प्रसार भारती की WAVES OTT के लिए नई रणनीति, बनाना चाहता है ग्लबोल स्तर का बड़ा खिलाड़ी

प्रसार भारती अपने ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म WAVES को लेकर उत्साहित प्रतिक्रिया से प्रेरित होकर अब इसे देश और दुनिया में अग्रणी डिजिटल कंटेंट प्लेटफॉर्म बनाने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार कर रहा है।

Last Modified:
Saturday, 18 October, 2025
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सार्वजनिक प्रसारक प्रसार भारती अपने ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म WAVES को लेकर उत्साहित प्रतिक्रिया से प्रेरित होकर अब इसे देश और दुनिया में अग्रणी डिजिटल कंटेंट प्लेटफॉर्म बनाने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार कर रहा है।

नवंबर 2024 में लॉन्च हुए WAVES ने पहले ही शुरुआती सफलता हासिल कर ली है। प्लेटफॉर्म को अब तक 3.8 मिलियन से अधिक डाउनलोड और 2.3 मिलियन रजिस्टर्ड यूजर्स मिल चुके हैं। इस सफलता से उत्साहित होकर प्रसार भारती अब प्लेटफॉर्म की वृद्धि और पहुंच को और तेज करने के लिए नए कदम उठा रहा है।

'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नई रणनीति के तहत वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन, ऐप बंडलिंग डील, ऐप-इन-ऐप इंटीग्रेशन और कंटेंट सिंडिकेशन व अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां हासिल करने पर ध्यान दिया जाएगा। एजेंसी का लक्ष्य दो साल के भीतर ऑपरेशनल और वित्तीय स्थिरता स्थापित करना है, जिसके लिए संसाधनों का बेहतर उपयोग, कंटेंट पाइपलाइन को व्यवस्थित करना और राजस्व स्रोतों में विविधता लाना शामिल है।

अधिकारियों के अनुसार, प्रसार भारती एक एक्सपर्ट टीम को शामिल करेगा जो कंटेंट, टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग, यूजर अधिग्रहण, डिस्ट्रीब्यूशन और राजस्व क्षेत्रों में रणनीतिक, संचालन और विश्लेषणात्मक समर्थन प्रदान करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य WAVES की सतत और स्केलेबल वृद्धि सुनिश्चित करना है।

टीम आने वाले कंटेंट प्रस्तावों का OTT के लिहाज से मूल्यांकन करेगी, जिसमें अनुपालन और दर्शक जुड़ाव की क्षमता देखी जाएगी। इन विशेषज्ञों की मदद से प्रसार भारती भाषा, शैली और डेमोग्राफिक के हिसाब से कंटेंट में मौजूद अंतर को भी पहचानेगा।

अधिकारियों ने कहा, “यूनिट शीर्ष OTT प्लेटफॉर्म से कंटेंट क्यूरेशन, शैली विविधता और मेटाडेटा ऑप्टिमाइजेशन की वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन और सिफारिश करेगी। यह मार्केटिंग एजेंसियों और क्रिएटिव पार्टनर्स को मास मीडिया, कम्युनिटी आउटरीच और डिजिटल प्लेटफॉर्म सहित इन्फ्लुएंसर साझेदारी, त्योहारी कैंपेन और इवेंट-आधारित एक्टिवेशन जैसी व्यापक प्रचार रणनीति विकसित करने में मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेगी।”

वर्तमान में WAVES कम से कम 65 चैनल उपलब्ध कराता है, जिनमें 40 लाइव सर्विसेज हैं, जो न्यूज, एंटरटेनमेंट नेटवर्क, मूवीज, टीवी शो और गेम्स को हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल और असमिया जैसी 10 भाषाओं में पेश करती हैं। इसमें दूरदर्शन और आवाज़ भारत के क्लासिक्स के साथ-साथ एप्लिकेशन पर उपलब्ध नई प्रोग्रामिंग भी शामिल है।

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लाखों दर्शकों तक पहुंच बनाने के लिए Bloomberg Media ने JioTV के साथ की साझेदारी

ब्लूमबर्ग मीडिया ने JioTV और JioTV+ के साथ साझेदारी की है, जिससे अब उसका प्रीमियम ग्लोबल बिजनेस न्यूज और वीडियो कंटेंट पूरे देश में लाखों दर्शकों तक पहुंच सकेगा।

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Friday, 17 October, 2025
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ब्लूमबर्ग मीडिया (Bloomberg Media) ने JioTV और JioTV+ के साथ साझेदारी की है, जिससे अब उसका प्रीमियम ग्लोबल बिजनेस न्यूज और वीडियो कंटेंट पूरे देश में लाखों दर्शकों तक पहुंच सकेगा।

ब्लूमबर्ग टीवी+ और ब्लूमबर्ग ओरिजिनल्स के कंटेंट अब दोनों JioTV स्ट्रीमिंग सर्विसेज पर उपलब्ध हैं। इससे Jio के 500 मिलियन से अधिक यूजर्स अब ब्लूमबर्ग की ग्लोबल बिजनेस और फाइनेंशियल न्यूज, साथ ही इसके पुरस्कार विजेता डॉक्यूमेंट्रीज देख सकते हैं। JioTV पर 16 भाषाओं में 200 से अधिक ब्रॉडकास्टर्स के 1,000 से ज्यादा चैनल उपलब्ध हैं, जबकि JioTV+ कनेक्टेड टीवी पर JioFiber और AirFiber के माध्यम से देखा जा सकता है।

अब भारतीय दर्शक ब्लूमबर्ग का पूरा टीवी लाइनअप स्ट्रीम कर सकते हैं, जिसमें The Asia Trade, Bloomberg Tech, The Future with Hannah Fry और Insight with Haslinda Amin जैसे शो शामिल हैं। इस कदम से भारत के डिजिटल दर्शकों को मार्केट, अर्थव्यवस्था और इनोवेशन पर विशेषज्ञ विश्लेषण और गहन कवरेज मिलेगा।

ब्लूमबर्ग मीडिया के चीफ इंफॉर्मेशन ऑफिसर रोमन मैकिविज ने कहा, “भारत ब्लूमबर्ग मीडिया के लिए सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। हमें खुशी है कि JioTV के साथ मिलकर हम अपने भरोसेमंद ग्लोबल बिजनेस न्यूज और वीडियो कंटेंट को व्यापक दर्शकों तक पहुंचा पा रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “यह साझेदारी Jio TV की विशाल पहुंच का इस्तेमाल करके ब्लूमबर्ग के भरोसेमंद पत्रकारिता को लाखों नए दर्शकों तक पहुँचाती है और निवेशकों को आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में सफलता के लिए जरूरी इनसाइट्स प्रदान करने में हमारी क्षमता को मजबूत करती है।”

इस डील के साथ ब्लूमबर्ग ने भारत में अपनी मौजूदगी को और मजबूत किया है। इस साल की शुरुआत में कंपनी ने मुंबई में अपना अपग्रेडेड टीवी स्टूडियो लॉन्च किया था, जिससे भारतीय दर्शकों को समय पर और विश्वसनीय बिजनेस कवरेज प्रदान करना आसान हो गया है।

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CloudTV की WAVES OTT से साझेदारी, अब स्मार्ट टीवी पर मिलेगा इस तरह का कंटेंट

देश के अपने घरेलू स्मार्ट टीवी ऑपरेटिंग सिस्टम CloudTV ने प्रसार भारती (Prasar Bharati) के OTT प्लेटफॉर्म WAVES के साथ साझेदारी की है।

Last Modified:
Tuesday, 14 October, 2025
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देश के अपने घरेलू स्मार्ट टीवी ऑपरेटिंग सिस्टम CloudTV ने प्रसार भारती (Prasar Bharati) के OTT प्लेटफॉर्म WAVES के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के जरिए देशभर के जुड़े हुए स्मार्ट टीवी पर जनसंपर्क और सांस्कृतिक कंटेंट अब आसानी से उपलब्ध होगा।

इस सहयोग से CloudTV के 1.2 करोड़ से अधिक यूजर्स WAVES OTT की लाइब्रेरी तक पहुंच सकेंगे, जिसमें 20 से अधिक भाषाओं में कई कैटेगरीज का कंटेंट शामिल है।

इस कैटलॉग में दूरदर्शन और आकाशवाणी के पुरालेख, साथ ही समाचार, संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, लाइव इवेंट और आधुनिक शोज शामिल हैं।

CloudTV के COO और सह-संस्थापक अभिजीत राजपुरोहित ने कहा, “Prasar Bharati के WAVES OTT के साथ हमारी साझेदारी भारत की सांस्कृतिक और रचनात्मक समृद्धि को हर किसी के लिए उपलब्ध कराने में एक मील का पत्थर है।”

उन्होंने आगे कहा, “CloudTV इस डिजिटल पुल को संभव बनाने पर गर्व करता है जो पुरानी यादों को नई तकनीक से जोड़ता है, और भारत के इतिहास, संस्कृति और ज्ञान को घर-घर तक पहुंचाता है।”

प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने कहा, “WAVES भारत की आत्मनिर्भर डिजिटल दृष्टि का उदाहरण है। यह एक पब्लिक सर्विस OTT प्लेटफ़ॉर्म है जो दूरदर्शन, आकाशवाणी और भारत की रचनात्मक संपदा को एक डिजिटल जगह पर लाता है। CloudTV के साथ हमारी यह साझेदारी यह सुनिश्चित करती है कि हमारा कंटेंट देशभर के स्मार्ट टीवी यूजर्सओं तक पहुंचे और अधिक लोग भारत की संस्कृति, ज्ञान और मनोरंजन का अनुभव कर सकें।”

CloudTV, जो CloudWalker Streaming Technologies द्वारा विकसित किया गया है, भारत का पहला प्रमाणित Smart TV OS है और Lloyd, Intex, Micromax, Croma, Sansui, Hyundai और T-Series जैसे प्रमुख टीवी ब्रांड्स में इस्तेमाल होता है।

WAVES OTT वीडियो, ऑडियो, लाइव टीवी, रेडियो, मैगजीन, पॉडकास्ट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक प्लेटफ़ॉर्म है, जिसमें पुरालेख डॉक्यूमेंट्री, क्षेत्रीय फिल्में, डिजिटल ओरिजिनल और आधुनिक कंटेंट शामिल हैं।

इस साझेदारी के बाद CloudTV OS यूजर्स सीधे अपने स्मार्ट टीवी पर WAVES कंटेंट तक पहुंच सकेंगे, जिससे सांस्कृतिक, शैक्षिक और मनोरंजन सामग्री घर-घर में उपलब्ध हो जाएगी।

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अब Waves OTT पर भी देख सकेंगे लोकप्रिय टीवी शो ‘Zindagi with Richa’

ऋचा अनिरुद्ध का यह शो लोगों की जिंदगी से जुड़ीं सच्ची कहानियों को संवेदनशील और मानवीय नजरिये से पेश करता है, जो दर्शकों के दिल को छूता है।

Last Modified:
Monday, 13 October, 2025
Zindagi With Richa

वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जानी-मानी न्यूज एंकर ऋचा अनिरुद्ध ने अपने प्रशंसकों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। उनका लोकप्रिय शो ‘जिंदगी विद ऋचा’ (Zindagi with Richa) अब ‘प्रसार भारती’ (Prasar Bharati) के ओटीटी प्लेटफार्म ‘वेव्स’ (Waves) वेव्स पर भी देखा जा सकेगा!

ऋचा अनिरुद्ध ने 13 अक्टूबर की सुबह अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर इसकी घोषणा की। उन्होंने इस ट्वीट में प्रसार भारती और इसके चेयरमैन नवनीत सहगल को भी टैग किया है।

बता दें कि ऋचा अनिरुद्ध का यह शो लोगों की जिंदगी से जुड़ीं सच्ची कहानियों को संवेदनशील और मानवीय नजरिये से पेश करता है, जो दर्शकों के दिल को छूता है। पहले यह शो यूट्यूब पर उपलब्ध था, लेकिन अब वेव्स ओटीटी पर आने से इसे और ज्यादा लोग देख पाएंगे। वेव्स ऐप को गूगल प्ले स्टोर या आईओएस स्टोर से मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है।

गौरतलब है कि ऋचा अनिरुद्ध वर्तमान में ‘नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड’ (Network18 Media & Investments Limited) के तेजी से उभरते डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘कड़क’ में बतौर कंसल्टेंट अपनी भूमिका निभा रही हैं। यहां वह 'अनकही' शो को होस्ट कर रही हैं।

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'महाभारत' का AI आधारित नया रूप, OTT प्लेटफॉर्म WAVES व दूरदर्शन पर होगा लॉन्च

The Collective Media Network ने भारत की सबसे प्रसिद्ध महाकाव्य महाभारत का AI-आधारित नया संस्करण बनाने की घोषणा की है।

Last Modified:
Saturday, 11 October, 2025
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The Collective Media Network ने भारत की सबसे प्रसिद्ध महाकाव्य महाभारत का AI-आधारित नया संस्करण बनाने की घोषणा की है।

यह सीरीज अपनी डिजिटल दुनिया में WAVES OTT पर 25 अक्टूबर, 2025 को एक्सक्लूसिव प्रीमियर करेगी। इसके बाद 2 नवंबर, 2025 से हर रविवार सुबह 11:00 बजे दूरदर्शन पर प्रसारित होगी।

सीरीज एक साथ भारत और दुनिया भर में डिजिटल दर्शकों के लिए WAVES OTT पर उपलब्ध होगी।

यह पहली बार है जब भारत के पब्लिक ब्रॉडकास्टर की विरासत और राष्ट्रीय पहुंच को नेक्स्ट-जनरेशन मीडिया नेटवर्क की रचनात्मक नवाचार के साथ जोड़ा गया है। AI टूल्स का उपयोग करके, सीरीज महाभारत की विशाल दुनिया, उसके पात्र, युद्धक्षेत्र, भावनाएं और नैतिक दुविधाओं को सिनेमा जैसी स्केल और वास्तविकता के साथ फिर से प्रस्तुत करती है। यह प्रोजेक्ट Make in India और Digital India की भावना को दर्शाता है, और दिखाता है कि विरासत और नवाचार कैसे साथ आगे बढ़ सकते हैं।

प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने इस साझेदारी पर कहा, “प्रसार भारती हमेशा राष्ट्रीय और सांस्कृतिक महत्व की कहानियाँ हर भारतीय घर तक पहुँचाता रहा है। लॉकडाउन के दौरान मूल महाभारत का पुन: प्रसारण हमें याद दिलाया कि ये कथाएं परिवारों और पीढ़ियों को कितनी गहराई से जोड़ती हैं। इस AI-आधारित रीइमैजिनिंग में साझेदारी दर्शकों को भारत की महानतम महाकाव्यों में से एक का नया अनुभव देती है, पारंपरिकता का सम्मान करते हुए कहानी कहने में आधुनिक तकनीक को अपनाती है। यह विकास और विरासत के साथ आधुनिक प्रसारण में मिलने का प्रतीक है।”

Collective Artists Network के फाउंडर और ग्रुप सीईओ विजय सुब्रमण्यम ने कहा, “लाखों भारतीयों की तरह, मैंने भी हर रविवार टीवी पर क्लासिक महाभारत देखी और यह मेरे कल्पना और संस्कृति से जुड़ने के अनुभव को आकार दिया। महाभारत के इस नए संस्करण के साथ हमारा उद्देश्य आज की पीढ़ी को वही अनुभव देना है जो हमें मिला था, लेकिन आज की तकनीक की संभावनाओं के साथ। यह भक्ति और प्रगति का साथ मिलकर कुछ ऐसा बनाने की कोशिश है जो परंपरा में गहराई से जड़ा हो और भविष्य की दिशा में साहसिक हो।”

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प्रसार भारती पर उपलब्ध होगा AI बैंड 'त्रिलोक', Waves OTT पर भी ले सकेंगे आनंद

ये कार्यक्रम पूरे देश में आकाशवाणी और दूरदर्शन चैनलों पर प्रसारित होंगे तथा दर्शकों के लिए WAVES OTT पर भी उपलब्ध रहेंगे। इस पहल से त्रिलोक के नवीनतम प्रोजेक्ट्स करोड़ों लोगों तक पहुंचेंगे।

Last Modified:
Saturday, 27 September, 2025
Prasar Bharati Trilok

सार्वजनिक सेवा प्रसारक ‘प्रसार भारती’ (Prasar Bharati) ने ‘कलेक्टिव मीडिया नेटवर्क’ (Collective Media Network) के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। इसके तहत देश का पहला एआई बैंड ‘त्रिलोक’ अब श्रोताओं और दर्शकों तक आकाशवाणी, दूरदर्शन चैनलों और WAVES OTT प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से पहुंचेगा। इस पहल से त्रिलोक के नवीनतम प्रोजेक्ट्स करोड़ों लोगों तक पहुंचेंगे।

प्रसार भारती की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, हाल ही में बैंड ने ‘रूपं देहि’ नाम से एक भजन प्रस्तुत किया है, जो मां दुर्गा को समर्पित है और ’अर्गलास्तोत्र’ से प्रेरित है। इस वीडियो में कोलकाता की दुर्गा पूजा झलकती है, जिसमें अनुष्ठान, दृश्य कला और एआई म्यूजिक का मेल है। इसके अलावा, ’त्रिलोक’ ने प्रसिद्ध गणेश आरती ’सुखकर्ता दुखहर्ता’ को आधुनिक संगीत की परतों के साथ नए अंदाज़ में प्रस्तुत किया है, ताकि युवा श्रोताओं तक यह भक्ति गीत उनकी मूल भावना के साथ पहुंचे।

ये कार्यक्रम पूरे देश में आकाशवाणी और दूरदर्शन चैनलों पर प्रसारित होंगे तथा दर्शकों के लिए WAVES OTT पर भी उपलब्ध रहेंगे। यह पहली बार है जब प्रसार भारती एआई आधारित बड़े स्तर पर तैयार कंटेंट को अपने नेटवर्क्स पर पेश करने जा रहा है, जिससे परंपरा और नवाचार का संगम करोड़ों दर्शकों-श्रोताओं तक पहुंचेगा।

इस बारे में प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी का कहना है,’प्रसार भारती का प्रयास हमेशा से यही रहा है कि भारतीय दर्शकों तक ऐसा कंटेंट पहुंचे जो नवीन, प्रासंगिक और संस्कृति से जुड़ा हुआ हो। कलेक्टिव मीडिया नेटवर्क के साथ यह साझेदारी दिखाती है कि तकनीक और कहानी कहने का मेल किस तरह प्रेरित कर सकता है, मनोरंजन दे सकता है और समाज को जोड़ सकता है।’

इस अवसर पर कलेक्टिव आर्टिस्ट्स नेटवर्क के संस्थापक और ग्रुप सीईओ विजय सुब्रमण्यम ने कहा, ’हमारा विज़न हमेशा से यही रहा है कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया तक पहुँचाया जाए। प्रसार भारती के साथ यह साझेदारी हमें उस दिशा में और आगे ले जाती है। यह सचमुच ‘प्रगति’ और ‘भक्ति’ का संगम है, जहां आस्था और आधुनिकता साथ मिलकर आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत की कहानियाँ गढ़ेंगी। त्रिलोक का संगीत देश के हर कोने तक पहुंचाकर हम तकनीक की ताकत को भारतीय संस्कृति और परंपरा की गहराई के साथ जोड़ रहे हैं।’

यह साझेदारी न केवल भारत के मीडिया परिदृश्य में एआई की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है, बल्कि प्रसार भारती के इस दायित्व को भी मज़बूत करती है कि वह परंपरा को संजोते हुए नए प्रयोगों को अपनाए। दर्शकों के लिए यह सिर्फ नया संगीत नहीं है, बल्कि एक ऐसा अनूठा अनुभव है जिसमें भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परंपराएँ एआई की नई संभावनाओं से मिलती हैं।

प्रसार भारती के अनुसार, दर्शक और श्रोता वेव्स ओटीटी पर त्रिलोक का संगीत और साथ ही सांस्कृतिक, धार्मिक और मनोरंजन से जुड़ा विविध कंटेंट देख-सुन सकते हैं। वेव्स ओटीटी पर लाइव टीवी, रेडियो चैनल, ऑन-डिमांड शो, फ़िल्में, पत्रिकाएँ और विशेष कार्यक्रम उपलब्ध हैं, जो भारत की विविध मीडिया धारा को एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर लाते हैं।

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‘प्रसार भारती’ की खास पेशकश, Waves OTT पर लाइव देख सकेंगे 'लव-कुश रामलीला'

Waves App के लाइव सेक्शन में जाकर प्रतिदिन शाम 7 बजे से रामलीला का लाइव आनंद लिया जा सकता है। यह रामलीला 3 अक्टूबर तक चलेगी और भरत मिलाप के साथ इसका समापन होगा।

Last Modified:
Friday, 26 September, 2025
Ramlila

दिल्ली की विश्वविख्यात 'लव-कुश रामलीला' अब ‘प्रसार भारती’ (Prasar Bharati) के ओटीटी प्लेटफार्म ‘वेव्स’ (Waves) पर लाइव देखी जा सकती है। प्रसार भारती ने इस साल लाल किला परिसर में आयोजित इस रामलीला को दर्शकों तक पहुंचाने के लिए खास व्यवस्था की है।

प्रसार भारती के मुताबिक, गूगल प्ले स्टोर अथवा आईओएस स्टोर से वेव्स ऐप निशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। ऐप के लाइव सेक्शन में जाकर प्रतिदिन शाम 7 बजे से रामलीला का लाइव आनंद लिया जा सकता है। यह रामलीला 3 अक्टूबर तक चलेगी और भरत मिलाप के साथ इसका समापन होगा। आपको बता दें कि विजयादशमी के मौके पर प्रधानमंत्री भी इस रामलीला में शामिल होते हैं।

‘प्रसार भारती‘ के सीईओ गौरव द्विवेदी के अनुसार, ‘रामलीला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और जीवन मूल्य को करीब से समझने का मौका है। प्रसार भारती ने वेव्स ओटीटी के जरिये बहुचर्चित लवकुश रामलीला को दर्शकों तक लाइव पहुंचाने की व्यवस्था की है। घर बैठे वेव्स के जरिये जीवंत अनुभव किया जा सकता है।’

मनोज तिवारी से लेकर आर्य बब्बर तक कर रहे मंचन:

बता दें कि लव-कुश रामलीला में फ़िल्म से लेकर सियासत तक के तमाम कद्दावर लोग अलग-अलग भूमिका निभाते हैं। इस बार भगवान श्रीराम के रूप में अभिनेता किंशुक वैद्य, लक्ष्मण के किरदार में डॉ. राजन शर्मा और माता सीता के रूप में रिनी आर्या मंच पर नजर आ रहे हैं। वहीं, हनुमान की भूमिका में मल्हार पांड्या, रावण के रूप में आर्य बब्बर ने दर्शकों का मन मोह लिया है। भगवान परशुराम की भूमिका में पिछले साल की तरह इस बार भी मनोज तिवारी मंचन कर रहे हैं।

वेव्स पर यह भी है खास:

लव-कुश रामलीला के साथ-साथ वेव्स, नवरात्रि और दशहरा के मौके पर दर्शकों के लिए और भी कई कार्यक्रम लेकर आया है। वेव्स पर हर दिन सुबह 6 बजे से अयोध्या से सीधे राम लला की आरती देखी जा सकती है। रामायण से लेकर काकभुशुंडी रामायण का भी लुफ्त उठा सकते हैं। इसके अलावा रामचरितमानस भी सुन सकते हैं। अनुराधा पौड़वाल, सोनू निगम से लेकर नरेंद्र चंचल की आवाज में देवी भजन सुना जा सकता है। साथ ही 'यात्रा' सीरीज के जरिए मनसा देवी से लेकर अंबाजी तक मंदिरों के इतिहास और आस्था का अनुभव कर सकते हैं।

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छह महीने तक सरकार की चेतावनी को किया नजरअंदाज, तब गिरी 25 ओटीटी Apps पर गाज

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) का 25 वेबसाइट्स और 14 मोबाइल एप्लिकेशंस, जिनमें Ullu, ALTT, Big Shots, Desiflix और Mojflix शामिल हैं, को ब्लॉक करने का निर्णय कोई अचानक की गई कार्रवाई नहीं थी।

Last Modified:
Thursday, 11 September, 2025
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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) का 25 वेबसाइट्स और 14 मोबाइल एप्लिकेशंस, जिनमें Ullu, ALTT, Big Shots, Desiflix और Mojflix शामिल हैं, को ब्लॉक करने का निर्णय कोई अचानक की गई कार्रवाई नहीं थी। सूत्रों ने एक्सचेंज4मीडिया को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि, यह उन लगातार चेतावनियों और परामर्शों का परिणाम था जिन्हें इन प्लेटफॉर्म्स ने छह महीने से अधिक समय तक नजरअंदाज किया।

अधिकारियों ने इंगित किया कि इन प्लेटफॉर्म्स ने कई कानूनों का उल्लंघन किया, जिनमें शामिल हैं- आईटी अधिनियम की धारा 67 और 67ए (अश्लील और यौन रूप से स्पष्ट कंटेंट को प्रतिबंधित करना), भारतीय दंड संहिता की धारा 294 (सार्वजनिक रूप से अश्लीलता के प्रदर्शन को अपराध मानना) और महिलाओं का अशोभनीय प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 4।

इसी दौरान, एक्सचेंज4मीडिया को गुप्त दस्तावेज (dossier) मिले हैं, जिस पर दूरसंचार विभाग (DoT) और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने समीक्षा की है।" दस्तावेजों में छोटे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर दर्जनों शो और एपिसोड का विवरण है, जिनमें लंबे समय तक नग्नता और यौन गतिविधियां पाई गईं, जिनका कोई कथानक या कलात्मक औचित्य नहीं था।

ALTT पर 'कातिल हसीना', 'रंगीनी कहानियां' और 'क्राइम्स एंड कंफेशंस' जैसे एपिसोड में 20 मिनट के एपिसोड में से 5 से 10 मिनट तक स्पष्ट यौन कंटेंट था। Ullu पर, 'बदन' के एक एपिसोड में 22 मिनट की अवधि में लगभग 19 मिनट तक लगातार स्पष्ट दृश्य थे, जबकि 'चोली के पीछे क्या है' में 23 मिनट के एपिसोड में 15 मिनट तक स्पष्ट कंटेंट दिखाई गई।

Ullu की एक और सीरीज 'केयरटेकर' में अनैतिक यौन संबंध दिखाए गए, जहां जांचकर्ताओं ने नोट किया कि “मुख्य उद्देश्य कहानी कहना नहीं बल्कि उत्तेजना फैलाना था।”

हालांकि BigShots, Desiflix और Mojflix जैसे अन्य प्लेटफॉर्म भी परिशिष्टों में सूचीबद्ध थे, लेकिन साक्ष्य के अनुसार Ullu और ALTT सबसे बड़े उल्लंघनकर्ता पाए गए।

सरकार की यह कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के अनुरूप है, जो ओटीटी स्ट्रीमिंग सेवाओं को कंटेंट को स्वयं-वर्गीकृत करने और मजबूत अभिभावकीय नियंत्रण प्रदान करने की आवश्यकता बताते हैं।

इंडस्ट्री से जुड़े सूत्र ने कहा, “ब्लॉक की गई सेवाओं ने इन अनुपालन आवश्यकताओं की अनदेखी की और न केवल कानूनी ढांचे को कमजोर किया बल्कि उद्योग की आत्म-नियमन की क्षमता को भी। इसका निवारक प्रभाव भी है। यदि बार-बार उल्लंघन करने वालों को न्यूनतम परिणामों के साथ संचालन जारी रखने दिया जाता है, तो उल्लंघनों को सामान्य करने का जोखिम होता है। सख्त, सार्वजनिक प्रवर्तन कार्रवाई पूरे उद्योग को यह संदेश देती है कि सरकार उन सेवाओं के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकेगी नहीं जो लाभ को कानून से ऊपर रखती हैं।”

सूत्रों के अनुसार, महीनों तक MIB ने कुछ ओटीटी स्ट्रीमिंग सेवाओं को अवैध कंटेंट की सीमा पार न करने के लिए बार-बार चेतावनी दी। सितंबर 2024 में, MIB ने 25 ओटीटी स्ट्रीमिंग सेवाओं को प्रतिबंधित कंटेंट प्रसारित करने के खिलाफ औपचारिक चेतावनी जारी की। दिसंबर तक, 18 मोबाइल एप्स पहले ही आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत ब्लॉक कर दिए गए थे, जो केंद्र सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता या भारत की रक्षा के हित में सार्वजनिक सूचना तक पहुँच को प्रतिबंधित करने की अनुमति देता है।

इन ओटीटी स्ट्रीमिंग सेवाओं द्वारा प्रकाशित प्रतिबंधित कंटेंट पर MIB अकेला चिंतित नहीं था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) और डिजिटल पब्लिशर कंटेंट ग्रीवेंस काउंसिल (DPCGC) ने भी उस कंटेंट को चिन्हित किया था जिसे उन्होंने बच्चों के लिए विशेष रूप से अभद्र और हानिकारक माना।

सूत्र यह भी बताते हैं कि कुछ ओटीटी स्ट्रीमिंग सेवाओं ने केवल अनुपालन न करने तक ही सीमित नहीं रहीं, बल्कि सक्रिय रूप से निगरानी से बचने की कोशिश की। जब एक डोमेन को ब्लॉक किया गया, तो उन्होंने दूसरा शुरू कर दिया। उन्होंने पहचान से बचने के लिए तकनीकी उपायों का इस्तेमाल किया और उन शो के बिना संपादित संस्करण फिर से अपलोड किए जिन्हें पहले हटाया गया था।

DPCGC की समीक्षाओं ने इस पैटर्न को और पुष्ट किया: कुछ शो में नग्नता और यौन कंटेंट शामिल थी जिनका कोई कथानक या कलात्मक औचित्य नहीं था, बल्कि केवल दर्शकों को आकर्षित करने के लिए बनाई गई थीं। उदाहरण के लिए, Ullu को स्पष्ट दृश्यों को अस्थायी रूप से हटाते या संपादित करते हुए पाया गया, लेकिन बाद में उन्हें फिर से बहाल कर दिया। यह नियमों की गलतफहमी नहीं थी; यह उन्हें नजरअंदाज करने के लिए सोचे-समझे निर्णय थे।

मुख्यधारा के विपरीत, छोटे ओटीटी प्लेटफार्म अक्सर बड़ी प्रोडक्शन या सेलिब्रिटी-केंद्रित रिलीज से बचते थे और इसके बजाय उकसाने वाली, स्पष्ट कंटेंट के जरिए ध्यान खींचते थे। उन्होंने खुद को उन दर्शकों के लिए प्रस्तुत किया जिनकी मांग मुख्यधारा में पूरी नहीं हो रही थी।

लेकिन दृश्यता की यह शॉर्टकट भारी साबित हुआ, क्योंकि इन अधिकांश प्लेटफॉर्म्स ने छोटे दर्शकों की सुरक्षा के लिए बनाए गए बुनियादी उपायों की भी अनदेखी की।

दर्शकों को आकर्षित करने के लिए, इन छोटे ओटीटी स्ट्रीमिंग सेवाओं ने नगण्य उम्र-जांच तंत्र अपनाए जिससे नाबालिगों के लिए यह आसानी से सुलभ हो गया।

इस घटना से जुड़े एक अन्य सूत्र ने कहा, “कई सेवाएं, जैसे ALTT, केवल साइन-अप के दौरान एक टिक-बॉक्स पर निर्भर थीं- ‘मैं पुष्टि करता हूं कि मेरी उम्र 18 वर्ष से अधिक है’। एक नाबालिग बस ‘हां’ पर क्लिक कर सकता था और बिना किसी और जांच के तुरंत प्रवेश पा सकता था। टेलीविजन पर तो यह और भी चिंताजनक था: ऐप खोलिए और कंटेंट वहीं उपलब्ध थी, अंदर कोई जांच या सुरक्षा उपाय नहीं।”

यह कार्रवाई केवल दंडात्मक कदम नहीं बल्कि एक रीसेट है, जो भारत के डिजिटल मनोरंजन क्षेत्र को याद दिलाती है कि रचनात्मक स्वतंत्रता को अनुपालन और बाल सुरक्षा के साथ सह-अस्तित्व में रहना होगा।

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JioStar का लक्ष्य: मोबाइल व CTV पर विस्तार, एक अरब स्क्रीन तक पहुंचने की तैयारी

'जियोस्टार', रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी वायकॉम18 और द वॉल्ट डिज्नी कंपनी की भारतीय इकाई के बीच एक संयुक्त उद्यम है।

Last Modified:
Saturday, 30 August, 2025
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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की 48वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) में, नॉन-एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर आकाश अंबानी ने घोषणा की कि 'जियोस्टार' मोबाइल, टेलीविजन (टीवी) और कनेक्टेड टीवी (CTV) डिवाइसों के जरिए एक अरब स्क्रीन तक पहुंचने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

'जियोस्टार', रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी वायकॉम18 और द वॉल्ट डिज्नी कंपनी की भारतीय इकाई के बीच एक संयुक्त उद्यम है। फरवरी में अपने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म की शुरुआत के बाद से, जियोहॉटस्टार ने मात्र तीन महीनों में 600 मिलियन से अधिक यूजर्स को आकर्षित किया है, जिसमें 75 मिलियन से ज्यादा कनेक्टेड टीवी यूजर शामिल हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आकाश अंबानी ने कहा कि 300 मिलियन भुगतान करने वाले ग्राहकों के साथ, जियोहॉटस्टार अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म है, जो पूरी तरह भारत में बनाया गया है। उन्होंने आगे कहा, “34% टीवी मार्केट शेयर के साथ, जो अगले तीन नेटवर्क्स के बराबर है, हम मोबाइल, टीवी और सीटीवी डिवाइसों पर एक अरब स्क्रीन तक पहुंचने की राह पर अच्छी तरह अग्रसर हैं।”

ग्रुप की डिजिटल न्यूज इकाई की ग्रोथ पर प्रकाश डालते हुए, आकाश अंबानी ने यह भी साझा किया कि फर्स्टपोस्ट भारत का अग्रणी डिजिटल-फर्स्ट ग्लोबल न्यूज ब्रैंड बनकर उभर रहा है। मई 2025 में, इसने 400 मिलियन वीडियो व्यूज का आंकड़ा पार किया और वैश्विक स्तर पर यूट्यूब पर सबसे ज्यादा देखे जाने वाला भारतीय अंग्रेजी न्यूज चैनल बन गया।

द वॉल्ट डिज्नी कंपनी के सीईओ, रॉबर्ट आइगर ने कहा, “जियोस्टार ने लगभग 300 मिलियन पेड सब्सक्राइबर्स के साथ बहुत तेजी से मीडिया और एंटरटेनमेंट की दुनिया में एक वैश्विक ताकत के रूप में खुद को स्थापित किया है।” वार्षिक आम बैठक में साझा किए गए ये अपडेट भारत के डिजिटल और स्ट्रीमिंग परिदृश्य में एक बड़े बदलाव का संकेत हैं, जिसमें जियोस्टार सबसे आगे है।

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ZEE5 ने कम किया अपना घाटा, रीजनल कंटेंट को दिया सफलता का श्रेय

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) ने वित्त वर्ष 2024–25 में अपने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ZEE5 के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है

Last Modified:
Friday, 29 August, 2025
Z5

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) ने वित्त वर्ष 2024–25 में अपने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ZEE5 के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। राजस्व वृद्धि, घाटे में कमी और वैश्विक स्तर पर ब्रेकईवन (ग्लोबल रेवेन्यू से प्रॉफिट) हासिल करना इसके डिजिटल व्यवसाय के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ है।

कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट (FY25) में जारी नतीजे यह दर्शाते हैं कि अत्यधिक प्रतिस्पर्धी ओवर-द-टॉप (OTT) बाजार में लागत अनुशासन को सख्ती से अपनाया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, ZEE5 ने FY25 में ₹9,760 मिलियन का राजस्व दर्ज किया, जो सालाना आधार पर 6% की वृद्धि को दर्शाता है। इसी दौरान, इसका EBITDA घाटा लगभग आधा होकर ₹11,144 मिलियन (FY24) से घटकर ₹5,480 मिलियन पर आ गया। कंपनी ने इस सुधार का श्रेय संशोधित मूल्य निर्धारण रणनीतियों, बढ़ी हुई सिंडिकेशन आय और कंटेंट व संचालन में सख्त लागत नियंत्रण को दिया है।

कंपनी के अनुसार, प्लेटफॉर्म ने FY25 में कुल 59 शो और फिल्में रिलीज कीं, जिनमें 20 ओरिजिनल शामिल थे और यह कई भाषाओं में उपलब्ध कराए गए। इसका कंटेंट लाइब्रेरी अब 1.35 लाख घंटे से अधिक की हो गई है, जिसमें 12 भारतीय भाषाओं में 4,000 से अधिक फिल्में, 1,800 टीवी शो, 420 ओरिजिनल और 4,400 म्यूजिक वीडियो शामिल हैं।

कंपनी ने कहा कि रीजनलाइजेशन और लोकलाइजेशन, ZEE5 की पहुंच बढ़ाने के लिए केंद्रीय रणनीति रहे हैं।

रिपोर्ट में बताया गया कि प्लेटफॉर्म ने कस्टमाइज्ड लैंग्वेज पैक पेश किए और विभिन्न डिवाइसों पर हाइपर-पर्सनलाइज्ड व्यूइंग अनुभव दिए, जिससे टियर-2 और टियर-3 मार्केट्स में गहरी पैठ बनाने में मदद मिली।

कंपनी ने कहा, “कई क्षेत्रीय शीर्षक इस वर्ष बड़ी सफलता बनकर उभरे। ऐंधम वेधम, संक्रांतिकि वस्तुनाम, भैय्याजी और विक्कटकवि जैसी प्रस्तुतियों ने स्थानीय मार्केट्स में मजबूत दर्शक जुड़ाव हासिल किया। एक कन्नड़ भाषा की ओरिजिनल ने तो बड़े बजट की थिएट्रिकल रिलीज को भी पीछे छोड़ दिया, जिससे सांस्कृतिक रूप से जमीनी और किफायती कहानी कहने की अहमियत साबित होती है।”

FY25 में EBITDA ब्रेकईवन हासिल करने वाले ZEE5 Global ने अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व और एशिया-प्रशांत जैसे प्रमुख मार्केट्स में दक्षिण एशियाई स्ट्रीमिंग सेवाओं में अपना नंबर #1 स्थान बरकरार रखा, जैसा कि ऐप एनी डेटा (मार्च 2025) में दर्ज है।

सब्सक्रिप्शन-आधारित मॉडल के साथ-साथ ZEEL ने ZeePlex, सिनेमा-टू-होम ट्रांजैक्शनल वीडियो-ऑन-डिमांड (TVOD) सेवा भी विकसित की। FY25 में इस प्लेटफॉर्म ने अपना कंटेंट लाइब्रेरी बढ़ाई और कई उच्च प्रदर्शन करने वाले शीर्षक जोड़े। कंपनी ने कहा कि दर्शक अब TVOD मॉडल के तहत चुनिंदा पेड कंटेंट के प्रति अधिक खुले हो रहे हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कंटेंट निवेश सावधानीपूर्वक किए जा रहे हैं, जहां ध्यान क्षेत्रीय प्रभाव और स्केलेबल मोनेटाइजेशन मॉडल पर है। मूल्य निर्धारण रणनीतियों को दोबारा इस तरह से तय किया गया है कि सब्सक्राइबर बने रहें और मार्जिन भी सुरक्षित रहें।
साथ ही, कंपनी ने डिजिटल सिंडिकेशन और थर्ड-पार्टी लाइसेंसिंग पर भरोसा कर राजस्व अवसरों का विस्तार किया है, ताकि अतिरिक्त लागत बढ़ाए बिना आय बढ़ाई जा सके।

कंपनी ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि भारत के मीडिया परिदृश्य में टेलीविजन और डिजिटल दोनों का सह-अस्तित्व बना रहेगा, और दोनों प्लेटफॉर्म एक-दूसरे को पूरक करेंगे, न कि प्रतिस्पर्धी।

डिजिटल रिलीज को लीनियर प्रोग्रामिंग के साथ जोड़कर, म्यूजिक और स्टूडियोज में क्रॉस-प्लेटफॉर्म सिनर्जीज का लाभ उठाकर और नए विज्ञापन मॉडल विकसित कर, ZEE5 को एक आपस में जुड़े हुए इकोसिस्टम का हिस्सा बनाया जा रहा है, न कि एक अकेला प्लेटफॉर्म।

रिपोर्ट में सब्सक्राइबर संख्या का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह कहा गया है कि प्लेटफॉर्म पर लगातार जुड़ाव हो रहा है और टियर-आधारित मूल्य निर्धारण मॉडल और क्षेत्रीय पैक से औसत प्रति यूजर्स आय (ARPU) में सुधार आया है।

कंटेंट लोकलाइजेशन, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भागीदारी और नए मोनेटाइजेशन प्रारूप विकास के स्तंभ बने हुए हैं, जिनके आधार पर ZEE5, ZEEL की भविष्य की रणनीति में केंद्रीय भूमिका निभाने की उम्मीद है।

ZEEL के लिए चुनौती होगी FY25 की गति को बनाए रखना- लागत पर नियंत्रण रखना, क्षेत्रीय कंटेंट की सफलता को जारी रखना और दक्षिण एशियाई प्लेटफॉर्म्स में अपनी वैश्विक नेतृत्वता को बनाए रखना, जबकि बाजार में वैश्विक दिग्गजों और आक्रामक घरेलू खिलाड़ियों का दबदबा कायम है।

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एक्सपर्ट्स की राय: सरकार नहीं, इंडस्ट्री खुद करे OTT कंटेंट को रेगुलेट

कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंटेंट को रेगुलेट सरकार के बजाय खुद इंडस्ट्री के अंदर से आनी चाहिए।

Last Modified:
Monday, 28 July, 2025
OTT95

ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स को लेकर निगरानी और रेगुलेशन (नियंत्रण) की बहस लगातार तेज होती जा रही है। इस बीच कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंटेंट को रेगुलेट सरकार के बजाय खुद इंडस्ट्री के अंदर से आनी चाहिए।

उनका कहना है कि एक स्वतंत्र इंडस्ट्री बॉडी द्वारा संचालित स्व-नियामक ढांचा ज्यादा प्रभावी, लचीला और रचनात्मक स्वतंत्रता के लिए अनुकूल होगा। इससे रचनाकारों को जवाबदेही के साथ अपनी कला प्रस्तुत करने की आजादी मिल सकेगी। एक्सपर्ट्स ने चेताया कि यदि सरकार सीधे हस्तक्षेप करती है, तो इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लग सकता है और ऑनलाइन कंटेंट पर अति-नियंत्रण की स्थिति बन सकती है।

इंडस्ट्री लीडर्स का कहना है, "नैतिक पहरेदारी (मोरल पुलिसिंग) से दीर्घकालिक परिणाम नहीं मिलते।" उनका मानना है कि टिकाऊ और संतुलित कंटेंट रेगुलेशन सिर्फ प्रतिक्रियात्मक बैन या वैचारिक फैसलों से नहीं, बल्कि एक सुव्यवस्थित ढांचे से संभव है। इसमें स्पष्ट कंटेंट गाइडलाइंस, एक विश्वसनीय व स्वतंत्र इंडस्ट्री-नेतृत्व वाली संस्था और दर्शकों की शिक्षा में निवेश शामिल होना चाहिए।

एक प्रमुख स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमें यह तय करने के बजाय कि लोग क्या देख सकते हैं, उन्हें सही जानकारी देकर सोच-समझकर निर्णय लेने में सक्षम बनाना चाहिए।” उनका मानना है कि यही तरीका रचनात्मक स्वतंत्रता और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाता है, और एक स्वस्थ डिजिटल वातावरण को बढ़ावा देता है।

नियमन की जरूरत, लेकिन संतुलन के साथ

ओटीटी इंडस्ट्री के सामने इस वक्त सबसे बड़ा सवाल यही है कि वयस्क कंटेंट और अश्लीलता की रेखा कहां खींची जाए और यह तय करने का अधिकार किसे हो? कुछ लोग मानते हैं कि ज्यादा रेगुलेशन से इनोवेशन रुक सकता है, वहीं कुछ का कहना है कि अगर कंटेंट की स्पष्ट लेबलिंग, उम्र आधारित फिल्टरिंग और मॉडरेशन के मानक तय कर दिए जाएं तो एक संतुलित समाधान मिल सकता है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब कंटेंट का रेगुलेशन व्यक्तिगत पसंद और राजनीति से प्रभावित होता है, तो इसके नाम पर कला, व्यंग्य, सामाजिक टिप्पणी और ऐतिहासिक प्रस्तुतियों तक को सेंसर किया जा सकता है।

"अश्लीलता की परिभाषा समय और संस्कृति के अनुसार बदलती रहती है, इसलिए किसी भी सरकार को इसे तय करने का एकतरफा अधिकार देना सेंसरशिप को बढ़ावा देना होगा," ऐसा कहना है पीटीपीएल इंडिया के सीओओ और पूर्व SonyLIV कार्यकारी पेप फिगेरेडो का।

उनका कहना है, “आज जरूरत इस बात की है कि हम एक पारदर्शी और संतुलित कंटेंट रेगुलेशन का ढांचा बनाएं जो समय की मांग के अनुसार हो। अगर कंटेंट गंभीर रूप से आपत्तिजनक नहीं है या जनविरोध नहीं हो रहा है, तो सरकार को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। वैसे भी अधिकतर प्लेटफॉर्म पेवॉल (सब्सक्रिप्शन) के पीछे काम कर रहे हैं, जहां दर्शक खुद निर्णय लेते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “वैसे रचनात्मक स्वतंत्रता की बात करें तो मेरे पास जोड़ने को ज्यादा कुछ नहीं है- सच कहूं तो आजकल के कई शो में रचनात्मकता होती ही नहीं है।”

“पहले यह तो तय करें कि अश्लीलता है क्या”

उत्तराखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता अभिषेक अंतवाल का कहना है कि जब तक यह स्पष्ट नहीं किया जाएगा कि 'अश्लील' किसे माना जाएगा, तब तक सरकार की कार्रवाइयाँ मनमानी लगेंगी। “जब ट्विटर और फेसबुक जैसे मुख्यधारा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी खुलेआम आपत्तिजनक कंटेंट उपलब्ध है, तब कुछ ऐप्स को बैन करने से सरकार के लक्ष्य पूरे नहीं होते।”

उनका यह भी कहना है कि “भारत की प्रशासनिक व्यवस्था अक्सर देरी, निष्क्रियता और लालफीताशाही से जूझती है। इस कारण सही समाधान समय पर नहीं आ पाते। ऐप्स को बैन करने से रचनात्मक अभिव्यक्ति पर एक डर का माहौल बनता है, जो अंततः रचनात्मकता को खत्म कर सकता है। टीवी इंडस्ट्री की तरह ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए भी एक स्वतंत्र, मजबूत निगरानी तंत्र की जरूरत है।”

फिगेरेडो मानते हैं, “रचनात्मक स्वतंत्रता को सामाजिक जिम्मेदारी और ब्रांड रणनीति के साथ संतुलित करना होगा। जैसे-जैसे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म परिपक्व होंगे, उन्हें सोच-समझकर यह तय करना होगा कि वे किस तरह का कंटेंट बढ़ावा देना चाहते हैं और किस तरह के दर्शकों की सेवा करना चाहते हैं।”

वह कहते हैं कि भारत को ऐसी संस्था की जरूरत है जो सरकारी नियंत्रण से अलग, लेकिन प्रभावी हो—जैसे पहले Sony, Star और Viacom की 'One Alliance' थी—जो ओटीटी कंटेंट के नियमन में स्वतंत्रता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित कर सके, खासतौर पर नाबालिगों के लिए।

उनका स्पष्ट कहना है: “डिजिटल युग को सही तरीके से समझने के लिए नैतिक घबराहट नहीं, बल्कि शिक्षा जरूरी है। बहुत समय से ओटीटी स्पेस में अभिव्यक्ति की आजादी को सनसनीखेज आलस के साथ भ्रमित किया गया है।”

रास्ता क्या है: नैतिक दहशत नहीं, मीडिया साक्षरता

एक्सपर्ट मानते हैं कि बैन किसी भी दीर्घकालिक समाधान का रास्ता नहीं है। इससे केवल डिमांड अंडरग्राउंड चली जाती है, जहां दर्शक वीपीएन और अवैध डाउनलोड जैसे रास्ते अपनाते हैं और इस तरह वे किसी भी निगरानी से पूरी तरह बाहर हो जाते हैं।

एक पूर्व प्लेटफॉर्म कार्यकारी ने कहा, “बात केवल बैन से शुरू और खत्म नहीं होनी चाहिए। असली चर्चा मीडिया साक्षरता से होनी चाहिए। क्या हम माता-पिता, युवाओं और कंटेंट क्रिएटर्स को यह सिखा रहे हैं कि कौन सा कंटेंट हानिकारक है और क्यों? या फिर सिर्फ सुर्खियों पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं?”

अधिकांश एक्सपर्ट मानते हैं कि समाधान तीन बिंदुओं पर आधारित होना चाहिए- पहला स्पष्ट कंटेंट गाइडलाइंस, दूसरा एक मजबूत इंडस्ट्री-नेतृत्व वाली संस्था और तीसरा दर्शकों की शिक्षा में निवेश।

फिगेरेडो कहते हैं, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कई बार बेवजह की सनसनी के रूप में देखा गया है। लेकिन इसका हल सेंसरशिप नहीं, बल्कि जवाबदेही, समझदारी और बेहतर कहानी कहने की कला है।”

कंटेंट रेगुलेशन: एक जटिल मसला

भारत सरकार ने पहले ‘ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल, 2024’ का मसौदा प्रस्तावित किया था, जिसका उद्देश्य पारंपरिक मीडिया और ओटीटी दोनों को रेगुलेट करना था। नवंबर 2023 में यह ड्राफ्ट सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया था, जिसमें यूट्यूब, इंस्टाग्राम, न्यूजलेटर राइटर्स जैसे डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स को भी रेगुलेशन के दायरे में लाने की बात थी।

इस मसौदे में एक विवादास्पद प्रावधान यह था कि अगर कोई कंटेंट क्रिएटर सरकार द्वारा तय सीमा को पार करता है, तो उन्हें कंटेंट प्री-सर्टिफिकेशन के लिए कंटेंट इवैल्यूएशन कमेटी (CEC) बनानी होगी- जैसे टीवी पर होता है।

हालांकि, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अगस्त 2024 में इस बिल को औपचारिक रूप से वापस ले लिया, जो यह दर्शाता है कि सरकार या तो इसे फिर से सोच रही है या दोबारा मसौदा तैयार करेगी। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि क्या सरकार इस बिल को पूरी तरह दोबारा बनाएगी या सिर्फ कुछ हिस्सों को संशोधित करेगी, क्योंकि अभी तक कोई नई घोषणा नहीं हुई है।

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “बिल की वापसी यह दिखाती है कि भारत के तेजी से बदलते डिजिटल मीडिया परिदृश्य में कंटेंट रेगुलेशन एक अत्यंत संवेदनशील और जटिल मामला है। अगर यह रेगुलेशन ज्यादा सख्त या व्यापक हो गया, तो यह विविध डिजिटल आवाजों को दबा सकता है।”

जैसे-जैसे सरकार आगे की रणनीति तय कर रही है, इंडस्ट्री लीडर्स लगातार यह अपील कर रहे हैं कि एक संतुलित ढांचा तैयार किया जाए- जो दर्शकों, खासकर बच्चों की सुरक्षा करे, लेकिन साथ ही रचनात्मक अभिव्यक्ति और ऑनलाइन क्रिएशन की स्वायत्तता का भी सम्मान करे। 

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