इस किताब का विमोचन दिल्ली के एनडीएमसी सेंटर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहे।
द संडे गार्जियन फांउडेशन की चेयरपर्सन डॉक्टर ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने एक किताब संपादित की है जिसका नाम है- 'इंडियन रेनेसां, द मोदी डिकेड' ('Indian Renaissance: The Modi Decade') इस किताब का विमोचन दिल्ली के एनडीएमसी सेंटर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहे।
इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी के किए कामों की तारीफ की। गृह मंत्री ने कहा कि मोदी राज में नए भारत की नई तस्वीर सामने आई है। अमित शाह ने आगे कहा कि जब 2014 में पीएम मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने तो उसी समय देश को अंग्रेजियत से आजादी मिली। इन 10 वर्षों में कई सेक्टरों में सुधार हुए। जब पूरी दुनिया कोरोना की मार झेल रही थी तो भारत में सबसे अच्छा प्रबंधन हुआ। जो लोग ताली और थाली पर निशाना साध रहे थे उन पर गृह मंत्री ने निशाना साधते हुए कहा कि ताली और थाली से बजाने से ही देश एकजुट हुआ। ये पीएम मोदी की अपील का असर था कि लोग अपने घरों में ही रहे। इसके बाद गृह मंत्री शाह ने इस बात पर जोर दिया कि 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा और युवाशक्ति के दम पर भारत दुनिया का नंबर एक राष्ट्र बनेगा। इसके लिए विकास के साथ साथ विरासत को भी केंद्र में लाएंगे।
इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मोदी सरकार के उन कामों के बारे में बताया, जिस वजह से भारत, विकसित भारत की राह पर चला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने राजा की व्याख्या सेवक के नाम से की क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी प्रजा के लिए काम करने वाले व्यक्ति है। गृहमंत्री ने आगे बताया कि पीएम मोदी ने भारत में सुधार के लिए कड़े कदम उठाए हैं और इन कड़े और बड़े फैसलों की वजह से भारत को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने 130 करोड़ की आबादी को ताकत दी। हर घर नल और शौचालय पहुंचाए। बीते 10 वर्षों में भारत में वो काम हुए, जो उससे पहले के 75 वर्षों में वहीं हो पाए। गृह मंत्री ने पीएम मोदी को कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बीते 10 वर्षों में 13 करोड़ घरों में शौचालय बनाए गए। आज देश का हर घर बिजली से रोशन हो रहा है। इसके अलावा 12 करोड़ घरों में गैस कनेक्शन पहुंचाए। 4 करोड़ लोगों को अपना घर मिला और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन पहुंचाया। 15 करोड़ परिवारों के घर में नल से जल पहुंचा। मोदी सरकार में ही पहली बार महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया गया। कुल मिलाकर केंद्र सरकार की योजनाओं से लोगों की जीवनशैली बदली और इस वजह से भारत के लोगों के आत्मविश्वास का जवाब किसी के पास नहीं है।
इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बदलते भारत की बदलती अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मोदी राज से पहले भारत दुनिया की 15वीं अर्थव्यवस्था था। मोदी काल आने के बाद भारत विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा और आने वाले समय में भारत विश्व में तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनेगा। गृह मंत्री शाह ने कहा कि सफाई के मामले में महात्मा गांधी के बाद पीएम मोदी का स्थान है और पीएम मोदी ऐसे पहले नेता हैं, जिन्होंने सफाई का नाम लिया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने राम मंदिर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 500 वर्षों के बाद राम मंदिर का हल निकला है और नरेंद्र मोदी सरकार ने राम मंदिर का निर्माण करवाया। गृह मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी हर वर्ष एक नए युग की शुरुआत करते हैं। ये ही वजह है कि उनके काम का लोहा पूरी दुनिया ने माना है। दुनिया के 16 देशों ने पीएम मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा है। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छे 370 को हटाया है। गृह मंत्री ने अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते कदमों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में भारत अंतरिक्ष की सुपर पावर बनने की दिशा में आगे बढ़ा। चंद्रयान और स्पेडेक्स मिशन भी पीएम मोदी के कारण संभव हो सके। उन्होंने आगे कहा कि भारत साल 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी करेगा और 2047 में पूरी दुनिया पूर्ण रूप से विकसित भारत को देखेगी।
यहां देखें वीडियो-
डीबी कॉर्प लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1FY26) के लिए मिश्रित परिणाम दर्ज किए हैं। कंपनी का राजस्व साल-दर-साल घटा है
डीबी कॉर्प लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1FY26) के लिए मिश्रित परिणाम दर्ज किए हैं। कंपनी का राजस्व साल-दर-साल घटा है, जिसका मुख्य कारण पिछले साल के उच्च आधार का प्रभाव रहा, जबकि मुनाफे और मार्जिन में सुधार लागत नियंत्रण और न्यूजप्रिंट की कीमतों में नरमी की वजह से देखने को मिला।
सालाना तुलना (Year-on-Year Analysis):
तिमाही के दौरान कंपनी का परिचालन राजस्व ₹559.45 करोड़ रहा, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के ₹589.85 करोड़ की तुलना में 5.74% कम है। अन्य आय समेत कुल आय 4.71% घटकर ₹587.23 करोड़ रही, जो कि Q1FY25 में ₹616.26 करोड़ थी।
नेट प्रॉफिट (शुद्ध लाभ) में 31.42% की गिरावट दर्ज की गई, जो ₹117.87 करोड़ से घटकर ₹80.84 करोड़ पर आ गया। विज्ञापन से प्राप्त राजस्व ₹397.8 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष के चुनाव-प्रेरित उच्च आधार की तुलना में 7% कम है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि अगर चुनावी प्रभाव को हटाकर देखा जाए तो विज्ञापन राजस्व में समान आधार पर एकल अंकों में वृद्धि दर्ज की गई।
सेगमेंट स्तर पर, प्रिंटिंग, पब्लिशिंग और संबद्ध कारोबार से ₹520.59 करोड़ की आय हुई, जो कि Q1FY25 के ₹551.63 करोड़ से कम है। वहीं रेडियो सेगमेंट से ₹39.04 करोड़ की आय हुई, जो कि पिछले वर्ष की तिमाही के ₹38.64 करोड़ से थोड़ी अधिक है।
पिछले तीन वर्षों में कंपनी ने विज्ञापन राजस्व में 13% की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) दर्ज की है — FY22 के ₹1,182.7 करोड़ से FY25 में ₹1,689.9 करोड़ तक। इसी अवधि में PAT (लाभ कर पश्चात) 38% की CAGR से ₹142.6 करोड़ से बढ़कर ₹371 करोड़ पर पहुंचा है।
तिमाही तुलना (Quarter-on-Quarter Analysis):
Q4FY25 की तुलना में Q1FY26 में परिचालन राजस्व 2.15% बढ़ा है, जो कि ₹547.66 करोड़ से बढ़कर ₹559.45 करोड़ पर पहुंचा। कुल आय में भी 3.61% की तिमाही बढ़ोतरी दर्ज की गई।
नेट प्रॉफिट Q4FY25 के ₹52.33 करोड़ से बढ़कर Q1FY26 में ₹80.84 करोड़ हो गया — यानी 54.45% की तेज तिमाही बढ़त।
प्रिंट बिजनेस का EBITDA मार्जिन 800 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 31% हो गया, और EBITDA ₹164.7 करोड़ तक पहुंचा, जो कि Q4 की तुलना में 45% अधिक है। यह लागत नियंत्रण और न्यूजप्रिंट की औसत लागत में 1% गिरावट की वजह से संभव हुआ — ₹47,400 प्रति टन से घटकर ₹47,100 प्रति टन।
प्रिंटिंग, पब्लिशिंग और संबद्ध कारोबार का राजस्व ₹510.31 करोड़ से बढ़कर ₹520.59 करोड़ हो गया, जबकि रेडियो सेगमेंट ₹37.59 करोड़ से बढ़कर ₹39.04 करोड़ पर पहुंचा।
गर्मियों के आमतौर पर सुस्त सत्र के बावजूद सर्कुलेशन स्थिर रहा और कुछ राज्यों में वृद्धि भी देखने को मिली, जिसका श्रेय लक्षित मार्केटिंग योजनाओं और फील्ड-स्तरीय कस्टमर एक्विजिशन प्रयासों को दिया गया।
डीबी कॉर्प लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सुधीर अग्रवाल ने कहा, “पिछले साल के आम चुनावों की वजह से आधार काफी ऊंचा था, जिससे इस तिमाही में विज्ञापन राजस्व अस्थायी रूप से प्रभावित हुआ। इसके बावजूद हमारी कोर परफॉर्मेंस स्थिर रही, जिसे विज्ञापन रुझानों में स्थिरता, न्यूजप्रिंट की नरम कीमतों और अनुशासित लागत प्रबंधन का समर्थन मिला। हमारी डिजिटल बिजनेस ने इस तिमाही में 2.2 करोड़ मंथली एक्टिव यूजर्स तक पहुंचकर मजबूती दिखाई है, जिससे हमारी स्थिति भारत की अग्रणी भारतीय भाषा न्यूज ऐप के रूप में और मजबूत हुई है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमें विश्वास है कि सरकार की ओर से आयकर सरलीकरण, ब्याज दरों में नरमी और इस वित्तीय वर्ष में 8वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन की संभावनाएं ग्रामीण और टियर-2+ बाजारों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगी। इससे भारत की खपत की कहानी को एक नई रफ्तार मिलेगी। अपनी मजबूत संपादकीय ताकत, हाइपरलोकल प्रासंगिकता और इनोवेशन के चलते, हमें विश्वास है कि हम प्रिंट और डिजिटल दोनों प्लेटफॉर्म्स पर निरंतर और टिकाऊ विकास देने में सक्षम रहेंगे और सभी हितधारकों को दीर्घकालिक मूल्य प्रदान करते रहेंगे।”
शानु सिंह ने Bennet, Coleman & Co. Ltd. (The Times of India) में दि इकोनॉमिक टाइम्स ब्रैंड की डायरेक्टर के रूप में नई जिम्मेदारी संभाली है।
शानु सिंह ने Bennet, Coleman & Co. Ltd. (The Times of India) में दि इकोनॉमिक टाइम्स ब्रैंड की डायरेक्टर के रूप में नई जिम्मेदारी संभाली है।
इस भूमिका में वे दि इकोनॉमिक टाइम्स के लिए ब्रैंड स्ट्रैटेजी, पोजिशनिंग और इंटीग्रेटेड मार्केटिंग प्रयासों का नेतृत्व करेंगी। वे प्रिंट, डिजिटल और इवेंट्स/इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टीज (IP) जैसे विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर ब्रैंड की पहुंच बढ़ाने, पाठकों की भागीदारी को मजबूत करने और विज्ञापनदाताओं से संबंध और बेहतर बनाने के लिए नवाचारी मार्केटिंग रणनीतियों को आगे बढ़ाएंगी।
शानु एक अनुभवी मार्केटिंग लीडर हैं, जिन्हें ब्रैंड रणनीति, इंटीग्रेटेड मार्केटिंग, डिजिटल कैंपेन, UI/UX, क्लाइंट एंगेजमेंट और कॉरपोरेट कम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों में 18 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने BFSI सेक्टर की कई अग्रणी कंपनियों के साथ काम किया है।
ASK एसेट एंड वेल्थ मैनेजमेंट (जो कि ब्लैकस्टोन की पोर्टफोलियो कंपनी है) में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान उन्होंने चीफ मार्केटिं ऑफिसर (CMO) के रूप में ब्रैंड ट्रांसफॉर्मेशन, डिजिटल मार्केटिंग और कॉरपोरेट कम्युनिकेशन को दिशा दी। उससे पहले वे स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में ब्रैंड रणनीति, हाई-इंपैक्ट मार्केटिंग कैंपेन और रणनीतिक साझेदारियों के कार्यान्वयन का नेतृत्व कर चुकी हैं।
कोटक महिंद्रा बैंक में उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने डिजिटल बैंकिंग प्रोडक्ट्स के प्रचार अभियान और यूजर्स अपनाने को बढ़ावा दिया।
दि इकोनॉमिक टाइम्स ब्रैंड को और अधिक सशक्त बनाने और मार्केट में इसकी अलग पहचान कायम करने में शानु सिंह की यह नियुक्ति एक अहम कदम माना जा रहा है।
छात्रों की भाषा दक्षता और संवाद कौशल को बेहतर बनाने के उद्देश्य से केरल सरकार ने कक्षा में दैनिक समाचारपत्र पढ़ना अनिवार्य कर दिया है।
छात्रों की भाषा दक्षता और संवाद कौशल को बेहतर बनाने के उद्देश्य से केरल सरकार ने कक्षा में दैनिक समाचारपत्र पढ़ना अनिवार्य कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह निर्देश एक व्यापक अकादमिक मास्टर प्लान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है और खासतौर पर मातृभाषा में सीखने की गुणवत्ता को मजबूत करना।
इस पहल के तहत छात्रों को मलयालम में डिजिटल साक्षरता विकसित करने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसमें उन्हें कंप्यूटर पर मलयालम टाइपिंग सिखाई जाएगी। वर्ष 2025 को “शैक्षणिक गुणवत्ता का वर्ष” घोषित किया गया है, और इस थीम के अनुरूप हर स्कूल को अपना मास्टर प्लान और वार्षिक कार्यक्रम कैलेंडर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
मल्टी-लैंग्वेज दक्षता पर जोर
निचली प्राथमिक (Lower Primary) और उच्च प्राथमिक (Upper Primary) कक्षाओं में छात्रों का मूल्यांकन पढ़ने, लिखने, वाचन और रचनात्मक लेखन जैसी मूलभूत क्षमताओं के आधार पर किया जाएगा। निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि छात्रों को केवल मलयालम ही नहीं, बल्कि अंग्रेजी और हिंदी में भी दक्षता विकसित करनी होगी, जिससे उनमें बहुभाषी संवाद क्षमता (multilingual competence) विकसित हो सके।
शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने हाल ही में घोषणा की थी कि अखबार पढ़ने से जुड़े गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों को 10 अतिरिक्त ग्रेस मार्क्स दिए जाएंगे।
समाचार पत्र पढ़ने को लेकर सुझाई गई गतिविधियां
कक्षा में समूह में अखबार पढ़ना और उस पर चर्चा करना
छात्रों को स्पष्ट उच्चारण के साथ जोर से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना
स्कूल की लाइब्रेरी में उपलब्ध पत्रिकाओं और साप्ताहिकों का उपयोग बढ़ाना
बच्चों को सप्ताह में कम से कम एक पुस्तक पढ़ने के लिए प्रेरित करना
इन गतिविधियों के फॉलो-अप के रूप में छात्रों को पढ़े गए विषयों पर नोट्स तैयार करना, उन्हें सहपाठियों के सामने प्रस्तुत करना, विषय पर आधारित विचार साझा करना और समूह चर्चाओं में भाग लेना शामिल होगा।
यह पहल केवल पढ़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य छात्रों में विचारशीलता, आत्म-अभिव्यक्ति और समग्र भाषा कौशल को विकसित करना है- जिससे वे न केवल शैक्षणिक रूप से समृद्ध बनें, बल्कि एक जिम्मेदार और संवादशील नागरिक भी बनें।
मध्य प्रदेश की पत्रकारिता में एक सशक्त और निर्भीक स्वर रहे जगदीप सिंह बैस अब हमारे बीच नहीं रहे।
मध्य प्रदेश की पत्रकारिता में एक सशक्त और निर्भीक स्वर रहे जगदीप सिंह बैस अब हमारे बीच नहीं रहे। ‘नया इंडिया’, भोपाल के संपादक और राज्य के प्रतिष्ठित पत्रकारों में शुमार बैस का रविवार को निधन हो गया। वे पिछले कई महीनों से कैंसर से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर से मीडिया और राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “वरिष्ठ पत्रकार श्री जगदीप सिंह बैस के निधन का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति दें।”
वरिष्ठ पत्रकार और नया इंडिया भोपाल के संपादक श्री जगदीप सिंह बैस जी के निधन का समाचार अत्यंत दु:खद है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 15, 2025
ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा परिजनों को यह गहन दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति!
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “बैस जी निष्पक्ष पत्रकारिता की मिसाल थे। उन्होंने मध्य प्रदेश की राजनीति और समाज को समझने की एक गंभीर दृष्टि दी। बाबा महाकाल से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति मिले।”
जगदीप बैस ने जबलपुर से प्रकाशित नवभारत अखबार से अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत की थी। इसके बाद वे लंबे समय तक ईटीवी मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ चैनल के प्रमुख रहे। बैस की पत्रकारिता में राजनीतिक समझ, गहरी पड़ताल और संतुलित दृष्टिकोण की खास पहचान थी।
उनका अंतिम संस्कार रविवार को उनके पैतृक स्थान सिहोरा (जबलपुर) में संपन्न हुआ। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में पत्रकार, राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता और उनके पाठक सहभागी हुए। सबकी आंखें नम थीं और जुबान पर एक ही बात- “हमने एक मार्गदर्शक, एक प्रेरक व्यक्तित्व को खो दिया।”
सीहोर, भोपाल और जबलपुर समेत कई शहरों में उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वरिष्ठ पत्रकार रघुवर दयाल गोहिया ने कहा, “बैस जी केवल पत्रकार नहीं, बल्कि हमारे लिए संरक्षक और प्रेरणा थे। पत्रकारिता के प्रति उनका समर्पण अंतिम सांस तक बना रहा। आज ऐसे पत्रकार विरले हैं।”
उनकी यादों और लेखनी की गूंज लंबे समय तक मध्य प्रदेश की पत्रकारिता में बनी रहेगी।
BW बिजनेसवर्ल्ड के नवीनतम संस्करण में भारत की अर्थव्यवस्था को नया आकार देने वाले दो अहम बदलावों पर विशेष कवरेज दी गई है
BW बिजनेसवर्ल्ड के नवीनतम संस्करण में भारत की अर्थव्यवस्था को नया आकार देने वाले दो अहम बदलावों पर विशेष कवरेज दी गई है- पहला, डेकोरेटिव पेंट इंडस्ट्री में मची खलबली और दूसरा, देश के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में शिक्षा के बदलते स्वरूप की गहराई से पड़ताल।
पेंट इंडस्ट्री के स्थिर रंगों में उथल-पुथल
कवर स्टोरी ‘Swirling Shades in the Paint Tub’ इस बात का विश्लेषण करती है कि कैसे भारत का अब तक स्थिर और मुनाफे वाला पेंट सेक्टर दशकों बाद सबसे बड़े बदलावों से गुजर रहा है। करीब ₹72,000 करोड़ की डेकोरेटिव पेंट्स मार्केट, जिस पर वर्षों से गिने-चुने बड़े ब्रैंड्स का दबदबा था, अब ग्रासिम के बिड़ला ओपस और JSW पेंट्स जैसी नई कंपनियों की आक्रामक एंट्री के चलते बुनियादी चुनौती का सामना कर रही है।
यह सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि पूरे सेक्टर की संरचना का पुनः संतुलन है। जहां पहले इस इंडस्ट्री को हाई-मार्जिन सेफ जोन माना जाता था, अब वह कीमतों की जंग, नियामक निगरानी और ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं की चपेट में है।
रिपोर्ट यह भी दिखाती है कि कैसे एशियन पेंट्स जैसे बाजार के दिग्गज ब्रैंड्स को भी अपने बिजनेस मॉडल और रणनीतियों पर दोबारा सोचने को मजबूर होना पड़ा है। लगातार बढ़ते लीगल चैलेंजेस, ऑपरेशनल रिस्क और मुनाफे में गिरावट के बीच ये कंपनियां विरोधाभासी रूप से अपनी उत्पादन क्षमता भी बढ़ा रही हैं। पत्रिका इसे "स्थिरता, तात्कालिकता और पुनर्गठन का जटिल मिश्रण" करार देती है।
भविष्य के भारत के इंजीनियर्स: सोच से टेक्नोलॉजी तक
अंक की दूसरी प्रमुख रिपोर्ट भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में आ रहे व्यापक बदलावों को सामने लाती है। IIT मद्रास, IIT दिल्ली, IIT बैंगलोर और BITS पिलानी जैसे संस्थानों के नेतृत्व से बातचीत के जरिए यह विश्लेषण किया गया है कि कैसे ये संस्थान पारंपरिक तकनीकी शिक्षा से आगे बढ़कर ऐसे स्नातक तैयार कर रहे हैं जो सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को भी गंभीरता से लेते हैं।
रिपोर्ट में यह दिखाया गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और रिन्यूएबल एनर्जी अब कोर लर्निंग का हिस्सा बन रहे हैं, जो इंडस्ट्री में आ रही तकनीकी क्रांति को दर्शाते हैं। साथ ही, अब कोर्स डिजाइन में इंटरडिसिप्लिनरी अप्रोच अपनाई जा रही है जिससे इंजीनियरिंग की पारंपरिक सीमाएं टूट रही हैं।
रिपोर्ट यह भी इंगित करती है कि अब पहले की तुलना में कम छात्र विदेश जाने के इच्छुक हैं। वे भारत की तेजी से बढ़ती टेक्नोलॉजी इकोनॉमी में न सिर्फ अवसर देख रहे हैं, बल्कि खुद को उसका हिस्सा भी मान रहे हैं। इसके साथ ही संस्थानों में लैंगिक समानता और सस्टेनेबिलिटी को लेकर नई सोच विकसित हो रही है, जो राष्ट्रीय विकास के लक्ष्यों से भी जुड़ी हुई है।
एक साझा सूत्र: बदलाव और अनुकूलन
BW Businessworld का यह अंक दिखाता है कि चाहे बात तत्काल बाजार की हो या दीर्घकालिक संस्थागत परिवर्तन की, दोनों ही भारत की आर्थिक दिशा को तय कर रहे हैं। पेंट इंडस्ट्री और इंजीनियरिंग शिक्षा जैसे अलग-अलग दिखने वाले क्षेत्रों को यह अंक बदलाव और अनुकूलन की साझा भावना से जोड़ता है।
BW Businessworld का यह विशेषांक अब डिजिटल और प्रिंट दोनों संस्करणों में उपलब्ध है। इसकी डिजिटल प्रति से पूरी रिपोर्ट और विश्लेषण नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर पढ़े जा सकते हैं-
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपने आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में ''दि इंडियन एक्सप्रेस'' के पटना संस्करण का औपचारिक शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपने आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में ''दि इंडियन एक्सप्रेस'' के पटना संस्करण का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “अच्छी पत्रकारिता नागरिकों को सशक्त बनाती है और यह अच्छे शासन की आधारशिला है।”
'दि इंडियन एक्सप्रेस' का यह ग्यारहवां संस्करण है, जो अब दिल्ली, मुंबई, नागपुर, अहमदाबाद, वडोदरा, जयपुर, लखनऊ, कोलकाता, चंडीगढ़ और पुणे के साथ-साथ अब पटना से भी प्रकाशित होगा।
नीतीश कुमार ने कहा, “मैं कॉलेज के दिनों से ही इंडियन एक्सप्रेस का नियमित पाठक रहा हूं। यह बेहद प्रसन्नता की बात है कि यह अखबार अब पटना से भी प्रकाशित होगा।”
इस मौके पर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने पटना संस्करण के आगमन का स्वागत किया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, “यह गर्व की बात है कि निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए पहचाना जाने वाला इंडियन एक्सप्रेस अब पटना से प्रकाशित हो रहा है। हमें उम्मीद है कि यह जमीनी स्तर से लेकर शासन तक की व्यापक और निष्पक्ष रिपोर्टिंग करेगा।”
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, “जब आज के दौर में सनसनी को विवेक पर तरजीह दी जा रही है और कई मीडिया मंच संतुलन खो चुके हैं, ऐसे समय में 'दि इंडियन एक्सप्रेस' ‘खबर बनाम शोर’ के बीच समाचार का झंडा बुलंद किए हुए है। इसकी संपादकीय और विचार स्तंभ बेहतरीन गुणवत्ता वाले होते हैं, जो राजनीति, नीति, समाज और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर गहन समझ विकसित करने में मदद करते हैं।”
AICC के बिहार प्रभारी कृष्ण अल्लावरु ने कहा, “पटना संस्करण के शुभारंभ की खबर सुनकर बेहद खुशी हुई। मुझे उम्मीद है कि यह संस्करण बिहार में पत्रकारिता के नए मानक स्थापित करेगा।”
पटना संस्करण का शुभारंभ उस महीने हुआ है जब देश आपातकाल की 50वीं बरसी मना रहा है। 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान रामनाथ गोयनका के नेतृत्व में 'दि इंडियन एक्सप्रेस' ने मौलिक अधिकारों के निलंबन, प्रेस की स्वतंत्रता पर पाबंदी और प्रशासनिक ज्यादतियों का डटकर विरोध किया था। उस दौर में प्रकाशित अखबार का एक कोरा संपादकीय पन्ना आज भी प्रतिरोध का प्रतीक माना जाता है।
इस अवसर पर 'दि इंडियन एक्सप्रेस' के संपादक उन्नी राजेन शंकर, उत्तर भारत के विपणन उपाध्यक्ष प्रदीप शर्मा, और पटना स्थित वरिष्ठ सहायक संपादक संतोष सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए उन्नी राजेन शंकर ने कहा, “पटना से निकलने वाला इंडियन एक्सप्रेस बिहार की आवाज को पूरे देश तक पहुंचाएगा। आज जब तकनीक और समाज में बदलाव तीव्र हो रहे हैं, तब यह भूमिका और भी अहम हो जाती है।”
चेयरमैन विवेक गोयनका ने कहा, “बिहार हमेशा रामनाथजी के दिल के बेहद करीब रहा है। पटना संस्करण हमारी समृद्ध विरासत से प्रेरणा लेते हुए इस राज्य और इसके लोगों के उज्जवल भविष्य की कहानी बयां करेगा।”
यह टैब्लॉइड अखबार अब 15 जून 2025 से सोमवार से रविवार तक सातों दिन प्रकाशित होगा।
‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड’ (BCCL) ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि ‘मुंबई मिरर’ (Mumbai Mirror) एक बार फिर से प्रिंट में वापसी कर रहा है। यह टैब्लॉइड अख़बार अब 15 जून 2025 से सोमवार से रविवार तक सातों दिन प्रकाशित होगा।
बता दें कि हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (e4m) ने मई 2025 में ही इस बारे में जानकारी दे दी थी, जिसे अब कंपनी ने जरिये सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है।
यह भी पढ़ें: 'मुंबई मिरर' की वापसी तय, जल्द शुरू होगा दैनिक संस्करण
बता दें कि कोविड-19 के प्रभाव के चलते दिसंबर 2020 में ‘मुंबई मिरर’ का प्रिंट संस्करण बंद कर दिया गया था, जिसके बाद यह केवल डिजिटल फॉर्मेट में सीमित रह गया था। अब इसे एक धारदार, बोल्ड और हाइपरलोकल अवतार में फिर से लॉन्च किया जा रहा है।
इस बारे में ‘BCCL’ के सीईओ (पब्लिशिंग) और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर शिवकुमार सुंदरम का कहना है, ’मुंबई मिरर सिर्फ एक अखबार नहीं है, बल्कि शहर की स्टाइल, आत्मा और समझदारी भरी आवाज़ है। यह हमेशा से Sharp, fearless और unapologetically local रहा है। हमारे रिसर्च में साफ है कि युवा पाठक आज भी भरोसेमंद, हाइपरलोकल स्टोरीटेलिंग चाहते हैं और उन्हें प्रिंट पर पहले से कहीं ज़्यादा भरोसा है। ’
’BCCL ’ के प्रेजिडेंट (Response) सुरिंदर चावला के मुताबिक ’मुंबई मिरर ’ की वापसी न सिर्फ पाठकों के लिए, बल्कि उन ब्रैंड्स के लिए भी एक बड़ा अवसर है जो मुंबई से गहराई से जुड़ना चाहते हैं। यह वही मंच है जो लोकल बिजनेस, ब्रैंड्स और मोहल्ले के नायकों को उनकी सही जगह देता है।
वहीं, ब्रैंड हेड (Languages & Mumbai Mirror) सुभायू बागची ने कहा कि मुंबई मिरर शहर की धड़कनों से जुड़ा ब्रैंड है। इसकी वापसी अब और बोल्ड व और बेहतरीन कंटेंट के साथ हो रही है, जिसे वे लोग बना रहे हैं जो मुंबई की नब्ज को अच्छी तरह समझते हैं।
प्रकाशन समूह के अनुसार, ‘मुंबई मिरर का वितरण सेंट्रल मुंबई, बांद्रा, अंधेरी और पश्चिमी उपनगरों जैसे शहर के प्रमुख इलाकों में केंद्रित रहेगा। कंपनी को विश्वास है कि यह टैब्लॉइड न सिर्फ पाठकों के लिए, बल्कि स्थानीय विज्ञापनदाताओं के लिए भी एक बेहद असरदार और विश्वसनीय माध्यम साबित होगा।’
निष्पक्ष और तथ्य-आधारित खोजी पत्रकारिता के लिए पहचाने जाने वाला The Indian Express अब बिहार में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने जा रहा है
निष्पक्ष और तथ्य-आधारित खोजी पत्रकारिता के लिए पहचाने जाने वाला The Indian Express अब बिहार में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने जा रहा है। सोमवार यानी आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना संस्करण के औपचारिक शुभारंभ समारोह में शामिल होंगे। यह देशभर में प्रकाशित होने वाला इस प्रतिष्ठित अखबार का 11वां संस्करण होगा।
यह लॉन्च ऐसे समय पर हो रहा है जब देश उस दौर को याद कर रहा है जिसे लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय कहा जाता है- आपातकाल की घोषणा के 50 वर्ष। 1975 में जब लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन हुआ, प्रेस की स्वतंत्रता को कुचला गया और सत्ता का दुरुपयोग अपने चरम पर था, तब The Indian Express ने रामनाथ गोयनका के नेतृत्व में इन अत्याचारों के खिलाफ सबसे मुखर विरोध दर्ज कराया था। सेंसरशिप के विरोध में अखबार ने एक खाली संपादकीय प्रकाशित कर आजादी की कीमत पर सवाल खड़े किए थे।
रामनाथ गोयनका का जयप्रकाश नारायण से गहरा संबंध था। जेपी ने 1974 में पटना के गांधी मैदान से ‘संपूर्ण क्रांति’ का नारा दिया और अगले ही वर्ष दिल्ली के रामलीला मैदान से इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ निर्णायक आह्वान किया। उस ऐतिहासिक आंदोलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एक युवा नेता के रूप में सक्रिय थे और उन्होंने आपातकाल के खिलाफ मुखर भूमिका निभाई थी।
इस मौके पर The Indian Express Group के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर विवेक गोयनका ने कहा, “हमारे लिए यह लॉन्च एक तरह से घर वापसी जैसा है। हमारे संस्थापक रामनाथ गोयनका जी का जन्म दरभंगा में हुआ था और उनका जयप्रकाश नारायण से गहरा नाता रहा। बिहार ने हमेशा राष्ट्रीय विमर्श में अहम भूमिका निभाई है। पटना संस्करण की शुरुआत हमारे लिए एक मील का पत्थर है, क्योंकि बिहार के लोग अपनी राजनीतिक समझ और सामाजिक चेतना के लिए जाने जाते हैं — और वे पत्रकारिता का वह स्तर डिज़र्व करते हैं जो उनके विचारों, ज़रूरतों और आकांक्षाओं के साथ न्याय कर सके।”
The Indian Express फिलहाल देश के 10 शहरों- अहमदाबाद, चंडीगढ़, दिल्ली, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पुणे और वडोदरा से प्रकाशित होता है।
पटना संस्करण ऐसे समय में शुरू किया जा रहा है जब कुछ ही महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक और राजनीतिक विरासत और हाल के वर्षों में शासन में हुए सुधार (जैसे- पंचायती राज में महिलाओं को 50% आरक्षण और सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण) इसे एक बेहद महत्वपूर्ण राज्य बनाते हैं, जहां जागरूक पत्रकारिता की भूमिका और भी अहम हो जाती है।
जाने-माने पत्रकार दीपक कुमार झा को देश के सबसे पुराने समाचार पत्र The Pioneer का एग्जिक्यूटिव एडिटर नियुक्त किया गया है।
जाने-माने पत्रकार दीपक कुमार झा को देश के सबसे पुराने समाचार पत्र The Pioneer का एग्जिक्यूटिव एडिटर बनाया गया है। The Pioneer की स्थापना वर्ष 1865 में हुई थी।
दीपक कुमार को पत्रकारिता में 21 वर्षों से अधिक का अनुभव है। इस नई भूमिका से पहले, उन्होंने The Pioneer में ब्यूरो प्रमुख और मेट्रो एडिटर की जिम्मेदारी निभाई और अपने लंबे करियर का अधिकांश समय इसी समाचार पत्र के साथ बिताया।
उन्होंने दूरदर्शन भारती के साथ भी संक्षिप्त कार्यकाल किया और मुंबई आधारित टैब्लॉइड MiD DAY के दिल्ली संस्करण की लॉन्चिंग में अहम भूमिका निभाई। अपने पत्रकारिता करियर के दौरान उन्होंने भारतीय संसद, शिक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, कार्मिक विभाग, और प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दलों से संबंधित घटनाक्रमों की रिपोर्टिंग और विश्लेषण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया।
राज्य विधानसभा चुनावों की व्यापक कवरेज के साथ-साथ दीपक कुमार ने 2004 से लेकर 2024 तक सभी लोकसभा आम चुनावों की रिपोर्टिंग की है। प्रदीप कुमार झा की दूरदर्शिता और समझ का ही यह असर था कि सरकार को पिछले साल (2024 लोकसभा चुनावों के दौरान) कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं की तारीखें बदलनी पड़ीं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने यह बात समय पर पहचान ली कि लगातार छुट्टियों की वजह से मतदान प्रभावित हो सकता है और उनकी रिपोर्ट के चलते सरकार को परीक्षा की तारीखें बदलनी पड़ीं।
दीपक कुमार झा ने अपने करियर में कई अहम और ब्रेकिंग खबरें दी, जिनमें से कुछ के चलते उन्हें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से सेंसरशिप का सामना भी करना पड़ा।
उनकी खोजी रिपोर्टिंग के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। वे राज्यसभा की मीडिया सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके हैं और कई सामाजिक संगठनों में मानद सलाहकार की भूमिका निभा रहे हैं।
भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि दैनिक भास्कर में छपी यह खबर गलत है। भारतीय जनता पार्टी ने घर-घर सिंदूर बांटने का कोई कार्यक्रम निर्धारित नहीं किया है।
जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत घर-घर सिंदूर पहुंचाने की खबर को भाजपा ने गलत बताया है। दैनिक भास्कर ने 28 मई के अंक में 'घर-घर सिंदूर पहुंचाएगी भाजपा, 9 जून से शुरुआत' शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
इस खबर में लिखा गया था कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को जन-जन तक पहुंचाने की तैयारी के तहत भाजपा महिलाओं को सिंदूर बांटेगी। समाचार में भाजपा के आउटरीच प्रोग्राम के तहत किए जाने वाले अन्य कार्यक्रमों की भी विस्तृत जानकारी दी गई थी।
भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 30 मई को लिखा कि दैनिक भास्कर में छपी यह खबर गलत है। भारतीय जनता पार्टी ने घर-घर सिंदूर बांटने का कोई कार्यक्रम निर्धारित नहीं किया है। उधर, भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सिंदूर बांटने की खबर को आधारहीन बताया।
उन्होंने कहा, ममता बनर्जी को अपने प्रदेश की बदहाली की चिंता करनी चाहिए, और देश की सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बेतुकी बयानबाज़ी नहीं करनी चाहिए।
दैनिक भास्कर में छपी यह खबर पूर्णतः असत्य है और छलपूर्वक प्रेरित है। भारतीय जनता पार्टी ने घर-घर सिंदूर बांटने का कोई कार्यक्रम निर्धारित नहीं किया है।#FakeNews pic.twitter.com/BSGjojnH15
— BJP (@BJP4India) May 30, 2025