'न्यू एरा ऑफ इंडियननेस' से परिचय कराती है प्रो. संजय द्विवेदी की ये पुस्तक: उदय महुरकर

’भारतीय जनसंचार संस्थान’ के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी की नई पुस्तक 'भारतबोध का नया समय' का लोकार्पण गुरुवार को नई दिल्ली में किया गया।

Last Modified:
Thursday, 31 March, 2022
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प्रख्यात पत्रकार एवं ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी की नई पुस्तक 'भारतबोध का नया समय' का लोकार्पण गुरुवार को नई दिल्ली में किया गया। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत सरकार के सूचना आयुक्त उदय माहुरकर थे। समारोह की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने की एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में वरिष्ठ आचार्य प्रो. कुमुद शर्मा मुख्य वक्ता के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुईं। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव और वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक अनंत विजय ने विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह में हिस्सा लिया।

'भारतबोध का नया समय' को 'न्यू एरा ऑफ इंडियननेस' बताते हुए भारत सरकार के सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने कहा कि आजादी के तुरंत बाद भारतबोध की जो बात हमें करनी चाहिए थी, वो हमें 70 साल बाद करनी पड़ रही है। इस पुस्तक के माध्यम से राष्ट्रीयता की अलख जगाने की कोशिश की गई है। यह पुस्तक नए भारत से हमारा परिचय कराती है। एक ऐसा भारत, जिसका सपना स्वामी विवेकानंद जैसे राष्ट्रनायकों ने देखा था। माहुरकर के अनुसार, ‘मैकाले की शिक्षा पद्धति ने भारतीय विचारों को कुचलने का प्रयास किया। अपनी संस्कृति को लेकर लोगों में जो हीनताबोध उन्होंने भरा, इस पुस्तक के माध्यम से उसे दूर करने का प्रयास किया गया है। भारतीयता को हीनभावना से प्रस्तुत करने का प्रयास समाज के एक विशेष वर्ग द्वारा लगातार किया जा रहा है। यह पुस्तक ऐसे लोगों को भारतीयता और भारतबोध का सही अर्थ समझाने का प्रयास करती है।‘

भारत के नए रूप से कराया परिचय: कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि इस पुस्तक के लेखक प्रो. संजय द्विवेदी पत्रकार, प्राध्यापक और प्रशासक का अद्भुत संगम हैं। 'भारतबोध का नया समय' में जहां पत्रकार का सटीक विवेचन और प्राध्यापक की सूझबूझ और समझदारी है, वहीं प्रशासक का चैतन्य भी इस पुस्तक में दिखाई देता है। भारत के उस रूप से पाठकों का परिचय लेखक ने करवाया है, जिसकी अभी तक हम सिर्फ कल्पना ही करते थे।

डॉ. जोशी ने कहा कि भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी भारतबोध के दर्शन होते हैं। वर्ष 2047 में जब भारत आजादी के 100वें वर्ष में प्रवेश करेगा, तो यह पुस्तक बौद्धिक रसद के रूप में युवाओं के हाथ में होगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार चिंतन करते हुए लिखना और उस लिखे हुए पर अमल करना बुद्धिजीवी समाज का दायित्व है।

आत्मचैतन्य से युक्त हो रहा भारत: दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में वरिष्ठ आचार्य प्रो. कुमुद शर्मा ने कहा कि प्रो. संजय द्विवेदी जब लिखते हैं, तो समय की नब्ज पर पूरी पकड़ रखते हैं। सामयिक युग की चिंताएं उनके लेखन को गति देती हैं। अपनी इस पुस्तक के माध्यम से देश की अस्मिता से वे हमारा परिचय कराते हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने जब भारत पर राज किया, तो हमारे सांस्कृतिक ढांचे को तोड़ने का प्रयास किया। उस दौर में यूरोप के संदर्भों में भारतीयता को परिभाषित किया जाता था। इस कारण जहां एक तरफ हम सांस्कृतिक विरासत से दूर होते चले, वहीं दूसरी तरफ अज्ञान का अंधकार बढ़ने लगा। इस पुस्तक के माध्यम से लेखक ने जड़ों से जुड़ी भारतीय चेतना को नया आकाश देने का कार्य किया है।

प्रो. शर्मा ने कहा कि आत्मचैतन्य से युक्त भारत में आज नए युग की शुरुआत हो रही है। हम भारतबोध के साथ नए भारत को गढ़ने की प्रकिया में हैं। सनातन सरोकारों को जोड़कर आज भारत का नेतृत्व हो रहा है। यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि प्रो. द्विवेदी ने इस पुस्तक के द्वारा युवाओं को आसान और सरल शब्दों में भारतबोध का समझाया है।

संस्कृति और ज्ञान परंपरा को समझेंगे युवा: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने कहा कि प्रो. संजय द्विवेदी की इस पुस्तक को मैंने तीन घंटे में पूरा पढ़ लिया। आज के जमाने में किसी पुस्तक को एक बार में बैठकर पूरा पढ़ जाना असंभव सा लगता है, लेकिन प्रो. द्विवेदी की पुस्तक आपको भारत की यात्रा पर ले जाती है। इस पुस्तक का विषय, भाषा शैली और प्रस्तुतीकरण अद्भुत है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि इस पुस्तक के माध्यम से युवा अपनी संस्कृति और ज्ञान परंपरा को जानेंगे। भारत को जाने बिना हम भारत के नहीं बन सकते। इस किताब में प्रस्तुत लेखों से भारत के गौरव की अनुभूति पूरे देश को हो रही है।

'राष्ट्र सर्वप्रथम' का चिंतन है पुस्तक: वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक अनंत विजय ने कहा कि इस पुस्तक में संजय द्विवेदी ने वर्तमान को साथ रखा है, लेकिन वे अपने अतीत को भूलते नहीं है। अतीत को साथ रखकर ही उत्कृष्ट रचना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हमारे सभी मनीषियों की चिंतनधारा में 'राष्ट्र सर्वप्रथम' रहा है। प्रो. द्विवेदी ने आम बोलचाल के शब्दों में उस चिंतनधारा को पाठकों के सामने प्रस्तुत किया है।

अनंत विजय ने कहा कि किसी भी पुस्तक की पैकेजिंग से कुछ नहीं होता। आज जमाना कंटेंट का है। अगर पुस्तक पाठकों के साथ संबध स्थापित कर पाती है, तो उस किताब को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। प्रो. संजय द्विवेदी की इस पुस्तक ने पाठकों के साथ रागात्मक संबंध स्थापित किया है, जो इसकी सफलता का प्रमाण है।

भारतीयता का एहसास होना जरूरी: इस अवसर पर पुस्तक के लेखक एवं भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि कोई भी किताब खुद अपना परिचय देती है। ये किताब आम आदमी के लिए लिखी गई है, जो भारत को जानना चाहता है। इस पुस्तक के माध्यम से हमारा प्रयास है कि लोगों को भारतीयता का एहसास हो। उन्होंने कहा कि भारत को जानने के लिए हमें कुछ प्रयास अवश्य करने चाहिए। जब आप भारत को जान जाते हैं, तो आप भारत से दूरी नहीं बना सकते।

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि सही मायनों में आज भारत जाग रहा है और नए रास्तों की तरफ देख रहा है। आज भारत एक नेतृत्वकारी भूमिका के लिए आतुर है और उसका लक्ष्य विश्व मानवता को सुखी करना है। आज के भारत का संकट यह है कि उसे अपने पुरा वैभव पर गर्व तो है, पर वह उसे जानता नहीं हैं। इसलिए भारत की नई पीढ़ी को भारतबोध को समझने की जरूरत है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण इंदिरा गांधी कला केंद्र के डीन एवं विभागाध्यक्ष प्रो. रमेश चंद्र गौड़ ने दिया एवं संचालन कला केंद्र की सहायक सूचना अधिकारी सुश्री यति शर्मा ने किया।

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वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा की नई पुस्तक 'राम फिर लौटे' का लोकार्पण आज

दिल्ली में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में इस पुस्तक का लोकार्पण ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले करेंगे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 08 December, 2023
Last Modified:
Friday, 08 December, 2023
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श्रीराम मंदिर के निर्माण की ऐतिहासिक व गौरवपूर्ण यात्रा को रेखांकित करती वरिष्ठ पत्रकार और ‘टीवी9’ के न्यूज डायरेक्टर हेमंत शर्मा द्वारा लिखित नई पुस्तक ‘राम फिर लौटे’ का लोकार्पण दिल्ली में नौ दिसंबर, 2023 को किया जाएगा।

दिल्ली में जनपथ स्थित ‘आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर’ में शनिवार की शाम पांच बजे से आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले इस पुस्तक का लोकार्पण करेंगे।

स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज के पावन सानिध्य में होने वाले इस लोकार्पण कार्यक्रम में सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता विशिष्ट अतिथि होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार करेंगे।

बता दें कि इस पुस्तक का प्रकाशन ‘प्रभात प्रकाशन’ ने किया है।  

 

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भारत में भी जल्द लॉन्च होगी प्रतिष्ठित मैगजीन 'एस्क्वायर'

'हर्स्ट मैगजीन इंटरनेशनल' ने RPSG लाइफस्टाइल मीडिया के साथ मिलकर मल्टी-ईयर लाइसेंसिंग एग्रीमेंट के तहत 'एस्क्वायर इंडिया' (Esquire India) के लॉन्च की घोषणा की है

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 08 December, 2023
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Friday, 08 December, 2023
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'हर्स्ट मैगजीन इंटरनेशनल' (Hearst Magazines International) ने RPSG लाइफस्टाइल मीडिया के साथ मिलकर मल्टी-ईयर लाइसेंसिंग एग्रीमेंट के तहत 'एस्क्वायर इंडिया' (Esquire India) के लॉन्च की घोषणा की है।

'एस्क्वायर' दुनिया की सबसे सम्मानित पुरुषों पर आधारित मैगजींस में से एक है। 1933 में स्थापित, 'एस्क्वायर' पुरुषों के लिए बेस्ट, उनके टेस्ट, उनके स्टाइल, स्टोरीटेलिंग पर फोकस रखती है। अवॉर्ड-विनिंग जर्नलिज्म और विजुअली कम्पाइलिंग कंटेंट के जरिए 'एस्क्वायर' समकालीन समय में एक आदमी होने का क्या मतलब है, इसे डिफाइन करती है, रिफ्लेक्ट करती है और इसे सेलिब्रेट करती है।  

इन दिनों 'एस्क्वायर' मैगजीन के दुनियाभर में 18 एडिशन हैं और 'एस्क्वायर इंडिया' इसका 19वां संस्करण होगा। भारत में मैगजीन के लॉन्च की घोषणा हर्स्ट मैगजीन के इंटरनेशनल प्रेजिडेंट जोनाथन राइट और RPSG लाइफस्टाइल मीडिया की चेयरपर्सन अवर्णा जैन द्वारा की गई है।

इस मौके पर हर्स्ट मैगजीन के इंटरनेशनल प्रेजिडेंट जोनाथन राइट ने कहा कि हम एस्क्वायर के वैश्विक पदचिह्नों को और विस्तारित कर रहे हैं और इसके लिए RPSG लाइफस्टाइल मीडिया के साथ साझेदारी करके उत्साहित हैं। मुझे विश्वास है कि यह प्रतिष्ठित ब्रैंड, जो उच्च गुणवत्ता वाली पत्रकारिता और एक विशिष्ट दृष्टिकोण का 90 वर्षों से जश्न मना रहा है, भारत में उन लाखों पुरुषों के लिए जानकारी का एक अमूल्य स्रोत होगा, जो फैशन, स्टाइल और संस्कृति में रुचि रखते हैं। 

RPSG लाइफस्टाइल मीडिया की चेयरपर्सन अवर्णा जैन, जो म्यूजिक लेबल 'सारेगामा' की वाइस-चेयरपर्सन भी हैं, ने कहा कि हर्स्ट मैगजीन एक अच्छे लाइफस्टाइल कंटेंट के लिए जानी जाती है, जिन्होंने दुनियाभर में प्रतिष्ठित होने का दर्जा हासिल किया है और हमें खुशी है कि उन्होंने भारत में 'एस्क्वायर' की लॉन्चिंग के लिए RPSG लाइफस्टाइल मीडिया को बतौर पार्टरन चुना है। हम एक उच्च गुणवत्ता वाली प्रिंट मैगजीन के साथ नेतृत्व करेंगे और मल्टी-प्लेटफॉर्म डिजिटल और ऑन-ग्राउंड कंटेंट को बढ़ाएंगे, ताकि व्यापक दर्शकों तक पहुंच बनायी जा सके। हमें उम्मीद है कि एस्क्वायर इंडिया समझदार भारतीय पुरुषों को विभिन्न तरह का कंटेंट देगी।

'एस्क्वायर इंडिया' प्रिंट, ऑनलाइन और ग्राउंड पर दिखाई देगी। डिजिटल स्तर पर मंथली मैगजीन की अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया चैनलों पर भी मजबूत पकड़ रहेगी। 'एस्क्वायर इंडिया' उच्च-मूल्य वाले इवेंट्स पेश करेगी, जिनकी घोषणा आने वाले महीनों में की जाएगी।

वरिष्ठ संपादकीय पदों की नियुक्ति का खुलासा आने वाले हफ्तों में किया जाएगा और भारत में पुरुषों के लाइफस्टाइल स्पेस में अपने अधिकार को मजबूत करने के लिए सम्मानित इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का एक एडवाइजरी पैनल स्थापित किया जाएगा।

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वरिष्ठ पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जवाहरलाल दर्डा पर लिखित पुस्तक का हुआ विमोचन

‘लोकमत मीडिया ग्रुप’ के चेयरमैन व राज्यसभा के पूर्व सदस्य विजय दर्डा ने बाबूजी को याद करते हुए कहा कि इतिहास किसी को तभी याद करता है, जब उसमें खास गुण होते हैं।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 05 December, 2023
Last Modified:
Tuesday, 05 December, 2023
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लोकमत समूह के संस्थापक-संपादक और स्वतंत्रता सेनानी जवाहरलाल दर्डा पर लिखित पुस्तक ‘जवाहर’ (Jawahar) के हिंदी भाषा रूपांतर का विमोचन चार दिसंबर को दिल्ली में हुआ। दिल्ली में रफी मार्ग स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के स्पीकर हॉल में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष पद्मभूषण गुलाम नबी आजाद के आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में इस किताब का विमोचन किया गया। इस किताब को मूल रूप से मराठी में अपर्णा वेलणकर ने लिखा है और हिंदी में इसका भाषांतर किरण मोघे ने किया है। 

इस मौके पर विश्व शांति केंद्र और अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य लोकेश मुनि, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जनार्दन द्विदी, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री विनोद तावड़े, वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री आलोक मेहता, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अधीर रंजन चौधरी, मुकुल वासनिक, केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल समेत राजनीति और पत्रकारिता जगत से जुड़ीं तमाम हस्तियों ने जवाहर दर्डा को याद किया और उनके ऊपर लिखी गई पुस्तक की सराहना की।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद जवाहरलाल दर्डा के सुपुत्र और ‘लोकमत मीडिया ग्रुप’ के चेयरमैन व राज्यसभा के पूर्व सदस्य विजय दर्डा ने अतिथियों का स्वागत किया।

इस दौरान विजय दर्डा का कहना था, ‘राजनीति और पत्रकारिता हमेशा अलग होनी चाहिए। पत्रकारिता परमो धर्म है।’ इसके साथ ही विजय दर्डा ने कहा, ‘इतिहास किसी को तभी याद करता है, जब उसमें खास गुण होते हैं। कर्म के कारण लोग याद करते हैं। व्यक्ति की सोच और विचार अहम हैं, जवाहर जी में अलग सोच थी। युवा अवस्था में वह दो बार जेल गए। आजादी के बाद अधिकार के लिए लड़े, फल सबके सामने लाए, विकास के लिए लड़ते रहे।’

उन्होंने बाबूजी को याद करते हुए कहा कि अखबार को हथियार के रूप में प्रयोग किया। 1952 में लोमकत की स्थापना हुई और 1971 में दैनिक अखबार बन गया। उन्होंने कहा कि लोकमत ने हमेशा से निष्पक्ष पत्रकारिता की है। लोकमत धर्म और जात-पात से दूर रहा। यही नहीं, लोकमत में जवाहर दर्डा के खिलाफ भी खबर लिखी गई है। विजय दर्डा का कहना था, ‘मेरा हर राजनीतिक दल से संबंध है। रिश्तों को हमेशा अहमियत देना जरूरी है। भेदभाव मत कीजिए। विचारों का आदर कीजिए।’

वहीं, कार्यक्रम में गुलाम नबी आजाद ने जवाहरलाल दर्डा को याद करते हुए उनके साथ अपने कई संस्मरण शेयर किए। गुलाम नबी आजाद का कहना था, ‘जवाहर जी सिद्धांतों के बहुत पक्के थे और उनकी बातें आज के दौर में भी सार्थक हैं। वह अपने वैचारिक विरोधियों का भी पूरा सम्मान करते थे। आज के दौर में जवाहर जी जैसा व्यक्तित्व होना मुश्किल है। आज भी पत्रकारिता जगत और राजनीति जगत उनकी कमी को महसूस करता है। इस पुस्तक के माध्यम से उनके विचार आगे बढ़ेंगे।’

कार्यक्रम में शामिल केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल का कहना था, ‘जवाहर जी ने तमाम युवाओं को प्रेरित किया। उनसे प्रेरित होने वालों में से एक मैं भी हूं। अब इस पुस्तक से हजारों युवा प्रेरित होंगे और आगे बढ़ने का संकल्प लेंगे।’

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वरिष्ठ पत्रकार एनआर स्मिथ की पुस्तक ‘Pages from the diary of a journalist’ का विमोचन

आगरा में 25 नवंबर से चल रहे ‘नेशनल बुक फेयर’ के समापन सत्र में तीन दिसंबर को हुआ विमोचन। वरिष्ठ पत्रकार ब्रज खंडेलवाल ने पुस्तक की प्रथम प्रति वरिष्ठ पत्रकार आदर्श नंदन गुप्त को भेंट की।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 04 December, 2023
Last Modified:
Monday, 04 December, 2023
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आगरा में 25 नवंबर से चल रहे ‘नेशनल बुक फेयर’ के समापन सत्र में तीन दिसंबर को वरिष्ठ पत्रकार एनआर स्मिथ की पुस्तक ‘Pages from the diary of a journalist’ का विमोचन हुआ। वरिष्ठ पत्रकार ब्रज खंडेलवाल ने पुस्तक की प्रथम प्रति वरिष्ठ पत्रकार आदर्श नंदन गुप्त को भेंट की। ब्रज खंडेलवाल ने पुस्तक के बारे में बताने के साथ ही लेखक का परिचय देते हुए कहा, ‘आगरा के स्मिथ परिवार ने लगभग अस्सी वर्षों तक पत्रकारिता की। स्व. थॉमस स्मिथ, जिन्हें सब प्यार से पापा बुलाते थे, फिर उनके सपुत्र डॉ. नेविल स्मिथ और दिल्ली में स्व. आरवी स्मिथ ने पत्रकारिता के क्षेत्र में नाम कमाया। स्मिथ लंबे समय तक स्टेट्समैन और पीटीआई से जुड़े रहे। साथ ही आरबीएस कॉलेज में अंग्रेजी विभागाध्यक्ष रहे।’

ब्रज खंडेलवाल ने बताया कि यह पुस्तक आजादी के बाद लगभग साठ वर्षों का लेखा जोखा, सेलिब्रिटीज से मुलाकात, बड़ी घटनाओं की रिपोर्टिंग, आगरा के सांस्कृतिक इतिहास की झलक, नेताओं पर पैने कमेंट्स, रोचक और पठनीय सामग्री से भरपूर है। स्थानीय समाचार पत्रों से जुड़े सभी प्रमुख पत्रकारों का जिक्र और मजेदार टिप्पणियां भी हैं।

आदर्श नंदन गुप्त ने बताया कि नेबिल स्मिथ आगरा के वरिष्ठतम पत्रकारों में से हैं। उनके पिताजी थॉमस स्मिथ पत्रकार थे और कई अंग्रेजी पत्रों से उनका जुड़ाव था। उन्होंने बताया कि नेबिल स्मिथ इन दिनों अस्वस्थ हैं और अपनी पुत्री के पास सहारनपुर में हैं।

इस विमोचन समारोह में आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. विनोद माहेश्वरी के अलावा वत्सला प्रभाकर, दीपक सरीन, शीला बहल आदि मौजूद थे। संचालन प्राप्ति सरीन ने किया।

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चुनाव परिणामों को लेकर ‘प्रजातंत्र’ अखबार ने किया नया प्रयोग

गौरतलब है कि तीन दिसंबर को मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने हैं और अखबार ने उसी से जोड़कर यह प्रयोग किया है।

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Published - Saturday, 02 December, 2023
Last Modified:
Saturday, 02 December, 2023
Prajatantra

दिलचस्प और अनूठे प्रयोग करने वाले मध्यप्रदेश के अखबार ‘प्रजातंत्र’ (Prajatantra) ने अपने शनिवार के अंक में पहले पेज को राजनीति की सांप-सीढ़ी का बोर्ड बनाकर एक नया प्रयोग किया है। अखबार ने प्रदेश के चुनावी मुद्दों को सांप और सीढ़ी के खेल से जोड़कर पाठकों के लिए रोचक खेल तैयार किया है।

यही नहीं, अखबार के साथ ही खेलने के लिए डाइस और गोटियां भी पाठकों को मुफ्त में उपलब्ध करवाए हैं, जिससे रविवार को चुनाव परिणाम आने तक पाठक इस मनोरंजक खेल का आनंद ले सकें।

गौरतलब है कि रविवार यानी तीन दिसंबर को मध्यप्रदेश में चुनाव परिणाम आने हैं और अखबार ने उसी से जोड़कर यह गेम तैयार किया है।

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धर्म और संस्कृति का संरक्षण करती है ‘राष्‍ट्रधर्म’ पत्रिका: डॉ. कृष्णगोपाल

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने लखनऊ में विशाल खंड गोमती नगर स्थित सीएमएस के सभागार में राष्ट्रधर्म मासिक पत्रिका के विशेषांक 'राष्ट्रोन्मुख विकास' का लोकार्पण किया

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Sunday, 26 November, 2023
Last Modified:
Sunday, 26 November, 2023
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‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ (RSS) के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने 25 नवंबर को लखनऊ में विशाल खंड गोमती नगर स्थित सीएमएस के सभागार में राष्ट्रधर्म मासिक पत्रिका के विशेषांक 'राष्ट्रोन्मुख विकास' का लोकार्पण किया।

इस मौके पर डॉ. कृष्ण गोपाल का कहना था, ‘एक हजार वर्ष की पराधीनता काल में हमारी संस्कृति का क्षरण होता रहा। संस्कार भी खोने लगे। ऐसे में राष्ट्र की अखंडता के मूल को जीवित रखने की आवश्यकता पड़ने लगी। देश की आजादी के समय में अंग्रेजों ने देश की संस्कृति को जिस प्रकार से खंडित करने का षड्यंत्र रचा था, उसे निष्‍प्रयोज्‍य करने के लिए ‘राष्ट्रधर्म’ पत्रिका की 76 वर्ष पूर्व शुरुआत की गई थी। बीते 9 वर्षों से जब देश को एक नई दिशा मिलने लगी है तो राज्यों में हो रहे विकास कार्यों और राष्ट्र में हो रहे समुचित विकास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राष्‍ट्रधर्म पत्रिका के ‘राष्‍ट्रोन्‍मुख विकास’ अंक का प्रकाशन किया गया है।’

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. कृष्णगोपाल का कहना था, ‘इस पत्रिका में योग्य और विद्वान लोगों के विचार प्रकाशित किए जाते रहे हैं। देश में पहले कई पत्रिकाओं का प्रकाशन किया जाता था, जो अब दिखती नहीं हैं। ऐसे में पाठकों को वैचारिक सामग्री देने का दायित्व ’राष्ट्रधर्म’ पत्रिका उठा रही है।’ उन्होंने कहा कि इस पत्रिका के प्रकाशन में भी कई तरह की परेशानियां आयीं। आरम्भ के समय में ही गांधीजी की हत्या और उसके बाद आपातकाल में प्रकाशन करना काफी दुरूह था। इसके बाद भी प्रकाशन का कार्य कुशलता से किया गया। आज देश में जब पठनीयता की समस्या दिख रही है। लोगों की पढ़ने की प्रवृत्ति कम होती जा रही है, तब भी इस पत्रिका के माध्यम से विचारों का संयोजन लगातार किया जा रहा है। आवश्‍यकता है कि हर घर में हिंदी या स्थानीय भाषा के साहित्य का एक कोना होना चाहिए। ऐसा न होने पर पठनीयता की आदत खत्म होते ही देश की संस्कृति भी प्रभावित हो जायेगी।

उन्होंने हिन्दुत्व पर कहा कि हजार वर्षों की पराधीनता काल में देश की संस्कृति प्रभावित हुई। तमाम लोगों ने हमारे देश को आर्थ‍िक रूप से लूटने के साथ ही सांस्‍कृतिक रूप से विकृत करने का  प्रयास किया परन्तु हिन्दुओं ने अपनी जीवनीशक्‍ति से खुद को और देश की संस्‍कृति को बचाये रखा। ऐसे में राष्‍ट्रधर्म पत्रिका ने भी अपना विशेष योगदान दिया है।

मुगल काल में तीर्थयात्राओं पर लगने वाले कर (टैक्‍स) के बारे बताते हुए डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा कि जजिया के साथ ही तीर्थयात्रा एवं गंगा स्नान के टैक्स का बोझ उठाने के बाद भी हिंदुओं ने न तो तीर्थाटन छोड़ा और न ही गंगा स्‍नान। एक समय में मधुसूदन सरस्वती जी ने आगरा जाकर मुगल बादशाह से अपील की कि वह तीर्थयात्रा पर लगने वाला कर हटा दें। ऐसे में दारा शिकोह और उनकी बहन ने इसका समर्थन किया। अन्त में तीर्थयात्रा पर लगने वाला कर हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि संस्कृति का संरक्षक हिंदू मुगलों द्वारा बार-बार मंदिरों को तोड़े जाने के बाद भी मंदिरों का पुनर्निर्माण करता रहा क्योंकि मुगल हम हिंदुओं की मंदिर बनाने की भावना को तोड़ने में असफल रहे थे। उन्होंने अंत में कहा कि इस पत्रिका के माध्‍यम से देश में ऐसे विचारों को ही जीवंत रखने का प्रयास किया जा रहा है।

पत्रिका के विशेष अंक के विमोचन कार्यक्रम का आरम्भ घनानन्द पाण्डेय के भारत माता तेरी जय हो...गीत से हुआ। इसके बाद पत्रिका के राष्‍ट्रोन्‍मुख विकास अंक की विशेषता के बारे में विस्तार से बताते हुये निदेशक मनोजकान्त ने कहा, ‘राष्‍ट्रधर्म पत्रिका का राष्‍ट्रोन्‍मुख विकास अंक देश के राज्यों में हो रहे विकास कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने और उसके लिये विचार प्रकट करने के लिए पब्लिश किया गया है।’ उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 में राष्ट्रधर्म पत्रिका का प्रकाशन आरम्भ किया गया था। इसमें पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय, प्रो राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया,  भाऊराव देवरस जी, नानाजी देशमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपना योगदान दिया। इसमें महान विचारकों के लेख एवं साहित्य का संकलन कर देश के पाठकगणों का वैचारिक विकास करने का सफल प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल से ही अवधारणा रही है कि राष्ट्र जब तक राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप आचरण करता है, तब तक देश विकास की राह पर चलता है। ऐसा न होने पर अवरोध आते हैं। ऐसे में इस पत्रिका के माध्‍यम से वैचारिकता को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।

इसके बाद पत्रि‍का के संपादक प्रो. ओमप्रकाश पाण्‍डेय ने कहा कि ‘राष्‍ट्रधर्म का यह विशेषांक उस परम्‍परा का समर्थन करता है, जिसमें राष्‍ट्रीयता को बढ़ावा मिले। जिस प्रकार सिंह अवलोकन करके यह देखता है कि अब कितना लक्ष्य शेष है, ठीक उसी प्रकार राष्ट्र का अब तक कितना विकास हुआ है और कितना शेष बचा है, उसका निर्धारण करने के लिये राष्‍ट्रोन्‍मुख विकास अंक का प्रकाशन किया गया है।’ उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्रता के ठीक बाद देश में अच्छा माहौल नहीं था किन्तु अब परिवर्तन दिखने लगा है। इस पत्रिका के माध्यम से देश में सामाजिक, आर्थिक और वैचारिक क्षेत्रों में हो रहे परिवर्तन को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

कार्यक्रम के अध्यक्ष की भूमिका में उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित ने बताया, ‘राष्‍ट्रधर्म का प्रतिपादन करती यह पत्रिका अपने 75 वर्ष पूर्ण कर चुकी है। इस अवसर पर मुझे बताते हुए हर्ष हो रहा है कि यह पत्रिका पाठकों को सूचना, ज्ञान और मनोरंजन देने के साथ ही विचारपरक पठनीय सामग्री भी दे रही है। यह एक विचार परक पत्रिका है।’ उन्‍होंने कहा, ‘इतिहास, भूगोल, नागरिकता और संस्‍कृति का परिचायक राष्‍ट्र होता है। यह पत्रिका उसी धर्म का पालन कर रही है। बीते 9 वर्ष में देश को एक नयी दिशा मिली है। हमें भारत शब्द भी अब जाकर मिला है। चंद्रयान के समान ही हम भी उन्‍नत हुए हैं। देश का पुनरुत्थान हो रहा है। कोरोना काल में भी हमारे देश ने वैश्विक उदारता का परिचय दिया है। आयात घट रहा है और निर्यात बढ़ रहा है। यह गौरव काल है। ऐसे में यह राष्ट्रधर्म पत्रिका देशवासियों को प्रेरित कर रही है।’

कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रधर्म प्रकाशन लिमिटेड के प्रबंधक डॉ. पवनपुत्र बादल ने 75 वर्षों के प्रकाशन काल के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन संपादक मण्डल के सदस्य डॉ. अमित उपाध्याय ने एवं आभार ज्ञापन प्रभारी निदेशक सर्वेश चन्द्र द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से क्षेत्र प्रचारक अनिल, प्रान्त प्रचारक कौशल, राज्यसभा सांसद अशोक बाजपेयी, क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख मिथलेश नारायण, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही, राष्ट्रधर्म के निदेशक हरजीवन लाल, सुनील शुक्ल, सहक्षेत्र सम्पर्क प्रमुख मनोज, सहक्षेत्र सेवा प्रमुख युद्धवीर, संयुक्त क्षेत्र कुटुम्ब प्रबोधन प्रमुख ओमपाल, प्रान्त प्रचार प्रमुख अशोक दूबे, पूर्व विधायक सुरेश चन्द्र त्रिपाठी, प्रचारक रामजी भाई, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री घनश्याम शाही समेत समाज के सैकड़ों गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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वरिष्ठ पत्रकार लिलेश सातनकर ने किया सुसाइड, सीएम शिवराज सिंह ने जताया दुख

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार लिलेश सातनकर अब नहीं रहे। बताया जा रहा है कि पत्रकार ने मंगलवार देर रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 November, 2023
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार लिलेश सातनकर अब नहीं रहे। बताया जा रहा है कि पत्रकार ने मंगलवार देर रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, सुबह 8 बजे उनके भाई ने इस घटना की सूचना दी। हालांकि आत्महत्या की वजह अभी साफ नहीं हो पाई है। 

वरिष्ठ पत्रकार लिलेश सातनकर 'सच एक्सप्रेस' अखबार में भोपाल के सिटी हेड के तौर पर जुड़े हुए थे और वह राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार थे। पुलिस ने शव के पोस्टमार्टम के बाद जांच शुरू कर दी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सहित भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने लिलेश सातनकर के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार श्री लीलेश सातनकर जी का पूरा जीवन पत्रकारिता के माध्यम से कमजोर वर्ग के हितों की रक्षा में व्यतीत हुआ। आज उनके रूप में पत्रकारिता जगत ने अपने एक अमूल्य रत्न को खो दिया। परमपिता परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को यह गहन दुःख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। 

 लिलेश सातनकर ने अपना पूरा जीवन बौद्ध समाज के लिए समर्पित कर दिया था। वे एक समर्पित पत्रकार होने के साथ ही बेहद सरल और सहज व्यक्ति थे।

परिजनों ने बताया कि उन्होंने 2002 में इंजीनियरिंग छोड़कर पत्रकारिता पर फोकस किया और उसे ही अपना करियर बना लिया। निलेश कमजोर वर्ग की आवाज और मदद करने में हमेशा आगे रहे।  

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‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ की नई एग्जिक्यूटिव कमेटी घोषित, यहां देखें पूरी लिस्ट

शुक्रवार को हुई ‘AIM’ की वार्षिक आम बैठक में यह घोषणा की गई। अनंत नाथ को प्रेजिडेंट, मनोज शर्मा को वाइस प्रेजिडेंट, धवल गुप्ता को जनरल सेक्रेट्री और डॉ. अनुराग बत्रा को कोषाध्यक्ष चुना गया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 17 November, 2023
Last Modified:
Friday, 17 November, 2023
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देश में पत्रिकाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख संगठन ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ (AIM) ने अपनी नई एग्जिक्यूटिव कमेटी की घोषणा कर दी है। शुक्रवार को हुई ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ की वार्षिक आम बैठक (AGM) में यह घोषणा की गई।  

इसके तहत देश के प्रमुख मैगजीन पब्लिशर्स में शुमार ‘दिल्ली प्रेस’ (Delhi Press) के एग्जिक्यूटिव पब्लिशर अनंत नाथ को ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ का नया प्रेजिडेंट चुना गया है। ‘इंडिया टुडे ग्रुप’ के सीईओ (पब्लिशिंग) मनोज शर्मा को वाइस प्रेजिडेंट और ‘Cyber Media’ के मैनेजिंग डायरेक्टर धवल गुप्ता को जनरल सेक्रेट्री नियुक्त किया गया है।

वहीं, ‘एक्सचेंज4मीडिया’ और ‘BW बिजनेसवर्ल्ड’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा को ‘AIM’ का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बता दें कि ‘AIM’ के निवर्तमान प्रेजिडेंट ‘आनंद विक्तान’ (Ananda Vikatan) ग्रुप के एमडी बी श्रीनिवासन पिछले तीन साल से इसकी कमान संभाले हुए थे।

इस दौरान ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ की गवर्निंग बॉडी की घोषणा भी की गई। इस गवर्निंग बॉडी में 11 सदस्यों- बी श्रीनिवासन (आनंद विक्तान); आर राजमोहन (मलयाला मनोरमा); प्रदीप गुप्ता (साइबरमीडिया); परेश नाथ (दिल्ली प्रेस); महेश पेरी (पाथफाइंडर पब्लिशिंग); रियाद मैथ्यू (मलयाला मनोरमा), गिरीश माल्या (नेक्स्ट जेन पब्लिशिंग); मानेक डावर (स्पेंटा मल्टीमीडिया); दीपक लांबा (वर्ल्डवाइड मीडिया); मनन कोटक (चित्रलेखा) और इंद्रनील रॉय (आउटलुक पब्लिशिंग) को शामिल किया गया है। 

वार्षिक आमसभा के मौके पर ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ के सदस्यों ने मैगजींस के डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में सुधार के लिए पिछले तीन वर्षों में एसोसिएशन द्वारा किए गए व्यापक प्रयासों की सराहना की। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण 'मैगजीन पोस्ट' की शुरुआत थी, जो इंडियन पोस्ट द्वारा शुरू की गई एक्सप्रेस डिलीवरी सेवा थी, जो विशेष रूप से पत्रिका प्रकाशकों की तेज और सटीक डिलीवरी की जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरू की गई थी।

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इन मायनों में काफी खास है ‘BW बिजनेसवर्ल्ड’ का नया इश्यू

देश की प्रतिष्ठित बिजनेस मैगजीन 'बिजनेसवर्ल्ड' (BW BusinessWorld) का नवीनतम अंक (Latest Issue) 18 नवंबर को मार्केट में दस्तक देने वाला है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 14 November, 2023
Last Modified:
Tuesday, 14 November, 2023
BW Magazine

देश की प्रतिष्ठित बिजनेस मैगजीन 'बिजनेसवर्ल्ड' (BW BusinessWorld) का नवीनतम अंक (Latest Issue) 18 नवंबर 2023 को मार्केट में दस्तक देने वाला है। पिछले तमाम एडिशंस की तरह इस बार का एडिशन भी कई मायनों में बहुत खास है। दरअसल, इस एडिशन में भारत में स्टॉक मार्केट के बारे में व्यापक अंतर्दृष्टि प्रदान की गई है। इसमें बताया गया है कि कैसे प्रमुख ब्याज दरों पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व का लंबे समय तक उच्च रुख बना हुआ है और वैश्विक बॉन्ड बाजार कैसे मंदी का संदेश दे रहे हैं। इस इश्यू में इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के कॉलम्स, विशेष साक्षात्कारों और उन खास फीचर्स को शामिल किया गया है, जो देश के व्यापार परिदृश्य पर प्रकाश डालते हैं।

स्टॉक मार्केट ट्रेंड्स (Stock Market Trends):  इस इश्यू की कवर स्टोरी देश में स्टॉक की कीमतों की दिशा के दिलचस्प सवाल पर प्रकाश डालती है। तेल की कीमतों में झटके, भू-राजनीतिक तनाव और प्राकृतिक आपदाओं जैसी चुनौतियों के बावजूद देश के प्रमुख शेयर बाजारों-‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) और ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) में अक्टूबर में अचानक गिरावट देखी गई। यह आर्टिकल वर्ष 2020 में शुरू हुई तेजी के संभावित अंत की पड़ताल करता है और प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) की आगामी लहर के भविष्य के बारे में बात करता है। इस अंक में मार्केट के रुझानों का विश्लेषण करने के साथ ही यह भी बताया गया है कि तेजी के मार्केट में ठहराव क्यों हो सकता है। भू-राजनीतिक परिदृश्य, जिसमें चल रहे क्षेत्रीय संघर्ष और मुद्रास्फीति से निपटने के लिए संयुक्त राज्य फेडरल रिजर्व की रणनीति शामिल है, को मार्केट की गतिशीलता को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारकों के रूप में चर्चा की गई है।

शहरी परिवहन में बदलाव (Transforming Urban Travel): वित्तीय बाजार विश्लेषण के अलावा मैगजीन का यह अंक देश में शहरी परिवहन (हवाई, सड़क और रेल यात्रा) पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव पर भी प्रकाश डालता है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ एक विशेष साक्षात्कार के माध्यम से विमानन बाजार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह के विचारों को शामिल करते हुए अक्टूबर में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन की गई नमो भारत ट्रेन के द्वारा हुए बदलावों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई है।

वित्तीय उत्कृष्टता की पहचान (Recognising Financial Excellence): मैगजीन के एक स्पेशल सेक्शन में होनहार युवा मुख्य वित्तीय अधिकारियों (सीएफओ) की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। फाइनेंस के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने और अहम योगदान देने वाले 40 साल से कम उम्र वाले फाइनेंसियल लीडर्स को The BW CFO World Finance 40 Under 40 Awards के तहत सम्मानित किया जाता है। ऐसे फाइनेसियल लीडर्स के बारे में भी इस इश्यू में जानकारी दी गई है।  

इसके साथ ही ‘Last Word’ कॉलम में ‘एक्सॉनमोबिल लुब्रिकेंट्स इंडिया’ (ExxonMobil Lubricants India) के सीईओ विपिन राणा ने लुब्रिकेंट इंडस्ट्री और देश की आर्थिक गतिविधियों के बीच घनिष्ठ संबंध पर विस्तार से चर्चा की है। इस चर्चा को भी मैगजीन के इस स्पेशल इश्यू में शामिल किया गया है। राणा ने इस बात पर जोर दिया है कि जैसे-जैसे भारतीय अर्थव्यवस्था विकास का अनुभव कर रही है, लुब्रिकेंट इंडस्ट्री को विस्तार के तमाम अवसर दिखाई दे रहे हैं।

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युवा पत्रकार आयुष गंगवार ने ‘दैनिक जागरण’ में अपनी पारी को दिया विराम

समाचार4मीडिया से बातचीत में आयुष गंगवार ने बताया वह जल्द ही अपनी नई पारी शुरू कर उस बारे में बताएंगे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 08 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 08 November, 2023
Ayush Gangwar

युवा पत्रकार आयुष गंगवार ने हिंदी दैनिक ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह करीब छह साल से दैनिक जागरण के गाजियाबाद ब्यूरो में बतौर रिपोर्टर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। दैनिक जागरण के साथ उनकी यह दूसरी पारी थी। इससे पहले वह दैनिक जागरण, मेरठ में अपनी सेवाएं दे चुके थे।

समाचार4मीडिया से बातचीत में आयुष गंगवार ने बताया वह जल्द ही अपनी नई पारी शुरू कर उस बारे में बताएंगे। मूल रूप से कायमगंज (फर्रुखाबाद) के रहने वाले आयुष गंगवार को मीडिया में काम करने का करीब नौ साल का अनुभव है।

पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से की थी। इसके बाद वह प्रिंट मीडिया में आ गए। आयुष गंगवार 'नवभारत टाइम्स' ()NBT दिल्ली में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो आयुष गंगवार ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के आंबेडकर कॉलेज से पत्रकारिता में ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से आयुष गंगवार को उनकी आगामी पारी के लिए अग्रिम शुभकामनाएं।

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