अगर कोई यूज़र अपग्रेड नहीं करता, तो 5GB की सीमा पूरी होने पर ऐप हाल की Snaps को अपने आप डिलीट कर देगा और केवल सबसे पुरानी Snaps सुरक्षित रखेगा।
स्नैपचैट अब अपनी पुरानी यादों यानी 'Memories फीचर' पर कीमत लगाने जा रहा है। करीब एक दशक बाद कंपनी ने यह घोषणा की है कि अब यूज़र्स को अनलिमिटेड क्लाउड स्टोरेज नहीं मिलेगा। नई नीति के तहत, मुफ्त स्टोरेज की सीमा 5GB तय की गई है। यानी जो भी यूज़र इस लिमिट से अधिक डेटा सेव करेंगे, उन्हें या तो अपनी पुरानी यादें एक्सपोर्ट करनी होंगी या फिर पेड स्टोरेज प्लान लेना होगा।
कंपनी ने बताया कि नया बेस प्लान $1.99 (लगभग ₹165) प्रति माह की दर से 100GB स्टोरेज देगा। वहीं, 'Snapchat+ यूज़र्स' जो पहले से $3.99 मासिक सब्सक्रिप्शन लेते हैं, उन्हें 250GB की जगह मिलेगी। सबसे प्रीमियम 'Snapchat Platinum' प्लान ($15.99/माह) में यूज़र्स को पूरे 5TB तक की स्टोरेज मिलेगी।
अगर कोई यूज़र अपग्रेड नहीं करता, तो 5GB की सीमा पूरी होने पर ऐप हाल की Snaps को अपने आप डिलीट कर देगा और केवल सबसे पुरानी Snaps सुरक्षित रखेगा। कंपनी 12 महीने की 'grace period' भी दे रही है, जिसमें अतिरिक्त डेटा अस्थायी रूप से सेव रहेगा।
कई यूज़र्स अब अपनी 'Memories' को मैन्युअल रूप से एक्सपोर्ट करने लगे हैं, ताकि पेड प्लान से बचा जा सके। स्नैपचैट की एक्सपोर्ट सुविधा के ज़रिए एक बार में 100 फोटो या वीडियो कैमरा रोल में सेव किए जा सकते हैं। इसके अलावा, 'Download My Data' विकल्प से यूज़र्स अपनी पूरी मेमोरी आर्काइव .zip फाइल के रूप में ईमेल पर डाउनलोड कर सकते हैं।
यूज़र्स की एक और गलतफहमी दूर करने के लिए इंस्टाग्राम ने पोस्ट के साथ दिखने वाले प्रोफाइल फोटो हटा दिए हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि लोकेशन टैग का मतलब लाइव लोकेशन नहीं है।
इंस्टाग्राम ने अपने इंटरएक्टिव मैप फीचर को अब भारत में भी लॉन्च कर दिया है। इस फीचर के साथ कंपनी ने लोकेशन शेयरिंग से जुड़ी पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नए नियंत्रण और संकेतक भी जोड़े हैं। अगस्त में अमेरिका और कनाडा में फीचर लॉन्च होने के बाद कई यूज़र्स को यह गलतफहमी हुई थी कि लोकेशन अपने आप साझा हो रही है।
तब इंस्टाग्राम प्रमुख एडम मोसेरी ने स्पष्ट किया था कि लोकेशन केवल तभी दिखाई देती है जब यूज़र खुद उसे ऑन करते हैं। अब कंपनी ने यूज़र्स की सुविधा के लिए मैप पर एक नया लेबल जोड़ा है, जिससे तुरंत पता चलेगा कि लोकेशन शेयरिंग चालू है या बंद।
इसके अलावा, डीएम पेज के नोट्स सेक्शन में प्रोफाइल फोटो के नीचे भी यह संकेत मिलेगा कि लोकेशन शेयरिंग डिसेबल है। यूज़र्स की एक और गलतफहमी दूर करने के लिए इंस्टाग्राम ने पोस्ट के साथ दिखने वाले प्रोफाइल फोटो हटा दिए हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि लोकेशन टैग का मतलब लाइव लोकेशन नहीं है। साथ ही, अब पोस्ट, स्टोरी या रील डालने से पहले यूज़र्स को यह दिखाया जाएगा कि उनका कंटेंट मैप पर कैसे नजर आएगा।
100 दिनों के अंदर 100 नेता और अधिकारियों को जेल भेजा जाएगा। उन्होंने सम्राट चौधरी और अशोक चौधरी पर जल्द बड़े खुलासे करने की बात कही। किशोर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई डील नहीं की है।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। भारत समाचार चैनल के एडिटर-इन-चीफ ब्रजेश मिश्रा को दिए विशेष इंटरव्यू में उन्होंने बड़े खुलासे किए। प्रशांत किशोर ने कहा कि सत्ता में आने पर पहला फैसला बिहार में शराबबंदी कानून को समाप्त करना होगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ईमानदार बताया, लेकिन उनके आसपास के लोगों को भ्रष्टाचारी करार दिया। किशोर ने दावा किया कि सत्ता हासिल करने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। 100 दिनों के अंदर 100 नेता और अधिकारियों को जेल भेजा जाएगा।
उन्होंने सम्राट चौधरी और अशोक चौधरी पर जल्द बड़े खुलासे करने की बात कही। किशोर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई डील नहीं की है और भ्रष्टाचारियों की नींद हराम हो चुकी है। यह इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैं। किशोर की ये टिप्पणियां बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई हैं। आप इस लिंक पर क्लिक करके पूरा इंटरव्यू देख सकते हैं।
बिहार के बेगूसराय निवासी अजीत स्वतंत्र पत्रकार और लेखक हैं, जो 'एबी4के मीडिया' के तहत राजनीतिक, सामाजिक और न्यायिक मुद्दों पर व्यंग्यपूर्ण कंटेंट बनाते हैं।
नोएडा पुलिस ने मंगलवार को यूट्यूबर और कंटेंट क्रिएटर अजीत भारती से पूछताछ की। यह पूछताछ भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई पर उनके सोशल मीडिया टिप्पणियों के संबंध में थी, जो सुप्रीम कोर्ट में एक वकील द्वारा सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश से जुड़ी थी।
पुलिस ने स्पष्ट किया कि अजीत को गिरफ्तार नहीं किया गया, केवल पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उन्हें पहले सेक्टर-58 थाने ले जाया गया, फिर डीसीपी कार्यालय में तीन घंटे पूछताछ हुई। शाम 4:30 बजे उन्हें रिहा कर दिया गया। एडीसीपी सुमित शुक्ला ने गिरफ्तारी की अफवाहों का खंडन किया।
अजीत ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "मैं ठीक हूं, न गिरफ्तारी हुई, न हिरासत में हूं।" बिहार के बेगूसराय निवासी अजीत स्वतंत्र पत्रकार और लेखक हैं, जो 'एबी4के मीडिया' के तहत राजनीतिक, सामाजिक और न्यायिक मुद्दों पर व्यंग्यपूर्ण कंटेंट बनाते हैं। उनकी टिप्पणियों के कारण दो बार अवमानना कार्यवाही का सामना करना पड़ा।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकती है। महागठबंधन को तालमेल की कमी और सीट बंटवारे में खींचतान से नुकसान हो सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच 'IANS-Matrize' द्वारा किए गए ताजा ओपिनियन पोल ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। इस पोल के अनुसार, एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) को 49% वोट शेयर हासिल हो सकता है, जो महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-वामपंथी गठबंधन) के 36% से 13% अधिक है। अन्य पार्टियों को 15% वोट शेयर मिलने का अनुमान है। यह पोल दर्शाता है कि एनडीए को 243 सीटों वाली विधानसभा में 150-160 सीटें मिल सकती हैं, जो बहुमत के आंकड़े (122) से कहीं अधिक है।
ओपिनियन पोल के अनुसार, 2025 में NDA को 150-160 सीटें मिल सकती हैं, जबकि महागठबंधन 70-85 सीटों पर सिमट सकता है। अन्य पार्टियों और निर्दलीयों को 9-12 सीटों का लाभ मिलने की संभावना है। पिछली बार 2020 में NDA को 125 सीटें और महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं।
चुनाव आयोग ने 6 नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान की तारीखें तय की हैं, जबकि 14 नवंबर को मतगणना होगी। पोल के परिणामों से एनडीए, खासकर बीजेपी और जेडीयू, में उत्साह है, जबकि विपक्ष इसे 'प्रायोजित' बता रहा है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकती है। महागठबंधन को तालमेल की कमी और सीट बंटवारे में खींचतान से नुकसान हो सकता है।
भले ही मांझी-पासवान सरीखे नेता अपनी मांगों पर अड़े हैं, लेकिन बीजेपी के सामने घुटने टेक ही देंगे। आरजेडी और कांग्रेस के बीच 'जिसकी लाठी उसकी भैंस' चल रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने दो चरणों में मतदान की घोषणा की है। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा 11 नवंबर को। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। कुल 243 सीटों पर चुनाव होंगे, और मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट तुरंत लागू हो गया है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, बिसात बिछ चुकी है बिहार में। लेकिन दोनों खेमों में सीटों के बंटवारे को लेकर ठीक-ठाक खींचतान जारी है। चुनावों के लिए एनडीए ज्यादा तैयार दिख रहा है।
भले ही मांझी-पासवान सरीखे नेता अपनी मांगों पर अड़े हैं, लेकिन बीजेपी के सामने घुटने टेक ही देंगे। आरजेडी और कांग्रेस के बीच 'जिसकी लाठी उसकी भैंस' चल रहा है। तालमेल बिठाना आसान नहीं होगा। दोनों खेमों में बागी उम्मीदवारों से जबरदस्त चोट लगेगी।
दोनों खेमों में बागियों को मनाने की कोशिशें देखने को मिलेंगी। प्रशांत किशोर की Wild Card Entry से नुकसान की खबरें चुनाव के बाद चर्चा में रहेंगी। सवाल ये है कि खेमे के तौर पर किसको ज्यादा चोट पहुंचाएंगे प्रशांत किशोर? बिहार ने 15 साल का जंगल राज झेला है।
उसके बाद, बिहार ने 20 साल का झूठ और तुष्टिकरण की राजनीति झेली है। यानी 35 साल से बिहार सिर्फ झेल रहा है। पहले लालू परिवार को और उसके बाद से पलटू राम नीतीश कुमार को। बिहार में राजनीतिक ज्ञान बांटने और फिर मुफ्त की रोटियां तोड़ने वालों की भरमार है।
बस काम से लोग कतराते हैं। जाति के नाम पर वोट देकर, मुफ्तखोरी करो। बाहुबलियों के चम्मचे बनकर मुफ्त में रंगदारी करो। नेतागीरी के नाम पर मुफ्त की रोटी तोड़ो। जमीन बिकवाने वाले ब्रोकर बनकर मलाई खाओ। बिना खुद खेती किए, बटाई पर खेतों को देकर, पलंग तोड़ो।
और कुछ न समझ आए तो छोटी चोरी करके ऐश करो। अंत में सरकार से मिलने वाली राहत को खाकर, फुर्र-फुर्र करो। बिहार में बीते 35 सालों से न तो कोई काम किसी को मिला है और न ही ज्यादातर लोग काम करने के लिए राजी हैं। बस चक्कलस चालू है।
बिसात बिछ चुकी है बिहार में।
— Ajay Kumar (@AjayKumarJourno) October 6, 2025
लेकिन दोनों ख़ेमों में सीटों के बँटवारे को लेकर ठीकठाक खींचतान जारी है। चुनावों के लिए NDA ज़्यादा तैयार दिख रहा है। भले ही माँझी - पासवान सरीके नेता अपनी माँगो पर अड़े हैं, लेकिन बीजेपी के सामने घुटने टेक ही देंगे।
RJD - Cong - CPM - Sahni : इन सब…
सुधीर चौधरी, जो डीडी न्यूज पर 'डीकोड' शो होस्ट करते हैं और पूर्व में आज तक व जी न्यूज से जुड़े रहे, सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। उनके लाखों फॉलोअर्स ने इस कदम की तारीफ की है।
देश के जाने माने पत्रकार और प्राइम टाइम एंकर 'सुधीर चौधरी' ने यूट्यूब पर फर्जी वीडियो और चैनलों की शिकायत की थी, जिस पर प्लेटफॉर्म की टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उल्लंघनकारी कंटेंट को हटा दिया। चौधरी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में यूट्यूब टीम को धन्यवाद देते हुए लिखा, धन्यवाद 'यूट्यूब टीम' मैं आपकी त्वरित कार्रवाई की सराहना करता हूं।
यूट्यूब की ओर से अपडेट में कहा गया कि फ्लैग किए गए कंटेंट की जांच की गई और उल्लंघनकारी वीडियो व चैनलों को डिलीट कर दिया गया। टीम ने धैर्य के लिए आभार भी व्यक्त किया। यह मामला डिजिटल दुनिया में बढ़ती फेक न्यूज की समस्या को उजागर करता है, जहां मशहूर हस्तियों के नाम का दुरुपयोग कर लोगों को ठगा जाता है। आपको बता दें, सुधीर चौधरी, जो डीडी न्यूज पर 'डीकोड' शो होस्ट करते हैं और पूर्व में आज तक व जी न्यूज से जुड़े रहे, सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं।
उनके लाखों फॉलोअर्स ने इस कदम की तारीफ की है। यूट्यूब, दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म, फेक कंटेंट, मिसइंफॉर्मेशन (गलत जानकारी) और डिसेप्टिव प्रैक्टिसेस (धोखाधड़ी वाली प्रथाओं) को रोकने के लिए सख्त नीतियां लागू करता है। ये नीतियां कम्युनिटी गाइडलाइंस का हिस्सा हैं, जो उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखने और वास्तविक नुकसान से बचाने के उद्देश्य से बनाई गई हैं।
Thank you @TeamYouTube I appreciate your quick action. https://t.co/vNCoFQridX
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) October 6, 2025
मित्रों, फेसबुक पर किसी ने मेरी यह फर्जी आईडी बनाई है। इसके विरुद्ध मैं कानूनी कदम उठा रहा हूं। आप सबके साथ यह सूचना साझा करना आवश्यक था, इसलिए यह पोस्ट कर रहा हूं।
वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर अपनी फर्जी फेसबुक प्रोफाइल के बनाए जाने की जानकारी साझा की है। टीवी9 उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के कंसल्टिंग एडिटर अग्निहोत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि किसी अनजान व्यक्ति ने उनकी नकली आईडी बनाई है, जिसके खिलाफ वे कानूनी कदम उठा रहे हैं।
अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, मित्रों, फेसबुक पर किसी ने मेरी यह फर्जी आईडी बनाई है। इसके विरुद्ध मैं कानूनी कदम उठा रहा हूं। आप सबके साथ यह सूचना साझा करना आवश्यक था, इसलिए यह पोस्ट कर रहा हूं। ताकि आप सब को कोई भ्रमित न कर सके। पोस्ट के साथ उन्होंने संदिग्ध प्रोफाइल का लिंक भी शेयर किया। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए हमेशा आधिकारिक प्रोफाइल की जांच करें।
मित्रों , फेसबुक पर किसी ने मेरी यह फर्जी ID बनाई है ---- इसके विरुद्ध मैं कानूनी कदम उठा रहा हूँ --- आप सबके साथ यह सूचना साझा करना आवश्यक था , इसलिए यह पोस्ट कर रहा हूँ ---ताकि आप सब को कोई भ्रमित न कर सके -----https://t.co/amnGayM16i
— Amitabh Agnihotri (@Aamitabh2) October 3, 2025
अगर यह अंतिम समझौता नहीं हो पाता है, तो हमास के साथ ऐसा होगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया होगा। ट्रंप की चेतावनी के बाद हमास कई बड़ी शर्ते मानने को तैयार है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद हमास की काल कोठरी में बंद इजरायली बंधकों के छुटने की उम्मीद जग गई है। क्योंकि ट्रंप के अल्टीमेटम के बाद हमला सभी बड़ी शर्ते मानने को तैयार हो रहा है। जिमें गाजा से सभी इजरायली बंधकों को छोड़ना शामिल है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, लेफ्टिस्ट और अरब राष्ट्रवादी जो गाजा के निवासियों के अधिकारों के लिए चिल्ला-चिल्लाकर रोए थे, अब ट्रंप-मध्यस्थता वाले 'शांति योजना' का समर्थन कर रहे हैं। पश्चिमी पितृसत्तात्मकता ने ही समस्या को जन्म दिया था और अब 'समाधान' भी उसी का है! फिलिस्तीनियों को सशक्त नहीं बनाया जा रहा, बल्कि उन्हें प्रबंधित किया जा रहा है।
इराक, अफगानिस्तान, सीरिया के बारे में सोचिए। वहाँ क्या हुआ था? आपको बता दें, ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चेतावनी देते हुए लिखा था, रविवार शाम 6 बजे तक हमास के साथ समझौता हो जाना चाहिए। अगर यह अंतिम समझौता नहीं हो पाता है, तो हमास के साथ ऐसा होगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया होगा। ट्रंप की चेतावनी के बाद हमास कई बड़ी शर्ते मानने को तैयार है।
IRONY!
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) October 4, 2025
Leftists & Arab nationalists who cried for Gazans’ rights now back a Trump-mediated ‘peace plan’. Western paternalism birthed the problem & now also the ‘solution’! Palestinians are being managed not empowered. Think Iraq, Afghanistan, Syria. How did that go? pic.twitter.com/Uy2QsK9qd9
गौरवशाली चारधाम परियोजना को भी उत्तराखंड के पर्यावरण को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाने वाला माना जा रहा है। क्या भागवत जी उन सभी चल रही परियोजनाओं की जांच की मांग करेंगे?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने संघ की 100वीं वर्षगांठ और विजयदशमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिमालय की सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि पिछले 3-4 वर्षों में भूस्खलन और लगातार बारिश जैसी घटनाओं में वृद्धि हुई है। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय दी।
उन्होंने लिखा, आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने अपनी विजयादशमी की भाषण में हिमालयी इलाके को हो रहे भारी पर्यावरणीय नुकसान को सही तरीके से सामने लाया। लेकिन 'दुनिया भर के विकास मॉडल' को जिम्मेदार ठहराने के बजाय, उन्होंने देश की अपनी राजनीतिक संस्कृति की आलोचना करनी चाहिए थी, जो पर्यावरण के सारे नियम तोड़ते हुए बेतहाशा निर्माण की इजाजत दे रही है।
यहां तक कि गौरवशाली चारधाम परियोजना को भी उत्तराखंड के पर्यावरण को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाने वाला माना जा रहा है। क्या भागवत जी उन सभी चल रही परियोजनाओं की जांच की मांग करेंगे, जो बड़े स्तर पर जंगलों की कटाई कर रही हैं? या इससे तो सत्ता के अंदरूनी लोगों की पोल खुल जाएगी, जो इन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने वाले हैं?
आपको बता दें, भागवत ने संघ की शाखाओं और उनके नियमित आयोजनों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शाखाओं के माध्यम से स्वयंसेवकों में भक्ति, राष्ट्र निर्माण की भावना और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास होता है।
Story that caught the eye: RSS sarsanghchalak Mohan Bhagwat ji rightly chose to highlight the massive ecological damage to the Himalayan region in his Vijayadashmi address. BUT instead of blaming ‘global development models’, he should have called out the desi political culture…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) October 3, 2025
डेनमार्क में कानूनों का पालन सख्ती से होता है और भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई होती है। राजनीतिक संरक्षण या नौकरशाही की ढिलाई जैसी समस्याएं नहीं हैं।
दुनिया का सबसे कम भ्रष्ट देश डेनमार्क है। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर बताया कि आखिर डेनमार्क दुनिया का सबसे कम भ्रष्ट देश क्यों है। उन्होंने लिखा, अधिकांश डेनिश नागरिक मानते हैं कि लोग भरोसेमंद होते हैं।
यहां तक कि अजनबियों पर भी विश्वास किया जा सकता है। यह “Land of Trust” कहलाता है। सरकार, पुलिस, अदालतें और अन्य संस्थाएं जनता के प्रति जवाबदेह हैं। निर्णय लेने की प्रक्रिया खुली और स्पष्ट होती है, जिससे गड़बड़ी की गुंजाइश कम होती है। डेनमार्क में कानूनों का पालन सख्ती से होता है और भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई होती है।
राजनीतिक संरक्षण या नौकरशाही की ढिलाई जैसी समस्याएं नहीं हैं। नागरिकों को बचपन से ही नैतिकता, जवाबदेही और सार्वजनिक हित की शिक्षा दी जाती है। समाज में “ईमानदारी” एक मूल्य की तरह स्थापित है। न्यायपालिका स्वतंत्र है और मीडिया भ्रष्टाचार को उजागर करने में सक्रिय भूमिका निभाता है। आप वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा की इस पोस्ट को यहां पढ़ सकते हैं।
एक बार फिर डेनमार्क को दुनिया का सबसे कम भ्रष्ट देश का खिताब मिला। लगातार सातवें साल से यह शीर्ष पर है। डेनमार्क को Corruption Perception Index 2025 में 90/100 स्कोर मिला। यह सबसे बेहतर है।
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) October 2, 2025
आखिर क्या कारण है कि डेनमार्क हर पैमाने पर खरा उतरता है और ईमानदारी की मिसाल कायम करता… pic.twitter.com/qNjIf4BBgX