दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के समर्थकों पर एक पत्रकार से बदसलूकी करने का...
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के समर्थकों पर एक पत्रकार से बदसलूकी
करने का आरोप लगा है और यह आरोप हिंदी न्यूज चैनल ‘आजतक’ के पत्रकार ने लगाया है। ग्राउंड
रिपोर्टिंग पर गए रिपोर्टर अंकित यादव के मुताबिक रविवार को दिल्ली के करावल नगर
में आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने उनके साथ धक्का-मुक्की को अंजाम दिया।
रिपोर्टर की माने तो दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘आप’ के
संयोजक अरविंद केजरीवाल के भाषण के बाद इस घटना को अंजाम दिया गया। अंकित ने बताया
कि ‘आप’ समर्थकों ने अपशब्दों का भी
प्रयोग किया। सीएम केजरीवाल के मंच से जाते ही वहां
अफरा-तफरी मच गई। ‘आप’ समर्थकों ने
जमकर उत्पात मचाया। विपक्षी पार्टी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे 'आप' समर्थक बेकाबू हो गए, जिसके बाद रिपोर्टर को
अपनी रिपोर्टिंग रोकनी पड़ी।
दरअसल जब सवाल पूछा गया कि दिल्ली जल बोर्ड के कार्यक्रम में जहां
जलबोर्ड के अधिकारी मौजूद थे, वहां विपक्षी पार्टियों के खिलाफ नारेबाजी क्यों की गई, इस पर ‘आप’ समर्थक
भड़क गए और उपद्रव मचाने लगे।
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e4m D2C अवॉर्ड्स के चौथे संस्करण की जूरी मीट 28 अगस्त को आयोजित की जाएगी।
e4m D2C अवॉर्ड्स के चौथे संस्करण की जूरी मीट 28 अगस्त को आयोजित की जाएगी। यह वर्चुअल मीट प्रतिष्ठित इंडस्ट्री लीडर्स और एक्सपर्ट्स को एक साथ लाएगी, जो पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कैटेगरीज में प्रविष्टियों का आकलन करेंगे। इन अवॉर्ड्स का चौथा संस्करण 3 सितंबर 2025 को गुरुग्राम में आयोजित होगा।
इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों के विजेता भारत की सबसे सफल D2C कहानियों का प्रतिनिधित्व करेंगे। जूरी पैनल की सामूहिक समझ उन ब्रैंड्स की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी जिन्होंने अत्यधिक प्रतिस्पर्धी D2C मार्केट में उत्कृष्टता और लचीलापन प्रदर्शित किया है।
e4m D2C अवॉर्ड्स की जूरी बैठक शीर्ष लीडर्स, मार्केटर्स और उद्यमियों को एक साथ लाएगी, जो उन क्रांतिकारी विचारों और प्रभावशाली अभियानों का मूल्यांकन करेंगे जो भारत के डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) परिदृश्य को आकार दे रहे हैं। पैनल में D2C इकोसिस्टम के कुछ सबसे प्रभावशाली लीडर्स और इनोवेटर्स को शामिल किया गया है।
e4m D2C अवॉर्ड्स के विजेताओं को प्रमुख कैटेगरीज में सम्मानित किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं- मार्केटिंग, इनोवेशन, बेस्ट इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और गेमचेंजर अवॉर्ड्स। इन कैटेगरीज को सावधानीपूर्वक इस तरह से तैयार किया गया है कि वे नवाचार, रचनात्मकता, ब्रैंड बिल्डिंग और प्रभावशाली कहानी कहने को उजागर करें। प्रत्येक सम्मान असाधारण उपलब्धियों पर प्रकाश डालता है और इकोसिस्टम के अन्य खिलाड़ियों को मानक और ऊंचा उठाने के लिए प्रेरित करता है।
यह हैं प्रतिष्ठित जूरी सदस्य:
कुछ प्रोफेशनल करियर बनाते हैं। लेकिन विवेक मल्होत्रा जैसे लोग विरासत गढ़ते हैं- ब्रैंड्स, रणनीतियों और विचारों की ऐसी विरासत, जो इंडस्ट्री और दर्शकों दोनों पर एक स्थायी छाप छोड़ती है।
कुछ प्रोफेशनल करियर बनाते हैं। लेकिन विवेक मल्होत्रा जैसे लोग विरासत गढ़ते हैं- ब्रैंड्स, रणनीतियों और विचारों की ऐसी विरासत, जो इंडस्ट्री और दर्शकों दोनों पर एक स्थायी छाप छोड़ती है। उनके जन्मदिन पर आज यह सही समय है कि हम ठहरकर उस सफर का जश्न मनाएं, जो कभी साधारण नहीं रहा।
विवेक मल्होत्रा आज इंडिया टुडे ग्रुप में ग्रुप CMO और COO (स्ट्रैटेजी) के रूप में वह शख्सियत हैं, जिनका सफर मीडिया और मार्केटिंग की दुनिया में एक दशक से भी ज़्यादा गहरे अनुभव और नेतृत्व का साक्षी रहा है। उनके करियर की कहानी सिर्फ पदों और जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं, बल्कि उस जुनून की दास्तान है जिसने हर भूमिका को एक नई दिशा दी। चाहे टीवी टुडे में मार्केटिंग और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को नई पहचान देना हो, या फिर कंज़्यूमर रेवेन्यू को मज़बूत बनाना, विवेक मल्होत्रा ने हर बार साबित किया है कि वह बदलाव के दौर में सिर्फ परिस्थितियों को संभालते नहीं, बल्कि उन बदलावों को गढ़ते भी हैं। उनकी सोच और रणनीतियां हमेशा यह बताती हैं कि असली लीडर वही है, जो रास्ता बनने से पहले ही उसे देख ले और दूसरों के लिए वह राह आसान कर दे।
विवेक मल्होत्रा को अलग पहचान उनकी क्रॉस-मीडिया विजन देती है। उन्होंने ऐसे उपक्रमों का नेतृत्व किया है जो टेलीविजन, प्रिंट, डिजिटल, कनेक्टेड डिवाइसेज और ब्रैंड अनुभवों में इनोवेशन तक फैले हुए हैं। उनका काम मीडिया के हर कोने को छू चुका है- BloombergUTV में उन्होंने मार्केटिंग, पीआर और रिसर्च को संभाला, Star News में उन्होंने इनसाइट जनरेशन को उपभोक्ता अनुप्रयोग के साथ जोड़ने की शक्ति को खोजा। वहीं CNBC-TV18 में उन्होंने रणनीति, राजस्व और मार्केटिंग के बीच भारत की सबसे स्पष्ट कार्यात्मक सीमाओं में से एक को आकार देने में मदद की, जिससे दीर्घकालिक इनोवेशन को दिशा मिली।
डेटा-आधारित इनसाइट में गहरा विश्वास रखने वाले विवेक मल्होत्रा IAMAI के डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग काउंसिल का हिस्सा रहे हैं, IRS तकनीकी समिति के सदस्य रहे हैं और भारत के सबसे बड़े उपभोक्ता शोध अध्ययनों में योगदान दिया है। वह ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के बोर्ड में भी सेवा दे चुके हैं और न्यूयॉर्क में ऐडवर्टाइजिंग रिसर्च फाउंडेशन से भी जुड़े रहे हैं।
उनका ट्रैक रिकॉर्ड कई साहसी पहलों से भरा है- भारत का पहला कनेक्टेड डिवाइसेज स्ट्रीम लॉन्च करना, हिन्दुस्तान टाइम्स काला घोड़ा फेस्टिवल और एजेंडा आजतक जैसी पहल की शुरुआत करना और इंडिया टुडे तथा न्यूजX जैसे प्रतिष्ठित ब्रैंड्स को विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर विस्तार देना। चाहे वह IPL जैसी स्पॉन्सरशिप हो, इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में इनोवेशन हो या YouTube, Facebook और उभरते डिजिटल इकोसिस्टम्स पर उपभोक्ता यात्राओं को नए सिरे से परिभाषित करना- विवेक ने लगातार ऐसे रास्ते खोजे हैं जिनसे ब्रैंड्स हमेशा आगे बने रहें।
बोर्डरूम की चर्चाओं, समितियों की बैठकों और रणनीति के भारी-भरकम कागज़ों से आगे बढ़कर, विवेक मल्होत्रा की असली पहचान उनकी निरंतर खुद को नया गढ़ने की क्षमता है। वे सिर्फ ब्रांड्स को नहीं, बल्कि लोगों के दिलों में जगह बनाने वाली यादों और अनुभवों को भी नया जीवन देते हैं।
दो दशक से भी अधिक समय पहले, डॉ. बत्रा ने एक्सचेंज4मीडिया की शुरुआत की, जिससे ऐडवर्टाइजिंग, मार्केटिंग और मीडिया इंडस्ट्री को एक समर्पित आवाज मिली।
लीडर दो तरह के होते हैं- कुछ वे, जो समय की लहरों पर सवार होकर रुझानों का पीछा करते हैं और कुछ वे, जो उन लहरों का रुख मोड़ देते हैं, जो वह मंच तैयार करते हैं जहां विचार जन्म लेते हैं, चर्चाएं आकार लेती हैं और भविष्य की दिशा तय होती है। डॉ. अनुराग बत्रा हमेशा से उसी श्रेणी के लीडर रहे हैं, जो राह चलते नहीं बल्कि राह बनाने का हौसला रखते हैं। उनका नेतृत्व सिर्फ रुझानों का हिस्सा नहीं रहा, बल्कि वह दीपक रहा है जिसने पूरे इंडस्ट्री को रोशनी दी और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
BW बिजनेसवर्ल्ड के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप के फाउंडर के रूप में उन्होंने केवल मीडिया ब्रैंड ही नहीं बनाए, बल्कि ऐसे मंच खड़े किए जहां इंडस्ट्री खुद को देख सके, खुद को चुनौती दे सके और अंततः आगे बढ़ सके। आज उनके जन्मदिन पर, यह उपयुक्त प्रतीत होता है कि हम सिर्फ एक व्यक्ति की उपलब्धियों का नहीं, बल्कि उस करियर के प्रभाव का जश्न मनाएं, जिसने भारत के मीडिया और मार्केटिंग परिदृश्य के हर कोने को छुआ है।
दो दशक से भी अधिक समय पहले, डॉ. बत्रा ने एक्सचेंज4मीडिया की शुरुआत की, जिससे ऐडवर्टाइजिंग, मार्केटिंग और मीडिया इंडस्ट्री को एक समर्पित आवाज मिली। जो एक प्लेटफॉर्म के रूप में शुरू हुआ था, वह जल्द ही एक जीवंत समूह में बदल गया जिसमें PITCH, IMPACT, Franchisee Plus, Realty Plus और समाचा4मीडिया शामिल हैं और प्रत्येक प्रकाशन ने अपनी अलग पहचान बनाई। 2013 में उन्होंने BW बिजनेसवर्ल्ड का अधिग्रहण किया, जो एक पुराना प्रकाशन था और उसे आधुनिक युग के लिए नए सिरे से गढ़ा और डिजिटल, इवेंट्स और केंद्रित समुदायों तक उसका विस्तार किया।
उनके काम को वैश्विक स्तर पर भी मान्यता मिली। उन्हें इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ टेलीविजन आर्ट्स एंड साइंसेज (IATAS) का सदस्य चुना गया, जो 60 देशों के 900 से अधिक प्रोफेशनल्स का संगठन है। इंटरनेशनल एमी अवॉर्ड्स से उनका जुड़ाव भी उतना ही उल्लेखनीय है। उन्होंने भारत में इसके सेमी-फाइनल जजिंग राउंड की मेजबानी की, जिससे देश को विश्व स्तरीय टेलीविजन कंटेंट की वैश्विक रोशनी में लाया जा सके।
डॉ. बत्रा की आवाज अंतरराष्ट्रीय मंचों तक भी पहुंची। ऑक्सफोर्ड के सईद बिजनेस स्कूल में उन्होंने दुनिया से यह आह्वान किया कि “कॉफी नहीं, चाय की खुशबू महसूस करें”, यानी भारत के सांस्कृतिक आत्मविश्वास और बहुलवाद को उसी गर्व के साथ अपनाएं, जिस तरह अन्य देश अपने प्रतीकों को सम्मान देते हैं।
देश में, उनके योगदान विश्लेषणात्मक और दूरदर्शी दोनों रहे हैं। उन्होंने डेंटसु-e4m डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग रिपोर्ट के माध्यम से इंडस्ट्री के रुझानों पर संवाद को दिशा दी, जिसमें भारत के ऐडवर्टाइजिंग मार्केट की वृद्धि 2023 में ₹93,166 करोड़ तक दर्ज की गई और 2025 तक इसके ₹1,12,453 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया। उनकी सरल लेकिन प्रभावी “3 Cs” की फिलॉसफी- कंटेंट, कनेक्ट और कॉन्टेक्स्ट डिजिटल व्यवधानों से जूझ रहे मार्केटर्स के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत बन गई।
संस्थानों को गढ़ते हुए भी, डॉ. बत्रा ने नए उपक्रमों का समर्थन किया। एक एंजेल इन्वेस्टर की भूमिका में उन्होंने शुरुआती चरण में IWMBuzz Media जैसे डिजिटल एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म (20 मिलियन मासिक विजिटर्स के साथ) और Fandrum, एक फैन कम्युनिटी स्टार्टअप में निवेश किया। ये केवल निवेश नहीं थे, बल्कि मीडिया उद्यमियों की नई पीढ़ी में उनके विश्वास का बयान थे।
बोर्डरूम और इंडस्ट्री फोरम से परे, डॉ. बत्रा हमेशा जमीन से जुड़े रहे हैं। कंप्यूटर साइंस में बी.टेक और MDI गुड़गांव से एमबीए करने वाले डॉ. बत्रा अपनी यात्रा का श्रेय अक्सर आस्था, आध्यात्मिकता और माता-पिता द्वारा दिए गए मूल्यों को देते हैं। एक दृढ़ आशावादी के रूप में वे इस विश्वास से जीते हैं कि जब आप अपने शौक को पेशा बना लेते हैं, तो काम आनंद बन जाता है। मार्गदर्शन के प्रति जुनून रखने वाले वे “रिवर्स मेंटरिंग” भी करते हैं- यानी युवा उद्यमियों से सीखते हैं, जबकि उन्हें दिशा भी देते हैं। वह FMCC के एडवाइजरी बोर्ड के चेयरमैन और अपने अल्मा मेटर MDI के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में भी सेवा दे चुके हैं।
इन सबके बीच, जो बात उन्हें परिभाषित करती है, वह केवल पैमाना नहीं बल्कि उनका इरादा है। निर्माण करना। जोड़ना। और लगातार यह पुनः कल्पना करना कि मीडिया और मार्केटिंग इकोसिस्टम क्या हो सकता है।
उनके जन्मदिन पर, इंडस्ट्री केवल उनके नेतृत्व के पदों या सम्मानों का जश्न नहीं मनाता। वह एक ऐसे व्यक्ति का उत्सव मनाता है जिसने संवादों को संस्थानों में और संस्थानों को आंदोलनों में बदल दिया।
हर्ष जैन ने यह भी बताया कि कंपनी अब अपनी अन्य इकाइयों पर विशेष ध्यान देगी, जिनमें FanCode, DreamSetGo, Dream Game Studios और Dream Money शामिल हैं।
ड्रीम स्पोर्ट्स, जो कि फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म 'ड्रीम11' की मूल कंपनी है, को हाल ही में भारत के ऑनलाइन गेमिंग कानूनों में आए बदलावों से बड़ा झटका लगा है। इन नए नियमों की वजह से कंपनी की आय में लगभग 95% की गिरावट आई है। इसके बावजूद कंपनी के सीईओ हर्ष जैन ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया है कि किसी भी तरह की छंटनी नहीं होगी और सभी मिलकर इस कठिन समय से बाहर निकलेंगे।
उन्होंने कहा कि ड्रीम11 हमेशा से कानून का पालन करता आया है और आगे भी पूरी ईमानदारी के साथ कानून का पालन करेगा। हर्ष जैन ने यह भी बताया कि कंपनी अब अपनी अन्य इकाइयों पर विशेष ध्यान देगी, जिनमें FanCode, DreamSetGo, Dream Game Studios और Dream Money शामिल हैं।
उनका कहना है कि इन कंपनियों को आगे बढ़ाकर ड्रीम स्पोर्ट्स का सपना ‘Make Sports Better’ यानी खेलों को बेहतर बनाने का मिशन और मजबूत होगा। उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि कंपनी की असली ताकत उसके लोग हैं और मिलकर मेहनत करने से इस मुश्किल दौर को अवसर में बदला जा सकता है।
कंपनी का मानना है कि खेल जगत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्रिएटर इकॉनमी का इस्तेमाल कर एक नया भविष्य तैयार किया जा सकता है। हर्ष जैन ने सभी कर्मचारियों, यूज़र्स, पार्टनर्स और मीडिया का धन्यवाद करते हुए कहा कि कंपनी उनके सहयोग से ही फिर से मजबूत बनेगी। ड्रीम स्पोर्ट्स का लक्ष्य भारतीय खेल उद्योग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना और खिलाड़ियों व खेल प्रेमियों के लिए बेहतर अवसर तैयार करना है।
उन्होंने 2021 में डेल टेक्नोलॉजीज़ के साथ सीनियर एडवाइज़र – कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन के रूप में जुड़ाव किया था। इसके बाद उन्हें कंसल्टेंट – कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन की भूमिका मिली।
डेल टेक्नोलॉजीज़ ने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशंस ग्रुप (ISG) इंडिया के लिए कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन, पब्लिक अफेयर्स और पब्लिक रिलेशंस (PR) हेड के रूप में रौनक नारायणन की नियुक्ति की है। यह जानकारी उन्होंने लिंक्डइन पर साझा करते हुए लिखा, 'डेल टेक्नोलॉजीज़ में इंडिया कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन, पब्लिक अफेयर्स और पीआर हेड की नई जिम्मेदारी संभालकर रोमांचित हूँ।
इस सफर के लिए आभार और उन सभी लोगों का धन्यवाद जिन्होंने मेरा साथ दिया। आने वाले समय को लेकर बेहद उत्साहित हूँ।' लगभग दो दशकों के अनुभव के साथ रौनक नारायणन कम्युनिकेशन और पब्लिक रिलेशंस क्षेत्र में एक मजबूत पहचान रखते हैं। उन्होंने 2021 में डेल टेक्नोलॉजीज़ के साथ सीनियर एडवाइज़र – कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन के रूप में जुड़ाव किया था।
इसके बाद उन्हें कंसल्टेंट – कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन की भूमिका मिली और अब वे इस अहम नेतृत्व पद पर पहुंचे हैं। अपने करियर के दौरान नारायणन ने कई प्रतिष्ठित वैश्विक ब्रांड्स और नामी एजेंसियों के साथ काम किया है। इनमें TEXT 100, जेनेसिस BCW, रेड डिजिटल, WE कम्युनिकेशंस और करंट ग्लोबल जैसी कंपनियाँ शामिल हैं।
इस दौरान उन्होंने इंटीग्रेटेड कम्युनिकेशन, ब्रांड स्टोरीटेलिंग और स्ट्रैटेजिक पीआर में गहन विशेषज्ञता हासिल की। उनकी नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि डेल टेक्नोलॉजीज़ के इंफ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशंस ग्रुप (ISG) इंडिया की ब्रांड छवि और पब्लिक अफेयर्स रणनीतियाँ और अधिक सशक्त होंगी।
स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद देश में उपजी विचारधाराओं का विकास पर कहा कि 1857 में स्वतंत्रता का पहला प्रयास असफल रहा, लेकिन उससे नई चेतना जागी।
संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यानमाला के प्रथम दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि संघ का निर्माण भारत को केंद्र में रखकर हुआ है और इसकी सार्थकता भारत के विश्वगुरु बनने में है।
संघ कार्य की प्रेरणा संघ प्रार्थना के अंत में कहे जाने वाले 'भारत माता की जय' से मिलती है। संघ के उत्थान की प्रक्रिया धीमी और लंबी रही है, जो आज भी निरंतर जारी है। उन्होंने कहा कि संघ भले हिंदू शब्द का उपयोग करता है, लेकिन उसका मर्म ‘वसुधैव कुटुंबकम’ है। इसी क्रमिक विकास के तहत गांव, समाज और राष्ट्र को संघ अपना मानता है। संघ कार्य पूरी तरह स्वयंसेवकों द्वारा संचालित होता है। कार्यकर्ता स्वयं नए कार्यकर्ता तैयार करते हैं।
दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘100 वर्ष की संघ यात्रा - नए क्षितिज’ विषय पर तीन दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया है। व्याख्यानमाला के उद्देश्य पर मोहन भागवत जी ने कहा कि संगठन ने विचार किया कि समाज में संघ के बारे में सत्य और सही जानकारी पहुंचनी चाहिए। वर्ष 2018 में भी इसी प्रकार का आयोजन हुआ था। इस बार चार स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित होंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों तक संघ का सही स्वरूप पहुँच सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की परिभाषा सत्ता पर आधारित नहीं है। हम परतंत्र थे, तब भी राष्ट्र था।
अंग्रेजी का ‘नेशन’ शब्द ‘स्टेट’ से जुड़ा है, जबकि भारतीय राष्ट्र की अवधारणा सत्ता से जुड़ी नहीं है। स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद देश में उपजी विचारधाराओं का विकास पर कहा कि 1857 में स्वतंत्रता का पहला प्रयास असफल रहा, लेकिन उससे नई चेतना जागी। उसके बाद आंदोलन खड़ा हुआ कि आखिर कुछ मुट्ठीभर लोग हमें कैसे हरा सके।
एक विचार यह भी उभरा कि भारतीयों में राजनीतिक समझ की कमी है। इसी आवश्यकता से कांग्रेस का उदय हुआ, लेकिन स्वतंत्रता के बाद वह वैचारिक प्रबोधन का कार्य सही प्रकार से नहीं कर सकी। यह दोषारोपण नहीं, बल्कि तथ्य है। आजादी के बाद एक धारा ने सामाजिक कुरीतियों को मिटाने पर जोर दिया, वहीं दूसरी धारा ने अपने मूल की ओर लौटने की बात रखी।
स्वामी दयानंद सरस्वती और स्वामी विवेकानंद ने इस विचार को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और अन्य महापुरुषों का मानना था कि समाज के दुर्गुणों को दूर किए बिना सब प्रयास अधूरे रहेंगे। बार-बार गुलामी का शिकार होना इस बात का संकेत है कि समाज में गहरे दोष हैं। हेडगेवार जी ने ठाना कि जब दूसरों के पास समय नहीं है, तो वे स्वयं इस दिशा में काम करेंगे। 1925 में संघ की स्थापना कर उन्होंने संपूर्ण हिंदू समाज के संगठन का उद्देश्य सामने रखा।
हिंदू नाम का मर्म समझाते हुए सरसंघचालक जी ने स्पष्ट किया कि ‘हिंदू’ शब्द का अर्थ केवल धार्मिक नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी का भाव है। यह नाम दूसरों ने दिया, पर हम अपने को हमेशा मानव शास्त्रीय दृष्टि से देखते आये हैं। हम मानते हैं कि मनुष्य, मानवता और सृष्टि आपस में जुड़े हैं और एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। हिंदू का अर्थ है समावेश और समावेश की कोई सीमा नहीं होती।
सरसंघचालक जी ने कहा कि हिंदू यानी क्या? जो इसमें विश्वास करता है, अपने अपने रास्ते पर चलो, दूसरों को बदलो मत। दूसरे की श्रद्धा का भी सम्मान करो, अपमान मत करो, ये परंपरा जिनकी है, संस्कृति जिनकी है, वो हिंदू हैं। हमें संपूर्ण हिन्दू समाज का संगठन करना है। हिन्दू कहने से यह अर्थ नहीं है कि हिन्दू वर्सेस ऑल, ऐसा बिल्कुल नहीं है। ‘हिन्दू’ का अर्थ है समावेशी।
उन्होंने कहा कि भारत का स्वभाव समन्वय का है, संघर्ष का नहीं है। भारत की एकता का रहस्य उसके भूगोल, संसाधनों और आत्मचिंतन की परंपरा में है। हमने बाहर देखने के बजाय भीतर झाँककर सत्य को तलाशा। इसी दृष्टि ने हमें सिखाया कि सबमें एक ही तत्व है, भले ही वह अलग-अलग रूपों में दिखता हो। यही कारण है कि भारत माता और पूर्वज हमारे लिए पूजनीय हैं।
मोहन भागवत जी ने कहा कि भारत माता और अपने पूर्वजों को मानने वाला ही सच्चा हिंदू है। कुछ लोग खुद को हिंदू मानते हैं, कुछ भारतीय या सनातनी कहते हैं। शब्द बदल सकते हैं, लेकिन इनके पीछे भक्ति और श्रद्धा की भावना निहित है। भारत की परंपरा और डीएनए सभी को जोड़ता है। विविधता में एकता ही भारत की पहचान है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे वे लोग भी स्वयं को हिंदू कहने लगे हैं, जो पहले इससे दूरी रखते थे। क्योंकि जब जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है तो लोग मूल की ओर लौटते हैं।
हम लोग ऐसा नहीं कहते कि आप हिंदू ही कहो। आप हिंदू हो, ये हम बताते हैं। इन शब्दों के पीछे शब्दार्थ नहीं है, कंटेंट है, उस कंटेंट में भारत माता की भक्ति है, पूर्वजों की परंपरा है। 40 हजार वर्ष पूर्व से भारत के लोगों का डीएनए एक है। उन्होंने कहा कि जो अपने आपको हिंदू कह रहे हैं, उनका जीवन अच्छा बनाओ। जो नहीं कहते वो भी कहने लगेंगे। जो किसी कारण भूल गये, उनको भी याद आयेगा।
लेकिन करना क्या है, संपूर्ण हिंदू समाज का संगठन। जब हम हिंदू राष्ट्र कहते हैं तो किसी को छोड़ रहे हैं, ऐसा नहीं है। संघ किसी विरोध में और प्रतिक्रिया के लिए नहीं निकला है। हिंदू राष्ट्र का सत्ता से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने संघ कार्य पद्धति के बारे में कहा कि समाज उत्थान के लिए संघ दो मार्ग अपनाता है -पहला, मनुष्यों का विकास करना और दूसरा उन्हीं से आगे समाज कार्य कराना।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संगठन है। संगठन का कार्य मनुष्य निर्माण का कार्य करना है। संघ के स्वयंसेवक विविध क्षेत्रों में काम करते हैं, लेकिन संगठन उन्हें नियंत्रित नहीं करता। उन्होंने कहा कि संघ को लेकर विरोध भी हुआ और उपेक्षा भी रही। लेकिन संघ ने समाज को अपना ही माना।
संघ की विशेषता है कि यह बाहरी स्रोतों पर निर्भर नहीं, बल्कि स्वयंसेवकों के व्यक्तिगत समर्पण पर चलता है। ‘गुरु दक्षिणा’ संघ की कार्यपद्धति का अभिन्न हिस्सा है, जिसके माध्यम से प्रत्येक स्वयंसेवक संगठन के प्रति अपनी आस्था और प्रतिबद्धता प्रकट करता है। यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। हमारा प्रयास होता है कि विचार, संस्कार और आचार ठीक रहे। इतनी हमें स्वयंसवेक की चिंता करनी है, संगठन की चिंता वो करते हैं। हम सबको मिलकर भारत में गुट नहीं बनाना है। सबको संगठित करना है।
इस दौरान संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, उत्तर क्षेत्र संघचालक पवन जिंदल और दिल्ली प्रांत के संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल मंच पर उपस्थित रहे। इस तीन दिवसीय आयोजन के प्रथम दिन सेवानिवृत न्यायाधीश, पूर्व राजनयिक, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न देशों के राजनयिक, मीडिया संस्थानों के प्रमुख, पूर्व सेनाधिकारी और खेल व कला क्षेत्र से जुड़ी हस्तियां उपस्थित रहीं।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब कंपनी के चीफ ग्रोथ ऑफिसर (एड सेल्स) आशीष सहगल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
कंटेंट और टेक्नोलॉजी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों में शुमार ‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) ने लक्ष्मी शेट्टी को हेड (एडवर्टाइजमेंट रेवेन्यू, ब्रॉडकास्ट और डिजिटल) के पद पर पदोन्नत करने की घोषणा की है। इस पद पर उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब कंपनी के चीफ ग्रोथ ऑफिसर (एड सेल्स) आशीष सहगल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
इस नई भूमिका में लक्ष्मी कंपनी के लीनियर और डिजिटल बिजनेस से अधिकतम रेवेन्यू हासिल करने की स्ट्रैटेजी का नेतृत्व करेंगी। इसके जरिये कंपनी की वित्तीय स्थिति और मजबूत होगी। इस पद पर वह सीधे सीईओ पुनीत गोयनका को रिपोर्ट करेंगी।
लक्ष्मी पिछले 20 सालों से कंपनी की लीडरशिप टीम का अहम हिस्सा रही हैं और रेवेन्यू वर्टिकल के मजबूत स्तंभों में से एक रही हैं। विज्ञापन क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव है। उन्हें टिकाऊ और क्रिएटिव सॉल्यूशंस को सफलतापूर्वक लागू करने तथा राजस्व बढ़ाने के अवसरों को बेहतर बनाने के लिए पहचाना जाता है।
क्रॉस-प्लेटफॉर्म्स इनोवेटिव सॉल्यूशन्स के जरिये सेल्स इकोसिस्टम को स्ट्रैटेजिक रूप से मजबूत बनाने और नए अवसरों का लाभ उठाकर विज्ञापनदाताओं को अधिक मूल्य उपलब्ध कराने में उन्हें महारत हासिल है।
कंपनी के अनुसार, इस नई भूमिका में लक्ष्मी पूरे बिजनेस के लिए एक समग्र मोनेटाइजेशन स्ट्रैटेजी तैयार करने की जिम्मेदारी निभाएंगी। इसमें नए राजस्व स्रोतों को खोजना और कंटेंट व टेक्नोलॉजी के संगम पर नए-नए समाधान देकर विज्ञापनदाताओं के दायरे को बढ़ाना शामिल होगा।
आशीष सहगल जनवरी 2006 से ‘ZEEL’ से जुड़े हुए थे। वह यहां चीफ ग्रोथ ऑफिसर (एड सेल्स, ब्रॉडकास्ट और डिजिटल) के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) में चीफ ग्रोथ ऑफिसर (एड सेल्स, ब्रॉडकास्ट और डिजिटल) के पद से आशीष सहगल ने इस्तीफ़ा दे दिया है। स्टॉक एक्सचेंज को भेजी गई जानकारी में ‘ZEEL’ ने कहा है कि सहगल ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है। वहीं, अपने इस्तीफे में सहगल ने लिखा है कि वे अब नई संभावनाओं की तलाश के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
आशीष सहगल के अनुसार, ‘यह मेरे लिए लगभग 20 सालों का शानदार अनुभव रहा है। इस दौरान मुझे काम की बारीकियों को सीखने, चुनौतियों से गुजरकर आगे बढ़ने और साझा लक्ष्यों में योगदान देने का मौका मिला। मैं इस पूरे सफर में मिले सहयोग, मार्गदर्शन और भरोसे के लिए बेहद आभारी हूं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘आपके नेतृत्व में और प्रतिभाशाली सहयोगियों के साथ काम करना मेरे लिए सम्मान और सीख दोनों का अनुभव रहा। यहां की उत्कृष्टता, सहयोग और इनोवेशन की संस्कृति ने मुझे हमेशा के लिए नई दिशा दी है। मैं नए अवसरों की ओर बढ़ रहा हूं, ऐसे में इस संगठन से मिली हर चीज के लिए मेरे मन में गहरा सम्मान और आभार है। मैं सुचारु बदलाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं और इस दौरान टीम की मदद के लिए हर संभव सहयोग देने को तैयार हूं।’
बता दें कि आशीष सहगल जनवरी 2006 से ‘ZEEL’ से जुड़े हुए थे। चीफ ग्रोथ ऑफिसर (डिजिटल और ब्रॉडकास्ट रेवेन्यू) के रूप में उन्होंने नेटवर्क की विविध मीडिया इकाइयों (लीनियर और डिजिटल) को स्ट्रैटेजिक रूप से आगे बढ़ाया और रेवेन्यू वृद्धि के साथ संस्थान की वैल्यूज को ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
आशीष सहगल को मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में तीन दशक से अधिक का अनुभव है। उन्होंने कई ऐसी पहल की हैं जो इंडस्ट्री में पहली बार हुईं। ‘ZEEL’ से पहले वह ‘स्टार इंडिया’ (Star India) में नेशनल हेड लेवल पर काम कर चुके हैं। इसके अलावा वह ‘बुएना विस्टा टीवी’ (Buena Vista TV) और ‘टाइम्स’ (Times) ग्रुप जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी अपनी भूमिकाएं निभा चुके हैं।
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो पंकज झा जल्द ही 'द लल्लनटॉप' में बतौर पॉलिटिकल एडिटर अपनी नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार पंकज झा ने ‘एनडीटीवी’ (NDTV) समूह में अपनी पारी को विराम दे दिया है। पंकज झा ने पिछले साल अक्टूबर में ‘एनडीटीवी’ (NDTV) में बतौर कंसल्टिंग एडिटर जॉइन किया था। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो पंकज झा जल्द ही 'द लल्लनटॉप' में बतौर पॉलिटिकल एडिटर अपनी नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं। हालांकि, अभी इस बारे में आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है।
मूल रूप से मधुबनी (बिहार) के रहने वाले पंकज झा को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब 25 साल का अनुभव है।
‘एनडीटीवी’ से पहले पंकज झा करीब दो साल से ‘टीवी9 नेटवर्क’ (TV9 Network) के साथ जुड़े हुए थे। वह इस नेटवर्क के हिंदी न्यूज चैनल ‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) में बतौर रोविंग एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
‘टीवी9 नेटवर्क’ से पहले पंकज झा करीब दो दशक से ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) के साथ जुड़े हुए थे। ‘एबीपी न्यूज’ से पहले वह ‘जी न्यूज’ (Zee News) में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो पंकज झा ने ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) से पत्रकारिता की पढ़ाई की है।
इंडस्ट्री वेटरन अनुज गांधी जल्द ही जियो टीवी और जियो टीवी+ में सीनियर लीडरशिप रोल संभालने वाले हैं। इस बदलाव से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
इंडस्ट्री वेटरन अनुज गांधी जल्द ही जियो टीवी और जियो टीवी+ में सीनियर लीडरशिप रोल संभालने वाले हैं। इस बदलाव से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। यह कदम उस समय आया है जब गांधी की उद्यमी पहल, स्ट्रीमबॉक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, ने आधिकारिक रूप से संचालन बंद कर दिया, जिससे उसकी सब्सक्रिप्शन-आधारित टेलीविजन सेवा DOR TV का अंत हो गया।
जियो टीवी एक मोबाइल-ओनली ऐप है जो लाइव टीवी की सुविधा देता है, जबकि जियो टीवी+ एक स्मार्ट टीवी और सेट-टॉप बॉक्स (STB) ऐप है, जो लाइव टीवी चैनलों और प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म्स- जैसे प्राइम वीडियो, हॉटस्टार और जी5 के कंटेंट को एक साथ लाता है और जियोफाइबर तथा जियो एयरफाइबर यूजर्स को सिंगल लॉगइन के जरिए यूनिफाइड व्यूइंग एक्सपीरियंस प्रदान करता है।
स्ट्रीमबॉक्स मीडिया ने नवंबर 2024 में DOR TV को भारत के पहले सब्सक्रिप्शन-आधारित टेलीविजन प्रयोग के रूप में पेश किया था। इसे माइक्रोमैक्स के सह-संस्थापक राहुल शर्मा, जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत और स्ट्राइड वेंचर्स का समर्थन प्राप्त था। कंपनी ने 1 दिसंबर 2024 को फ्लिपकार्ट के माध्यम से इस प्रोडक्ट को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया था।
इस ऑफरिंग में एक 4K QLED स्मार्ट टीवी शामिल था, जिसके साथ कई कंटेंट सेवाओं (जैसे- SVOD और AVOD ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, लाइव टीवी चैनल्स, गेमिंग और न्यूज) की सब्सक्रिप्शन एक किफायती मासिक प्लान में दी गई थी। इस मॉडल को भारत के टेलीविजन परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में पेश किया गया था, जिसमें हार्डवेयर और सेवाओं को मिलाकर एक सहज "प्रोडक्ट-एज-ए-सर्विस" इकोसिस्टम तैयार किया गया।
मई 2025 में, स्ट्रीमबॉक्स मीडिया ने अपने बंद होने की घोषणा की, जिसमें DOR TV सेवाओं के बंद होने और उसके ऐप के स्थायी शटडाउन की पुष्टि की गई। अपने सार्वजनिक बयान में कंपनी ने यह भी बताया कि यूजर्स को अब कोई तकनीकी सहायता, अपडेट या वारंटी सेवाएं नहीं मिलेंगी और सभी मौजूदा वारंटीज अमान्य हो जाएंगी।
हालांकि, मौजूदा सब्सक्राइबर्स से कोई और भुगतान नहीं लिया जाएगा, और DOR TV डिवाइस अनलॉक रहेगा, जिससे ग्राहक इसे एक सामान्य स्मार्ट टीवी की तरह उपयोग कर सकेंगे। यह बंद होना एक छोटे लेकिन महत्वाकांक्षी प्रयोग का अंत था, जिसने यह दर्शाया कि सब्सक्रिप्शन-आधारित टेलीविजन को उस बाजार में स्केल करना कितना चुनौतीपूर्ण है, जहां अब भी फ्री-टू-एयर और लो-कॉस्ट केबल/डीटीएच सेवाएं हावी हैं।
मीडिया और ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री में अपने सिद्ध अनुभव के साथ, अनुज गांधी का जियो टीवी से जुड़ना रिलायंस जियो की डिजिटल एंटरटेनमेंट रणनीति को और मजबूत करने का संकेत है।
सूत्रों का कहना है कि गांधी जियो टीवी और जियो टीवी+ में सीनियर लीडरशिप की भूमिका निभाएंगे, हालांकि उनका सटीक पद अभी तय नहीं हुआ है। गांधी टेलीविजन इकोसिस्टम में दशकों का अनुभव लाते हैं, जिसमें ब्रॉडकास्ट और मीडिया वेंचर्स में लीडरशिप रोल शामिल हैं। उनका नवीनतम उद्यम भले ही अल्पकालिक रहा हो, लेकिन यह टीवी और ओटीटी कन्वर्जेंस स्पेस में नवाचार की उनकी निरंतर खोज को दर्शाता है।