अपने दो दशक से भी अधिक के मीडिया सफर में उन्होंने एक से एक बेहतरीन ग्राउंड रिपोर्टिंग और शो किए हैं। सालों तक वह ‘एनडीटीवी‘ जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का हिस्सा रही हैं।
जानी-मानी टीवी एंकर और पत्रकार ऋचा जैन कालरा के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। दरअसल, उन्हें ‘Caparo Maruti Limited’ ( Joint Venture Between MSIL and Lord Swaraj Paul Caparo Group) और ’Caparo Engineering India Ltd’ (CEIL) में स्वतंत्र निदेशक चुना गया है।
ऋचा जैन कालरा को उनके लंबे अनुभव और दक्षता को देखते हुए लॉर्ड स्वराज पॉल के ‘Caparo India Group‘ में यह अहम जिम्मेदारी दी गई है। ऋचा जैन कालरा की यह उपलब्धि इस मायने में भी खास है क्योंकि देश में गिने-चुने पत्रकार/एंकर ही खबरों के साथ-साथ कॉरपोरेट की दुनिया में भी खास मुकाम हासिल कर पाते हैं।
अपने दो दशक से भी अधिक के मीडिया सफर में उन्होंने एक से एक बेहतरीन ग्राउंड रिपोर्टिंग और शो किए हैं। सालों तक वह ‘एनडीटीवी‘ जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का हिस्सा रही हैं।
पिछले साल उन्होंने डिजिटल की ओर अपने कदम बढ़ाते हुए ‘अच्छी खबर’ (Achchi Khabar) नाम से यूट्यूब चैनल की शुरुआत की है। ऋचा इस चैनल की फाउंडर और सीईओ हैं। इस चैनल पर दर्शकों को ऐसी कहानियों से रूबरू करवाया जाता है, जो न सिर्फ सकारात्मक होती हैं, बल्कि लोगों के जीवन में एक नए उत्साह और उमंग को भरने का कार्य करती हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।न्यूज एजेंसी ‘एशियन न्यूज इंटरनेशनल’ (ANI) के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सुरिंदर कपूर का शनिवार को निधन हो गया है। ‘एएनआई’ की फाउंडिंग टीम के सदस्य रहे सुरिंदर कपूर करीब 70 साल के थे।
जानी-मानी न्यूज एजेंसी ‘एशियन न्यूज इंटरनेशनल’ (ANI) के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सुरिंदर कपूर का शनिवार को निधन हो गया है। ‘एएनआई’ की फाउंडिंग टीम के सदस्य रहे सुरिंदर कपूर करीब 70 साल के थे।
उनका अंतिम संस्कार पांच फरवरी की अपराह्न करीब तीन बजे दिल्ली में लोधी रोड श्मशान घाट पर होगा। इससे पहले सुरिंदर कपूर की पार्थिव देह को आरके पुरम स्थित ‘एएनआई’ के ऑफिस लाया जाएगा, ताकि स्टाफ के सदस्य व अन्य लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकें। सुरिंदर कपूर के परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं।
सुरिंदर कपूर का जन्म 20 फरवरी 1952 को हुआ था। उन्होंने ‘एएनआई’ के चेयरमैन प्रेम प्रकाश के साथ काम किया था और बतौर फोटो जर्नलिस्ट कई प्रमुख असाइनमेंट्स को कवर किया था।
‘एएनआई’ की एडिटर-इन-चीफ स्मिता प्रकाश ने सुरिंदर कपूर के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए एक ट्वीट भी किया है। अपने ट्वीट में स्मिता प्रकाश ने लिखा है, ‘सुरिंदर कपूर का निधन एएनआई के लिए काफी बड़ी क्षति है। वह हमारे दोस्त, दार्शनिक और मार्गदर्शक थे। आज भी वह स्टूडियो और न्यूज रूम में सक्रिय थे और तमाम पत्रकारों व फोटोग्राफर्स के लिए मार्गदर्शक थे। ओऊम शांति।’
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।A deep loss to us at ANI. He was our friend, philosopher and guide. Was at the studio and newsroom even today, A mentor to so many journalists and cameramen. Deeply mourned by the hundreds of families he blessed with love and guidance. Om Shanti. https://t.co/eRli6wWo6N
— Smita Prakash (@smitaprakash) February 4, 2023
केवल सात मिनट और 40 सेकेंड में 195 देशों के झंडे (फ्लैग) देखकर बताए उन देशों, उनकी राजधानी और महाद्वीप के नाम
प्रतिभा उम्र और संसाधनों की मोहताज नहीं होती। अपनी प्रतिभा के बल पर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर गुरुग्राम के अजिंक्य राम मोहन ने यह पूरी तरह साबित कर दिया है। दरअसल, महज चार साल सात महीने की छोटी सी उम्र में अजिंक्य ने 29 जनवरी 2023 को सिर्फ सात मिनट और 40 सेकंड में 195 देशों के झंडे (फ्लेग) देखकर उन देशों, उनकी राजधानी और महाद्वीप के नाम बताकर विश्व रिकॉर्ड बना लिया है।
गुरुग्राम के द श्रीराम स्कूल, अरावली में पढ़ने वाले अजिंक्य के इस विश्व रिकॉर्ड को ‘ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ (OMG Book Of Records) और ‘इंटरनेशनल टैलेंट ऑफ रिकॉर्ड्स’ (International Talent Book Of Records) द्वारा दर्ज किया गया है। छह जून 2018 को जन्मे अजिंक्य की बचपन से ही मार्डन हिस्ट्री और इंटरनेशनल रिलेशन में गहरी रुचि रही है। फुटबॉल खेलने के साथ ही अजिंक्य को अपना पसंदीदा यूट्यूब चैनल देखना, डांस करना और साइकिल चलाना काफी पसंद है।
दरअसल, लॉकडॉउन के दौरान अजिंक्य ने यूट्यूब चैनल्स पर एजुकेशनल वीडियो देखना शुरू किया था और यहां जो भी वह सीखता, उसे परिजनों के साथ शेयर करता था। इसके बाद अजिंक्य के माता-पिता ने उसकी बातों को रिकॉर्ड कर फेसबुक पर अपलोड करना शुरू कर दिया। परिजनों के साथ ही दोस्तों और अन्य लोगों ने भी अजिंक्य की इस प्रतिभा को पहचानते हुए उसे काफी सराहा, जिससे उसे आगे बढ़ने का मौका मिला।
अब अजिंक्य के नाम महज सात मिनट और 40 सेकंड में झंडे देखकर उन देशों, उनकी राजधानी और महाद्वीप के नाम सबसे तेजी से बताने का विश्व रिकॉर्ड दर्ज हुआ है। यह उपलब्धि हासिल करने वाले अजिंक्य दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं।
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लखनऊ की जेल में बंद केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को 28 महीने बाद जेल से रिहाई मिल गई। वह गुरुवार की सुबह जेल से रिहा हुए। बता दें कि 23 दिसंबर को हाई कोर्ट से सिद्दीकी कप्पन को सशर्त जमानत मिली थी।
जेल से रिहा होने के बाद सिद्दीकी कप्पन ने कहा कि मैं 28 महीने बाद जेल से बाहर आया हूं। मुझे सपोर्ट करने के लिए मैं मीडिया का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए। मैं अब बाहर आकर खुश हूं।
दो मामलों में सशर्त जमानत मिलने के एक महीने से अधिक समय बाद लखनऊ की एक विशेष अदालत ने कप्पन की रिहाई के आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं।
कप्पन को जिन शर्तों पर जमानत मिली है, उसमें कहा गया है कि वह दिल्ली में जंगपुरा पुलिस के अधिकार क्षेत्र में रहेंगे और निचली अदालत की स्पष्ट अनुमति के बिना दिल्ली के अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे। कप्पन प्रत्येक सोमवार को स्थानीय पुलिस थाने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे और यह शर्त अगले छह सप्ताह के लिए लागू होगी। वह छह सप्ताह के बाद केरल जाने के लिए स्वतंत्र होंगे, लेकिन उन्हें प्रत्येक सोमवार को वहां के स्थानीय पुलिस थाने में रिपोर्ट करनी होगी। साथ ही वहां बनाए गए रजिस्टर में अपनी हाजिरी दर्ज करनी होगी। कप्पन कोर्ट की ओर से दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेंगे और विवाद से जुड़े किसी भी व्यक्ति से संपर्क नहीं करेंगे।
हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संजय शंकर पांडे ने कप्पन को एक-एक लाख रुपए की दो जमानतें और इसी धनराशि का मुचलका दाखिल करने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।
कप्पन की ओर से गत 9 जनवरी को जमानतनामे कोर्ट में दाखिल किए गए थे। इस पर कोर्ट ने जमानतदारों की हैसियत का सत्यापन कराए जाने का आदेश दिया था। बुधवार को जमानतदारों व उनके द्वारा दाखिल दस्तावेजों का सत्यापन हो गया, जिस पर कोर्ट आरोपी को रिहा करने का आदेश दे दिया।
बुधवार शाम को कप्पन के जेल से बाहर निकलने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें रिहा नहीं किया जा सका क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम पर विशेष अदालत के न्यायाधीश बार काउंसिल के चुनाव में व्यस्त थे।
उल्लेखनीय है कि सिद्दीकी कप्पन को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था, , जब वह उत्तर प्रदेश के हाथरस जा रहे थे, जहां कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार के बाद 20 वर्षीय एक दलित लड़की की मौत हो गई थी। यूपी सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत केरल के पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
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‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी को वर्ष 2023 का 'हिंदी गौरव अलंकरण' सम्मान देने की घोषणा की गई है। 'मातृभाषा उन्नयन संस्थान' द्वारा मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल के मुख्य आतिथ्य में 19 फरवरी को इंदौर में होने वाले अलंकरण समारोह में प्रो. द्विवेदी को यह अवॉर्ड दिया जाएगा। प्रो. द्विवेदी के साथ प्रख्यात साहित्यकार एवं इतिहासविद् डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित को भी 'हिंदी गौरव अलंकरण' अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।
'मातृभाषा उन्नयन संस्थान' के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' के अनुसार, अलंकरण का यह चौथा वर्ष है। हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 'मातृभाषा उन्नयन संस्थान' द्वारा प्रतिवर्ष दो हिंदी साधकों को 'हिंदी गौरव अलंकरण' से विभूषित किया जाता है। इस अलंकरण में चयनित विभूतियों की दो श्रेणी हैं। एक हिंदी साहित्य और दूसरी हिंदी पत्रकारिता। चयन समिति द्वारा वर्ष 2023 के लिए डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित के हिंदी साहित्य एवं प्रो. संजय द्विवेदी के हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए 'हिंदी गौरव अलंकरण' प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है।
बता दें कि प्रो. संजय द्विवेदी देश के प्रख्यात पत्रकार, मीडिया प्राध्यापक, अकादमिक प्रबंधक एवं संचार विशेषज्ञ हैं। डेढ़ दशक से अधिक के अपने पत्रकारिता करियर के दौरान वह विभिन्न मीडिया संगठनों में अहम जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं। प्रो. द्विवेदी माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के प्रभारी कुलपति भी रहे हैं। वह कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर में पत्रकारिता विभाग के संस्थापक अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
प्रो. द्विवेदी वर्तमान में भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई), पुणे की सोसायटी एवं गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हैं। वह महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा; विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन; मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद एवं असम विश्वविद्यालय, सिलचर के 'बोर्ड ऑफ स्टडीज' के सदस्य हैं।
राजनीतिक, सामाजिक और मीडिया के मुद्दों पर उनके 3000 से ज्यादा लेख विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने 32 पुस्तकों का लेखन-संपादन किया है। वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा अनुमोदित शोध पत्रिकाओं 'कम्युनिकेटर' एवं 'संचार माध्यम' के प्रधान संपादक हैं। प्रो. द्विवेदी 'राजभाषा विमर्श' एवं 'संचार सृजन' के प्रधान संपादक तथा 'मीडिया विमर्श (त्रैमासिक)' के मानद सलाहकार संपादक भी हैं। मीडिया के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें अब तक तमाम पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवादी संगठनों के साथ संदिग्ध संबंध रखने के मामले में केरल में छह पत्रकारों से पूछताछ की है।
बताया जा रहा है कि एनआईए की हैदराबाद टीम ने दूसरे दिन केरल में अपने कोच्चि कार्यालय में आतंकवादी संगठनों के साथ संदिग्ध संबंध रखने के मामले में छह मीडियाकर्मियों से पूछताछ की थी। ये मीडियाकर्मी पिछले कई महीनों से एनआईए की जांच के दायरे में थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन छह पत्रकारों से पूछताछ की गई, वह कथित तौर पर उत्तरी केरल के युवाओं को आतंकवादी संगठनों में भर्ती कराने का काम कर रहे थे। एनआईए ने अपने दावे को पुख्ता करने के लिए पत्रकारों से डिजिटल सबूत भी हासिल किए हैं।
बताया जा रहा है कि इन पत्रकारों ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया है। हालांकि, जब एनआईए की टीम ने उन्हें उनके कनेक्शन को लेकर डिजिटल सबूत दिखाए, तो वे ठीक से जवाब नहीं दे पाए। इन पत्रकारों से एनआईए द्वारा फिर से पूछताछ किए जाने की संभावना है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, केरल के 12 और पत्रकार आतंकवादी संगठनों के साथ अपने संबंधों के लिए एनआईए की जांच के दायरे में हैं। आने वाले दिनों में इनमें से कुछ पत्रकारों से एनआईए द्वारा पूछताछ किए जाने की संभावना है।
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वरिष्ठ पत्रकार एस.पी.के. गुप्ता का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। वह 92 साल के थे। उनके परिजनों ने मीडिया को इसकी जानकारी दी।
गुप्ता निमोनिया से पीड़ित थे। वह दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती थे। अस्पताल में ही उन्होंने अंतिम श्वांस ली।
प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के लिए मॉस्को संवाददाता समेत विभिन्न भूमिकाओं में 38 साल तक उन्होंने काम किया। पीटीआई में विभिन्न पदों पर गुप्ता 1952 से 1990 तक भारत और मॉस्को में कार्यरत रहे। उन्होंने एजेंसी के ब्यूरो प्रमुख और दिल्ली में इसके विदेश संपादक के रूप में कार्य किया था। गुप्ता के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं।
आंध्र प्रदेश के गुंटूर में जन्मे गुप्ता ने कई किताबें लिखीं, जिनमें ‘इन क्वेस्ट ऑफ पैनेशिया’, ‘एपोस्टल जॉन एंड गांधी’, ‘ए रीथ फॉर डॉक्टर रामैय्या’, ‘समारा संवादी’ और ‘द राइज एंड एकलिप्स ऑफ द सोवियत सिविलाइजेशन’ शामिल हैं। पीटीआई में उन्हें पीकेजी के नाम से जाना जाता था।
वहीं उनके भतीजे उन्नी मेनन ने मीडिया को बताया कि वह एक संस्था और एक उत्कृष्ट रिपोर्टर थे। पत्रकार के रूप में 1981 से 1988 के बीच पीटीआई में काम कर चुके मेनन ने कहा, ‘पिछले महीने जब मैं उनसे मिला तो उन्होंने मुझे बताया कि वह अब भी कम से कम दो किताबों पर काम कर रहे हैं और चिंतित थे कि उनका समय खत्म हो रहा है।’
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‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी का कहना है कि आज पारंपरिक मीडिया स्वयं को डिजिटल मीडिया में परिवर्तित कर रहा है। इस 'डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन' को अगर कोई चला रहा है, तो वो चार 'C' हैं। इन चार 'C' का मतलब है, Content, Communication, Commerce और Context। जब ये चारों 'C' मिलते हैं, तब एक पारंपरिक मीडिया हाउस, डिजिटल मीडिया हाउस में बदलता है।
प्रो. संजय द्विवेदी ‘जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय’ (Jamia Hamdard University) के ‘सेंटर फॉर मीडिया एंड मास कम्युनिकेशन स्टडीज’ द्वारा आयोजित 'मीडिया मैटर्स' सीरीज के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि इन चार 'C' के अलावा 3 'V' यानी Voice, Video और Vernacular भी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जो लोग पढ़ या लिख नहीं सकते, वे पॉडकास्ट और वीडियो के माध्यम से कंटेंट को समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के हर कोने में भारतीयों के साथ, भारत की स्थानीय भाषाओं ने भी अपना स्थान बनाया है। इसलिए हमें अपनी मातृभाषाओं पर ध्यान देना चाहिए।
इसके साथ ही प्रो. द्विवेदी का यह भी कहना था कि सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में भारत को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि वैश्विक मीडिया भारतीय सिद्धांतों और मूल्यों का पालन करे। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता को बहुत कुछ विज्ञान की तरह होना चाहिए। जहां तक संभव हो, तथ्य सत्यापन योग्य होने चाहिए। यदि पत्रकार टिकाऊ विश्वसनीयता चाहते हैं, तो उन्हें इसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अफसार आलम, केंद्र की निदेशक एवं डीन प्रो. रेशमा नसरीन एवं सीरीज के आयोजक प्रो. फरहत बशीर खान भी उपस्थित रहे।
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मध्य प्रदेश का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक पत्रकार को पेड़ से बांधकर पीटने का मामला सामने आया है। घटना होशंगाबाद की बतायी जा रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में देख जा सकता है कि किस तरह से कुछ लड़के एक 25 वर्षीय पत्रकार को पेड़ से बांधकर उसे थप्पड़ और घूंसे मार रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेड़ से बांधकर जिसकी पिटाई की गई, वह पेशे से पत्रकार है, जिसका नाम प्रकाश यादव है। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में पता चला कि कुछ दिन पहले किसी बात को लेकर पीड़ित पत्रकार और आरोपियों के बीच बहस हुई थी, जिसका बदला लेने के लिए शनिवार को आरोपियों ने पत्रकार को रोका और बाद में उसकी पिटाई भी की।
इस मामले में पुलिस ने वीडियो में दिख रहे सभी छह आरोपियों को फिलहाल गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले को लेकर पीड़ित पत्रकार प्रकाश यादव ने एक शिकायत भी दर्ज कराई है, जिसमें उसने बताया कि वह पास के गांव से एक विज्ञापन की बुकिंग करके अपने गांव कोटगांव वापस जा रहा था। इसी दौरान आरोपी नारायण यादव ने उसे रोका। प्रकाश को रोकने के बाद एक जनवरी को उसके साथ हुए विवाद को लेकर नारायण यादव उसे गालियां देने लगा।
प्रकाश ने अपनी शिकायत में कहा कि जब मैंने उन्हें गाली देने से मना किया तो उसके भाई नरेंद्र यादव और कुछ अन्य लड़कों ने मुझे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। पुलिस ने फिलहाल मिली शिकायत को लेकर मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही पूरे मामले की जांच भी शुरू कर दी है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस घटना का वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा और लिखा कि मध्य प्रदेश फिर हुआ शर्मसार, नर्मदापुरम में एक पत्रकार की पेड़ से बांधकर बेरहमी से पिटाई की गई। शिवराज जी, अब तो जंगलराज भी छोटा शब्द लगता है। ‘बीजेपी हटाओ, मध्य प्रदेश बचाओ’
मध्यप्रदेश फिर हुआ शर्मसार,
— MP Congress (@INCMP) January 27, 2023
— नर्मदापुरम में एक पत्रकार की पेड़ से बांधकर बेरहमी से पिटाई की गई।
शिवराज जी,
अब तो जंगलराज भी छोटा शब्द लगता है।
“बीजेपी हटाओ, मध्यप्रदेश बचाओ” pic.twitter.com/23M3dcQe7U
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हरियाणा सरकार ने जवाहर सिंह यादव को मुख्यमंत्री का ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) नियुक्त किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में जवाहर सिंह यादव का यह दूसरा कार्यकाल है।
हरियाणा सरकार ने भाजपा नेता जवाहर सिंह यादव को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) नियुक्त किया है। उनका कार्यकाल पदभार ग्रहण करने की तारीख से प्रभावी होगा। इस बारे में हरियाणा सरकार में मुख्य सचिव संजीव कौशल की ओर से 24 जनवरी 2023 को आदेश जारी किए गए हैं।
इन आदेशों में कहा गया है कि जब तक मुख्यमंत्री चाहेंगे, जवाहर सिंह यादव मुख्यमंत्री कार्यालय में ओएसडी के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे। इन आदेशों के अनुसार इस पद पर जवाहर सिंह की नियुक्ति के बारे में अन्य सेवा शर्तें बाद में जारी की जाएंगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में जवाहर सिंह यादव का यह दूसरा कार्यकाल होगा। इससे पहले भी वह मनोहर लाल के पिछले कार्यकाल में ओएसडी रहे हैं। इसके बाद उन्हें हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन भी नियुक्त किया गया था।
अपनी इस नियुक्ति के बारे में जवाहर सिंह यादव ने एक ट्वीट कर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। अपने ट्वीट में जवाहर सिंह यादव का कहना है, ‘मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता को एक बार पुनः दायित्व देने के लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar जी एवं शीर्ष नेतृत्व का हृदय से आभार धन्यवाद।’
मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता को एक बार पुनः दायित्व देने के लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar जी एवं शीर्ष नेतृत्व का हृदय से आभार धन्यवाद?? pic.twitter.com/EYiwuBSVAI
— Jawahar Yadav (@jawaharyadavbjp) January 24, 2023
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‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) के मराठी न्यूज चैनल ‘एबीपी माझा’ ने 24 जनवरी को मुंबई के Trident BKC होटल में अपने वार्षिक कार्यक्रम ‘शौर्य पुरस्कार’ का आयोजन किया।
‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) के मराठी न्यूज चैनल ‘एबीपी माझा’ (ABP Majha) ने 24 जनवरी को मुंबई के Trident BKC होटल में अपने वार्षिक कार्यक्रम ‘शौर्य पुरस्कार’ (Shourya Puraskar) का आयोजन किया। इस साल ‘शौर्य पुरस्कार’ उन आठ जांबाजों को प्रदान किए गए, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से दूसरों के लिए अपनी जान जोखिम में डाली। पुरस्कार प्राप्त करने वालों में किशोर गढ़े, नम्रता काले, प्रवीण राठौड़, दीपक घरात, लताबाई कोली, मयूर पाटिल, संजना पावड़े और सतीश कांबले शामिल थे।
इनमें किशोर गढ़े ने बाढ़ की चिंता न करते हुए नदी में छलांग लगा दी और डूब रहे तीन लोगों की जान बचाई। नम्रता काले ने भाई की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह न करते हुए कुएं में छलांग लगा दी। दीपक घरात ने आग में फंसे एक परिवार की जान बचाई।
गैस रिसाव के कारण लगी आग में फंसे 25 लोगों को निकालने के लिए प्रवीण राठौड़ को सम्मानित किया गया। लताबाई कोली ने बाढ़ के पानी में 13 घंटे तक तैरकर तेंदुए से अपनी जान बचाई।
मयूर पाटिल को चाकू के हमले से एक लड़की की जान बचाने पर अनुकरणीय साहस दिखाने के लिए पुरस्कार मिला, जबकि इस हमले में वह खुद घायल हो गए। इस अवॉर्ड को पाने वालों में शामिल संजना पावड़े अपने पति को बचाने के लिए एक तेंदुए से भिड़ गईं। सतीश कांबले को मरणोपरांत इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें स्कूल बस चलाते समय दिल का दौरा पड़ा था, फिर भी वे बस को नियंत्रित करने और उसे रोकने में कामयाब रहे, जिससे बस में बैठे बच्चों की जान बच गई। यह सम्मान उनकी पत्नी प्रमिला को मिला।
कार्यक्रम में मौजूद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, मुंबई पुलिस के आयुक्त विवेक फनसालकर और जाने-माने टीवी व फिल्म अभिनेता शिवाजी साटम ने भी इन बहादुरों के जज्बे को सलाम किया और उन्हें सम्मानित किया।
बता दें कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य महाराष्ट्र के उन आमजन को एक नई पहचान देना और उन्हें सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी वीरता और साहस का परिचय दिया है औऱ अपनी जान की परवाह न करते हुए वीरता का परिचय दिया है और लोगों की जान बचाई है।
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