छोटे शहरों के पत्रकारों पर ज्यादा केस, गिरफ्तारी का खतरा भी ज्यादा: रिपोर्ट

छोटे शहरों व कस्बों के पत्रकारों को बड़े शहरों के मुकाबले ज्यादा आपराधिक मुकदमों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, इन पत्रकारों को गिरफ्तारी व हिरासत में लिए जाने का खतरा भी कहीं ज्यादा होता है।

Last Modified:
Friday, 16 May, 2025
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देश में छोटे शहरों और कस्बों में काम करने वाले पत्रकारों को बड़े शहरों के मुकाबले ज्यादा आपराधिक मुकदमों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, इन पत्रकारों को गिरफ्तारी और हिरासत में लिए जाने का खतरा भी कहीं ज्यादा होता है। 'इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी एक बड़ी वजह यह है कि उन्हें हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जैसी न्यायिक राहतें उतनी आसानी से नहीं मिल पातीं, जितनी बड़े शहरों के पत्रकारों को मिलती हैं।

यह बातें ‘Pressing Charges’ नाम की एक रिपोर्ट में सामने आई हैं, जो भारत में पत्रकारों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का अध्ययन है। इस रिपोर्ट को नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, ट्रायलवॉच (जो क्लूनी फाउंडेशन फॉर जस्टिस की पहल है) और ह्यूमन राइट्स इंस्टीट्यूट ने मिलकर तैयार किया है। इसे मंगलवार को जारी किया गया।

2012 से 2022 के बीच 427 पत्रकारों पर 624 बार केस दर्ज

रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 से 2022 के बीच देश के 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 427 पत्रकारों के खिलाफ 624 आपराधिक मामले दर्ज किए गए। इनमें से 60 पत्रकारों पर एक से ज्यादा बार केस दर्ज हुए। हर केस को अलग घटना के तौर पर गिना गया है।

624 मामलों में से 243 छोटे शहरों और कस्बों में दर्ज हुए, जबकि 232 मामले मेट्रो शहरों में दर्ज किए गए।

किन वजहों से दर्ज हुए केस?

रिपोर्ट में बताया गया कि सबसे ज्यादा केस तब दर्ज हुए जब पत्रकारों ने जनप्रतिनिधियों या सरकारी अधिकारियों पर रिपोर्टिंग की। ऐसी रिपोर्टिंग के चलते 147 मामलों में एफआईआर हुई। इसके अलावा धर्म और आंदोलनों पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर भी एफआईआर दर्ज की गईं।

बड़े शहरों में काम करने वाले पत्रकारों पर आमतौर पर "दंगा भड़काने" जैसे आरोप लगाए गए, जबकि छोटे शहरों में “सरकारी काम में बाधा डालने” या “सरकारी अफसर से दुर्व्यवहार” जैसे मामले ज्यादा देखे गए।

मानहानि (defamation) के केस ज्यादातर बड़े शहरों के अंग्रेजी मीडिया से जुड़े पत्रकारों पर दर्ज हुए।

रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि स्थानीय स्तर पर काम करने वाले पत्रकार सीधे घटनाओं की रिपोर्टिंग करते हैं, जिससे लोकल प्रशासन पर असर होता है। वहीं बड़े शहरों में संसाधन संपन्न लोग निजी शिकायतों के जरिये मानहानि के केस दर्ज कराते हैं।

ज्यादा गिरफ्तार हुए छोटे शहरों के पत्रकार

रिपोर्ट कहती है कि छोटे शहरों में पत्रकारों की गिरफ्तारी की संभावना कहीं ज्यादा होती है। कुल मामलों में 40% मामलों में गिरफ्तारी हुई, लेकिन मेट्रो शहरों में यह आंकड़ा 24% था, जबकि छोटे शहरों में 58% मामलों में गिरफ्तारी हुई।

बड़े शहरों के पत्रकारों को अक्सर गिरफ्तारी से पहले ही कोर्ट से सुरक्षा (अग्रिम ज़मानत या गिरफ्तारी पर रोक) मिल जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, 65% मामलों में मेट्रो शहरों के पत्रकारों को ऐसी राहत मिली, लेकिन छोटे शहरों में यह आंकड़ा सिर्फ 3% था।

ट्रायल पर रोक भी बड़े शहरों तक सीमित

जहां हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट ने केस के ट्रायल पर रोक लगाई, उनमें से 89% मामले मेट्रो शहरों के पत्रकारों से जुड़े थे। छोटे शहरों के किसी भी पत्रकार को ऐसी राहत नहीं मिल सकी।

रिपोर्ट से साफ होता है कि छोटे शहरों के पत्रकारों पर न केवल ज्यादा केस दर्ज होते हैं, बल्कि उन्हें कानूनी सुरक्षा भी बहुत कम मिल पाती है। उनकी गिरफ्तारी की संभावना ज्यादा होती है और कोर्ट से राहत पाने की संभावना कम। वहीं बड़े शहरों में पत्रकारों को ज्यादा संरक्षण मिलता है, खासकर जब वे संसाधनों और संपर्कों से लैस होते हैं। 

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UFO Moviez व Qube Cinema को NCLAT से नहीं मिली राहत, दो हफ्ते में भरना होगा जुर्माना

NCLAT ने प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसमें UFO Moviez India और Qube Cinema Technologies पर प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार के आरोप में आर्थिक दंड लगाया गया था।

Last Modified:
Thursday, 12 June, 2025
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नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसमें UFO Moviez India और Qube Cinema Technologies पर प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार के आरोप में आर्थिक दंड लगाया गया था।

NCLAT ने स्पष्ट किया कि इस मामले में “संतुलन CCI के पक्ष में है” और “प्रथम दृष्टया मामला” भी आयोग के समर्थन में प्रतीत होता है।

ट्रिब्यूनल ने कहा, “ऐसे हालात में हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि उपलब्ध तथ्यों के आधार पर विवादित आदेश पर स्थगन देना उचित नहीं है।”

दोनों कंपनियों पर करोड़ों का जुर्माना

16 अप्रैल को CCI ने UFO Moviez और उसकी यूनिट Scrabble Digital पर 1.04 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, जबकि Qube Cinema Technologies पर 1.66 करोड़ रुपये का दंड तय किया गया था। यह मामला उन समझौतों से जुड़ा है, जिनमें डिजिटल सिनेमा उपकरण किराए पर देने वाली कंपनियों — जैसे UFO और Qube — पर थिएटर मालिकों के साथ प्रतिस्पर्धा विरोधी शर्तें लागू करने का आरोप है।

इन कंपनियों ने इस आदेश को चुनौती देते हुए NCLAT का रुख किया था, जो CCI के आदेशों की अपील के लिए अधिकृत मंच है। हालांकि, ट्रिब्यूनल ने जुर्माने की प्रक्रिया को रोकने से इनकार कर दिया, लेकिन दोनों कंपनियों को कुल जुर्माने की 25% राशि दो सप्ताह के भीतर जमा करने का निर्देश दिया।

चार सप्ताह में जवाब, 1 अगस्त को अंतिम सुनवाई

NCLAT ने कहा, “हम पहले ही एक अलग आदेश में 25 प्रतिशत राशि जमा करने का निर्देश दे चुके हैं, जिसे दो हफ्तों में पूरा करना होगा।” साथ ही ट्रिब्यूनल ने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही अंतरिम रोक की याचिका खारिज की जाती है, फिर भी जवाब देने के लिए चार सप्ताह और प्रतिवाद दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया जाता है।

अब इस मामले की अंतिम सुनवाई 1 अगस्त को निर्धारित की गई है।

सिनेमा मालिकों की आज़ादी पर लगाई गई थी शर्तें

CCI की जांच में सामने आया कि UFO और Qube ने अपने थिएटर ऑपरेटर ग्राहकों के साथ हुए लीज समझौतों में ऐसी शर्तें रखीं जिनसे पोस्ट-प्रोडक्शन सामग्री के स्रोत चुनने की स्वतंत्रता सीमित हो गई। ये शर्तें अन्य पोस्ट-प्रोडक्शन सेवा प्रदाताओं के लिए बाधा बन रही थीं।

भारतीय डिजिटल सिनेमा इक्विपमेंट (DCE) बाजार में UFO और Qube की हिस्सेदारी क्रमशः 34% और 47% पाई गई।

फिल्म रील से डिजिटल माध्यम पर हुए बदलाव ने DCE प्रदाताओं की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण बना दिया है क्योंकि अब फिल्में डिजिटल फॉर्म में ही वितरित और प्रदर्शित होती हैं।

रिपोर्ट और आदेश में सामंजस्य: NCLAT

NCLAT ने CCI की जांच रिपोर्ट और अंतिम आदेश का बारीकी से अध्ययन करते हुए कहा, “हमें DG की रिपोर्ट और आयोग का आदेश आपस में मेल खाते प्रतीत होते हैं। इनमें स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि सामग्री को लेकर लगाए गए प्रतिबंध ‘मास्टरिंग प्रक्रिया’ के बाद के चरणों पर लागू होते हैं।”

 ट्रिब्यूनल ने कहा, “समझौतों की शर्तों के अनुसार, तीसरे पक्ष की सामग्री DCE पर चलाई जा सकती है, लेकिन CTO (Cinema Theatre Owners) को इसके लिए ₹20,000 का भुगतान करना होगा और वह भी तब जब मूल प्रदाता कंटेंट उपलब्ध न करा सके।”

अंत में NCLAT ने यह भी माना कि समझौतों की शर्तों के कारण CTO उन फिल्म निर्माताओं से दूरी बना लेते हैं जिन्होंने Scrabble Digital से अपनी पोस्ट-प्रोडक्शन सेवाएं नहीं ली हैं। यह व्यवहार प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 3(4)(d) का उल्लंघन है।

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प्रो. गौरव वल्लभ बने पीएम मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य

प्रो. वल्लभ भारतीय प्रबंधन संस्थानों (IIMs) में अध्यापन कर चुके हैं और वित्तीय विषयों पर उनके कई शोधपत्र प्रतिष्ठित जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं।

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Thursday, 12 June, 2025
Gourav Vallabh

राजनीति और शिक्षा—दोनों क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके प्रो. गौरव वल्लभ को केंद्र सरकार ने एक अहम जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें 10 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) में बतौर सदस्य मनोनीत किया गया है।

प्रो. वल्लभ भारतीय प्रबंधन संस्थानों (IIMs) में अध्यापन कर चुके हैं और वित्तीय विषयों पर उनके कई शोधपत्र प्रतिष्ठित जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्हें एकेडमिक जगत के साथ-साथ सार्वजनिक बहसों—विशेषकर टीवी डिबेट्स—में भी सक्रिय भागीदारी के लिए जाना जाता है, जहां वे तर्क और तथ्यों के आधार पर अपनी बात प्रभावशाली ढंग से रखते हैं।

बताया जा रहा है कि अब वे प्रधानमंत्री को आर्थिक विकास, महंगाई, वैश्विक अर्थव्यवस्था और नीति-निर्धारण जैसे विविध विषयों पर सलाह देंगे। उल्लेखनीय है कि EAC-PM सरकार द्वारा गठित एक स्वतंत्र संस्था है, जो प्रधानमंत्री को देश की आर्थिक रणनीति और दीर्घकालिक नीतियों पर मार्गदर्शन देती है।

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मोदी सरकार के 11 साल: मीडिया प्रतिनिधियों से मिले बीजेपी के टॉप लीडर्स

कार्यक्रम में मीडिया की भूमिका, संवाद की जरूरत और सरकार के 11 वर्षों के दौरान हुए सामाजिक-आर्थिक बदलावों पर चर्चा हुई।

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Thursday, 12 June, 2025
Media Meet

मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 10 जून को दिल्ली स्थित भारत मंडपम में एक विशेष संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर केंद्र सरकार की प्रमुख उपलब्धियों पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद मीडिया प्रतिनिधियों और सरकार के शीर्ष नेताओं के बीच अनौपचारिक चर्चा और लंच का आयोजन हुआ।

इस संवाद कार्यक्रम में देश के प्रमुख टीवी एंकर, संपादक और वरिष्ठ पत्रकार शामिल हुए। चर्चा के केंद्र में मीडिया की भूमिका, जन संवाद की आवश्यकता, और बीते 11 वर्षों में देश में हुए सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन रहे।

कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, रेलवे, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राज्यसभा सांसद और पार्टी प्रवक्ता अनिल बलूनी, बीजेपी के मीडिया विभाग प्रभारी संजय मयूख, और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय की उपस्थिति रही।

‘गुड न्यूज टुडे’ व ‘इंडिया टुडे’ के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद; ‘प्रसार भारती’ के कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी; ‘टीवी9 नेटवर्क’ के न्यूज डायरेक्टर हेमंत शर्मा; ‘द लल्लनटॉप’ के एडिटर सौरभ द्विवेदी; ‘टीवी9’ भारतवर्ष के सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर निशांत चतुर्वेदी; ‘नेटवर्क18’ समूह के कंसल्टिंग एडिटर शमशेर सिंह, ‘गुड न्यूज टुडे’ की मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह, ’ न्यूज18 इंडिया’ के कंसल्टिंग एडिटर रुबिका लियाकत; ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ के कंसल्टिंग एडिटर सुशांत सिन्हा; 'एनडीटीवी इंडिया' में एडिटर/एंकर आशुतोष चतुर्वेदी;‘इंडिया टीवी’ की न्यूज एंकर मीनाक्षी जोशी; ‘आजतक’ की एंकर नेहा बाथम और ‘एएनआई’ की एडिटर-इन-चीफ स्मिता प्रकाश समेत मीडिया जगत के तमाम जाने-माने चेहरे शामिल थे।

इस अवसर की खास झलकियां आप यहां देख सकते हैं, जिनमें सरकार और मीडिया के बीच खुले संवाद की झलक देखने को मिली।

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IIT खड़गपुर के यंग इनोवेटर्स प्रोग्राम में वसंत वैली की 'टीम एम्प्लिफाई' को मिली ये सफलता

'टीम एम्प्लिफाई' का प्रोजेक्ट इसलिए खास रहा क्योंकि उसमें स्थायित्व (sustainability), डिजाइन और यूजर्स की भागीदारी का बहुत ही सहज और प्रभावशाली मेल देखने को मिला।

Last Modified:
Wednesday, 11 June, 2025
VasantValley784

दिल्ली स्थित वसंत वैली स्कूल की कक्षा 11 के तीन विद्यार्थियों- प्रसन्न बत्रा, अवनी गांधी और मेहर रहमत होरा ने IIT खड़गपुर द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित यंग इनोवेटर्स प्रोग्राम में तीसरा स्थान हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय सफलता पाई है। इस प्रतियोगिता में देशभर से 3,500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया था। विजेता टीम को ₹5,000 की पुरस्कार राशि से भी सम्मानित किया गया।

'टीम एम्प्लिफाई' का प्रोजेक्ट इसलिए खास रहा क्योंकि उसमें स्थायित्व (sustainability), डिजाइन और यूजर्स की भागीदारी का बहुत ही सहज और प्रभावशाली मेल देखने को मिला। उनके प्रोजेक्ट KinetiKick ने यह दिखाया कि सोच-समझकर किया गया इनोवेशन किस तरह से इंसानी रोजमर्रा की गतिविधियों (जैसे चलना-फिरना) को नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) के स्रोत में बदल सकता है। इस तरह यह प्रोजेक्ट जागरूकता और वास्तविक कार्रवाई के बीच की दूरी को पाटने का काम करता है। इस प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर आना सिर्फ उनकी तकनीकी कुशलता को नहीं दर्शाता, बल्कि यह भी दिखाता है कि उनकी सोच ऐसी समस्याओं के हल की ओर है, जिनकी आज दुनिया को जरूरत है- यानी स्थानीय, सबके लिए सुलभ और नई पीढ़ी द्वारा संचालित समाधान।

"यंग इनोवेटर्स प्रोग्राम" में मूल्यांकन के मानदंड मूल विचार (originality), व्यावहारिकता (feasibility) और वास्तविक दुनिया में उपयोग (real-world application) पर आधारित थे। इस कार्यक्रम ने छात्रों को प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं से बातचीत करने का मौका भी दिया, जिससे उन्हें व्यवहारिक समस्याओं को हल करने की गहरी समझ और उपयोगी सुझाव मिले।  

'टीम एम्प्लिफाई' की सफलता यह दर्शाती है कि अगली पीढ़ी के युवा न केवल समस्याएं समझते हैं, बल्कि उनके समाधान भी ऐसी दृष्टि से गढ़ते हैं जो व्यवहारिक और पर्यावरण-संवेदनशील हो। KinetiKick जैसे प्रोजेक्ट न केवल इनोवेशन को दिशा देते हैं, बल्कि जागरूकता और क्रियान्वयन के बीच की दूरी को पाटने में भी सहायक होते हैं।

यह उपलब्धि न सिर्फ टीम के तकनीकी कौशल की परिचायक है, बल्कि यह दिखाती है कि भारत की युवा प्रतिभाएं वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए कितनी सक्षम और तत्पर हैं।

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नोएडा में दो पत्रकार गिरफ्तार, वसूली और ब्लैकमेलिंग के गंभीर आरोप

नोएडा के सेक्टर 58 थाने में दर्ज एफआईआर में दोनों पर कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। गौतम बुद्ध नगर की अदालत ने दोनों आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

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Wednesday, 11 June, 2025
FIR Report

नोएडा पुलिस ने सोमवार को दो पत्रकारों को ‘भारत24’ की एंकर शाजिया निसार औऱ ‘अमर उजाला’ डिजिटल के आदर्श झा को कथित तौर पर वसूली और ब्लैकमेलिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। नोएडा के सेक्टर 58 थाने में दर्ज एफआईआर में दोनों पर कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। गौतम बुद्ध नगर की अदालत ने दोनों आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस के हवाले से बताया गया है कि शाजिया निसार के आवास से 34.5 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही, मोबाइल फोन, लैपटॉप और एक स्कॉर्पियो गाड़ी भी जब्त की गई है। पुलिस ने यह भी बताया कि उनके पास ऑडियो और वीडियो साक्ष्य हैं, जिनमें दोनों आरोपी कथित रूप से चैनल प्रबंधन से पैसे की मांग करते और धमकी देते हुए नजर आते हैं।

इस पूरे मामले में 'भारत24' के प्रबंधन की ओर से तीन अलग-अलग एफआईआर  दर्ज कराई गई हैं।

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपितों ने ‘भारत24’ के एक वरिष्ठ संपादक को यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी दी और 65 करोड़ की मांग की, जिसकी शुरुआत 5 करोड़ रुपये से हुई थी।

वहीं, नोएडा पुलिस का कहना है कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और यह संभावना है कि इस प्रकरण से जुड़ा कोई बड़ा ब्लैकमेल सिंडिकेट भी सक्रिय हो सकता है। पुलिस अन्य संबंधित लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है। फिलहाल दोनों पत्रकार न्यायिक हिरासत में हैं और आगे की पूछताछ के लिए पुलिस कोर्ट से रिमांड की मांग कर सकती है।

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अमर उजाला संवाद में बोले गौर गोपाल दास : उम्मीद पर ही सब टिका है

1992 में स्नातक करने के बाद पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से 1995 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री की और एक नामी कंपनी में नौकरी शुरू की थी।

Last Modified:
Wednesday, 11 June, 2025
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अमर उजाला के प्रतिष्ठित कार्यक्रम संवाद का आयोजन राजधानी देहरादून में किया गया। इस मंच से मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास ने कहा, उम्मीद ही एक रिश्ते का सबसे बड़ा आधार है, चाहे वो किसी तरह का रिश्ता हो। ये उम्मीद हर तरफ है, पढ़ाई, करियर में यहां तक की अध्यात्म में भी उम्मीद है कि, एक दिन ईश्वर का दर्शन हो जाएगा और उम्मीद है कि मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी।

उम्मीद पर ही सारी दुनिया टिकी है। चाहे कुछ भी हो जाए, एक चीज कभी नहीं छूटनी चाहिए- उम्मीद। इस को जीतने की मानसिकता कहते हैं। एक बात तो पक्की है, सभी लड़ाई मन में लड़ी जाती है और वहीं जीतना मायने रखा है। अगर मन में हार गए तो हर जगह हार जाएंगे।

सोशल मीडिया में 51 लाख से अधिक अनुयायी वाले गौर गोपाल दास जाने-माने प्रेरक वक्ता व लाइफ कोच हैं। इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ने के बाद वे इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) से जुड़ गए। महाराष्ट्र में जन्मे गौर गोपाल दास ने कुसरो वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पुणे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। 1992 में स्नातक करने के बाद पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से 1995 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री की और एक नामी कंपनी में नौकरी शुरू की थी।

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अमर उजाला के मंच पर बोले राजनाथ सिंह : पूरा कश्मीर एक होगा

रक्षा मंत्री ने कश्मीर के विषय पर कहा कि पाकिस्तान चाहकर भी कश्मीर में विकास के पहिये को नहीं रोक पा रहा है। इसके लिए उसने पहलगाम का हमला कराया।

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Wednesday, 11 June, 2025
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अमर उजाला के संवाद कार्यक्रम के मंच पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एक दिन पूरा कश्मीर एक होगा। जल्द पीओके भी कहेगा कि मैं भी भारत हूं। यह सब कैसे होगा इस पर अभी बात नहीं करूंगा। कार्यक्रम में मौजूद लोगों से उन्होंने दावे के रूप में कहा कि उन्हें विश्वास है कि आप सब कश्मीर को एक होता अपनी आंखों से देखेंगे।

इस दौरान उन्होंने भारत की आतंकवाद की लड़ाई में सरकार के दृढ़ संकल्प को भी दोहराया। साथ ही रक्षा क्षेत्र में भारत किस तरह आत्मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है इसका रोडमैप भी उन्होंने मंच से बताया। इसमें आने वाले दिनों में घरेलू कंपनियों पर ही दारोमदार रहेगा कि वह रक्षा उपकरणों की अधिक से अधिक आपूर्ति करेंगी।

रक्षा मंत्री ने कश्मीर के विषय पर कहा कि पाकिस्तान चाहकर भी कश्मीर में विकास के पहिये को नहीं रोक पा रहा है। इसके लिए उसने पहलगाम का हमला कराया। धर्म पूछकर लोगों को मारा। यह हमला केवल उन 26 लोगों पर नहीं था बल्कि यह भारत की एकता पर हमला था।

मगर, भारत सरकार का आतंकवाद के खिलाफ दृष्टिकोण और कार्रवाई दोनों पहले से अलग है। यह सभी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देख भी लिया है। उन्होंने मंच से फिर दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है बल्कि स्थगित है।

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अमर उजाला संवाद में बोले सीएम धामी : हमने संविधान सम्मत काम किया

सीएम धामी ने कहा कि भू-कानून से निवेशकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लोग यहां जमीन लेकर दुरुपयोग करते थे। हमने उसे रोकने, राज्य के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए ये कानून लाए हैं।

Last Modified:
Wednesday, 11 June, 2025
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अमर उजाला संवाद में यूसीसी पर कहा कि देश में पिछले कई माह से इस पर चर्चा हो रही है। समान नागरिक संहिता का प्रावधान भारत के संविधान में किया गया है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 में इसका प्रावधान किया गया है कि राज्य इसको लागू कर सकते हैं। हमने संविधान सम्मत काम किया है।

अमर उजाला संवाद में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मैं आप सभी लोगों का स्वागत करता हूं। नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के 11 वर्ष पूरे हो रहे हैं। स्वर्णिम कालखंड के ग्यारह वर्ष पूरे हो रहे है। ऐसे में मैं प्रधानमंत्री का हृदय से अभिनंदन करता हूं, उनको बधाई देता हूं। उन्होंने जो विकसित भारत की बात की है, उसके लिए यह जरूरी है कि राज्य भी विकसित हों।

लेकिन यह तभी संभव है जब उस राज्य के सभी विकासखंड, सभी जनपत, सभी पंचायत अपनी भूमिका का निर्वाहन करेंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री का गंगा मैया से एक रिश्ता है। मैं उनको गंगा पुत्र भी कह सकता हूं। जैसे गंगा मैया ने उन्हें बनारस बुलाया, वैसे ही अपने मायके बुलाया।

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दिल्ली में अमर उजाला-माय ज्योतिष का ज्योतिष महाकुंभ 14 जून को

इतिहास में छुपे ज्योतिष के राज पर पर्दा उठाने की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा भाग्य, ग्रहों की दशा, कुंडली, टैरो कार्ड, अंक ज्योतिष, वैदिक ज्योतिष जैसे कई विषयों पर भी विमर्श होगा।

Last Modified:
Tuesday, 10 June, 2025
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अमर उजाला और माय ज्योतिष की तरफ से एक बार फिर 'ज्योतिष महाकुंभ' का आयोजन किया जा रहा है। इस बार 'ज्योतिष महाकुंभ' का आयोजन 14 जून को दिल्ली में किया जा रहा है। इसमें देश के प्रतिष्ठित ज्योतिषाचार्य हिस्सा लेंगे। इस महाकुंभ में ज्योतिष शास्त्र के विभिन्न पहलुओं पर संवाद होगा।

ज्योतिषाचार्यों की ओर से ज्योतिष और विज्ञान के बीच संबंध पर बात होगी। इस दौरान इतिहास में छुपे ज्योतिष के राज पर पर्दा उठाने की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा भाग्य, ग्रहों की दशा, कुंडली, टैरो कार्ड, अंक ज्योतिष, वैदिक ज्योतिष जैसे कई विषयों पर भी विमर्श होगा।

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत रहेंगे, जबकि समापन समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के मुख्य अतिथि होंगी। जाने-माने ज्योतिषाचार्य पंडित केए दुबे पद्मेश, पंडित लेखराज, अजय भांबी, जीडी वशिष्ठ, जय प्रकाश शर्मा, चंद्रशेखर शास्त्री, रमेश सेमवाल, डॉ. संजीव श्रीवास्तव, जय मदान और शैलेंद्र पांडेय महाकुंभ में हिस्सा लेंगे।

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सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के दो पत्रकारों को दी राहत, गिरफ्तारी पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के दो पत्रकारों को अंतरिम गिरफ्तारी से राहत दी है।

Last Modified:
Tuesday, 10 June, 2025
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सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के दो पत्रकारों को अंतरिम गिरफ्तारी से राहत दी है। पत्रकारों ने आरोप लगाया है कि भिंड जिले के एसपी असित यादव और उनके मातहतों ने उन्हें अवैध हिरासत में लेकर शारीरिक हिंसा की, जातीय टिप्पणियां कीं और जान से मारने की धमकी दी।

इस मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने की। हालांकि कोर्ट ने फिलहाल अन्य राहत देने से इनकार करते हुए पत्रकारों को सलाह दी कि वे इस मामले में उचित राहत के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का रुख करें।

कोर्ट ने आदेश में कहा, "हम याचिका पर विचार नहीं कर रहे हैं, लेकिन लगाए गए आरोपों को देखते हुए, याचिकाकर्ता को आज से दो हफ्ते के भीतर हाईकोर्ट जाने की छूट दी जाती है। इस दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।"

पत्रकार शशिकांत जाटव और अमरकांत सिंह चौहान ने सुरक्षा की गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। दोनों का कहना है कि उन्होंने चंबल नदी क्षेत्र में अवैध रेत खनन की खबर प्रकाशित की थी, जिसे रेत माफिया कथित रूप से पुलिस की शह पर चला रहे हैं। इसी के बाद उन्हें निशाना बनाया गया।

याचिका में दावा किया गया है कि 1 मई को दोनों पत्रकारों का पहले अपहरण किया गया, फिर उन्हें हिरासत में लेकर मारपीट की गई और जातिगत गालियां दी गईं।

इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) भी सक्रिय हो चुका है। आयोग ने इस प्रकरण पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश पुलिस के डीजी को नोटिस भेजा था और दो हफ्ते के भीतर पूरी रिपोर्ट मांगी है।

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