राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजस्थान के माउंट आबू में ब्रह्माकुमारीज संस्था की ओर से आयोजित चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन का शुभारंभ किया।
राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट आबू में शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ब्रह्माकुमारीज संस्था की ओर से आयोजित चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। यहां ‘भारत एक्सप्रेस' (Bharat Express) न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय राय को ‘राष्ट्र चेतना अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपेंद्र राय ने कहा, ‘हमारे देश में अध्यात्म और धर्म को मिलाकर देखने की बहुत कोशिश की गई, लेकिन मैंने जब से इस विषय को थोड़ा बहुत समझा और जाना, तो पाया कि आध्यात्मिकता और धर्म बिल्कुल अलग-अलग हैं, इसलिए थोड़ी बात धर्म पर और थोड़ी बात अध्यात्मिकता पर होनी चाहिए। धर्म जिन लोगों ने पाया, पैदा किया शायद उनके जीवन में कभी क्रांति का सूत्रपात हुआ होगा, तब कोई धर्म पैदा हुआ होगा, लेकिन हम जिस धर्म को मानते हैं, वह हमारा बपौती है, क्योंकि वह हमें मिला हुआ है।’
उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में न कभी कोई क्रांति हुई नहीं और न कोई परिवर्तन आया. इसलिए जब मैं सोचता हूं इस पड़ाव पर आकर तो मुझे लगता है कि अपने बच्चों को किसी धर्म की शिक्षा नहीं देनी चाहिए, बल्कि उसे वो सारी सुविधाएं मुहैया कराना चाहिए, जिससे वो सारे धर्मों को पढ़े। उसे मैं किसी भी धर्म का न बनाऊं, बल्कि ये आजादी दूं कि तुम जिस धर्म को चाहो वो पढ़ो और जिस दिन तु्म्हें मौज आ जाए, तुम्हारी आत्मा झूम उठे, उस दिन तुम उसी धर्म को अपना लेना, क्योंकि धर्म अनेक हैं और सभी धर्मों ने परमात्मा तक पहुंचने के रास्ते बताए हैं, लेकिन सभी रास्ते सही नहीं हैं, कोई एक रास्ता पकड़कर ही अंतिम तक पहुंचा जा सकता है। अगर मैं इसे दूसरे शब्दों में कहूं, तो साध्य और साधन महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि वो रास्ता महत्वपूर्ण है, जो एक दिन मंजिल में तब्दील हो जाता है।
उनका कहना था, ’जैसे कोई चित्रकार है, कोई कवि है या फिर कोई गणितज्ञ है और कवि को हम अगर गणित का धर्म दे दें तो शायद उसे उस रास्ते पर चला नहीं जाएगा। कवि का मन बड़ा निर्मल होता है, वो गणित के सवालों को, पहेलियों को शायद सुलझाते-सुलझाते फेल हो जाए, ठीक ऐसा ही हम सबके जीवन में भी होता है। हम अपने दिमाग में इतना ज्यादा कूड़ा-करकट भर लेते हैं कि मूल्यवान चीजों को रखने की जगह ही नहीं बचती है। अध्यात्म हमें सिखाता है कि जीवन में मूल्यवान चीजों के लिए कम मूल्यवान चीजों को जितनी तन्मयता से छोड़ता चला जाता है, वही जीवन में सही अर्थों में अध्यात्मिक संतुलन को प्राप्त करता है, लेकिन अक्सर हम देखते हैं कि जो हमने रहीम के दोहे में पढ़ा है कि ‘साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय, सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय’. रहीम कहते हैं कि साधु और सज्जन का स्वभाव सूप की तरह होना चाहिए. जो व्यर्थ को हटा दे और मूल्यवान चीजों को बचा ले, आध्यात्म भी हमें यही सिखाता है।’
इस मौके पर उपेंद्र राय ने कहा, ’अगर हम रास्ते पर पड़ा कंकड़-पत्थर या फिर कांटा किसी दूसरे के लिए उठाकर फेंक दें या फिर किसी के आंगन में जाकर वहां पर झाड़ू लगा दें, यही अध्यात्म है। इसके अलावा जो भी है वो सिर्फ कर्मकांड है, जिससे जीवन में सिर्फ कूड़ा-कचरा के अलावा कुछ भी इकट्ठा नहीं होता है। अध्यात्म हमारे रोज के जीवन का हिस्सा है, लेकिन संतत्व उसकी मंजिल है।’
कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को दूरदर्शन पर एक कार्यक्रम के प्रचार को लेकर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव से बिना शर्त माफी की मांग की है।
कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को दूरदर्शन पर एक कार्यक्रम के प्रचार को लेकर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव से बिना शर्त माफी की मांग की है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी का आरोप है कि दूरदर्शन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद इमरान मसूद को 'गद्दार' बताने वाला एक ‘अपमानजनक और खतरनाक नैरेटिव’ पेश किया गया।
दरअसल, 6 मई को दूरदर्शन के एंकर अशोक श्रीवास्तव ने अपने डिबेट शो के लिए सोशल मीडिया पर एक पोस्टर साझा किया, जिसमें खड़गे और मसूद की तस्वीरें थीं और नीचे लिखा था— "भारत तैयार, पर घर में कितने गद्दार?" इस पोस्टर ने तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया को जन्म दिया।
कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने इसे “गंभीर आपत्तिजनक और पूरी तरह अस्वीकार्य” बताते हुए कहा कि मंत्री अश्विनी वैष्णव को कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद से माफी मांगनी चाहिए और संबंधित एंकर को तत्काल हटाया जाना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “जिस तरह की घटिया, अपमानजनक और विभाजनकारी भाषा दूरदर्शन के माध्यम से चलाई जा रही है, वह न केवल अनुचित है बल्कि इस समय जब देश गंभीर संकट से गुजर रहा है, पूरी तरह अनुचित भी है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे और इमरान मसूद को 'गद्दार' कहना बेहद भड़काऊ और समाज को बांटने वाला कृत्य है।
वेणुगोपाल ने आगे कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सशस्त्र बलों और सरकार को पूरा समर्थन दिया है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रहित में खड़े रहने का एक लंबा इतिहास रहा है, चाहे पाकिस्तान के खिलाफ तीन युद्धों का समय रहा हो या फिर कारगिल युद्ध के दौरान वाजपेयी सरकार को समर्थन देने की बात हो।
उन्होंने कहा कि आज जब देश एक नाजुक मोड़ पर खड़ा है, ऐसे समय में सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने आधिकारिक या अनौपचारिक माध्यमों से ऐसा कोई भी भड़काऊ संदेश प्रसारित न होने दे। साथ ही मंत्री अश्विनी वैष्णव को अविलंब बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
रवि कांत सिंह ने दिल्ली और अन्य शहरों में कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया और रेडियो एवं टेलीविजन के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई।
प्रख्यात खेल पत्रकार रविकांत सिंह का गुरुवार को निधन हो गया है। वह करीब 64 साल के थे। रवि कांत सिंह ने अपने लंबे और शानदार करियर में पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह सिंह रेडियो और टेलीविजन के क्षेत्र में भी एक जाना-माना नाम थे।
रवि कांत सिंह ने दिल्ली और अन्य शहरों में कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया और रेडियो एवं टेलीविजन के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई। उनकी लेखनी और समाचार प्रस्तुति ने उन्हें मीडिया जगत में विशेष पहचान दिलाई। उनकी सहजता, समर्पण और पत्रकारिता के प्रति जुनून ने उन्हें अपने सहयोगियों और पाठकों के बीच लोकप्रिय बनाया।
उन्होंने अपने करियर में 'द टाइम्स ऑफ इंडिया', ईएसपीएन स्टार स्पोर्ट्स, और स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में कार्य किया। इसके बाद वे स्वतंत्र रूप से विभिन्न खेलों के लिए कमेंटेटर और प्रोड्यूसर के रूप में सक्रिय रहे। दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से पढ़ाई करने वाले रवि कांत ने पटना के सेंट माइकल्स हाई स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी।
रवि कांत सिंह के निधन पर उनके जानने वालों व शुभचिंतकों ने दुख जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है। रवि कांत के सहयोगी रहे और वरिष्ठ पत्रकार कन्नन (@kannandelhi) ने ट्विटर पर उनके निधन की जानकारी साझा करते हुए बताया कि वे 1987 से रवि कांत को जानते थे, जब वे स्वयं 'द इंडियन एक्सप्रेस' में कार्यरत थे।
Ravikant Singh, 64, passes away. Knew him since 1987 when he was in Times of India and I was in Indian Express.
— Jai Hind (@kannandelhi) May 8, 2025
We covered many events in the Capital and outstation.
Well known in radio and TV circles. Travel well.@PCITweets#RavikantSingh pic.twitter.com/d7JEgcJlXU
मैथिली साहित्य में उनके योगदान, विशेषकर उनकी कविताएं और ‘मुक्ति प्रसंग’ के अनुवाद — उन्हें हमेशा स्मरणीय बनाए रखेंगे।
जाने-माने कवि और ‘जनमत’ के पूर्व संपादक अग्निपुष्प का निधन हो गया है। उन्होंने तीन मई को कोलकाता के वुडलैंड्स अस्पताल में अंतिम सांस ली।
अग्निपुष्प, दरभंगा के तरौनी गांव (जो बाबा नागार्जुन का भी पैतृक स्थान है) से ताल्लुक रखते थे। वे नक्सलबाड़ी किसान आंदोलन और उस दौर के युवा उभार से प्रेरित होकर सीपीआई(एमएल) से जुड़े। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने दरभंगा में कार्य किया और फिर पटना स्थानांतरित हो गए, जहां उन्होंने अरविंद कुमार के साथ मिलकर पार्टी के प्रकाशन विभाग को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाई।
वे ‘समकालीन जनमत’ के संपादक रहे और 'संवाद' जैसी काव्य-पत्रिका का संपादन भी किया। इसके अलावा मैथिली साहित्य में उनके योगदान, विशेषकर उनकी कविताएं और ‘मुक्ति प्रसंग’ के अनुवाद — उन्हें हमेशा स्मरणीय बनाए रखेंगे।
अग्निपुष्प के निधन पर उनके तमाम परिचितों और शुभचिंतकों ने शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है और ईश्वर से शोक संतप्त परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
वरिष्ठ मीडिया प्रोफेशनल सुनील थपलियाल ने ‘अमर उजाला’ समूह के दिवंगत प्रबंध निदेशक अतुल माहेश्वरी की जयंती (तीन मई) पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
वरिष्ठ मीडिया प्रोफेशनल सुनील थपलियाल ने ‘अमर उजाला’ समूह के दिवंगत प्रबंध निदेशक अतुल माहेश्वरी की जयंती (तीन मई) पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए अगस्त 1990 की एक स्मृति का उल्लेख किया, जब मुंबई के ताज होटल में आयोजित तीन दिवसीय वीडियो मार्केटिंग प्रजेंटेशन के दौरान उन्होंने माहेश्वरी जी के साथ समय बिताया था। इस दौरान ली गई एक तस्वीर को उन्होंने ‘जीवन की अविस्मरणीय धरोहर’ बताया।
गौरतलब है कि अतुल माहेश्वरी जी हिंदी पत्रकारिता के उन विरले व्यक्तित्वों में शुमार रहे, जिनका जीवन पूरी तरह पत्रकारिता के उच्च आदर्शों और सामाजिक सरोकारों को समर्पित रहा। वह ‘अमर उजाला’ के संस्थापक मुरारीलाल माहेश्वरी के मार्गदर्शन में मीडिया क्षेत्र में आए और समूह को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। सहज, सौम्य और कर्मठ अतुल जी ने 'अमर उजाला' को केवल एक अखबार नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन की शक्ल दी। उनका मानना था कि पत्रकारिता सिर्फ व्यवसाय नहीं, एक मिशन है। उनके योगदान को न केवल पाठकों, बल्कि उनके सहकर्मियों ने भी सदा सराहा। उनका असमय निधन पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति साबित हुआ।
दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है। 8 मई को अगली सुनवाई होगी।
नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए दोनों के खिलाफ नोटिस जारी किया है। स्पेशल जज विशाल गोगने ने कहा कि चार्जशीट पर संज्ञान लेने के समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अपना पक्ष रखने का अधिकार है।
कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को नोटिस आज शाम तक भेज दी जाए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होगी। आपको बता दें, हाल में इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपपत्र दाखिल किया था। 2021 में ईडी ने अपनी जांच शुरू की थी।
इस मामले की शिकायत 26 जून 2014 को भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा की गई थी। जिसके बाद एक मजिस्ट्रेट अदालत ने इस मामले पर संज्ञान लिया था। नेशनल हेराल्ड मामला मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा केस है। नेशनल हेराल्ड अखबार और उसकी मूल कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के इर्द-गिर्द है।
उत्कृष्ट फोटो पत्रकारों को सम्मानित करने के लिए ‘नेशनल फोरम ऑफ फोटो जर्नलिस्ट्स’ की ओर से यह कार्यक्रम 26 अप्रैल को नेपाल में आयोजित किया गया।
नेपाल के फोटो पत्रकारों के सम्मान में हर साल आयोजित होने वाला प्रतिष्ठित ‘नेशनल फोटो जर्नलिज्म अवॉर्ड 2025’ इस बार 26 अप्रैल को राजधानी काठमांडू के पास होटल हिमालय, ललितपुर में आयोजित किया गया। फोटो पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले पत्रकारों को नई पहचान देने और सम्मानित करने के लिए ‘नेशनल फोरम ऑफ फोटो जर्नलिस्ट्स’ (NFPJ) की ओर से यह कार्यक्रम 26 अप्रैल (शनिवार) को दोपहर 2 बजे से होटल हिमालय, कुपोंडोल, ललितपुर में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नेपाल के प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष देवराज घिमिरे और विशेष अतिथि के रूप में ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्री दीपक खड्का सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इस समारोह में आठ श्रेणियों में उत्कृष्ट फोटो पत्रकारों को सम्मानित किया गया। NFPJ ने विभिन्न श्रेणियों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे और प्रत्येक श्रेणी में पांच नामांकनों में से एक विजेता का चयन किया गया।
मुख्य अतिथि देवराज घिमिरे ने कहा कि फोटो पत्रकारिता लोकतांत्रिक समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राष्ट्र की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने फोटो पत्रकारों द्वारा भ्रामक संदेशों को खारिज करने और देश की वास्तविकता को उजागर करने के योगदान की सराहना की। घिमिरे ने हाल ही में 29 मार्च को फोटो पत्रकार सुरेश रजक की दुखद मृत्यु का जिक्र करते हुए फोटो पत्रकारिता के जोखिम भरे स्वरूप को रेखांकित किया। उन्होंने भविष्य में इस क्षेत्र की चुनौतियों को संबोधित करने की प्रतिबद्धता भी जताई।
विशेष अतिथि दीपक खड्का ने फोटो पत्रकारों की निष्पक्षता और सच्चाई को उजागर करने के उनके कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि शब्दों को तोड़-मरोड़ किया जा सकता है, लेकिन फोटो पत्रकारिता में गलत सूचनाओं को निष्पक्षता के साथ खारिज करने की शक्ति है। खड्का ने फोटो पत्रकारिता को दृश्य और श्रव्य माध्यम के रूप में व्यक्तिगत जोखिम के साथ सूचना प्रदान करने वाला एक शक्तिशाली माध्यम बताया।
सम्मानित फोटो पत्रकार और उनकी श्रेणियां
नेपाल टेलीकॉम डेली लाइफ फोटो जर्नलिज्म अवॉर्ड: दीपेंद्र ढुंगाना (नया पत्रिका)
पंचकन्या ग्रुप वूमेन फोटो जर्नलिज्म अवॉर्ड: कविता थापा (गोरखापत्र दैनिक)
सूर्यज्योति लाइफ इंश्योरेंस पॉलिटिकल फोटो जर्नलिज्म अवॉर्ड: स्कंद गौतम (द हिमालयन टाइम्स)
डिश होम इंटरनेट स्पोर्ट्स फोटो जर्नलिज्म अवॉर्ड: उदिप्त सिंह छेत्री
कृषि विकास बैंक फ्रीलांस फोटो जर्नलिज्म अवॉर्ड: राजीव हेंगजु (नेपाली सेना के फोटो पत्रकार)
एडवेंचर आउटडोर टूरिज्म एंड कल्चर फोटो जर्नलिज्म अवॉर्ड: मनोज रत्न शाही (गोरखापत्र ऑनलाइन)
राष्ट्रीय वाणिज्य बैंक एंटरटेनमेंट फोटो जर्नलिज्म अवॉर्ड: अभिषेक महर्जन (अन्नपूर्णा पोस्ट दैनिक)
ग्लोबल आईएमई बैंक इकॉनमिक फोटो जर्नलिज्म अवॉर्ड: चंद्र बहादुर आले (अनलाइनखबर)
प्रांतीय स्तर पर सम्मानित फोटो पत्रकार
गुर्खा फाइनेंस कोशी प्रोविंस फोटो जर्नलिज्म अवॉर्ड: सुजन बज्राचार्य (राष्ट्रीय समाचार समिति, संखुवासभा)
मधेश प्रोविंस अवॉर्ड: राम सर्राफ (यात्रा दैनिक)
बागमती प्रोविंस अवॉर्ड: नवीन पौडेल (राष्ट्रीय समाचार समिति)
गंडकी प्रोविंस अवॉर्ड: प्रेम थापा (परिचय दैनिक)
लुंबिनी प्रोविंस अवॉर्ड: माधव प्रसाद अर्याल (कान्तिपुर दैनिक)
कर्णाली प्रोविंस अवॉर्ड: अमृत कुमार बुढाथोकी (हिमalaya टेलीविजन)
सुदूरपश्चिम प्रोविंस अवॉर्ड: लोकेश साउद
विशेष सम्मान और पुरस्कार
इस अवसर पर वरिष्ठ फोटो पत्रकार देवेंद्र मान सिंह को फोटो पत्रकारिता में उनके आजीवन योगदान के लिए ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। साथ ही, संगठन के आजीवन सदस्य (स्वर्गीय) चुंगबा शेरपा को मरणोपरांत विशेष सम्मान प्रदान किया गया। इसके अलावा, नेशनल फोटो जर्नलिस्ट्स इमरजेंसी रिलीफ फंड में योगदान देने वाले विभिन्न परोपकारी व्यक्तियों और शुभचिंतकों को प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए।
निर्णायक मंडल
‘पांचवां नेशनल फोटो जर्नलिज्म अवॉर्ड 2025’ के लिए निर्णायक मंडल की अध्यक्षता प्रदीपराज वन्त ने की। इसमें वरिष्ठ फोटो पत्रकार शैलेंद्र खरेल, नेपाल पर्यटन बोर्ड के वरिष्ठ प्रबंधक सूर्य थपलिया, सूर्यज्योति लाइफ इंश्योरेंस के ब्रांडिंग और संचार प्रमुख मेघेंद्र प्रकाश गिरी, प्रज्ञा वास्तुकला और रचनात्मक कला विभाग के प्रमुख सौरगंगा दर्शनधारी, और देश संचार के सह-संपादक मनोज दहाल शामिल थे।
इस कार्यक्रम की खास झलकियां आप यहां देख सकते हैं।
पार्थिप को डिजिटल मीडिया में दो दशकों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने देश के वेडिंग मीडिया परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
‘वेडिंगसूत्र डॉट कॉम’ (WeddingSutra.com) के सह-संस्थापक और सीईओ पार्थिप त्यागराजन (Parthip Thyagarajan) के लिए आज का दिन काफी खास है। दरअसल, आज पार्थिप त्यागराजन का जन्मदिन है। उन्होंने डिजिटल मीडिया और नेतृत्व के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता और योगदान दिया है।
पार्थिप को डिजिटल मीडिया में दो दशकों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने देश के वेडिंग मीडिया परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पार्थिप ने अपने करियर की शुरुआत ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ (The Times Of India) ग्रुप में असिस्टेंट मैनेजर (मार्केटिंग) के रूप में की थी। मार्च 2000 में उन्होंने वेडिंगसूत्र डॉट कॉम की सह-स्थापना की। पिछले 25 वर्षों में, वेडिंगसूत्र भारत की अग्रणी वेडिंग मीडिया कंपनी बन गई है और नए जोड़ों के लिए एक भरोसेमंद और प्रेरणादायक प्लेटफॉर्म के रूप में उभरी है।
पार्थिप के नेतृत्व में वेडिंगसूत्र न केवल शादी के जोड़ों के लिए प्रमुख ऑनलाइन डेस्टिनेशन बन चुका है, बल्कि इसने 'WS Engage' जैसे महत्वपूर्ण प्लेटफार्म्स को भी स्थापित किया है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो लग्जरी इवेंट्स सेक्टर के बेहतरीन वेंडर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स को आपस में जोड़ता है। पार्थिप का कार्य विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पर्यटन बोर्ड्स, होटल चेन, लाइफस्टाइल ब्रैंड्स और वेडिंग ईकोसिस्टम के बीच सहयोग को बढ़ावा देना रहा है, जिससे इनोवेशन और आपसी सहयोग को नई दिशा मिली है।
प्रबंधन विकास संस्थान (MDI), गुरुग्राम और सिडेनहैम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स के पूर्व छात्र पार्थिप की स्ट्रैटिजक विजन और इंडस्ट्री की गहरी समझ ने वेडिंग और लग्जरी इवेंट्स इंडस्ट्री में नई ऊंचाइयों को छुआ है। उनके योगदान ने कई नए मानक स्थापित किए हैं, जो आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र के विकास में सहायक होंगे।
पार्थिप के जन्मदिन के इस खास मौके पर हम मीडिया और इवेंट्स जगत में उनके दीर्घकालिक योगदान की सराहना करते हैं और उन्हें निरंतर सफलता, विकास और नए मुकाम हासिल करने की शुभकामनाएं देते हैं।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बुधवार को पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ बीजेपी के विरोध प्रदर्शन की कवरेज कर रहे दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार राकेश शर्मा पर कथित रूप से हमला किया गया।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बुधवार को पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ बीजेपी के विरोध प्रदर्शन की कवरेज कर रहे दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार राकेश शर्मा पर कथित रूप से हमला किया गया। इस घटना के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पत्रकार संगठनों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें पत्रकार पर खुलेआम हमला होते हुए देखा जा सकता है।
राकेश शर्मा के अनुसार, वह कालिबाड़ी चौक पर बीजेपी विधायकों देविंदर मण्याल, राजीव जसरोटिया और भारत भूषण के नेतृत्व में हो रहे प्रदर्शन की रिपोर्टिंग कर रहे थे। इसी दौरान बीजेपी कार्यकर्ता हिमांशु शर्मा ने पत्रकारों पर "देशविरोधी भाषा बोलने" का आरोप लगाया। दरअसल, पत्रकारों ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए थे, जो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आती है।
राकेश शर्मा ने बताया कि विधायक मण्याल शांतिपूर्वक जवाब दे रहे थे और उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग करेंगे। लेकिन जब पत्रकारों ने यह सवाल किया कि क्या पहलगाम हमला और कठुआ में घुसपैठ सरकार की विफलता नहीं है, तो वहां मौजूद कुछ बीजेपी पदाधिकारी भड़क उठे।
इस दौरान पत्रकारों ने विरोध जताया और कार्यक्रम का बहिष्कार कर बाहर आ गए। लेकिन तभी हिमांशु शर्मा और उनके साथियों– रविंदर सिंह, अश्वनी शर्मा, मंजीत सिंह, टोनी और प्रवीण चुना ने सार्वजनिक रूप से राकेश शर्मा पर हमला कर दिया।
राकेश शर्मा को मौके पर मौजूद डीएसपी रविंदर सिंह ने भीड़ से बचाया और तुरंत सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया।
घटना के बाद वरिष्ठ पत्रकारों के एक समूह ने कठुआ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शोभित सक्सेना से मुलाकात कर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग की।
इस घटना के विरोध में पत्रकारों ने शाम को कठुआ के शहीदी चौक पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया और ऐलान किया कि जब तक पार्टी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, वे बीजेपी के किसी भी कार्यक्रम की कवरेज नहीं करेंगे। जम्मू प्रेस क्लब के बाहर भी पत्रकारों ने एकजुटता दिखाते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
इस बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि राकेश शर्मा का 'अपराध' सिर्फ इतना था कि उन्होंने आतंकवाद से जुड़े सुरक्षा सवाल पूछ लिए। पीसीसी के मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने बयान में कहा, "अब सवाल पूछना भी अपराध बन गया है। इससे शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता कि एक राष्ट्रीय अखबार का वरिष्ठ पत्रकार भी अब सुरक्षित नहीं है।"
उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से घटना पर माफी मांगने और आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है।
पत्रकारों पर इस तरह के हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर में पत्रकारिता जगत में गहरी चिंता और आक्रोश का माहौल है। सभी की एक ही मांग है– दोषियों को बख्शा न जाए।
छाती में दर्द और असहजता महसूस होने पर उन्हें कोकिलाबेन अस्पताल ले जाया गया, जहां अब उनकी हालत स्थिर है और ठीक हो रही है।
मीडिया इंडस्ट्री में जाने-माने नाम और ‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया’ (SPNI) में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट (सेल्स) संदीप मेहरोत्रा की 22 अप्रैल को काम करते हुए अचानक तबीयत खराब हो गई।
बताया जाता है कि मंगलवार को अचानक काम करते हुए उन्हें छाती में दर्द और असहजता महसूस हुई। तत्काल ही उन्हें कोकिलाबेन अस्पताल ले जाया गया, जहां अब उनकी हालत स्थिर है और ठीक हो रही है।
संदीप मेहरोत्रा को मीडिया और मार्केटिंग के क्षेत्र में तीन दशकों का अनुभव है। उन्होंने सोनी पिक्चर्स में सेल्स इनोवेशन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है।
इससे पहले वह ‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड’ (BCCL) में भी लीडरशिप भूमिकाओं में कार्यरत थे। डिजिटल कंटेंट स्ट्रेटेजी, ब्रैंड मोनेटाइजेशन और बेहतर टीम तैयार करने में उन्हें महारत हासिल है। इंडस्ट्री से जुड़े सहयोगियों और शुभचिंतकों ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
हरि जयसिंह का अंतिम संस्कार गुरुग्राम में सेक्टर 17-ए के अतुल कटारिया चौक स्थित श्मशान घाट पर 23 अप्रैल की शाम साढ़े पांच बजे होगा।
जाने-माने पत्रकार और ‘द ट्रिब्यून’ (The Tribune) के पूर्व संपादक (Editor-In-Chief) हरि जयसिंह का निधन हो गया है। वह करीब 85 साल के थे और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। हरि जयसिंह इन दिनों गुरुग्राम में रहते थे, जहां पर उन्होंने अंतिम सांस ली। हरि जयसिंह के परिवार में पत्नी, बेटी और एक बेटा हैं।
हरि जयसिंह का अंतिम संस्कार गुरुग्राम में सेक्टर 17-ए के अतुल कटारिया चौक स्थित श्मशान घाट पर 23 अप्रैल की शाम साढ़े पांच बजे होगा।
बता दें कि हरि जयसिंह ने ‘The Tribune’ अखबार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह करीब नौ वर्षों तक ‘The Tribune’ के संपादक रहे थे। उनका जन्म 29 मार्च 1940 को कराची, पाकिस्तान में हुआ था और उन्होंने अपनी शिक्षा कोलकाता में प्राप्त की।
हरि जयसिंह ने ‘द ट्रिब्यून’ के अलावा ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ (The Indian Express) और ‘नेशनल हेराल्ड’ (National Herald) जैसे प्रमुख समाचार पत्रों में भी वरिष्ठ पदों पर कार्य किया था। अपनी पत्रकारिता के दौरान उन्होंने भारतीय राजनीति और वैश्विक घटनाओं पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया। इसके अलावा, उन्होंने ‘Morning Telegraph’ और ‘The Guardian’ (लंदन) जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों में भी योगदान दिया था।
वह दो किताबें ‘Pitfalls of Indian Democracy- Bapu to Anna’ और ‘India after Indira: The turbulent years, 1984-1989’ भी लिख चुके थे।
हरि जयसिंह के निधन पर तमाम शुभचिंतकों व उनके साथ काम कर चुके लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि दी है। पूर्व में हरि जयसिंह के पर्सनल सेक्रेट्री रह चुके पूरन चंद्र जोशी ने कहा है, ‘वह एक बहुत ही मेहनती और ईमानदार संपादक थे। वह एक सच्चे सज्जन, पूर्णत: पेशेवर, ग्रेट लीडर और अद्भुत इंसान थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। उनके परिवार, मित्रों और सभी संबंधियों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं। ॐ शांति।’