंपनियों के शेयरों में हलचल पैदा कर चुके थे। उन्होंने कहा था, अगर आप अमेरिका में निर्माण कर रहे हैं, तो कोई चार्ज नहीं है, लेकिन जो कंपनियां बाहर से सेमीकंडक्टर ला रही हैं, उन पर लगभग 100% टैरिफ लगाया जाएगा।

अमेरिका और चीन फिलहाल हाई-एंड सेमीकंडक्टर्स बनाने की होड़ में हैं, जिनका इस्तेमाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम्स में किया जाता है। ताइवान इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च की सीनियर सेमीकंडक्टर रिसर्चर अरिसा लियू का कहना है कि अमेरिका का यह भारी टैरिफ ग्लोबल सेमीकंडक्टर कंपनियों की रणनीति को प्रभावित कर सकता है।

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब उनकी प्रशासन सुप्रीम कोर्ट से अपने पक्ष में जल्द फैसला करवाने की कोशिश कर रही है। निचली अदालत ने पहले उनके कई टैरिफ को अवैध करार दिया था, लेकिन सेक्टर-विशिष्ट टैरिफ जैसे स्टील या सेमीकंडक्टर पर कानूनी आधार मजबूत माने जाते हैं।

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'OpenAI' खुद बनाएगी AI चिप : 'Nvidia' पर निर्भरता होगी कम

वर्तमान में 'Nvidia AI' चिप मार्केट में सबसे बड़ी कंपनी है और बड़े भाषा मॉडल (LLMs) को ट्रेन और रन करने के लिए बेहद बड़ी कंप्यूटिंग क्षमता की जरूरत होती है।

Last Modified:
Friday, 05 September, 2025
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में बड़ा बदलाव आने वाला है। चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी 'OpenAI reportedly' अपनी पहली AI चिप अगले साल पेश करने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस चिप को अमेरिकी सेमीकंडक्टर दिग्गज 'Broadcom' के सहयोग से डिजाइन और निर्मित किया जाएगा।

खास बात यह है कि यह चिप केवल 'OpenAI' की आंतरिक जरूरतों के लिए इस्तेमाल होगी और फिलहाल इसे व्यावसायिक तौर पर बाजार में नहीं उतारा जाएगा। यह कदम 'OpenAI' के लिए 'Nvidia' पर निर्भरता कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

वर्तमान में 'Nvidia AI' चिप मार्केट में सबसे बड़ी कंपनी है और बड़े भाषा मॉडल (LLMs) को ट्रेन और रन करने के लिए बेहद बड़ी कंप्यूटिंग क्षमता की जरूरत होती है। पिछले साल से ही खबरें आ रही थीं कि 'OpenAI' अपनी इन-हाउस चिप डिजाइन पर काम कर रही है और 'Broadcom' व 'Taiwan Semiconductor Manufacturing Co.' (TSMC) के साथ मिलकर सिलिकॉन तैयार कर रही है।

'Broadcom' के CEO हॉक टैन ने हाल ही में खुलासा किया था कि कंपनी को 10 बिलियन डॉलर से अधिक का AI इंफ्रास्ट्रक्चर ऑर्डर एक नए ग्राहक से मिला है, जिसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि यह ग्राहक 'OpenAI' ही है।

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डिज्नी पर 10 मिलियन डॉलर का जुर्माना, बच्चों का डेटा कलेक्ट करने का आरोप

यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का मामला सामने आया हो। गूगल (यूट्यूब की पैरेंट कंपनी) ने 2019 में इसी तरह के मामले में 170 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरकर समझौता किया था।

Last Modified:
Thursday, 04 September, 2025
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वॉल्ट डिज्नी कंपनी (The Walt Disney Co.) को अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) के मुकदमे को निपटाने के लिए 10 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरना होगा। FTC का आरोप है कि डिज्नी ने बच्चों की प्राइवेसी से जुड़े संघीय कानून का उल्लंघन किया और 13 साल से कम उम्र के बच्चों का व्यक्तिगत डेटा इकट्ठा होने दिया। FTC ने बताया कि डिज्नी ने चिल्ड्रन ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट (COPPA) का उल्लंघन किया है।

यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि बच्चों से संबंधित ऐप्स और वेबसाइटें 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का डेटा इकट्ठा करने से पहले उनके माता-पिता की अनुमति लें। FTC के मुताबिक, डिज्नी ने यूट्यूब पर डाली गई अपनी कुछ वीडियो को सही तरह से 'Made for Kids' के रूप में लेबल नहीं किया।

इस गलती के कारण यूट्यूब के जरिए उन वीडियो को देखने वाले बच्चों से व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठा की गई और बच्चों को टारगेटेड विज्ञापन दिखाए गए। चूंकि ये वीडियो बच्चों के लिए चिह्नित नहीं थे, उनमें विज्ञापन सामान्य तरीके से चलते रहे, जिससे कंपनियां बच्चों का डेटा लेकर उन्हें विज्ञापन दिखा सकीं।

यह सीधे तौर पर COPPA के नियमों का उल्लंघन था। डिज्नी ने इस पर फिलहाल कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का मामला सामने आया हो। गूगल (यूट्यूब की पैरेंट कंपनी) ने 2019 में इसी तरह के मामले में 170 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरकर समझौता किया था।

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जापान पोस्ट बैंक 2026 तक लाएगा डिजिटल येन, होंगे ये फायदे

यह करेंसी 'DeCurret DCP' द्वारा विकसित की गई है, जो कि 'Internet Initiative Japan' की एक इकाई है। इस योजना के तहत, जमाकर्ता अपने पारंपरिक येन को 'DCJPY' में बदल सकेंगे

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 03 September, 2025
Last Modified:
Wednesday, 03 September, 2025
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जापान पोस्ट बैंक ने घोषणा की है कि वह वित्तीय वर्ष 2026 के अंत तक डिजिटल येन (Digital Yen) लॉन्च करेगा। इस कदम का उद्देश्य अपने जमाकर्ताओं के लिए डिजिटल वित्तीय लेन-देन को और अधिक सुविधाजनक बनाना है। जापान की यह डाक-आधारित वित्तीय संस्था करीब 190 ट्रिलियन येन (1.29 ट्रिलियन डॉलर) की जमा राशि रखती है।

डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का फैसला यह दिखाता है कि जापान में अब घरेलू संस्थाएँ भी तेजी से ब्लॉकचेन टेक्नॉलॉजी का उपयोग कर रही हैं ताकि वित्तीय लेन-देन को आसान और पारदर्शी बनाया जा सके। बैंक ने बताया कि वह अपने ग्राहकों के लिए 'DCJPY' नामक डिजिटल करेंसी पेश करेगा।

यह करेंसी 'DeCurret DCP' द्वारा विकसित की गई है, जो कि 'Internet Initiative Japan' की एक इकाई है। इस योजना के तहत, जमाकर्ता अपने पारंपरिक येन को 'DCJPY' में बदल सकेंगे और तुरंत ही डिजिटल सिक्योरिटीज़ और अन्य ब्लॉकचेन आधारित परिसंपत्तियों में लेन-देन कर सकेंगे।

कंपनी के बयान में कहा गया है कि, हमारी टोकनाइज्ड डिपॉज़िट करेंसी, जो विचाराधीन है, ग्राहकों को तुरंत और पारदर्शी लेन-देन की सुविधा देगी, जिसमें ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग होगा। जापान पोस्ट बैंक का यह कदम न केवल जमाकर्ताओं को आधुनिक डिजिटल सुविधाएँ देगा बल्कि आने वाले समय में जापान की वित्तीय प्रणाली को भी और अधिक डिजिटल और ब्लॉकचेन-आधारित बना देगा।

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भारत में 'OpenAI' का मेगा डेटा सेंटर: 'Sam Altman' कर सकते हैं सितंबर में बड़ी घोषणा

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत 'OpenAI' के लिए सिर्फ दूसरा सबसे बड़ा यूज़र बेस ही नहीं, बल्कि एक स्ट्रैटेजिक टेक्नोलॉजी डेस्टिनेशन भी बनकर उभरेगा।

Last Modified:
Tuesday, 02 September, 2025
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में हलचल मचाते हुए, 'ChatGPT' की पैरेंट कंपनी 'OpenAI' ने भारत में अपना पहला बड़ा डेटा सेंटर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह डेटा सेंटर कम से कम 1 गीगावॉट की क्षमता वाला होगा और 'OpenAI' के 'Stargate AI' इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का हिस्सा होगा।

'OpenAI', जिसे 'Microsoft' का सपोर्ट हासिल है, ने भारत में अपनी लीगल एंटिटी रजिस्टर कर ली है और एक लोकल टीम भी तैयार कर रही है। कंपनी ने अगस्त में ही घोषणा की थी कि वह इस साल नई दिल्ली में अपना पहला ऑफिस खोलेगी। माना जा रहा है कि यह कदम भारत को एशिया में 'OpenAI' का सबसे बड़ा टेक हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

रिपोर्ट के मुताबिक़, 'CEO Sam Altman' सितंबर में भारत का दौरा कर सकते हैं और इस दौरान वह डेटा सेंटर की आधिकारिक घोषणा करेंगे। हालांकि, अभी तक इस परियोजना के लोकेशन और टाइमलाइन को लेकर स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने $500 बिलियन का 'Stargate' प्रोजेक्ट लॉन्च किया था, जिसमें 'SoftBank', 'Oracle' और 'OpenAI' मिलकर AI इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए निवेश कर रहे हैं। भारत में आने वाला यह डेटा सेंटर उसी प्रोजेक्ट का हिस्सा माना जा रहा है।

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एलन मस्क की कंपनी xAI ने Apple और OpenAI पर दायर किया एंटीट्रस्ट मुकदमा

यह केस मस्क की नई एआई कंपनी को सीधे सिलिकॉन वैली की दो सबसे बड़ी कंपनियों Apple और OpenAI – के खिलाफ खड़ा करता है, जिससे टेक्नोलॉजी सेक्टर की जंग और भी तीखी हो गई है।

Last Modified:
Tuesday, 02 September, 2025
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एलन मस्क की एआई कंपनी xAI ने Apple और OpenAI के खिलाफ अमेरिकी संघीय अदालत में एंटीट्रस्ट कानूनों के उल्लंघन का मुकदमा दायर किया है। xAI का आरोप है कि दोनों कंपनियों ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तेजी से बढ़ते बाज़ार में प्रतिस्पर्धा को खत्म करने की साजिश रची है।

2024 में Apple ने OpenAI के साथ पार्टनरशिप की थी, जिसके तहत ChatGPT को Siri, राइटिंग टूल्स और कैमरा फीचर्स में इंटीग्रेट किया गया। xAI और X (पूर्व में Twitter) का कहना है कि इस समझौते की वजह से ChatGPT ही Apple स्मार्टफोन्स में डिफॉल्ट और एकमात्र जेनेरेटिव एआई चैटबॉट बन गया।

मुकदमे में दावा किया गया है कि OpenAI को 'अरबों संभावित प्रॉम्प्ट्स तक एक्सक्लूसिव एक्सेस' मिल गई है। xAI का यह भी आरोप है कि Apple ने App Store की रैंकिंग में हेरफेर किया और Grok जैसे प्रतिद्वंदी चैटबॉट ऐप्स के अपडेट को जानबूझकर देरी से मंजूरी दी, जिससे प्रतिस्पर्धा को नुकसान हुआ।

कंपनी ने इस सौदे को 'ग़ैरक़ानूनी और एकाधिकारवादी' बताया। वहीं OpenAI ने इस मुकदमे को खारिज करते हुए कहा कि 'यह मस्क की लगातार चल रही परेशान करने वाली रणनीति का हिस्सा है।' Apple ने भी पहले यह बयान दिया था कि उसका App Store निष्पक्ष और पारदर्शी है।

मस्क लंबे समय से OpenAI पर चैटबॉट बिज़नेस पर एकाधिकार करने का आरोप लगाते रहे हैं और साथ ही Apple की नीतियों की आलोचना भी करते रहे हैं। OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन के साथ उनका पुराना टकराव अब मुकदमेबाज़ी तक पहुँच चुका है।

यह केस मस्क की नई एआई कंपनी को सीधे सिलिकॉन वैली की दो सबसे बड़ी कंपनियों Apple और OpenAI के खिलाफ खड़ा करता है, जिससे टेक्नोलॉजी सेक्टर की जंग और भी तीखी हो गई है।

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एप्पल और सैमसंग ने शाओमी को भेजा कानूनी नोटिस

शाओमी का यह आक्रामक विज्ञापन अभियान, जिसमें उसने सीधे अपने बड़े प्रतिस्पर्धियों को चुनौती दी, वही एप्पल और सैमसंग की कड़ी प्रतिक्रिया और कानूनी कार्रवाई की वजह बना।

Last Modified:
Friday, 29 August, 2025
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भारत में स्मार्टफोन की दुनिया में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। एप्पल और सैमसंग ने चीनी कंपनी शाओमी को कानूनी नोटिस भेजा है। दोनों दिग्गज कंपनियों का आरोप है कि शाओमी ने अपने विज्ञापनों में उनके फ्लैगशिप फोन और टीवी को नीचा दिखाने वाली बातें की हैं।

दरअसल, मार्च और अप्रैल में शाओमी ने अखबारों में पूरे पन्ने के विज्ञापन दिए, जिसमें उसने अपने 'Xiaomi 15 Ultra' की तुलना एप्पल के 'iPhone 16 Pro Max' से की और सवाल उठाया कि क्या वाकई iPhone सबसे अच्छा है। इसी तरह शाओमी ने सोशल मीडिया और प्रिंट विज्ञापनों में सैमसंग के फोन और टीवी की तुलना भी अपने प्रोडक्ट्स से की और उन्हें 'भविष्य के लिए तैयार' यानी ज्यादा एडवांस बताया।

फिलहाल भारत के प्रीमियम स्मार्टफोन मार्केट (₹50,000 से ऊपर कीमत वाले फोन) पर एप्पल और सैमसंग का लगभग 95% कब्जा है, जबकि शाओमी की हिस्सेदारी 1% से भी कम है। ऐसे में माना जा रहा है कि शाओमी का यह आक्रामक विज्ञापन अभियान, जिसमें उसने सीधे अपने बड़े प्रतिस्पर्धियों को चुनौती दी, वही एप्पल और सैमसंग की कड़ी प्रतिक्रिया और कानूनी कार्रवाई की वजह बना।

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OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने स्वीकारी GPT-5 के लॉन्चिंग में हुई गलतियां

ओपनएआई (OpenAI) के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) सैम ऑल्टमैन ने कंपनी के नवीनतम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल GPT-5 की लॉन्चिंग में हुई गलतियों को स्वीकार किया है।

Last Modified:
Tuesday, 19 August, 2025
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ओपनएआई (OpenAI) के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) सैम ऑल्टमैन ने कंपनी के नवीनतम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल GPT-5 की लॉन्चिंग में हुई गलतियों को स्वीकार किया है। यूजर्स ने लॉन्च के समय सभी पुराने मॉडलों को हटाने के फैसले पर कड़ा विरोध जताया, नए सिस्टम के प्रदर्शन की आलोचना की और यहां तक कि सब्सक्रिप्शन समाप्त करने की धमकी तक दी।

इसके जवाब में, ओपनएआई ने GPT-5 स्टैंडर्ड और थिंकिंग मॉडल्स तक पहुंच बनाए रखी और साथ ही ChatGPT Plus ग्राहकों के लिए GPT-4o को फिर से बहाल किया। इसके अलावा, कंपनी ने GPT-5 को बेहतर बनाने का वादा किया, ताकि इसके जवाब अधिक आकर्षक और भावनात्मक रूप से असरदार बन सकें।

कई यूजर्स का मानना था कि GPT-5, अपने पूर्ववर्ती मॉडलों की तुलना में छोटे और कम जटिल उत्तर देता है, जबकि इसे कोडिंग, रीजनिंग, सटीकता, स्वास्थ्य और मल्टीमॉडल क्षमताओं में एक बड़ी प्रगति के रूप में प्रचारित किया गया था। पुराने ग्राहकों को और अधिक नाराज़गी तब हुई जब कंपनी ने "मॉडल पिकर" को हटा दिया, जिसे पहले एक बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश किया गया था।

ऑल्टमैन ने स्वीकार किया कि संगठन ने उस कठिनाई को कम करके आंका, जो एक ऐसे प्रोडक्ट को आधुनिक बनाने में आती है जिसे हर दिन करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पुराने मॉडलों को पूरी तरह समाप्त कर देना एक गलती थी। हालांकि आलोचनाओं के बावजूद, उपयोगकर्ता आंकड़ों से पता चला कि लॉन्च के 48 घंटों के भीतर ऐप का उपयोग अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया और ChatGPT API ट्रैफिक में भी वृद्धि हुई।

GPT-5 का लॉन्च उस समय हुआ जब ओपनएआई का साप्ताहिक उपयोगकर्ता आंकड़ा 700 मिलियन पर था, जिसे कंपनी इस नए मॉडल से पार करना चाहती थी। पहले के रिलीज़, जैसे GPT-4o की इमेज जनरेशन क्षमताएं, तेजी से अपनाई गई थीं और वायरल ट्रेंड का कारण बनी थीं। लेकिन GPT-5 की लॉन्चिंग ने उत्साह से ज्यादा आलोचना बटोरी है, जिसके चलते ओपनएआई को अब यूजर्स के भरोसे और तेज़ नवाचार के बीच संतुलन बनाना होगा। 

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