कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने कहा कि शीर्ष अदालत के पूर्व जजों को सरकारी पोस्ट देना 'दुर्भाग्यपूर्ण' है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने के बाद से ही विवाद शुरू हो गया है।
दरअसल, 2019 में अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसला सुनाया था और उस समय तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ में जस्टिस एस अब्दुल नजीर भी शामिल थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने कहा कि शीर्ष अदालत के पूर्व जजों को सरकारी पोस्ट देना 'दुर्भाग्यपूर्ण' है।
उन्होंने कहा कि जस्टिस गोगोई को अभी तो राज्यसभा दी थी और अब जस्टिस नजीर साब को आपने गवर्नर बना दिया। रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बहुत लोग सवालिया निशान लगाते चले आ रहे हैं।
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश कुमार सिंह ने ट्वीट कर इस बहस को नाजायज बताया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'जिन्हें जस्टिस अब्दुल नजीर को रिटायरमेंट के बाद राज्यपाल नियुक्त किये जाने से परेशानी है क्योंकि ये पीएम मोदी के राज में हुआ है, उन्हें ये चेहरा गौर से देखना चाहिए! ये चेहरा है जस्टिस फ़ज़ल अली का! इन्हें पहले PM नेहरू ने उड़ीसा का राज्यपाल बनाया था, फिर असम का।'
अपने अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'मजे की बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के एक महीने बाद जस्टिस एस अब्दुल नजीर को मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया है, जस्टिस फजल अली को तो तब के PM नेहरू ने तभी उड़ीसा का राज्यपाल बनाने की घोषणा कर दी थी जब वो सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर बने हुए थे!'
वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश कुमार सिंह द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।
मजे की बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के एक महीने बाद जस्टिस एस अब्दुल नजीर को मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया है, जस्टिस फजल अली को तो तब के PM नेहरू ने तभी उड़ीसा का राज्यपाल बनाने की घोषणा कर दी थी जब वो सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर बने हुए थे! https://t.co/9fv3RzPmhX
— Brajesh Kumar Singh (@brajeshksingh) February 13, 2023
इस मुकाबले में बुमराह ने 3 ओवर गेंदबाजी की और 17 रन देकर 2 सफलताएं प्राप्त कीं। इसके साथ ही बुमराह के टी20 इंटरनेशनल में 100 विकेट पूरे हुए।
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Samachar4media Bureau
ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या की तूफानी फिफ्टी (59*) के बाद भारतीय गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के चलते टीम इंडिया ने कटक में खेले गए पहले टी20 मुकाबले में साउथ अफ्रीका को 101 रन से हराया। इस शानदार जीत के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने सोशल मीडिया से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने एक्स पर लिखा, जो लोग रेड बॉल क्रिकेट में नाकामी को लेकर गौतम गंभीर की आलोचना कर रहे थे, क्या वे यह मानेंगे कि वह व्हाइट बॉल क्रिकेट में एक बेहतरीन और सफल कोच साबित हो रहे हैं? प्रतिभा से भरपूर टी20 टीम का बदलाव (ट्रांजिशन) बेहद सहज और शानदार तरीके से हुआ है। क्या आप भी ऐसा नहीं मानते?
आपको बता दें, मुकाबले में जसप्रीत बुमराह ने 3 ओवर गेंदबाजी की और 17 रन देकर 2 सफलताएं प्राप्त कीं। इसके साथ ही बुमराह के टी20 इंटरनेशनल में 100 विकेट पूरे हुए। वह तीनों फॉर्मेट में 100 विकेट चटकाने वाले पहले भारतीय बॉलर बन गए है। इतना ही नहीं वह इस उपलब्धि को हासिल करने वाले दुनिया के 5वें गेंदबाज बन गए हैं।
Cricket gyaan: for all those who have bashed @GautamGambhir for red ball failings, will they acknowledge that he is proving to be a white ball champion coach? The T 20 side, bursting with talent, seems to have made a remarkably smooth ‘transition’, no? #IGambhir
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) December 9, 2025
गोवा पुलिस ने कार्रवाई के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से इंटरपोल ब्लू नोटिस जारी कराने की सिफारिश की थी। यह हादसा अरपोरा स्थित ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाम के नाइटक्लब में शनिवार रात हुआ।
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गोवा के एक नाइटक्लब में लगी भीषण आग के मामले में इंटरपोल ने क्लब के मालिक सौरभ और गौरव लूथरा के खिलाफ ब्लू नोटिस जारी किया है, ताकि उनका पता लगाया जा सके। इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी। घटना के बाद से दोनों आरोपी देश छोड़कर फरार हो गए हैं।
इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार संकेत उपाध्याय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाये। उन्होंने एक्स पर लिखा, जब ये लोग भारत में थे, तब उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया जा सका, और जब इंडिगो ने सबको परेशान कर दिया, तो वही कंपनी इन दोनों को देश के बाहर भेजने में कामयाब हो गई।
अब बस नोटिस पर नोटिस जारी होते रहें, नोटिस का खेल चलता रहे, कहने का मतलब यही है कि अब सिर्फ़ काग़ज़ी कार्रवाई हो रही है। आपको बता दें, गोवा पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से इंटरपोल ब्लू नोटिस जारी कराने की सिफारिश की थी।
यह हादसा अरपोरा स्थित ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाम के नाइटक्लब में शनिवार रात हुआ था, जो पणजी से करीब 25 किलोमीटर दूर है। अधिकारियों के मुताबिक दोनों आरोपी थाईलैंड के फुकेत भाग गए हैं।
Failed to arrest them when they were in India. When Indigo failed one and all, it managed to export these two out of the country.
— Sanket Upadhyay (@sanket) December 9, 2025
अब कीजिए नोटिस नोटिस, करते रहिए नोटिस नोटिस, खेलिए नोटिस नोटिस, अल्हुवा नोटिस। https://t.co/aJQtXxh7Fo
इंडिगो ने कहा कि हमें इस घटना पर अफसोस है और अपने कस्टमर्स से माफी मांगते हैं। हम फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) फेज II की चुनौतियों के बारे में DGCA से बात कर रहे थे।
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राज्यसभा में सिविल एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि इंडिगो संकट उसके क्रू रोस्टरिंग और इंटरनल प्लानिंग सिस्टम में समस्याओं के कारण हुआ। इससे यात्रियों को काफी दिक्कतें हुईं। हम इसे हल्के में नहीं लेंगे। जांच जारी है। हम ऐसा एक्शन लेंगे जो दूसरों के लिए मिसाल बने। इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने भी अपनी राय व्यक्त की है।
उन्होंने एक्स हैंडल से एक पोस्ट कर लिखा, सरकार को इसका आभास होना चाहिए कि इंडिगो मामले से उसकी भी भद्द पिटी है। इंडिगो अपनी एकाधिकारी वाली स्थिति का लाभ उठाकर सरकार को ब्लैकमेल करने के साथ लोगों को परेशानी करने में सफल रही। उसे कठोर दंड का भागीदार बनाया जाना चाहिए।
आपको बता दें, इंडिगो फ्लाइट संकट की बीच एयरलाइन ने DGCA की नोटिस का जवाब दिया है। इंडिगो ने कहा कि हमें इस घटना पर अफसोस है और अपने कस्टमर्स से माफी मांगते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) फेज II की चुनौतियों के बारे में DGCA से बात कर रहे थे। एयरलाइन के मुताबिक दिक्कतें दिसंबर की शुरुआत में शुरू हुईं, जब कुछ कारणों की वजह से ऑन-टाइम नेटवर्क परफॉर्मेंस कम हो गया।
सरकार को इसका आभास होना चाहिए कि इंडिगो मामले से उसकी भी भद्द पिटी है। इंडिगो अपनी एकाधिकारी वाली स्थिति का लाभ उठाकर सरकार को ब्लैकमेल करने के साथ लोगों को परेशानी करने में सफल रही। उसे कठोर दंड का भागीदार बनाया जाना चाहिए।
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) December 8, 2025
पीएम ने कहा कि बजाय इसके कि नेहरू मुस्लिम लीग के आधारहीन बयानों को करारा जबाब देते, उसकी निंदा करते, लेकिन उल्टा हुआ। उन्होंने वंदे मातरम् की ही पड़ताल शुरू कर दी।
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पीएम मोदी ने सोमवार को लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने एक घंटे की स्पीच में कहा, वंदे मातरम् अंग्रेजों को करारा जवाब था, ये नारा आज भी प्रेरणा दे रहा। आजादी के समय महात्मा गांधी को भी यह पसंद था। उन्हें यह गीत नेशनल एंथम के रूप में दिखता था।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार और एंकर चित्रा त्रिपाठी ने भी 'वंदे मातरम' गीत को लेकर अपनी यादें सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने एक्स पर लिखा, नर्सरी से कक्षा पांचवीं तक जिस स्कूल (गोरखपुर में) मैंने पढ़ाई की थी वहां स्कूल की छुट्टी होने के पहले एक घंटी बजती और सभी अपनी कक्षा में वन्दे मातरम् के लिये खड़े होकर राष्ट्रगीत गाते।
हर रोज ऐसा होता था तो तक़रीबन स्कूल में पढ़ने वाले हर बच्चे को कंठस्थ था। आज वन्दे मातरम् पर चर्चा के दौरान जब कुछ सांसदों ने कहा कि भले ही पूरा गीत याद ना हो मगर भाव पता है तो मन में ख्याल आया की हर स्कूल में ऐसा किया जा सकता है। बचपन में जो गीत सिखाया जायेगा वो जीवन में कभी नहीं भूलेगा।
आपको बता दें, पीएम मोदी ने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना ने लखनऊ से 15 अक्टूबर 1936 को वंदे मातरम् के खिलाफ नारा बुलंद किया। कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू को अपना सिंहासन डोलता दिखा। पीएम ने कहा कि बजाय इसके कि नेहरू मुस्लिम लीग के आधारहीन बयानों को करारा जबाब देते, उसकी निंदा करते, लेकिन उल्टा हुआ। उन्होंने वंदे मातरम् की ही पड़ताल शुरू कर दी।
नर्सरी से कक्षा पांचवीं तक जिस स्कूल (गोरखपुर में) मैंने पढ़ाई की थी वहां स्कूल की छुट्टी होने के पहले एक घंटी बजती और सभी अपनी कक्षा में वन्दे मातरम् के लिये खड़े होकर राष्ट्रगीत गाते. हर रोज ऐसा होता था तो तक़रीबन स्कूल में पढ़ने वाले हर बच्चे को कंठस्थ था.
— Chitra Tripathi (@chitraaum) December 8, 2025
आज वन्दे मातरम् पर… pic.twitter.com/sOD923TDmK
पूर्णिमा का कहना है कि कई नजरिए और कहानियाँ दर्शकों तक पहुंचना जरूरी हैं। यह पॉडकास्ट हर शनिवार शाम 6 बजे प्रसारित होगा। दर्शकों में इसे लेकर उत्साह दिखाई दे रहा है।
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भारत 24 की प्राइम टाइम एंकर और जानी-मानी पत्रकार पूर्णिमा मिश्रा ने अपना नया पॉडकास्ट शुरू करने का ऐलान किया है, जिसका नाम होगा ‘Poornima Mishra Speaks’। एक्स पर साझा किए गए पोस्ट में उन्होंने लिखा कि कई मुद्दे, कहानियाँ और दृष्टिकोण ऐसे हैं, जिन्हें सीधे दर्शकों तक पहुंचना चाहिए।
इसी सोच के साथ वे यह नया पॉडकास्ट लेकर आ रही हैं। उन्होंने बताया कि इस पॉडकास्ट में राजनीति से लेकर सामाजिक मुद्दों तक हर वह विषय शामिल होगा, जो देश और समाज को प्रभावित करता है। पूर्णिमा ने कहा कि यह मंच उन सवालों को आवाज देगा, जो अक्सर अनसुने रह जाते हैं, और उन कहानियों को सामने लाएगा, जो लोगों को सोचने पर मजबूर करती हैं।
यह पॉडकास्ट हर शनिवार शाम 6 बजे उनके यूट्यूब चैनल पर आएगा और दर्शकों में इसे लेकर अभी से उत्साह देखने को मिल रहा है। पूर्णिमा मिश्रा को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का करीब 17 साल का अनुभव है। पूर्व में वह ‘जी न्यूज‘ (Zee News) में भी लंबे समय तक कार्यरत रही हैं।
मूल रूप से आगरा की रहने वालीं पूर्णिमा मिश्रा की स्कूलिंग और ग्रेजुएशन वहीं से हुई है। उन्होंने आगरा के सेंट जॉन्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली स्थित ‘एनआरएआई स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (NRAI School of Mass Communication) से जर्नलिज्म में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से पूर्णिमा मिश्रा को उनके आगामी सफर के लिए अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं।
आप सबके साथ एक बहुत ख़ुशख़बरी साझा करना चाहती हूँ।
— Poornima Mishra (@poornima_mishra) December 5, 2025
मैं अपना खुद का पॉडकास्ट शुरू करने जा रही हूँ…क्योंकि बहुत-सी बातें… बहुत-सी कहानियाँ… और कई ऐसे नज़रिए हैं
जो आप तक पहुँचने चाहिए।
इस पॉडकास्ट में मैं बात करूँगी—
उन मुद्दों की, जो ज़रूरी हैं…
उन सवालों की, जो अनसुने रह जाते… pic.twitter.com/0oDoRwuED5
एविएशन रेगुलेटर ने कहा कि यह क्लॉज सभी एयरलाइंस के लिए हटा दिया गया है। शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन देशभर में इंडिगो की 700 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुईं।
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एविएशन सेक्टर में कोहराम मचाने वाले फैसले को विमानन रेगुलेटर DGCA ने शुक्रवार को वापस ले लिया। DGCA ने सभी एयरलाइंस को 10 फरवरी तक राहत दी है। इसका सबसे बड़ा फायदा इंडिगो को मिलेगा। उम्मीद है कि हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को जल्द राहत मिल जाएगी।
सरकार के इस निर्णय पर वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने सवाल उठाया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, बड़ा सवाल यह है कि इंडिगो ने सरकार को कैसे दबाव में डाल दिया कि वह उस नियम को वापस ले ले, जिसे लागू करने के लिए एयरलाइन के पास पूरे दो साल थे?
अगर बाकी एयरलाइंस ने नियम का पालन किया, तो फिर सरकारी नीति इंडिगो के लिए अलग छूट क्यों दे? यह बात समझ में नहीं आती और सही नहीं लगती। आपको बता दें, DGCA ने जो नियम वापस ले लिया है, जिसके तहत सरकार ने एयरलाइंस को क्रू के लिए वीकली रेस्ट 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया था।
DGCA ने अब तुरंत प्रभाव से इस नियम को वापस ले लिया है। एविएशन रेगुलेटर ने कहा कि यह क्लॉज सभी एयरलाइंस के लिए हटा दिया गया है। शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन देशभर में इंडिगो की 700 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुईं जिसके कारण एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी मच गई थी।
The big question is why GOI was strong armed by Indigo to rolling back something the airline had two years to prepare for ? If other airlines complied why should government policy create exceptionalism for Indigo ? Doesn’t pass the smell test https://t.co/elYd5bMUCD
— barkha dutt (@BDUTT) December 5, 2025
डीजीसीए द्वारा जारी किए गए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन्स (FDTL) पॉलिसी को फिलहाल तत्काल प्रभाव से अस्थायी तौर पर होल्ड कर दिया गया है, ताकि ऑपरेशंस को स्टेबल किया जा सके।
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देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की उड़ानों में डिले और कैंसलेशन्स की वजह से पैसेंजर्स की परेशानी अपने चरम पर पहुंच चुकी है। करीब 300 फ्लाइट्स के कैंसलेशन के बाद इंडिगो ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशल एयरपोर्ट से सभी फ्लाइ्स को कैंसल कर दिया। पिछले दो दिनों में इंडिगो की 1500 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसल हो चुकी हैं।
इस पुरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने इंडिगो की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, इंडिगो की लापरवाही और गैर-ज़िम्मेदारी की वजह से 'DGCA' को 'FDTL' यानी फ़्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन का फैसला वापस लेना पड़ा, और सबसे ज़्यादा परेशान आम लोग हुए क्योंकि सैकड़ों फ्लाइटें रद्द हो गईं और यात्रियों को भारी दिक्कत झेलनी पड़ी।
क्रू मेंबर को आराम देने का नियम दो साल पहले आया था और इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करना था, लेकिन इंडिगो ढीला बैठा रहा क्योंकि घरेलू विमानन बाजार में उसकी लगभग 60% हिस्सेदारी है और उसे पता था कि हंगामा मचने पर सरकार पीछे हट जाएगी और अंत में वही हुआ।
आपको बता दें, इंडिगो फ्लाइट्स में लगातार हो रही देरी और कैंसिलेशन के बीच सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। डीजीसीए द्वारा जारी किए गए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन्स (FDTL) पॉलिसी को फिलहाल तत्काल प्रभाव से अस्थायी तौर पर होल्ड कर दिया गया है, ताकि ऑपरेशंस को स्टेबल किया जा सके।
#Indigo की नालायकी और बेपरवाही ने #DGCA को #FDTL यानी Flight Duty Time Limitation का फैसला वापस लेने पर मजबूर कर ही दिया. सबसे अधिक कौन पिसा? आम आदमी. कोहराम मचा रहा. सैकड़ों फ्लाइट्स रद्द हुईं और लोग बेहिसाब परेशान रहे. एयरलाइंस कंपनियों में क्रू मेम्बर को आराम देने का नियम…
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) December 5, 2025
मनमोहन सरकार के समय जब राहुल गांधी जी बराक ओबामा से मिले थे, तो ओबामा ने अपनी किताब 'A Promised Land' में क्या लिखा था? कि राहुल गांधी एक नर्वस स्टूडेंट की तरह लगते हैं।
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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि मोदी सरकार विदेशी मेहमानों को विपक्षी नेता से मिलने से रोक रही है, क्योंकि वह खुद को असुरक्षित महसूस करती है। कांग्रेस नेता का यह बयान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से कुछ घंटे पहले ही आया। इस मुद्दे पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने एक टीवी डिबेट में अपनी राय दी हैं।
उन्होंने कहा, जब भी कोई विदेशी मेहमान आता है तो यह उस पर भी निर्भर करता है कि वह किससे मिलना चाहता है और किससे नहीं मिलना चाहता। राहुल गांधी ने भारत दौरे पर आने वाले मलेशिया, मॉरीशस, बांग्लादेश और वियतनाम के कई गणमान्य व्यक्तियों और राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की है।
जहां तक इस मौजूदा मीटिंग की बात है, तो राष्ट्रपति पुतिन बहुत ही कम समय के लिए और संक्षिप्त दौरे पर भारत आए हैं। तो यह सिर्फ भारतीय सरकार का ही अधिकार नहीं है, बल्कि राहुल गांधी से मिलना है या नहीं, यह रूस की सरकार का भी अधिकार है।
मनमोहन सरकार के समय जब राहुल गांधी जी बराक ओबामा से मिले थे, तो ओबामा ने अपनी किताब 'A Promised Land' में क्या लिखा था? कि राहुल गांधी एक नर्वस स्टूडेंट की तरह लगते हैं, जो यह दिखाना चाहता है कि उसे बहुत कुछ पता है।
वह यह दिखाना चाहता है कि हर चीज में महारत हासिल कर ली है, जिसे वह समझ भी नहीं पाता हो। अगर आप चाहते हैं कि राहुल गांधी की राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात होनी चाहिए, तो फिर खड़गे जी क्यों नहीं?
वह भी तो नेता प्रतिपक्ष हैं और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भी हैं, और राहुल गांधी से कहीं अधिक वरिष्ठ भी हैं। इसलिए मैं कहता हूं कि प्रतिष्ठा केवल आग्रह करके नहीं पायी जाती है, प्रतिष्ठा अर्जित करनी पड़ती है और यह आपके आचरण व कार्यों से हासिल होती है।
जब भी कोई विदेशी मेहमान आता है तो यह उस पर भी निर्भर करता है कि वह किससे मिलना चाहता है और किससे नहीं मिलना चाहता। राहुल गांधी ने भारत दौरे पर आने वाले मलेशिया, मॉरीशस, बांग्लादेश और वियतनाम के कई गणमान्य व्यक्तियों और राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की है।
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) December 4, 2025
जहां तक इस मौजूदा मीटिंग… pic.twitter.com/LEb48HYaOc
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा पर, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि यह बेहद महत्वपूर्ण है। यह एक महत्वपूर्ण रिश्ता है, और लंबे समय से रहा है।
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने बहुप्रतीक्षित भारत दौरे पर पहुंच चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रही यह यात्रा चार साल बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा है। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग, व्यापार को बाहरी दबावों से बचाने और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों में साझेदारी पर खास ध्यान दिया जाएगा।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार गौरव सावंत ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, यूरोपीय देशों की भूमिका कमज़ोर दिख रही है, रूस की नहीं। अमेरिका भी किसी समाधान के लिए रूस से बातचीत कर रहा है। इन तस्वीरों में भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच की करीबी रिश्तेदारी साफ़ दिखाई देती है।
दोनों नेता और दोनों देश के लोग इस संबंध को बहुत महत्व देते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश भी साफ़ है कि पश्चिमी देश हमें अपनी शर्तें नहीं थोप सकते। आपको बता दें, पुतिन की यह यात्रा भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर हो रही है। यह साझेदारी अक्टूबर 2000 में शुरू हुई थी। दिसंबर 2010 में इसे बढ़ाते हुए ‘स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ का दर्जा दिया गया था।
European nations appear sidelined not Russia.
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) December 4, 2025
US engaging with Russia for a solution.
These pictures speak a thousand words on the close bond between @PMOIndia & @KremlinRussia_E.
Both leaders & people treasure the ties.
* PM @narendramodi clear West will not dictate terms to us. pic.twitter.com/XTgPfQOutH
इंटरनेशनल क्रिकेट में मोहित शर्मा को टीम इंडिया की तरफ से वनडे और टी20 में खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 26 वनडे मैचों में 32.9 के औसत से कुल 31 विकेट हासिल किए।
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भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहित शर्मा ने क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। उन्होंने 2015 में अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था, जिसके बाद वे टीम इंडिया की ओर से दोबारा नहीं उतरे। हालांकि घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में वे लगातार सक्रिय रहे। इस जानकारी के सामने आने के बाद खेल पत्रकार विक्रांत गुप्ता ने मोहित शर्मा को भविष्य के लिए बधाई दी।
उन्होंने एक्स पर लिखा, मोहित शर्मा ने क्रिकेट के सभी फ़ॉर्मेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। वह वर्ल्ड कप खेलने वाले खिलाड़ी रहे हैं और टी20 क्रिकेट में डेथ ओवरों के शानदार गेंदबाज़ के रूप में उन्होंने अपनी पहचान बनाई। मोहित में एक अच्छे कोच बनने की समझ और अंदाज़ दोनों हैं। मोहित को भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएँ।
आपको बता दें, अगले आईपीएल सीज़न से पहले होने वाली नीलामी से पहले फ्रेंचाइज़ी 'दिल्ली कैपिटल्स' द्वारा उन्हें टीम से रिलीज़ कर दिया गया, जिसके बाद अब उन्होंने सभी फॉर्मेट से विदाई लेने का फैसला किया है।
इस फैसले के साथ मोहित शर्मा का एक यादगार क्रिकेट सफर औपचारिक रूप से समाप्त हो गया। इंटरनेशनल क्रिकेट में मोहित शर्मा को टीम इंडिया की तरफ से वनडे और टी20 में खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 26 वनडे मैचों में 32.9 के औसत से कुल 31 विकेट हासिल किए।
Mohit Sharma has announced retirement from all forms of the game. A World Cupper, someone who turned into a brilliant death-over T20 specialist, Mohit has the brains and vibe to be a good coach.
— Vikrant Gupta (@vikrantgupta73) December 3, 2025
Best wishes Mohit