भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) यानी कि सीसीआई ने गूगल के खिलाफ शिकायतों की जांच का आदेश दिया है।
दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी गूगल को बड़ा झटका लगा है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) यानी कि सीसीआई ने गूगल के खिलाफ शिकायतों की जांच का आदेश दिया है। दरअसल, गूगल पर आरोप है कि उसने ऑनलाइन न्यूज मार्केट में अपनी प्रमुख स्थिति का कथित रूप से दुरुपयोग किया है।
इंडियन न्यूजपेपर्स सोसाइटी (आईएनएस) ने गूगल के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। अपने एक बयान में आईएनएस ने कहा कि अल्फाबेट इंक (गूगल की मूल कंपनी), गूगल एलएलसी, गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गूगल आयरलैंड लिमिटेड और गूगल एशिया पैसिफिक पीटीई लिमिटेड भारतीय ऑनलाइन न्यूज मीडिया मार्केट में रेफरल सेवाएं और गूगल एड टेक (Google Ad Tech) सेवाएं ऑनलाइन न्यूज से संबंधित अपनी स्थिति का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 4 का उल्लंघन है।
आईएनएस ने आरोप लगाया कि डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध कराए गए न्यूज प्रड्यूसर्स /पब्लिशर्स को उनके कंटेंट के लिए उचित मूल्य का भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने ग्राहकों के लिए उपयुक्त कंटेंट बनाने में भारी निवेश किया है, जो गूगल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके न्यूज आइटम खोजते हैं।
आईएनएस ने कहा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और स्पेन सहित कई देशों ने कंटेंट प्रड्यूसर्स को उनके कंटेंट और खोज परिणामों का उपयोग करने के लिए पर्याप्त रूप से मुआवजा देने के लिए गूगल सहित टेक कंपनियों की आवश्यकता के लिए कानून पारित किया है। न्यूज मीडिया घरानों को गूगल द्वारा इस बात पर पूरी तरह से अंधेरे में रखा जाता है कि एकत्र किए गए कुल विज्ञापन राजस्व कितना है और कितना वास्तविक प्रतिशत मीडिया संगठनों को दिया जा रहा है।
यूरोपीय प्रकाशक परिषद (EPC) ने भी गूगल के डिजिटल ऐड बिजनेस के खिलाफ अविश्वास जताते हुए यूरोपीय आयोग में शिकायत भी दर्ज करवा चुका है जिसमें आरोप लगाया गया था कि गूगल ने ऐड टेक वैल्यू चेन का पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया है और अपनी स्थिति का दुरुपयोग कर रहा है। सीसीआई ने आईएनएस की दलीलों की जांच करने के बाद पाया कि दुरुपयोग के ये आरोप प्रथम दृष्टया प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 के दायरे में आते हैं और इसके लिए महानिदेशक द्वारा विस्तृत जांच की आवश्यकता है।
आईएनएस ने कहा कि सीसीआई ने आईएनएस द्वारा पेश की गई जानकारी को डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (डीएनपीए) द्वारा इसी तरह की दलीलों पर एक आदेश पारित किया है।
जनवरी में भी सीसीआई ने डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर गूगल के खिलाफ बाजार में मजबूत स्थिति के कथित दुरुपयोग के लिए जांच का आदेश दिए थे। डीएनपीए की शिकायत के बाद भी सीसीआई ने माना था कि गूगल प्रथमदृष्ट्या प्रतिस्पर्धा कानून के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन करता नजर आ रहा है।
बता दें कि वर्तमान में इस एसोसिएशन में दैनिक भास्कर, इंडिया टुडे, एनडीटीवी, हिन्दुस्तान टाइम्स, द इंडियन एक्सप्रेस, द टाइम्स ऑफ इंडिया, अमर उजाला, जागरण न्यू मीडिया, ईनाडु और मलयालम मनोरमा इसके सदस्य हैं।
बीजेपी आलाकमान की मुहर के बाद रविवार तक नामों का ऐलान हो सकता है। बताया जा रहा है कि रविवार को विधायक दल की बैठक हो सकती है।
भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पर्यवेक्षकों के नामों का ऐलान कर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय को राजस्थान का पर्यवेक्षक बनाया गया है। वहीं, हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर, के लक्ष्मण, आशा लकड़ा को मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है।
जबकि छत्तीसगढ़ के लिए अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल और दुष्यंत गौतम को चुना गया है। ये पर्यवेक्षक विधायक दल की बैठक में विधायकों की राय लेंगे। बीजेपी आलाकमान की मुहर के बाद रविवार तक नामों का ऐलान हो सकता है। बताया जा रहा है कि रविवार को विधायक दल की बैठक हो सकती है।
इस पूरे मामले पर हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' की टीवी डिबेट में कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने बीजेपी पर तंज कसा है। उन्होंने शो की एंकर 'श्वेता सिंह' के एक सवाल के जवाब में कहा, 'तीनों राज्यों की जनता को बधाई। कम से कम छठें दिन पर्यवेक्षक तो मिल गए उन्हें, पर्यवेक्षक बनाने थे तो पहले ही दिन बना देते कौन सी दिक्कत थी?'
आपको बता दें कि भाजपा ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में प्रचंड जीत हासिल की है। इन राज्यों में कांग्रेस को करारी हार मिली है।
''तीनों राज्यों की जनता को बधाई... कम से कम छठें दिन पर्यवेक्षक तो मिल गए उन्हें. पर्यवेक्षक बनाने थे तो पहले ही दिन बना देते कौन सी दिक्कत थी...:'' कांग्रेस प्रवक्ता @Aloksharmaaicc#MadhyaPradeshCM #RajasthanCM #ChhattisgarhCM #हल्ला_बोल | @SwetaSinghAT pic.twitter.com/1MZp08YWJO
— AajTak (@aajtak) December 8, 2023
पहले दिन 30 आलमारियों में भरे नोट मिले थे। दूसरे दिन भी नोटों से भरे कई बैग मिले हैं। अभी लॉकरों को नहीं खोला जा सका है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के तीन राज्यों झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के 10 ठिकानों पर छापेमारी के दौरान आयकर विभाग की टीम ने करोड़ों रुपये कैश जब्त किए हैं। अनुमान है कि 300 करोड़ से ज्यादा नकदी है। नोटों को भरकर ले जाने में आयकर को 156 बड़े बैग और बोरियों का इस्तेमाल करना पड़ा। कंपनी के कुछ कर्मचारियों से आयकर की टीम पूछताछ भी कर रही है।
पहले दिन 30 अलमारियों में भरे नोट मिले थे। दूसरे दिन भी नोटों से भरे कई बैग मिले हैं। अभी लॉकरों को नहीं खोला जा सका है। इस घटना के सामने आने के बाद पत्रकार और एंकर रीमा पाराशर ने अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट कर पीएम मोदी को 'थैंक्यू' कहा है।
उन्होंने लिखा, 'कल्पना नहीं की थी इस जीवन में एक साथ इतना पैसा इन आँखों से देख पाऊँगी। लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ आपकी मुहिम ने ये भी मुमकिन कर दिया। बहुत धन्यवाद ये सुखद अनुभव देने के लिए। थैंक यू मोदी जी।'
आपको बता दें कि धीरज साहू तीसरी राज्यसभा सांसद बने हैं। इसके अलावा वे चतरा लोकसभा सीट से दो बार कांग्रेस के टिकट चुनाव भी लड़ चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली। उद्योगपति राय साहब बलदेव साहू के पुत्र धीरज प्रसाद साहू का जन्म 23 नवंबर 1959 को लोहरदगा स्थित पैतृक आवास में हुआ। रांची के लोकसभा सांसद रहे स्वर्गीय शिव प्रसाद साहू के भाई धीरज साहू तीन बार से लगातार राज्यसभा सांसद हैं। पहली बार वे जून 2009 के उपचुनाव में राज्यसभा सांसद बने थे।
थैंक यू मोदीजी….. ?
— Reema Parashar (@RheemaParashar) December 8, 2023
कल्पना नहीं की थी इस जीवन में एक साथ इतना पैसा इन आँखों से देख पाऊँगी। लेकिन भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आपकी मुहिम ने ये भी मुमकिन कर दिया। बहुत धन्यवाद ये सुखद अनुभव देने के लिए ???? #paisayepaisa pic.twitter.com/q62T7wfsvk
लोकसभा में महुआ मोइत्रा पर आचार समिति की रिपोर्ट पेश की गई। पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में आचार समिति ने उन्हें दोषी पाया।
महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित किया गया। 54 दिन बाद उनकी सांसदी चली गई। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि महुआ का आचरण अनैतिक है। प्रह्लाद जोशी ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ प्रस्ताव रखा, जिसे मंजूर कर लिया गया। लोकसभा में महुआ मोइत्रा पर आचार समिति की रिपोर्ट पेश की गई। पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में आचार समिति ने उन्हें दोषी पाया।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार शिवकांत ने अपने 'एक्स' हैंडल से एक ट्वीट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने पोस्ट कर लिखा, 'महुआ ने किस से ले या न लेकर सवाल उठाए इसकी खुली जांच हो। देश की सुरक्षा का सवाल है। दुनिया जानती है चीन प्रतियोगी लोकतंत्रों को कमजोर करने के लिए पैसा झोंक रहा है। अमरीकी विदेश विभाग की रिपोर्ट है। हिंडरसन, सोरोस और चीनी पैसा सबके तार जुड़े दिखते हैं। इसलिए नीर-क्षीर होना चाहिए।
आपको बता दें कि महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा। उन पर आरोप लगा कि उन्होंने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल किए। आरोप लगा कि महुआ मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे। इस मामले में महुआ मोइत्रा बुरी तरह फंस गई।
महुआ ने किस से ले या न लेकर सवाल उठाए इसकी खुली जाँच हो! देश की सुरक्षा का सवाल है। दुनिया जानती है चीन प्रतियोगी लोकतंत्रों को कमजोर करने के लिए पैसा झोंक रहा है। अमरीकी विदेश विभाग की रिपोर्ट है। हिंडरसन, सोरोस और चीनी पैसा सबके तार जुड़े दिखते हैं! इसलिए नीर-क्षीर होना चाहिए!
— Shiv Kant (@shivkant) December 8, 2023
इन चुनाव परिणामों पर वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिन्हा ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की।
मिजोरम विधानसभा चुनाव में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) को शानदार जीत मिली है। जोरम पीपुल्स मूवमेंट ने 40 सीटों वाली विधानसभा में 27 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को मात्र 10 सीटों पर जीत मिली है। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार 2 सीटों पर विजय हुए हैं। वहीं, कांग्रेस पार्टी को महज एक सीट पर जीत मिली है।
इन चुनाव परिणामों पर वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिन्हा ने अपने 'एक्स' हैंडल पर एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने लिखा, 'मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की चर्चाओं के बीच मिजोरम के नतीजे कहीं दबकर रह गए लेकिन वहां भी देश की सबसे पुरानी पार्टी की दुर्गति की दास्तां नजर आती है। 40 सीटों वाली विधानसभा में 2013 मेंं कांग्रेस को 34 सीटें आईं जो 2018 में घटकर 4 हुईं और अब तो घटकर एक हो गई है।
बीजेपी जो वहां होती भी नहीं थी उसकी भी 2 सीट आ गईं, लेकिन कांग्रेस मात्र 1 सीट पर सिमट गई है। कांग्रेस का वोट शेयर 10% के करीब गिरा है। ईवीएम से लेकर पत्रकारों को कोसने की बजाय पार्टी को अपने संगठन में मौजूद मजबूत नेताओं पर भरोसा दिखाना होगा, जमीन पर काम करना होगा और जोंक की तरह चिपक गए वामपंथियों से तुरंत निजात पाना होगा वरना कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी का यूं खत्म होते जाना लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह होगा।'
आपको बता दें कि मिजोरम विधानसभा के लिए मतदान सात नवंबर को हुआ था और राज्य के 8.57 लाख मतदाताओं में से 80 प्रतिशत से अधिक ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की चर्चाओं के बीच मिजोरम के नतीजे कहीं दबकर रह गए लेकिन वहां भी देश की सबसे पुरानी पार्टी की दुर्गति की दास्तां नजर आती है। 40 सीटों वाली विधानसभा में 2013 मेंं कांग्रेस को 34 सीटें आईं जो 2018 में घटकर 4 हुईं और अब तो घटकर 1 हो गई है।…
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) December 8, 2023
पांचों राज्यों में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया और मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत हासिल किया।
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम बीते 3 दिसंबर को जारी किए गए। पांचों राज्यों में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया और मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत हासिल किया। मिजोरम और तेलंगाना में भी भाजपा ने पहले के मुकाबले काफी ज्यादा सीटें हासिल की हैं। पार्टी के संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी का सम्मान किया गया।
इस सफलता को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद और पार्टी प्रवक्ता डॉ.सुधांशु त्रिवेदी ने एक हिंदी न्यूज़ चैनल की डिबेट में कहा कि, पीएम मोदी जी ने संसदीय दल की बैठक में कहा है कि एक कांग्रेस की गवर्नेंस का मॉडल है, एक क्षेत्रीय दल की गवर्नेंस का मॉडल है, और एक हमारा बीजेपी का गवर्नेंस का मॉडल है, हमने आकर ट्रेंड चेंज किया, 2001 से पहले एंटी इनकम्बेंसी का दौर था जो जहां रहता था सरकार हार जाती थी। मोदी जी गुजरात के लगातार CM बने फिर मोदी जी सेंटर में लगातार पीएम बने।
MP में बीजेपी सरकार लगातार बीस वर्षों से है, भाजपा ने एंटी इनकम्बेंसी को प्रो इनकम्बेंसी में चेंज किया। विकास के शानदार पारियों की बदौलत हमले सरकारों के प्रति नाराज़गी की अवधारणा को अब सरकारों के प्रति बारंबार समर्थन की स्थिति में बदलने में सफलता हासिल की है।
बता दें कि बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी विश्लेषण बताया और कहा कि वे (कांग्रेस) लगातार दो बार सरकार में थे और फिर चुनाव में जाने का मौका आया, कांग्रेस को यह मौका केवल 7 बार मिला और वे केवल एक बार तीसरे कार्यकाल में प्रवेश करने में सक्षम हुए। बीजेपी लगातार दो बार सरकार में रही और फिर बीजेपी को 17 बार चुनाव में जाने का मौका मिला और बीजेपी 10 बार जीती। हमने गुजरात जैसे राज्य में 7 बार जीत हासिल की है। हमने एमपी में भी लगातार जीत रहे हैं।
जैसा कि आज प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने संसदीय दल की बैठक में कहा है कि एक कांग्रेस की गवर्नेंस का मॉडल है, एक क्षेत्रीय दल की गवर्नेंस का मॉडल है, और एक हमारा बीजेपी का गवर्नेंस का मॉडल है, हमने आकर ट्रेंड चेंज किया, 2001 से पहले एंटी इनकम्बेंसी का दौर था जो जहां रहता… pic.twitter.com/rEd6u3m2yx
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) December 7, 2023
इस पूरे मसले पर वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी ने अपने 'एक्स' हैंडल पर एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की है।
अमेरिका ने एक भारतीय अधिकारी पर सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिकी धरती पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। अमेरिका ने कहा है कि वह अपने देश में अलगाववादी सिख नेता की हत्या की साजिश में भारतीय अधिकारी की संलिप्तता के आरोपों के संबंध में भारत द्वारा की जाने वाली जांच का इंतजार करेगा।
इस पूरे मसले पर वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी ने अपने 'एक्स' हैंडल पर एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने लिखा, 'पन्नू जैसे जोकर को मारने की साजिश में भारत की भूमिका की जांच करने के लिए अमेरिका अपनी सीआईए और एफबीआई जैसी एजेंसियों को बर्बाद कर रहा है, यह सबसे बड़ा मजाक है। एक ऐसा देश जो आतंक के खिलाफ वैश्विक युद्ध का नेतृत्व करने का दावा करता है, वे एक आतंकवादी को बचाने को कैसे उचित ठहरा सकते हैं? अगर अमेरिका आतंकवाद को खत्म करने को लेकर गंभीर है तो वे पन्नू को गिरफ्तार कर भारत को सौंप देना चाहिए।'
बता दें कि अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मीडिया से कहा, हमने इस मामले को सरकार के सबसे ऊंचे स्तर पर उठाया है। विदेश मंत्री ने इसे सीधे अपने विदेशी समकक्ष (एस जयशंकर) के सामने उठाया है।
US wasting its agencies like CIA and FBI to investigate India’s role in the plot to kill a joker like #Pannu is the biggest joke! For a country that claims to lead the global war on terror, how do they justify shielding a terrorist? If America is serious about eliminating…
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) December 7, 2023
राजस्थान में CM पद को लेकर सस्पेंस जारी है। इस बीच राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे देर रात दिल्ली पहुंची हैं। बताया जा रहा है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें बुलाया है।
राजस्थान में CM पद को लेकर सस्पेंस जारी है। इस बीच राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे देर रात दिल्ली पहुंची हैं। बताया जा रहा है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें बुलाया है। वसुंधरा राजे ने साफ कहा है कि वह पार्टी लाइन से बाहर नहीं हैं।
मीडिया रिपोटर्स के अनुसार विधायकों से मुलाकात के बाद वसुंधरा राजे ने फोन पर बीजेपी हाईकमान से बात की है। इसके बाद उन्होंने कहा कि वो पार्टी की अनुशासित कार्यकर्ता हैं और पार्टी की लाइन से कभी बाहर नहीं जा सकती हैं।
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार एलपी पंत ने अपने 'एक्स' हैंडल से ट्वीट कर इसके मायने समझाने की कोशिश की है। उन्होंने लिखा है, 'जितना हम वसुंधरा को जानते हैं उसके आधार पर यह तथ्य भी क़ाबिले गौर है। वसुंधरा राजे भले ही सीएम की दौड़ में शामिल हैं लेकिन अगर नया चेहरा आता है तो इस चेहरे को स्थापित करने से पहले आलाकमान को वसुंधरा से सहमति की भी जरूरत पड़ेगी।'
आपको बता दें कि तीन दिसंबर को आए चुनावी नतीजे के एक दिन बाद ही दो बार मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे के घर पर 25 विधायक मिलने पहुंचे थे। इसके बाद भी विधायकों के मिलने का सिलसिला जारी था। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में वसुंधरा समर्थक नेता और विधायक कालीचरण सर्राफ ने भी यह दावा किया था कि राजे से लगभग 70 विधायक मिलने पहुंच चुके हैं।
जितना हम वसुंधरा को जानते हैं उसके आधार पर यह तथ्य भी क़ाबिले गौर है…राजे भले ही सीएम की दौड़ में शामिल हैं लेकिन अगर नया चेहरा आता है तो इस चेहरे को स्थापित करने से पहले आलाकमान को वसुंधरा से सहमति की भी ज़रूरत पड़ेगी…
— LP Pant (@pantlp) December 7, 2023
डीएफसी ने अडानी को श्रीलंका में कंटेनर टर्मिनल बनाने के लिए 55.3 करोड़ डॉलर यानी 4600 करोड़ रुपये से अधिक का लोन दिया है।
अमेरिका के इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DFC) ने अडानी पर लगे आरोपों को गलत पाया है। डीएफसी ने अडानी को श्रीलंका में कंटेनर टर्मिनल बनाने के लिए 55.3 करोड़ डॉलर यानी 4600 करोड़ रुपये से अधिक का लोन दिया है।
डीएफसी ने लोन देने से पहले कहा है कि उसने शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच की है और उन्हें गलत पाया है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया था कि अडानी कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा कर रहा है।
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने 'एक्स' हैंडल पर पोस्ट कर बड़ा सवाल पूछा है। उन्होंने लिखा, 'हिंडनबर्ग के आरोप 'अप्रासंगिक' पाए जाने के बाद अमेरिकी प्रशासन ने अडानी समूह को 553 मिलियन डॉलर का ऋण दिया। क्या यह एनडीए द्वारा अडानी की कथित "कॉर्पोरेट धोखाधड़ी" को बचाने के विपक्ष के दावों की आखिरी कील है? क्या "मो-दानी लीग" स्वीकार करेगी?'
आपको बता दें कि श्रीलंका में अडानी द्वारा बनाया जा रहा कंटेनर टर्मिनल इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह एशिया में अमेरिका द्वारा समर्थित सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में से एक है। इससे एशिया में चीन के बढ़ते दबदबे को काउंटर करने के अमेरिका के प्रयासों के रूप में भी देखा जा रहा है।
US administration extended a $553 million loan to Adani group after it found that Hindenburg’s allegations were "irrelevant."
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) December 6, 2023
Is this the final nail in opposition's claims of NDA shielding Adani's alleged "corporate fraud"?
Will "Mo-dani League" accept?
मुदिचुर, वरदराजपुरम, पश्चिमी तांब्रम, मणिवक्कम की झीलों के कारण इलाकों में बाढ़ आ गई है और जनजीवन पूरी तरह पटरी से उतर गया है।
चेन्नई में हो रही मूसलाधार बारिश ने लगभग 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जिसके कारण रक्षा बलों को राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैनात करना पड़ा है। मुदिचुर, वरदराजपुरम, पश्चिमी तांब्रम, मणिवक्कम की झीलों के कारण इलाकों में बाढ़ आ गई है और जनजीवन पूरी तरह पटरी से उतर गया है।
ऐसे में वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने 'एक्स' हैंडल से एक पोस्ट कर कहा बड़ी बात कही। उन्होंने लिखा, 'तमिलनाडु में कई दशकों बाद इस तरह की विनाशकारी बाढ़ आई जिसने एक करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित किया। बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ। यह तबाही मिचौंग तूफ़ान के कारण हुई। अब तक सत्रह लोगों की मौत हो चुकी है।
इधर संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। सत्तारूढ़ डीएमके इसके माध्यम से सरकार और पूरे देश का ध्यान इस आपदा की ओर आकर्षित कर सकती थी। डीएमके नेता टी आर बालू ने यह मुद्दा उठाया भी। लेकिन सुर्ख़ियाँ गोमूत्र के बारे में नफ़रती बयान देने वाले डीएमके सांसद सेंथिल कुमार बटोर कर ले गए। डीएमके नेतृत्व को इस बारे में सोचना चाहिए कि ऐसे संवेदनशील समय क्या ज़्यादा ज़रूरी है- आपदा प्रभावित लोगों को राहत के लिए मदद या फिर कुछ पार्टी नेताओं का नफरती एजेंडा?'
आपको बता दें कि लगातार बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। कई स्थानों पर लोगों को घुटनों तक भरे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है।
तमिलनाडु में कई दशकों बाद इस तरह की विनाशकारी बाढ़ आई जिसने एक करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित किया। बड़े पैमाने पर जान-माल का नुक़सान हुआ। यह तबाही मिचौंग तूफ़ान के कारण हुई। अब तक सत्रह लोगों की मौत हो चुकी है।
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) December 7, 2023
इधर संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। सत्तारूढ़ डीएमके इसके माध्यम…
एक तरफ सीएम पद की मजबूत दावेदार वसुंधरा राजे के आवास पर हलचल मची हुई है तो दूसरी तरफ कई दिग्गजों के नाम पर राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने बहुमत हासिल कर लिया है। लेकिन अगले मुख्यमंत्री को लेकर बीजेपी में अभी तक मंथन चल रहा है। मुख्यमंत्री को लेकर अभी तक कोई चेहरा साफ नहीं हुआ है। वहीं वसुंधरा राजे भी आलाकमान को अपनी ताकत दिखाने में जुट गई हैं। सोमवार को 47 विधायकों ने वसुंधरा से मुलाकात की है।
ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि वसुंधरा राजे की जोर आजमाइश के बीच बीजेपी हाईकमान के लिए नया सीएम बनाया जाना आसान नहीं होगा। वसुंधरा राजे भी हाईकमान को पूरी टक्कर देती हुई नजर आएंगी।
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने 'एक्स' हैंडल पर एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने लिखा, 'छतीसगढ़ और मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा का कोई नेता सार्वजनिक तौर पर शक्ति प्रदर्शन नहीं कर रहा है। लेकिन राजस्थान एक ऐसा अकेला राज्य है जहां महारानी वसुंधरा राजे सार्वजनिक तौर पर शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं। क्या पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर इस तरह से दबाव बनाया जा सकता है क्या? इस प्रश्न का उत्तर भी मिलने वाला है।'
आपको बता दें कि राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राजनीतिक अनुभव राजे के पास है और वह अगले लोकसभा चुनाव में पार्टी के काम आ सकता है।
#Chhattisgarh #MadhyaPradesh में मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा का कोई नेता सार्वजनिक तौर पर शक्ति प्रदर्शन नहीं कर रहा है, लेकिन #Rajasthan अकेला राज्य है जहां महारानी @VasundharaBJP सार्वजनिक तौर पर शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं। @narendramodi @AmitShah पर इस तरह से दबाव बनाया जा…
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) December 5, 2023