हैप्पी बर्थडे मुनीश पुरी: निवेश बैंकिंग से ग्लोबल कंटेंट प्रोडक्शन तक आपने बनाई खास पहचान

उनके करियर का सफर ग्लोबल कैपिटल मार्केट्स, भारतीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय कंटेंट वेंचर्स में उनके योगदान का शानदार प्रतिबिंब पेश करता है।

Last Modified:
Sunday, 21 September, 2025
Munnish


आज मुनीश पुरी का जन्मदिन है, जिनका पेशेवर सफर निवेश बैंकिंग, मीडिया और अंतरराष्ट्रीय कंटेंट प्रोडक्शन जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है। अक्टूबर 2023 से वह Rainshine Global Inc. में सलाहकार के रूप में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) की भूमिका निभा रहे हैं।

वर्ष 2019 में, पुरी ने Rainbox Studios की स्थापना की, जो Rainshine की एक ब्रांच है और टेलीविजन व फिल्म प्रोजेक्ट्स डेवलप करती है। उनके नेतृत्व में Rainbox Studios ने Young Captain Nemo, Sahir Ludhianvi: The Wizard of Words, Spy King, और Tamak: The Rage Within जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम किया है। फीचर फिल्म प्रोजेक्ट्स में बिजोया, डिलीवरी ब्वॉय, और झमेल शामिल हैं। स्टूडियो ने कवि और गीतकार साहिर लुधियानवी की जीवनी के अनुकूलन अधिकार भी हासिल किए, जिसमें वर्षों की रिसर्च और डॉक्यूमेंटेशन शामिल थी।

इसके अलावा, पुरी ने क्रिकेट आधारित टेलीविजन गेम शो Ulta Fullta का प्रोडक्शन किया, जिसमें इरफान पठान, शोएब अख्तर, ब्रेट ली, अजित अग्रकर और अभिनेता नकुल मेहता जैसे कलाकार शामिल थे। वर्तमान भूमिका से पहले, पुरी 2021 से 2023 तक RainBlox में चीफ रिलेशनशिप ऑफिसर और फाइनेंसिंग लीड रहे, जहां उन्होंने भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और मध्य पूर्व में पार्टनरशिप और फाइनेंसिंग स्ट्रेटेजी संभाली।

2009 से 2019 तक, उन्होंने इंडियन फिल्म एडवाइजर्स (Indian Film Advisors) और ‘इंडियन फाइनेंसियल एडवाइजर्स’ (Indian Financial Advisors) की स्थापना और प्रबंधन किया। इन दोनों फर्मों ने “Only Content Matters” और “Only Trust Matters” के सिद्धांत के तहत लगभग एक दशक तक कंटेंट वेंचर्स और वित्तीय सलाहकार सेवाएं प्रदान कीं।

वर्ष 2007 से 2009 तक, पुरी ‘Bennett Coleman & Co. Ltd’ (Times Group) की सहायक कंपनी Mirchi Movies Limited में मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) रहे। उनके कार्यकाल में Mirchi Movies ने अपने प्रारंभिक पूंजी की तुलना में 15 गुना अधिक मूल्यांकन हासिल किया। उन्होंने Warner Bros Entertainment vs. HK & Others नामक महत्वपूर्ण इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स केस में भी कंपनी का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें अरुण जेटली और प्रतिभा सिंह के साथ काम किया।

2004 से 2007 तक, पुरी Bennett, Coleman & Co. Ltd. में COO रहे, जहां उन्होंने इवेंट्स मैनेजमेंट, आउट ऑफ होम और फिल्म्ड एंटरटेनमेंट बिजनेस का संचालन किया। उन्होंने फिल्म फेयर अवॉर्ड्स, फेमिना मिस इंडिया और मिस्टर इंडिया जैसे एंटरटेनमेंट एसेट्स का प्रबंधन किया। इसके अलावा, उन्होंने Times Out of Home की लॉन्चिंग और ‘एंटरटेनमेंट नेटवर्क इंडिया लिमिटेड’ (ENIL) की 2006 में सार्वजनिक सूचीबद्धता में योगदान दिया।

इसके पहले, पुरी ने Miracle Cinefilms Private Limited में Being Cyrus (2002–2004) का प्रोडक्शन किया और Miracle Entertainments Private Limited में एक इंटरनेट वेंचर में निवेश किया, जो बाद में टाटा ग्रुप के साथ साझेदारी में आया (2000–2002)।

पुरी ने अपना करियर 1995 से 2000 तक J.P. Morgan में वित्तीय क्षेत्र में शुरू किया, जहां उन्होंने मीडिया, टेक्नोलॉजी और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में प्राइवेट कंपनियों के लिए लगभग $1 बिलियन जुटाए। इसके पहले, उन्होंने अपने MBA के दौरान 1994 में Morgan Stanley में न्यूयॉर्क और मुंबई में इंटर्नशिप की।

उनके करियर का सफर ग्लोबल कैपिटल मार्केट्स, भारतीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय कंटेंट वेंचर्स में उनके योगदान का शानदार प्रतिबिंब पेश करता है।

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हैप्पी बर्थडे राकेश गोपाल: मेहनत, दूरदृष्टि और लीडरशिप का पर्याय हैं आप

अपनी पेशेवर यात्रा में उन्होंने विज्ञापन, कॉरपोरेट और राजस्व से जुड़े अहम पदों पर रहते हुए संस्थानों को नई दिशा देने का काम किया है।

Last Modified:
Sunday, 21 September, 2025
Rakesh Gopal

मीडिया इंडस्ट्री में ढाई दशक से ज्यादा का अनुभव रखने वाले सीनियर मीडिया प्रोफेशनल राकेश गोपाल आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर मीडिया जगत से जुड़े तमाम लोग उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं और उनकी अब तक की उपलब्धियों की सराहना कर रहे हैं।

राकेश गोपाल ने कुछ समय पहले ही ‘भारत एक्सप्रेस’ (Bharat Express) न्यूज नेटवर्क से अलग होकर एक बार फिर ‘राजस्थान पत्रिका’ (Rajasthan Patrika) के साथ बतौर नेशनल कॉरपोरेट हेड नई पारी की शुरुआत की है। ‘राजस्थान पत्रिका’ के साथ यह उनका दूसरा कार्यकाल है। इससे पहले भी वे यहां नेशनल कॉरपोरेट हेड रह चुके हैं।

करीब सवा दो साल पहले उन्होंने ‘राजस्थान पत्रिका’ से इस्तीफा देकर ‘भारत एक्सप्रेस’ जॉइन किया था, जहां वे चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

अब तक के करियर में राकेश गोपाल ने मीडिया जगत में कई प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ काम किया है। इसमें iTV नेटवर्क, इंडिया टुडे ग्रुप, एचटी मीडिया लिमिटेड और बिजनेस वर्ल्ड जैसे बड़े नाम शामिल हैं। अपनी पेशेवर यात्रा में उन्होंने विज्ञापन, कॉरपोरेट और राजस्व से जुड़े अहम पदों पर रहते हुए संस्थानों को नई दिशा देने का काम किया है।

मीडिया में अपनी मेहनत, दूरदृष्टि और लीडरशिप के लिए पहचाने जाने वाले राकेश गोपाल का मानना है कि इस इंडस्ट्री में निरंतर बदलाव के साथ खुद को अपडेट रखना और टीमवर्क ही सफलता की कुंजी है।

समाचार4मीडिया परिवार की ओर से राकेश गोपाल को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।

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उमंग बेदी: स्थानीय भाषाओं के जरिये डिजिटल इंडिया को दे रहे नया आयाम

आज उमंग बेदी का जन्मदिन है। उमंग ‘VerSe Innovation’ के सह-संस्थापक है। यही कंपनी ‘डेलीहंट’ (Dailyhunt), ‘जोश’ (Josh) और ‘पब्लिकवाइव’ (PublicVibe) जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म चला रही है।

Last Modified:
Saturday, 20 September, 2025
Umang Bedi

आज उमंग बेदी का जन्मदिन है। उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनियों से लेकर भारतीय स्टार्टअप्स तक एक ऐसा सफर तय किया है, जिसने भारत की डिजिटल दुनिया को नई दिशा दी है।

उमंग ‘VerSe Innovation’ के सह-संस्थापक है। यही कंपनी ‘डेलीहंट’ (Dailyhunt), ‘जोश’ (Josh) और ‘पब्लिकवाइव’ (PublicVibe) जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म चला रही है। ‘Dailyhunt’ देशभर के लोगों तक खबरें और जानकारी पहुंचाता है, ‘Josh’ युवाओं के लिए शॉर्ट-वीडियो प्लेटफॉर्म है और ‘PublicVibe’ हाइपरलोकल अपडेट्स के जरिये स्थानीय कम्युनिटीज को जोड़ता है।

VerSe की स्ट्रैटेजी ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ (AI) और देश की भाषायी विविधता पर आधारित है। कंपनी का मिशन है कि भाषा की बाधाओं को दूर करके एक अरब से ज्यादा लोगों को डिजिटल दुनिया की मुख्यधारा से जोड़ा जाए।

‘VerSe Innovation’ शुरू करने से पहले उमंग बेदी ‘फेसबुक (इंडिया और साउथ एशिया) के मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं। इससे पहले वे ‘Adobe South Asia’ और ‘Intuit’ जैसे ग्लोबल टेक्नोलॉजी ब्रैंड्स में भी वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके हैं।

बेदी ने पुणे यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की और बाद में ‘हॉर्वर्ड बिजनेस स्कूल’ (Harvard Business School) से मैनेजमेंट की पढ़ाई की। यह टेक्निकल और मैनेजमेंट दोनों बैकग्राउंड उन्हें प्रोडक्ट-ड्रिवन और उपभोक्ता-फोकस्ड कंपनियों को संभालने में मदद करता है।

उमंग बेदी केवल बिजनेस लीडर ही नहीं, बल्कि सामाजिक नेतृत्व से भी जुड़े हैं। वे Kamalnayan Bajaj Fellowship के फेलो और Aspen Global Leadership Network के सदस्य हैं। साथ ही, वे Librum, Mind O2 और InnerHour जैसी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी पहलों से भी जुड़े रहे हैं।

उमंग बेदी ने यह दिखाया है कि डिजिटल एक्सेस केवल टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि भारत की भाषाओं और विविधता को जोड़ने का जरिया भी है। उमंग बेदी को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।

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हैप्पी बर्थडे मिली ऐश्वर्या: भारतीय कहानियों को दी नई पहचान, खोले नए क्षितिज

‘दिल्ली विश्वविद्यालय’ के ‘हिंदू कॉलेज’ से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक मिली ऐश्वर्या ने जब पब्लिशिंग की दुनिया में कदम रखा तो उनके साथ जुनून, अनुशासन और जिज्ञासा भी थी, जो आगे चलकर उनकी पहचान बनी।

Last Modified:
Friday, 19 September, 2025
Milee

‘Penguin Random House India’ में ‘Adult Publishing Group’ की पब्लिशर मिली ऐश्वर्या (Milee Ashwarya) का आज जन्मदिन है। यह मौका भारतीय पब्लिशिंग जगत में उनके शानदार सफर को याद करने का भी है, एक ऐसा सफर जिसने अनगिनत आवाजों को परवाज दी और भारतीय कहानियों को कहने और समझने का तरीका बदल दिया।

‘दिल्ली विश्वविद्यालय’ के हिंदू कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक मिली ऐश्वर्या ने जब पब्लिशिंग की दुनिया में कदम रखा तो उनके साथ जुनून, अनुशासन और जिज्ञासा भी थी, जो आगे चलकर उनकी पहचान बनी। वर्षों की मेहनत और उपलब्धियों के बाद वे आज इस खास मुकाम पर पहुंची हैं, जहां वे Ebury, Vintage, Penguin Business समेत कई इम्प्रिंट्स की जिम्मेदारी संभालती हैं। उनके संपादकीय अनुभव ने फिक्शन, नॉन-फिक्शन, बिजनेस, संस्मरण और लाइफस्टाइल जैसी शैलियों में बेहतरीन किताबें पाठकों तक पहुंचाई हैं, जिससे वे भारतीय पब्लिशिंग जगत की सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में शामिल हो चुकी हैं।

मिली ऐश्वर्या ने वैश्विक और भारतीय साहित्य की कई बड़ी हस्तियों के साथ काम किया है, जिनमें ऑरहान पामुक, सलमान रुश्दी, सुधा मूर्ति और देवदत्त पटनायक जैसे नाम शामिल हैं। साथ ही उन्होंने नए और कम सुने गए लेखकों को भी मंच दिया है। उनकी बनाई सूचियां विविधता और समावेशन की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं, जिससे भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर किताबों के जरिये सामने आती है।

उनके करियर की खासियत यह भी रही है कि वे समय के साथ बदलती सांस्कृतिक धारणाओं को पहचानकर उन्हें प्रकाशन के माध्यम से पाठकों तक पहुंचाती रहती हैं। चाहे वह आत्मकथाएं हों जो संघर्ष और हौसले की कहानियां सुनाती हैं, नारीवादी लेखन जो परंपराओं को चुनौती देता है, या फिर Penguin Veer जैसी पहल जो भारतीय सशस्त्र बलों की कहानियों को सम्मान देती है। मिली ऐश्वर्या ने हमेशा भारतीय पाठकों के सामने नए क्षितिज खोले हैं।

तेजी से बदलते दौर में उन्होंने डिजिटल फॉर्मेट्स, पाठकों के बदलते व्यवहार और अधिक समावेशी कहानी कहने की जरूरत को स्वीकार किया है। उनका नेतृत्व इस विश्वास को और मज़बूत करता है कि किताबें सिर्फ उत्पाद नहीं होतीं, बल्कि वे विचार, पहचान और खोज का ताकतवर माध्यम होती हैं।

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'रोहित सरदाना स्मृति व्याख्यान’ 21 सितंबर को कुरुक्षेत्र में

प्रेरणा’ कुरुक्षेत्र की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में पत्रकारिता जगत की कई प्रमुख हस्तियां होंगी शामिल

Last Modified:
Tuesday, 16 September, 2025
Rohit Sardana

वरिष्ठ पत्रकार और तेजतर्रार एंकर्स में शुमार रहे दिवंगत रोहित सरदाना की याद में ‘प्रेरणा’ कुरुक्षेत्र के तत्वावधान में ‘रोहित सरदाना स्मृति व्याख्यान’ का आयोजन रविवार, 21 सितंबर 2025 को सुबह 10:30 बजे प्रेरणा वृद्धाश्रम परिसर में किया जाएगा।

इस मौके पर पत्रकारिता जगत की कई प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। ‘डीडी न्यूज’ के वरिष्ठ सलाहकार संपादक प्रखर श्रीवास्तव और ‘तक’ चैनल्स इंडिया टुडे ग्रुप के वरिष्ठ संपादक नीरज गुप्ता कार्यक्रम में मुख्य वक्ता होंगे।

‘प्रेरणा’ की अध्यक्ष रेणु खुग्गर और संस्थापक व संचालक डॉ. जय भगवान सिंगला की ओर से दी गई सूचना के मुताबिक कार्यक्रम की अध्यक्षता ‘कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय’ के कुलसचिव लेफ्टिनेंट (डॉ.) वीरेंद्र पाल करेंगे।

‘बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय’, रोहतक में हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. बाबू राम भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे। हरिकेश पपोसा कार्यक्रम में संयोजक की भूमिका में रहेंगे।

गौरतलब है कि रोहित सरदाना देश के जाने-माने टीवी पत्रकार और एंकर थे। वह अपनी तेज-तर्रार एंकरिंग और धारदार डिबेट्स के लिए जाने जाते थे। ‘आजतक’ और ‘जी न्यूज’ जैसे बड़े न्यूज चैनलों पर उन्होंने लंबे समय तक काम किया। 2021 में कोरोना संक्रमण के दौरान उनका निधन हो गया था।

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बिहार में पत्रकार की पिटाई का मामला गरमाया, तेजस्वी यादव ने थाने पहुंचकर दर्ज कराई FIR

बिहार में एक पत्रकार की पिटाई का मामला अब सियासी रंग ले चुका है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सोमवार को खुद थाने पहुंचे और नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

Last Modified:
Tuesday, 16 September, 2025
TejaswiYadav889

बिहार में एक पत्रकार की पिटाई का मामला अब सियासी रंग ले चुका है। घटना पर संज्ञान लेते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सोमवार को खुद थाने पहुंचे और पीड़ित पत्रकार से मुलाकात कर नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इस दौरान उन्होंने पुलिस अधीक्षक से भी सीधे बात की और सोशल मीडिया पर मंत्री को कठघरे में खड़ा करते हुए तीखा हमला बोला।

क्या है पूरा मामला

रविवार रात नगर विकास मंत्री जीवेश कुमार सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के रामपट्टी गांव में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान यूट्यूबर पत्रकार दिलीप कुमार सहनी ने इलाके की बदहाल सड़कों पर सवाल पूछ लिया। आरोप है कि इससे मंत्री भड़क उठे और पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की करने के बाद अपने सुरक्षाकर्मियों से उसकी पिटाई करवाई। मारपीट के दौरान पत्रकार के चेहरे से खून बहने लगा और उसके कपड़े भी फट गए। इस घटना के बाद क्षेत्र का माहौल तनावपूर्ण हो गया।

तेजस्वी यादव का बयान

घटना के बाद तेजस्वी यादव ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “बिहार सरकार में शहरी विकास मंत्री जीवेश मिश्रा से एक अतिपिछड़ा समाज के पत्रकार ने सड़क की बदहाल स्थिति पर सवाल किया तो मंत्री ने रात के अंधेरे में उसे बेरहमी से पीटा और अपशब्द कहे। नकली दवा बेचने और दवा चोरी के मामले में सजायाफ्ता रहे मंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में बैठे हैं और अब पत्रकारों को पीटकर दबाने का काम कर रहे हैं।”

थाने में FIR दर्ज

सोमवार सुबह तेजस्वी यादव अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचे और पीड़ित पत्रकार के साथ बातचीत करने के बाद औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। इस मौके पर उन्होंने कहा, “दरभंगा में हम लोगों ने FIR कराया है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि नेता प्रतिपक्ष को खुद थाने जाकर शिकायत दर्ज करनी पड़ रही है। 2005 से पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। आज पत्रकारों को गाली देकर पीटा जा रहा है और गुंडों को मंत्री बना दिया गया है। ऐसे लोग बिहार का भला कैसे करेंगे।” 

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‘मायानगरी’, ‘बही खाता’ और ‘सैर सपाटा’ ने InKhabar को दिलाई 25 मिलियन की रीच

डिजिटल न्यूज और कंटेंट इकोसिस्टम में अग्रणी 'इनखबर' (InKhabar) ने तीन ओरिजिनल शो 'मायानगरी', 'बही खाता' और 'सैर सपाटा' के सफल लॉन्च के साथ एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।

Last Modified:
Monday, 15 September, 2025
Bahikhata7845

डिजिटल न्यूज और कंटेंट इकोसिस्टम में अग्रणी 'इनखबर' (InKhabar) ने तीन ओरिजिनल शो 'मायानगरी', 'बही खाता' और 'सैर सपाटा' के सफल लॉन्च के साथ एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। कुल मिलाकर, ये शो यूट्यूब, इंस्टाग्राम, एक्स, फेसबुक और इनखबर के अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 2.5 करोड़ दर्शकों तक पहुंच चुके हैं, जो भारत के डिजिटल इकोसिस्टम में ब्रैंड के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।

'मायानगरी' मनोरंजन जगत में एक सांस्कृतिक परिघटना के रूप में उभरी है, जो सिर्फ फिल्मों के अपडेट और बॉलीवुड की चर्चाओं से कहीं आगे निकल गई है। अब यह आधुनिक पॉप संस्कृति को परिभाषित करने वाली हर चीज के लिए एक निश्चित गंतव्य बन गई है, जहां सेलिब्रिटी एक्सक्लूसिव, तीखी समीक्षाएं और जीवनशैली के रुझानों को एक जीवंत प्रारूप में समाहित किया गया है जिसके बारे में दर्शक बात करना बंद नहीं कर सकते।

मनोरंजन इंडस्ट्री के ग्लैमर और जोश को दर्शाने की अपनी बेजोड़ क्षमता के साथ, मायानगरी लोगों की राय को आकार देने, बातचीत शुरू करने और लाखों लोगों की आकांक्षाओं को प्रभावित करने में सफल रही है। विज्ञापनदाताओं के लिए, यह भारत के सबसे अधिक जुड़े और महत्वाकांक्षी युवाओं के दिलों और दिमागों तक पहुँचने का एक सुनहरा द्वार बन गया है, जो जीवनशैली, विलासिता और मनोरंजन-आधारित ब्रांडिंग के अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है।

'बही खाता' और 'सैर सपाटा' ने मिलकर भारतीयों के वित्त, यात्रा और संस्कृति से जुड़ने के तरीके को बदल दिया है। बही खाता वित्तीय स्पष्टता का एक केंद्र बन गया है, जिसने जटिल बाजार गतिविधियों, आईपीओ रुझानों और निवेश रणनीतियों को सरल और व्यावहारिक अंतर्दृष्टि में बदल दिया है, जो अनुभवी निवेशकों और पहली बार कारोबार करने वाले निवेशकों, दोनों का ध्यान आकर्षित करती है। इस बीच, 'सैर सपाटा' रोजमर्रा के भारत की धड़कन बन गया है, जो यात्रा, संस्कृति और जीवनशैली को एक गतिशील कहानी कहने की यात्रा में पिरोता है जो देश के रंगों, स्वादों और अनुभवों को जीवंत करता है।

ये शो मिलकर ऐसे आंदोलनकारी मंच हैं जहां विज्ञापनदाता महत्वाकांक्षा, अन्वेषण और खोज के साथ जुड़ सकते हैं, और ऐसे दर्शकों तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं जो सूचित, प्रेरित और बड़े पैमाने पर जुड़ने के लिए तैयार हैं।

इस उपलब्धि पर बोलते हुए, आईटीवी नेटवर्क, डिजिटल के सीईओ, अक्षांश यादव ने कहा, "ये ओरिजिनल आईपी ऐसे फलते-फूलते समुदाय हैं जहां लाखों दर्शक घर जैसा महसूस करते हैं। विज्ञापनदाताओं के लिए, ये दर्शकों के साथ प्रामाणिक और स्थायी तरीके से जुड़ने के लिए विश्वसनीय माध्यम हैं। जैसे-जैसे डिजिटल उपभोग विकसित हो रहा है, मायानगरी, बही खाता और सैर सपाटा ब्रांडेड कंटेंट और विज्ञापन के भविष्य को आकार देने में सबसे आगे हैं।"

आईटीवी फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा, "पारंपरिक समाचार वितरण से कंटेंट-संचालित जुड़ाव की ओर बदलाव स्पष्ट है। इनखबर जैसे प्लेटफॉर्म अब केवल समाचार माध्यम नहीं रह गए हैं। वास्तव में, ये कंटेंट के क्षेत्र में एक शक्तिशाली मंच हैं जो ऐसे मूल प्रारूप तैयार कर रहे हैं जिन्हें दर्शक पढ़ना चाहते हैं। यह बदलाव ब्रांडों के लिए आकर्षक, उच्च-मूल्यवान कंटेंट के साथ सहजता से जुड़ने का एक उपजाऊ आधार तैयार करता है।"

25 मिलियन दर्शकों की मजबूत संख्या और तेजी से विकास के साथ, इनखबर के मूल शो विज्ञापनदाताओं के लिए अद्वितीय अवसर खोल रहे हैं, जिनमें जागरूकता पैदा करने से लेकर प्रीमियम, उच्च-प्रभाव वाली डिजिटल कहानी कहने के माध्यम से ब्रांड निष्ठा और रूपांतरण को बढ़ावा देना शामिल है।

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अब इस मामले में पत्रकार सिद्दीक कप्पन के खिलाफ केस हुआ दर्ज

केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन एक बार फिर सुर्खियों में हैं। UAPA मामले में जमानत पर बाहर चल रहे कप्पन को शनिवार को कोच्चि पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

Last Modified:
Monday, 15 September, 2025
SiddiqueKappan7896

केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन एक बार फिर सुर्खियों में हैं। UAPA मामले में जमानत पर बाहर चल रहे कप्पन को शनिवार को कोच्चि पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ 10 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया। पुलिस का कहना है कि सभी पर गैरकानूनी सभा करने, सार्वजनिक मार्ग अवरुद्ध करने और पुलिस अधिकारियों से हाथापाई के आरोप लगाए गए हैं।

यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब कप्पन और अन्य लोग महाराष्ट्र एटीएस द्वारा रेजास एम. शीबा सिद्दीक की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। शीबा सिद्दीक के खिलाफ उनके कथित बयान को लेकर ऑपरेशन ‘सिंदूर’ मामले में केस दर्ज किया गया था।

पुलिस के मुताबिक, यह प्रदर्शन रेजास सॉलिडैरिटी फोरम की ओर से आयोजित किया गया था। कप्पन ने हाईकोर्ट जंक्शन के पास सभा को संबोधित भी किया था। गिरफ्तार लोगों में अधिवक्ता प्रमोद पुज़्हंकरा, सी.पी. राशीद, साजिद खालिद, डॉ. हरी, भबुराज भगवती, अंबिका और मृदुला भवानी शामिल हैं।

पुलिस का कहना है कि करीब 30 लोगों की भीड़ ने बिना अनुमति सार्वजनिक स्थल पर माइक लगाकर नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे राहगीरों को परेशानी हुई। जब पुलिस ने उन्हें हटने के लिए कहा तो प्रदर्शनकारियों ने विरोध किया, जिसके बाद बल प्रयोग करके उन्हें तितर-बितर किया गया।

इस मामले में एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 189(2), 190 और 285 के अलावा केरल पुलिस अधिनियम की धाराओं 118(e) और 117(e) के तहत दर्ज की गई है। आरोपों में अवैध जमावड़ा और सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने जैसे प्रावधान शामिल हैं।

रेजास सिद्दीक, जो छात्र कार्यकर्ता और स्वतंत्र पत्रकार हैं, को मई 2025 में नागपुर से गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन कागर (माओवादी विरोधी अभियान) के खिलाफ पोस्ट किए। इस मामले में उन पर UAPA के तहत केस दर्ज किया गया है।

पत्रकार सिद्दीक कप्पन को पहली बार अक्टूबर 2020 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था, जब वे हाथरस रेप केस की कवरेज के लिए जा रहे थे। उन पर UAPA की धाराओं में मामला दर्ज हुआ था। वर्तमान में वे उसी मामले में जमानत पर बाहर हैं। 

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NHRC ने पत्रकार सहदेव डे के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का दिया निर्देश

38 वर्षीय सहदेव डे, जो स्थानीय न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक अंडमान’ के मालिक थे, का शव उत्तर अंडमान जिले के देशबंधु नगर स्थित एक खेत में इस साल 1 अप्रैल को मिला था। वह 29 मार्च से लापता थे।

Last Modified:
Saturday, 13 September, 2025
Sahdevdey8745

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने निर्देश दिया है कि उस पत्रकार के परिजनों को दो सप्ताह के भीतर 10 लाख रुपये का भुगतान किया जाए, जिसका जला हुआ शव 2 अप्रैल को उत्तर अंडमान जिले के दिगलिपुर में मिला था।

38 वर्षीय सहदेव डे, जो स्थानीय न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक अंडमान’ के मालिक थे, का शव उत्तर अंडमान जिले के देशबंधु नगर स्थित एक खेत में इस साल 1 अप्रैल को मिला था। वह 29 मार्च से लापता थे। 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव और सूचना-प्रसारण मंत्रालय के सचिव को निर्देश दिया है कि मृत पत्रकार के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।

NHRC ने अपने आदेश में कहा, “चूंकि उक्त पत्रकार की हत्या उस क्षेत्र में चल रही गैरकानूनी गतिविधियों की साहसिक रिपोर्टिंग के कारण हुई, आयोग इसे ऐसा मामला मानता है, जिसमें पीड़ित परिवार को आर्थिक मुआवजा प्रदान किया जाना चाहिए।”

पुलिस ने बताया कि इस हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है और अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत की खास पहल ‘स्पंदन: हिंदी का अंतर्मन’ 25 सितंबर को दिल्ली में

कंस्टीट्यूशन क्लब में होने जा रहे हिंदी संस्कृति के इस महाआयोजन में देश के कई चर्चित साहित्यकार, कवि, पत्रकार, कलाकार और चिंतक भाग लेंगे।

Last Modified:
Friday, 12 September, 2025
Hindi Spandan

वर्षों से खबरों की दुनिया में अपनी गहरी दृष्टि और असरदार अंदाज के लिए पहचाने जाने-माने वाले वरिष्ठ टीवी पत्रकार राणा यशवंत 25 सितंबर 2025 को दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में 'स्पंदन: हिंदी का अंतर्मन' नामक भव्य साहित्यिक-सांस्कृतिक संगोष्ठी का आयोजन करने जा रहे हैं। यह आयोजन हिंदी भाषा, समाज और उसकी संस्कृति के प्रवाह, विस्तार और संवर्धन पर केंद्रित रहेगा।

कार्यक्रम में देश के कई चर्चित साहित्यकार, कवि, पत्रकार, कलाकार और चिंतक भाग लेंगे। इनमें पद्मभूषण राम बहादुर राय; प्रसिद्ध कथाकार अब्दुल बिस्मिल्लाह; अभिनेता-निर्माता-निर्देशक डॉ. अन्नू कपूर; वरिष्ठ कथाकार नासिरा शर्मा; प्रख्यात शिक्षाविद् व व्यंजन विशेषज्ञ प्रो. पुष्पेश पंत; चर्चित शायर नवाज देवबंदी; सुप्रसिद्ध कवि व चिंतक बद्रीनारायण; दिग्गज कवि दिनेश कुशवाह; कवि व शायर आलोक श्रीवास्तव; कवि व उपन्यासकार नीलोत्पल मृणाल; प्रसिद्ध कथाकार गीताश्री; कवयित्री मणिका दुबे; कवि व लेखक यतीन्द्र मिश्र; कवि व शायर प्रताप सोमवंशी; कवि यतीश कुमार और कवयित्री अनामिका जैन ‘अंबर’ जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं।

इस बारे में राणा यशवंत का कहना है, ‘हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, एक पुरानी और सम्पन्न संस्कृति भी है। यह अभिव्यक्ति के लिए शब्द ही नहीं देती बल्कि अचार, विचार, व्यवहार, सोच, संस्कार और पसंद सभी का सांचा भी गढ़ती है। इसी आधार पर एक पहचान का निर्माण होता है, इसे हिंदी समाज कहते हैं। एक परंपरा, परिवेश और संस्कृति में रचा-बसा विशाल समुदाय, भारत की बहुविध संस्कृति और बहुलताओं का मूल स्वर, प्राणवायु यही है।

मैंने ‘स्पंदन’ के लिए हिंदी को इसी अर्थ में हिंदी रखा है। ‘हिंदी’ की समृद्धि और विस्तार भारत की सबलता और समरसता के पोषक-तत्व हैं। साहित्य, सिनेमा, मीडिया (सोशल मीडिया समेत) सरकारों के प्रयास, प्रवासी हिंदी समाज और हिंदी के लोक (गीत, कला, पर्व आदि) जैसे माध्यमों की ‘हिंदी’ के विकास-विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

‘स्पंदन’ हिंदी समाज और उसकी संस्कृति  के प्रवाह, विस्तार और संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान को चिह्नित करने का प्रयास है। समय के साथ आए दबावों और बदलावों पर भी गंभीर चर्चा सर्वथा आवश्यक है।

हिंदी जो एक सांस्कृतिक पहचान है, उसकी आत्मा हिंदी भाषा है। कई राजनीतिक कारणों से हिंदी को वह गति नहीं मिली जो मिलनी चाहिए। हाल ही में महाराष्ट्र में हिंदी विरोध सर्वथा अनुचित था। दक्षिण भारत विशेषकर तमिलनाडु में हिंदी त्यक्त और तिरस्कृत रही है। डिजिटल दुनिया, निजी स्कूलों और बाहरी प्रभावों के कारण भी हिंदी के सामने कुछ गंभीर प्रश्न खड़े हुए हैं।

‘स्पंदन’ हिंदी भाषा, समाज और उसकी संस्कृति के प्रवाह, विस्तार और संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान को चिह्नित करने का प्रयास है। ‘स्पंदन’, ‘हिंदी’ की उपलब्धि, संभावना और चुनौती पर परिचर्चा के साथ-साथ हिंदी समाज के ख़तरों पर विमर्श का एक महत्वपूर्ण मंच है। यह मंच आपका है, हम सभी का है। आपके साथ, सहयोग और समर्थन के लिए ‘‘स्पंदन’ का निमंत्रण स्वीकार करें।’

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मीडिया और शैक्षिक क्षेत्र के जाने-माने नाम डॉ. बिकाश बनर्जी नहीं रहे

डॉ. बनर्जी को कॉरपोरेट जगत में काम करने का तीन दशक से ज्यादा का अनुभव था। इस दौरान उन्होंने देश के शीर्ष मीडिया हाउसों में वरिष्ठ पदों पर कार्य किया।

Last Modified:
Tuesday, 09 September, 2025
Dr Bikash Banerjee

मीडिया और शैक्षिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व, डॉ. बिकाश बनर्जी (Dr. Bikash Banerjee) का हाल ही में निधन हो गया है। डॉ. बनर्जी को कॉरपोरेट जगत में काम करने का तीन दशक से ज्यादा का अनुभव था। इस दौरान उन्होंने देश के शीर्ष मीडिया हाउसों में वरिष्ठ पदों पर कार्य किया और कॉर्पोरेट मार्केटिंग और स्ट्रैटेजी में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

अपने करियर की शुरुआत उन्होंने ABP लिमिटेड में मार्केटिंग मैनेजर (1981-1996) के तौर पर की। इसके बाद उन्होंने Vibrant Media के CEO, Mid-Day Multimedia के COO, बिजनेस स्टैंडर्ड के वाइस प्रेजिडेंट और दैनिक भास्कर समूह के बिजनेस हेड जैसे अहम पदों पर काम किया। वर्ष 2009 में उन्होंने Repertoire Media Marketing Consultants की शुरुआत की और वर्ष 2016 तक मीडिया सेल्स, मार्केटिंग स्ट्रैटेजी और ट्रेनिंग में नेतृत्व प्रदान किया।

इसके साथ ही, डॉ. बनर्जी ने शैक्षिक क्षेत्र में भी अपनी सेवाएं दीं। पिछले 14 वर्षों से वे देश के प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में गेस्ट फैकल्टी के रूप में कार्यरत रहे और युवाओं को मार्केटिंग, बिजनेस स्ट्रैटेजी और मीडिया के क्षेत्र में मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कॉर्पोरेट आइडेंटिटी मैनेजमेंट में Ph.D. की, जिसमें उन्होंने भारतीय SMEs के लिए कॉर्पोरेट प्रैक्टिस और अकादमिक शोध को जोड़ने का काम किया।

डॉ. बनर्जी ने बोर्डरूम और क्लासरूम दोनों में एक अमिट छाप छोड़ी। समाचार4मीडिया की ओर से डॉ. बनर्जी को भावभीनी श्रद्धांजलि।

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