भाजपा और शिवसेना दोनों के लिए बेहतर यही था कि, एकनाथ शिंदे स्वयं उप मुख्यमंत्री बनें। अच्छा हुआ कि, शिंदे जी को देर से ही सही, लेकिन यह बात समझ आ गई।
महाराष्ट्र को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ले ली है। उनके साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने डिप्टी सीएम के पद पर शपथ ली। आखिरी समय तक एकनाथ शिंदे को लेकर सस्पेंस बना रहा कि वो राज्य की नई सरकार में शामिल होंगे या नहीं।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, यही होना था और यह बात लगातार मैं कह रहा था कि, इसके अलावा कोई विकल्प ही नहीं है। भाजपा और शिवसेना दोनों के लिए बेहतर यही था कि, एकनाथ शिंदे स्वयं उप मुख्यमंत्री बनें। अच्छा हुआ कि, शिंदे जी को देर से ही सही, लेकिन यह बात समझ आ गई। हालाँकि, उन्होंने बेवजह का रहस्य बनाकर अपना ही नुकसान किया। आगे उन्हें अपरिपक्व, बचकाना व्यवहार करने से बचना चाहिए।
आपको बता दें, महाराष्ट्र की राजनीति पर नज़र रखने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक़ पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के पास इसके अलावा कोई विकल्प भी नहीं था और उनके गुट के लिए बहुत ज़रूरी है कि वो राज्य की सत्ता में बना रहे। शिंदे को किसी भी हालत में, बीजेपी जो भी कहे, वो मानना ही पड़ता, क्योंकि बीजेपी के विधायकों की संख्या सबसे ज्यादा है।
#MaharashtraCM @Dev_Fadnavis
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) December 5, 2024
DyCM @mieknathshinde @AjitPawarSpeaks
यही होना था और यह बात लगातार मैं कह रहा था कि, इसके अलावा कोई विकल्प री नहीं है। भाजपा और शिवसेना दोनों के लिए बेहतर यही था कि, एकनाथ शिंदे स्वयं उप मुख्यमंत्री बनें। अच्छा हुआ कि, शिंदे जी को देर से ही सही,…
अब तक 80 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने अपने बारे में आवश्यक जानकारी यानी नाम, पता, जन्मतिथि, आधार नंबर, वोटर पहचान पत्र नंबर सहित दर्ज कर फॉर्म जमा कर दिए हैं।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान निर्वाचन आयोग ने चौंकाने वाले खुलासे करने शुरू कर दिए हैं। आयोग में उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, बिहार में एसआईआर के दौरान घर-घर जाकर किए गए दौरे में बूथ लेवल अफसरों यानी बीएलओ को नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध रूप से आए लोग बड़ी संख्या में मिले हैं।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने एक टीवी डिबेट में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, बिहार में अपराध की घटनाएं चिंताजनक हैं लेकिन लालू जी के राज से के से बिल्कुल अलग है। लालू जी के राज में कोई तय कर ले कि किसी को मार देना है तो वह मार देता था।
इसी तरह अगर बीएलओ को मतदाताओं में विदेशी दिखे हैं तो वह रिपोर्ट करेगा। इसका विरोध करने वाले क्या विदेशी घुसपैठियों को भी मतदाता बनाना चाहते हैं? आपको बता दें, अब तक 80 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने अपने बारे में आवश्यक जानकारी यानी नाम, पता, जन्मतिथि, आधार नंबर, वोटर पहचान पत्र नंबर सहित दर्ज कर फॉर्म जमा कर दिए हैं। अंतिम तिथि 25 जुलाई है लेकिन उम्मीद है कि तय समय सीमा से पहले ही ये काम पूरा हो जाएगा।
बिहार में अपराध की घटनाएं चिंताजनक हैं लेकिन लालू जी के राज से के से बिल्कुल अलग है। लालू जी के राज में कोई तय कर ले कि किसी को मार देना है तो वह मार देता था।
— Awadhesh Kumar (@Awadheshkum) July 15, 2025
इसी तरह अगर बीएलओ को मतदाताओं में विदेशी दिखे हैं तो वह रिपोर्ट करेगा। इसका विरोध करने वाले क्या विदेशी घुसपैठियों को भी… https://t.co/mPv7Cv5CS0
चुनावी ऐलान पर जनता वोट नहीं करती। सरकार ने कार्यकाल में जो काम किया है उस पर वोट करती है। इस चुनाव में नीतीश जितने वादे करेंगे उसकी तुलना उनके 20 साल के कार्यकाल से होगी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि, अगले पांच सालों में 1 करोड़ नौकरी देने के लक्ष्य को पूरा किया जायेगा। नई नौकरी और रोजगार सृजन के लिए सरकार को परामर्श देने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित किया जाएगा। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने भी इस मामले पर एक टीवी डिबेट में अपनी राय दी।
उन्होंने कहा, चुनावी ऐलान पर जनता वोट नहीं करती। सरकार ने कार्यकाल में जो काम किया है उस पर वोट करती है। इस चुनाव में नीतीश जितने वादे करेंगे उसकी तुलना उनके 20 साल के कार्यकाल से होगी। लेकिन क्या बिहार की जनता को लगने लगा है की हम अटक गए है ये एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब 2025 के विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता खोज रही है।
आपको बता दें, बिहार कैबिनेट की बैठक में कई अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। भागलपुर में गंगा पथ परियोजना को मंजूरी दी गई है। सुल्तानगंज-भागलपुर-सबोर के बीच 40.80 किलोमीटर लंबा पथ बनेगा। इसके लिए 4850 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। मुंगेर में गंगा पथ परियोजना को मंजूरी दी गई है।
चुनावी ऐलान पर जनता वोट नहीं करती... सरकार ने कार्यकाल में जो काम किया है उस पर वोट करती है... इस चुनाव में नीतीश जितने वादे करेंगे उसकी तुलना उनके 20 साल के कार्यकाल से होगी... लेकिन क्या बिहार की जनता को लगने लगा है की हम अटक गए है ये एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब 2025 के विधानसभा… https://t.co/nynLwH0jiW
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) July 15, 2025
सीएम उमर अब्दुल्ला 13 जुलाई, 1931 को महाराजा हरि सिंह की डोगरा सेना की ओर से मारे गए कश्मीरी प्रदर्शनकारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए स्मारक पर गए थे।
श्रीनगर में शहीदों के कब्रिस्तान के पास उस समय अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया, जब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके समर्थक श्रद्धांजलि देने के लिए स्मारक पर पहुंचे और अधिकारियों की तरफ से रोके जाने के बाद श्रद्धांजलि देने के लिए दीवार पर चढ़ गए। इस मामले पर पत्रकार आदित्य राज कौल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और कहा कि कश्मीर में ड्रामा चरम पर है।
उन्होंने लिखा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मुख्य द्वार खुला होने के बावजूद कब्रिस्तान की दीवारें फांद लीं। फारूक अब्दुल्ला मुख्य द्वार का उपयोग करने में सक्षम थे। कश्मीरी जनता को मूर्ख क्यों बनाया जा रहा है? भारत में कहीं भी नरम अलगाववाद नहीं चलेगा। क्या वे हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं?
आपको बता दें, सीएम 13 जुलाई, 1931 को महाराजा हरि सिंह की डोगरा सेना की ओर से मारे गए कश्मीरी प्रदर्शनकारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए स्मारक पर गए थे। मुख्यमंत्री और जम्मू-कश्मीर के शीर्ष नेताओं को कल शहीदों के कब्रिस्तान या मजार-ए-शुहादा में जाने से रोक दिया गया था।
Drama at its peak in Kashmir. J&K CM Omar Abdullah jumped the walls of the graveyard even though the main gate was open. Farooq Abdullah was smart to use the main gate. Why fool the Kashmiri public? Soft separatism won’t work anywhere in India. Are they trying to incite violence? pic.twitter.com/I08uw69xRS
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) July 14, 2025
WTC 2025-27 में भारत की यह तीन मैचों में दूसरी हार है और वह इस हार के बाद 33.33 प्रतिशत अंकों के साथ चौथे पायदान पर बनी हुई है। वहीं इंग्लैंड ने टॉप-2 में अपनी जगह बनाई है।
लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर शुभमन गिल की अगुवाई वाली टीम इंडिया को मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ करीबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है। 22 रनों से मिली इस शिकस्त के बाद टीम इंडिया 5 मैच की सीरीज में 1-2 से पिछड़ गई है। मैच के परिणाम के बाद वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने भी सोशल मीडिया पर अपने मन की बात कही।
उन्होंने एक्स पर लिखा, टीम इंडिया की समूची बैटिंग लाइन अप के ध्वस्त हो जाने के बाद जिस तरह जडेजा, बूमराह और सिराज ने संघर्ष किया अद्भुत रहा। किस्मत सिराज को दगा दे गई। वेल डिफेंडेड शॉट के बावजूद बॉल पलटकर गई और गिल्ली गिरा दी। इंग्लैंड की टीम बेशक बेहतर खेली। भारत ने तीसरा टेस्ट गंवा दिया।
आपको बता दें, WTC 2025-27 में भारत की यह तीन मैचों में दूसरी हार है और वह इस हार के बाद 33.33 प्रतिशत अंकों के साथ चौथे पायदान पर बनी हुई है। वहीं इंग्लैंड ने छलांग लगाकर टॉप-2 में अपनी जगह बनाई है।
टीम इंडिया की समूची बैटिंग लाइन अप के ध्वस्त हो जाने के बाद जिस तरह जडेजा, बूमराह और जडेजा ने संघर्ष किया अद्भुत रहा. किस्मत सिराज को दगा दे गई. वेल डिफेंडेड शॉट के बावजूद बॉल पलटकर गई और गिल्ली गिरा दी. इंग्लैंड की टीम बेशक बेहतर खेली. भारत ने तीसरा टेस्ट गंवा दिया. #INDvsENG…
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) July 14, 2025
एनडीए में रहकर चिराग पासवान लगातार नीतीश की पार्टी पर हमलावर है। बिहार में विपक्ष से ज़्यादा विपक्ष की भूमिका सत्ता पक्ष के साथ रहकर चिराग पासवान निभारहे है।
बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कानून व्यवस्था बड़ा सियासा मुद्दा बन गया है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक बार फिर कानून व्यवस्था को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर ने भी इस मामले पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स हैंडल से एक पोस्ट करते हुए लिखा, बिहार के लिए चिराग पासवान का संदेश साफ़ है, मोदी जी से बैर नहीं, नीतीश जी की खैर नहीं, मोदी सरकार में मंत्री चिराग क्या बिहार में वह कहावत चरितार्थ करने वाले है कि 'घर को लगी है आग घर के चराग से। '
एनडीए में रहकर चिराग पासवान लगातार नीतीश की पार्टी पर हमलावर है। बिहार में विपक्ष से ज़्यादा विपक्ष की भूमिका सत्ता पक्ष के साथ रहकर चिराग पासवान निभारहे है। जेडीयू असहज है, और सीमित दायरे में चिराग को गठबंधन धर्म निभाने को कह रही है। बीजेपी ने चुनी हुई चुप्पी ओढ़ ली है। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक चिराग को जबान पर लगाम लगाने के लिए नहीं कहा।
2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश की लंका मोदी जी के इसी हनुमान (चिराग) ने लगायी थी। पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था और 42 सीटों पर एनडीए की हार का कारण बने थे। चिराग के कारण जेडीयू को 36, वीआइपी को 4, मांझी की हम और बीजेपी को 1-1 सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। चिराग के कारण जेडीयू 43 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर पहुँच गई थी।
पिछले चुनाव में चिराग पासवान ने नीतीश को घायल कर दिया था, इस बार क्या फिर से चिराग के कंधे पर बंदूक रखकर घायल नीतीश को पूरी तरह राजनीतिक रूप से खत्म करने की कोशिश की जा रही है? कभी राजनीति के मंजे हुए शिकारी रहे नीतीश कुमार अब ख़ुद कमजोर शिकार बन गए है। चिराग के बन्दूक में कारतूस किसका है,आसानी से समझा जा सकता है। चिराग का राजनीतिक जहाज बिहार में लैंडिंग करने की पूरी तैयारी कर चुका है। चिराग के जहाज में ईधन और पायलट दोनों बीजेपी के है। चिराग दिल्ली में मंत्री की जगह बिहार में उप मुख्यमंत्री बनने को तैयार है।
आपको बता दें, विपक्ष लगातार कानून व्यवस्था को लेकर नीतीश सरकार को घेरने की कोशिश में रहता है। ऐसे में चिराग पासवान के लतागार सवाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
बिहार के लिए चिराग पासवान का संदेश साफ़ है, “मोदी जी से बैर नहीं,नीतीश जी की खैर नहीं”. मोदी सरकार में मंत्री चिराग क्या बिहार में वह कहावत चरितार्थ करने वाले है कि “घर को लगी है आग घर के चराग से.”
— sameer chougaonkar (@semeerc) July 14, 2025
एनडीए में रहकर चिराग पासवान लगातार नीतीश की पार्टी पर हमलावर है.बिहार में विपक्ष…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ना बनने को लेकर विपक्ष के सवालों पर नितिन गडकरी ने कहा कि विपक्ष का तो काम ही है आरोप लगाना। मोदी जी हमारे नेता हैं।
हिंदी न्यूज़ चैनल 'एबीपी न्यूज़' पर वरिष्ठ पत्रकार और एंकर चित्रा त्रिपाठी के नए शो की शुरुआत हो गई है। इस शो का नाम 'चर्चा With चित्रा' है। इस शो का प्रसारण हर शनिवार रात साढ़े दस बजे और रविवार दोपहर डेढ़ बजे किया जाएगा।
उनके शो की शुरुआत केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू से हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने रिश्तों से लेकर जातिगत जनगणना के मुद्दे पर नितिन गडकरी ने एबीपी न्यूज की एंकर चित्रा त्रिपाठी के सवालों का खुलकर जवाब दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ना बनने को लेकर विपक्ष के सवालों पर नितिन गडकरी ने कहा कि विपक्ष का तो काम ही है आरोप लगाना।
मोदी जी हमारे नेता हैं। हमारे बहुत अच्छे रिश्ते हैं। देश के प्रधानमंत्री हैं और उनके नेतृत्व में ही हम काम कर रहे हैं। आप उनका पूरा इंटरव्यू इस लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं।
अगर तीसरा सीजन प्रह्लाद चाचा का रोल निभाने वाला फैसल मलिक का था तो यह सीजन तृप्ति साहू का है। लेकिन याद रहे, गांव केवल राजनीति का अखाड़ा ही नहीं है।
हिंदी वेब सीरीज पंचायत का चौथा सीजन रिलीज हो चुका है और वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपना रिव्यु भी दिया है। उन्होंने लिखा, पंचायत का चौथा सीजन निपटा दिया। कहानी कहां से शुरु हुई और कहां पहुंच गई। फुलेरा गांव की मासूमियत कहीं खो गई।
जो राजनीति हमारे आसपास चौबीसों घंटे रहती है, अब पूरी कहानी केवल और केवल उसी राजनीति के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई। ऐसे कम ही मौके आए जब देखते हुए चेहरे पर हँसी आई हो। हाँ, तब आँंसू जरूर आए जब क्रांति देवी के आपत्तिजनक आरोप के बाद विकास की पत्नी खुशबू फूट-फूट कर रोने लगी।
कमाल का अभिनय किया तृप्ति साहू ने। अगर तीसरा सीजन प्रह्लाद चाचा का रोल निभाने वाला फैसल मलिक का था तो यह सीजन तृप्ति साहू का है। लेकिन याद रहे, गांव केवल राजनीति का अखाड़ा ही नहीं है। राजनीति और चुनाव ही सब कुछ नहीं है। लोग सचिव जी और रिंकी के बीच की केमेस्ट्री भी देखना चाहते हैं और ग्राम्य जीवन की सुंदरता और उसका भोलापन भी।
राजनीति की गंदगी और कीचड़ से अब केवल उबकाई आती है। उम्मीद है पांचवे सीजन में कुछ बात बने।यह तय है कि विधायकजी और बिनोद-बनराकस का डांस अब शादी-ब्याह में भी नजर आएगा। एकदम हिट है।
पंचायत का चौथा सीजन निपटा दिया। कहानी कहां से शुरु हुई और कहां पहुंच गई। फुलेरा गांव की मासूमियत कहीं खो गई। जो राजनीति हमारे आसपास चौबीसों घंटे रहती है, अब पूरी कहानी केवल और केवल उसी राजनीति के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई। ऐसे कम ही मौके आए जब देखते हुए चेहरे पर हँसी आई हो। हाँ,… pic.twitter.com/JYch9HVtVG
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) June 29, 2025
आपातकाल के दौरान किया गया 42वां संविधान संशोधन संविधान के मूल आत्मा को बदलने का एक प्रयास था। इसके मूल में एकदलीय प्रणाली को स्थापित करने की मंशा थी।
कांग्रेस सरकार द्वारा 1975 से 1977 तक लगाया गया आपातकाल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला अध्याय है। उस दौर में इंदिरा सरकार ने संविधान की मूल भावना को दरकिनार कर लोकतंत्र के आत्मा, संवैधानिक संस्थाओं, प्रेस की स्वतंत्रता, न्यायपालिका की निष्पक्षता और नागरिक अधिकारों पर आघात किया। इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने भी आज यानी 25 जून 2025 को आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर अपनी पीड़ा व्यक्त की।
उन्होंने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट कर लिखा, 50 साल हो गए। आज के दिन Press Freedom छीन ली गई थी। इंदिरा गांधी ने Censorship लागू कर दी। अखबारों की बिजली काट दी। कई Newspapers के दफ्तरों पर पुलिस ने ताले लगा दिये। कई पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया। उस ज़माने में सिर्फ अखबार ही source of information थे। TV और Radio सरकारी थे। मैं student था। 17 साल की उम्र में अभिव्यक्ति की आज़ादी पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं हुआ। परिस्थितियों ने मुझे untrained journalist बना दिया।
मैंने और विजय गोयल ने underground हो कर एक cyclostyled पर्चा निकालना शुरू किया। लोग सच जानने के लिए तरस गए थे। 'मशाल' की demand बढ़ने लगी। एक रात को पुलिस आई और मुझे अख़बार निकालने के इल्ज़ाम में हथकड़ी लगाकर घसीटते हुए ले गई। पुलिस थाने में जो टॉर्चर हुआ उसके निशान 50 साल बाद भी मेरे पैरों पर दिखाई देते हैं। फिर कई महीने जेल में रहना पड़ा। पर वो कहानी फिर कभी।
आपको बता दें, आपातकाल के दौरान किया गया 42वां संविधान संशोधन संविधान के मूल आत्मा को बदलने का एक प्रयास था। इसके मूल में एकदलीय प्रणाली को स्थापित करने की मंशा थी। यह एक तरह से संविधान को ही बदलने का प्रयास था।
50 साल हो गए. आज के दिन Press Freedom छीन ली गई थी. इंदिरा गांधी ने Censorship लागू कर दी. अखबारों की बिजली काट दी. कई Newspapers के दफ्तरों पर पुलिस ने ताले लगा दिये. कई पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया. उस ज़माने में सिर्फ अखबार ही source of information थे. TV और Radio सरकारी…
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) June 25, 2025
अलग-अलग तरह के समाचार सामने आ रहे हैं। जिस यादव व्यक्ति को कथा कहने की वजह से पीटने का समाचार आया था, उसके बारे में जानकारी आ रही है कि हिस्ट्रीशीटर था।
इटावा में कथावाचकों की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दावा किया गया है कि पहले उन्हें कथा करने के लिए बुलाया गया, फिर उनकी जाति पूछी गई और उसके बाद पिटाई की गई। इतने से भी मन नहीं भरा तो उनका मुंडन कर दिया गया।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और सरकार से एक मांग की। उन्होंने लिखा, इटावा पुलिस को घटना का सच सामने लाना चाहिए। अलग-अलग तरह के समाचार सामने आ रहे हैं। जिस यादव व्यक्ति को कथा कहने की वजह से पीटने का समाचार आया था, उसके बारे में जानकारी आ रही है कि, हिस्ट्रीशीटर था, चरित्र ठीक नहीं था।
पहचान बदलकर यह कर रहा था और किसी आपत्तिजनक बात के कहने की वजह से यह सब हुआ। हर हाल में इसका सच सामने आना चाहिए। किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। आपको बता दें, पुलिस का कहना है कि इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और इसमें बाल काटने वाला आरोपी भी शामिल है।
इटावा पुलिस को घटना का सच सामने लाना चाहिए। अलग-अलग तरह के समाचार सामने आ रहे हैं। जिस यादव व्यक्ति को कथा कहने की वजह से पीटने का समाचार आया था, उसके बारे में जानकारी आ रही है कि, हिस्ट्रीशीटर था, चरित्र ठीक नहीं था। पहचान बदलकर यह कर रहा था और किसी आपत्तिजनक बात के कहने की वजह… pic.twitter.com/lUtArH9IeA
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) June 24, 2025
भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन केएल राहुल और ऋषभ पंत की शतकीय पारियों के दम पर भारत ने अपनी पकड़ मजबूत की।
भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरी पारी में शानदार शतक जड़कर खूब महफिल लूटी। न्होंने 247 गेंद पर 137 रन बनाए, जिसमें कुल 18 चौके शामिल रहे। उनकी इस शानदार बल्लेबाजी की वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी सराहना की।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, पिछले कुछ समय से वह तकनीकी रूप से भारत के सबसे अच्छे संगठित बल्लेबाज रहे हैं। क्रम में ऊपर और नीचे धकेले जाने के बाद, अब वह टीम में वरिष्ठ खिलाड़ी के रूप में अपनी प्रतिभा को लगातार अच्छे प्रदर्शन में बदल रहे हैं।
सुपर सेंचुरी के लिए सराहना की जानी चाहिए। इंग्लैंड में खेलने का क्लासिक तरीका जहां कौशल यह जानने में निहित है कि आपका ऑफ स्टंप कहां है। आपको बता दें, भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन केएल राहुल और ऋषभ पंत की शतकीय पारियों के दम पर भारत ने अपनी पकड़ मजबूत की। टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 371 रन का लक्ष्य दिया है।
Take a bow @klrahul ! Has been India’s technically best organised batsman for a while.. after being pushed up and down the order, now he is turning his talent into consistent performance as the senior player in the side. Deserves to be applauded for a super century: classic way…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) June 23, 2025