नियोगी बुक्स द्वारा प्रकाशित और स्वप्ना व मधुलिका लिडल बहनों द्वारा लिखित ‘गार्डन्स ऑफ दिल्ली’ दिल्ली की हरियाली को समेटे हुए है, जिसमें राजधानी से जुड़े कई किस्से शामिल हैं।
दिल्ली में शालीमार बाग व कुदसिया बाग जैसे ऐतिहासिक उद्यानों से लेकर सुंदर नर्सरी व ‘गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज’ जैसे पार्कों की खूबसूरती, उनके इतिहास और सुंदरता का बखान एक नई किताब ‘गार्डन्स ऑफ दिल्ली’ में बेहद ही उम्दा तरीके से किया गया है। नियोगी बुक्स द्वारा प्रकाशित और स्वप्ना व मधुलिका लिडल बहनों द्वारा लिखित ‘गार्डन्स ऑफ दिल्ली’ दिल्ली की हरियाली को समेटे हुए है, जिसमें राजधानी से जुड़े कई किस्से शामिल हैं। बता दें कि यह किताब अब जल्द ही मार्केट में दस्तक देने वाली है। किताब का विमोचन 23 मई को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के कमलादेवी कॉम्प्लेक्स में शाम 06.30 बजे किया जाएगा।
भारतीय फिल्म निर्माता प्रदीप कृष्ण और दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस की इतिहासकार और लेखिका भारती जगन्नाथन की उपस्थिति में किताब का विमोचन किया जाएगा। किताब में दिखाई जा रही खूबसूरत तस्वीरों को प्रभास रॉय ने अपने कैमरे से कैद किया है।
किताब को लेकर स्वप्ना लिडल का कहना है कि यदि आप दिल्ली के अलग-अलग उद्यानों में नियमित रूप से घूमने जाते रहते हैं, तो यह किताब आपको उन उद्यानों के इतिहास, परिदृश्य और बागवानी पर अलग-अलग प्रकार की जानकारियों से रूबरू कराएगी। वहीं अगर आप इन उद्यानों से वाकिफ नहीं हैं तो ‘गार्डन्स ऑफ दिल्ली’ आपको सिर्फ एक जगह बैठकर ऐसी जानकारियों का अनुभव कराएगी, जो आपका मनोरंजन करने के साथ-साथ आपका ज्ञानवर्धन करेगी।”
यह किताब पाठकों को दिल्ली के कई उद्यानों के इतिहास, वनस्पतियों और जीवों से परिचित कराने में मदद करती है।
वहीं, मधुलिका लिडल का कहना है कि भारत के सबसे हरित शहरों में से एक दिल्ली में ढेर सारे उद्यान हैं। इनमें से कई ऐतिहासिक हैं और सभी के सभी आपको प्रकृति के साथ वक्त बिताने और इन उद्यानों की खूबसूरती में डूब जाने में मदद करते हैं। ‘गार्डन्स ऑफ दिल्ली’ पाठकों को राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख उद्यानों से रूबरू कराती है।”
इन उद्यानों के इतिहास को साझा करने के साथ-साथ यह किताब शहर में हरियाली के दायरे और उसके विकसित होने के तरीके के अलावा बढ़ती शहरी आबादी के कारण हरियाली को बरकरार रखने में समस्याओं के साथ-साथ चुनौतियों के बारे में भी बताती है।
जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पटना में रविवार को ‘लोकतंत्र के कबीर भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर’ पुस्तक का लोकार्पण हुआ।
जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पटना में रविवार को ‘लोकतंत्र के कबीर भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर’ पुस्तक का लोकार्पण हुआ। इस दौरान परिचर्चा का भी आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पटना के निदेशक नरेंद्र पाठक ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर पर इस पुस्तक की रचना में कई शोधार्थियों, बुद्धिजीवियों, समाजवादियों और लेखकों के विचार को समाहित किया गया है। कोई भी पुस्तक समाज का आईना होती है और आने वाले पीढ़ी के लिए एक दस्तावेज होती है।
आगे उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय, आर्थिक, लैंगिक न्याय का जो संतुलन बनाया उसका परिणाम बिहार निरंतर विकास कर रहा है। इस पुस्तक को तैयार करने के दरम्यान अनेक बुद्धिजीवियों ने अपने-अपने विचार रखे हैं उसको इस पुस्तक में सम्मान दिया गया है। इस पुस्तक में शामिल किए गए आलेख कर्पूरी जी की कृतियों और उनके मूल्यों को स्थापित करने में मिल का पत्थर साबित होगी।
पूर्व विधायक एवं लोक नायक जय प्रकाश नारायण द्वारा स्थापित अवार्ड संस्था, नई दिल्ली के महासचिव दुर्गा प्रसाद सिंह ने कहा कि मैं इस कार्यक्रम का हिस्सा बन पाया। आगे उन्होंने कहा कि कर्पूरी जी सामान्य जीवन जीने वाले विशिष्ट व्यक्ति थे। हमने कभी सुना था झोपड़ी के लाल जब कर्पूरी जी के घर पहुंचा तो देखकर दंग रह गया। वे झोपड़ी में ही रहा करते थे। उनकी एक बात और मुझे याद है कि जब भी उनके आवास पर लोग मिलने के लिए जाते थे, जो सबसे पीछे बैठे होते थे उस आदमी को पहले बुलाकर उनकी बातों को सुना करते थे।
जनता दल (यू) के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि ‘लोकतंत्र के कबीर भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर’ के द्वारा जनमानस के लिए जो सार्थक कदम उठाए गए वास्तव में वे आज भी प्रासंगिक है। कर्पूरी ठाकुर एक व्यक्ति नहीं विचार हैं। उनका जीवन ही एक संदेश है। उन्होंने समाजवाद की धारा पकड़कर खुद को समाज के लिए सौंप दिया। समाज में बदलाव की बुनियाद रखने वाले कर्पूरी ठाकुर हमेशा समाज के लिए प्रेरणा बने रहेंगे। कर्पूरी जी के कई सपनों को बिहार के विकास पुरुष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरा कर रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय पासवान ने कहा कि शोध है तो बोध है और बोध है तो प्रतिरोध दूर होता है। नॉलेज क्रियेशन पर काम किए जाने की जरूरत है। बिहार नॉलेज की इंडस्ट्री है। पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रामेश्वर ठाकुर ने कर्पूरी संग्रहालय को शोध संस्थान की तरह संचालित करने की मांग की और कहा कि समाज में जो वैचारिक भेद है उन्हें दूर किया जाना चाहिए।
लोकार्पण-सह-परिचर्चा कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बिहार विधान सभा के उप सभापति प्रो. रामवचन राय ने कहा कि इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए मैं इतना ही कहूंगा कि ‘लोकतंत्र के कबीर भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर’ पुस्तक नई पीढ़ी के लिए उत्कृष्ट साबित होगी। इसे हर किसी को पढ़ना चाहिए। पुस्तक हर इंसान के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है। संवाद लोकतंत्र की पहचान होती है। इससे ज्ञान की समृद्धि होती है।
पेरियार-अम्बेदकर-लोहिया विचार मंच के अध्यक्ष डॉ. बिनोद पाल एवं उनके साथियों द्वारा मंच की तरफ से अतिथियों का स्वागत किया गया।
इस कार्यक्रम में शोधार्थी डॉ. कुमार परवेज, राम कुमार निराला, संतोष यादव, प्रो. वीरेन्द्र झा, किशोरी दास, पर्यावरणविद् गोपाल कृष्ण, साहित्यकार सुनील पाठक ने भी अपने विचारों को रखा। मंच का संचालन लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने करते हुए कर्पूरी ठाकुर जी की कृतियों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में डॉ. मधुबाला, सलाहकार समिति जदयू बिहार के पूर्व सदस्य दीपक निषाद, इंदिरा रमण उपाध्याय, अरुण नारायण, धीरज सिंह, भैरव लाल दास, डॉ. दिलीप पाल, ललन भगत, प्रो. शशिकार प्रसाद, चन्द्रशेखर, विजय कुमार चौधरी सहित कई बुद्धिजीवी, साहित्यकार एवं पत्रकार उपस्थित रहे।
2024 का वर्ष दक्षिण भारतीय प्रिंट प्रकाशनों के लिए सहनशक्ति का रहा, जहां ऐड वॉल्यूम (ad volume) में विभिन्न भाषाओं में मिश्रित रुझान देखने को मिले।
2024 का वर्ष दक्षिण भारतीय प्रिंट प्रकाशनों के लिए सहनशक्ति का रहा, जहां ऐड वॉल्यूम (ad volume) में विभिन्न भाषाओं में मिश्रित रुझान देखने को मिले। तमिल अखबारों में ऐड वॉल्यूम में मामूली 1% वृद्धि दर्ज की गई, जबकि कन्नड़ प्रकाशनों ने पिछले वर्ष के स्तर को बनाए रखा। हालांकि, तेलुगु और मलयालम अखबारों में क्रमशः 10% और 8% की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई। बता दें कि यह जानकारी हाल ही में जारी Pitch Madison Advertising Report 2025 के जरिए सामने आई है।
रिपोर्ट इस गिरावट का मुख्य कारण इन क्षेत्रों में कमजोर बाजार स्थितियों को बताती है, जिससे विज्ञापनदाताओं के विश्वास और बजट पर असर पड़ा हो सकता है।
यदि कुल प्रिंट ऐड वॉल्यूम में योगदान की बात करें, तो कन्नड़ अखबारों की हिस्सेदारी 5% पर स्थिर रही, जबकि तमिल की हिस्सेदारी 1% बढ़कर 6% हो गई। वहीं, तेलुगु और मलयालम अखबारों की हिस्सेदारी 1% कम होकर क्रमशः 5% और 3% रह गई— 2023 की तुलना में 2024 में।
भारत में कुल प्रिंट सेक्टर में 2024 में ऐड वॉल्यूम में कोई वृद्धि नहीं हुई। हालांकि, पहली तिमाही (Q1) में वॉल्यूम में 16% की वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन इसके बाद की तिमाहियों में गिरावट देखी गई— Q2 में 6%, Q3 में 9% और Q4 में 1% की कमी 2023 की तुलना में।
दिलचस्प बात यह है कि ज्यादातर भाषाओं में ऐड वॉल्यूम में स्थिरता या गिरावट दर्ज की गई, लेकिन इसके विपरीत, 2024 में प्रिंट सेक्टर ने 5% राजस्व वृद्धि दर्ज की। प्रिंट सेक्टर ने 2024 में ₹20,272 करोड़ का एडेक्स (AdEx) दर्ज किया, जो पांच साल बाद पहली बार प्री-कोविड स्तर को पार करने में सफल रहा। लगातार दूसरे वर्ष, प्रिंट ने भारत में कुल विज्ञापन खर्च (AdEx) में अपनी 19% की हिस्सेदारी बनाए रखी।
इससे संकेत मिलता है कि वॉल्यूम में गिरावट या स्थिरता के बावजूद, उच्च विज्ञापन दरों और प्रीमियम प्राइसिंग रणनीतियों ने प्रकाशकों को लाभ बनाए रखने में मदद की। विज्ञापनदाता अब हाई-इंपैक्ट प्लेसमेंट्स, प्रीमियम स्लॉट्स और टार्गेटेड रीजनल कैंपेन में अधिक निवेश करने के लिए तैयार दिख रहे हैं, जिससे प्रिंट मीडिया का विश्वसनीय माध्यम के रूप में महत्व बरकरार है।
दक्षिण भारत के कुल ऐड वॉल्यूम में स्थिरता यह दर्शाती है कि, चुनौतियों के बावजूद, क्षेत्रीय प्रिंट मीडिया विज्ञापनदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम बना हुआ है। खासतौर पर FMCG, रिटेल और रियल एस्टेट जैसे सेक्टर अब भी स्थानीय स्तर पर उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए प्रिंट विज्ञापन पर निवेश कर रहे हैं।
दिल्ली में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में रविवार को दोपहर ढाई बजे हॉल नंबर दो के लेखक मंच पर इस किताब का औपचारिक लोकार्पण होगा।
लेखक और पत्रकार विष्णु शर्मा की नई किताब ‘कांग्रेस प्रेसिडेंट्स फाइल्स' यूं तो आते ही चर्चा में थी लेकिन उसका औपचारिक लोकार्पण नहीं हुआ था, जो अब विश्व पुस्तक मेले के आख़िरी दिन यानी 9 फरवरी को होने जा रहा है। रविवार को दोपहर ढाई बजे हॉल नंबर दो के लेखक मंच पर इस किताब का औपचारिक लोकार्पण होगा। इस कार्यक्रम में तीन विशेष अतिथि अनुज धर, प्रखर श्रीवास्तव और अशोक श्रीवास्तव मंच पर होंगे।
कार्यक्रम के संचालन की बागडोर पत्रकार व लेखक नीरज बधवार को सौंपी गई है, जिनकी व्यंग्य पर लिखी गई किताबें ‘हम सब फ़ेक हैं’ और ‘बातें कम स्कैम ज़्यादा’बेस्ट्सेलर रह चुकी हैं। नेताजी बोस के गायब होने में रहस्य पर कई किताबें लिख चुके अनुज धर की एक किताब शास्त्री जी की मौत के रहस्य पर भी आ चुकी है। वहीं, श्रीवास्तव ब्रदर्स के नाम से मशहूर प्रखर और अशोक डीडी न्यूज़ के जाने माने चेहरे हैं।
प्रखर श्रीवास्तव की बुक ‘हे राम’ के कई संस्करण आ चुके हैं। वहीं अशोक श्रीवास्तव अपने डिबेट शो ‘दो टूक’ से काफी लोकप्रिय हो चुके हैं। हाल ही में आई उनकी बुक ‘मोदी Vs ख़ान मार्केट गैंग’ सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है।
लेखक विष्णु शर्मा भी अपनी किताबों इंदिरा फाइल्स, इतिहास के 50 वायरल सच, गुमनाम नायकों की गौरवशाली गाथाओं के लिए जाने जाते हैं। वह नीलेश मिश्रा के रेडियो शो के लिए कहानियां भी लिख चुके हैं। वह फिल्म समीक्षक भी हैं। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर जी म्यूजिक से आये उनके गीत को अनु मलिक ने कंपोज़ किया था, जिस पर हजारों रील्स बनी थीं।
2025 की शुरुआत भी विष्णु शर्मा ने 26 जनवरी को अपना नया गीत रिलीज़ करके की है। संविधान के 75 साल पूरा होने पर ‘ये संविधान है‘ गीत जी म्यूजिक ने रिलीज़ किया, इसे भी अनु मलिक ने कंपोज किया है और आवाज़ दिव्य कुमार व अनु मलिक ने दी है।
उनकी किताब ‘कांग्रेस प्रेसिडेंट फ़ाइल्स’जाने-माने प्रकाशक प्रभात प्रकाशन ने छापी है और यह किताब गांधी जी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने से पहले के अध्यक्षों से जुड़ी तमाम दिलचस्प कहानियां बताती है, जिनमें से कई आज की पत्रकार पीढ़ी के लिए हैरतअंगेज साबित होंगी।
अनुभवी पत्रकार व लेखक सुवीन सिन्हा को 'फोर्ब्स इंडिया' (Forbes India) का एडिटर के रूप में नियुक्त किया गया है।
अनुभवी पत्रकार व लेखक सुवीन सिन्हा को 'फोर्ब्स इंडिया' (Forbes India) का एडिटर के रूप में नियुक्त किया गया है। उनके ऊपर Forbes India की संपादकीय नवाचार (Editorial Innovation) और वृद्धि (Growth) का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी होगी। यानी सुवीन सिन्हा अब Forbes India की संपादकीय दिशा तय करेंगे और उसकी आगे की विकास रणनीति पर काम करेंगे।
अपने नए पद में सुवीन का मुख्य फोकस Forbes India की संपादकीय आवाज को मजबूत करने, स्टोरी कहने के नए प्रारूप विकसित करने और ब्रैंड के प्रभाव को विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर विस्तार देने पर होगा।
सुवीन को पत्रकारिता के क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने प्रमुख न्यूजरूम, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और उद्यमशील उपक्रमों में काम किया है।
अपने करियर के दौरान, उन्होंने विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर काम किया है और बिजनेस, फाइनेंस और पॉलिसी से जुड़े गहरे विश्लेषण प्रदान किए हैं। उनके विविध करियर में इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करने के साथ-साथ रणनीतिक संचार और थॉट लीडरशिप के क्षेत्र में उद्यमशीलता की पहल भी शामिल है। सुवीन Forbes India से पहले 'बिजनेस स्टैंडर्ड' (Business Standard) में चीफ कंटेंट एडिटर के रूप में कार्यरत थे।
एक सफल लेखक के रूप में सुवीन अब तक तीन नॉन-फिक्शन किताबें लिख चुके हैं। उनकी हालिया किताब Karma’s Child, जो फिल्म निर्देशक सुभाष घई की सिनेमाई यात्रा को गहराई से उजागर करती है, पिछले साल नवंबर में प्रकाशित हुई थी।
देश की प्रतिष्ठित मैगजीन 'बिजनेसवर्ल्ड' (BW Businessworld) ने अपना नवीनतम अंक जारी कर दिया है, जिसमें पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासनिक (ESG) नेतृत्व पर गहराई से चर्चा की गई है।
देश की प्रतिष्ठित मैगजीन 'बिजनेसवर्ल्ड' (BW Businessworld) ने अपना नवीनतम अंक जारी कर दिया है, जिसमें पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासनिक (ESG) नेतृत्व पर गहराई से चर्चा की गई है। इस विशेष खंड में उन लीडर्स को प्रस्तुत किया गया है जो सामाजिक चुनौतियों का समाधान कर रहे हैं और व्यवसाय पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं।
लाभ के साथ उद्देश्य को आगे बढ़ाना
इस अंक में BW सोशल इम्पैक्ट के तीसरे संस्करण को हाइलाइट किया गया है, जिसमें उन लीडर्स को प्रस्तुत किया गया है जो लाभ और उद्देश्य को सफलतापूर्वक जोड़ रहे हैं। इस अंक में उन लोगों का जश्न मनाया गया है जिन्होंने लाभ के साथ उद्देश्य को एकीकृत किया है, जिससे भारत के तेजी से विकसित हो रहे कारोबारी परिदृश्य में पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासनिक (ESG) सिद्धांतों का महत्व बढ़ रहा है।
इस विशेष फीचर में नवप्रवर्तकों (Innovators) और बदलाव लाने वालों की स्टोरीज शामिल हैं, जो महत्वपूर्ण सामाजिक और पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान कर रहे हैं, साथ ही मजबूत बिजनेस मॉडल बनाए रख रहे हैं। यह सेक्शन जमीनी स्तर की चुनौतियों और प्रणालीगत सुधारों की पड़ताल करता है, जो भारत की बदलती आर्थिक संरचना में उद्देश्य और लाभ के बीच बढ़ते तालमेल को दर्शाता है।
केंद्रीय बजट 2025-26
इस अंक में केंद्रीय बजट 2025-26 को भी हाइलाइट किया गया है, जिसमें सरकार की मध्यवर्ग को सशक्त बनाने और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने की रणनीतिक योजना को दर्शाया गया है। इसमें संशोधित कर संरचना का विश्लेषण किया गया है, जिसमें शून्य कर स्लैब को बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे मध्यम आय वर्ग को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी। सरकार का बुनियादी ढांचे, डिजिटल इनोवेशन और ग्रामीण विकास पर बढ़ता ध्यान समावेशी विकास के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र की वृद्धि पर पीयूष गोयल
इस अंक के 'लास्ट वर्ड' कॉलम में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का लेख शामिल है, जिसमें उन्होंने वैश्विक ऑटोमोटिव क्षेत्र में भारत के बढ़ते आत्मविश्वास को उजागर किया है। उन्होंने गतिशीलता के भविष्य को आकार देने में इलेक्ट्रिक वाहनों की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया और बताया कि भारत तीन पहिया वाहनों और ट्रैक्टरों का दुनिया का सबसे बड़ा निर्माता है।
मंत्री ने अगले दशक में 100 अरब डॉलर के निर्यात और इलेक्ट्रिक व्हिकल (EV) सेक्टर में भारत की संभावित नेतृत्व क्षमता सहित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की रूपरेखा तैयार की है। उन्होंने ऑटो कंपोनेंट सेक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका और आत्मनिर्भर EV इकोसिस्टम की आवश्यकता को रेखांकित किया। गोयल ने पांच साल की कार्य योजना के माध्यम से internal combustion engine (ICE) व्हिकल्स से इलेक्टॉनिक व्हिकल्स की ओर बढ़ने के महत्व पर भी जोर दिया। मंत्री की अंतर्दृष्टि अंतरराष्ट्रीय मंच पर इंडस्ट्री के बढ़ते आत्मविश्वास और अभिनव क्षमताओं को दर्शाती है।
BW Businessworld का यह नवीनतम अंक अब डिजिटल और प्रिंट दोनों प्रारूपों में उपलब्ध है। अधिक जानकारियों और पूरी रिपोर्ट के लिए BW Businessworld के नवीनतम डिजिटल संस्करण को पढ़ें।
BW Businessworld के बारे में
BW Businessworld, जिसकी 44 वर्षों की विरासत है, भारत का सबसे तेजी से बढ़ता 360-डिग्री बिजनेस मीडिया हाउस है। इसका नेटवर्क 23 विशिष्ट व्यावसायिक समुदायों और 10 मैगजींस तक फैला हुआ है। BW Businessworld विभिन्न घरेलू और वैश्विक क्षेत्रों में गहराई से स्थापित है, जो इंडस्ट्री के बिजनेस लीडर्स के बीच बातचीत को सुगम बनाने और सहयोग के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने के उद्देश्य से सम्मेलनों और मंचों का आयोजन करता है। BW के सभी अंक डिजिटल रूप में भी उपलब्ध होते हैं, जिनमें ऑनलाइन और वीडियो स्टोरीज शामिल होती हैं और प्रत्येक अंक के लिए एक ई-मैगजीन भी जारी की जाती है।
RPSG लाइफस्टाइल मीडिया ने भारत में 'रॉब रिपोर्ट' (Robb Report) के प्रकाशन (पब्लिकेशन) और वितरण (डिस्ट्रीब्यूशन) के विशेष अधिकार हासिल कर लिए हैं।
RPSG लाइफस्टाइल मीडिया ने भारत में 'रॉब रिपोर्ट' (Robb Report) के प्रकाशन (पब्लिकेशन) और वितरण (डिस्ट्रीब्यूशन) के विशेष अधिकार हासिल कर लिए हैं।
भारत में, Robb Report तेजी से बढ़ती लग्जरी मार्केट की मांग को उजागर करेगा और साथ ही, यह अपने कंटेंट को इस तरह से तैयार करेगा कि वह भारत के अल्ट्रा-हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (UHNIs) यानी अति-धनी व्यक्तियों की आकांक्षाओं और उनकी खास पसंद व नापसंद को दर्शा सके।
RPSG लाइफस्टाइल मीडिया की चेयरपर्सन अवर्णा जैन ने इस साझेदारी पर अपनी उत्सुकता जाहिर करते हुए कहा कि Robb Report दुनिया में लग्जरी और बेहतरीन लाइफस्टाइल का सबसे प्रतिष्ठित माध्यम है। भारत में उच्च गुणवत्ता वाले प्रॉडक्ट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है और ऐसे में यह मैगजीन लोगों की पसंद को नया रूप देने और उनकी खरीदारी की आदतों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। Robb Report के साथ हमारी यह साझेदारी हमारे पाठकों को दुनिया में उपलब्ध सबसे बेहतरीन चीजों के बारे में बेजोड़ जानकारी प्रदान करेगी।
Robb Report के प्रेजिडेंट ल्यूक बहरेनबर्ग ने कहा, "भारत लग्जरी के लिए सबसे जीवंत और तेजी से बढ़ते मार्केट्स में से एक है। हमें RPSG लाइफस्टाइल मीडिया के साथ साझेदारी करने की खुशी है, ताकि हम Robb Report को इस शानदार मार्केट तक पहुंचा सकें। उनकी विशेषज्ञता और हमारी विरासत के साथ, हम एक ऐसा मंच तैयार करने के लिए उत्साहित हैं, जो न केवल लग्जरी को सेलिब्रेट करेगा बल्कि भारत की अनूठी विरासत और संस्कृति को भी अपनाएगा।"
अरविंदर पाल कौर ने ‘पंजाबी ट्रिब्यून’ की पहली महिला संपादक बनीं हैं। उन्होंने अपना पदभार संभाल लिया है
अरविंदर पाल कौर ने ‘पंजाबी ट्रिब्यून’ की पहली महिला संपादक बनीं हैं। उन्होंने अपना पदभार संभाल लिया है। वह जनवरी 2024 से अखबार की कार्यकारी संपादक के रूप में सेवा निभा रही थीं।
अरविंदर पाल कौर ने पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के पंजाबी और पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग से डिग्री प्राप्त करने के बाद 1988 में ‘पंजाबी ट्रिब्यून’ में ट्रेनी सब-एडिटर के तौर पर पत्रकारिता की अपनी यात्रा की शुरुआत की। न्यूजरूम में विभिन्न पदों पर काम करने के बाद उन्होंने मार्च 2019 में समाचार संपादक की जिम्मेदारी संभाली।
पंजाबी पत्रकारिता में अपनी लंबी यात्रा के दौरान उन्होंने संपादन, अनुवाद, संपादकीय और फीचर लेखन में विशेषज्ञता हासिल की। पिछले 36 वर्षों के दौरान समय-समय पर उनके फीचर ‘पंजाबी ट्रिब्यून’ में प्रकाशित होते रहे हैं।
उन्होंने प्रख्यात पत्रकार कुलदीप नैयर की आत्मकथा ‘बियॉन्ड द लाइन्स’ (अजोके भारत दी अनकही दास्तान) और ‘स्कूप’ (खास खबर) समेत चार पुस्तकें अंग्रेजी से पंजाबी में अनुवादित की हैं।
अरविंदर पाल ने रॉ के पूर्व प्रमुख ए.एस. दुल्लत की पुस्तक ‘कश्मीर : द वाजपेयी ईयर्स’ का भी अनुवाद किया। इसके पंजाबी अनुवाद ‘कश्मीर दी दास्तान’ को चंडीगढ़ साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2019 की सर्वश्रेष्ठ अनुवादित पुस्तक का पुरस्कार दिया गया। उन्होंने प्रख्यात कलाकार ओम पुरी की पत्नी नंदिता सी. पुरी द्वारा लिखी जीवनी ‘अनलाइकली हीरो : ओम पुरी’ (जिंदगी द नायक: ओम पुरी) का अनुवाद भी किया।
इस किताब का विमोचन दिल्ली के एनडीएमसी सेंटर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहे।
द संडे गार्जियन फांउडेशन की चेयरपर्सन डॉक्टर ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने एक किताब संपादित की है जिसका नाम है- 'इंडियन रेनेसां, द मोदी डिकेड' ('Indian Renaissance: The Modi Decade') इस किताब का विमोचन दिल्ली के एनडीएमसी सेंटर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहे।
इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी के किए कामों की तारीफ की। गृह मंत्री ने कहा कि मोदी राज में नए भारत की नई तस्वीर सामने आई है। अमित शाह ने आगे कहा कि जब 2014 में पीएम मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने तो उसी समय देश को अंग्रेजियत से आजादी मिली। इन 10 वर्षों में कई सेक्टरों में सुधार हुए। जब पूरी दुनिया कोरोना की मार झेल रही थी तो भारत में सबसे अच्छा प्रबंधन हुआ। जो लोग ताली और थाली पर निशाना साध रहे थे उन पर गृह मंत्री ने निशाना साधते हुए कहा कि ताली और थाली से बजाने से ही देश एकजुट हुआ। ये पीएम मोदी की अपील का असर था कि लोग अपने घरों में ही रहे। इसके बाद गृह मंत्री शाह ने इस बात पर जोर दिया कि 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा और युवाशक्ति के दम पर भारत दुनिया का नंबर एक राष्ट्र बनेगा। इसके लिए विकास के साथ साथ विरासत को भी केंद्र में लाएंगे।
इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मोदी सरकार के उन कामों के बारे में बताया, जिस वजह से भारत, विकसित भारत की राह पर चला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने राजा की व्याख्या सेवक के नाम से की क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी प्रजा के लिए काम करने वाले व्यक्ति है। गृहमंत्री ने आगे बताया कि पीएम मोदी ने भारत में सुधार के लिए कड़े कदम उठाए हैं और इन कड़े और बड़े फैसलों की वजह से भारत को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने 130 करोड़ की आबादी को ताकत दी। हर घर नल और शौचालय पहुंचाए। बीते 10 वर्षों में भारत में वो काम हुए, जो उससे पहले के 75 वर्षों में वहीं हो पाए। गृह मंत्री ने पीएम मोदी को कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बीते 10 वर्षों में 13 करोड़ घरों में शौचालय बनाए गए। आज देश का हर घर बिजली से रोशन हो रहा है। इसके अलावा 12 करोड़ घरों में गैस कनेक्शन पहुंचाए। 4 करोड़ लोगों को अपना घर मिला और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन पहुंचाया। 15 करोड़ परिवारों के घर में नल से जल पहुंचा। मोदी सरकार में ही पहली बार महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया गया। कुल मिलाकर केंद्र सरकार की योजनाओं से लोगों की जीवनशैली बदली और इस वजह से भारत के लोगों के आत्मविश्वास का जवाब किसी के पास नहीं है।
इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बदलते भारत की बदलती अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मोदी राज से पहले भारत दुनिया की 15वीं अर्थव्यवस्था था। मोदी काल आने के बाद भारत विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा और आने वाले समय में भारत विश्व में तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनेगा। गृह मंत्री शाह ने कहा कि सफाई के मामले में महात्मा गांधी के बाद पीएम मोदी का स्थान है और पीएम मोदी ऐसे पहले नेता हैं, जिन्होंने सफाई का नाम लिया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने राम मंदिर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 500 वर्षों के बाद राम मंदिर का हल निकला है और नरेंद्र मोदी सरकार ने राम मंदिर का निर्माण करवाया। गृह मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी हर वर्ष एक नए युग की शुरुआत करते हैं। ये ही वजह है कि उनके काम का लोहा पूरी दुनिया ने माना है। दुनिया के 16 देशों ने पीएम मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा है। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छे 370 को हटाया है। गृह मंत्री ने अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते कदमों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में भारत अंतरिक्ष की सुपर पावर बनने की दिशा में आगे बढ़ा। चंद्रयान और स्पेडेक्स मिशन भी पीएम मोदी के कारण संभव हो सके। उन्होंने आगे कहा कि भारत साल 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी करेगा और 2047 में पूरी दुनिया पूर्ण रूप से विकसित भारत को देखेगी।
यहां देखें वीडियो-
यह किताब, जिसे डॉ. ऐश्वर्या पंडित ने संपादित किया है, पिछले दस वर्षों में मोदी सरकार के शासन का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
'Indian Renaissance: The Modi Decade' नामक किताब का विमोचन 30 जनवरी 2025 को नई दिल्ली स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में किया जाएगा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गृह मंत्री अमित शाह, होंगे, जबकि आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
किताब के बारे में:
यह किताब, जिसे डॉ. ऐश्वर्या पंडित ने संपादित किया है, पिछले दस वर्षों में मोदी सरकार के शासन का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है। इसमें सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक बदलावों को दर्शाते हुए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और भाजपा के रूपांतरण पर प्रकाश डाला गया है। इसके अलावा, ग्रामीण और शहरी भारत में विकास परियोजनाओं, भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों और डिजिटल क्रांति जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार किया गया है।
मोदी सरकार के दस वर्षों का व्यापक अवलोकन
यह किताब एक निबंध संग्रह है, जिसमें पिछले दस वर्षों में भारत में हुए सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवर्तनों को शामिल किया गया है। "Indian Renaissance" विभिन्न विचारों को एक साथ लाती है, जिनमें वरिष्ठ पत्रकार, राजनीतिक नेता, नीति-निर्माता और सार्वजनिक बौद्धिक शामिल हैं। इन निबंधों में मोदी के अद्वितीय प्रभाव और उनके नेतृत्व में भाजपा के रूपांतरण का विश्लेषण किया गया है। इसके साथ ही, उन विकासात्मक पहलों पर भी चर्चा की गई है, जिन्होंने भारत के सबसे दूरस्थ गांवों में भी लोगों की जिंदगी को बदल दिया है।
किताब में भारत के अन्य देशों, विशेष रूप से अमेरिका और अरब देशों के साथ संबंधों पर चर्चा की गई है। इसके अलावा, डिजिटल क्रांति, एक अरब लोगों को शिक्षित करने की चुनौती, और भारत सरकार द्वारा आकार दिए जा रहे नए (अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय) राष्ट्रवादी दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला गया है।
संपादक के बारे में:
डॉ. ऐश्वर्या पंडित जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल में एसोसिएट प्रोफेसर हैं और उन्होंने आईआईएम इंदौर में अतिथि प्राध्यापक के रूप में भी पढ़ाया है। उनकी किताब "क्लेमिंग सिटीजनशिप एंड नेशन: मुस्लिम पॉलिटिक्स एंड स्टेट बिल्डिंग इन नॉर्थ इंडिया, 1947–1986" रूटलेज द्वारा 2022 में प्रकाशित हुई थी।
यह 352 पन्नों की किताब वेस्टलैंड नॉन-फिक्शन द्वारा प्रकाशित की गई है और भारत के पिछले दशक के विकास का गहराई से अध्ययन करती है।
किताब विमोचन कार्यक्रम 30 जनवरी 2025 को नई दिल्ली स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में शाम 5:00 बजे से शुरू होगा और इसमें विद्वानों और प्रमुख हस्तियों के साथ चर्चा और संवाद का अवसर मिलेगा।
हिंदी दैनिक ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) के नोएडा मुख्यालय से जुड़ी खबर के मुताबिक संस्थान ने वरिष्ठ पत्रकार स्वदेश शर्मा को चीफ रिपोर्टर के पद पर प्रमोट किया है।
हिंदी दैनिक ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) के नोएडा मुख्यालय से जुड़ी खबर के मुताबिक संस्थान ने वरिष्ठ पत्रकार स्वदेश शर्मा को चीफ रिपोर्टर के पद पर प्रमोट किया है। उन्हें आईटीओ पर ब्यूरो चीफ के साथ दिल्ली के अन्य केंद्रों की देखरेख का जिम्मा भी सौंपा गया है।
स्वदेश शर्मा करीब 16 साल से दैनिक जागरण में कार्यरत हैं। वह पहले नेशनल एडिशन से जुड़े, फिर सेंट्रल डेस्क पर रहे। वर्ष 2014 में वह रिपोर्टिंग में आ गए।
शुरुआत में उन्हें पूर्वी दिल्ली का ब्यूरो चीफ बनाया गया। इसके बाद वर्ष 2023 में उनका नोएडा डेस्क पर तबादला हुआ और अब नए साल पर संस्थान ने उन्हें नई जिम्मेदारी दी है।
बता दें कि मूलरूप से बिहार के जहानाबाद के रहने वाले स्वदेश शर्मा ने अपनी पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से की है। उन्हें मीडिया में काम करने का करीब दो दशक का अनुभव है। ‘दैनिक जागरण’ से पहले वह ‘अमर उजाला’ जालंधर और नोएडा में डेस्क पर काम कर चुके हैं।