आज अखबारों ने इन खबरों को दी फ्रंट पेज पर जगह

हिन्दुस्तान में फ्रंट पेज पर एक बड़ा विज्ञापन है। अमर उजाला ने तीसरे पेज को फ्रंट पेज बनाया है, जबकि दैनिक जागरण में आज दो फ्रंट पेज हैं

नीरज नैयर by
Published - Tuesday, 20 August, 2019
Last Modified:
Tuesday, 20 August, 2019
Newspapers


दिल्ली से प्रकाशित होने वाले प्रमुख हिंदी अखबारों में आज भी कश्मीर ही सबसे बड़ी खबर है, लेकिन सभी ने अलग-अलग तरीके से इसे उठाया है। आज सबसे पहले हिन्दुस्तान पर नजर डालें तो फ्रंट पेज पर एक बड़ा विज्ञापन है। लीड मोदी और ट्रम्प की मुलाकात है, जिसकी प्रस्तुति आज उतनी आकर्षक नहीं है। दिल्ली में यमुना के लाल निशान पार करने को फोटो के साथ दर्शाया गया है। रविदास मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को प्रमुखता मिली है और इसके पास ही सिंगल में संगीतकार खय्याम के निधन का समाचार है। हिन्दुस्तान ने एयर इंडिया के विमान में आग की खबर को अहमियत के अनुसार जगह दी है। यहां यह न्यूज तीन कॉलम में है, जबकि नवभारत टाइम्स ने इसे संक्षिप्त में रखा है। इसके अलावा पेज पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की रिटायरमेंट आयु, चिदम्बरम को नोटिस, यूपी में पेट्रोल-डीजल महंगा होने का समाचार भी है। एंकर में चंद्रयान 2 से जुड़ी खबर है, जो आज चांद की कक्षा में पहुंचेगा।

आज अमर उजाला की बात की जाए तो पहले पेज पर फुल विज्ञापन होने के कारण तीसरे पेज को फ्रंट पेज बनाया गया है। अखबार में इस फ्रंट पेज पर भी दो बड़े विज्ञापन हैं। लीड मोदी-ट्रम्प मुलाकात है, जिसमें जम्मू-कश्मीर के हाल को भी शामिल किया गया है। इसके पास तीन कॉलम में यमुना का बढ़ता जलस्तर है और उसके नीचे केंद्रीय सुरक्षा बलों की रिटायरमेंट आयु संबंधी फैसले से जुड़ी खबर है। इस समाचार को आकर्षक अंदाज में संपूर्ण जानकारी के साथ पेश किया गया है। विमान में आग की खबर को भी प्रमुखता दी गई है। इसके अलावा पेज पर रविदास मंदिर पर कोर्ट की टिप्पणी और आम आदमी पार्टी के विधायक को सात दिन की जेल से संबंधित न्यूज है। हालांकि, अमर उजाला ने संगीतकार खय्याम के निधन के समाचार को फ्रंट पेज पर नहीं रखा है।

इसके अलावा, नवोदय टाइम्स ने सबसे अलग पूरे आठ कॉलम में एक बड़ी जगह उफनती यमुना को दी है। इस खबर को बड़े फोटो के साथ लगाया गया है। साथ ही इसमें अन्य राज्यों की स्थिति का भी जिक्र है। लीड कश्मीर है, लेकिन मोदी-ट्रम्प मुलाकात के बजाय घाटी के हालात को प्रमुखता मिली है, जबकि मुलाकात को बॉक्स में रखा गया है। राज ठाकरे को ईडी के नोटिस से जुड़ी खबर को दो कॉलम में लगाया गया है, लेकिन केंद्रीय सुरक्षा बलों की रिटायरमेंट आयु संबंधी महत्वपूर्ण खबर पेज पर नहीं है। साथ ही विमान में आग की खबर को भी जगह नहीं मिली है। हालांकि, आरक्षण पर मोहन भागवत के बयान से छिड़ी महाभारत, अरुण जेटली की बिगड़ती सेहत और संगीतकार खय्याम के निधन का समाचार पेज पर है. वहीं, एंकर में सामाजिक पहल से जुड़ी एक अच्छी खबर है।  

आज नवभारत टाइम्स का फ्रंट पेज देखें तो यह बेहद आकर्षक लग रहा है। आफत की बारिश को जिस खूबसूरत तरीके से पेश किया गया है, वह काबिल-ए-तारीफ है। ‘कश्मीर में शांति का अमिट प्लान’ शीर्षक के साथ लीड लगाई गई है। अपनी इस स्टोरी में वीरेंद्र कुमार ने बताया है कि गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर को पटरी पर लाने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। लीड में ही मोदी-ट्रम्प की बातचीत और घाटी में सामान्य होते हालातों का भी जिक्र है। नवभारत टाइम्स के फ्रंट पेज पर आज भी काफी विज्ञापन है, लेकिन इसके बावजूद हर महत्वपूर्ण खबर को पेज पर रखने का प्रयास किया गया है। इनकम टैक्स की दरों में बड़े बदलाव की सिफारिश को दो कॉलम जगह मिली है, और इसके पास ही चार अहम समाचारों को छोटा-छोटा करके लगाया गया है। मसलन, विमान खरीद पर चिदम्बरम को नोटिस, केंद्रीय सुरक्षा बलों में 60 की उम्र पर रिटायरमेंट सहित अन्य दो खबरें हैं। इसके अलावा स्थानीय अपराध समाचार और रविदास मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को भी सिंगल में लगाया गया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ एवं संगीतकार खय्याम की खबर ‘फास्ट न्यूज’ में है।

वहीं, दैनिक जागरण ने आज दो फ्रंट पेज बनाये हैं। पहले पेज पर आर्थिक मंदी की आहट पर आरबीआई गवर्नर के बयान को लीड बनाया गया है और दूसरी खबर चिदम्बरम को नोटिस है। दूसरे फ्रंट पेज की बात करें तो मोदी-ट्रम्प मुलाकात सबसे बड़ी खबर है, जबकि बालाकोट के बाद भारतीय सेना की तैयारी को दूसरी प्रमुख न्यूज का दर्जा दिया गया है। उफनती यमुना दो कॉलम में है और एंकर मिशन कश्मीर को समर्पित है। अपनी स्टोरी में नवीन नवाज ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा तैयार किये गए 4M एक्शन प्लान के बारे में बताया है। इसके अलावा खय्याम, चंद्रयान सहित दो अन्य समाचार संक्षिप्त में हैं। दो फ्रंट पेज होने के बावजूद जागरण ने केंद्रीय सुरक्षा बलों की रिटायरमेंट आयु और विमान में आग की खबर को जगह नहीं दी है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

प्रिंट के साथ बने रहें, यह बेहद भरोसेमंद माध्यम है: समीर सिंह, HT मीडिया

HT मीडिया ग्रुप के सीईओ समीर सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित e4m Revenue Leaders Conference के दौरान एक्सचेंज4मीडिया के को-फाउंडर नवल आहूजा के साथ एक गहन और बेबाक फायरसाइड चैट की

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 31 July, 2025
Last Modified:
Thursday, 31 July, 2025
SameerSingh4512

HT मीडिया ग्रुप के सीईओ समीर सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित e4m Revenue Leaders Conference के दौरान एक्सचेंज4मीडिया के को-फाउंडर नवल आहूजा के साथ एक गहन और बेबाक फायरसाइड चैट में कहा, "ऐसे फॉर्मेट्स जो चौंकाएं और जोड़ें, उनका हमेशा महत्व रहेगा और प्रिंट ने इस दिशा में सच में इनोवेशन किया है।"

सत्र का शीर्षक था: “Scaling a Media Business: Pro Tips from the Corner Office”, जिसमें उन्होंने मीडिया के परिवर्तन, AI के उदय और ब्रैंड्स व पब्लिशर्स के लिए उपभोक्ता परिदृश्य में हो रहे बदलावों के बीच रास्ता निकालने की रणनीतियों पर बेहतरीन अंतर्दृष्टि साझा की।

चार महीने पहले HT मीडिया की कमान संभालने वाले समीर सिंह इससे पहले Google, TikTok और वैश्विक एजेंसियों में उच्च पदों पर रह चुके हैं। यह बातचीत मीडिया के अतीत, वर्तमान और भविष्य के साथ-साथ नेतृत्व के उस दृष्टिकोण पर केंद्रित रही जो परिवर्तन की लहरों को साधने में मदद कर सकता है।

सिंह ने अपनी यात्रा के बारे में कहा, "इंडस्ट्री की प्रकृति में आए बदलाव मेरे करियर की दिशा में भी झलकते हैं, “मैंने एजेंसियों से शुरुआत की, फिर Google जैसे टेक प्लेटफॉर्म्स में गया, जहां मैंने परफॉर्मेंस इकोसिस्टम को विकसित होते देखा। फिर वापस एजेंसी और उसके बाद TikTok तक गया। अब HT मीडिया में मैं एक भरोसेमंद लिगेसी ब्रैंड को डिजिटल युग में फिर से कैसे गढ़ा जाए, इस पर काम कर रहा हूं।”

उन्होंने Google में बिताए समय को बेहद निर्णायक बताया। उन्होंने कहा, “जब मैं Google में था, तब वह एक परफॉर्मेंस बिजनेस से ब्रैंड नैरेटिव्स की ओर बढ़ रहा था। YouTube तब ही प्रमुखता में आ रहा था और आज वही प्लेटफॉर्म AI और क्रिएटर कंटेंट से एक नए रूप में ढल रहा है।”

"उपभोक्ता बदल रहे हैं, मीडिया को भी बदलना होगा"

सिंह ने कहा कि जैसे-जैसे उपभोक्ता का ध्यान विभाजित हो रहा है, ब्रैंड्स पर भरोसेमंद और गहरे अनुभव देने का दबाव बढ़ा है। आज डिजिटल का एजेंसी बिजनेस में योगदान चौंकाने वाला है। लेकिन जो नहीं बदला, वह है भरोसे का महत्व। यही वजह है कि भारत में प्रिंट अब भी मजबूत है। 

भारत में प्रिंट की भूमिका पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “भारत उन दो देशों में है जहां प्रिंट यात्रा अब भी विकास का हिस्सा है। छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में जब हम जाते हैं, तो देखते हैं कि प्रिंट वहां अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। और जैसे-जैसे आय में वृद्धि हो रही है, यह ट्रेंड बना रहेगा।”

उन्होंने कहा कि यही भरोसे पर आधारित कंटेंट का उभार है, जो अमेरिका जैसे बाजारों में लॉन्ग-फॉर्म पॉडकास्ट को लोकप्रिय बना रहा है। लोग अब कम लेकिन गहरी और भरोसेमंद बातचीत की तलाश में हैं।

AI: अवसर भी, खतरा भी

इस बातचीत का एक प्रमुख विषय था- AI का मीडिया, कंटेंट क्रिएशन और मोनेटाइजेशन में लाया गया उथल-पुथल। सिंह ने इसे चार चरणों में विभाजित किया: AI-researched, AI-assisted, AI-amplified और अंततः AI-generated कंटेंट।

उन्होंने कहा, “दुनिया भर के न्यूजरूम्स पहले से ही AI का उपयोग फैक्ट-चेकिंग और आर्काइव्स के संदर्भ के लिए कर रहे हैं। लेकिन अब हम देख रहे हैं कि AI वीडियो समरीज और स्टाइलाइज्ड स्टोरीटेलिंग भी तैयार कर रहा है।”

एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “यदि किसी खबर के पास विजुअल्स नहीं हैं, तो वे उसे जापानी मांगा कॉमिक स्टाइल में दोबारा बना सकते हैं। कहानी मैं जानता हूं, लेकिन विजुअल्स नहीं हैं, तो AI से यह रूप दिया गया, जिससे स्पष्ट हो कि कंटेंट का स्टाइल जनरेटेड है, न कि तथ्य।”

सिंह ने आगाह किया, "लेकिन असली चुनौती तब आएगी जब यूजर्स की तरफ से बॉट्स हमारे कंटेंट को क्यूरेट करना, समरी बनाना और वीडियो चुनना शुरू कर देंगे।" 

ट्रस्ट के कई स्तर

ब्रैंड सेफ्टी और डिजिटल स्पेस में भरोसे की बात करते हुए सिंह ने कहा, "मैं कहूंगा कि प्रिंट से जुड़े रहो, यह एक काफी भरोसेमंद माध्यम है।"

उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के कई पहलू होते हैं- एक ओर, लग्जरी ब्रैंड प्रीमियम और क्यूरेटेड वातावरण चाहते हैं जैसे ग्लॉसी मैगजीन और रेड कारपेट्स। वहीं, दूसरी ओर डिजिटल-फर्स्ट ब्रैंड्स यूजर-जनरेटेड कंटेंट वाले प्लेटफॉर्म्स पर हानिकारक या आपत्तिजनक कंटेंट से बचना चाहते हैं। ऐसे में थर्ड-पार्टी टूल्स और वेरिफिकेशन सिस्टम ब्रैंड सेफ्टी सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

एक अन्य ट्रस्ट लेयर के तहत उन्होंने कहा, “प्रश्न यह है कि आपने जो वादा किया, क्या आप वही डिलीवर कर रहे हैं, चाहे वह प्रिंट सर्कुलेशन हो या डिजिटल इंप्रेशंस?”

सिंह ने बताया कि परफॉर्मेंस मार्केटर्स अक्सर इंटरमीडिएट मेट्रिक्स की परवाह नहीं करते, उन्हें सिर्फ ROI चाहिए।

HT मीडिया का ट्रांसफॉर्मेशन रोडमैप

HT मीडिया की ट्रांसफॉर्मेशन स्ट्रैटजी पर बात करते हुए समीर सिंह ने कहा कि कंपनी का भविष्य का रोडमैप एकीकृत मॉडल और विविधीकरण पर आधारित है। उन्होंने बताया, “हम यह सोच रहे हैं कि प्रिंट को अंडरसर्व्ड सेगमेंट्स- जैसे मेट्रो शहरों के युवा या क्षेत्रीय पाठकवर्ग, में कैसे बढ़ाया जाए। डिजिटल की बात करें तो हमारा फोकस अधिक एकीकृत न्यूजरूम, एक संगठित गो-टू-मार्केट मॉडल और डेटा के बेहतर इस्तेमाल पर है।”

उन्होंने कहा कि एचटी मीडिया, अन्य बड़े पब्लिशर्स की तरह, ऐडवर्टाइजिंग रेवेन्यू, सब्सक्रिप्शन और ट्रांजैक्शनल मॉडल (जैसे ई-कॉमर्स और इवेंट्स) के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है।

समीर सिंह ने कहा, “हम वही सवाल पूछ रहे हैं जो कई टेक कंपनियां भी पूछ रही हैं- वेब और ऐप के बीच क्या प्राथमिकता हो, डायरेक्ट ट्रैफिक और सर्च ट्रैफिक में संतुलन कैसे हो और हम AI प्लेटफॉर्म्स के साथ कैसे इकोसिस्टम का हिस्सा बनें?”

उन्होंने कहा, “आप कैसे सुनिश्चित करें कि आप जो दांव लगा रहे हैं, वो स्मार्ट और लचीले हों? आप बहुत जल्दी या बहुत मजबूती से किसी एक दिशा में बंद न हो जाएं, लेकिन जहां संभावनाएं दिखें, वहां निवेश भी कर पाएं। यह एक तरह से स्टार्टअप शैली के मैनेजमेंट के कुछ सिद्धांतों को उन बड़े संस्थानों में लाने की कोशिश है, जो लंबे समय से अस्तित्व में हैं- जहां दक्षता और ‘शून्य-त्रुटि’ वाली कार्यशैली हो।”

उन्होंने कहा, “आखिरकार, अखबार के साथ यह होता है कि यदि आपने कोई गलती छाप दी, तो वो छपकर बाहर चली जाती है और वापस नहीं ली जा सकती। इसलिए आपको ऐसे मॉडल की ओर बढ़ना होता है जिसमें तेजी से बदलाव किया जा सके, जल्दी संशोधन हो सके, परीक्षण और A/B टेस्टिंग जैसी प्रक्रियाएं लागू की जा सकें। सवाल यह है कि इन दो संस्कृतियों को (तेज बदलाव और पूर्ण शुद्धता) एक साथ कैसे लाया जाए? और इसका कोई एक सही या गलत जवाब नहीं है।” 

AI युग में रेवेन्यू मॉडल

कार्यक्रम के समापन से पहले, नवल अहूजा ने गूगल जैसे प्लेटफॉर्म्स के साथ रेवेन्यू शेयरिंग के विवादास्पद मुद्दे को उठाया। जब सिंह से पूछा गया कि HT Media जैसी कंपनियां डिजिटल ग्रोथ को कैसे बनाए रखती हैं, जबकि गूगल जैसी कंपनियां अपने AI सिस्टम के जरिए इतना सारा डेटा इस्तेमाल कर लेती हैं, तो उन्होंने कहा कि यह मुद्दा तीन या चार स्तरों पर सुलझेगा।

सिंह ने कहा, “सबसे पहले, हमें सिर्फ गूगल ही नहीं बल्कि AI स्पेस के तमाम अहम खिलाड़ियों के साथ लगातार संवाद बनाए रखना होगा। बातचीत करना जरूरी है।” उन्होंने यह भी कह कि रेवेन्यू शेयर कराना इस बातचीत का एक 'बायप्रोडक्ट' है।

उन्होंने कहा, “पहले जानिए कि वे जा कहां रहे हैं? उनका मॉडल क्या है? क्योंकि हम सिक्के के एक पहलू को देख रहे हैं, लेकिन वे भी सोच रहे हैं कि उनकी सूचना के स्रोत क्या होंगे? वे अब सिर्फ डेटा लेकर LLMs को ट्रेन करने से आगे बढ़कर एक्टिवली क्यूरेट करना, गेटवे बनना और एक ऐसा इकोसिस्टम बनाना चाहते हैं जो दीर्घकालिक रूप से सभी के लिए फायदेमंद हो।”

सिंह ने चेताया, “यदि ऐसा नहीं हुआ तो कंटेंट क्रिएट करने वाले लोग धीरे-धीरे कम होने लगेंगे। फिर AI मॉडल उन्हीं डेटा पर ट्रेन होंगे जो पहले से मौजूद AI मॉडल्स ने बनाए हैं और इसका नतीजा होगा- सिस्टम में सिर्फ शोर और विकृति।”

सिंह ने कहा, “दूसरी बड़ी चुनौती यह है कि कंपनियां अपने पाठकों से सीधा संबंध कैसे बनाए रखें, चाहे प्रिंट हो या डिजिटल। गेटकीपर्स (जैसे गूगल) पर निर्भरता कम करनी होगी। साथ ही यह देखना होगा कि लोग कितनी बार दोबारा आते हैं, फ्रीक्वेंसी, रीसेन्सी और एंगेजमेंट का स्तर क्या है।”

उन्होंने अंत में कहा, “ट्रैफिक का पेंडुलम तो तेजी से घूम रहा है, लेकिन असली सवाल यह है कि एंगेजमेंट कितना है।” 

 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

मिड-डे में गौरिश पठारे की वापसी, बने चीफ रेवेन्यू ऑफिसर

मिड-डे ने गौरिश पठारे को अपना नया चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (CRO) नियुक्त किया है। यह उनकी मिड-डे समूह के साथ दूसरी पारी है

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 28 July, 2025
Last Modified:
Monday, 28 July, 2025
GaurishPathare7654

मिड-डे ने गौरिश पठारे को अपना नया चीफ रेवेन्यू ऑफिसर (CRO) नियुक्त किया है। यह उनकी मिड-डे समूह के साथ दूसरी पारी है। इससे पहले, वर्ष 2007 में वह संगठन में नेशनल सेल्स हेड के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

अपने नए कार्यकाल में पठारे मिड-डे ग्रुप के सभी ब्रैंड्स- मिड-डे, गुजराती मिड-डे और इंकलाब के लिए राजस्व स्रोतों को मजबूत करने की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह राजस्व वृद्धि की रणनीतियों को दिशा देंगे, चैनल पार्टनरशिप को संभालेंगे और मार्केटिंग, सेल्स, कस्टमर सपोर्ट, प्राइसिंग और रेवेन्यू मैनेजमेंट जैसे सभी विभागों में समन्वय सुनिश्चित करेंगे।

गौरिश पठारे का करियर तीन दशकों से अधिक का है और वह मार्केटिंग, मीडिया रणनीति, ब्रैंड प्लानिंग और मीडिया सेल्स के क्षेत्र में गहन अनुभव रखते हैं। उन्होंने एफएमसीजी, बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाएं, बीमा, ई-कॉमर्स, टेलीकॉम और मीडिया जैसी विविध इंडस्ट्रीज में कार्य किया है।

मिड-डे से जुड़ने से पहले पठारे कई प्रतिष्ठित संस्थानों में नेतृत्व की भूमिकाएं निभा चुके हैं। उन्होंने HIT 95 FM में कॉर्पोरेट स्ट्रैटेजी स्पेशलिस्ट के तौर पर काम किया, साथ ही कोबाल्ट आर्ट्स में डायरेक्टर, अपडेट जिओटारगेट और 361 डिग्री एंटरटेनमेंट एंड मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में मैनेजिंग पार्टनर की भूमिका में रहे। इसके अलावा, वह टाइम्स ग्रुप (बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड) और सकाल मीडिया ग्रुप में भी वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे हैं।

पठारे की वापसी के साथ मिड-डे ग्रुप को उनके अनुभव और दृष्टिकोण से नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

दैनिक भास्कर में पवन कुमार शर्मा का ‘कद’ बढ़ा, अब मिली यह जिम्मेदारी

नई जिम्मेदारी से पहले वह इस अखबार में बतौर नयूज एडिटर दिल्ली में तैनात थे और सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई, एनआईए जैसी महत्वपूर्ण बीट कवर कर रहे थे।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 21 July, 2025
Last Modified:
Monday, 21 July, 2025
Pawan Sharma

‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) ने वरिष्ठ पत्रकार पवन कुमार शर्मा को प्रमोशन का तोहफा देते हुए बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। इसके तहत पवन कुमार शर्मा को अंबाला का संपादकीय प्रभारी बनाया गया है। नई जिम्मेदारी से पहले वह इस अखबार में बतौर नयूज एडिटर दिल्ली में तैनात थे और सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई, एनआईए जैसी महत्वपूर्ण बीट कवर कर रहे थे।

मूल रूप से सोनीपत (हरियाणा) के रहने वाले पवन कुमार शर्मा को मीडिया में काम करने का करीब 25 साल का अनुभव है। पत्रकारिता के क्षेत्र में पवन कुमार शर्मा ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2000 में सोनीपत में ‘पंजाब केसरी’ से की थी। इसके बाद कुछ समय वह ‘हरिभूमि’ में रहे और फिर सोनीपत में ही ‘दैनिक जागरण’ जॉइन कर लिया। यहां उन्होंने ‘रात का रिपोर्टर’ नाम से एक कॉलम शुरू किया जो काफी चर्चा में रहा और बाद में दैनिक जागरण के तमाम संस्करणों ने अपने यहां यह कॉलम शुरू किया।

इसके बाद यहां से बाय बोलकर पवन कुमार शर्मा ने वर्ष 2005 में बतौर क्राइम रिपोर्टर ‘अमर उजाला’ पंचकूला जॉइन कर लिया और कुछ समय चंडीगढ़ में भी रहे। करीब दो साल इस अखबार में अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद वर्ष 2007 में वह फिर ‘दैनिक जागरण’ आ गए। यहां उन्होंने लुधियाना, पटियाला और फिर दिल्ली में कई बीट देखीं और फिर कोर्ट की रिपोर्टिंग शुरू की।

वर्ष 2009 में वह दैनिक जागरण के स्टेट ब्यूरो में आ गए और यहां करीब 2014 तक अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद ‘इनाडु’ समूह जॉइन किया और दिल्ली में उसकी वेबसाइट की लॉन्चिंग टीम में शामिल रहे। यहां हिंदी संस्करण के इंचार्ज की भूमिका में करीब दो साल तक उन्होंने दिल्ली-एनसीआर लीड किया। बाद में कंपनी ने उनका ट्रांसफर तेलंगाना कर दिया तो उन्होंने वहां जाने से इनकार करते हुए इस्तीफा दे दिया और वर्ष 2016 में ‘दैनिक भास्कर’ नेशनल ब्यूरो जॉइन कर लिया और सुप्रीम कोर्ट कवर करने लगे। यहां उन्होंने सीबीआई, एनआईए, इंटेलिजेंस और गृह मंत्रालय जैसी महत्वपूर्ण बीट भी कवर कीं। इसके साथ ही कई प्रमुख और एक्सक्लूसिव खबरें कीं, जो उस समय काफी चर्चा में रहीं।

करीब दो साल पहले ‘दैनिक भास्कर’ ने पवन कुमार शर्मा को स्पेशल करेसपॉन्डेंट से प्रमोशन देकर न्यूज एडिटर बना दिया था और तब से वह इस पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। अब संस्थान ने उन्हें फिर प्रमोशन देते हुए अंबाला यूनिट का संपादकीय प्रभारी बनाया है।

आपको यह भी बता दें कि पवन कुमार शर्मा ने अयोध्या में जन्मभूमि विवाद पर वर्ष 2020 में ‘सुप्रीम कोर्ट में रामलला’ नाम से किताब भी लिखी है। इस किताब में उन्होंने इस मामले का शुरू से लेकर अंत तक का सारा विवरण दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन चली मैराथन सुनवाई को भी उन्होंने विस्तारपूर्वक अपनी इस किताब में जगह दी है और यह उस समय ‘एमेजॉन’ पर बेस्ट सेलर भी रही है।

यही नहीं, किसी लीगल मैटर पर हिंदी भाषा में लिखी उनकी यह पहली किताब है और इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। इसके साथ ही रिफरेंस के तौर पर यह किताब कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाई भी जा रही है।

पढ़ाई लिखाई की बात करें तो उन्होंने सोनीपत से ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई करने के बाद कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन का कोर्स किया है। इसके साथ ही उन्होंने मेरठ स्थित ‘चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी’ से एलएलबी की पढ़ाई की है। समाचार4मीडिया की ओर से पवन कुमार शर्मा को नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।  

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

लागत में कटौती व न्यूजप्रिंट की गिरती कीमतों से DB Corp का बढ़ा मुनाफा

डीबी कॉर्प लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1FY26) के लिए मिश्रित परिणाम दर्ज किए हैं। कंपनी का राजस्व साल-दर-साल घटा है

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 16 July, 2025
Last Modified:
Wednesday, 16 July, 2025
DBCorp84512

डीबी कॉर्प लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1FY26) के लिए मिश्रित परिणाम दर्ज किए हैं। कंपनी का राजस्व साल-दर-साल घटा है, जिसका मुख्य कारण पिछले साल के उच्च आधार का प्रभाव रहा, जबकि मुनाफे और मार्जिन में सुधार लागत नियंत्रण और न्यूजप्रिंट की कीमतों में नरमी की वजह से देखने को मिला।

सालाना तुलना (Year-on-Year Analysis):

तिमाही के दौरान कंपनी का परिचालन राजस्व ₹559.45 करोड़ रहा, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के ₹589.85 करोड़ की तुलना में 5.74% कम है। अन्य आय समेत कुल आय 4.71% घटकर ₹587.23 करोड़ रही, जो कि Q1FY25 में ₹616.26 करोड़ थी।

नेट प्रॉफिट (शुद्ध लाभ) में 31.42% की गिरावट दर्ज की गई, जो ₹117.87 करोड़ से घटकर ₹80.84 करोड़ पर आ गया। विज्ञापन से प्राप्त राजस्व ₹397.8 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष के चुनाव-प्रेरित उच्च आधार की तुलना में 7% कम है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि अगर चुनावी प्रभाव को हटाकर देखा जाए तो विज्ञापन राजस्व में समान आधार पर एकल अंकों में वृद्धि दर्ज की गई।

सेगमेंट स्तर पर, प्रिंटिंग, पब्लिशिंग और संबद्ध कारोबार से ₹520.59 करोड़ की आय हुई, जो कि Q1FY25 के ₹551.63 करोड़ से कम है। वहीं रेडियो सेगमेंट से ₹39.04 करोड़ की आय हुई, जो कि पिछले वर्ष की तिमाही के ₹38.64 करोड़ से थोड़ी अधिक है।

पिछले तीन वर्षों में कंपनी ने विज्ञापन राजस्व में 13% की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) दर्ज की है — FY22 के ₹1,182.7 करोड़ से FY25 में ₹1,689.9 करोड़ तक। इसी अवधि में PAT (लाभ कर पश्चात) 38% की CAGR से ₹142.6 करोड़ से बढ़कर ₹371 करोड़ पर पहुंचा है।

तिमाही तुलना (Quarter-on-Quarter Analysis):

Q4FY25 की तुलना में Q1FY26 में परिचालन राजस्व 2.15% बढ़ा है, जो कि ₹547.66 करोड़ से बढ़कर ₹559.45 करोड़ पर पहुंचा। कुल आय में भी 3.61% की तिमाही बढ़ोतरी दर्ज की गई।

नेट प्रॉफिट Q4FY25 के ₹52.33 करोड़ से बढ़कर Q1FY26 में ₹80.84 करोड़ हो गया — यानी 54.45% की तेज तिमाही बढ़त।

प्रिंट बिजनेस का EBITDA मार्जिन 800 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 31% हो गया, और EBITDA ₹164.7 करोड़ तक पहुंचा, जो कि Q4 की तुलना में 45% अधिक है। यह लागत नियंत्रण और न्यूजप्रिंट की औसत लागत में 1% गिरावट की वजह से संभव हुआ — ₹47,400 प्रति टन से घटकर ₹47,100 प्रति टन।

प्रिंटिंग, पब्लिशिंग और संबद्ध कारोबार का राजस्व ₹510.31 करोड़ से बढ़कर ₹520.59 करोड़ हो गया, जबकि रेडियो सेगमेंट ₹37.59 करोड़ से बढ़कर ₹39.04 करोड़ पर पहुंचा।

गर्मियों के आमतौर पर सुस्त सत्र के बावजूद सर्कुलेशन स्थिर रहा और कुछ राज्यों में वृद्धि भी देखने को मिली, जिसका श्रेय लक्षित मार्केटिंग योजनाओं और फील्ड-स्तरीय कस्टमर एक्विजिशन प्रयासों को दिया गया।

डीबी कॉर्प लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सुधीर अग्रवाल ने कहा, “पिछले साल के आम चुनावों की वजह से आधार काफी ऊंचा था, जिससे इस तिमाही में विज्ञापन राजस्व अस्थायी रूप से प्रभावित हुआ। इसके बावजूद हमारी कोर परफॉर्मेंस स्थिर रही, जिसे विज्ञापन रुझानों में स्थिरता, न्यूजप्रिंट की नरम कीमतों और अनुशासित लागत प्रबंधन का समर्थन मिला। हमारी डिजिटल बिजनेस ने इस तिमाही में 2.2 करोड़ मंथली एक्टिव यूजर्स तक पहुंचकर मजबूती दिखाई है, जिससे हमारी स्थिति भारत की अग्रणी भारतीय भाषा न्यूज ऐप के रूप में और मजबूत हुई है।”

उन्होंने आगे कहा, “हमें विश्वास है कि सरकार की ओर से आयकर सरलीकरण, ब्याज दरों में नरमी और इस वित्तीय वर्ष में 8वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन की संभावनाएं ग्रामीण और टियर-2+ बाजारों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगी। इससे भारत की खपत की कहानी को एक नई रफ्तार मिलेगी। अपनी मजबूत संपादकीय ताकत, हाइपरलोकल प्रासंगिकता और इनोवेशन के चलते, हमें विश्वास है कि हम प्रिंट और डिजिटल दोनों प्लेटफॉर्म्स पर निरंतर और टिकाऊ विकास देने में सक्षम रहेंगे और सभी हितधारकों को दीर्घकालिक मूल्य प्रदान करते रहेंगे।”

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

शानु सिंह बनीं दि इकोनॉमिक टाइम्स ब्रैंड की डायरेक्टर, BCCL से जुड़ीं

शानु सिंह ने Bennet, Coleman & Co. Ltd. (The Times of India) में दि इकोनॉमिक टाइम्स ब्रैंड की डायरेक्टर के रूप में नई जिम्मेदारी संभाली है।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 07 July, 2025
Last Modified:
Monday, 07 July, 2025
ShanuSingh7845

शानु सिंह ने Bennet, Coleman & Co. Ltd. (The Times of India) में दि इकोनॉमिक टाइम्स ब्रैंड की डायरेक्टर के रूप में नई जिम्मेदारी संभाली है।

इस भूमिका में वे दि इकोनॉमिक टाइम्स के लिए ब्रैंड स्ट्रैटेजी, पोजिशनिंग और इंटीग्रेटेड मार्केटिंग प्रयासों का नेतृत्व करेंगी। वे प्रिंट, डिजिटल और इवेंट्स/इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टीज (IP) जैसे विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर ब्रैंड की पहुंच बढ़ाने, पाठकों की भागीदारी को मजबूत करने और विज्ञापनदाताओं से संबंध और बेहतर बनाने के लिए नवाचारी मार्केटिंग रणनीतियों को आगे बढ़ाएंगी।

शानु एक अनुभवी मार्केटिंग लीडर हैं, जिन्हें ब्रैंड रणनीति, इंटीग्रेटेड मार्केटिंग, डिजिटल कैंपेन, UI/UX, क्लाइंट एंगेजमेंट और कॉरपोरेट कम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों में 18 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने BFSI सेक्टर की कई अग्रणी कंपनियों के साथ काम किया है।

ASK एसेट एंड वेल्थ मैनेजमेंट (जो कि ब्लैकस्टोन की पोर्टफोलियो कंपनी है) में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान उन्होंने चीफ मार्केटिं ऑफिसर (CMO) के रूप में ब्रैंड ट्रांसफॉर्मेशन, डिजिटल मार्केटिंग और कॉरपोरेट कम्युनिकेशन को दिशा दी। उससे पहले वे स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में ब्रैंड रणनीति, हाई-इंपैक्ट मार्केटिंग कैंपेन और रणनीतिक साझेदारियों के कार्यान्वयन का नेतृत्व कर चुकी हैं।

कोटक महिंद्रा बैंक में उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने डिजिटल बैंकिंग प्रोडक्ट्स के प्रचार अभियान और यूजर्स अपनाने को बढ़ावा दिया।

दि इकोनॉमिक टाइम्स ब्रैंड को और अधिक सशक्त बनाने और मार्केट में इसकी अलग पहचान कायम करने में शानु सिंह की यह नियुक्ति एक अहम कदम माना जा रहा है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

केरल सरकार का बड़ा शैक्षणिक फैसला: छात्रों के लिए कक्षा में दैनिक अखबार पढ़ना अनिवार्य

छात्रों की भाषा दक्षता और संवाद कौशल को बेहतर बनाने के उद्देश्य से केरल सरकार ने कक्षा में दैनिक समाचारपत्र पढ़ना अनिवार्य कर दिया है।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 30 June, 2025
Last Modified:
Monday, 30 June, 2025
NewspaperReding8452

छात्रों की भाषा दक्षता और संवाद कौशल को बेहतर बनाने के उद्देश्य से केरल सरकार ने कक्षा में दैनिक समाचारपत्र पढ़ना अनिवार्य कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह निर्देश एक व्यापक अकादमिक मास्टर प्लान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है और खासतौर पर मातृभाषा में सीखने की गुणवत्ता को मजबूत करना।

इस पहल के तहत छात्रों को मलयालम में डिजिटल साक्षरता विकसित करने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसमें उन्हें कंप्यूटर पर मलयालम टाइपिंग सिखाई जाएगी। वर्ष 2025 को “शैक्षणिक गुणवत्ता का वर्ष” घोषित किया गया है, और इस थीम के अनुरूप हर स्कूल को अपना मास्टर प्लान और वार्षिक कार्यक्रम कैलेंडर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

मल्टी-लैंग्वेज दक्षता पर जोर

निचली प्राथमिक (Lower Primary) और उच्च प्राथमिक (Upper Primary) कक्षाओं में छात्रों का मूल्यांकन पढ़ने, लिखने, वाचन और रचनात्मक लेखन जैसी मूलभूत क्षमताओं के आधार पर किया जाएगा। निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि छात्रों को केवल मलयालम ही नहीं, बल्कि अंग्रेजी और हिंदी में भी दक्षता विकसित करनी होगी, जिससे उनमें बहुभाषी संवाद क्षमता (multilingual competence) विकसित हो सके।

शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने हाल ही में घोषणा की थी कि अखबार पढ़ने से जुड़े गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों को 10 अतिरिक्त ग्रेस मार्क्स दिए जाएंगे।

समाचार पत्र पढ़ने को लेकर सुझाई गई गतिविधियां

  • कक्षा में समूह में अखबार पढ़ना और उस पर चर्चा करना

  • छात्रों को स्पष्ट उच्चारण के साथ जोर से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना

  • स्कूल की लाइब्रेरी में उपलब्ध पत्रिकाओं और साप्ताहिकों का उपयोग बढ़ाना

  • बच्चों को सप्ताह में कम से कम एक पुस्तक पढ़ने के लिए प्रेरित करना

इन गतिविधियों के फॉलो-अप के रूप में छात्रों को पढ़े गए विषयों पर नोट्स तैयार करना, उन्हें सहपाठियों के सामने प्रस्तुत करना, विषय पर आधारित विचार साझा करना और समूह चर्चाओं में भाग लेना शामिल होगा।

यह पहल केवल पढ़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य छात्रों में विचारशीलता, आत्म-अभिव्यक्ति और समग्र भाषा कौशल को विकसित करना है- जिससे वे न केवल शैक्षणिक रूप से समृद्ध बनें, बल्कि एक जिम्मेदार और संवादशील नागरिक भी बनें।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

‘नया इंडिया’ में भोपाल के संपादक जगदीप सिंह बैस का निधन

मध्य प्रदेश की पत्रकारिता में एक सशक्त और निर्भीक स्वर रहे जगदीप सिंह बैस अब हमारे बीच नहीं रहे।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 16 June, 2025
Last Modified:
Monday, 16 June, 2025
JagdeepBais4512

मध्य प्रदेश की पत्रकारिता में एक सशक्त और निर्भीक स्वर रहे जगदीप सिंह बैस अब हमारे बीच नहीं रहे। ‘नया इंडिया’, भोपाल के संपादक और राज्य के प्रतिष्ठित पत्रकारों में शुमार बैस का रविवार को निधन हो गया। वे पिछले कई महीनों से कैंसर से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर से मीडिया और राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “वरिष्ठ पत्रकार श्री जगदीप सिंह बैस के निधन का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति दें।”

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “बैस जी निष्पक्ष पत्रकारिता की मिसाल थे। उन्होंने मध्य प्रदेश की राजनीति और समाज को समझने की एक गंभीर दृष्टि दी। बाबा महाकाल से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति मिले।”

जगदीप बैस ने जबलपुर से प्रकाशित नवभारत अखबार से अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत की थी। इसके बाद वे लंबे समय तक ईटीवी मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ चैनल के प्रमुख रहे। बैस की पत्रकारिता में राजनीतिक समझ, गहरी पड़ताल और संतुलित दृष्टिकोण की खास पहचान थी।

उनका अंतिम संस्कार रविवार को उनके पैतृक स्थान सिहोरा (जबलपुर) में संपन्न हुआ। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में पत्रकार, राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता और उनके पाठक सहभागी हुए। सबकी आंखें नम थीं और जुबान पर एक ही बात- “हमने एक मार्गदर्शक, एक प्रेरक व्यक्तित्व को खो दिया।”

सीहोर, भोपाल और जबलपुर समेत कई शहरों में उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वरिष्ठ पत्रकार रघुवर दयाल गोहिया ने कहा, “बैस जी केवल पत्रकार नहीं, बल्कि हमारे लिए संरक्षक और प्रेरणा थे। पत्रकारिता के प्रति उनका समर्पण अंतिम सांस तक बना रहा। आज ऐसे पत्रकार विरले हैं।”

उनकी यादों और लेखनी की गूंज लंबे समय तक मध्य प्रदेश की पत्रकारिता में बनी रहेगी।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

BW बिजनेसवर्ल्ड का ताजा अंक: भारतीय अर्थव्यवस्था में दो बड़े बदलावों की गहराई से पड़ताल

BW बिजनेसवर्ल्ड के नवीनतम संस्करण में भारत की अर्थव्यवस्था को नया आकार देने वाले दो अहम बदलावों पर विशेष कवरेज दी गई है

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 11 June, 2025
Last Modified:
Wednesday, 11 June, 2025
BWBusinessworld889

BW बिजनेसवर्ल्ड के नवीनतम संस्करण में भारत की अर्थव्यवस्था को नया आकार देने वाले दो अहम बदलावों पर विशेष कवरेज दी गई है- पहला, डेकोरेटिव पेंट इंडस्ट्री में मची खलबली और दूसरा, देश के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में शिक्षा के बदलते स्वरूप की गहराई से पड़ताल।

पेंट इंडस्ट्री के स्थिर रंगों में उथल-पुथल

कवर स्टोरी ‘Swirling Shades in the Paint Tub’ इस बात का विश्लेषण करती है कि कैसे भारत का अब तक स्थिर और मुनाफे वाला पेंट सेक्टर दशकों बाद सबसे बड़े बदलावों से गुजर रहा है। करीब ₹72,000 करोड़ की डेकोरेटिव पेंट्स मार्केट, जिस पर वर्षों से गिने-चुने बड़े ब्रैंड्स का दबदबा था, अब ग्रासिम के बिड़ला ओपस और JSW पेंट्स जैसी नई कंपनियों की आक्रामक एंट्री के चलते बुनियादी चुनौती का सामना कर रही है।

यह सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि पूरे सेक्टर की संरचना का पुनः संतुलन है। जहां पहले इस इंडस्ट्री को हाई-मार्जिन सेफ जोन माना जाता था, अब वह कीमतों की जंग, नियामक निगरानी और ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं की चपेट में है।

रिपोर्ट यह भी दिखाती है कि कैसे एशियन पेंट्स जैसे बाजार के दिग्गज ब्रैंड्स को भी अपने बिजनेस मॉडल और रणनीतियों पर दोबारा सोचने को मजबूर होना पड़ा है। लगातार बढ़ते लीगल चैलेंजेस, ऑपरेशनल रिस्क और मुनाफे में गिरावट के बीच ये कंपनियां विरोधाभासी रूप से अपनी उत्पादन क्षमता भी बढ़ा रही हैं। पत्रिका इसे "स्थिरता, तात्कालिकता और पुनर्गठन का जटिल मिश्रण" करार देती है।

भविष्य के भारत के इंजीनियर्स: सोच से टेक्नोलॉजी तक

अंक की दूसरी प्रमुख रिपोर्ट भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में आ रहे व्यापक बदलावों को सामने लाती है। IIT मद्रास, IIT दिल्ली, IIT बैंगलोर और BITS पिलानी जैसे संस्थानों के नेतृत्व से बातचीत के जरिए यह विश्लेषण किया गया है कि कैसे ये संस्थान पारंपरिक तकनीकी शिक्षा से आगे बढ़कर ऐसे स्नातक तैयार कर रहे हैं जो सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को भी गंभीरता से लेते हैं।

रिपोर्ट में यह दिखाया गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और रिन्यूएबल एनर्जी अब कोर लर्निंग का हिस्सा बन रहे हैं, जो इंडस्ट्री में आ रही तकनीकी क्रांति को दर्शाते हैं। साथ ही, अब कोर्स डिजाइन में इंटरडिसिप्लिनरी अप्रोच अपनाई जा रही है जिससे इंजीनियरिंग की पारंपरिक सीमाएं टूट रही हैं।

रिपोर्ट यह भी इंगित करती है कि अब पहले की तुलना में कम छात्र विदेश जाने के इच्छुक हैं। वे भारत की तेजी से बढ़ती टेक्नोलॉजी इकोनॉमी में न सिर्फ अवसर देख रहे हैं, बल्कि खुद को उसका हिस्सा भी मान रहे हैं। इसके साथ ही संस्थानों में लैंगिक समानता और सस्टेनेबिलिटी को लेकर नई सोच विकसित हो रही है, जो राष्ट्रीय विकास के लक्ष्यों से भी जुड़ी हुई है।

एक साझा सूत्र: बदलाव और अनुकूलन

BW Businessworld का यह अंक दिखाता है कि चाहे बात तत्काल बाजार की हो या दीर्घकालिक संस्थागत परिवर्तन की, दोनों ही भारत की आर्थिक दिशा को तय कर रहे हैं। पेंट इंडस्ट्री और इंजीनियरिंग शिक्षा जैसे अलग-अलग दिखने वाले क्षेत्रों को यह अंक बदलाव और अनुकूलन की साझा भावना से जोड़ता है।

BW Businessworld का यह विशेषांक अब डिजिटल और प्रिंट दोनों संस्करणों में उपलब्ध है। इसकी डिजिटल प्रति से पूरी रिपोर्ट और विश्लेषण नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर पढ़े जा सकते हैं-

https://online.anyflip.com/qqqhq/zssz/mobile/index.html

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

'इंडियन एक्सप्रेस' के पटना संस्करण का शुभारंभ, CM बोले- अच्छी पत्रकारिता सुशासन की बुनियाद

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपने आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में ''दि इंडियन एक्सप्रेस'' के पटना संस्करण का औपचारिक शुभारंभ किया।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 10 June, 2025
Last Modified:
Tuesday, 10 June, 2025
IndianExpress7812

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपने आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में ''दि इंडियन एक्सप्रेस'' के पटना संस्करण का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “अच्छी पत्रकारिता नागरिकों को सशक्त बनाती है और यह अच्छे शासन की आधारशिला है।”

'दि इंडियन एक्सप्रेस' का यह ग्यारहवां संस्करण है, जो अब दिल्ली, मुंबई, नागपुर, अहमदाबाद, वडोदरा, जयपुर, लखनऊ, कोलकाता, चंडीगढ़ और पुणे के साथ-साथ अब पटना से भी प्रकाशित होगा।

नीतीश कुमार ने कहा, “मैं कॉलेज के दिनों से ही इंडियन एक्सप्रेस का नियमित पाठक रहा हूं। यह बेहद प्रसन्नता की बात है कि यह अखबार अब पटना से भी प्रकाशित होगा।”

इस मौके पर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने पटना संस्करण के आगमन का स्वागत किया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, “यह गर्व की बात है कि निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए पहचाना जाने वाला इंडियन एक्सप्रेस अब पटना से प्रकाशित हो रहा है। हमें उम्मीद है कि यह जमीनी स्तर से लेकर शासन तक की व्यापक और निष्पक्ष रिपोर्टिंग करेगा।”

राजद के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, “जब आज के दौर में सनसनी को विवेक पर तरजीह दी जा रही है और कई मीडिया मंच संतुलन खो चुके हैं, ऐसे समय में 'दि इंडियन एक्सप्रेस' ‘खबर बनाम शोर’ के बीच समाचार का झंडा बुलंद किए हुए है। इसकी संपादकीय और विचार स्तंभ बेहतरीन गुणवत्ता वाले होते हैं, जो राजनीति, नीति, समाज और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर गहन समझ विकसित करने में मदद करते हैं।”

AICC के बिहार प्रभारी कृष्ण अल्लावरु ने कहा, “पटना संस्करण के शुभारंभ की खबर सुनकर बेहद खुशी हुई। मुझे उम्मीद है कि यह संस्करण बिहार में पत्रकारिता के नए मानक स्थापित करेगा।”

पटना संस्करण का शुभारंभ उस महीने हुआ है जब देश आपातकाल की 50वीं बरसी मना रहा है। 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान रामनाथ गोयनका के नेतृत्व में 'दि इंडियन एक्सप्रेस' ने मौलिक अधिकारों के निलंबन, प्रेस की स्वतंत्रता पर पाबंदी और प्रशासनिक ज्यादतियों का डटकर विरोध किया था। उस दौर में प्रकाशित अखबार का एक कोरा संपादकीय पन्ना आज भी प्रतिरोध का प्रतीक माना जाता है।

इस अवसर पर 'दि इंडियन एक्सप्रेस' के संपादक उन्नी राजेन शंकर, उत्तर भारत के विपणन उपाध्यक्ष प्रदीप शर्मा, और पटना स्थित वरिष्ठ सहायक संपादक संतोष सिंह भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए उन्नी राजेन शंकर ने कहा, “पटना से निकलने वाला इंडियन एक्सप्रेस बिहार की आवाज को पूरे देश तक पहुंचाएगा। आज जब तकनीक और समाज में बदलाव तीव्र हो रहे हैं, तब यह भूमिका और भी अहम हो जाती है।”

चेयरमैन विवेक गोयनका ने कहा, “बिहार हमेशा रामनाथजी के दिल के बेहद करीब रहा है। पटना संस्करण हमारी समृद्ध विरासत से प्रेरणा लेते हुए इस राज्य और इसके लोगों के उज्जवल भविष्य की कहानी बयां करेगा।”

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

‘Mumbai Mirror’ की वापसी, फिर गूंजेगी शहर की बेबाक आवाज

यह टैब्लॉइड अखबार अब 15 जून 2025 से सोमवार से रविवार तक सातों दिन प्रकाशित होगा।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 09 June, 2025
Last Modified:
Monday, 09 June, 2025
Mumbai Mirror

‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड’ (BCCL) ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि ‘मुंबई मिरर’ (Mumbai Mirror) एक बार फिर से प्रिंट में वापसी कर रहा है। यह टैब्लॉइड अख़बार अब 15 जून 2025 से सोमवार से रविवार तक सातों दिन प्रकाशित होगा।

बता दें कि हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (e4m) ने मई 2025 में ही इस बारे में जानकारी दे दी थी, जिसे अब कंपनी ने जरिये सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है।

यह भी पढ़ें: 'मुंबई मिरर' की वापसी तय, जल्द शुरू होगा दैनिक संस्करण

बता दें कि कोविड-19 के प्रभाव के चलते दिसंबर 2020 में ‘मुंबई मिरर’ का प्रिंट संस्करण बंद कर दिया गया था, जिसके बाद यह केवल डिजिटल फॉर्मेट में सीमित रह गया था। अब इसे एक धारदार, बोल्ड और हाइपरलोकल अवतार में फिर से लॉन्च किया जा रहा है।

इस बारे में ‘BCCL’ के सीईओ (पब्लिशिंग) और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर शिवकुमार सुंदरम  का कहना है, ’मुंबई मिरर सिर्फ एक अखबार नहीं है, बल्कि शहर की स्टाइल, आत्मा और समझदारी भरी आवाज़ है। यह हमेशा से Sharp, fearless और unapologetically local रहा है। हमारे रिसर्च में साफ है कि युवा पाठक आज भी भरोसेमंद, हाइपरलोकल स्टोरीटेलिंग चाहते हैं और उन्हें प्रिंट पर पहले से कहीं ज़्यादा भरोसा है। ’

’BCCL ’ के प्रेजिडेंट (Response) सुरिंदर चावला के मुताबिक  ’मुंबई मिरर ’ की वापसी न सिर्फ पाठकों के लिए, बल्कि उन ब्रैंड्स के लिए भी एक बड़ा अवसर है जो मुंबई से गहराई से जुड़ना चाहते हैं। यह वही मंच है जो लोकल बिजनेस, ब्रैंड्स और मोहल्ले के नायकों को उनकी सही जगह देता है।

वहीं, ब्रैंड हेड (Languages & Mumbai Mirror) सुभायू बागची ने कहा कि मुंबई मिरर शहर की धड़कनों से जुड़ा ब्रैंड है। इसकी वापसी अब और बोल्ड व और बेहतरीन कंटेंट के साथ हो रही है, जिसे वे लोग बना रहे हैं जो मुंबई की नब्ज को अच्छी तरह समझते हैं।

प्रकाशन समूह के अनुसार, ‘मुंबई मिरर का वितरण सेंट्रल मुंबई, बांद्रा, अंधेरी और पश्चिमी उपनगरों जैसे शहर के प्रमुख इलाकों में केंद्रित रहेगा। कंपनी को विश्वास है कि यह टैब्लॉइड न सिर्फ पाठकों के लिए, बल्कि स्थानीय विज्ञापनदाताओं के लिए भी एक बेहद असरदार और विश्वसनीय माध्यम साबित होगा।’

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए