पुलवामा हमले के बाद हो रही राजनीति में मीडिया रिपोर्ट्स का भी हवाला दिया
समाचार4मीडिया ब्यूरो।
पुलवामा हमले के बाद हो रही राजनीति में मीडिया रिपोर्ट्स का भी हवाला दिया जा रहा है। ऐसे में एक मैगजीन की शहीदों की जाति को लेकर छपी रिपोर्ट भले ही जाति की राजनीति करने वाले कई नेताओं को पसंद आए, लेकिन CRPF को पसंद नहीं आई है। ये है कारवां मैगजीन और CRPF के डीआईजी और मुख्य प्रवक्ता एम. दिनाकरन ने अपने ट्विटर अकाउंट से इस रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए जवाब भी दिया है।
दरअसल कारवां मैगजीन ने अपनी एक रिपोर्ट में पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की जाति सामने लिखकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। अब एम. दिनाकरन ने इसे 'पैथेटिक डिवीजन और कास्ट, कलर एंड रिलीजन' बताते हुए लिखा है कि इस तरह की जातिवादी डिवाइड हमारे जवानों के खून में नहीं है और सभी जवान अपने आपको बस भारतीय के तौर पर पहचाने जाना पसंद करते हैं।
अपने ट्विट्टर हैंडल से दिनाकरन लिखते हैं, ‘You should strictly refrain from insulting Martyrs. They are not statistics for your demeaning and meaningless write-up’। दरअसल कारवां की इस रिपोर्ट में बताया गया था कि मरने वाले ज्यादातर जवान निम्न या पिछड़ी जातियों के थे।
We in CRPF identify ourself as Indians. Not more, not less. This pathetic divisiveness of caste, color, and religion doesn't exist in our blood. You should strictly refrain from insulting all the martyrs. They are not statistics for your demeaning and meaningless write-up. https://t.co/SOlRUwF878
— Moses dhinakaran (@dhinakaran1464) February 22, 2019
इस रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर काफी डिस्कस किया जा रहा था, लेकिन CRPF का मानना है कि ऐसे में जबकि देश एकजुट होकर शहीदों के परिवारों की मदद का रहा है, पाक के खिलाफ एक्शन लेने के लिए एक सुर् में सरकार पर दवाब बना रहा है, ऐसी रिपोर्ट सभी का खासतौर पर जवानों का मनोबल तोड़ती हैं।
कारवां मैगजीन की रिपोर्ट को आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं-
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