पीएम की डिग्री के मसले पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा में काफी तीखा भाषण दे चुके है।
देश की राजनीति में इस समय दो बड़े मुद्दे छाए हुए हैं। एक तरफ अडानी से जुड़ा मामला और दूसरी ओर देश के पीएम नरेंद्र मोदी जी की डिग्री का जुड़ा मसला। एक तरफ कांग्रेस पार्टी है जिसका यह कहना है कि देश के पीएम नरेंद्र मोदी जी के अडानी जी से रिश्तों के मामले को लेकर जेपीसी का गठन किया जाए, वहीं आम आदमी पार्टी का कहना है कि देश के पीएम की डिग्री को सार्वजनिक किया जाए।
पीएम की एजुकेशन के मसले पर आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा में काफी तीखा भाषण दे चुके हैं लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री की डिग्री वाले मामले पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने रविवार को कहा कि पीएम की डिग्री कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है।
वहीं दूसरी ओर पूर्व सांसद राहुल गांधी अपनी प्रेस वार्ता में यह साफ कर चुके हैं कि वह इस देश के पीएम से सिर्फ एक सवाल का जवाब चाहते हैं कि गौतम अडानी की कंपनी में जो 20 हजार करोड़ लगा है वो किसका है? हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आने के बाद गौतम अडानी की संपत्ति जिस तरह से गिरी है, उसे लेकर भी कांग्रेस जांच चाहती है।
इन दोनों मसलों को लेकर वरिष्ठ पत्रकार मिलिंद खांडेकर ने एक ट्वीट कर जनता की राय मांगी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, अडानी, PM की डिग्री विपक्ष ने ये दोनों मुद्दे पकड़ कर रखे हैं। अडानी को कांग्रेस ने मुद्दा बना रखा है जबकि आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री की डिग्री को। NCP अध्यक्ष शरद पवार ने अडानी के बाद डिग्री पर भी कह दिया है कि बेरोज़गारी, महंगाई इससे बड़े मुद्दे है। आपकी राय ?
वरिष्ठ पत्रकार मिलिंद खांडेकर के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
अदाणी, PM की डिग्री
— Milind Khandekar (@milindkhandekar) April 10, 2023
विपक्ष ने ये दोनों मुद्दे पकड़ कर रखे हैं. अदाणी को कांग्रेस ने मुद्दा बना रखा है जबकि आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री की डिग्री को. NCP अध्यक्ष शरद पवार ने अदाणी के बाद डिग्री पर भी कह दिया है कि बेरोज़गारी, महंगाई इससे बड़े मुद्दे है.
आपकी राय ?
ऑपरेशन सिंधु के तहत कुल 110 भारतीय नागरिकों को निकाला गया और उन्हें दिल्ली लाया गया है। ईरान के उर्मिया से निकाले गए छात्रों ने भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को पुष्टि की कि ईरान से निकाले गए जम्मू-कश्मीर के 94 भारतीय छात्र सुरक्षित रूप से दिल्ली पहुंच गए हैं। हालांकि, छात्रों को भेजी जाने वाली बसों पर भी सवाल उठे। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने एक्स पर लिखा, वोक प्रजाति यही होती है। किसी भी विषय पर ऐसी बेहयाई के समर्थन में बहुतेरे लोग खड़े मिल जाते हैं। ईरान में इन सबकी जान साँसत में थी। भारत सरकार ने अथक प्रयास किया। सकुशल वापस लेकर आए। अब उमर अब्दुल्ला ने इनके लिए बस भेजी है, बस का किराया भी नहीं लगेगा, बस का पास दिया है, लेकिन इन बेशर्मों को चार्टर्ड फ्लाइट चाहिए।
इस प्रजाति से आप देश के लिए खड़े होने की उम्मीद भला कैसे कर सकते हैं। आपको बता दें, ऑपरेशन सिंधु के तहत कुल 110 भारतीय नागरिकों को निकाला गया और उन्हें दिल्ली लाया गया है। ईरान के उर्मिया से निकाले गए छात्रों ने भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
वोक प्रजाति यही होती है। किसी भी विषय पर ऐसी बेहयाई के समर्थन में बहुतेरे लोग खड़े मिल जाते हैं। #Iran में इन सबकी जान साँसत में थी। भारत सरकार ने अथक प्रयास किया। सकुशल वापस लेकर आए। अब उमर अब्दुल्ला ने इनके लिए बस भेजी है, बस का किराया भी नहीं लगेगा, बस का पास दिया है, लेकिन इन… pic.twitter.com/CKA8xsetqE
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) June 19, 2025
क्योंकि सोते हुए व्यक्ति को तो जगाया जा सकता है, लेकिन जो व्यक्ति जागते हुए सोने का नाटक कर रहा हो, उसे कितना भी हिलाइए-डुलाइए, वो आंख नहीं खोलता।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की फोन पर हुई बातचीत को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पुराने अमेरिकी बयान का हवाला देकर गलती की, जिस पर उन्हें माफ़ी मांगनी पड़ी। भाजपा ने उन्हें झूठा बताया। इस मामले पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि अब तो कांग्रेस को किसी पर भरोसा ही नहीं है। उन्होंने एक टीवी डिबेट में कहा, कांग्रेस को किसी की भी बात पर भरोसा ही नहीं है।
ये वो लोग हैं जिनको 2016 में भरोसा ही नहीं था, कह रहे थे सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत दो। 2019 एयर स्ट्राइक हुई तो एयरफोर्स पर इनको भरोसा नहीं था। जब कोविड वैक्सीन आई तो इनको भरोसा नहीं था, यहां तक कि जब कोविड का टीका लगने की बात आई तो कहने लगे कि सैंपल का स्टैटिस्टिकल डाटा दीजिए हमें उसपर भरोसा नहीं है।
चुनाव आयोग पर इनको भरोसा नहीं था, मीडिया पर इनको भरोसा नहीं था। इनके नेता जो इनके द्वारा नामित होकर संसदीय मामलों की विदेश संबंधी समिति के अध्यक्ष हैं यदि वो विदेश संबंधी मामले में भारत का पक्ष रखने गए तो उसपर भरोसा नहीं है। अरे भाई तो भरोसा है किस पर?
हकीकत में आपका खुद पर भरोसा खत्म हो गया है इसीलिए आपको किसी भी बयान को लेकर भरोसा दिलाना संभव ही नहीं है। क्योंकि सोते हुए व्यक्ति को तो जगाया जा सकता है, लेकिन जो व्यक्ति जागते हुए सोने का नाटक कर रहा हो, उसे कितना भी हिलाइए-डुलाइए, वो आंख नहीं खोलता। कहता है मुझे कुछ नहीं दिख रहा, मुझे सिर्फ अंधेरा दिख रहा है।
कांग्रेस को किसी की भी बात पर भरोसा ही नहीं है। ये वो लोग हैं जिनको 2016 में भरोसा ही नहीं था, कह रहे थे सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत दो। 2019 एयर स्ट्राइक हुई तो एयरफोर्स पर इनको भरोसा नहीं था। जब कोविड वैक्सीन आई तो इनको भरोसा नहीं था, यहां तक कि जब कोविड का टीका लगने की बात आई तो… pic.twitter.com/lqYxbTKDlW
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) June 19, 2025
मुनीर से मुलाकात के बाद ट्रंप ने कहा, मैंने उन्हें यहां इसलिए बुलाया था क्योंकि मैं युद्ध में शामिल न होने और युद्ध को समाप्त करने के लिए उनका धन्यवाद करना चाहता था।
डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर की मेजबानी की। पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर की ट्रंप से यह मुलाकात भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के कुछ सप्ताह बाद हुई है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने कहा कि आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबल शांति पुरस्कार देने की मांग की है।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, तो क्या हुआ अगर ट्रम्प मुनीर से मिले? समझ नहीं आता कि भारत में कुछ लोग क्यों कराह रहे हैं। यह 'यदि आप मेरे मित्र हैं तो आप पाक के नहीं हो सकते' वाली बात मूर्खतापूर्ण है।
भारत रूस के साथ भी मित्र है और अमेरिका से भी। अपने हितों का ध्यान रखें। दूसरों को उनके बारे में शिकायत न करें। आपको बता दें, मुनीर से मुलाकात के बाद ट्रंप ने कहा, मैंने उन्हें यहां इसलिए बुलाया था क्योंकि मैं युद्ध में शामिल न होने और युद्ध को समाप्त करने के लिए उनका धन्यवाद करना चाहता था। प्रधानमंत्री मोदी कुछ समय पहले ही यहां से गए हैं और हम भारत के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं।
So what if Trump met Munir? Can't understand why some in India are moaning. Diplomacy isn't a zero sum game. This "if you're my friend you can't be Pak's" hissy fit is silly. India is friends with Russia and also America. MIND YOUR OWN INTERESTS. DON'T GRUDGE OTHERS THEIRS. pic.twitter.com/ouujGJH0we
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) June 19, 2025
राष्ट्रपति ट्रंप ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा, हमने ईरान-इजरायल के मुद्दे पर बातचीत की। पाकिस्तान ईरान को हमसे बेहतर समझता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के सेना प्रमुख और फील्ड मार्शल असीम मुनीर के बीच व्हाइट हाउस में अहम बैठक हुई है। राष्ट्रपति ट्रंप ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा, हमने ईरान-इजरायल के मुद्दे पर बातचीत की। पाकिस्तान ईरान को हमसे बेहतर समझता है और क्षेत्रीय शांति के लिए एक अहम खिलाड़ी हैं।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा का कहना है कि वास्तव में कूटनीति में अपना हित ही सर्वोपरि होता है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, जब चीन को काउंटर करने के लिए जरूरत थी तब अमेरिका भारत से मोहब्बत का इज़हार कर रहा था। अब ईरान के खिलाफ जरूरत है तो ट्रंप कह रहे हैं कि वे पाकिस्तान से बेइंतहा मोहब्बत करते हैं। कूटनीति में अपना हित ही सर्वोपरि होता है।
आपको बता दें, असीम मुनीर को यह निमंत्रण अमेरिका की तरफ से किसी सेवारत पाकिस्तानी सेना प्रमुख को दिया गया एक दुर्लभ संकेत माना जा रहा है। अयूब खान, जिया उल-हक और परवेज मुशर्रफ जैसे पाकिस्तानी सेना प्रमुखों को इस तरह के निमंत्रण मिलने के कई उदाहरण हैं, लेकिन वो राष्ट्रपति के पद पर भी थे।
जब चीन को काउंटर करने के लिए जरूरत थी तब अमेरिका भारत से मोहब्बत का इज़हार कर रहा था। अब ईरान के खिलाफ जरूरत है तो ट्रंप कह रहे हैं कि वे पाकिस्तान से बेइंतहा मोहब्बत करते हैं। कूटनीति में अपना हित ही सर्वोपरि होता है।
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) June 19, 2025
आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ भारत की बदली रणनीति का स्पष्ट संदेश देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को हम परोक्ष युद्ध नहीं बल्कि प्रत्यक्ष युद्ध के रूप में देखते हैं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के लिए बार-बार मध्यस्थता का दावा कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दो टूक स्पष्ट किया भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैन्य कार्रवाई पाकिस्तान के अनुरोध पर रोकी गई न कि अमेरिकी मध्यस्थता हुई। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार का कहना है कि अब इस पर कोई विवाद देश में नहीं होना चाहिए।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत के बारे में विदेश सचिव विक्रम सिंह ने बताया कि कहा गया कि कभी भी पूरे घटनाक्र में ट्रेड डील और मध्यस्थता की कोई बातचीत नहीं हुई।
जो कुछ हुआ सीधे पाकिस्तान से हुआ वह भी पहले से बने तंत्र के माध्यम से। यानी जो भी विवाद था उसे साफ कर दिया गया। कम से कम भारत में इस पर विवाद नहीं होना चाहिए कि ट्रंप के कारण कुछ हुआ या अमेरिका ने मध्यस्थता की बात की। अगर टेलीफोन पर हुई प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप की बातचीत पर दिया गया वक्तव्य गलत है तो अमेरिका को इसका खंडन करना चाहिए। उसने अभी तक खंडन नहीं किया तो तो जो कुछ कहा गया उसे सच मानना होगा और फिर जो नैरेटिव चलाया गया वह गलत था।
आपको बता दें, आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ भारत की बदली रणनीति का स्पष्ट संदेश देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को हम परोक्ष युद्ध नहीं बल्कि प्रत्यक्ष युद्ध के रूप में देखते हैं और इसीलिए ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत के बारे में विदेश सचिव विक्रम सिंह ने बताया कि कहा गया कि कभी भी पूरे घटनाक्र में ट्रेड डील और मध्यस्थता की कोई बातचीत नहीं हुई। जो कुछ हुआ सीधे पाकिस्तान से हुआ वह भी पहले से बने तंत्र के माध्यम से। यानी जो…
— Awadhesh Kumar (@Awadheshkum) June 18, 2025
जीवन की दशा दिशा में NDTV जिस संजीदगी और जिम्मेदारी के साथ प्रवाह में आया, मुझे लगा ये एक बड़े लक्ष्य के लिए जरुरी है। बाबा के आशीर्वाद से शुंभारंभ हो गया है।
अनुभवी पत्रकार और जानी-मानी न्यूज एंकर मीनाक्षी कंडवाल ने ‘एनडीटीवी’ (NDTV) जॉइन कर लिया है। ‘एनडीटीवी’ ने इस खबर पर आधिकारिक रूप से मुहर लगा दी है। उन्होंने यहां पर कंसल्टिंग एडिटर के पद पर जॉइन किया है। वहीं मीनाक्षी कंडवाल ने भी सोशल मीडिया पर इस जानकारी को साझा किया है और लिखा कि एक बड़े लक्ष्य के लिए एनडीटीवी में वो शामिल हुई है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, जीवन के कार्यक्षेत्र का अगला पड़ाव एनडीटीवी है जहां कन्सल्टिंग एडिटर के रुप में योगदान दूंगी। News Beatz पर आप लोग अक्सर मुझे लिख रहे थे कि टीवी में वापसी करिए और जीवन की दशा दिशा में NDTV जिस संजीदगी और जिम्मेदारी के साथ प्रवाह में आया, मुझे लगा ये एक बड़े लक्ष्य के लिए जरुरी है।
बाबा के आशीर्वाद से शुंभारंभ हो गया है। शो की जानकारी जल्द साझा करूंगी। लेकिन जैसे आपने टीवी की पिछली पारी और स्वतंत्र पत्रकारिता में मेरे परिवार जैसा साथ निभाया, आगे भी वो भरोसा, साथ और शुभेच्छा बनाए रखिएगा। राहुल कंवल को धन्यवाद इस नए अवसर के लिए। पूरी कोशिश रहेगी अब तक जिस तरह से पत्रकारिता करते आए हैं, उसे नई ऊंचाइयों और दर्शकों के भरोसे पर गहराई के साथ स्थापित करने की।
आपको बता दें, करीब दो साल पहले मीनाक्षी कंडवाल 'टाइम्स नाउ नवभारत' से विदाई लेकर अपना यूट्यूब चैनल ‘News Beatz’ शुरू किया था। इसी के साथ वह उस फेहरिस्त में शामिल हो गईं थीं, जिन्होंने संस्थान से अलग होकर अपना खुद का यू-ट्यूब चैनल खोला है। बता दें कि वह अपना यूट्यूब चैनल पूर्व की तरह चलाती रहेंगी।
जीवन के कार्यक्षेत्र का अगला पड़ाव @ndtvindia जहां कन्सल्टिंग एडिटर के रुप में योगदान दूंगी। News Beatz पर आप लोग अक्सर मुझे लिख रहे थे कि टीवी में वापसी करिए... और जीवन की दशा दिशा में NDTV जिस संजीदगी और जिम्मेदारी के साथ प्रवाह में आया, मुझे लगा ये एक बड़े लक्ष्य के लिए जरुरी… pic.twitter.com/iUz5xJkzLw
— Meenakshi Kandwal मीनाक्षी कंडवाल (@MinakshiKandwal) June 18, 2025
एअर इंडिया की कई अंतरराष्ट्रीय उड़ाने भी रद्द हुई है। दिल्ली से पेरिस, अहमदाबाद से लंदन के अलावा कई अन्य देशों की तरफ जाने वाली उड़ानों को तकनीकी खामी के कारण रद्द किया गया।
हॉन्गकॉन्ग से दिल्ली जा रही एयर इंडिया की एक फ्लाइट में तकनीकी खराबी आने के कारण उसे तुरंत वापस लौटना पड़ा। वहीं एअर इंडिया की कई अंतरराष्ट्रीय उड़ाने भी रद्द हुई है। दिल्ली से पेरिस, अहमदाबाद से लंदन के अलावा कई अन्य देशों की तरफ जाने वाली उड़ानों को तकनीकी खामी के कारण रद्द करना पड़ा है।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अमिश देवगन ने भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स हैंडल से एक पोस्ट करते हुए लिखा, 12 जून को हुए एयर इंडिया विमान हादसे ने एयरलाइंस इंडस्ट्री के 'ढंके ढोल उजागर' कर दिए हैं। एक के बाद एक किसी ना किसी विमान में खराबी आ रही हैं और फ्लाइटें रद्द हो रही है।
सोचिए अगर वो हादसा नहीं हुआ होता तो इन कमियों को नज़रअंदाज करके ये फ्लाइट्स यूं ही उड़ान भर रही होती और लाखों जिंदगियों खतरे में होती। आपको बता दें, अहमदाबाद से लंदन जाने वाला एअर इंडिया का एक और विमान चर्चा में तब आया, जब उड़ान भरने से पहले उसको रद कर दिया गया। मंगलवार को एअर इंडिया की फ्लाइट AI 159, बोइंग 788 को रद कर दिया गया।
My Take #AirIndiaFlight
— Amish Devgan (@AMISHDEVGAN) June 18, 2025
12 जून को हुए एयर इंडिया विमान हादसे ने एयरलाइंस इंडस्ट्री के 'ढंके ढोल उजागर' कर दिए हैं। एक के बाद एक किसी ना किसी विमान में खराबी आ रही हैं और फ्लाइटें रद्द हो रही है। सोचिए अगर वो हादसा नहीं हुआ होता...तो इन कमियों को नज़रअंदाज करके ये फ्लाइट्स यूं ही… pic.twitter.com/dOnwS19Gn4
आसिम मुनीर फिलहाल अमेरिका में हैं। अपनी यात्रा के दौरान मुनीर को विदेशी पाकिस्तानियों और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना भी करना पड़ा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज दोपहर के भोजन पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से मुलाकात करने वाले हैं। व्हाइट हाउस की ओर से बुधवार के लिए जारी राष्ट्रपति ट्रंप के शेड्यूल में लिखा है कि वो कैबिनेट रूम में पाकिस्तानी जनरल के साथ लंच करेंगे।
इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन का दोहरा चरित्र अब हमारे सामने आ गया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, जिस व्यक्ति की कुंठा और नफ़रत की वजह से पहलगाम में भारतीय नागरिकों को चुन-चुन कर मौत के घाट उतारा गया, जिसकी वजह से भारत ने पाकिस्तान के आंतकी नेटवर्क को तबाह करने के लिए ऑपरेशन चलाया, वही पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष असीम मुनीर आज दोपहर में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ खाना खाने जा रहा है।
रात्रि भोज पर उसके साथ, अमेरिकी की कई नामचीन हस्तियाँ भी मौजूद होगीं। इस दोहरेपन को कैसे देखना चाहिए भारत को? ख़ासकर तब, जब अमेरिका जानता है कि जनरल मुनीर ने ही भारत के पीठ में ख़ंजर भोंका है। खैर, ये चरित्र मौजूदा अमेरिकी प्रशासन का पहले दिन से रहा है।
उम्मीद है भारतीय कूटनीतिज्ञों के पास अमेरिकी दोहरेपन की काट होगी। वरना, आने वाले दिनों में पाकिस्तान के साथ अमेरिकी गलबइयाँ पहले से कहीं ज़्यादा प्रत्यक्ष तौर पर दुनिया को दिखेंगी। आपको बता दें, आसिम मुनीर फिलहाल अमेरिका में हैं। अपनी यात्रा के दौरान मुनीर को विदेशी पाकिस्तानियों और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना भी करना पड़ा है।
जिस व्यक्ति कि कुंठा और नफ़रत कि वजह से #पहलगाम में भारतीय नागरिकों को चुन-चुन कर मौत के घाट उतारा गया - जिसकी वजह से भारत ने पाकिस्तान के आंतकी नेटवर्क को तबाह करने के लिए #OperationSindoor चलाया, वही पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष असीम मुनीर, आज दोपहर में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ…
— Ajay Kumar (@AjayKumarJourno) June 18, 2025
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात G7 समिट से इतर होनी तय थी। राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिसके कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच फोन पर बात हुई है। ट्रंप के आग्रह पर ये बातचीत हुई। फोन कॉल पर हुई बातचीत पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि भारत ने कभी भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है और न ही भविष्य में करेगा।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई का कहना है कि अब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट करते हुए लिखा, पीएम मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति से आधे घंटे तक फोन पर बात करनी पड़ी।
इस बीच,अंदाज़ा लगाइए कि डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस में दोपहर के भोजन के लिए किसकी मेजबानी कर रहे हैं? नई दिल्ली खुश, इस्लामाबाद खुश लेकिन 'डील-निर्माता' ट्रम्प को आखिरी हंसी मिली। कोई उस व्यक्ति पर कैसे भरोसा कर सकता है जो पहलगाम में एक आतंकी प्रायोजक की मेजबानी करता है?
आपको बता दें, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात G7 समिट से इतर होनी तय थी। राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिसके कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई।
So PM Modi had a half hour phone call from the US president, is invited to visit US on return journey which PM declined citing prior commitments . Meanwhile, guess who Donald Trump is hosting for lunch at the White House? The self anointed Pakistani Field Marshal himself. New… https://t.co/Ld0qT3VD7N
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) June 18, 2025
एक दिन ट्रंप कहते हैं कि ईरान में इजराइल के हमलों से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। अगले दिन उन्होंने कहा कि ईरान के आसमान पर अमेरिका का पूरा नियंत्रण है।
इजरायली हमले में अब तक ईरान के 585 लोगों की मौत हो चुकी है और 1326 लोग घायल हो चुके हैं। जबकि ईरान के हमले में अब तक 24 इजरायलियों की मौत हो चुकी है। इस युद्ध को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगातार बयान आ रहे हैं। अब ट्रंप ने ईरान से बिना शर्त सरेंडर करने को कहा है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कौल का कहना है कि लोगों को अब ट्रंप के किस वर्जन पर भरोसा करना चाहिए? उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, एक दिन ट्रंप कहते हैं कि ईरान में इजराइल के हमलों से हमारा कोई लेना-देना नहीं है।
अगले दिन उन्होंने कहा कि ईरान के आसमान पर अमेरिका का पूरा नियंत्रण है। लोगों को ट्रम्प के किस संस्करण पर भरोसा करना चाहिए? इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि ट्रम्प अब तक रूस और यूक्रेन के बीच शांति/युद्धविराम लाने में विफल रहे हैं।
आपको बता दें, डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के लिए तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा है कि हमें ठीक ठीक पता है कि तथाकथित सुप्रीम लीडर कहा छिपा हुआ है। वह एक आसान टारगेट है लेकिन अभी वह सेफ है। हम उसे अभी नहीं मारने जा रहे हैं।
One day Trump says we have nothing to do with attacks by Israel in Iran. Next day he says US has complete control over the skies in Iran. Which version of Trump should people trust? No wonder Trump has failed to bring peace/ceasefire till now between Russia and Ukraine. pic.twitter.com/FmoRAoW0cv
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) June 17, 2025