तुलसी गबार्ड की मां कैरोल गबार्ड का झुकाव हिंदू धर्म की तरफ था। उन्होंने अपने बच्चों के हिंदू नाम रखे हैं। किशोरवस्था में आते-आते तुलसी ने पूरी तरह से हिंदू धर्म को अंगीकार कर लिया।
अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को घोषणा करते हुए कहा कि, उन्होंने तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर के रूप में चुना है। हिंदू धर्म की परंपराओं और रीति रिवाज में गहरी आस्था रखने वाली गबार्ड ना सिर्फ भारत और अमेरिका के मौजूदा रणनीतिक रिश्तों को और ज्यादा प्रगाढ़ बनाने की प्रबल समर्थक रही हैं बल्कि समय-समय पर वह हिंदू हितों की बात भी खुल कर रखती रही हैं।
इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र चौबे ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, सबसे लंबे समय तक, जिसने भी न्यूयॉर्क में कुछ समय बिताया है, उसने न्यूयॉर्क शहर के पुराने हिस्सों में कृष्ण भक्तों की भीड़ देखी होगी।
कुछ समय से एक गौरवान्वित हिंदू रहा हूं। उनकी भारत यात्राओं को खूब सराहा गया। भारत के लिए महान क्षण। आपको बता दें, तुलसी गबार्ड की मां कैरोल गबार्ड का झुकाव हिंदू धर्म की तरफ था। उन्होंने अपने बच्चों के हिंदू नाम रखे हैं।
किशोरवस्था में आते-आते तुलसी ने पूरी तरह से हिंदू धर्म को अंगीकार कर लिया। अमेरिका में जब हिंदू धर्म स्थलों पर हमला हुआ तो उन्होंने इसका विरोध किया। हाल ही में जब बांग्लादेश में मंदिरों पर हमलों को लेकर भी इंटरनेट मीडिया पर आवाज बुलंद की।
For the longest time , anyone who has spent some time in NYC would have noticed hordes of Krishna devotees thronging older parts of New York City. @TulsiGabbard has been a proud Hindu for a while. Her trips to India have all been well received. Great moment for India. https://t.co/ZESTQ2BAqK
— bhupendra chaubey (@bhupendrachaube) November 14, 2024
भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सरकार कैसे लगातार तीसरी बार सत्ता में आई, कैसे अपेक्षाकृत उसकी सीटें कम रह गईं, कुछ बातें अब भी सामने नहीं आ पाई हैं।
‘पंजाब केसरी’ ग्रुप के हिंदी अखबार 'नवोदय टाइम्स' के एडिटर अकु श्रीवास्तव किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। देश के बड़े पत्रकारों में उनकी गिनती होती है। उन्होंने न सिर्फ पत्रकारिता बल्कि लेखन के क्षेत्र में भी अच्छी प्रसिद्धि प्राप्त की है। अकु श्रीवास्तव की नई किताब भी अब जल्द आ रही है। इस बात की जानकारी उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिये दी है।
उन्होंने लिखा, यों तो नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के 6 महीने से ज्यादा बीत गए हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सरकार कैसे लगातार तीसरी बार सत्ता में आई, कैसे अपेक्षाकृत उसकी सीटें कम रह गईं, कुछ बातें अब भी सामने नहीं आ पाई हैं।
चुनावों के दौरान कैसे संविधान के नाम पर उसके खिलाफ भावनाओं को भड़काने का काम किया गया, यह अब सब कुछ धीरे-धीरे साफ हो रहा है। विश्लेषक अलग-अलग तरीके से इनको विश्लेषित कर रहे हैं। लेकिन असली खेल तो चुनावों के बाद के 6 महीनों में ही हो गया।
पहले हरियाणा चुनाव, जिसे भारतीय जनता पार्टी के लिए हारी हुई बाजी माना जा रहा था, वहां लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने दम पर सत्ता पर आ गई और उसके 2 महीने के भीतर ही देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र की सत्ता भी उसके पास दूसरी बार आ गई।
झारखंड का चुनाव जिसको भाजपा के लिए आसान समझा जा रहा था, वहां की सत्ता उसके हाथ से फिसल गई। सरकार संभालने के 6 महीनों में नरेंद्र मोदी ने गठबंधन की नई इबारत लिखने की कोशिश की। कई भ्रम को तोड़ा।
इन्हीं सब मुद्दों पर प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित मेरी नई किताब 'मोदी 3.0 और आगे: पटरी पर साख' आपके सामने अगले हफ्ते तक होगी। विमोचन समारोह दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में होना तय हुआ है और वहां आपको कुछ चर्चित और महत्वपूर्ण हस्तियों से बातचीत का मौका भी मिलेगा।
आईआईएमसी में पढ़ाई के दौरान एक ही सपना था कि किसी प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान से जुड़ जाएं और जबर काम करें। इंटर्नशिप के दौरान ही अमर उजाला जैसे बड़े संस्थान में नौकरी लग गई।
देश के जाने माने टीवी पत्रकार शरद शर्मा ने 17 साल के बाद एनडीटीवी को अलविदा कह दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये बताया था कि वो अब अपना खुद का डिजिटल चैनल शुरू कर रहे हैं। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार विक्रांत यादव ने भी शरद शर्मा के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है।
इस बात की जानकारी उन्होंने खुद अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट करके दी है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, आईआईएमसी में पढ़ाई के दौरान एक ही सपना था कि किसी प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान से जुड़ जाएं और जबर काम करें। इंटर्नशिप के दौरान ही अमर उजाला जैसे बड़े संस्थान में नौकरी लग गई।
अपने बैच में सबसे पहले नौकरी मिली थी। जितनी ख़ुशी पहली नौकरी मिलने पर हुई थी, पच्चीस साल नौकरी करने के बाद उसे छोड़ने पर तब के मुक़ाबले कई गुना संतोष हो रहा है। लग रहा है कि अब आगे का सफ़र थोड़ा मुश्किल लेकिन सुकून भरा होगा। आगे उन्होंने बताया कि 'The Swatantra' के साथ वो जुड़ रहे हैं। समाचार4मीडिया की टीम की ओर से विक्रांत यादव को अनेक बधाई।
IIMC में पढ़ाई के दौरान एक ही सपना था कि किसी प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान से जुड़ जाएं और जबर काम करें. इंटर्नशिप के दौरान ही अमर उजाला जैसे बड़े संस्थान में नौकरी लग गई. अपने बैच में सबसे पहले नौकरी मिली थी.
— VIKRANT YADAV (@ReporterVikrant) December 4, 2024
जितनी ख़ुशी पहली नौकरी मिलने पर हुई थी, पच्चीस साल नौकरी करने के बाद…
ये लोग मेरे वीडियो इस्तेमाल करते हैं, उन पर AI से मेरी जैसी आवाज़ लगाते हैं, पर वो आवाज़ मेरी नहीं है। मैं कोई दवाई नहीं बेचता। किसी शुगर की दवा को प्रचारित नहीं करता।
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने कल सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बताया कि वो डीपफेक का शिकार हो रहे हैं। दरअसल उनके वीडियो और आवाज का इस्तेमाल करके लोग नकली दवाई बेच रहे हैं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, आजकल नकली दवाईयां बेचने वाले मेरे कई फेक वीडियो पोस्ट करते हैं।
ये डीपफेक हैं, फ़र्ज़ी हैं। ये लोग मेरे वीडियो इस्तेमाल करते हैं, उन पर AI से मेरी जैसी आवाज़ लगाते हैं, पर वो आवाज़ मेरी नहीं है। मैं कोई दवाई नहीं बेचता। किसी शुगर की दवा को, किसी वजन घटाने की दवा को, किसी घुटनों के दर्द की दवा को प्रचारित नहीं करता। ये सारे वीडियो झूठे हैं। इन पर विश्वास न करें।
मैंने साइबर क्राइम सेल में शिकायतें की हैं, पुलिस में शिकायत भी दी है। हाई कोर्ट में केस भी किया है लेकिन एक वीडियो हटवाते हैं, तो दूसरा आ जाता है। कभी अमिताभ बच्चन के साथ, तो कभी डॉ नरेश त्रेहन के साथ। ये सारे फेक है, फर्ज़ी हैं। इनको एक्सपोज करने में मुझे आपकी मदद चाहिए। आपको कहीं ऐसे फ़र्ज़ी वीडियो दिखाई दें, तो मुझे 9350593505 पर फौरन सूचित करें।
आजकल नकली दवाईयां बेचने वाले मेरे कई fake videos पोस्ट करते हैं. ये DeepFake हैं, फ़र्ज़ी हैं. ये लोग मेरे video use करते हैं, उन पर AI से मेरी जैसी आवाज़ लगाते हैं, पर वो आवाज़ मेरी नहीं है. मैं कोई दवाई नहीं बेचता. किसी Diabetes की दवा को, किसी Weight Loss की दवा को, किसी…
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) December 4, 2024
पद पर रहते किसी उपराष्ट्रपति ने शायद, अपनी सरकार से पहली बार इतने कड़े सवाल पुछे और कृषि मंत्री से मंच पर ही समस्या के निदान के लिए आग्रह किया।
किसान आंदोलन को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सीधे केंद्र सरकार से सवाल उठाए हैं। उन्होंने मंगलवार को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सीधा सवाल पूछा कि आखिर किसानों से जो लिखित में वादे किए गए गए थे, उनका क्या हुआ। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर अपनी राय दी।
उन्होंने एक्स पर लिखा, उपराष्ट्रपति ने बातें काफ़ी गंभीरता से सामने रखते हुए, सरकार से किसानों की समस्याओं के निवारण और किसानों की मदद की गुहार लगाई है। पद पर रहते किसी उपराष्ट्रपति ने शायद, अपनी सरकार से पहली बार इतने कड़े सवाल पुछे और कृषि मंत्री से मंच पर ही समस्या के निदान के लिए आग्रह किया।
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने तो पद से हटने के बाद किसानों के मुद्दे पर सरकार पर सवाल उठाये थे। किसानों की समस्या वास्तविक है। ये किसी एक सरकार की वजह से नहीं है। लेकिन समस्या का समाधान निकालने वाली तो कोई एक सरकार ही होगी, तो मौजूदा सरकार क्यों नहीं?
आपको बता दें, उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है। इसके आगे वह कहते हैं कि मान कर चलिए अपने रास्ता भटक गए हैं। हम उस रास्ते पर गए हैं जो खतरनाक है।
उपराष्ट्रपति ने बातें काफ़ी गंभीरता से सामने रखते हुए, सरकार से किसानों कि समस्याओं के निवारण और किसानों कि मदद कि गुहार लगाई है।
— Ajay Kumar (@AjayKumarJourno) December 4, 2024
पद पर रहते किसी उपराष्ट्रपति ने शायद, अपनी सरकार से पहली बार इतने कड़े सवाल पुछे और कृषि मंत्री से मंच पर ही समस्या के निदान के लिए आग्रह किया।… https://t.co/TkO5u24tBU
बांग्लादेश में जो लोग प्रताड़ित हो रहे हैं वो हिंदू हैं और हिंदुओं के लिए दुनिया में 56 या 57 देश नहीं हैं। उनके लिए सिर्फ भारत हैं। उनकी उम्मीदें सिर्फ भारत पर टिकी है।
बांग्लादेश में हिंदुओं और इस्कॉन पुजारियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को देखते हुए इस्कॉन कोलकाता ने हिंदुओं और पुजारियों को एक सलाह दी है कि वे तिलक मिटा दें और तुलसी की माला छिपा लें, अपना सिर ढक लें और भगवा पहनने से बचें। जानकारी के मुताबिक हिंदुओं पर हमले बढ़ते ही जा रहे हैं।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अमिश देवगन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी बात रखी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, बांग्लादेश में जो लोग प्रताड़ित हो रहे हैं वो हिंदू हैं और हिंदुओं के लिए दुनिया में 56 या 57 देश नहीं हैं। उनके लिए सिर्फ भारत हैं। उनकी उम्मीदें सिर्फ भारत पर टिकी है। ऐसे में भारत को बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए अब जल्द से जल्द खड़ा हो जाना चाहिए, क्योंकि हिंदुओं की जान की भी कीमत है।
आपको बता दें, बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की चुप्पी निंदनीय है। तख्ता पलट के बाद से नई सरकार हिंदुओं पर अत्याचार रोकने पर पूरी तरह से नाकाम रही है। बांग्लादेश में चिन्मय दास प्रभु समेत कई पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। राधारमण दास ने ये भी दावा किया कि चिन्मय दास के वकील रमण रॉय को इतना पीटा गया कि वह आईसीयू में जिंदगी मौत की जंग लड़ रहे हैं।
बांग्लादेश में जो लोग प्रताड़ित हो रहे हैं वो हिंदू हैं...और हिंदुओं के लिए दुनिया में 56 या 57 देश नहीं हैं। उनके लिए सिर्फ भारत हैं। उनकी उम्मीदें सिर्फ भारत पर टिकी है। ऐसे में भारत को बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए अब जल्द से जल्द खड़ा हो जाना चाहिए, क्योंकि #HINDU LIVES MATTER pic.twitter.com/Co2j06brQH
— Amish Devgan (@AMISHDEVGAN) December 3, 2024
अवध ओझा मोटिवेशनल स्पीकर हैं और यूपीएससी के अभ्यर्थियों को पढ़ाते हैं। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार सुमित अवस्थी ने भी अवध ओझा को आम आदमी पार्टी में शामिल होने की बधाई दी है।
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मोटिवेशनल स्पीकर और शिक्षक अवध ओझा को पार्टी में शामिल कराया है। उनके लंबे समय से इस पार्टी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे। अवध ओझा मोटिवेशनल स्पीकर हैं और यूपीएससी के अभ्यर्थियों को पढ़ाते हैं।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार सुमित अवस्थी ने भी अवध ओझा को आम आदमी पार्टी में शामिल होने की बधाई दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, शुभकामनायें स्वीकार करें सर अवध ओझा जी। राजनीति में आने की आपकी तमन्ना आखिर पूरी हो गई। अब आगे के सफर में सफलता आपके कदम चूमे। आज तक आप अपने छात्रों को 'ऑल दी बेस्ट' बोलते थे। आज हमारा 'ऑल दी बेस्ट' स्वीकार करिये।
आपको बता दें, पार्टी में शामिल कराने के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अवध ओझा का योगदान शिक्षा के क्षेत्र में काफी अतुलनीय है। उनके पार्टी में शामिल से देश का बड़ा फायदा होगा। उनके आने से पार्टी को भी मजबूती मिलेगी। दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतरने के बारे में पूछे जाने पर ओझा ने कहा कि मैं अब आम आदमी पार्टी का हिस्सा हूं। आम आदमी पार्टी जो निर्देश देगी उसके तहत काम करूंगा।
23 नवंबर को सायन घोष अपने दोस्त से मिलने ढाका गए थे। लेकिन 26 नवंबर को जब वह भारत लौटने की तैयारी कर रहे थे। उन्हें हिंदू धर्म के कारण हिंसक हमले का सामना करना पड़ा।
पड़ोसी देश बांग्लादेश में शेख हसीन की सत्ता जाने के बाद शुरू हुआ हिंसा का दौर लगातार जारी है। भारत से बांग्लादेश घूमने गए एक शख्स ने वहां की दास्तान बयां की है। 23 नवंबर को सायन घोष अपने दोस्त से मिलने ढाका गए थे। लेकिन 26 नवंबर को जब वह भारत लौटने की तैयारी कर रहे थे। उन्हें हिंदू धर्म के कारण हिंसक हमले का सामना करना पड़ा।
इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर लिखा, सयान घोष और प्रतिमा दास दो भारतीय नागरिक हैं जिन्होंने बांग्लादेश का दौरा किया। दोनों सदमे में वापस आये हैं। घोष को चाकू मार दिया गया और प्रतिमा को परेशान किया गया।
दोनों का कहना है कि बांग्लादेश में जातीय सफाए के लिए हिंदुओं को चिह्नित किया गया है। उनकी कहानियाँ अवश्य बताई जानी चाहिए। और अवश्य सुना जाना चाहिए। एक भारतीय इकोसिस्टम जिसने हिंदू नरसंहार को कम आँका है, उनके हाथ खून से रंगे हैं।
आपको बता दें, घोष को स्थानीय अधिकारियों और चिकित्सा सेवाओं से पर्याप्त सहायता नहीं मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश की आपातकालीन सेवाओं ने उनकी मदद करने के बजाय उन पर ही आरोप लगाए। किसी भी पुलिस स्टेशन ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की।
Sayan Ghosh and Pratima Das are two Indian citizens who visited Bangladesh. Both have come back traumatized. Ghosh was stabbed and Pratima harassed. Both say that Hindus are marked out for ethnic cleansing in Bangladesh. Their stories must be told. And must be heard. The Indian… pic.twitter.com/Nau57y2fFd
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) December 2, 2024
इस आयोजन का मुख्य आकर्षण यह था कि यह राजनीति से परे समाज के लिए समर्पित था। राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक मुद्दों पर संवाद करना एक बहुत बड़ी बात है।
सड़क सुरक्षा के महत्व को बताने और लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म ‘न्यूजनशा’ (NewsNasha) ने 30 नवंबर को लखनऊ में एक विशेष कार्यक्रम 'Value Life , Drive Safe' का आयोजन किया। लखनऊ के इकाना स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हिस्सा लिया और खुलकर चर्चा की।
इस बीच न्यूज़ नशा की संस्थापक विनीता यादव ने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट की और सबका आभार प्रकट किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ईकाना स्टेडियम, लखनऊ में आयोजित हमारा इवेंट एक ऐतिहासिक पहल थी, जिसने समाज में एक नई दिशा और प्रेरणा प्रदान की।
इस अनोखे आयोजन को सफल बनाने में आप सभी का योगदान अतुलनीय है। NewsNasha की संस्थापक के रूप में, मैं अपने दर्शकों, समर्थकों और विशेष रूप से इवेंट में उपस्थित सभी लोगों का तहे दिल से आभार व्यक्त करती हूं। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव जी की उपस्थिति ने इसे और भी खास बना दिया।
इन दोनों दिग्गजों ने छात्रों के साथ अपने बहुमूल्य विचार साझा किए, जो राजनीति से परे सामाजिक सरोकार पर केंद्रित थे। यह देखना अद्भुत था कि नेता अपने व्यस्त राजनीतिक कार्यक्रम से समय निकालकर समाज और सड़क सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने आए।
इस आयोजन का मुख्य आकर्षण यह था कि यह राजनीति से परे समाज के लिए समर्पित था। राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक मुद्दों पर संवाद करना एक बहुत बड़ी बात है। सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने और बच्चों को यह सिखाने के लिए कि दूसरों की जान कैसे बचाई जा सकती है, यह कार्यक्रम एक मील का पत्थर साबित हुआ।
मुझे गर्व है कि NewsNasha ने इस दिशा में नेतृत्व करते हुए एक ऐतिहासिक कदम उठाया। आप सभी के समर्थन ने यह संभव किया। आइए, हम सब मिलकर समाज के लिए इसी तरह के सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम करते रहें।
प्रिय दर्शकों और लखनऊ इवेंट में भाग लेने वाले सभी साथी
— Vineeta Yadav (@vineetanews) December 2, 2024
ईकाना स्टेडियम, लखनऊ में आयोजित हमारा इवेंट एक ऐतिहासिक पहल थी, जिसने समाज में एक नई दिशा और प्रेरणा प्रदान की। इस अनोखे आयोजन को सफल बनाने में आप सभी का योगदान अतुलनीय है। NewsNasha की संस्थापक के रूप में, मैं अपने दर्शकों,… pic.twitter.com/AppxWEo5Ay
17 साल NDTV में काम किया। जीवन मे NDTV के अलावा किसी और चैनल में काम करने का कभी सोचा ही नहीं। चाहे हालात कैसे भी हुए।
देश के जाने माने टीवी पत्रकार शरद शर्मा ने 17 साल के बाद एनडीटीवी को अलविदा कह दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये यह जानकारी दी है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, पत्रकारिता की पढ़ाई के दिनों से ही देश के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल NDTV में काम करने का सपना था और 2007 में सपना पूरा हुआ।
17 साल NDTV में काम किया। जीवन मे NDTV के अलावा किसी और चैनल में काम करने का कभी सोचा ही नहीं। चाहे हालात कैसे भी हुए, लेकिन पिछले 2 सालों से एक अजीब सी कशमकश में था। दिल कुछ कह रहा था, दिमाग कुछ और। ख़ुद से लंबे वैचारिक संघर्ष के बाद मैंने अपने दिल की बात सुन ली है।
आख़िरकार मैंने NDTV छोड़ दिया है। स्वतंत्र हो गया हूं और खुले मैदान में आ गया हूं। थोड़ा आसान और थोड़ा आराम वाला जीवन छोड़कर संघर्ष का रास्ता चुन लिया है। The Swatantra के नाम से आपका अपना Youtube चैनल शुरू किया है, जिसमें आपका सहयोग नहीं भागीदारी चाहिए। शरद शर्मा ने अब टीवी पत्रकारिता को छोड़कर अपना खुद का डिजिटल चैनल शुरू कर दिया है।
समाचार4मीडिया की टीम की ओर से शरद शर्मा को अनेक बधाई।
पत्रकारिता की पढ़ाई के दिनों से ही सपना था देश के प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल NDTV में काम करने का
— Sharad Sharma (@sharadsharma1) December 2, 2024
2007 में सपना पूरा हुआ, 17 साल NDTV में काम किया
जीवन मे NDTV के अलावा किसी और चैनल में काम करने का कभी सोचा ही नहीं...चाहे हालात कैसे भी हुए
लेकिन पिछले 2 सालों से एक अजीब सी कश-म-कश…
Waves का उद्घाटन गोवा में आयोजित 55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू की उपस्थिति में किया।
डिजिटल स्ट्रीमिंग सेक्टर में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पब्लिक ब्रॉडकास्टर प्रसार भारती ने हाल ही में अपना नया ओवर-द-टॉप (OTT) स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, वेव्स लॉन्च किया है। इसे देश भर के दर्शकों की एक बड़ी रेंज को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अदिति त्यागी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर लिखा, केवल परिवर्तन ही स्थायी है। बदलते समय के साथ तालमेल बिठाते हुए, यह देखकर खुशी होती है कि हमारा प्रसार भारती ओटीटी प्लेटफॉर्म 'WAVES' लेकर आया है। आइए आशा करें कि 'मेक इन इंडिया' उत्पाद इस क्षेत्र में वैश्विक लीडर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होगा। जय हिन्द।
आपको बता दें, Waves का उद्घाटन गोवा में आयोजित 55वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू की उपस्थिति में किया। इस ऐप में भारतीय संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने वाली कहानियां शामिल हैं।
यह 12+ भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तेलुगु, तमिल, गुजराती, पंजाबी, असमिया) में उपलब्ध है। यह 10+ शैलियों (Genres) में इन्फोटेनमेंट कंटेंट प्रदान करता है। ओटीटी प्लेटफॉर्म का टारगेट एक वन-स्टॉप कॉम्प्रेहेंसिव एंटरटेनमेंट सॉल्यूशन के तौर पर स्थापित होना है। जो 65 से ज्यादा लाइव चैनल, फिल्में, इंटरैक्टिव गेम्स, लाइव इवेंट के साथ-साथ ऑनलाइन शॉपिंग ऑफर करेगा।
Change is the only constant. Keeping pace with the changing times, it is heartwarming to see that our Prasar Bharti has come up with the OTT platform #WAVES. Let’s hope that ‘Make In India’ product stands shoulder to shoulder with the global leaders in the domain. Jai Hind
— aditi tyagi (@aditi_tyagi) December 1, 2024