दुनिया को अलिदा कह गए ऐडवर्टाइजिंग क्रिएटिव लीडर Ari Weiss

प्रसिद्ध ऐडवर्टाइजिंग क्रिएटिव लीडर Ari Weiss का निधन हो गया। वह 46 वर्ष के थे।

Last Modified:
Monday, 17 February, 2025
Ari9610


प्रसिद्ध ऐडवर्टाइजिंग क्रिएटिव लीडर Ari Weiss का निधन हो गया। वह 46 वर्ष के थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Ari Weiss कैंसर से जूझ रहे थे।

Ari Weiss अपनी साहसिक इनोवेशन के लिए प्रसिद्ध थे और हाल ही में उन्होंने अपनी बुटीक एजेंसी शुरू की थी।

Ari Weiss ने कई एजेंसियों में भी काम किया था, जैसे कि BBH, DDB, और Widen+Kennedy.

2023 में, DDB ने उनकी नेतृत्व में कांस लायंस में नेटवर्क ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीता था।

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राजी एम. शिंदे को मिली डॉक्टरेट की मानद उपाधि

शिंदे रीजनल एंटरटेनमेंट और म्यूजिक चैनल्स से जुड़ी रही हैं। उन्हें मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह मानद उपाधि दी गई है।

Last Modified:
Tuesday, 18 March, 2025
Rajjee Shinde

मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए राजी एम. शिंदे को फ्रांस की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी 'École Supérieure Robert de Sorbon' द्वारा ऑनरेरी डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है।

करीब दो दशकों से अधिक के करियर में शिंदे ने रीजनल एंटरटेनमेंट और म्यूजिक चैनल्स के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह पहले शोबॉक्स की सीईओ और पीटीसी नेटवर्क की सह-संस्थापक रह चुकी हैं, जहां उन्होंने रीजनल टेलीविजन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया।

इसके अलावा, उन्होंने ‘जी’ (ZEE) के ETC पंजाबी चैनल में बतौर बिजनेस हेड काम किया है और फिलहाल साई मेहर मीडिया (Sai Mehar Media) की सीईओ के रूप में अपनी भूमिका निभा रही हैं।

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लगातार बढ़ते कदम और टीम के प्रोत्साहन के लिए ‘Zee News’ कल मनाएगा सफलता का जश्न

बताया जा रहा है कि यह आयोजन न केवल सफलता का जश्न होगा, बल्कि भविष्य में और अधिक प्रभावशाली पत्रकारिता करने के लिए टीम का मनोबल भी बढ़ाएगा।

Last Modified:
Tuesday, 18 March, 2025
Zee News

हिंदी न्यूज चैनल जी न्यूज (Zee News) ने हाल के महीनों में अपनी लोकप्रियता में खासी बढ़ोतरी दर्ज की है। लगातार बेहतरीन प्रदर्शन और दर्शकों के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करने के जज्बे को बनाए रखने के लिए 19 मार्च को नोएडा स्थित गार्डन गैलेरिया में एक भव्य सक्सेस पार्टी का आयोजन किया जा रहा है। यह जश्न चैनल की पूरी टीम के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, जहां सभी सदस्य एक साथ इस उपलब्धि का जश्न मनाएंगे।

चैनल से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, सीईओ करण अभिषेक और मैनेजिंग एडिटर राहुल सिन्हा के नेतृत्व में ‘जी न्यूज’ ने नई ऊंचाइयों को छुआ है और हर डिपार्टमेंट के सामूहिक प्रयास ने इसे एक सफल न्यूज ब्रैंड के रूप में और भी मजबूत बनाया है। इस सक्सेस पार्टी का उद्देश्य टीम के हर सदस्य को उनकी मेहनत और योगदान के लिए सम्मानित करना और भविष्य की चुनौतियों के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना है।

इस खास मौके पर चैनल के तमाम पत्रकार, संपादकीय टीम, तकनीकी विशेषज्ञ और प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि यह आयोजन न केवल सफलता का जश्न होगा, बल्कि भविष्य में और अधिक प्रभावशाली पत्रकारिता करने के लिए टीम का मनोबल भी बढ़ाएगा।

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वरिष्ठ पत्रकार मनीष अवस्थी को फ्रांस की यूनिवर्सिटी ने दी मानद डॉक्टरेट की उपाधि

मनीष अवस्थी को यह मानद उपाधि नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान की गई।

Last Modified:
Tuesday, 18 March, 2025
Manish Awasthi

वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जाने-माने न्यूज एंकर मनीष अवस्थी को फ्रांस की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी 'Ecole Supérieure Robert de Sorbon' द्वारा मास कम्युनिकेशन में ऑनरेरी डॉक्टरेट (मानद उपाधि) से सम्मानित किया गया है। यह उपाधि नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान की गई।

मनीष अवस्थी का तीन दशकों से अधिक का शानदार पत्रकारिता करियर रहा है, जिसमें उन्होंने प्रिंट मीडिया से ब्रॉडकास्ट और डिजिटल मीडिया तक के बदलावों को नजदीक से देखा और समझा। अपने करियर में उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीतिक परिदृश्य में आए बड़े बदलावों के साक्षी रहते हुए नए लीडर्स और सितारों के उभरने की कहानियों को भी करीब से कवर किया है।

वह देश-विदेश के बड़े राजनीतिक नेताओं के साथ टीवी डिबेट्स होस्ट कर चुके हैं और अपनी बेबाक व सटीक रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। उनकी खोजी पत्रकारिता, विश्लेषण और गहरी पड़ताल ने इस क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए हैं, जिससे पत्रकारों को अधिक सटीक और प्रभावी ढंग से रिपोर्टिंग करने की प्रेरणा मिली है।

अब अपने व्यापक अनुभव के साथ वह कॉरपोरेट कम्युनिकेशन और वैश्विक एविएशन के क्षेत्र में संभावनाओं को तलाश रहे हैं। उनकी उत्कृष्ट पत्रकारिता और मीडिया में दिए गए अमूल्य योगदान के लिए उन्हें यह प्रतिष्ठित डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई है।

 

 

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पत्रकारों की सुरक्षा पर सरकार गंभीर क्यों नहीं: जितेन्द्र बच्चन

पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाकर उसे सख्ती के साथ लागू किया जाए।

Last Modified:
Tuesday, 18 March, 2025
Jitendra Bachchan

पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जितेन्द्र बच्चन ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश की योगी सरकार आखिर पत्रकारों की सुरक्षा के मामले में कब गंभीर होगी?

सीतापुर में 8 मार्च को हुई युवा पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की हत्या के मामले को उठाते हुए जितेन्द्र बच्चन का कहना था कि पत्रकार सुरक्षा कानून कई राज्यों में बनाया गया है लेकिन उत्तर प्रदेश में इस तरह का कानून नहीं बन पा रहा है। न ही पत्रकारों के मामले में त्वरित कार्रवाई करने का कोई उदाहरण मिलता है। ऐसे में पत्रकारिता के माध्यम से आजीविका चलाने में आज तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

इसके साथ ही जितेन्द्र बच्चन कहा कि दुखद बात यह है कि खुद पत्रकारिता से जुड़े अधिकतर संस्थान भी अपने संवाददाताओं की सुरक्षा की गारंटी नहीं देते। यह बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने सरकार से तत्काल इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग करते हुए कहा कि अगर पत्रकार डर गया और उसकी आवाज दबाई गई तो भ्रष्टाचार की जड़ें और गहरी होंगी। समाज में गुंडों-बदमाशों और भ्रष्टाचारियों की ताकत बढ़ेगी।

एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए जितेन्द्र बच्चन ने कहा कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच उत्तर प्रदेश में 12 पत्रकारों की हत्या हुई है। इस दौरान 138 पत्रकारों पर हमले भी हुए हैं। पिछले साल अक्टूबर 2024 में फतेहपुर में एक पत्रकार दिलीप सैनी की भी हत्या कर दी गई थी। जबकि 2020 में कुल 7 पत्रकार- राकेश सिंह, सूरज पांडेय, उदय पासवान, रतन सिंह, विक्रम जोशी, फराज़ असलम और शुभम मणि त्रिपाठी को मौत के घाट उतार दिया गया था। अब 8 मार्च को सीतापुर जिले के युवा पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनके परिवार में बूढ़े मां बाप, पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं। इस घटना से पूरे देश के पत्रकारों में भारी रोष है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पत्रकारों ने प्रदर्शन कर अपना विरोध भी दर्ज कराया है, लेकिन एक सप्ताह बाद भी अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। अब हर तरफ से एक ही आवाज आ रही है- आखिर पत्रकार ईमानदारी की कीमत कब तक चुकाते रहेंगे?

पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाकर उसे सख्ती के साथ लागू किया जाए। पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए। पत्रकारों से जुड़े मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए। सीतापुर के पत्रकार राघवेन्द्र की विधवा पत्नी को एक करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। साथ ही इस मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को मृत्यु दंड देने की मांग भी की गई है।

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CM रेवंत रेड्डी पर 'आपत्तिजनक' वीडियो मामले में गिरफ्तार पत्रकारों को मिली जमानत

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ "अपमानजनक" कंटेंट पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार की गई दो महिला पत्रकारों को जमानत मिल गई है।

Last Modified:
Tuesday, 18 March, 2025
Journalist4512

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ "अपमानजनक" कंटेंट पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार की गई दो महिला पत्रकारों को जमानत मिल गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला पत्रकार पोगदादंडा रेवती और तन्वी यादव को स्थानीय अदालत ने 25,000 रुपये की जमानत पर रिहा किया और उन्हें सप्ताह में दो बार पुलिस के सामने पेश होने का निर्देश दिया।

पिछले हफ्ते, पल्स न्यूज की मैनेजिंग डायरेक्टर पोगदादंडा रेवती और चैनल की रिपोर्टर तन्वी को पुलिस ने सादे कपड़ों में गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई कांग्रेस सोशल मीडिया सेल के राज्य सचिव द्वारा हैदराबाद में दर्ज कराई गई शिकायत के बाद हुई थी।

तन्वी यादव के एक वीडियो ने विवाद खड़ा कर दिया, जिसमें उन्होंने एक व्यक्ति का इंटरव्यू लिया था, जिसने कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। रेवती ने कथित रूप से इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट कर इसकी रीच बढ़ाई। पुलिस के मुताबिक, यह वीडियो बीआरएस कार्यालय के अंदर शूट किया गया था।

दोनों पत्रकारों के खिलाफ "संगठित अपराध" के आरोप हटा दिए गए क्योंकि कोई "वित्तीय लेन-देन" नहीं पाया गया।

हालांकि, अदालत ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और बीएनएस के तहत गलत सूचना के निर्माण और प्रसार से जुड़े प्रावधान लागू होते हैं और लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया "मजबूत" हैं।

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने वीडियो की कड़ी निंदा की है और "मानहानि पूर्ण प्रचार" में शामिल पत्रकारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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विधानसभा में भड़के CM रेवंत रेड्डी, कहा- ऐसे लोग पत्रकार नहीं, अपराधी हैं

तेलंगाना में दो महिला पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का कड़ा बयान सामने आया है।

Last Modified:
Monday, 17 March, 2025
TelenganaCM541

तेलंगाना में दो महिला पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का कड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर उनके और उनके परिवार के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने साफ तौर पर चेतावनी दी कि पत्रकारिता की आड़ में अपमानजनक सामग्री फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि आलोचना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन परिवार को निशाना बनाना किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा, "हम सार्वजनिक जीवन में हैं, लेकिन हमारे परिवारों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है?" उन्होंने इस तरह की हरकतों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का संकेत दिया।

'लाखों लोग तुम्हें पीटने सड़कों पर उतर आएंगे'

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में स्पष्ट शब्दों में कहा, "ऐसा मत सोचो कि मैं मुख्यमंत्री होने की वजह से चुप हूं। मैं तुम्हें नंगा कर दूंगा और पिटाई करवा दूंगा। मेरे कहने पर लाखों लोग सड़कों पर उतर आएंगे।" हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह अपने पद के कारण सहनशील बने हुए हैं, लिहाजा वह कानून के दायरे में रहकर ही कार्रवाई करेंगे, लेकिन इसे उनकी कमजोरी न समझा जाए।

पत्रकारों की लिस्ट तैयार करने के निर्देश

सीएम रेड्डी ने आईटी मंत्री डी. श्रीधर बाबू और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी को राज्य में मान्यता प्राप्त पत्रकारों की लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, "जो लोग इस लिस्ट में नहीं होंगे, वे पत्रकार नहीं बल्कि अपराधी माने जाएंगे और उनके साथ वैसा ही व्यवहार किया जाएगा।"

'नकाब पहनकर झूठ फैलाने वालों को बेनकाब किया जाएगा'

सोशल मीडिया पर फैल रही झूठी खबरों को लेकर भी सीएम रेड्डी ने सख्त रुख अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा, "अगर कोई नकाब पहनकर झूठी खबरें फैलाएगा तो हम उनका नकाब हटा देंगे और उन्हें बेनकाब कर देंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ यूट्यूब चैनल शुरू कर लेने से कोई पत्रकार नहीं बन जाता।

राज्य की वित्तीय स्थिति पर भी जताई चिंता

इसके अलावा, सीएम रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना की आर्थिक स्थिति को लेकर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार को हर महीने कर्मचारियों को वेतन देने में कठिनाई हो रही है। कर्मचारियों की डीए की मांग को उचित बताते हुए उन्होंने अनुरोध किया कि मौजूदा वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार पर अधिक दबाव न बनाया जाए।

तेलंगाना में पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद सीएम रेड्डी का यह बयान काफी चर्चा में है। अब यह देखना होगा कि इस मुद्दे पर आगे क्या कार्रवाई होती है।

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ओडिशा विधानसभा में पत्रकारों के मोबाइल फोन पर प्रतिबंध, सियासत गरमाई

ओडिशा विधानसभा में प्रेस गैलरी में पत्रकारों के मोबाइल फोन ले जाने पर रोक लगा दी गई है, जिससे राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है।

Last Modified:
Thursday, 13 March, 2025
OdishaAssembly87451

ओडिशा विधानसभा में प्रेस गैलरी में पत्रकारों के मोबाइल फोन ले जाने पर रोक लगा दी गई है, जिससे राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। इस फैसले के विरोध में विपक्षी दलों ने बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया। हालांकि, इस रोक को लेकर कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है, लेकिन विधानसभा के प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मियों ने पत्रकारों को मोबाइल फोन अंदर ले जाने से रोक दिया।

पत्रकारों का विरोध, विधानसभा परिसर में धरना

पत्रकारों ने इस फैसले को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करार देते हुए विरोध जताया और विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना दिया। उनका कहना है कि बिना मोबाइल फोन के वे अपने पेशेवर कर्तव्यों का पालन नहीं कर सकते और यह प्रतिबंध अविलंब हटाया जाना चाहिए।

हंगामे की तस्वीरों के वायरल होने के बाद प्रतिबंध

सूत्रों के मुताबिक, यह प्रतिबंध विधानसभा में विधायकों के बीच हुई हाथापाई की तस्वीरें और वीडियो मीडिया में प्रसारित होने के बाद लगाया गया। हालांकि, पत्रकारों का कहना है कि वे प्रश्नकाल के दौरान कार्यवाही की तस्वीरें और वीडियो लेने का पूरा अधिकार रखते हैं।

विपक्ष और सत्तापक्ष से भी आलोचना

बीजद विधायक और पूर्व मंत्री अरुण कुमार साहू ने मीडिया पर प्रतिबंध की निंदा करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से प्रेस की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पहले विपक्षी विधायक को निलंबित किया गया और अब पत्रकारों पर पाबंदी लगाई जा रही है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए उचित नहीं है।

कांग्रेस के निलंबित विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी पार्टी पत्रकारों के विरोध का समर्थन करती है। पूर्व कांग्रेस विधायक सुरा राउत्रे ने भी इस प्रतिबंध को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया।

सरकार ने पत्रकारों से की बातचीत

मामले के बढ़ते तनाव को देखते हुए सरकार के मुख्य सचेतक सरोज प्रधान ने आंदोलन कर रहे पत्रकारों से मुलाकात की और उनकी मांगों पर चर्चा की। हालांकि, इस बातचीत से कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया।

फिलहाल, पत्रकारों पर मोबाइल फोन प्रतिबंध का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है और देखना होगा कि सरकार और विधानसभा अध्यक्ष इस पर क्या रुख अपनाते हैं।

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तेलंगाना सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में दो महिला पत्रकार गिरफ्तार

हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने तेलंगाना सरकार और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करने के मामले में दो महिला पत्रकारों को गिरफ्तार किया है।

Last Modified:
Thursday, 13 March, 2025
Journalists4788

हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने तेलंगाना सरकार और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करने के मामले में दो महिला पत्रकारों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस कार्रवाई के दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी जब्त किए हैं।

क्या है पूरा मामला?

मामले की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (@NippuKodi) पर एक वीडियो साझा किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए गए थे। इस वीडियो में एक अज्ञात व्यक्ति ने मुख्यमंत्री पर विवादित टिप्पणियां की थीं। कांग्रेस सोशल मीडिया सेल के राज्य सचिव ने इस पर 10 मार्च 2025 को शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि यह वीडियो सीएम की छवि धूमिल करने और समाज में तनाव पैदा करने के इरादे से बनाया गया था।

कौन हैं गिरफ्तार पत्रकार?

पुलिस ने इस मामले में डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म 'पल्स टीवी' की मैनेजिंग डायरेक्टर पोगदादंडा रेवती और रिपोर्टर संध्या उर्फ तन्वी यादव को गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान दोनों के पास से दो लैपटॉप (डेल और आसुस), दो सीगेट हार्ड डिस्क, एक माइक्रोफोन लोगो, एक वायरलेस राउटर और सात CPU जब्त किए गए हैं।

पुलिस का दावा – पहले भी दर्ज हैं केस

पुलिस का कहना है कि रेवती का पहले भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। उन पर 2019 में एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन पर एक लाइव शो के दौरान एक दलित व्यक्ति को अपशब्द कहने का आरोप था। इसके अलावा, 2024 में उन पर आईपीसी की धारा 505 और आईटी एक्ट की धारा 66D के तहत एक मामला दर्ज हुआ था, जिसमें उन्होंने तेलंगाना की विद्युत वितरण कंपनी के खिलाफ कथित रूप से भ्रामक जानकारी प्रसारित की थी।

सोशल मीडिया पर एक्टिव थीं संध्या

पुलिस के मुताबिक, पत्रकार संध्या ने भी सरकार विरोधी सामग्री सोशल मीडिया पर सक्रिय रूप से पोस्ट की। उनके कई वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें सरकार और सीएम को लेकर विवादास्पद बातें कही गई थीं।

पुलिस आगे किसकी जांच कर रही है?

इस मामले में पुलिस ने न केवल दोनों पत्रकारों को गिरफ्तार किया है बल्कि 'निप्पु कोडी' (@NippuKodi) ट्विटर हैंडल के संचालक की भी जांच कर रही है। पुलिस इस अकाउंट के पीछे के असली व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश कर रही है।

फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है और इससे जुड़े अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

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FB पोस्ट को लेकर हिरासत में लिए गए पत्रकार के खिलाफ पुलिस नहीं कर सकती कोई कार्रवाई: HC

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाया है कि फेसबुक पोस्ट को लेकर हिरासत में लिए गए एक पत्रकार के खिलाफ पुलिस कोई जबरदस्ती कार्रवाई नहीं कर सकती।

Last Modified:
Monday, 10 March, 2025
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उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाया है कि फेसबुक पोस्ट को लेकर हिरासत में लिए गए एक पत्रकार के खिलाफ पुलिस कोई जबरदस्ती कार्रवाई नहीं कर सकती। दरअसल, यह मामला पत्रकार सुधांशु थपलियाल के हिरासत में लिए जाने से जुड़ा है। उन्होंने अपनी पोस्ट में एक घातक सड़क दुर्घटना मामले में गिरफ्तारी न होने की आलोचना की थी।

हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोई प्रथम दृष्टया अपराध नहीं बनता है। अब इस मामले को 11 जून के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

सुधांशु थपलियाल को पुलिस ने 29 जनवरी को उठाया और रातभर हिरासत में रखा। उनका पोस्ट एक 20 वर्षीय महिला के बारे में था, जिसकी मौत एक "तेज रफ्तार" वाहन की चपेट में आने से हुई थी। उनके पोस्ट में लिखा था, "पीड़िता के माता-पिता अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं, क्योंकि अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। #पैसा, #समझौता"।

पुलिस का कहना था कि यह पोस्ट मानहानिकारक है और इससे सार्वजनिक आक्रोश भड़क सकता है, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में रखा।

अपनी याचिका में, थपलियाल ने अदालत को बताया कि उनका उद्देश्य पुलिस की छवि खराब करना नहीं, बल्कि अन्याय को उजागर करना था। उन्होंने तर्क दिया कि एक पत्रकार के रूप में ऐसे मुद्दों को सामने लाना उनका कर्तव्य है।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) और दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने उनके हिरासत में लिए जाने की निंदा की। उत्तराखंड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने भी थपलियाल का पुरजोर समर्थन किया। पूरे राज्य के पत्रकारों ने डीजीपी दीपम सेठ को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें निष्पक्ष जांच और इस कथित अवैध आधी रात की गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। सेठ ने आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी।

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नवभारत टाइम्स के राजनीतिक संपादक अभिमन्यु शितोले का निधन

महाराष्ट्र में नवभारत टाइम्स के राजनीतिक संपादक अभिमन्यु शितोले का शुक्रवार को निधन हो गया।

Last Modified:
Saturday, 08 March, 2025
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महाराष्ट्र में नवभारत टाइम्स के राजनीतिक संपादक अभिमन्यु शितोले का शुक्रवार को निधन हो गया। वह 54 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार थे। वह पिछले कई दिनों से कैंसर का इलाज करा रहे थे। 7 मार्च को दोपहर 3 बजे माहिम के पीडी हिंदुजा अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं।

शितोले के निधन से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई।

उनके निधन पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित राजनीतिक, सामाजिक और साहित्य जगह की तमाम हस्तियों ने शोक प्रकट किया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने X पर लिखा कि नवभारत टाइम्स के पॉलिटिकल एडिटर अभिमन्यु शितोलेजी के देहांत की खबर बेहद दुखद है। मेरा उनसे बहुत पुराना परिचय था। सटीक पत्रकारिता के लिए वे जाने जाते थे। मैं उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पण करता हूं। इस कठिन समय हम सब उनके परिवारजनों के साथ हैं। उनके दुख में शामिल हैं।

11 सितंबर, 1970 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्मे अभिमन्यु ने करियर की शुरुआत मध्य प्रदेश में की थी। बाद में वह मुंबई आ गए और यहीं के होकर रह गए। शितोले ने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत 'दोपहर का सामना' से की, जहां उन्होंने 15 वर्षों से अधिक समय तक विभिन्न बीट्स पर काम किया। इसके बाद वह टीवी9 मराठी से जुड़े और फिर कई वर्षों तक टाइम्स ग्रुप के नवभारत टाइम्स के साथ कार्यरत रहे। एनबीटी के मुंबई संस्करण में राजनीतिक संपादक के रूप में उन्होंने राजनीतिक कवरेज को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  

पत्रकारिता के अलावा, उन्होंने हिंदी साहित्य और संस्कृति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह मुंबई प्रेस क्लब की समिति के सदस्य के रूप में दो बार चुने गए थे। उनका निधन मराठी और हिंदी पत्रकारिता, दोनों के लिए एक बड़ी क्षति है। 

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