दो देशों के खींचतान में कुर्बान न हो श्रद्धालुओं का विश्वास: राजदीप सरदेसाई

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने केंद्र सरकार पर सिख धर्मावलंबियों की आस्था की अनदेखी का आरोप लगाते हुए इसे एक 'अनुचित और निराशाजनक कदम' बताया है।

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Published - Wednesday, 17 September, 2025
Last Modified:
Wednesday, 17 September, 2025
rajdeepsardesai


केंद्र सरकार ने सुरक्षा स्थिति को लेकर सिख श्रद्धालुओं के पाकिस्तान स्थित पवित्र स्थलों, खासकर ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब की यात्रा पर रोक लगा दी है। गृह मंत्रालय ने पंजाब सहित सीमा वाले अन्य राज्यों को 12 सितंबर को बताया कि इस वर्ष गुरु नानक देव जी की प्रकाश जयंती पर 'सिख जत्था' भेजना संभव नहीं होगा।

इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपने मन की बात कही। उन्होंने लिखा, श्रद्धालुओं को तो रोका जा सकता है, लेकिन क्रिकेट मैच आराम से चलते रहेंगे।

हाँ, क्रिकेट मैच यूएई में हो रहे हैं, लेकिन ननकाना साहिब जाने वाला जत्था एक प्राचीन और पूजनीय परंपरा है, जिसे ज़रूर बचाया जाना चाहिए। कुछ परंपराएँ ऐसी होती हैं, जिन्हें आपसी दुश्मनी से ऊपर उठकर निभाया जाना चाहिए। श्रद्धालु और उनका विश्वास देशों के बीच के खींचतान में कुर्बान नहीं होना चाहिए।

आपको बता दें, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने केंद्र सरकार पर सिख धर्मावलंबियों की आस्था की अनदेखी का आरोप लगाते हुए इसे एक 'अनुचित और निराशाजनक कदम' बताया है।

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शाहिद अफरीदी ने की राहुल गांधी की तारीफ, डॉ. सुधांशु ने कही ये बड़ी बात

शाहिद अफरीदी का बयान वो बाऊंसर है, जिसे क्रिकेट में हुक करने के चक्कर में हिट विकेट हो जाए तो वो अलग बात है, लेकिन आदमी विकेट पर ही गिर जाए वैसी स्थिति आज राहुल गांधी की हुई है।

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Published - Wednesday, 17 September, 2025
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Wednesday, 17 September, 2025
sudhanshutrivedi

भारत-पाकिस्तान मैच से जुड़े 'हैंडशेक विवाद' के बीच पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की प्रशंसा की। अफरीदी ने कहा कि राहुल गांधी सकारात्मक सोच वाले नेता हैं, जो संवाद और मेलजोल की राजनीति करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय सरकार धर्म आधारित राजनीति को बढ़ावा देती है।

इस मसले पर एक टीवी डिबेट में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने अपनी राय दी। उन्होंने कहा, शाहिद अफरीदी का बयान वो बाऊंसर है, जिसे क्रिकेट में हुक करने के चक्कर में हिट विकेट हो जाए तो वो अलग बात है, लेकिन आदमी विकेट पर ही गिर जाए वैसी स्थिति आज राहुल गांधी की हुई है।

जो बयान शाहिद अफरीदी की तारीफ़ और इशाक डार के मध्यस्थता के आरोप पर कबूलनामे ने दिया है, उससे राहुल गांधी जी की स्थिति वैसी ही हो गई कि बाउंसर को हुक करके छक्का लगाने के चक्कर में विकेट पर ही धड़ाम करके गिरे हैं। इशाक डार के बयान को लेकर आज तो कांग्रेस को अमेरिकी राष्ट्रपति से सवाल पूछना चाहिए था कि पाकिस्तान का उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ये बात कह रहा है कि सीजफायर को लेकर भारत ने कभी भी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की।

मेरा दावा है कि अगर पाकिस्तान में सर्वे करा लिया जाए कि भारत का प्रधानमंत्री कौन होना चाहिए, तो यहां पर चुनाव जीते न जीते, लेकिन वहां पर 80–90 प्रतिशत लोग राहुल गांधी जी के लिए वोट कर देंगे। आपको बता दें, अफरीदी की इस टिप्पणी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी को पाकिस्तान से समर्थन मिलना इस बात का सबूत है कि वे राष्ट्रवाद के खिलाफ खड़े हैं।

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बिहार चुनावों के समय ही घुसपैठ का मुद्दा क्यों: राजीव सचान

इस दौरान उन्होंने भारत में अवैध तरीके से घुसने वालों को साफ संदेश दे दिया। उन्होंने कहा कि मेरी बात कान खोलकर सुन लो। जो भी घुसपैठिया है, उसे बाहर जाना ही होगा।

Last Modified:
Tuesday, 16 September, 2025
rajeevksachan

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बिहार के पूर्णिया में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत में अवैध तरीके से घुसने वालों को साफ संदेश दे दिया। उन्होंने कहा कि मेरी बात कान खोलकर सुन लो। जो भी घुसपैठिया है, उसे बाहर जाना ही होगा। घुसपैठ पर ताला लगाना एनडीए सरकार की प्राथमिकताओं में है। पीएम मोदी के इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने भी अपनी राय दी।

उन्होंने एक्स पर लिखा, यदि मोदी सरकार घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध है और यह चाहती है कि अभारतीय लोग भारतीय नागरिक बनकर वोटर न बनने पाएं तो उसे एनआरसी लाने की दिशा में आगे बढ़ना ही होगा। केवल चुनावों के समय घुसपैठ का मुद्दा उठाने से बात बनने वाली नहीं है।

आपको बता दें, प्रधानमंत्री ने जिस जगह से ये बातें कही वहां से बांग्लादेश की सीमा कुछ सौ किलोमीटर ही दूर है। भारतीय जनता पार्टी लंबे वक्त से इस इलाके में घुसपैठ का मुद्दा उठाती रही है। इलाके के भाजपा नेता शेरशाहबादी मुसलमानों को बांग्लादेशी बताते हैं। हालांकि शेरशाहबादी मुसलमानों को ईबीसी आरक्षण भी मिला है। वे अपने आप को भारतीय बताते हैं।

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हैंडशेक विवाद गहराया: विक्रांत गुप्ता ने पाकिस्तान को लेकर कही ये बात

पायक्राफ्ट भारत और पाकिस्तान के बीच मैच में मैच रैफरी थे। पीसीबी ने आईसीसी के सामने पायक्राफ्ट के विरुद्ध औपचारिक शिकायत दर्ज करा दी है।

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Tuesday, 16 September, 2025
vikrantgupta

एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हाई-वोल्टेज मुकाबले के बाद मैदान से बाहर नया विवाद खड़ा हो गया है। पीसीबी ने मैच रैफरी एंडी पायक्राफ्ट पर भारत के विरुद्ध एशिया कप मैच के दौरान आईसीसी आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उन्हें टूर्नामेंट से तुरंत हटाने की मांग की।

दरअसल, भारत के खिलाड़ियों ने पाकिस्तान टीम के साथ पारंपरिक हैंडशेक करने से इनकार कर दिया था। इस बीच वरिष्ठ खेल पत्रकार विक्रांत गुप्ता ने भी सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने लिखा, अगर आईसीसी पीसीबी की मांग मानने से इंकार कर देती है और मैच रेफरी एंडी पायक्राफ्ट को नहीं हटाती, तो क्या वे (पीसीबी) अपने इस धमकी भरे बयान पर कायम रहेंगे कि बुधवार को यूएई के खिलाफ मैच नहीं खेलेंगे?

अगर वे वह मैच छोड़ देते हैं तो एशिया कप से लीग स्टेज में ही बाहर हो जाएंगे, क्योंकि यूएई के पास पाकिस्तान के एक की तुलना में दो ‘विजय’ होंगी। यूएई ने ओमान को हरा दिया हैं। आपको बता दें, पायक्राफ्ट भारत और पाकिस्तान के बीच मैच में मैच रैफरी थे। पीसीबी ने आईसीसी के सामने पायक्राफ्ट के विरुद्ध औपचारिक शिकायत दर्ज करा दी है।

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नाखून काट कर शहीद मत बनिए: अमिताभ अग्निहोत्री

पीसीबी प्रमुख और एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के चेयरमैन मोहसिन नकवी ने सोमवार को आईसीसी से उस मैच के रेफरी एंडी पायक्राफ्ट को टूर्नामेंट से हटाने की मांग की है।

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Tuesday, 16 September, 2025
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एशिया कप में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को सात विकेट से हराने के बाद अपने प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया था। कप्तान सूर्यकुमार यादव ने इस जीत को पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए भारतीयों और ऑपरेशन सिंदूर में शामिल सहस्त्र बलों को समर्पित किया था लेकिन वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री इससे खुश नहीं है।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय दी। उन्होंने लिखा, साथ खेल लेने के बाद हाथ न मिलाने का प्रचार बहुत सतही है। नाखून काट कर शहीद मत बनिए। कोई भी खेल का क्लब या संस्था , वह कितनी भी अमीर क्यों न हो , भारत नहीं हो सकती। राष्ट्र के मन से बड़ा कुछ भी नहीं। न कोई खेल, न सिनेमा और न सियासत।

आपको बता दें, भारतीय टीम के द्वारा हुई अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) तिलमिला गया है। उसने इसको लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से हस्तक्षेप की मांग की है। पीसीबी प्रमुख और एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के चेयरमैन मोहसिन नकवी ने सोमवार को आईसीसी से उस मैच के रेफरी एंडी पायक्राफ्ट को टूर्नामेंट से हटाने की मांग की है।

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वर्तमान पाकिस्तान क्रिकेट टीम बेहद खराब: राजदीप सरदेसाई

इससे पहले टीम ने यूएई के खिलाफ जीत हासिल की थी। पाकिस्तान की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 127 रन ही बना सकी।

Last Modified:
Monday, 15 September, 2025
rajdeepsardesai

एशिया कप 2025 में भारत ने एकतरफा मुकाबले में पाकिस्तान को 7 विकेट से धोया। भारत की टूर्नामेंट में ये लगातार दूसरी जीत है। इससे पहले टीम ने यूएई के खिलाफ जीत हासिल की थी। पाकिस्तान की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 127 रन ही बना सकी। इसके जवाब में भारत ने 15.5 ओवर में 3 विकेट पर 131 रन बनाकर मैच अपने नाम किया।

इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, यह अब तक की सबसे खराब पाकिस्तान क्रिकेट टीम है। उनकी टीम में फैली अव्यवस्था और औसत दर्जे का खेल उनके देश की बदहाल स्थिति को दर्शाता है। और यह सोचकर भी हैरानी होती है कि बाबर आज़म और मोहम्मद रिज़वान जैसे खिलाड़ी इस टीम में खेलने के लिए अच्छे नहीं माने जा रहे।

हमारी टीम एशिया की सबसे बेहतरीन टी-20 टीम है। मुझे लगता है कि भारत की तीसरी इलेवन भी आसानी से इस पाकिस्तान टीम को हरा सकती है। आपको बता दें, भारत के स्टार स्पिनर कुलदीप यादव एशिया कप 2025 में लगातार दूसरी बार प्लेयर ऑफ द मैच बने। कुलदीप यादव ने पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में 4 ओवर में 18 रन देकर तीन विकेट लिए। कुलदीप मैच में हैट्रिक से भी चूके थे।

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भारत में नेपाल जैसे हालात कभी नहीं होंगे: राणा यशवंत

क्योंकि जब इंसान का विवेक मर जाता है, तो वह सही-ग़लत, पाप-पुण्य और यश-अपयश का ही नहीं, बल्कि अपने अस्तित्व का भी अंतर खो देता है।

Last Modified:
Saturday, 13 September, 2025
ranayashwant

नेपाल में जारी राजनीतिक उथल-पुथल और जनविद्रोह की गूंज भारत में भी सुनाई दे रही है। सोशल मीडिया पर कुछ वर्ग भारत को श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल की स्थिति से जोड़कर अराजक माहौल की आशंका जता रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की बुनियादी तासीर और मजबूत लोकतांत्रिक संस्थाएं इसे ऐसे हालात से दूर रखती हैं।

इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, नेपाल के हालात का हवाला देकर भारत में भी वैसी स्थिति की आशंका जताई जा रही है, मानो यहाँ किसी भी वक्त ऐसा हो सकता है।

लेकिन इस देश की बुनियादी तासीर, जहाँ हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और पारसी सब साथ रहते हैं कुछ और ही है। अगर भारत को श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल जैसा मानकर डर फैलाया जा रहा है, तो सवाल उठता है कि जब नेहरू से मोदी तक कोई भी प्रधानमंत्री लुटेरा नहीं निकला, फिर भी ऐसा डर दिखाया जा रहा है तो यह स्थिति सच हो ही जानी चाहिए।

अलग-अलग दलों के सांसद तमाम मतभेदों के बावजूद पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत की बात रखने के लिए दुनिया के देशों का दौरा करते हैं, जिसकी मिसाल दी जाती है, फिर भी अगर भारत को नेपाल जैसा बताया जा रहा है तो यह देश तबाह हो जाना चाहिए। जब भारत का फॉरेक्स 700 बिलियन डॉलर है, GDP दुनिया की टॉप 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और 6.2% विकास दर के साथ सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, तब भी अगर इसे लंका-बांग्लादेश-नेपाल जैसा कहा जा रहा है, तो यह आज ही हो जाना चाहिए।

अगर भारत फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट, जेट इंजन, 24 मैक की रफ़्तार वाली मिसाइल और स्पेस साइंस में दुनिया को चौंका रहा है, तब भी अगर इसे नेपाल बताया जा रहा है तो बेहतर है कि आज ही हो जाए। अ

गर शंकराचार्य से लेकर विवेकानंद और कृष्णमूर्ति तक की संस्कृति अधोगति को प्राप्त हो चुकी है, तो यहाँ वैसा ही होना चाहिए जैसा कुछ लोग कह रहे हैं। क्योंकि जब इंसान का विवेक मर जाता है, तो वह सही-ग़लत, पाप-पुण्य और यश-अपयश का ही नहीं, बल्कि अपने अस्तित्व का भी अंतर खो देता है।

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संजय राउत के बयान पर बोले समीर चौगांवकर: एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे

हर झूठ का मुकाबला करना है। एकता के मंत्र को जीना है। हमें व्यवहार में यथार्थवादी, संकल्प में सत्यवादी, कार्य में मानवतावादी और ध्येय में राष्ट्रवादी बनकर रहना होगा।

Last Modified:
Saturday, 13 September, 2025
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शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत की एक पोस्ट को लेकर विवाद गरमा गया है। उन्होंने नेपाल में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का हवाला देते हुए कहा था कि भारत में भी ऐसी चिंगारी भड़क सकती है, मगर यहां लोग महात्मा गांधी की विचारधारा में विश्वास करते हैं, इसी वजह से मोदी सरकार टिकी हुई है। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर ने चिंता जताई है।

उन्होंने एक्स पर लिखा, नेपाल की आपदा को भारत में अपने लिए अवसर बनाने की कोशिश एक वर्ग ने शुरू कर दी है। सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट देखें जा सकते है, जिसमें भारत को भी अराजक बनाने के सपने और संकल्प की मंशा दिख रही है। सतर्क रहना होगा। आग लगाकर उस पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश शुरू हो गयी है।

संजय राऊत अकेले नहीं है। हर गली मोहल्ले में छुपे हुए संजय राऊत है। इन्हें ठीक से पहचानना होगा। एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। एकता के इस मंत्र को हमें कभी भी कमजोर नहीं पड़ने देना है। हर झूठ का मुकाबला करना है। एकता के मंत्र को जीना है। हमें व्यवहार में यथार्थवादी, संकल्प में सत्यवादी, कार्य में मानवतावादी और ध्येय में राष्ट्रवादी बनकर रहना होगा।

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अमेरिका में चार्ली किर्क की हत्या: अवधेश कुमार ने कही ये बड़ी बात

किर्क अमेरिकी राजनीति में ध्रुवीकरण करने वाले कंजरवेटिव चेहरों में गिने जाते थे और युवा वर्ग में उनकी बड़ी पहुंच थी। उनकी हत्या को लेकर अमेरिका में कड़ी निंदा हो रही है।

Last Modified:
Friday, 12 September, 2025
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अमेरिका के यूटा राज्य में मंगलवार को कंज़र्वेटिव एक्टिविस्ट और Turning Point USA के सह-संस्थापक चार्ली किर्क की एक विश्वविद्यालय कार्यक्रम के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना तब हुई जब किर्क Utah Valley University में “American Comeback Tour” के तहत छात्रों को संबोधित कर रहे थे। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर अपनी राय दी।

उन्होंने लिखा, चार्ली किर्क की अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में छात्रों से संवाद करते हुए की गई हत्या बताती है कि दुनिया में तथाकथित दक्षिणपंथ के विरुद्ध नव वामपंथ ने कितनी घृणा पैदा किया है। किर्क अमेरिका के कंजर्वेटिव एक्टिविस्ट और मीडिया पर्सनालिटी थे। किर्क ने 18 साल की उम्र में टर्निंग पॉइंट USA नाम का संगठन बनाया था।

समूह ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी में तेजी से लोकप्रियता हासिल की और यह देश के सबसे बड़े कंजर्वेटिव आंदोलन के रूप में विकसित हुआ। उन्होंने ट्रंप के इनर सर्किल में तेजी से अपनी पहचान बनाई थी। राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान जुलाई 2024 में पेंसिल बनिया में डोनाल्ड ट्रंप पर भी इसी तरह हत्या हुई थी लेकिन गोली उनके कान से लगाती हुई निकल गई थी और वह बच गए।

यानी वह भी संयोग से ही बचे थे अन्यथा हत्यारे ने उन्हें समाप्त कर ही डाला था। प्रश्न है कि यह नम पेंट आखिर है क्या? यह सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से पूरी दुनिया में अजीब किस्म का अभियान चला रहे हैं , भूमिका निभा रहे हैं और इसमें आज बड़े-बड़े उद्योगपति, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मालिक,अलग-अलग देशों की पार्टियां , नेता शामिल हैं।

लगता है जैसे ये किसी भी देश के अंदर वैसे नेता को जीने नहीं देंगे जो अपने देश की सभ्यता, संस्कृति, राष्ट्रवाद आदि के आधार पर सोचता और काम करता हो। आपको बता दें, किर्क अमेरिकी राजनीति में ध्रुवीकरण करने वाले कंजरवेटिव चेहरों में गिने जाते थे और युवा वर्ग में उनकी बड़ी पहुंच थी। उनकी हत्या को लेकर अमेरिका में कड़ी निंदा हो रही है और पुलिस-एफबीआई ने संयुक्त जांच शुरू कर दी है।

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सत्ता परिवर्तन का मार्ग लोकतांत्रिक होना चाहिए: मिलिंद खांडेकर

नेपाल में सड़कों पर अराजकता चिंता का कारण होना चाहिए लेकिन यहाँ कुछ लोग इस इंतज़ार में बैठे हैं कि भारत में ऐसा कब होगा? सत्ता परिवर्तन का मार्ग लोकतांत्रिक होना चाहिए।

Last Modified:
Thursday, 11 September, 2025
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नेपाल इन दिनों भीषण राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा है क्योंकि देशभर में फैला जनाक्रोश हिंसक रूप ले चुका है। काठमांडू से लेकर पोखरा तक भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई से नाराज़ युवा सड़कों पर उतर आए। खास तौर पर सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध ने इस गुस्से को और भड़का दिया।

इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मिलिंद खांडेकर ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपने मन की बात कही। उन्होंने लिखा, नेपाल में सड़कों पर अराजकता चिंता का कारण होना चाहिए लेकिन यहाँ कुछ लोग इस इंतज़ार में बैठे हैं कि भारत में ऐसा कब होगा? सत्ता परिवर्तन का मार्ग लोकतांत्रिक होना चाहिए। यही कारण है कि आज़ादी के बाद से हमारे यहाँ स्थिरता रही है जबकि पड़ोसी देशों में उथलपुथल होती रही है।

आपको बता दें, असल में यह आंदोलन सिर्फ सोशल मीडिया का नहीं बल्कि लंबे समय से चले आ रहे भ्रष्टाचार, राजनीतिक अस्थिरता और युवाओं की हताशा का नतीजा है। नेपाल का यह ‘Gen-Z मूवमेंट’ देश के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय कर सकता हैं।

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वामपंथी प्रयोगों की विफलता से हुआ नेपाल का पतन: विनोद अग्निहोत्री

सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने के प्रस्ताव के बाद Gen-Z का एक गुट बालेंद्र शाह को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की मांग लेकर सेना मुख्यालय पहुंचा।

Last Modified:
Thursday, 11 September, 2025
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नेपाल में भ्रष्टाचार और इंटरनेट मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ Gen-Z के हिंसक प्रदर्शनों के बाद सेना ने सुरक्षा संभाली है। कर्फ्यू लगा दिया गया है और सड़कों पर सेना गश्त कर रही है। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार और अमर उजाला समूह के सलाहकार संपादक विनोद अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय दी।

उन्होंने लिखा, नेपाल की दुर्दशा के लिये वो कम्युनिस्ट -माओवादी नेता ज़्यादा ज़िम्मेदार हैं जिन्हें 1990 से मार्क्सवादी विचारधारा के उभार के दौर में जनता ने मुक्ति का मसीहा माना और एक एक करके सबको सत्ता सौंपी लेकिन अपने निजी स्वार्थों में उलझ कर वो न देश को स्थिर सरकार दे सके न लोकतंत्र बचा सके।

आगे उन्होंने लिखा, 1990 के बाद मैं काठमांडू समेत नेपाल के दूरदराज़ इलाक़ों में भी गया। नेपाली कांग्रेस की लोकप्रियता घट चुकी थी कम्युनिस्ट विकल्प बन रहे थे।लेकिन मनमोहन अधिकारी माधव नेपाल प्रचंड बाबूराम भट्टराई केपी शर्मा ओली के सारे वामपंथी प्रयोगों की विफलता ने नेपाल को अंधे कुएँ में धकेल दिया।

आपको बता दें, सेना की मध्यस्थता के बाद Gen-Z प्रदर्शनकारियों और राजनीतिक दलों की बैठक में अंतरिम सरकार के गठन पर सहमति बन गई है। इसमें नेपाल की पूर्व एवं प्रथम महिला न्यायाधीश सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव है।

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